मिलावट का प्रसाद भगवान् स्वीकार नहीं करते तो क्या मिलावट का इतिहास भगवान् स्वीकार करेगा? मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र और योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान् का जीवन चरित्र महर्षि दयानन्द ने अति उत्तम बताया है लेकिन धार्मिक ग्रन्थों में स्वार्थी लोगों ने मिलावट करने का दुस्साहस किया है सभी शास्त्रों का शुद्धिकरण होना चाहिए।
❤❤ डंके की चोट ❤❤❤ वेदों में गीता में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड का ज्ञान नहीं है इस बात को कबीर जी की वाणी सिद्ध कर रही है। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। वेदों में गीता में निराकार साकार का ज्ञान है सरषटि की आदि से दुनिया में निराकार साकार का ही ज्ञान चला आ रहा है। लेकिन निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९। केवल 28 व कलयुग में ही पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड का ज्ञान आया हुआ जिससे मोक्ष नहीं अखंड मोक्ष प्राप्त होगा इस लिए कलि चारों युगों में श्रेष्ठ है।❤❤
ओम् नमस्ते बहन जय आर्यावर्त
अति उत्तम बहन जी 🙏🙏🙏
ओउम गुरुवर चरणबद्ध प्रणाम
🙏👌🙏👌🙏👌🙏🌷🌹🌷🌹🧘🧘🧘
🕉️🙏🏻
Sadar namaste bahan ji
Namaste Ji Odisha
👌👌👌
बहन जी नमस्कार बहुत अच्छा भजन
❤👌🙏
मिलावट का प्रसाद भगवान् स्वीकार नहीं करते तो क्या मिलावट का इतिहास भगवान् स्वीकार करेगा? मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र और योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान् का जीवन चरित्र महर्षि दयानन्द ने अति उत्तम बताया है लेकिन धार्मिक ग्रन्थों में स्वार्थी लोगों ने मिलावट करने का दुस्साहस किया है सभी शास्त्रों का शुद्धिकरण होना चाहिए।
❤❤ डंके की चोट ❤❤❤
वेदों में गीता में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड का ज्ञान नहीं है इस बात को कबीर जी की वाणी सिद्ध कर रही है।
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश।
गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
वेदों में गीता में निराकार साकार का ज्ञान है सरषटि की आदि से दुनिया में निराकार साकार का ही ज्ञान चला आ रहा है। लेकिन निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९।
केवल 28 व कलयुग में ही पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड का ज्ञान आया हुआ जिससे मोक्ष नहीं अखंड मोक्ष प्राप्त होगा इस लिए कलि चारों युगों में श्रेष्ठ है।❤❤