Bahut acha discussion raha. Edit: china me plane ka specification alag tarike se hota hai. Wo wastav me 5th gen hai, jo b2 ke jaisa banana chahte hain. Humse to aage hain isme koi sandeh nahi hai
@@RajkumarYadav-ci1bo Science journey ne bola hai "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।
@@VivekBisht856 बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।
According to science journey, "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।
@@sanatansamiksha, गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है । 💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
@@रight_थinker ,,, muje science journey wale bhaiya ne bola , "गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है । 💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
Muje Science Journey wale bhaiya ne bataya ki , "उड़ने वाले यंत्र का वर्णन सबसे पहले हमको Buddhism के एक ग्रन्थ "यंत्र विज्ञान" में देखने को मिलता है , एक दिन जब बुद्ध अपने विहार करने गए थे तब उसने देखा कि एक नदी में बाढ़ आ रखी है और वहां पे एक हाथी था वो नदी के दूसरे किनारे फंसा हुआ था , सभी लोग चिंतित थे कि ये हाथी को नहीं बचाया तो वो मर जाएगा , बुद्ध के पास तो सारी विद्या थी तो वो नदी के ऊपर से उड़के गए और हाथी के पास पहुंच गए और उसको हाथी की स्थिति बहुत दयनीय लगी ,तब उसने हाथी को अपने कंधों पे बैठाया और उसको उड़ाके सड़क के दूसरे किनारे जहां पे लोग सुरक्षित खड़े थे वहा पे पहुंचा दिया , और तभी बुद्ध ने ठान लिया कि में उड़ने वाला यंत्र बनाऊंगा और लोगों की मदद के लिए उसे दान करूंगा , बाद में बुद्ध ने उड़ने वाला यंत्र बनाया जिसमें चार लोग बैठ सकते थे , बाद में बुद्ध ने उसको खुद उड़ाके देखा जिसमें वो यंत्र में आगे बुद्ध और आम्रपाली बैठे थे और पीछे उसके दो शिष्य बैठे थे , और यंत्र का सफल परीक्षण हुआ बाद में बहुत सारे लोगों ने बुद्ध का धन्यवाद किया । इस यंत्र के अलावा उस ग्रन्थ में हमको फाइटर प्लेन और रॉकेट का भी जिक्र मिलता है , इससे साबित होता है कि बुद्ध दुनिया के सबसे पहले साइंटिस्ट थे। 💙नमो बुद्धाय।💙
@@jagdishpathak2289, science journey ne bola hai , गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है । 💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
@jagdishpathak2289 ,,, muje science journey ne bola, गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है । 💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
@@jagdishpathak2289, tu chup kar buddh hi satya hai , yebhi padhle , "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।
जय श्री कृष्णा राधे राधे 🙏
Jay shree Ram
Jai shree ram bhai 🙏
Bahut acha discussion raha.
Edit: china me plane ka specification alag tarike se hota hai. Wo wastav me 5th gen hai, jo b2 ke jaisa banana chahte hain. Humse to aage hain isme koi sandeh nahi hai
जय श्री राम 🙏🚩
Jay Shree ram
good job
Please sab koi puri add dekho ❤❤❤❤❤
Kya tumne kaha , kya kisine suna,la la la lalala
@@RajkumarYadav-ci1bo Science journey ne bola hai "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।
Fake Buddism wale khatam jo gaye 😂😂
@@VivekBisht856 बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।
3:09:46 bro mere ko bhi bhejna
According to science journey,
"बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।
😂😂🤡, ye science journey sambhog karvake manega
😂😂 Bahut Khoob Bahoot khoob Buddh ki Video kahan milega 😢😢🤣🤣😭😂😁🙂
Dronacharya kese paida hua ye bta😂
@@Sea-ol8pc ,hum Mahayan buddhist aur tum Neo-buddhist ho , tumhare aur hamre bich me 19 lakh ka antar hai
Bro link share karo kaha kaha hai
संस्कृत में टुन्नी का मतलब जीजा होता है क्या रे कलुआ 🤣🤣🤣🤣
हां साले साहब हम जीजा ही है आप के 😂😂
@@sanatansamiksha, गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
@@रight_थinker ,,, muje science journey wale bhaiya ne bola , "गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
टुन्नी बिलबिला गया 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣@@sanatansamiksha
संस्कृत में टुन्नी का मतलब गंडमरा होता है
🤣🤣🤣🤣🤣🤣 @@sanatansamiksha
Muje Science Journey wale bhaiya ne bataya ki , "उड़ने वाले यंत्र का वर्णन सबसे पहले हमको Buddhism के एक ग्रन्थ "यंत्र विज्ञान" में देखने को मिलता है , एक दिन जब बुद्ध अपने विहार करने गए थे तब उसने देखा कि एक नदी में बाढ़ आ रखी है और वहां पे एक हाथी था वो नदी के दूसरे किनारे फंसा हुआ था , सभी लोग चिंतित थे कि ये हाथी को नहीं बचाया तो वो मर जाएगा , बुद्ध के पास तो सारी विद्या थी तो वो नदी के ऊपर से उड़के गए और हाथी के पास पहुंच गए और उसको हाथी की स्थिति बहुत दयनीय लगी ,तब उसने हाथी को अपने कंधों पे बैठाया और उसको उड़ाके सड़क के दूसरे किनारे जहां पे लोग सुरक्षित खड़े थे वहा पे पहुंचा दिया , और तभी बुद्ध ने ठान लिया कि में उड़ने वाला यंत्र बनाऊंगा और लोगों की मदद के लिए उसे दान करूंगा , बाद में बुद्ध ने उड़ने वाला यंत्र बनाया जिसमें चार लोग बैठ सकते थे , बाद में बुद्ध ने उसको खुद उड़ाके देखा जिसमें वो यंत्र में आगे बुद्ध और आम्रपाली बैठे थे और पीछे उसके दो शिष्य बैठे थे , और यंत्र का सफल परीक्षण हुआ बाद में बहुत सारे लोगों ने बुद्ध का धन्यवाद किया । इस यंत्र के अलावा उस ग्रन्थ में हमको फाइटर प्लेन और रॉकेट का भी जिक्र मिलता है , इससे साबित होता है कि बुद्ध दुनिया के सबसे पहले साइंटिस्ट थे।
💙नमो बुद्धाय।💙
एकदम कोरा झूठ बोला साइंसजर्नी ने
@@jagdishpathak2289, science journey ne bola hai , गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
@jagdishpathak2289 ,,, muje science journey ne bola, गुरुत्वाकर्षण बल का सिद्धांत तथागत गौतम बुद्ध ने दिया था , जिसका प्रमाण हमको Buddhism के विज्ञान सूत्र में मिलता है ,जहां पे गौतम बुद्ध पीपल के पेड़ के नीचे बैठके ध्यान कर रहे थे तब उसके ऊपर आकाश में से उल्का पिंड🪨 आके गिरा और वो दो भाग में तूट गया तब बुद्ध ने गुरुत्वाकर्षणबल का सिद्धांत दिया और ये घटना बोधिसत्व न्यूटन के साथ घटी जब उसके सिर पे apple गिरा, पर अंधभक्तों ये बात को मानते ही नहीं है ।
💙नमो बुद्धाय जय भीम 💙
@@Kattar_Buddhist हद होती है पागलपन की और वेबकूफी की भी
@@jagdishpathak2289, tu chup kar buddh hi satya hai , yebhi padhle , "बुद्धिस्ट कामसूत्र है वो वात्स्यायन कामसूत्र से पुराना ग्रन्थ है। " निरोध, जिसे हम कॉन्डम भी बोलते है , उसका सबसे पहले सबूत "बुद्धिस्ट कामसूत्र" मे मिलता है , जिसमें बोला गया है कि आम्रपाली ने तथागत बुद्ध को जब अपने घर बुलाया तब उसने बुद्धजी को बोला कि अगर आप मुझे संतुष्ट करते है तो में आपकी आजीवन शिष्य बनके रहूंगी। तब तथागत बुद्ध ने उसकी इच्छा का सम्मान किया और इच्छा का स्वीकार करके उसके घर गए । सब लोगों को लगा कि बुद्ध क्या कर रहे होगे ये नीच आम्रपाली के साथ । बुद्ध का लोगों ने इंतजार किया तब तक देर रात हो चुकी थी और बुद्ध ने उसके घर खाना भी खाया और बहार नहीं आए । अब जब बुद्ध आम्रपाली के घर में थे तब उसने अपने एक शिष्य को बोल दिया कि लोगों को अपने घर जाने को कहो और तुम लोग बाहर ही अपना रात्रि याचन करो। बाद में बुद्ध ने आधी रात को आम्रपाली के साथ काम संबंध बनाए और उसको संतुष्ट किया , जहां पे बुद्ध ने निरोध का उपयोग पहली बार किया था और वो जो घटना थी उसके शिष्य ने देखली थी, दूसरे दिन सुबह को लोग जब वापस आम्रपाली के घर के बाहर आए तब आम्रपाली बुद्ध के शिष्य बनके दीक्षा लेली और लोग सब आश्चर्यमय होगये । और रस्ते में जब बुद्ध जा रहे थे तब उसने वो निरोध को अपने शिष्य को दे दिया और वो शिष्य ने उसको दान समझके अपने बर्तन में रख दिया, अब जब बर्तन को शिष्य ने गलती से खुला छोड़ दिया तब एक कबूतर आके बर्तन के ऊपर बैठ गया और खाना खाने लगा तब वीर्य की कुछ बूंदे उस खाने में गिर गई थी और वो खाना कबूतर ने खा लिया और वो इंसान की तरह बोलने लगा, और जहां पे बुद्ध और आम्रपाली बैठे हुए थे वहा जाके वो बुद्ध और आम्रपाली को अपना माता पिता बताने लगा तब उस कबूतर का नाम आम्रवर्त दिया गया ,बाद में जब बुद्ध की मृत्यु हुई तब उसके वोही शिष्य ने "कामसूत्र" नाम ग्रन्थ लिखा, और यही "बुद्ध और आम्रपाली के काम संबंध " की बात की गई है,जहां पे बुद्ध ने दो घंटों तक संभोग किया। इससे साबित होता है कि निरोध का आविष्कार सबसे पहले बुद्ध ने किया था।