साधना मार्ग में आने वाली बढ़ाओ को दूर कैसे करें ? Shri Bhai Ji Hanuman Prasad Poddar.

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  • เผยแพร่เมื่อ 1 ก.ค. 2024
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ความคิดเห็น • 30

  • @SureshSharma-ty7dx
    @SureshSharma-ty7dx 11 วันที่ผ่านมา +4

    महान संत श्री हनुमान भाई पोद्दार जी महाराज के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम राधे राधे जी जय श्री कृष्णा

  • @Karthikeyansundar-rl5ym
    @Karthikeyansundar-rl5ym 10 วันที่ผ่านมา +2

    अनिवार्य है इस अमृत वचन का हर हिंदू तक पहुँचना।🙏🏻

  • @Rakesh-kp5fi
    @Rakesh-kp5fi 11 วันที่ผ่านมา +2

    जय श्रीराधे जू❤
    जय श्रीराम जी❤
    जय श्रीसीताराम हनुमान जी❤
    जय श्रीराम दरबार साहिब जी❤
    नम: पार्वती पतये हर हर महादेव जी❤

  • @SureshSharma-ty7dx
    @SureshSharma-ty7dx 11 วันที่ผ่านมา +3

    है भाई जी महाराज आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम स्वीकार करे

  • @padamrajjoshi5088
    @padamrajjoshi5088 3 วันที่ผ่านมา +1

    जय पूर्ण गुरु बाबा जी श्री श्री पंडित श्री राधा रमन जी की को कोटी कोटी प्रणाम । गुरु माँ कामाख्या व भगवान भोले नाथ को कोटी कोटी प्रणाम करता हूं।

  • @nishibalasingh7231
    @nishibalasingh7231 14 วันที่ผ่านมา +1

    हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏🙏

  • @braveboy8176
    @braveboy8176 11 วันที่ผ่านมา +1

    हरे कृष्ण दंडवत प्रणाम 🙏भगवान् श्रीकृष्णके वृन्दावन-चरितमें अनेक रसमयी कथाएँ
    हैं। उनमें से एक यह है कि श्रीराधारानी एकबार मान करके बैठ गयीं। श्रीकृष्णने बहुत मनाया, बहुत अनुनय-विनयकी लेकिन वे मानीं नहीं। तब श्रीकृष्णने एक युत्तिः की। उन्होंने अपने दो रूप बनाये। एक रूप तो बनाया भ्रमरका और एक अपने रूपसे उदास बनकर श्रीराधारानीके पास बैठ गये। भ्रमर जब श्रीराधा- रानीके पास पहुँचा तो उन्हें डर लगा कि यह काटेगा। भयके मारे वे श्रीकृष्ण के कण्ठसे लिपट गयीं। उनका मान टूट गया। भ्रमर अदृश्य हो गया ।
    यह जगत् इसी प्रकारकी जीव और ईश्वर की अनादि क्रीड़ा है। अक्षरात्मा जो जीव है, उसे पुरुषोत्तमसे प्रेम करना चाहिए । लेकिन यह उधरसे मुख फेरकर बैठ गया। तब भगवान् क्षररूप रखकर उसके सामने आये। यह क्षररूप जगत् विनाशी है, काटनेवाला-दुःख देनेवाला है। भगवान्ने यह रूप इसलिए लिया कि इससे डरकर अक्षरात्मा उनकी ओर देखे। यदि इस संसारमें दुःख, दारिद्रय जड़ता, मृत्यु न होती तो कौन इससे मुख फेरनेकी बात सोचता ?
    भगवान्ने दो रूप बनाये हैं- 'अन्तः पुरुषरूपेण कालरूपेण यो बहिः' भीतर हृदयमें वे पुरुषोत्तमके रूपमें विराजमान हैं
    और बाहर कालरूपमें हैं। बाहर सुखमें दुःख, जन्ममें मृत्यु, संयोगमें वियोग ऐसा घुलामिल। है कि इस जगत्में सुख-शान्ति नामकी कोई वस्तु ही नहीं है। 'जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना । जो फल लगेगा, वह गिर जायगा सड़ जायगा। जिसका अभ्युदय होगा, उसका विनाश अवश्यम्भावी है। संसारमें प्रत्येक वस्तुके साथ जन्म-मरण, बढ़ना-घटना, रहना और विकृत होना लगा है।
    उपनिषद्ने कहा- 'नात्र भोग्यं पश्यामि। हमने ढूँढ़कर देख लिया, जगत्में कोई वस्तु भोगके योग्य नहीं है। भोगमें गन्दगी और रोग मिला हुआ ही सर्वत्र मिलता है। यहाँ पाप-ताप- अपवित्रतासे रहित कोई भोग नहीं है। जीवनमें मृत्यु, संयोगमें वियोग, रागमें द्वेष, हर्षमें शोक मिले हुए हैं। यह संसारका स्वभाव है।
    जीव जब भगवान्‌के पाससे चलने लगा तो उसने प्रार्थना की- 'मैं जगत्में जा तो रहा हैं; किन्तु मुझे वहाँ आपकी मायामें फैंस जानेका डर लग रहा है।
    भगवान्ने कहा- 'पुत्र ! डरो मत। में तुम्हारी जन्म-कुण्डलो में ही यह स्थिर कर देता हूँ कि जबतक तुम मेरे पास लौट नहीं आते, तुम्हारे सुखमें दुःख, अखण्डतामें परिच्छिन्नता, ज्ञानमें
    मूर्खता, जन्ममें मृत्यु, सन्तोषमें असन्तोष, वृद्धिमें ह्रास मिला ही रहेगा। अतः तुम कहीं फंसकर बैठ नहीं सकोगे। यह भगवान्- की अपार कृपा है कि जगत्में दुःख ही अधिक है। यह व्यवस्था उन्होंने इसलिए की है, जिससे जीव यहीं उलझा न रह जाय ।
    प्रश्न: उपर्युक्त कथा का स्त्रोत क्या है और इससे तो पता चलता है की भगवान सर्व आकर्षक सिद्ध नहीं होते क्योंकि तभी तो जीव भगवान को छोड़कर भगवान के भोग्य की वस्तु से आकर्षित हो गया ।
    और ये जानना है की जीवात्मा को भगवान को प्रेम क्यों करना चाहिए था गोलोक अथवा वैकुंठ धाम में या आध्यात्मिक जगत में क्या वहा भी आजादी नहीं है जैसा कि कुछ वैष्णव कहते हैं कि वहा केवल भगवान भोक्ता है और सब भोग्य ? और अगर भगवान चाहते है की जीव केवल उनसे प्रेम करे तो उन्होंने जीव को ऐसा क्यों नहीं बनाया की वह केवल उन्हीं से प्रेम कre क्योंकि agr vah unse प्रेम नही करेगा तो उसे कष्ट मिलना तय है नहीं करेगा तो क्या यह जबरदस्ती नहीं है? अगर वह किसी और चीज पर दृष्टि डाल रहा है भगवद धाम में तो इसमें भगवान को क्यों आपत्ति हो गई ? क्योंकि जीव उनसे विमुख होकर वहां अन्य चीज से आकर्षित है या उसकी दृष्टि उधर थी उसने भगवान को प्रेम नहीं किया इसीलिए भगवान उसको क्षर माया का रूप धारण कर भयभीत कर रहे हैं सारी तकलीफ उसको दे रहे हैं क्योंकि उसने भगवान को प्रेम नहीं किया इसी कारण से तो वह भौतिक जगत में आया है वहां उसे प्रेम क्यों करना चाहिए था ये जबरदस्ती नहीं तो क्या है भगवान के भयावह क्षर रूप माया से डरकर इससे जीवात्मा उनको गले लगने के लिए मजबूर हो गया मतलब जीवात्मा उनको फिर से गले लग भी गया तो इसमें उनकी जीत कैसे है क्योंकि यह तो उन्होंने (भगवान ने) अपने ताकत के दम पर achieve किया है उसे डराकर तरह तरह की यातना देकर । उसे गले लगने पर मजबूर कर दिया

  • @reemadesai8532
    @reemadesai8532 13 วันที่ผ่านมา +1

    Hare Krishna. Pujya Bhaiji Maharaj ke charno me koti koti vandan❤

  • @UmaShankar-so8vl
    @UmaShankar-so8vl 14 วันที่ผ่านมา +1

    ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।🕉️🚩🙏

  • @nishibalasingh7231
    @nishibalasingh7231 14 วันที่ผ่านมา

    Krishnaye vasudevaya harye parmatmane pranat klesh nashaye govindaye namo namah 🙏🙏

  • @shatishkumarsrivastav6246
    @shatishkumarsrivastav6246 11 วันที่ผ่านมา

    जय ठाकुर मां!!पूज्य संत शिरोमणि भाई जी के चरणों की पावन स्मृति मेरी सादर प्रणाम!!

  • @UmaShankar-so8vl
    @UmaShankar-so8vl 14 วันที่ผ่านมา +1

    ॐ सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे। तापत्रय विनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नमः।🇮🇳🕉️🚩🙏

  • @luckyraghuvanshi2910
    @luckyraghuvanshi2910 12 วันที่ผ่านมา

    अति सुंदर 🙇🏻 बहुत बहुत साधुवाद 🙏

  • @shobhabisariya2190
    @shobhabisariya2190 13 วันที่ผ่านมา

    बहुत सुंदर बहुत अद्भुत सत्य सटीक ज्ञान वह भी स्वयं भाईजी की वाणी में सबको उपलब्ध कराने हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं सादर प्रणाम 🙏🙏💐🙌

    • @GyaanShila
      @GyaanShila  13 วันที่ผ่านมา

      जी धन्यवाद 🙏

  • @ShubhamSharmavrindavan
    @ShubhamSharmavrindavan 11 วันที่ผ่านมา

    जय हो भाईजी

  • @KrishnaYadav-p3w
    @KrishnaYadav-p3w 12 วันที่ผ่านมา +1

    ❤❤❤❤❤❤🎉

  • @drbindiyasehrawat2183
    @drbindiyasehrawat2183 14 วันที่ผ่านมา

    Jai Siya Ram 🙏

  • @sunainajaguri8395
    @sunainajaguri8395 12 วันที่ผ่านมา

    Bahut bahut dhanyavad 🙏🙏

  • @ramjibhaijivani6450
    @ramjibhaijivani6450 12 วันที่ผ่านมา

    🙏🌹 || જયસિયારામ || 🌹🙏
    4.7.24

  • @ShriKrishna11119
    @ShriKrishna11119 14 วันที่ผ่านมา

    HARE KRISHNA HARE KRISHNA KRISHNA KRISHNA HARE HARE HARE RAAM HARE RAAM RAAM RAAM HARE HARE 🌱🌹🙏

  • @amishakaushal6020
    @amishakaushal6020 14 วันที่ผ่านมา

    Bhot mehtavpuran dhanyawad

  • @shrisitaramjikijaiho7141
    @shrisitaramjikijaiho7141 12 วันที่ผ่านมา

    Jai jai pujya bhai ji maharaj
    Apka bahut bahut aabhar

  • @user-dx5sn7zt2s
    @user-dx5sn7zt2s 14 วันที่ผ่านมา

    राधे राधे

  • @ShashiGupta-bj2ju
    @ShashiGupta-bj2ju 14 วันที่ผ่านมา

    🙌🙌❤️❤️🙏🙏

  • @bharatajwani9956
    @bharatajwani9956 14 วันที่ผ่านมา

    ❤❤❤❤

  • @SureshSharma-ty7dx
    @SureshSharma-ty7dx 11 วันที่ผ่านมา +1

    👏👏👏👏👏📿🪔🌹🌹