मित्रों, दो बातों का स्मरण रहे| पहला यह कि इस सारे क्षेत्र में गोंड आदिवासी जितने भी हैं, वे मेघनाद और रावण को ही अपना पूर्वज मानते हैं और पूजते हैं| बाद में यहाँ के जो कुछ राजा रहे, उनके "पुलस्त्यवंशी" मुद्रित हुए सिक्के मिले हैं और आज भी देखे जा सकते हैं| दूसरा यह कि बांध वहीँ बनते हैं जहाँ पूर्व में ही कुछ सम्भावना होती है| 1978 में इस लंकासागर (बाणसागर) के एक तरफ बांध की जो दीवार बनी थी, उससे इस लंकासागर को थोड़ा विस्तार अवश्य मिला पर यह लंकासागर/बाणसागर कृत्रिम नहीं है, प्राचीन काल से ही विन्ध्य से सटा हुआ यह अत्यंत बड़ा गड्ढा था जिसे हमारे शास्त्रों में "पाताल गह्वर" कहा गया है| यहीं अगस्त्य मुनि ने इस "सागर" को पी लिया (अर्थात सुखा दिया था इसका जल निकालकर) था, कपिल मुनि जिस "पाताल गह्वर" में निवास करते थे और जहाँ उन्होंने सगर-पुत्रों को भस्म किया, वह यही "पाताल गह्वर" था, क्योंकि इस समुद्र के अधिष्ठाता राजा ने स्वयं को अयोध्या के चक्रवर्ती महाराज सगर का पुत्र स्वीकार कर लिया था, इस लिए उसकी और उसके इस जलक्षेत्र की संज्ञा "सागर" हो गई| इसलिए "सागर" इसी एक समुद्र विशेष का ही नाम है| फिर भगीरथ के प्रयास से ही अंततः इस "पाताल गह्वर" में शोणगंगा अवतरित हुई (अर्थात उनके पूर्वज और वह उसका पथ मोड़ कर उसे यहाँ ला पाए जिसमें 4 पीढ़ी बीत गई) जिससे उनके पूर्वज सगर-पुत्रों का उद्धार हुआ| शास्त्रों में एक पाताल-गह्वर में बहने वाली इस शोण-गंगा को ही सप्तम गंगा और भागीरथी कहा गया है| पुस्तक पढ़ें मित्रों, यह सभी कुछ मैंने बता रखा है|
Ravana's original Lanka is the South on 0.0 degree on the equator. Straight in the line of Ujjain. It is clearly mentioned in Valmiki Ramayana. Ramayana is not 3400 old don't lie. Even Adiguru Shankaracharya used to tell Original Lanka is in the South at 0.0 Equator.
Just like so, some even presume it to be in the Antarctic. This "south sea" (dakshin samudra) was at southern border of "Aryavarta", just next to the Vindhyachala Mountains.
मैं आपसे सहमत नहीं हूं, ग्रंथों में एक योजन की दूरी 12 किलोमीटर के बराबर वर्णित है। रामायण कालीन घटना आज की घटना नहीं है। हनुमान जी का उड़ना,स्वरूप बदलना यह सब योगिक सिद्धियों के कारण संभव था। रामायण कालीन घटना त्रेता युग में हुई थी। जो यह समय अवधि साडे 1700000 वर्ष पूर्व की आंकी जाती है। तब से लेकर पृथ्वी पर ना जाने कितने भौगोलिक परिवर्तन हुए होंगे? आपको अभी भी काफी रिसर्च करने की जरूरत है।
सर आपका अध्ययन और रिसर्च बिल्कुल सही लग रहा है। क्यों की श्रीलंका से मेरा एक दोस्त है और वो वहां की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है । और जब मैंने उनको रावण के बारेमे पूछा तो उन्होंने मुझे बताया की श्रीलंका में ऐसा कोई राजा था ही नही । लेकिन सिर्फ टूरीजम को बढ़ावा मिलने के लिए ये सब अफवाह फैलाई गई है ।
रामायण को हुए बहुत वर्ष हो गए हैं तब से अब तक भारत तिब्बत की ओर बढ़ता जा रहा है जिस कारण पुराने ग्रंथों के अनुसार दिशा से समझना थोड़ा मुश्किल हो रहा है।
Sir, we inspire you to make such a video, but have you ever questioned the existence of Allah or you do not have the courage to speak about him, you have questioned the existence of Hanuman ji. Just raise questions on your Abbahuzoor Allah
Nobody questioned the existence of Hamumanji. Just said that he didn't FLY through the sky. He went swimming to Lanka. The correct word used is LANGHAN
@@ancientindian jitne bhi refrence aapne diye hai is video me kya mujhe un sabhi ka link mil sakta hai ?? Or ha sir apne jis tarah hanuman ji ke udne pe sawal uthaya usi tarah allah ke udne wale ghode pe sawal uthayen aapse haath jod kar nivedan hai 🙏
@@ancientindian or sir aapne kaha ki MP ke shahdol me jo bansagar hai wo ravan ki lanka thi to srilanka ke log ravan ko apna purvaj kyu maante hai waha ho setu bana hua hai wo carbon dating me exact 7000 saal purana kaise nikla rameshwaram me aaj bhi floating stone hai waha to volcano ke koi saboot bhi nhi hai phir bhi pumice stone waha kaise bataiye iska koi counter ho aapke paas to
Sir ji valmiki ramayan me lanka ko samudra tat se 100 yojan bataya gaya he.. aur jo sinhl dvip ke pashchim me aur ziro akshansh pe sthit hai aur dusra ye ki rohitpuri(rohtank) aur ujjain se sidhi lakir jo ki us samy ka time zone tha us lakir ko samudra me sidha khincho to lanka ziro akshans pe milti thi aur jis ke pashchim me mali jo ki ravan ka mama tha uska tapu tha jo aaj male hai aur lanka jo ki dub chuki he jiske praman lakshvdivp samuh he jis ka pani gahera nahi aur vohi us lakir ke ziro akshans pe milti he.. jo ki aj bhi tapu uske praman dete he... Aur patal vagerah to aap ne gharme hi dikha diye kya bat he badhiya... Iska mtlab chaina vale svarg me reh rahe he.. Baki kashyap sagar, air somgiri bhi bhart me hi dikhado kisko fark padta he...
बहोत खूब सर, रामायण नामक ग्रंथ की सारी सत्यता सामने रखने के लिऐ | वाल्मिकी रामायण के अनुसार रावण संस्कृत बोल रहाथा जबकी श्री लंकामे द्रविड प्रजा है जो आज भी संस्कृत नही जानती | रामायण शंकाओ का भंडार है |आपने कूछ नया और तथ्यात्मक बताया है |
महोदय मैं आपकी बहुत सी बातों से सहमत हूं आपकी काफी बातें एकदम सत्य लग रही है लेकिन मेरे को एक सवाल का जवाब दीजिए आप ने बाणसागर को भूतपूर्व लंका सागर संबोधित करके सूचित किया है रामायण काल में इस बात का भी जिक्र है कि हनुमान जी ने महेंद्र पर्वत से 100 योजन की लंबी छलांग लगाई थी और उड़कर लंका पहुंचे थे और आपने अपने तर्क में यह लिखा है कि उस वक्त कोई मनुष्य उड़ नहीं सकता था यह सब काल्पनिक बात है तो हनुमान जी लंका कैसे पहुंचे थे उस पर प्रकाश डालिए
पहाड़ उठाकर लाने का अर्थ था बड़ा गट्ठर उठाकर लाना, गाँव गाँव लोग अपने पशुओं के लिए अपने खेतों से ऐसे बड़े बड़े गट्ठर बांध कर अपने सर पर रखकर लाते हैं। हरियाणा में आम बात है।
I think that while trying to sound factful, it is utter follishness to ignore the differnce between a sea (samudra) and a River (nadi) or a pond (talab). So, if lanka is surrounded by an aquatic pond and not a mighty ocean, then people making noncense claim should firstly provide a refernce to the water body that surrounded the Lanka. Secondly, Valmiki Ramayana describes the distance of Mahendragiri parvat (surrounded by water) from sea shore at a distance of 100 yojana, and , where 1 yojana is equal to 8 miles. So, if we consider that distance as the shortest distance from the shore to mahendraparvat, then also the water body must cover 800 miles on all side of the mahendra parvat. So, clearly in term of the size of the water body also, we can easily conclude that the location of mahendra parvat should be in the vicinity of the ocean.
1 Yojan is not 8 Miles but only 108 Feet. Watch the latest video on the channel. There is a book also that's talked abt in the video, if you care to read before making silly comments.
कल को आप कहेगे थाईलैंड मे जो अयोध्या है वो असली है , एक बड़े तालाब के बीच मे आप ने रावण का महल बनवा दिया, रावण जिंदा होता तो अपना ये अपमान देख कर आप को कच्चा चबा गया होता, हद्द है।
आर्यावर्त (बाद में उत्तरापथ) की दक्षिण सीमा पर स्थित दक्षिण समुद्र "सागर" कहलाता था, इसी विंध्य के संनिकट सागर में एक द्वीप था, जिसमें त्रिकूट पर्वत था। यह सभी बातें एकमात्र यहीं सिद्ध होती हैं। जो रामायण में कहा है मित्र वही तो बताया है। और फिर 100 km लंबी जलराशि को तलाब न कहो
Lanka Dakshin Disha Mein Tha Dakshin Disha Mein Ram Setu Hai Rameshwaram mein shrilanka hai Ravan ka mahal hai Ashok Vatika hai Pushpak Viman ke avshesh hai aur Sri Lanka Ke llogg Aaj Bhi Ravan ko Puchte Hain aur Khud Kahate Hain Hamara Raja Ravan tha Bharat Sarkar Aur shrilanka Ke Sarkar is baat ki pushti kar chuki hai Sri Lanka Lanka hai to aap kaun Hote ho ya jute batane wale
सर आपने उड़ने की कला को काल्पनिक कहा तो मैं आपको इस बारे में सिर्फ़ इतना कहना चाहूंगा कि आपको और रिसर्च की ज़रूरत है। अगर विज्ञान के हिसाब से विश्लेषण करोगे तो असंभव है। लेकिन कलयुग से पहले दिव्यास्त्र, शरीर को विशालकाय बनाने की कला, उड़ने की कला आदि सब थी। आज भी भारत मे ऐसे दिव्य गुप्त संत है जिन्हें पानी पर चलने की सिद्धि प्राप्त है। इस तरह जल्दी निष्कर्ष पर जाना और हनुमानजी की शक्तियों को काल्पनिकता से जोड़ना ग़लत है।
मध्यप्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र के 52 गढ़ गोंडवाना राज था। इन्हीं एक में तिरुमाल रावेन था। इसी कारण गोंड़ (आदिवासी) लोग रावण नहीं जलाते , बल्कि उसका पूजा करते हैं। गोंड इस धरती में मूलनिवासी है।जब कोई धर्म नहीं बना था तब से है।मोहन जोदड़ो हड़प्पा की लिपि और गोंडी लिपि में समानता है । दोनों ही लिपि दाएं से बाएं पढ़ा जाता है।जब धरती में सभी महाद्वीप एक साथ जुड़े थे ।उस दक्षिण भाग को एडुअर्ड सुएस ने गोंडवाना लैंड नाम दिया। गोंडवाना भु भाग आज के समस्त दक्षिणी गोलार्ध के अलावा भारतीय उप महाद्वीप और अरब प्रायद्वीप जो वर्तमान में उत्तरी गोलार्ध में है उसका उद्गम स्थल है।
Inhe haal filhal ke ghatnao ki jankari nahi chale hai itihas batane. In ko samudra aur jhil me antar nahi malum.Bana sagar lake kab bana inhe nahi malum.Valmiki Ramayan original hai aur sabse old hai unke anusar baat kare?
Bro DUNIYA ko galt information dana sa accha sa research kar lo kyu ki tu Hamara grantho ko galt prove kar raha ho to pahala accha sa security kar lo and plz DUNIYA ko galt mat batao and I recommend u to see kumar vishwas's video to get knowledge about Rammya .
तुम हिन्दू नहीं हो सकते, तुम्हे तो कुछ मालूम ही नहीं हमारे रामायण के बारे मे 🙄 ऐसा करो तुम तुम नया रामायण seriel बनादो, रामानंद सागर का रामायण तो तुम्हे कल्पना लगता है, तुम कलयुग का बाल्मीकि जी बन जाओ 😜
सर कृपया कर के रामायण जैसे हमारे धर्मग्रंथ के बारे में न शोध करे। बाकी वामपंथी और अन्य धर्मो के लोग कम थे कि एक आप भी आ गए अपना दिमाग लेकर। कृपया विश्व में अन्य धर्म भी है और उनके धर्मग्रंथ भी है हिम्मत है तो उनपर विडियो बनाकर दिखाईए तब आपको Ancient history के जानकार मान लेगे। जय श्री राम 🚩🙏
भाई यही सत्य लगता है। की आपने दिखायी गयी जगह। लंका नगरी होगी । श्रीलंका रावनकी लंका मन से नहि लगती। लेकीन आपने जो कहा है वानर, ऋक्ष की प्रजाती नही थी। ये स्पेशलीगलत बात है। हनुमान जी, भगवान महादेव जी के ग्यारहवेरूद्र के अवतार थे। वे अवकाश गमन कर सकते थे। तुम पुरातन युद्ध कला को नही जान सकते हो। क्या प्रमाण है आपके पास गलत कहने का। कलीयुग की जीवनशैली जडीभूत है। सूक्ष्मरूपसे नही जान सकते। रामायण एक गहरा संशोधन है। आप ईतनी ऊथलपुथल शोध से उसे प्रमाणीत नही कर सकते। हर हर महादेव🚩🚩🚩🚩🚩🚩
यह बात सत्य है की आज की श्रीलंका रावण की लंका नहीं है बल्कि यह सिंहल द्वीप है। पर यह लंका जो आपने बताई है यह पूरी तरह से फर्जी है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार आपके कोई भी तथ्य सही नहीं है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार लंका हिंद महासागर में स्थित मालदीव के आगे पूरी तरह से डूबा हुआ एक छोटा सा द्वीप डियागो गार्सिया को अनुमानित किया जा रहा है। जो कि सुग्रीव द्वारा बताई गई दिशा व दूरी के आधार पर अनुमानित है।
हो सकता है विंध्य पर्वत जो आज मौजूद है उसका नामकरण आधुनिक युग मे हुआ होगा 🤔 वरना सीता माता को वानर सेना इतने नजदिक चुटकीयो मे धुंड लेती. और इस तालाब मे पूल कि क्या जरुरत रही होगी वहा नाव से भी सेना पहूच जाती. नाव का आविष्कार तो तब हुआ ही होगा क्योंकी श्रीराम ने नदी पार करने के लिये केवट का सहारा लिया था इसका वर्णन रामायण मे है. सबसे मेन सवाल रावण को मुख्य भूमी आने के लिये विमान कि जरुरत थी. इतनी छोटी दुरी तो वह नाव से पार कर लेता और जमीन से रथ पर घुमता. विंध्याचल पर्वत एक तो केरल मे है या समुद्र मे डूब गया होगा वही से आगे लक्के द्वीप पर लन्का होगी जो द्वारका कि तरह समुद्र मे जलस्तर बढने से डूब गयी होगी. वर्तमान द्वारका जिस तरह असली द्वारका का नाम धारण किये हुए है और वहा के सब स्थान फर्जी या कॉपी किये हुए हो सकते है ठीक उसी प्रकार जब असली लन्का डुबी तब वहा से उसकी कॉपी सिंहल द्वीप (वर्तमान श्रीलंका )मे बनायी गयी हो 🤔
रावण के खच्चर जुते रथ को ही विमान कहा गया है। बेशक नाव होती थी, लेकिन सेना के पार उतरने जितनी नहीं। द्वारका का वीडियो भी देख लें मेरा कि डूबी हुई है कि नही
compare geological and tectonic plates movements for analysis...use of current world map to compare historical events itself is wrong, the position of tectonic plates and map during ramayana were different...also need to consider marine evidence and astronomical and astrological positions while doing the comparison...touching one dimension will not suffice...and people during ramayana, mahabharata and prior to that having different physical characteristics, they were born with mystical knowledge and skills and this is mention in geeta and other ancient scriptures...science did proved about quantum entanglement phenomena which is nothing but telepathy so we cant just blindly deny all probabilitie of skills people used to have then...
You are overthinking way too much, much outside the scope of human civilization on planet Earth which is limited to the Neolithic period (10,000 BC onwards). Techtonic plates shifting happens over millions of years.
राम जी का जन्म कोई पहली बार नहीं हुआ है कलयुग की समाप्ति के बाद फिर से सतयुग और त्रेता युग आते रहते हैं सत्ताविस कल्प के अंतर्गत यहां रावण की लंका हो सकती है अभी श्वेत वाराह कल्प चल रहा है रामायण सत कोटि अपारा यह शब्द का अर्थ है रामायण 100 करोड़ लिखी जा चुकी है अतः कल्प भेद में रामायण का वर्णन और किस कल्प में यहां लंका होगी उसका वर्णन ढूंढना कठिन है परंतु आपका शोध काबिले तारीफ है
रावण की लंका हिमालय क्षेत्र में था।। वाल्मीकि रामायण से हनुमानजी की लंका जाने की यात्रा का विस्तार पूर्वक वर्णन पढ़ रहा था। इससे कुछ तथ्य प्राप्त हुए। जिस महेंद्र पर्वत से लंका जाने को कूदे थे उसके आसपास देवता गंधर्व नाग यक्ष किन्नर आदि निवास करते थे। जिस समुद्र को पार किया वो एक झील थी जिसको इक्ष्वाकु डायनेस्टी के महाराज सागर द्वारा बढाया गया था। वही महाराज सागर जिन्होंने गंगा को स्वर्गलोक / हिमालय से धरती पर उतरने का संकल्प किया था और उनकी आगे की पीढ़ी के राजा भगीरथ द्वारा कार्य पूर्ण कर संपन्न हुआ। हनुमानजी को सागर के ऊपर से उड़ते हुए देवताओं किन्नरों यक्षों आदि ने देखा जिनका निवास हिमालय पर्वत का क्षेत्र हुआ करता था। लंका के बारे में कथा है की भगवान शिवजी ने माता पार्वती जी के लिए बनवाया था जिनका निवास कैलाश में है। इन सब बातो से निष्कर्ष निकलता है की रावण की लंका हिमालय क्षेत्र में ही कही विद्यमान था। और इसलिए हमुनाजी संजीवनी बूटी लाने का काम एक रात में कर सके ।। बाद में जब हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लोग भारत के अन्य भागों में जाकर बसने लगे तो पुरानी स्मृति को याद करते हुए उन स्थानों के नाम अपने पूर्ववर्ती निवास के नाम पर रखे इसलिए एक ही कथा से जुड़े स्थान कई जगह मौजूद होने की बात मिलती है जैसे हनुमान जी का जन्म स्थल कर्नाटक किष्किंधा में होने की बात कही जाती है वही नासिक में भी अंजनेरी पर्वत है वहां भी हनुमानजी के जन्म की कथा जुड़ी है जोकि त्रिमकेश्वर जाते समय रास्ते में पड़ता है। इसलिए रामायण काल का भूगोल भारत के अलग अलग हिस्सों में दिखाई देता है। पूरा डिटेल बाल्मिकी रामायण के सुंदर काण्ड में स्वयं पढ़कर तथ्यों की पुष्टि कर सकते है।
इतनी शीघ्रता से नही दीपक जी, ऐसा सोचना गलत है। महेंद्र पर्वत के संदर्भ में यक्ष देव गंधर्व वाली बातें तो अलंकार मात्र हैं। अयोध्या के दक्षिण में प्रयाग, प्रयाग के दक्षिण में विंध्याचल, विंध्याचल के दक्षिण पद पर लंका। अयोध्या प्रयाग और विंध्याचल स्पष्ट ज्ञात हैं ही।
What can I say about some other channel. You got to watch all the videos and decide for yourself by application of your mind. It's not a trivial question.
इस पर विश्वास करना मुश्किल क्या है कि रामायण सिर्फ 34 सौ वर्ष पहले हुई थी क्योंकि महाभारत ही 5000 साल पहले हुआ था तो रामायण उसके बाद नहीं हो सकती। अगर 34 00 इसा पूर्व भी मान लिया जाए तो भी यह काल अवधि कम लगती है🙏
भाई बहुत अच्छा विडीओ . आशा करता हूं की आप और भी ऐसे विडीओ बनाए. महाराज बली को वामन ने पाताल को भेजा था. पाताल में ही केरल आता है जहा बली को आदरपूर्वक पूजा जाता है.
Sir, ek chenal hai youtube me ( sattology) Usme VALMIKI RAMAYAN k adhar par bataya gya hai ki LANKA aue RAM SETU Aaj kidhar sustain karte hai.name is ( 12 proof of raven's Lanka) ( aap shayad galat jsnkari de rahe ho.) SATTOLOGY walo ka paks jyada majboot hai.
लंका मे सभी के सभी बोध आपना लिया है वहां सभी बोध है बोध ने कभी भी सनातन धर्म को माना ही नहीं आप लोगो सिर्फ और सिर्फ मूर्ख बनाते हैं बोधो ने कभी भी सनातन धर्म को माना ही नहीं फिर लंका के लोगों कैसे मानेगें कयों वो सब बोध धर्म आपना चुके हैं या वो किरीशचन बन गए हैं रही बात कितना समय हुआ है रामायण के हतिहास को सबसे बडा झुठ आप बोल रहे हैं की 3400 साल जबकी नाशा ने जब भगवान राम के जन्म की गृहों की उस समय जो चाल थी जब सोफटवेर मे डाला तो मिलान लगभग 7000 पिछे गया जबकी हम सनातनी तो इससे जयाद बताते है आप कह रहे है कि 5000 लोग 5 दिन कैसे सेतु बना सकते वो जो राम जी की सेना थी 5000 हजार नहीं लाखो की सखंया मे थी इसलिए झूठ मत फलाओ मुझे आप की बातो से लगता है की आप बोध धर्म के है क्यों की बोधो ने कभी नहीं माना सनातन को आप एक तरफ मान भी रहे हैं पर जनकारी गलत दे रहे हैं
The very mention of Maharishi Agastya - Agastya Ashrama and Arundhati devi in Valmiki Ramayana itself proves this "analysis" wrong. Their residence was much south into Dandakaranya. Don't mean to be rude but we cannot skip the descriptions quite vividly provided in the Valmiki Ramayana.
दूसरी बात सर रामायण का इतिहास 1400 वर्ष पुराना नही है। 864000 वर्ष तो द्वापर युग मे ही होते है और कलयुग के हाल में 5123 वर्ष बीत चुके है। ग़लत इतिहास मत पढ़ायें, विनती है।
Are you here to promote the Sattology channel? Have you read my book too? I have provided links. Feel free to post a comparison video on these books and their contents.
Vo pathar spongy coral type hote hain Mitr. Aur paani mein khub sara namak mila kar use aapko dikhaya jata hai ki wo tairta rahe. Jaise Israel ka dead Sea. Jab Lanka wahan hai hi nahi to Rameshwaram kaise hoga. Raam naam se pathar bhi tair sakta to babri masjid jaisi cheez bhi raam naam ke hote hue kaise banti? Vishwas karo, andh vishwas nahi. th-cam.com/video/TT-LH9KImLU/w-d-xo.html
bhaya apna gyan apne tak simit rakhe to achha hai, nasik nakli kishkindha nakli aur to aur rameshwaram bhi nakli wah... valmiki ramaya mein saaf saaf kaha hai samuder pe setu bana na ke kisi sagar nadi nale pe, 1 singhal dweep mein hi lanka thi jiska ki baad mein naam shri lanka kar diya, hamare yaha pehle hi bhram bahut hai , ek aap naye lekhak aa gaye hai, insaan bano video like ke lye bharam mat felaye
Bhaiyo, Ramayan mein TulasiDassji ne sury ki duri jo likhe hai exact vahi duri Aaj k scientist bhi bataye hai, koi bhi btade ki ramayan Aaj k 500 saal pahle,Baadshaah Akbr k samay me likha gaya hai. Us samay tulasidaas ji k paas koi instrument nahin tha jisase ve prithavi se sury ki duri naapen hon ,itne se hi samajhe hm sabhi hindu bhai ,
Your facts are wrong in consideration of yozan which you stated as 120 foot that's not correct check out valmiki ramayan for measuring yozan. Also valmiki has mentioned 8-9 islands with sinhala as well as lanka. Both may be separate at the time of ramayan, but there is one more thing, earths geographical locations have changed drastically and so of india's. There is a possibility that sinhala and lanka is merged in one to form srilanka. Also there is a mention of reshwaram as a jyotirlinga established by ram. You cannot deny this fact which is mentioned in so many books.
Earth's geographical locations CAN'T change drastically in few thousand years. It takes multi millions of years for that to happen. Ramayana was a very recent time period on that scale.
टोटल बकवास जो रामायण को श्री हनुमान जी के समुद्र लंघन को झूट कपोल कल्पित invented कहानी fantacy बता रहा है वो सिर्फ एक बेहरूपिया है जो उन नामके हिंदुओ को मूर्ख बनाने के लिय आया है जिन्होंने कभी शास्त्रों का अध्ययन नही किया 🤬🤬🤬😡😡👎👎👎
Thanks Lalit, I have put two words about myself in my book, download links in the video description. Rameshwaram is supposed to be a point on the north bank of Lankasagar, as per Ramayana, where Rama installed a shivlingam.
सर बहुत सी बातों से मैं हमेशा आपसे सहमत रहा हूँ मगर जो सवाल मेरे दिमाग में आते हैं वो मैं हमेशा आप तक पहुँचता हूँ जैसे कि हनुमान नें इतनी जल्दी इतनी दूर से संजीवनी कैसे लाये थे जो कि हिमालय में लाया गया है कैसे ये मुझे समझ नहीं आता। आप इस पर अपनी रिसर्च प्रकाशित करें।
हेल्लो शिवेश, मेरा अनुमान यह है कि हनुमान, जाम्बवंत के बतलाए हिमवंत, अर्थात ऋक्ष पर्वत (जो वर्तमान का अमरकंटक है, भागीरथी शोणगंगा और नर्मदा का उद्गमस्थल है और लङ्का के दक्षिण में स्थित है) जिसको उपमावश हिमवंत बताया गया है, के किसी शिखर से ही जड़ी-बूटियों का एक गट्ठर बाँध लाए होंगे जिसे पहाड़ कहा गया| क्योंकि जाम्बवंत स्वयं ऋक्ष जनजाति से थे और मूलतः ऋक्ष पर्वतक्षेत्र के निवासी थे, उन्हें अपने निकट के क्षेत्र की जड़ी बूटियों का ज्ञान अवश्य रहा होगा|
@@ancientindian मगर क्या इसका किसी सनातन ग्रंथ में कोई ऐसा प्रमाण मिलता है क्योंकि जहाँ तक मैं जानता हूँ सुषेन वैद्य ने जो बताया था वो हिमालय था और वहाँ से या तो सच में हनुमान संजीवनी लाये होंगे या कोई और बात हो।वैसे मैं आपको बहुत से रिसर्च से सहमत रहा हूँ मगर कुछ बातें मुझे अभी समझ नहीं आती आप से निवेदन है कि हम लोगों के लिए हीं सही आप अपना अध्य्यन जारी रखें और अधिकतम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमारे इतिहास पर प्रकाश डालें।बहुत से लोगों को नहीं समझ सकने के कारण भी सनातन धर्म मजाक और अविश्वास का पात्र रहा है और इसमें पढ़े लिखे लोगों का भी बड़ा तबका रहा है।मैंने खुद आपके रिसर्च को बहुतों तक पहुँचाया और समझाया है और मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस कार्य को जारी रखें।
मित्रों, दो बातों का स्मरण रहे| पहला यह कि इस सारे क्षेत्र में गोंड आदिवासी जितने भी हैं, वे मेघनाद और रावण को ही अपना पूर्वज मानते हैं और पूजते हैं| बाद में यहाँ के जो कुछ राजा रहे, उनके "पुलस्त्यवंशी" मुद्रित हुए सिक्के मिले हैं और आज भी देखे जा सकते हैं| दूसरा यह कि बांध वहीँ बनते हैं जहाँ पूर्व में ही कुछ सम्भावना होती है| 1978 में इस लंकासागर (बाणसागर) के एक तरफ बांध की जो दीवार बनी थी, उससे इस लंकासागर को थोड़ा विस्तार अवश्य मिला पर यह लंकासागर/बाणसागर कृत्रिम नहीं है, प्राचीन काल से ही विन्ध्य से सटा हुआ यह अत्यंत बड़ा गड्ढा था जिसे हमारे शास्त्रों में "पाताल गह्वर" कहा गया है| यहीं अगस्त्य मुनि ने इस "सागर" को पी लिया (अर्थात सुखा दिया था इसका जल निकालकर) था, कपिल मुनि जिस "पाताल गह्वर" में निवास करते थे और जहाँ उन्होंने सगर-पुत्रों को भस्म किया, वह यही "पाताल गह्वर" था, क्योंकि इस समुद्र के अधिष्ठाता राजा ने स्वयं को अयोध्या के चक्रवर्ती महाराज सगर का पुत्र स्वीकार कर लिया था, इस लिए उसकी और उसके इस जलक्षेत्र की संज्ञा "सागर" हो गई| इसलिए "सागर" इसी एक समुद्र विशेष का ही नाम है| फिर भगीरथ के प्रयास से ही अंततः इस "पाताल गह्वर" में शोणगंगा अवतरित हुई (अर्थात उनके पूर्वज और वह उसका पथ मोड़ कर उसे यहाँ ला पाए जिसमें 4 पीढ़ी बीत गई) जिससे उनके पूर्वज सगर-पुत्रों का उद्धार हुआ| शास्त्रों में एक पाताल-गह्वर में बहने वाली इस शोण-गंगा को ही सप्तम गंगा और भागीरथी कहा गया है| पुस्तक पढ़ें मित्रों, यह सभी कुछ मैंने बता रखा है|
Ravana's original Lanka is the South on 0.0 degree on the equator. Straight in the line of Ujjain. It is clearly mentioned in Valmiki Ramayana. Ramayana is not 3400 old don't lie. Even Adiguru Shankaracharya used to tell Original Lanka is in the South at 0.0 Equator.
Please enlighten me as to where the equatorial coordinates of Lanka are given by Ramayana or Adiguru Shankara. Share the shlokas.
सारी जाणकारी गलत है l रामायण महाभारत ठीक से पढीयें l
Sir old original Lanka of ravan is Maldives etc..see valmiki Ramayan it says 100 yojana from south india
Just like so, some even presume it to be in the Antarctic. This "south sea" (dakshin samudra) was at southern border of "Aryavarta", just next to the Vindhyachala Mountains.
You may be right...
मैं आपसे सहमत नहीं हूं, ग्रंथों में एक योजन की दूरी 12 किलोमीटर के बराबर वर्णित है।
रामायण कालीन घटना आज की घटना नहीं है।
हनुमान जी का उड़ना,स्वरूप बदलना यह सब योगिक सिद्धियों के कारण संभव था।
रामायण कालीन घटना त्रेता युग में हुई थी। जो यह समय अवधि साडे 1700000 वर्ष पूर्व की आंकी जाती है।
तब से लेकर पृथ्वी पर ना जाने कितने भौगोलिक परिवर्तन हुए होंगे?
आपको अभी भी काफी रिसर्च करने की जरूरत है।
बृजेश जी, एक योजन १०८ फुट का होता है। आप लास्ट की २ वीडियो देख लें। मैंने समझा और दिखा रखा है प्रमाण सहित
सर आपका अध्ययन और रिसर्च बिल्कुल सही लग रहा है। क्यों की श्रीलंका से मेरा एक दोस्त है और वो वहां की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है । और जब मैंने उनको रावण के बारेमे पूछा तो उन्होंने मुझे बताया की श्रीलंका में ऐसा कोई राजा था ही नही । लेकिन सिर्फ टूरीजम को बढ़ावा मिलने के लिए ये सब अफवाह फैलाई गई है ।
Ramayan sref 1400 years bol raha hai ye Gentle man. To samjhiye kitni sacchai hai unki bato mai
राम ने सौ योजन रामसेतु बनाया आपके इस राम सेतु की लंबाई क्या है
राम द्वारा बनाया गया रेत का शिवलिंग वह हनुमान द्वारा लाया गया शिवलिंग कहां है रामेश्वर का असली मंदिर कहां है ❤️
रामायण को हुए बहुत वर्ष हो गए हैं
तब से अब तक भारत तिब्बत की ओर बढ़ता जा रहा है जिस कारण पुराने ग्रंथों के अनुसार दिशा से समझना थोड़ा मुश्किल हो रहा है।
How u can adjust 100 yojan. Watch nilesh oak or sattology.
Sir, we inspire you to make such a video, but have you ever questioned the existence of Allah or you do not have the courage to speak about him, you have questioned the existence of Hanuman ji. Just raise questions on your Abbahuzoor Allah
Nobody questioned the existence of Hamumanji. Just said that he didn't FLY through the sky. He went swimming to Lanka. The correct word used is LANGHAN
@@ancientindian jitne bhi refrence aapne diye hai is video me kya mujhe un sabhi ka link mil sakta hai ?? Or ha sir apne jis tarah hanuman ji ke udne pe sawal uthaya usi tarah allah ke udne wale ghode pe sawal uthayen aapse haath jod kar nivedan hai 🙏
@@ancientindian or sir aapne kaha ki MP ke shahdol me jo bansagar hai wo ravan ki lanka thi to srilanka ke log ravan ko apna purvaj kyu maante hai waha ho setu bana hua hai wo carbon dating me exact 7000 saal purana kaise nikla rameshwaram me aaj bhi floating stone hai waha to volcano ke koi saboot bhi nhi hai phir bhi pumice stone waha kaise bataiye iska koi counter ho aapke paas to
Sir ji valmiki ramayan me lanka ko samudra tat se 100 yojan bataya gaya he.. aur jo sinhl dvip ke pashchim me aur ziro akshansh pe sthit hai aur dusra ye ki rohitpuri(rohtank) aur ujjain se sidhi lakir jo ki us samy ka time zone tha us lakir ko samudra me sidha khincho to lanka ziro akshans pe milti thi aur jis ke pashchim me mali jo ki ravan ka mama tha uska tapu tha jo aaj male hai aur lanka jo ki dub chuki he jiske praman lakshvdivp samuh he jis ka pani gahera nahi aur vohi us lakir ke ziro akshans pe milti he.. jo ki aj bhi tapu uske praman dete he... Aur patal vagerah to aap ne gharme hi dikha diye kya bat he badhiya... Iska mtlab chaina vale svarg me reh rahe he..
Baki kashyap sagar, air somgiri bhi bhart me hi dikhado kisko fark padta he...
Please watch latest video. Your confusion is due to not understanding the distance implied by the term YOJAN
बहोत खूब सर,
रामायण नामक ग्रंथ की सारी सत्यता सामने रखने के लिऐ | वाल्मिकी रामायण के अनुसार रावण संस्कृत बोल रहाथा जबकी श्री लंकामे द्रविड प्रजा है जो आज भी संस्कृत नही जानती | रामायण शंकाओ का भंडार है |आपने कूछ नया और तथ्यात्मक बताया है |
महोदय मैं आपकी बहुत सी बातों से सहमत हूं आपकी काफी बातें एकदम सत्य लग रही है लेकिन मेरे को एक सवाल का जवाब दीजिए आप ने बाणसागर को भूतपूर्व लंका सागर संबोधित करके सूचित किया है रामायण काल में इस बात का भी जिक्र है कि हनुमान जी ने महेंद्र पर्वत से 100 योजन की लंबी छलांग लगाई थी और उड़कर लंका पहुंचे थे और आपने अपने तर्क में यह लिखा है कि उस वक्त कोई मनुष्य उड़ नहीं सकता था यह सब काल्पनिक बात है तो हनुमान जी लंका कैसे पहुंचे थे उस पर प्रकाश डालिए
पहाड़ उठाकर लाने का अर्थ था बड़ा गट्ठर उठाकर लाना, गाँव गाँव लोग अपने पशुओं के लिए अपने खेतों से ऐसे बड़े बड़े गट्ठर बांध कर अपने सर पर रखकर लाते हैं। हरियाणा में आम बात है।
You are absolutely wrong... need more research...
I think that while trying to sound factful, it is utter follishness to ignore the differnce between a sea (samudra) and a River (nadi) or a pond (talab). So, if lanka is surrounded by an aquatic pond and not a mighty ocean, then people making noncense claim should firstly provide a refernce to the water body that surrounded the Lanka.
Secondly, Valmiki Ramayana describes the distance of Mahendragiri parvat (surrounded by water) from sea shore at a distance of 100 yojana, and , where 1 yojana is equal to 8 miles. So, if we consider that distance as the shortest distance from the shore to mahendraparvat, then also the water body must cover 800 miles on all side of the mahendra parvat. So, clearly in term of the size of the water body also, we can easily conclude that the location of mahendra parvat should be in the vicinity of the ocean.
1 Yojan is not 8 Miles but only 108 Feet. Watch the latest video on the channel. There is a book also that's talked abt in the video, if you care to read before making silly comments.
कल को आप कहेगे थाईलैंड मे जो अयोध्या है वो असली है , एक बड़े तालाब के बीच मे आप ने रावण का महल बनवा दिया, रावण जिंदा होता तो अपना ये अपमान देख कर आप को कच्चा चबा गया होता, हद्द है।
आर्यावर्त (बाद में उत्तरापथ) की दक्षिण सीमा पर स्थित दक्षिण समुद्र "सागर" कहलाता था, इसी विंध्य के संनिकट सागर में एक द्वीप था, जिसमें त्रिकूट पर्वत था। यह सभी बातें एकमात्र यहीं सिद्ध होती हैं। जो रामायण में कहा है मित्र वही तो बताया है। और फिर 100 km लंबी जलराशि को तलाब न कहो
Sir aap 3400 saal bol rahe hai aur Mahabharat ko 5000saal mante hai
Lanka Dakshin Disha Mein Tha Dakshin Disha Mein Ram Setu Hai Rameshwaram mein shrilanka hai Ravan ka mahal hai Ashok Vatika hai Pushpak Viman ke avshesh hai aur Sri Lanka Ke llogg Aaj Bhi Ravan ko Puchte Hain aur Khud Kahate Hain Hamara Raja Ravan tha Bharat Sarkar Aur shrilanka Ke Sarkar is baat ki pushti kar chuki hai Sri Lanka Lanka hai to aap kaun Hote ho ya jute batane wale
kisne kab aur kahan aisi pushti ki hai mitr? TV Serial waali mansikta se bahar nikal kar itihaas ko itihaas ki tarah padhoge to hi samajh payoge.
@@ancientindianth-cam.com/video/xPwH9RjPfn8/w-d-xo.html pura dikhiye tab aap samajh mein aayega kitne galat hai aap
@@ancientindian lagta hai aapko ravan ne aake bataya hai lanka ka address change hua hai.....
सर आपने उड़ने की कला को काल्पनिक कहा तो मैं आपको इस बारे में सिर्फ़ इतना कहना चाहूंगा कि आपको और रिसर्च की ज़रूरत है।
अगर विज्ञान के हिसाब से विश्लेषण करोगे तो असंभव है। लेकिन कलयुग से पहले दिव्यास्त्र, शरीर को विशालकाय बनाने की कला, उड़ने की कला आदि सब थी।
आज भी भारत मे ऐसे दिव्य गुप्त संत है जिन्हें पानी पर चलने की सिद्धि प्राप्त है।
इस तरह जल्दी निष्कर्ष पर जाना और हनुमानजी की शक्तियों को काल्पनिकता से जोड़ना ग़लत है।
इनमे से कोई एक कला तो जीवित होगी साहब? करोड़ो की जनसंख्या वाले विश्व में एक मनुष्य दिखा दो ऐसा कला-संपन्न
मध्यप्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र के 52 गढ़ गोंडवाना राज था। इन्हीं एक में तिरुमाल रावेन था। इसी कारण गोंड़ (आदिवासी) लोग रावण नहीं जलाते , बल्कि उसका पूजा करते हैं। गोंड इस धरती में मूलनिवासी है।जब कोई धर्म नहीं बना था तब से है।मोहन जोदड़ो हड़प्पा की लिपि और गोंडी लिपि में समानता है । दोनों ही लिपि दाएं से बाएं पढ़ा जाता है।जब धरती में सभी महाद्वीप एक साथ जुड़े थे ।उस दक्षिण भाग को एडुअर्ड सुएस ने गोंडवाना लैंड नाम दिया। गोंडवाना भु भाग आज के समस्त दक्षिणी गोलार्ध के अलावा भारतीय उप महाद्वीप और अरब प्रायद्वीप जो वर्तमान में उत्तरी गोलार्ध में है उसका उद्गम स्थल है।
Ramayan agar 3400 saal pehle huya tha toh mahabharat kab huya??
th-cam.com/video/PJJ0GDk7BZM/w-d-xo.html
ग़ज़ब कर दिया आपने। घर बैठे बैठे गूगल अर्थ और मैप से ही ऐतिहासिक खोज कर दी।
धन्यवाद मित्र, चैनल सब्सक्राइब करें और विडियो शेयर करें
Mahan admi h
Sir ye exact jagah konsi hai jahan Ravan ka mahal paani me dikh rha hai
Sir, aap ne hindus ke mind koodaa bhatkana chahate hai.
Sahi jankari ke liye Sattology channel pe jaye,Wo lanka aur Ramayan ke bare me sahi jankari hai.
Inhe haal filhal ke ghatnao ki jankari nahi chale hai itihas batane. In ko samudra aur jhil me antar nahi malum.Bana sagar lake kab bana inhe nahi malum.Valmiki Ramayan original hai aur sabse old hai unke anusar baat kare?
वास्तविकता लगती है क्योंकि रावण और दशरथजी का भी संघर्ष हुआ था जो आजके श्रीलंका से संपर्क असंभव था !
I don't know if it's real Lanka or not...But I appreciate your effort and presentation. Thanks for sharing your knowledge.
Completely wrong. There are proofs to prove your video wrong. Also I are contradicting your self. Give proof with what is stated in Valmiki Ramayan
Very good information given by u.... thanks for ur work
yes, very informative and correct presentation. i must thank you for coming forward with logical explanation of the topic.
In logon ko koi kaam nahi hai to yahi bhram faila Raha hai. Thoda sa bhi resurch Kiya nahi or khud ko archaeologist hi samajh liya.
Aap log like aur views ke liye kucch bhi bol dete ho.
Bro DUNIYA ko galt information dana sa accha sa research kar lo kyu ki tu Hamara grantho ko galt prove kar raha ho to pahala accha sa security kar lo and plz DUNIYA ko galt mat batao and I recommend u to see kumar vishwas's video to get knowledge about Rammya .
रामायण को हुए आज से लगभग 900000 वर्ष से भी ज्यादा हो चुके हैं सर जी आप क्या ज्ञान दे रहे हैं
हरिओम जी, इस समय तो मनुष्य आग जलाना मात्र सीख रहे थे, थोड़ा neolithic पीरियड के बारे में पढ़ें
Please Have A proper Study
तुम हिन्दू नहीं हो सकते, तुम्हे तो कुछ मालूम ही नहीं हमारे रामायण के बारे मे 🙄
ऐसा करो तुम तुम नया रामायण seriel बनादो, रामानंद सागर का रामायण तो तुम्हे कल्पना लगता है, तुम कलयुग का बाल्मीकि जी बन जाओ 😜
इतनी मिर्ची किस बात पर? मैंने वही बताया जो रामायण में लिखा है. थोड़ा ढंग से अध्ययन करोगे तो इसी निष्कर्ष पर पहुँचोगे.
सर कृपया कर के रामायण जैसे हमारे धर्मग्रंथ के बारे में न शोध करे। बाकी वामपंथी और अन्य धर्मो के लोग कम थे कि एक आप भी आ गए अपना दिमाग लेकर। कृपया विश्व में अन्य धर्म भी है और उनके धर्मग्रंथ भी है हिम्मत है तो उनपर विडियो बनाकर दिखाईए तब आपको Ancient history के जानकार मान लेगे। जय श्री राम 🚩🙏
Jai shree ram Mitr. Meri pustak mein jitni prachin sabhyata theen, unke timeline bhi de rakhi hai. Aap padhein. Videos bhi aayenge.
भाई यही सत्य लगता है। की आपने दिखायी गयी जगह। लंका नगरी होगी । श्रीलंका रावनकी लंका मन से नहि लगती। लेकीन आपने जो कहा है वानर, ऋक्ष की प्रजाती नही थी। ये स्पेशलीगलत बात है। हनुमान जी, भगवान महादेव जी के ग्यारहवेरूद्र के अवतार थे। वे अवकाश गमन कर सकते थे। तुम पुरातन युद्ध कला को नही जान सकते हो। क्या प्रमाण है आपके पास गलत कहने का। कलीयुग की जीवनशैली जडीभूत है। सूक्ष्मरूपसे नही जान सकते। रामायण एक गहरा संशोधन है। आप ईतनी ऊथलपुथल शोध से उसे प्रमाणीत नही कर सकते।
हर हर महादेव🚩🚩🚩🚩🚩🚩
सूर्योदय पश्चात अंधकार की सत्ता नही रहती मित्र
यह बात सत्य है की आज की श्रीलंका रावण की लंका नहीं है बल्कि यह सिंहल द्वीप है। पर यह लंका जो आपने बताई है यह पूरी तरह से फर्जी है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार आपके कोई भी तथ्य सही नहीं है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार लंका हिंद महासागर में स्थित मालदीव के आगे पूरी तरह से डूबा हुआ एक छोटा सा द्वीप डियागो गार्सिया को अनुमानित किया जा रहा है। जो कि सुग्रीव द्वारा बताई गई दिशा व दूरी के आधार पर अनुमानित है।
हो सकता है विंध्य पर्वत जो आज मौजूद है उसका नामकरण आधुनिक युग मे हुआ होगा 🤔 वरना सीता माता को वानर सेना इतने नजदिक चुटकीयो मे धुंड लेती. और इस तालाब मे पूल कि क्या जरुरत रही होगी वहा नाव से भी सेना पहूच जाती. नाव का आविष्कार तो तब हुआ ही होगा क्योंकी श्रीराम ने नदी पार करने के लिये केवट का सहारा लिया था इसका वर्णन रामायण मे है. सबसे मेन सवाल रावण को मुख्य भूमी आने के लिये विमान कि जरुरत थी. इतनी छोटी दुरी तो वह नाव से पार कर लेता और जमीन से रथ पर घुमता. विंध्याचल पर्वत एक तो केरल मे है या समुद्र मे डूब गया होगा वही से आगे लक्के द्वीप पर लन्का होगी जो द्वारका कि तरह समुद्र मे जलस्तर बढने से डूब गयी होगी. वर्तमान द्वारका जिस तरह असली द्वारका का नाम धारण किये हुए है और वहा के सब स्थान फर्जी या कॉपी किये हुए हो सकते है ठीक उसी प्रकार जब असली लन्का डुबी तब वहा से उसकी कॉपी सिंहल द्वीप (वर्तमान श्रीलंका )मे बनायी गयी हो 🤔
रावण के खच्चर जुते रथ को ही विमान कहा गया है। बेशक नाव होती थी, लेकिन सेना के पार उतरने जितनी नहीं। द्वारका का वीडियो भी देख लें मेरा कि डूबी हुई है कि नही
compare geological and tectonic plates movements for analysis...use of current world map to compare historical events itself is wrong, the position of tectonic plates and map during ramayana were different...also need to consider marine evidence and astronomical and astrological positions while doing the comparison...touching one dimension will not suffice...and people during ramayana, mahabharata and prior to that having different physical characteristics, they were born with mystical knowledge and skills and this is mention in geeta and other ancient scriptures...science did proved about quantum entanglement phenomena which is nothing but telepathy so we cant just blindly deny all probabilitie of skills people used to have then...
You are overthinking way too much, much outside the scope of human civilization on planet Earth which is limited to the Neolithic period (10,000 BC onwards). Techtonic plates shifting happens over millions of years.
bakwas video hai. ramayan 3400 saal purana bol rahe ho.
mahabharat 7500 saal purana hai aur ramayan 10000 years purana.
राम जी का जन्म कोई पहली बार नहीं हुआ है कलयुग की समाप्ति के बाद फिर से सतयुग और त्रेता युग आते रहते हैं सत्ताविस कल्प के अंतर्गत यहां रावण की लंका हो सकती है अभी श्वेत वाराह कल्प चल रहा है रामायण सत कोटि अपारा यह शब्द का अर्थ है रामायण 100 करोड़ लिखी जा चुकी है अतः कल्प भेद में रामायण का वर्णन और किस कल्प में यहां लंका होगी उसका वर्णन ढूंढना कठिन है परंतु आपका शोध काबिले तारीफ है
Book to download hi nhi ho rhi
Fixed, please try again.
रावण की लंका हिमालय क्षेत्र में था।।
वाल्मीकि रामायण से हनुमानजी की लंका जाने की यात्रा का विस्तार पूर्वक वर्णन पढ़ रहा था। इससे कुछ तथ्य प्राप्त हुए। जिस महेंद्र पर्वत से लंका जाने को कूदे थे उसके आसपास देवता गंधर्व नाग यक्ष किन्नर आदि निवास करते थे। जिस समुद्र को पार किया वो एक झील थी जिसको इक्ष्वाकु डायनेस्टी के महाराज सागर द्वारा बढाया गया था। वही महाराज सागर जिन्होंने गंगा को स्वर्गलोक / हिमालय से धरती पर उतरने का संकल्प किया था और उनकी आगे की पीढ़ी के राजा भगीरथ द्वारा कार्य पूर्ण कर संपन्न हुआ। हनुमानजी को सागर के ऊपर से उड़ते हुए देवताओं किन्नरों यक्षों आदि ने देखा जिनका निवास हिमालय पर्वत का क्षेत्र हुआ करता था। लंका के बारे में कथा है की भगवान शिवजी ने माता पार्वती जी के लिए बनवाया था जिनका निवास कैलाश में है। इन सब बातो से निष्कर्ष निकलता है की रावण की लंका हिमालय क्षेत्र में ही कही विद्यमान था। और इसलिए हमुनाजी संजीवनी बूटी लाने का काम एक रात में कर सके ।। बाद में जब हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लोग भारत के अन्य भागों में जाकर बसने लगे तो पुरानी स्मृति को याद करते हुए उन स्थानों के नाम अपने पूर्ववर्ती निवास के नाम पर रखे इसलिए एक ही कथा से जुड़े स्थान कई जगह मौजूद होने की बात मिलती है जैसे हनुमान जी का जन्म स्थल कर्नाटक किष्किंधा में होने की बात कही जाती है वही नासिक में भी अंजनेरी पर्वत है वहां भी हनुमानजी के जन्म की कथा जुड़ी है जोकि त्रिमकेश्वर जाते समय रास्ते में पड़ता है। इसलिए रामायण काल का भूगोल भारत के अलग अलग हिस्सों में दिखाई देता है। पूरा डिटेल बाल्मिकी रामायण के सुंदर काण्ड में स्वयं पढ़कर तथ्यों की पुष्टि कर सकते है।
इतनी शीघ्रता से नही दीपक जी, ऐसा सोचना गलत है। महेंद्र पर्वत के संदर्भ में यक्ष देव गंधर्व वाली बातें तो अलंकार मात्र हैं। अयोध्या के दक्षिण में प्रयाग, प्रयाग के दक्षिण में विंध्याचल, विंध्याचल के दक्षिण पद पर लंका। अयोध्या प्रयाग और विंध्याचल स्पष्ट ज्ञात हैं ही।
Where is ramsetu sir please explain it
@Abhishek Singh Rao naam ka youtube channel hai unke anusar lnka Andaman dweep k aas pas thi or ap bol re ki India me he thi
What can I say about some other channel. You got to watch all the videos and decide for yourself by application of your mind. It's not a trivial question.
तो फिर आज की लंका जिसे श्रीलंका कहते है वहा पे रावण की पूजा क्यों होती और वहा के लोगो को रामायण के बारे मे कैसे पता
Video mein sabhi baatein kahi hain, ek follow up video bhi aayega
इस पर विश्वास करना मुश्किल क्या है कि रामायण सिर्फ 34 सौ वर्ष पहले हुई थी क्योंकि महाभारत ही 5000 साल पहले हुआ था तो रामायण उसके बाद नहीं हो सकती। अगर 34 00 इसा पूर्व भी मान लिया जाए तो भी यह काल अवधि कम लगती है🙏
3320 years to be exact since the time of Ramayana war is 1299 B.C.E. and Mahabharata war is 827 B.C.E. pls read the book
भाई बहुत अच्छा विडीओ . आशा करता हूं की आप और भी ऐसे विडीओ बनाए. महाराज बली को वामन ने पाताल को भेजा था. पाताल में ही केरल आता है जहा बली को आदरपूर्वक पूजा जाता है.
Sir what is the reality of Pushpak viman of ravana
ये लोग जैन है ये सभी बाते जैन रामायण में 🙄 खुद के हिसाब से रामायण लिखना चाहते है
मैं तो विशुद्ध आर्य हूँ मित्र। और फिर जैन समाज भी तो हिंदू धर्म का एक पंथ रहा है। जैसे शैव, वैष्णव आदि। इसमें हिंदू-जैन आदि न करें।
Sir, ek chenal hai youtube me ( sattology)
Usme VALMIKI RAMAYAN k adhar par bataya gya hai ki LANKA aue RAM SETU
Aaj kidhar sustain karte hai.name is
( 12 proof of raven's Lanka)
( aap shayad galat jsnkari de rahe ho.)
SATTOLOGY walo ka paks jyada majboot hai.
Sattology channel is like a nursery student, I will cover them in a separate video
Aur video kab bna rhe ho rawan k mool niwas k bare me jaldi bnao sir
लंका मे सभी के सभी बोध आपना लिया है वहां सभी बोध है बोध ने कभी भी सनातन धर्म को माना ही नहीं आप लोगो सिर्फ और सिर्फ मूर्ख बनाते हैं बोधो ने कभी भी सनातन धर्म को माना ही नहीं फिर लंका के लोगों कैसे मानेगें कयों वो सब बोध धर्म आपना चुके हैं या वो किरीशचन बन गए हैं रही बात कितना समय हुआ है रामायण के हतिहास को सबसे बडा झुठ आप बोल रहे हैं की 3400 साल जबकी नाशा ने जब भगवान राम के जन्म की गृहों की उस समय जो चाल थी जब सोफटवेर मे डाला तो मिलान लगभग 7000 पिछे गया जबकी हम सनातनी तो इससे जयाद बताते है आप कह रहे है कि 5000 लोग 5 दिन कैसे सेतु बना सकते वो जो राम जी की सेना थी 5000 हजार नहीं लाखो की सखंया मे थी इसलिए झूठ मत फलाओ मुझे आप की बातो से लगता है की आप बोध धर्म के है क्यों की बोधो ने कभी नहीं माना सनातन को आप एक तरफ मान भी रहे हैं पर जनकारी गलत दे रहे हैं
Bhai saheb aap ka dimag kitna chota he .tum hindu ho ki muslim ho .ye pehle botao ,
आर्य हैं मित्र, मुस्लिम नही
Aapka dimag krb h sir kuki us yug mei log zyda advance ta technology mei
To kahan gyi vo technology sir? Dinosaurs tak to mitti se nikal chuke hain, ye aap wali advanced technology nikalni bach hui hai
The very mention of Maharishi Agastya - Agastya Ashrama and Arundhati devi in Valmiki Ramayana itself proves this "analysis" wrong. Their residence was much south into Dandakaranya. Don't mean to be rude but we cannot skip the descriptions quite vividly provided in the Valmiki Ramayana.
जो श्री लंका में रावण की लंका और डेढ़ बोड़ी जो कि एक ताबूत में दिखाई जा रही है हैं वो कया है उसके बारे मे भी बताओ
Setu banane wale koi manusya nahi the maharaj
bhai ren do ....facts k kmi hai aapke pas...islie aadhi knowledge se logo k vishwas ke sth mt khelie
आज का श्रीलंका रामायण काल का नही है आदित्य सत्संगी ने रिसर्च कर के बताए है नाशा के सहायता से !
Not satisfying bro.
Ek Dwipe ke under dusra dwipe kese ho sakta hai
Dweep just means a division. Read divided land instead of thinking of it as only an Island
Please show where was Lanka in the present map of india
रावण भी जनजाति आदमी था।
दूसरी बात सर रामायण का इतिहास 1400 वर्ष पुराना नही है।
864000 वर्ष तो द्वापर युग मे ही होते है और कलयुग के हाल में 5123 वर्ष बीत चुके है।
ग़लत इतिहास मत पढ़ायें, विनती है।
Please read a bit of geology and archaeology and tally your history with it to know the truth
U have to read one arrow one kill
Are you here to promote the Sattology channel? Have you read my book too? I have provided links. Feel free to post a comparison video on these books and their contents.
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तो तिरूवनंतपुरम में है क्या वह भी झूठ है 🤔 और वह पत्थर जो राम नाम लिखे होने के कारण डुबता नहीं है वह वहां आज भी है।🙏🙏🙏
Vo pathar spongy coral type hote hain Mitr. Aur paani mein khub sara namak mila kar use aapko dikhaya jata hai ki wo tairta rahe. Jaise Israel ka dead Sea. Jab Lanka wahan hai hi nahi to Rameshwaram kaise hoga. Raam naam se pathar bhi tair sakta to babri masjid jaisi cheez bhi raam naam ke hote hue kaise banti? Vishwas karo, andh vishwas nahi. th-cam.com/video/TT-LH9KImLU/w-d-xo.html
What about pushpak viman? What about Shiva ?
Read the book ishwar ki khoj mein
Read the book ishwar ki khoj mein
मनुष्य नही उड़ सकते लेकीन भगवान तो उड़ सकते है
Ram is Truth
सरकार को लिखे सरकार पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण कराये
100% sahi very super
आपकी लिखी पुस्तक प्राप्त कहाँ से हो सकती है ???
Free PDF download links available at Ramayana.com. Hindi book would be available at Amazon again in few days.
Sab Bekar Hai ye Sach Nahi Ho sakta hai original srilanka to Maldives ke niche ki taraf hai ....
bhaya apna gyan apne tak simit rakhe to achha hai, nasik nakli kishkindha nakli aur to aur rameshwaram bhi nakli wah... valmiki ramaya mein saaf saaf kaha hai samuder pe setu bana na ke kisi sagar nadi nale pe, 1 singhal dweep mein hi lanka thi jiska ki baad mein naam shri lanka kar diya, hamare yaha pehle hi bhram bahut hai , ek aap naye lekhak aa gaye hai, insaan bano video like ke lye bharam mat felaye
Where are u from
And have u been to this place
sorry sir...wrong info here..
for e.g. as far as i am concerned...pataal lok was situated in african subcontinent..
as far as you're concerned? lol can you substantiate that claim?
Nothing of indian history was outside the indian subcontinent.
@@ancientindian indian subcontinent includes many neighbouring parts as well...
@@nithingirish9752 poor li'l loling Harlequin..
Sir pehli baat to Hanuman ji koi insaan nahi the ye doubt clear kar lijiye ok
ho sakte hain... rahi ho... shows even you are not sure... Lanka may be somewhere near Equator and now under water due to rise in sea water.
Bhaiyo, Ramayan mein TulasiDassji ne sury ki duri jo likhe hai exact vahi duri Aaj k scientist bhi bataye hai, koi bhi btade ki ramayan Aaj k 500 saal pahle,Baadshaah Akbr k samay me likha gaya hai. Us samay tulasidaas ji k paas koi instrument nahin tha jisase ve prithavi se sury ki duri naapen hon ,itne se hi samajhe hm sabhi hindu bhai ,
भैया कलयुग की अवधि 4लाख32हजार है और हरयुग इसका दुगना है और रामायण तिरेता युग की घटना है और आप रामायण को 3400साल का ही वता रहे हो
Your facts are wrong in consideration of yozan which you stated as 120 foot that's not correct check out valmiki ramayan for measuring yozan. Also valmiki has mentioned 8-9 islands with sinhala as well as lanka. Both may be separate at the time of ramayan, but there is one more thing, earths geographical locations have changed drastically and so of india's. There is a possibility that sinhala and lanka is merged in one to form srilanka. Also there is a mention of reshwaram as a jyotirlinga established by ram. You cannot deny this fact which is mentioned in so many books.
Earth's geographical locations CAN'T change drastically in few thousand years. It takes multi millions of years for that to happen. Ramayana was a very recent time period on that scale.
Aaj ke samay me kis rajya me hai ye
Excellent video. Superb analysis.
Glad you liked it!
Nice information.. Thank you.. Sir..
Listen Sattology.Real Lanka is in Maldivas
टोटल बकवास जो रामायण को श्री हनुमान जी के समुद्र लंघन को झूट कपोल कल्पित invented कहानी fantacy बता रहा है वो सिर्फ एक बेहरूपिया है जो उन नामके हिंदुओ को मूर्ख बनाने के लिय आया है जिन्होंने कभी शास्त्रों का अध्ययन नही किया
🤬🤬🤬😡😡👎👎👎
Apke is map me rameshvar kaha hai jaha shree ram ne svayam ling ki sthapna ki thi.
Katha kahaaniya ye hai...wo nahi jo dikhaye gaye serial mein...usme tej aur shakti thi....apni pooch badhana ye sab bhakti se milti hai...
ye jjut bol raha hai asli lanka maldiv ke pass hai sattology ke research video dekhlo pata chal jayega
👌🏽👌🏽👌🏽
Sir together we will establish Ram Rajya 🙏
Gajab ki jaankaari . Nice one.
ये लोग खुद महावीर की मूर्ति जमीन में दबाते हैं फिर इन्हीं के बच्चे मूर्ति निकाल कर लोगों को दिखाते हैं कि देखो जैन धर्म 5000 साल पुराना है
Koshish achhi ka rhe pr dishahin...
Amazing video sir.
Want to know about you and how can you reach at this point & history of rameshwaram temple???
Thanks Lalit, I have put two words about myself in my book, download links in the video description. Rameshwaram is supposed to be a point on the north bank of Lankasagar, as per Ramayana, where Rama installed a shivlingam.
Sir ayodya kaha eesthit tha
Ayodhya wahin hai jahan shuru se chali aa rahi hai. Vartmaan Ayodhya
सर बहुत सी बातों से मैं हमेशा आपसे सहमत रहा हूँ मगर जो सवाल मेरे दिमाग में आते हैं वो मैं हमेशा आप तक पहुँचता हूँ जैसे कि हनुमान नें इतनी जल्दी इतनी दूर से संजीवनी कैसे लाये थे जो कि हिमालय में लाया गया है कैसे ये मुझे समझ नहीं आता। आप इस पर अपनी रिसर्च प्रकाशित करें।
हेल्लो शिवेश, मेरा अनुमान यह है कि हनुमान, जाम्बवंत के बतलाए हिमवंत, अर्थात ऋक्ष पर्वत (जो वर्तमान का अमरकंटक है, भागीरथी शोणगंगा और नर्मदा का उद्गमस्थल है और लङ्का के दक्षिण में स्थित है) जिसको उपमावश हिमवंत बताया गया है, के किसी शिखर से ही जड़ी-बूटियों का एक गट्ठर बाँध लाए होंगे जिसे पहाड़ कहा गया| क्योंकि जाम्बवंत स्वयं ऋक्ष जनजाति से थे और मूलतः ऋक्ष पर्वतक्षेत्र के निवासी थे, उन्हें अपने निकट के क्षेत्र की जड़ी बूटियों का ज्ञान अवश्य रहा होगा|
@@ancientindian मगर क्या इसका किसी सनातन ग्रंथ में कोई ऐसा प्रमाण मिलता है क्योंकि जहाँ तक मैं जानता हूँ सुषेन वैद्य ने जो बताया था वो हिमालय था और वहाँ से या तो सच में हनुमान संजीवनी लाये होंगे या कोई और बात हो।वैसे मैं आपको बहुत से रिसर्च से सहमत रहा हूँ मगर कुछ बातें मुझे अभी समझ नहीं आती आप से निवेदन है कि हम लोगों के लिए हीं सही आप अपना अध्य्यन जारी रखें और अधिकतम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमारे इतिहास पर प्रकाश डालें।बहुत से लोगों को नहीं समझ सकने के कारण भी सनातन धर्म मजाक और अविश्वास का पात्र रहा है और इसमें पढ़े लिखे लोगों का भी बड़ा तबका रहा है।मैंने खुद आपके रिसर्च को बहुतों तक पहुँचाया और समझाया है और मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस कार्य को जारी रखें।
क्या अयोध्या असली स्थान है , या पख्तुनी स्थान स्थित है ?
Ekdum asli hai, saryu nadi ke tat par sthit yahi ayodhya purantan ayodhya hai.
To ye batao kitna yojan hai ye
Khatam ta ta.. Bye bye.. 😁