कितनी बार शिक्षकों को एक ही नौकरी के लिए ज्वॉइनिंग पत्र? अनुमंडल की बाध्यता की बात करने वाले ने पूर्व में राज्यकर्मी बनने के लिए परीक्षा की बाध्यता लगाई। फिर शिक्षक परीक्षा भी दिए और उसके बाद जिला एलॉट भी किया गया और अब जिला से भी बाहर करने की साजिश। जदयू प्रवक्ता द्वारा शिक्षकों की तुलना बिहार पुलिस से करने वाले को ये तक पता नहीं कि उनको 13 माह का वेतन मिलता है उनको चाइनीज वेतनमान नहीं मिलता। शिक्षकों को अभी नया ज्वॉइनिंग लेटर देकर एक वेतन वृद्धि भी खा गए। इसके पूर्व भी कई वेतन वृद्धि डकार चुके हैं। जदयू प्रवक्ता वेतन वृद्धि की बात कर रहे हैं जबकि शिक्षकों का वेतन कटौती कर रहे हैं। जदयू प्रवक्ता बार बार केन्द्रीय शिक्षा नीति की बात कर रहे हैं लेकिन उनको ये भी बताना चाहिए कि उसमें शिक्षकों को मिलने वाले सुविधाओं को बिहार सरकार क्यों नहीं देते?
इस जेडीयू नेता को शिक्षा नीति के बारे में कुछ नहीं मालूम है इनको मालूम होना चाहिए कि प्राथमिक कक्षा में मातृभाषा में शिक्षा देना है अब ये बताएं कि जहानाबाद के शिक्षक किशनगंज में कौन सी मातृभाषा में पढ़ाएंगे
वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को सेवा निरंतरता, प्रमोशन, वित्तीय उन्नयन का कुछ भी स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं।एक ही शिक्षकों को बार बार नियुक्ति पत्र?यहां सेवा सामंजन होना था जो कि नियमावली में था लेकिन यहां तो मार्केटिंग हो रही है।😅
ऐसा नेता सब ही बिहार को वर्वाद कर रहा है शिक्षण के पेशे की तुलना अन्य पेशे से नही की जा सकती ये तो वैसा ही है अन्धेर नगरी चौपट राजा टके शेर भाजी टके शेर खाजा
शिक्षक को भी बुढ़े माता पिता एवं पत्नी बेटा बेटी है नेता जी शिक्षक को एक्छिक स्थानांतरण दिया जाए शिक्षक परिवार माननीय मुख्यमंत्री जी का सदा आभारी रहेंगे।
सभी शिक्षक को प्रखंड के विकल्प दे दीजिए ! सारी समस्या का समाधान हो जाएगा ! शिक्षक भी खुश और सरकार भी खुश ! नहीं तो शिक्षक परिवार की हाय जरूर लगेगी नीतीश सरकार को !
जो शिक्षक इतने साल से पढ़ा रहे हैं उसी शिक्षकों के सहारे 90% रिजल्ट दिखाकर अपने खूब वाहवाही लूटी । अब उसी को फिर से औपबंधिक नियुक्तिपत्र क्या न्यायसंगत है
आलोक जी शिक्षक कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं होते,शिक्षक तो समाज के लिए एक शिक्षित आदर्श लोग हैं जो अपने समाज के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी लिये हुए हैं,शिक्षकों को इस तरह से ट्रान्सफर पोस्टिंग के नाम पर अपने जिलों से बाहर पोस्टिंग करना, शिक्षकों को प्रताड़ित किया जाना है और बिहार सरकार के इस निति की जितनी भी भर्त्सना की है वह बहुत ही कम है, सरकार को इस नीति पर सोचना चाहिए, नहीं तो बिहार की शिक्षा ब्यवस्था पूर्णतः चौपट हो जायेगा।
सभी शिक्षक नेता जी आपका जुमला सुन सुन कर पाक गया है, शिक्षक को कितना प्रताड़ित करोगे बहुत हो चुका है, शिक्षक अपने होम ब्लॉक को छोड़कर दूसरे ब्लॉक में जाने को तैयार है लेकिन आप दस अनुमंडल की बाध्यता क्यों लागू किए हैं, समय नजदीक है नेताजी शिक्षक समाज आपलोग का बैंड बजाने वाले हैं।
सक्षमता 1 पास शिक्षकों की काउंसलिंग अभी जब तक पूरी ही नहीं हुई तो आवेदन प्रक्रिया शुरू कैसे हो गई। नियुक्ति पत्र कैसे मिलने लगा।पहले काउंसलिंग पूरी हो तब आगे काम होना चाहिए।ये तो सरासर अन्याय है
सरकार के प्रतिनिधि केवल छोटी दलील दे रहे हैं महिलाओं और पुरुषों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए रूल यही कहता है इसीलिए ट्रांसफर भी एक रूल के अनुसार होना चाहिए
ऐच्छिक स्थानांतरण मांगा था। जबरिया transfer नही। नेता जी राज्यकर्मी भिख मे नही दे रहे है। नेता जी शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग मे अंतर है। वेतन के नाम पर मुल वेतन मे 250 रुपये की बृद्धि। अरे नेता जी नव पदस्थापन में भेज रहे है हमारे 20 वर्षों की सेवा का क्या होगा ?
Tre-1 विद्यालय अध्यापक का इंक्रीमेंट जुलाई 2024 में लगा था इसका चिट्ठी भी सरकार के द्वारा जारी कर दिया गया उसके बाद भी बिहार के किसी भी शिक्षकों को लाभ नहीं मिल रहा है
Sir हमारे बुद्धीजीवी/नियम बनाने वाले /सरकार /AC मे रहने वालों को क्या यह समझ नहीं कि दो अनुमंडल वाले zile मे तीन option ,ग्रह अनुमंडल , posting अनुमंडल , पत्नि अनुमंडल को छोड़ कर आवेदन ले रहे हैं तो इसमे ज्यादातर शिक्षकों का option zile से बाहर हो रहा है ??????? क्या इतना नासमझ बन कर बैठे हैं ???? सभी पत्रकार महोदय इन ना समझो को समझाएं . आवाज उठाएँ ????
घर के पास रहना इसलिए चाहते है कि आधा समय स्कूल में रहेंगे बाकी समय घर में। मेरे मत से सभी शिक्षकों को 100 km ke duri par rahe।chahe vo mahila ho ya purush ।
Ghar ke bagal me rakh ke v main teacher se gundvata purd siksha dilwa sakte hai. Mera ray hai. Aur main koi government teacher nhi hun. Sirf time badhane se aur teacher ko dur bhej dene se school me padhai nhi ho sakti.
बिहार में सहायक शिक्षक पद को 2008 में मृत घोषित कर दिया है तभी से शिक्षक कितने नामों से बहाली किया गया है। आज बिहार में शिक्षक कितने नामों से जाना जाने लगा है। दोषी सरकार की जनता
कमांडर बदल जाएगा तो ट्रांसफर की कोई आवश्यकता , नहीं है । अपने बाजार पर पढ़ा ने वाले प्राइवेट शिक्षक अपने स्कूल को इतना ऊंचा बना दिए है कि इतना बड़ा बजट वाला सरकारी स्कूल भीअनुकरण कर रहा है ।कमांडर पावरफुल इंफ्रास्ट्रक्चर ब्यूटीफुल तो मिलेगा शिक्षक क्वालिटी फुल ।
मुझे यह समझ में नहीं आता है कि शिक्षक बहाली कर रहे हैं या पुलिस बहाली करें जब मुझे पुलिस में जाना होता तो फिर शिक्षक क्यों बनते मुझे तो शिक्षक वाली नौकरी पसंद है ना तो फिर पुलिस वाली बात क्यों आ रही है यहां
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मैं माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह करता हूं शिक्षक को एक्छिक स्थानांतरण दिया जाए शिक्षक परिवार को बेघर न किया जाए शिक्षक परिवार मुख्यमंत्री महोदय का सदा आभारी रहेंगे।
सबसे पहले आप लोगों का यह बता दो शिक्षक पुलिस दो अलग अलग पेसा है तो अलग अलग कार्य है दोनों को एक से तुलना कभी नहीं किया जा सकता है एक है समाज से हटकर के काम करना एक समाज से जुड़कर काम करना अब दोनों को तुलना एक जैसा कर रहा है यह कतई नहीं हो सकता है जब पुलिस की तरह जब शिक्षा कम करने लगेंगे तो समाज में चोर ' उचक्के पैदा होना शुरू हो जाये सर
Police teacher ko ise fark nahi pata isko bahas me keyon late hain teacher ko bachcho padhana hai na ki danda chalana or yah nahi bol rahe hain 20 sal kam karne ke bad apna mahina ghat ke mile yahi rajkarmi hai or police ka udaharan de rahe hain
9300-34800 वेतन वाले अपने Block मे रहे और हम बिहार भ्रमण पर। नेता जी गाल बजा रहे हैं । हमे भी 9300-34800 वा।ला scale दे दो नेता जी। नेता जी शहरी क्षेत्रों posting की बात कही गई थी और सक्षमता परीक्षा ली गईं थी।
दुनीयाँ की पहली ऐसी BPSC नोकरी है,जिसको पाकर सभी शिक्षक लोग दुखी है ! हाय रे नीतीश कुमार ! दुखी माँ-बाप,भाई-बहन, और समाज की हाय जरूर लगेगी ! और बड़ी जल्दी लगेगी !
Ghar ke bagal me rakh ke v main teacher se gundvata purd siksha dilwa sakte hai. Mera ray hai. Aur main koi government teacher nhi hun. Sirf time badhane se aur teacher ko dur bhej dene se school me padhai nhi ho sakti.
अपने क्षेत्र में कितना बेहतर का किये हैं, करते हैं और करेंगे कि प्रचार के लिए हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश बाबू को नहीं जाना पड़े।जिनके कारण लोग आप जैसे लोगों को वोट देते हैं आपलोग चमचई के चक्कर में उनके साथ विश्वास घात कर रहे हैं।वाकी सब नीतीश बाबू पर---
अनुमंडल के जगह प्रखंड कर दिया जाय तो सारे विवाद ही खत्म हो जाएगा।
फिर सिपाही वाली सुविधाएं भी दे दिजिए। वर्दी, बंदूक, गाड़ी,तेरह माह का वेतन, इत्यादि
पूर्ण वेतनमान दो और पूरे बिहार में कहीं भी भेज दो
कितनी बार शिक्षकों को एक ही नौकरी के लिए ज्वॉइनिंग पत्र? अनुमंडल की बाध्यता की बात करने वाले ने पूर्व में राज्यकर्मी बनने के लिए परीक्षा की बाध्यता लगाई। फिर शिक्षक परीक्षा भी दिए और उसके बाद जिला एलॉट भी किया गया और अब जिला से भी बाहर करने की साजिश। जदयू प्रवक्ता द्वारा शिक्षकों की तुलना बिहार पुलिस से करने वाले को ये तक पता नहीं कि उनको 13 माह का वेतन मिलता है उनको चाइनीज वेतनमान नहीं मिलता। शिक्षकों को अभी नया ज्वॉइनिंग लेटर देकर एक वेतन वृद्धि भी खा गए। इसके पूर्व भी कई वेतन वृद्धि डकार चुके हैं। जदयू प्रवक्ता वेतन वृद्धि की बात कर रहे हैं जबकि शिक्षकों का वेतन कटौती कर रहे हैं। जदयू प्रवक्ता बार बार केन्द्रीय शिक्षा नीति की बात कर रहे हैं लेकिन उनको ये भी बताना चाहिए कि उसमें शिक्षकों को मिलने वाले सुविधाओं को बिहार सरकार क्यों नहीं देते?
इस जेडीयू नेता को शिक्षा नीति के बारे में कुछ नहीं मालूम है इनको मालूम होना चाहिए कि प्राथमिक कक्षा में मातृभाषा में शिक्षा देना है अब ये बताएं कि जहानाबाद के शिक्षक किशनगंज में कौन सी मातृभाषा में पढ़ाएंगे
वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को सेवा निरंतरता, प्रमोशन, वित्तीय उन्नयन का कुछ भी स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं।एक ही शिक्षकों को बार बार नियुक्ति पत्र?यहां सेवा सामंजन होना था जो कि नियमावली में था लेकिन यहां तो मार्केटिंग हो रही है।😅
नियत वेतन वाले शिक्षक का क्यों नहीं ट्रान्सफर होता है 34 हजार वाले शिक्षक को क्यों नहीं सिरफ नियोजित शिक्षकों को ही क्यों
Usko v hua tha master jee bujhe ki nahi
Block wise transfer hona hi chahiye...... teacher ko mansik prtarit karne se teaching me 50% loss hoga...😮😮😮😮😮😮😮😮
J. D.U को सत्ता से बाहर करना चाहिए।
बहुत अच्छा अमित बिक्रम जी
K k Pathak sir को फिर से ACS बनाया जाए तभी बिहार में खिचड़ी और डिग्री की जगह शिक्षा मिलने शुरू होगी
S sidrth sir के बस की बात नहीं है
आपलोग अभी तक नहीं समझ पाए है कि सरकार चला कौन रहा है?मुख्यमंत्री का विधानसभा में दिया गया बयान अफसरशाही की भेंट चढ़ गया।
तो नियमित और BPSC शिक्षकों को एछिक है केवल सक्षमता को अनिवार्य क्यों ?
शिक्षा को चौपट कर दिया है सरकार ने!
अनुमंडल की जगह प्रखंड का ऑप्शन लिया जाए।
डिबेट में किसको बुला लिया है, कोई और पार्टी का नेता नहीं मिला है!
ऐसा नेता सब ही बिहार को वर्वाद कर रहा है
शिक्षण के पेशे की तुलना अन्य पेशे से नही की जा सकती
ये तो वैसा ही है
अन्धेर नगरी चौपट राजा टके शेर भाजी टके शेर खाजा
Ekdum sahi bat bola apne harek profession ka alag nature hota hai duty hota aap usko compare nhi kr sakte hai
50 वर्ष के शिक्षक़ को खाना कौन बनाएगा ? पुलिस को पुलिस लाइन मे आवास मिलता है शिक्षक को आवास मिलेगा क्या ?
शिक्षक को भी बुढ़े माता पिता एवं पत्नी बेटा बेटी है नेता जी शिक्षक को एक्छिक स्थानांतरण दिया जाए शिक्षक परिवार माननीय मुख्यमंत्री जी का सदा आभारी रहेंगे।
Vikaram sir sahi pakre hai.
अगर गृह प्रखंड छोड़कर अन्य 10 प्रखंड का विकल्प
लिया जाय तो जद यू विधान सभा चुनाव हार जायेगी क्या।
आलोक जी जानकार प्रवक्ता को लाइए। वरना हम निंद हराम नहीं करेंगे।😂😂😂😂
एग्जाम के समय जिला ऑप्शन लिया गया और जिला अलॉट भी किया तो जिला बदर क्यों जबाब दे।
शिक्षक भी अर्बन और रूरल एरिया सभी जगह से हैं। वे अपने क्षेत्र के हीं बच्चों को हीं पढ़ाएंगे तो क्या दिक्कत?
जिला मार्क्स के आधार पर आवंटित हुवा है तो जिला से बाहर क्यों ?
JDU को बिहार से बाहर करना है
सभी शिक्षक को प्रखंड के विकल्प दे दीजिए ! सारी समस्या का समाधान हो जाएगा ! शिक्षक भी खुश और सरकार भी खुश ! नहीं तो शिक्षक परिवार की हाय जरूर लगेगी नीतीश सरकार को !
नीति पर रोक लगनी चाहिये,।।। पुलिस ओर टीचर के काम में अंतर हैं।।।
ज़िला एलॉट क्या भांग खाकर किया था
अनुमंडल हो जाता तो बहुत अच्छा होता दूरी भेज रहे तो पेमेंट नियमित टीचर जैसे दीजिए
स्थानांतरण ऐच्छिक होना चाहिए था जैसे BPSC और मूल शिक्षक का है
नेता जी किया आप भी शिक्षकों की तरह बिना पेंशन के कार्य करने के लिए तैयार हैं
जो शिक्षक इतने साल से पढ़ा रहे हैं उसी शिक्षकों के सहारे 90% रिजल्ट दिखाकर अपने खूब वाहवाही लूटी ।
अब उसी को फिर से औपबंधिक नियुक्तिपत्र क्या न्यायसंगत है
मेरिट पे पोस्टिंग दे सरकार कहीं भी है मंजूर होगा।महिला पुरुष क्या करना है
Apply band krwaiye
Jo bhi hoga court se hoga...sabhi teachers ke nyay ke liye court chala jaye😮😮😮😮😮😮
अनुमंडल का option हटाकर गृह प्रखण्ड से बाहर जिले में अन्य प्रखण्ड में merit cum choice option दिया जाये
अनुमंडल स्थानांतरण सबसे अच्छा है। हल्ला केवल सक्षमता पास वाले शिक्षक करे है।
Acs esa ho ki bachcha k oth pe unka naam ho ...
Miss u k k pathak sir 😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
आलोक जी शिक्षक कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं होते,शिक्षक तो समाज के लिए एक शिक्षित आदर्श लोग हैं जो अपने समाज के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी लिये हुए हैं,शिक्षकों को इस तरह से ट्रान्सफर पोस्टिंग के नाम पर अपने जिलों से बाहर पोस्टिंग करना, शिक्षकों को प्रताड़ित किया जाना है और बिहार सरकार के इस निति की जितनी भी भर्त्सना की है वह बहुत ही कम है, सरकार को इस नीति पर सोचना चाहिए, नहीं तो बिहार की शिक्षा ब्यवस्था पूर्णतः चौपट हो जायेगा।
9300 (पुरानी वेतनमान)दे दीजिए बंगाल चले जायेंगे।
सभी शिक्षक नेता जी आपका जुमला सुन सुन कर पाक गया है, शिक्षक को कितना प्रताड़ित करोगे बहुत हो चुका है, शिक्षक अपने होम ब्लॉक को छोड़कर दूसरे ब्लॉक में जाने को तैयार है लेकिन आप दस अनुमंडल की बाध्यता क्यों लागू किए हैं, समय नजदीक है नेताजी शिक्षक समाज आपलोग का बैंड बजाने वाले हैं।
एक like Amit जी के लिए....मज़ा आ गया..
जदयू नेताओं को सद्बुद्धि दे भगवान। बिहार में डोमिसाइल नीति लागू किया जाए जिससे कि बिहार के नौजवान को रोजगार मिले। वोट दें बिहारी नौकरी पावे बाहरी।
Maha झूठा ho मनीष bpsc वाले से अनुमति पूछी जा रही है क्या आपको ट्रांसफर लेना है
जबकि विशिष्ट शिक्षको का जबरन ट्रांसफर की जा रही है
सक्षमता 1 पास शिक्षकों की काउंसलिंग अभी जब तक पूरी ही नहीं हुई तो आवेदन प्रक्रिया शुरू कैसे हो गई। नियुक्ति पत्र कैसे मिलने लगा।पहले काउंसलिंग पूरी हो तब आगे काम होना चाहिए।ये तो सरासर अन्याय है
स्थानांतरण सुविधा बढ़ाने के किया जाता है महोदय आप किसी भी विभाग में देखिए।
सरकार के प्रतिनिधि केवल छोटी दलील दे रहे हैं महिलाओं और पुरुषों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए रूल यही कहता है इसीलिए ट्रांसफर भी एक रूल के अनुसार होना चाहिए
शिक्षक एछिक ट्रांसफर की मांग कर रहे थे वर्षों से
Ye transfer niti bihar ke shiksha ko chopat kar dega. Teacher ka transfer niti me block change hona chahiye tha na ki anumandal
Shiksha vayavayasatha ko chaupat krne ki hi taiyari hai aap mentally disturb karenge to koi acche se kam kar hi nhi payega
To bhai sarkar se awas aur safety ki subidha dila dijiye....bhi jha chahe posting karaye....sirf police se comparison krne se thodi na hoga....🙏🙏
HRA mil rha hai na...
पुरुष शिक्षक राजनीति करेगा इसलिए उसे अनुमंडल से बाहर किया जाना है
ऐच्छिक स्थानांतरण मांगा था। जबरिया transfer नही। नेता जी राज्यकर्मी भिख मे नही दे रहे है। नेता जी शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग मे अंतर है। वेतन के नाम पर मुल वेतन मे 250 रुपये की बृद्धि। अरे नेता जी नव पदस्थापन में भेज रहे है हमारे 20 वर्षों की सेवा का क्या होगा ?
Tre-1 विद्यालय अध्यापक का इंक्रीमेंट जुलाई 2024 में लगा था इसका चिट्ठी भी सरकार के द्वारा जारी कर दिया गया उसके बाद भी बिहार के किसी भी शिक्षकों को लाभ नहीं मिल रहा है
Sir हमारे बुद्धीजीवी/नियम बनाने वाले /सरकार /AC मे रहने वालों को क्या यह समझ नहीं कि दो अनुमंडल वाले zile मे तीन option ,ग्रह अनुमंडल , posting अनुमंडल , पत्नि अनुमंडल को छोड़ कर आवेदन ले रहे हैं तो इसमे ज्यादातर शिक्षकों का option zile से बाहर हो रहा है ???????
क्या इतना नासमझ बन कर बैठे हैं ????
सभी पत्रकार महोदय इन ना समझो को समझाएं . आवाज उठाएँ ????
Bilkul sikyat hai parkhand ho ya pura niyambali same ho.
घर के पास रहना इसलिए चाहते है कि आधा समय स्कूल में रहेंगे बाकी समय घर में। मेरे मत से सभी शिक्षकों को 100 km ke duri par rahe।chahe vo mahila ho ya purush ।
Ghar ke bagal me rakh ke v main teacher se gundvata purd siksha dilwa sakte hai. Mera ray hai. Aur main koi government teacher nhi hun. Sirf time badhane se aur teacher ko dur bhej dene se school me padhai nhi ho sakti.
Chahe teri...........
purane teacher ki tarah vetan de de aur anumandal yaa pramandal de koi problem nahi hoga. Sab vetan ka kamal hai sir ji😅😅😅😅😅😅
बिहार में सहायक शिक्षक पद को 2008 में मृत घोषित कर दिया है तभी से शिक्षक कितने नामों से बहाली किया गया है। आज बिहार में शिक्षक कितने नामों से जाना जाने लगा है। दोषी सरकार की जनता
जदयू का मीडिया सेल का नेता पुलिस और शिक्षक की नौकरी को एक तरह से देख रहा फिर सक्षमता में जिला अलॉट क्यों किया था bakloli कर रहा है....
बिहार में लोकतंत्र नहीं नेता तंत्र बना दिए हैं। संशोधन करना है तो 20/11/2024के पहले सुधार किया जाए
कमांडर बदल जाएगा तो ट्रांसफर की कोई आवश्यकता , नहीं है । अपने बाजार पर पढ़ा ने वाले प्राइवेट शिक्षक अपने स्कूल को इतना ऊंचा बना दिए है कि इतना बड़ा बजट वाला सरकारी स्कूल भीअनुकरण कर रहा है ।कमांडर पावरफुल इंफ्रास्ट्रक्चर ब्यूटीफुल तो मिलेगा शिक्षक क्वालिटी फुल ।
Alok ji 10block ka hi options hona chahiye🙏
Dhanyawad aapko Jay sriman narayan bilkul sahi
नियमावली सभी के लिए एक समान होना चाहिये।
बिहार में नेता बनने के लिए भी टेस्ट की व्यवस्था की जाए।
Kewal parkhand chaahiye
मुझे यह समझ में नहीं आता है कि शिक्षक बहाली कर रहे हैं या पुलिस बहाली करें जब मुझे पुलिस में जाना होता तो फिर शिक्षक क्यों बनते मुझे तो शिक्षक वाली नौकरी पसंद है ना तो फिर पुलिस वाली बात क्यों आ रही है यहां
Aisa rule banayja ki jo jana chahe use jane diya jaye.
aor jo nhi jana chahe use wahi rahne dita jaye.
option ak hi ho ki jo jahan jana chahe wah use wahan jane diya jay aor jo nhi jana chahe use wahi rahne diya jay
सभी अच्छे विद्यालय बर्बाद हो जायेंगे और बर्बाद को सुधारने में दूर दूर से जाते हुए शिक्षक भी बर्बाद हो जाएंगे।
मंत्री जी ये बताये की किस विधि से पोस्टिंग करेंगे की सभी शिक्षक आवंटित जिला मे रहेंगे |
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मैं माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह करता हूं शिक्षक को एक्छिक स्थानांतरण दिया जाए शिक्षक परिवार को बेघर न किया जाए शिक्षक परिवार मुख्यमंत्री महोदय का सदा आभारी रहेंगे।
Yadi teachers padhayenge nhi too teachers kis kaam ka . Home district vale teacher padhane me nhi, apne ghar ka kaam me intrest rakhte hai
Sir block ka option dijiye
सीधी सी बात है मुझे जिला अलॉट हुआ है और मुझे जिले में पोस्टिंग चाहिए ससुराल है घर है पोस्टिंग है उसे हमें कोई मतलब नहीं है
सबसे पहले आप लोगों का यह बता दो शिक्षक पुलिस दो अलग अलग पेसा है तो अलग अलग कार्य है दोनों को एक से तुलना कभी नहीं किया जा सकता है एक है समाज से हटकर के काम करना एक समाज से जुड़कर काम करना अब दोनों को तुलना एक जैसा कर रहा है यह कतई नहीं हो सकता है जब पुलिस की तरह जब शिक्षा कम करने लगेंगे तो समाज में चोर ' उचक्के पैदा होना शुरू हो जाये सर
पश्चिम चम्पारण का क्षेत्रफ़ल बड़ा है उसको भी छोटा बनाया जाए
vartman me niyojit shikshakon ki shankhya schoolon me km hai .tet stet bpsc shikshakon ki Sandhya schoolon me adhik ho chuki hai.
मेरे भाई इस व्यक्ति को पुलिस और शिक्षक दोनों एक जैसे दिखते हैं। फिजूल बहस
Police ki trah rhne ka riswat kamNe ka trika de dijiye. Fir kya dikkat hogi. Gaari bangla sb hoga.
Police teacher ko ise fark nahi pata isko bahas me keyon late hain teacher ko bachcho padhana hai na ki danda chalana or yah nahi bol rahe hain 20 sal kam karne ke bad apna mahina ghat ke mile yahi rajkarmi hai or police ka udaharan de rahe hain
Jila pahale hi avantan ho chuka hai. Fir jila kyse bdal skte hai hai. Merit ka koi value nhi hai kya.
Shikshakon ka posting uske ghar se maximum 20 km se adhik nahin hona chahiye......
Sir polish se tulana nahi karen
Ye logo ki kamai ki sima nahi hai is liye ye log kahi bhi ja sakta hai par teacher ke sirf ak hi kamai hai bai
Yah sabhi purush man teachers ki hai.... Nitish hatao bihar bachao 😮😮😮😮😮 sirf Block wise transfer hona hi chahiye....
9300-34800 वेतन वाले अपने Block मे रहे और हम बिहार भ्रमण पर। नेता जी गाल बजा रहे हैं । हमे भी 9300-34800 वा।ला scale दे दो नेता जी। नेता जी शहरी क्षेत्रों posting की बात कही गई थी और सक्षमता परीक्षा ली गईं थी।
Thanks,Amit Vikram.
नियमित शिक्षक जो सवा लाख रुपया कमाते हैं वह घर के नजदीक रहेंगे और विशेष शिक्षक घर के बाहर अनुमंडल से बाहररहेंगे
जबाब नही तो शिक्षक नेता को कटघरे में खरे करते नेता जी।
केवल शिक्षक की हीं नहीं ना वृद्धि हुई नेता जी का भी तो बढ़ा विधायक सांसद का भी तो 15 सालों मे पैसा सुविधा बढ़ा है
Bihar me Rakchhas Farman...
Sikchhako ke sath...cm nitish kumar sarkar Badalna jaruri hai
दुनीयाँ की पहली ऐसी BPSC नोकरी है,जिसको पाकर सभी शिक्षक लोग दुखी है ! हाय रे नीतीश कुमार ! दुखी माँ-बाप,भाई-बहन, और समाज की हाय जरूर लगेगी ! और बड़ी जल्दी लगेगी !
मेरे मुख्यमंत्री सब दिन अकेले रहे हैं इसीलिए शिक्षकों को भी सब दिन अकेले रखना चाहते हैं
Anumandal niti ka koi logic nahi hai sirf shikshk ko preshan karna aur kuchh bishes shikshkon ko labh puchane ke lie ye niti banai gai hai.
पुरुष को भी 10 पंचायत का option मिले, यहीं मांग है
Ghar ke bagal me rakh ke v main teacher se gundvata purd siksha dilwa sakte hai. Mera ray hai. Aur main koi government teacher nhi hun. Sirf time badhane se aur teacher ko dur bhej dene se school me padhai nhi ho sakti.
अपने क्षेत्र में कितना बेहतर का किये हैं, करते हैं और करेंगे कि प्रचार के लिए हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश बाबू को नहीं जाना पड़े।जिनके कारण लोग आप जैसे लोगों को वोट देते हैं आपलोग चमचई के चक्कर में उनके साथ विश्वास घात कर रहे हैं।वाकी सब नीतीश बाबू पर---
फिर मुझे पुलिस वाली शायरी सुविधा दीजिए फिर क्यों शिक्षक वाली सुविधा दे रहे हैं 1500 में बहस कररहे हैं
जो घर में रहेगा उसको लाख रुपए और जिसको दूर भेज रहे है उनको 40 हजार वाह रे नियम।