Question & Answer session | Dharama, History & Archeology

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 39

  • @birojkumar9166
    @birojkumar9166 3 ชั่วโมงที่ผ่านมา +2

    जय श्री कृष्णा राधे राधे 🙏

  • @santoshdhoke6748
    @santoshdhoke6748 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา +4

    Jay shree Ram

  • @Amar.Sanatani
    @Amar.Sanatani 6 ชั่วโมงที่ผ่านมา +2

    Jai shree ram bhai 🙏

  • @sumit1275
    @sumit1275 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Bahut acha discussion raha.
    Edit: china me plane ka specification alag tarike se hota hai. Wo wastav me 5th gen hai, jo b2 ke jaisa banana chahte hain. Humse to aage hain isme koi sandeh nahi hai

  • @ShyamSunder-b4d
    @ShyamSunder-b4d 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    जय श्री राम 🙏🚩

  • @BabluMaurya-po6zn
    @BabluMaurya-po6zn 3 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Jay Shree ram

  • @AnandDwivedi
    @AnandDwivedi 12 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    good job

  • @ChampOk-j8p
    @ChampOk-j8p 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Please sab koi puri add dekho ❤❤❤❤❤

  • @RajkumarYadav-ci1bo
    @RajkumarYadav-ci1bo 9 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Kya tumne kaha , kya kisine suna,la la la lalala

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @@RajkumarYadav-ci1bo Science journey ne bola hai "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।

  • @VivekBisht856
    @VivekBisht856 12 ชั่วโมงที่ผ่านมา +3

    Fake Buddism wale khatam jo gaye 😂😂

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @@VivekBisht856 बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।

  • @rahuldewangan263
    @rahuldewangan263 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    3:09:46 bro mere ko bhi bhejna

  • @Kattar_Buddhist
    @Kattar_Buddhist 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา +8

    According to science journey,
    "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।

    • @J4Gangster_Gamerz
      @J4Gangster_Gamerz 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา +5

      😂😂🤡, ye science journey sambhog karvake manega

    • @prakashvlog05
      @prakashvlog05 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา +3

      😂😂 Bahut Khoob Bahoot khoob Buddh ki Video kahan milega 😢😢🤣🤣😭😂😁🙂

    • @Sea-ol8pc
      @Sea-ol8pc 11 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      Dronacharya kese paida hua ye bta😂

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @@Sea-ol8pc ,hum Mahayan buddhist aur tum Neo-buddhist ho , tumhare aur hamre bich me 19 lakh ka antar hai

    • @rahuldewangan263
      @rahuldewangan263 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      Bro link share karo kaha kaha hai

  • @रight_थinker
    @रight_थinker ชั่วโมงที่ผ่านมา

    संस्कृत में टुन्नी का मतलब जीजा होता है क्या रे कलुआ 🤣🤣🤣🤣

    • @sanatansamiksha
      @sanatansamiksha  ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

      हां साले साहब हम जीजा ही है आप के 😂😂

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @@sanatansamiksha, गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
      💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

      @@रight_थinker ,,, muje science journey wale bhaiya ne bola , "गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
      💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙

    • @Rahul-v4p5c
      @Rahul-v4p5c 20 นาทีที่ผ่านมา

      टुन्नी बिलबिला गया 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣​@@sanatansamiksha

    • @Rahul-v4p5c
      @Rahul-v4p5c 16 นาทีที่ผ่านมา

      ​संस्कृत में टुन्नी का मतलब गंडमरा होता है
      🤣🤣🤣🤣🤣🤣 @@sanatansamiksha

  • @Kattar_Buddhist
    @Kattar_Buddhist 4 ชั่วโมงที่ผ่านมา +4

    Muje Science Journey wale bhaiya ne bataya ki , "उड़ने वाले यंत्र का वर्णन सबसे पहले हमको Buddhism के एक ग्रन्थ "यंत्र विज्ञान" में देखने को मिलता है , एक दिन जब बुद्ध अपने विहार करने गए थे तब उसने देखा कि एक नदी में बाढ़ आ रखी है और वहां पे एक हाथी था वो नदी के दूसरे किनारे फंसा हुआ था , सभी लोग चिंतित थे कि ये हाथी को नहीं बचाया तो वो मर जाएगा , बुद्ध के पास तो सारी विद्या थी तो वो नदी के ऊपर से उड़के गए और हाथी के पास पहुंच गए और उसको हाथी की स्थिति बहुत दयनीय लगी ,तब उसने हाथी को अपने कंधों पे बैठाया और उसको उड़ाके सड़क के दूसरे किनारे जहां पे लोग सुरक्षित खड़े थे वहा पे पहुंचा दिया , और तभी बुद्ध ने ठान लिया कि में उड़ने वाला यंत्र बनाऊंगा और लोगों की मदद के लिए उसे दान करूंगा , बाद में बुद्ध ने उड़ने वाला यंत्र बनाया जिसमें चार लोग बैठ सकते थे , बाद में बुद्ध ने उसको खुद उड़ाके देखा जिसमें वो यंत्र में आगे बुद्ध और आम्रपाली बैठे थे और पीछे उसके दो शिष्य बैठे थे , और यंत्र का सफल परीक्षण हुआ बाद में बहुत सारे लोगों ने बुद्ध का धन्यवाद किया । इस यंत्र के अलावा उस ग्रन्थ में हमको फाइटर प्लेन और रॉकेट का भी जिक्र मिलता है , इससे साबित होता है कि बुद्ध दुनिया के सबसे पहले साइंटिस्ट थे।
    💙नमो बुद्धाय।💙

    • @jagdishpathak2289
      @jagdishpathak2289 ชั่วโมงที่ผ่านมา +2

      एकदम कोरा झूठ बोला साइंसजर्नी ने

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist ชั่วโมงที่ผ่านมา

      ​@@jagdishpathak2289, science journey ne bola hai , गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
      💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @jagdishpathak2289 ,,, muje science journey ne bola, गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
      💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙

    • @jagdishpathak2289
      @jagdishpathak2289 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      @@Kattar_Buddhist हद होती है पागलपन की और वेबकूफी की भी

    • @Kattar_Buddhist
      @Kattar_Buddhist ชั่วโมงที่ผ่านมา

      ​@@jagdishpathak2289, tu chup kar buddh hi satya hai , yebhi padhle , "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।