लेखक श्री कौशल दुबे द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम
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- เผยแพร่เมื่อ 18 ธ.ค. 2024
- कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने किया काव्य संग्रह ‘तथागत’ का विमोचन
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में आज काव्य संग्रह तथागत का विमोचन किया। डॉ. दुबे जबलपुर के जानकीरमण कॉलेज में प्राध्यापक हैं और उन्होंने दर्शन, साहित्य और इतिहास की पृष्ठभूमि पर इस काव्य संग्रह को रचा है, जिसमें बुद्ध के जन्म से लेकर महापरिनिर्वाण तक की यात्रा को प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि तथागत ऐसे बुद्ध को कहा जाता है जो सत्य से अवगत हो। प्रो. लाभ ने कहा कि बुद्ध का चरित्र इतना विराट है कि उसमें राजनीति, धर्म, दर्शन व सर्व समाहित हैं।
कुलपति प्रो. लाभ ने कहा कि तथागत का अर्थ है- तथा गतो तथा आगतो। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध 25वें बुद्ध हुए हैं। उनके पहले 24 और बुद्ध हो चुके हैं। प्रो. लाभ ने जातक की 547 कहानियों के माध्यम से पारमिता को परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि पारमिता का अर्थ होता है निपुण यानी परफेक्शन। प्रो. लाभ के मुताबिक मात्र प्रज्ञा पारमिता ही पूर्ण नहीं हो पाई। पुस्तक विमोचन के इस अवसर पर अन्य साहित्यकारों को भी कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया।