चोंगा भाई, वंदना ताई, रिशू और बड़के भईया की चिट्ठी सुनकर दिल बाग बाग हो गया। "शुक्ला जी! ये लड़का खामोश बहुत बढ़िया गाता है हम इसको जानते हैं।" खान चा आपका एक शॉर्ट्स बनना चाहिए इस गाने के रिएक्शन पर। कोई मुझे दे दे जहर ❤
00:06:00 - राज्यसभा चुनाव में अंतरात्मा की आवाज़ और क्रॉस वोटिंग का थ्रिल 00:12:39 - विधायकों-सांसदों का मेन काम और सुखविंदर सिंह सुक्खू की वापसी 00:17:28 - फैमिली के ट्रेवल एजेंट और सोलो ट्रिप के मज़े 00:19:52 - नालसरोवर के फ्लेमिंगो और गुजरात की तीखी चटनी 00:30:09 - लोग ग्रुप में क्यों ट्रेवल करना पसंद करते हैं 00:31:35 - सोलो ट्रिप पर आदमी अपने आप को जानने से क्यों डरता है 00:33:13 - कैलकुलेटर का भौकाल, ग्रुप में घूमने के नुक़सान और जंगल में घूमने के क़िस्से 00:50:30 - ट्रेनों और बसों में अकेले यात्रा करने का रिस्क और किए गए नाटक 00:57:40 - सरदार को बड़े संपादक की सलाह और लिखने के लिए घूमना क्यों ज़रूरी 01:01:58 - नेचर क्या सिखाता है और रात का समंदर इतना डराता क्यों है 01:08:18 - सोलो ट्रिप के अचीवमेंट्स और एक जैसे दोस्त 01:15:26 - बिज़ारोत्तेजक ख़बर में ज़िंक के लिए कई सिक्के और मैगनेट निगलने वाला पट्ठा 01:19:48 - जिम में फिट लोग क्यों जाते हैं और जिम से ऊपर उठ चुके लोग 01:23:09 - साल के पहले दिन जिम का नज़ारा और रुपये खाने वाले इंसान 01:29:04 - शरीर में शराब का असर कम कर देने वाली चमत्कारी गोली 01:37:10 - और आख़िर में प्रिय तीन तालियों की प्रेमपूर्ण चिट्ठियां
Jai ho teen taliyoooo..... Kuldeep bhaiya i am thinking about starting a rebellion with demand of some more episodes with SHAMS SIR and OUR BELOVED SARPANCH. Gul sang ki kahani sunne k liye kaan taras gye h. Khan Cha apne kha ki aap reply karenge toh please bataiye ki aapke jaisi bindaas zindagi jeene k liye kya krna hoga? Love u all 3000 times...
एक शिकायत है: ख़ान चा के मुखारबिंदु से निकले कुछ मोती जैसे असंसदीय शब्दों पर बीप लगा देते हैं और पूरे के पूरे शब्द पर; कम से कम एक अक्षर आगे का और एक अक्षर पीछे का तो रहने दिया कीजिए महाराज जिससे वाक्य का तासीर बनी रहे। वैसे मज़ा बहुत आ रहा है। जय हो जय हो जय हो ❤
Writing from Poland, Abi tak ka mera fav podcast hai TEEN TAAL , bhhute badiya episode that , Haathi ke bache ki awaz, Khancha ki story telling wah . Jai ho jai ho
Khancha ka tt bebak budhwar main aana ek dam kamaal tha Or downto earth word to apne teeno bandarveero (Prem se) ko dekh kr hi bna hai Baki Aaj saniwar ko invite Kiya tha Khan cha par koi na Aap log shandar saniwar main bhi kbhi kbhi aay ek dam mje hi mje moment ho jyega Baki bas enjoy kr rhe hai radio (podcast) or baki sabhi teen taaliyo ka saath bhi Thanks Aaj tk radio Jai ho -Daau
@@KHAMOSH_CHONGA haa link to bheja tha khancha ko par koi na is baar busy honge Ab aayenge sardar tau khancha teeno ko shandaar saniwar main ana hi hai is baar
चोंगा भाई हम सबके बड़े प्रिय है और बहुत खूबसूरत गाते है खान च को कोई लाओ पीर बाबा का पानी खामोश खान च को ले गए फिर पीछे आज नए लोगो के लिए नवम्बर और अड्रेस नहीं बताये सरदार 😂😂😂
Khan cha. Entertainers, story tellers and entertainers rule the world. Ye hamesha se chala Aa raha hai. Chacha u are great. Main itna kab last time hasa tha Yaad Nahi mujhe.
शानदार episode 🙏🏻 ताऊ, सरदार और खां चा को सादर प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 आज का तीन taal बहुत ही funny और जानकारी से भरपूर था.. खान चा के किस्से आये हाए😍...सीधे दिल मे उतर जाते है और गुदगुदाते रहते है.. ताऊ के dialogue हमेशा की तरह शानदार थे.. सिक्कों और चुम्बक पर हुई चर्चा कमाल की थी... ऐसे ही हमेशा ख़ुश रहिये और हमें भी ख़ुश रहने का मौका देते रहिये.. जय हो 🙏🏻जय हो 🙏🏻जय हो..🙏🏻
Jai ho jai ho jai ho.... Jitna mazaa babaa ko sunke aataaa ab utna hi maarak mazaa khan chaaa ko sunke aanaa lgaaa h.....sabhi teen taaliye agr sehmat ho toh khan chaaa ko permanent kr denaa chaiye...... Best part of this episode is langur fenk kr maar rhaa tha aur sardaar ka haathi ke bacche ka translation 😂😂 Peechli baar 100th episode k celebration me nhi aa skaa tha, 50th episode pr kuch badaa kijiye....aur baba ko b bulaiye....aap sbse rubaroo ho skenge....🙏 Jai ho
Khan cha , Tau and Sardar : इस बार का तीन ताल ऑफिस आते जाते ड्राइव में सुनता हूं, आज सिग्नल में जब खान चा की कहानियां सुन के मैं मुस्कुरा रहा था ट्रैफिक पुलिस वाला भी मुसकाया, आप सब के दिए ज्ञान से बहुत से अज्ञानियो का उद्धार चालू है, आप सब को बहुत सारी शुभकामनाए खुशियां फैलाते रहिए
Tau, Asif bhai aur Kuldeep bhai ko saadar Pranam. Main aapka naya naya cooler ya AC bana hoon. Saat Samundar paar India ke "Not so friendly country" Canada main rahta hoon aur vahin ka Naagrik ban gaya hoon aur Teen Taal hi sunta hoon, aur sab podcast sunna chor diya hai...Mere paas sabd nahin ye batane ke liye ki mujhe ye show kitna achha lagta hai. Tau to assem saagar hai gyan ke, pata nahin hame kitni baar aur janam lena padange tau ke barabar gyan arjit karne ke liye. pichle 20 din se sunna suru kiya hai, season two main Baba ko bahut miss karta hoon par google kiya to pata chala ki Baba to ab kisi aur channel main chale gaye hain...par chaaliye koi baat nahin, Assif bhai aur Jamshed Bhai kami hone nahin dete hain...Dono hi bahut achhe hain. Over all, dhanya ho gaya main Teen Taak sunke. Dhaynbad aap sabhi logon ka. Jai Ho, Jai Ho, Jai Ho.... Aaabhar, Aapka apna @rahulBadayuni
Din somvaar, shaam ke 9 baje hai, aur mai Finland ke jis company ke liye remotely kaam krta hu waha lagbhag shaam ke 5:30, ji ha ab meri aaj ki chhuti hone ko hai...... Saturday aur Sunday ko teen taal miss kr diya to aaj office hours me he teen taal chala hai......aur iss experiment se mujhe ye pta chala ki ...office ka kaam krte krte teen taal suna ja sakta hai.....haa! mai productive kitna raha ye mere team lead jaane😅......... laptop band krte hue ab mai apne bed par pasar gya hu...aur dheere dheere takiya ka anesthesia apna kaam krna shuru kr rha hai......mota kambal ab hatt gya hai aur uske jagah ab patle chadar ne le li hai....takiya, chadar aur teen taal , jee ha mai aa chuka hu apne comfort zone me...aur kuch iss tarah aaj maine shuru kiya teen taal ke season2 ka ektaalishwa episode...taau, sardar aur khan cha ke sath. Jai ho jai ho jai jo
ताऊ सरदार और खान चा को प्रणाम। आज के एपिसोड में बड़के भैया का वर्तमान ठिकाना पूछा गया। बताना चाहूंगा की बकौल चिट्ठी, मैं लखनऊ से मुंबई आ चुका हूं। वाया गाजियाबाद , दिल्ली एंड गुरुग्राम इसलिए लिखा क्योंकि बीच में गाजियाबाद में पढ़ाई, गुरुग्राम में नौकरी और दक्षिणी दिल्ली में ठिकाना रहा है 😊
Khan cha ki kahaniyo pe Jungle book ka naya edition chap sakta hai. Aapke Noida/Delhi k fans k liye koi meetup ka aayojan kariye.khoob jumega rang jub mil baithenge teen taali,peer baba ka dum paani aur haan shimla mirch ka bilkul upyog nahi hoga.
Bhai saab, Tinde ki sabse nazdigi similarity is amrood, mera bhanja 5 saal ka tha aur meri behan tinde kaat Rahi thi aur Vineet ne bola 'wow amrood, aur woh 5 -6 tinde kache kha Gaya aur meri behan ne khane bhi Diya" mujh ye laga ki meri bahen chahti thi ki jitne tinde ye khaye ga utne he Kam Bane ge aur mein achaar se kha loongi but Tinde nahi chaiye 😊😊😊😊
तीन ताल की तीनों तितलियों(male) को जय हो। ये मेरा पहला कमेंट है, चिट्ठी लिखने की भी सोच रहा हूं लेकिन आलसी आदमी हूं, खैर। मैं एक बार मैं दिल्ली जा रहा था बस से, रेख्ता अटैंड करने। बस लगभग सात आठ घंटे चलने के बाद कहीं रुकी। मैंने जूते बैग में रख लिया था और चप्पल पहन कर बस पर चढ़ा। मैंने चप्पल उसी दिन खरीदें थे और अच्छे खरीदें थे क्योंकि मुझे किसी और के घर पर रुकना था तो थोड़ा सा अपने औकात से ज्यादा का चप्पल था, लेकिन ऐसा भी नहीं कि कोई चोरी कर ले, चोरी हुआ भी नहीं। बस स्लीपर थी मैं ऊपर वाले बर्थ पर सोया हुआ था और चप्पल नीचे वाले सीट के नीचे था हालांकि की मैं ऊपर वाले बर्थ पर जाने से पहले ये सोच रहा था की चप्पल को ऊपर ले लूं लेकिन सोचा चप्पल तो चप्पल है, नीचे वाले सीट के नीचे खसका दिया।बस रुकी तो भी मैं सोया ही रह गया, नींद खुली तो मैं नीचे उतरा अब चप्पल नहीं अचानक खयाल आया और अंदर से मुजफ्फरपुर जाग गया और मन से एक शब्द आया( ले लोटा) मतलब गया। खैर मन मरोड़ कर नीचे उतरा पेशाब करने ढाबा के वाशरूम में गया। लगातार यही सोच रहा था की चप्पल ऊपर ही रख लेते। मैं कार्यक्रम (पेशाब) खत्म करके बाहर निकल ही रहा था कि एक लकड़ा अंदर घुस ही रहा था अचानक मेरी नज़र नीचे गई, मैं ठिठका पहले निश्चित किया कि ये मेरा ही चप्पल है क्योंकि उसे वो बहुत बड़े हो रहें थे। मुझे आ गया गुस्सा, तबतक वो अपना कार्यक्रम शुरू कर चुका था। मुझे इतना गुस्सा आया था कि मैंने उसे चलते कार्यक्रम में पीछे से ऐसा झापड़ मारा की उसका कार्यक्रम( पेशाब) छीटा छीटा हो गया। बहुत कुछ बिप वाला शब्द कहने के बाद मैंने उससे अपना चप्पल छीना। चप्पल को ख़ूब अच्छे से धोया फिर पहना और बाहर आया। कमाल की बात ये थी वो लड़का समूह (चार लड़के) में था, उसने बाहर आकर अपने समूह को सुचित किया. उसका समूह मेरा इंतजार कर रहा था, वो लोग लगातार कुछ बड़बड़ा भी रहें थे लेकिन मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। एक आंटी ने बताया की बेटा जी ये लोग आप ही को गाली दे रहें हैं। मैं उनकी की तरफ मुड़ा, वो लोग मेरे नज़दीक आए और चारों कुछ न कुछ बोल रहें थे। मैंने उनको सॉरी भी बोला और समझाया की भाई मुझसे गलती हो गई। लेकिन वो समूह में होने का फायदा उठा रहे थे कुछ बढ़ कर बोले जा रहें थे। समूह में होने के बावजूद भी वो मेरे बराबर नहीं थे। उनमें से एक ने मेरा t-shirt पकड़ कर खींच दिया फिर भी मैं उनको कुछ नहीं करता लेकिन वहां जो लोग थे, देख रहें थे। मुझे लगा ये देखने वाले भी समझ रहें है कि अब कुछ होगा। लेकिन मैं करना नहीं चाह रहा था। लेकिन वो चारों मान ही नहीं रहें थे फिर मैं जाने लगा , उसमें से एक ने पीछे से कुछ ज्यादा ही अश्लील शब्द का प्रयोग किया। फिर मैं मुड़ा और जिस तरह मैंने चप्पल धोया था उसी तरह उनको भी धोया। और चौड़ में जाकर चप्पल उन्हीं के सीट के नीचे चप्पल सरकाई और ऊपर जाकर लेट गया। ये पहला सोलो ट्रिप था उसमें ही पेलम पट्टी हो गई उसके बाद मैं भी समूह में ही ट्रिप पर जाता हूं।
Mujhe lagta hai ab naye logo ki chittiya kam li jaa rhi hai. Jo jaane maane chehre hai unhi ki chittiya li jaa rhi hai. Qki November se lagatr msg karne baad bhi chitti ni li gyi
1 - Pche jo ladki ki photo h wo tedi h, use sidha karo. or 2 - Sabhi ko tea ya coffee cup m do.. ek ko paper cup diya h or ek tau ko proper mug. ese bhedbhao mat karo yaar.
Ji aap jaise log aur aap jaise logo ka jamana aur aap jaise logo ka creativity se Paisa kamana hmari taraf se shubhkamnaye hai bs yaha mat gandh failaea wahi jamane ke gyan wali
इस कार्यक्रम को सुनने वालों में छोटे बच्चे, महिलाएं, गृहणियां एवम वरिष्ठ लोग भी हैं। सभी लोग इसको परिवार के साथ सुनने में सहज महसूस करें। इसलिए थोड़ा edit करना पड़ता है
प्लीज आप लोग ' पत्रकारिता as a profession' पर कभी बात कीजिए। क्योंकि मुझे इससे पहले पत्रिकारिता के बारे में न जानकारी थी इसलिए ना ही कोई इंक्लिनेशन। आप सब लोगों की बातें सुनकर लगता है की कितनी जिंदगी जिए है ताऊ, खान चा, मंजले भैय्या आणि सरदार भी। और फिर लगता है की हमने बेकार ही भिड़ में सायंस कर लिया और और अब बिलकुल ही मन 'न' लगने वाली नोकरी कर रहे है। की काश जर्नलिज्म पढ़ लिए होते फिर शायद वो कर पाते जो करना चाहते है। जैसे खूब किताबे पढ़ना, बड़े लोगों के मिलना, वो क्यों बड़े बने वो समझना, देश दुनिया घुमना, बहुत कूछ लिखना, वगैरा वगैरा। क्या ये मेरा पत्रकरिता के प्रति fascination सही भी है, या ये भी एक जॉब ही है मन मारकर करने वाला? बहुत सारा प्यार सबको 💕 झेंडू ठाकरे फिलहाल पुणे में, लेकिन जड़े धुळे से, महाराष्ट्र
तीन ताल की तीनों तितलियों(male) को जय हो। ये मेरा पहला कमेंट है, चिट्ठी लिखने की भी सोच रहा हूं लेकिन आलसी आदमी हूं, खैर। मैं एक बार मैं दिल्ली जा रहा था बस से, रेख्ता अटैंड करने। बस लगभग सात आठ घंटे चलने के बाद कहीं रुकी। मैंने जूते बैग में रख लिया था और चप्पल पहन कर बस पर चढ़ा। मैंने चप्पल उसी दिन खरीदें थे और अच्छे खरीदें थे क्योंकि मुझे किसी और के घर पर रुकना था तो थोड़ा सा अपने औकात से ज्यादा का चप्पल था, लेकिन ऐसा भी नहीं कि कोई चोरी कर ले, चोरी हुआ भी नहीं। बस स्लीपर थी मैं ऊपर वाले बर्थ पर सोया हुआ था और चप्पल नीचे वाले सीट के नीचे था हालांकि की मैं ऊपर वाले बर्थ पर जाने से पहले ये सोच रहा था की चप्पल को ऊपर ले लूं लेकिन सोचा चप्पल तो चप्पल है, नीचे वाले सीट के नीचे खसका दिया।बस रुकी तो भी मैं सोया ही रह गया, नींद खुली तो मैं नीचे उतरा अब चप्पल नहीं अचानक खयाल आया और अंदर से मुजफ्फरपुर जाग गया और मन से एक शब्द आया( ले लोटा) मतलब गया। खैर मन मरोड़ कर नीचे उतरा पेशाब करने ढाबा के वाशरूम में गया। लगातार यही सोच रहा था की चप्पल ऊपर ही रख लेते। मैं कार्यक्रम (पेशाब) खत्म करके बाहर निकल ही रहा था कि एक लकड़ा अंदर घुस ही रहा था अचानक मेरी नज़र नीचे गई, मैं ठिठका पहले निश्चित किया कि ये मेरा ही चप्पल है क्योंकि उसे वो बहुत बड़े हो रहें थे। मुझे आ गया गुस्सा, तबतक वो अपना कार्यक्रम शुरू कर चुका था। मुझे इतना गुस्सा आया था कि मैंने उसे चलते कार्यक्रम में पीछे से ऐसा झापड़ मारा की उसका कार्यक्रम( पेशाब) छीटा छीटा हो गया। बहुत कुछ बिप वाला शब्द कहने के बाद मैंने उससे अपना चप्पल छीना। चप्पल को ख़ूब अच्छे से धोया फिर पहना और बाहर आया। कमाल की बात ये थी वो लड़का समूह (चार लड़के) में था, उसने बाहर आकर अपने समूह को सुचित किया. उसका समूह मेरा इंतजार कर रहा था, वो लोग लगातार कुछ बड़बड़ा भी रहें थे लेकिन मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। एक आंटी ने बताया की बेटा जी ये लोग आप ही को गाली दे रहें हैं। मैं उनकी की तरफ मुड़ा, वो लोग मेरे नज़दीक आए और चारों कुछ न कुछ बोल रहें थे। मैंने उनको सॉरी भी बोला और समझाया की भाई मुझसे गलती हो गई। लेकिन वो समूह में होने का फायदा उठा रहे थे कुछ बढ़ कर बोले जा रहें थे। समूह में होने के बावजूद भी वो मेरे बराबर नहीं थे। उनमें से एक ने मेरा t-shirt पकड़ कर खींच दिया फिर भी मैं उनको कुछ नहीं करता लेकिन वहां जो लोग थे, देख रहें थे। मुझे लगा ये देखने वाले भी समझ रहें है कि अब कुछ होगा। लेकिन मैं करना नहीं चाह रहा था। लेकिन वो चारों मान ही नहीं रहें थे फिर मैं जाने लगा , उसमें से एक ने पीछे से कुछ ज्यादा ही अश्लील शब्द का प्रयोग किया। फिर मैं मुड़ा और जिस तरह मैंने चप्पल धोया था उसी तरह उनको भी धोया। और चौड़ में जाकर चप्पल उन्हीं के सीट के नीचे चप्पल सरकाई और ऊपर जाकर लेट गया। ये पहला सोलो ट्रिप था उसमें ही पेलम पट्टी हो गई उसके बाद मैं भी समूह में ही ट्रिप पर जाता हूं। जय हो जय हो
तीन ताल की तीनों तितलियों(male) को जय हो। ये मेरा पहला कमेंट है, चिट्ठी लिखने की भी सोच रहा हूं लेकिन आलसी आदमी हूं, खैर। मैं एक बार मैं दिल्ली जा रहा था बस से, रेख्ता अटैंड करने। बस लगभग सात आठ घंटे चलने के बाद कहीं रुकी। मैंने जूते बैग में रख लिया था और चप्पल पहन कर बस पर चढ़ा। मैंने चप्पल उसी दिन खरीदें थे और अच्छे खरीदें थे क्योंकि मुझे किसी और के घर पर रुकना था तो थोड़ा सा अपने औकात से ज्यादा का चप्पल था, लेकिन ऐसा भी नहीं कि कोई चोरी कर ले, चोरी हुआ भी नहीं। बस स्लीपर थी मैं ऊपर वाले बर्थ पर सोया हुआ था और चप्पल नीचे वाले सीट के नीचे था हालांकि की मैं ऊपर वाले बर्थ पर जाने से पहले ये सोच रहा था की चप्पल को ऊपर ले लूं लेकिन सोचा चप्पल तो चप्पल है, नीचे वाले सीट के नीचे खसका दिया।बस रुकी तो भी मैं सोया ही रह गया, नींद खुली तो मैं नीचे उतरा अब चप्पल नहीं अचानक खयाल आया और अंदर से मुजफ्फरपुर जाग गया और मन से एक शब्द आया( ले लोटा) मतलब गया। खैर मन मरोड़ कर नीचे उतरा पेशाब करने ढाबा के वाशरूम में गया। लगातार यही सोच रहा था की चप्पल ऊपर ही रख लेते। मैं कार्यक्रम (पेशाब) खत्म करके बाहर निकल ही रहा था कि एक लकड़ा अंदर घुस ही रहा था अचानक मेरी नज़र नीचे गई, मैं ठिठका पहले निश्चित किया कि ये मेरा ही चप्पल है क्योंकि उसे वो बहुत बड़े हो रहें थे। मुझे आ गया गुस्सा, तबतक वो अपना कार्यक्रम शुरू कर चुका था। मुझे इतना गुस्सा आया था कि मैंने उसे चलते कार्यक्रम में पीछे से ऐसा झापड़ मारा की उसका कार्यक्रम( पेशाब) छीटा छीटा हो गया। बहुत कुछ बिप वाला शब्द कहने के बाद मैंने उससे अपना चप्पल छीना। चप्पल को ख़ूब अच्छे से धोया फिर पहना और बाहर आया। कमाल की बात ये थी वो लड़का समूह (चार लड़के) में था, उसने बाहर आकर अपने समूह को सुचित किया. उसका समूह मेरा इंतजार कर रहा था, वो लोग लगातार कुछ बड़बड़ा भी रहें थे लेकिन मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। एक आंटी ने बताया की बेटा जी ये लोग आप ही को गाली दे रहें हैं। मैं उनकी की तरफ मुड़ा, वो लोग मेरे नज़दीक आए और चारों कुछ न कुछ बोल रहें थे। मैंने उनको सॉरी भी बोला और समझाया की भाई मुझसे गलती हो गई। लेकिन वो समूह में होने का फायदा उठा रहे थे कुछ बढ़ कर बोले जा रहें थे। समूह में होने के बावजूद भी वो मेरे बराबर नहीं थे। उनमें से एक ने मेरा t-shirt पकड़ कर खींच दिया फिर भी मैं उनको कुछ नहीं करता लेकिन वहां जो लोग थे, देख रहें थे। मुझे लगा ये देखने वाले भी समझ रहें है कि अब कुछ होगा। लेकिन मैं करना नहीं चाह रहा था। लेकिन वो चारों मान ही नहीं रहें थे फिर मैं जाने लगा , उसमें से एक ने पीछे से कुछ ज्यादा ही अश्लील शब्द का प्रयोग किया। फिर मैं मुड़ा और जिस तरह मैंने चप्पल धोया था उसी तरह उनको भी धोया। और चौड़ में जाकर चप्पल उन्हीं के सीट के नीचे चप्पल सरकाई और ऊपर जाकर लेट गया। ये पहला सोलो ट्रिप था उसमें ही पेलम पट्टी हो गई उसके बाद मैं भी समूह में ही ट्रिप पर जाता हूं। जय हो जय हो
चोंगा भाई, वंदना ताई, रिशू और बड़के भईया की चिट्ठी सुनकर दिल बाग बाग हो गया।
"शुक्ला जी! ये लड़का खामोश बहुत बढ़िया गाता है हम इसको जानते हैं।"
खान चा आपका एक शॉर्ट्स बनना चाहिए इस गाने के रिएक्शन पर। कोई मुझे दे दे जहर ❤
अरे धन्यवाद गुरु
चोंगा भाई ये ग्रुप कैसे ज्वाइन करते हैं कृपया मार्गदर्शन करिए@@KHAMOSH_CHONGA
मन करता है खान चा को जंगल की कहानियां सुनाते हुए सुनते ही रहूं
jaldi aapko jungle ki bahut saari kahaniya sunayenge 😀
Jai ho Khan cha
~Teen taliya,Apka admirer aur apka chathwa subscriber
00:06:00 - राज्यसभा चुनाव में अंतरात्मा की आवाज़ और क्रॉस वोटिंग का थ्रिल
00:12:39 - विधायकों-सांसदों का मेन काम और सुखविंदर सिंह सुक्खू की वापसी
00:17:28 - फैमिली के ट्रेवल एजेंट और सोलो ट्रिप के मज़े
00:19:52 - नालसरोवर के फ्लेमिंगो और गुजरात की तीखी चटनी
00:30:09 - लोग ग्रुप में क्यों ट्रेवल करना पसंद करते हैं
00:31:35 - सोलो ट्रिप पर आदमी अपने आप को जानने से क्यों डरता है
00:33:13 - कैलकुलेटर का भौकाल, ग्रुप में घूमने के नुक़सान और जंगल में घूमने के क़िस्से
00:50:30 - ट्रेनों और बसों में अकेले यात्रा करने का रिस्क और किए गए नाटक
00:57:40 - सरदार को बड़े संपादक की सलाह और लिखने के लिए घूमना क्यों ज़रूरी
01:01:58 - नेचर क्या सिखाता है और रात का समंदर इतना डराता क्यों है
01:08:18 - सोलो ट्रिप के अचीवमेंट्स और एक जैसे दोस्त
01:15:26 - बिज़ारोत्तेजक ख़बर में ज़िंक के लिए कई सिक्के और मैगनेट निगलने वाला पट्ठा
01:19:48 - जिम में फिट लोग क्यों जाते हैं और जिम से ऊपर उठ चुके लोग
01:23:09 - साल के पहले दिन जिम का नज़ारा और रुपये खाने वाले इंसान
01:29:04 - शरीर में शराब का असर कम कर देने वाली चमत्कारी गोली
01:37:10 - और आख़िर में प्रिय तीन तालियों की प्रेमपूर्ण चिट्ठियां
Kamal vaibhav bhaiyaa
Jai ho teen taliyoooo.....
Kuldeep bhaiya i am thinking about starting a rebellion with demand of some more episodes with SHAMS SIR and OUR BELOVED SARPANCH.
Gul sang ki kahani sunne k liye kaan taras gye h.
Khan Cha apne kha ki aap reply karenge toh please bataiye ki aapke jaisi bindaas zindagi jeene k liye kya krna hoga?
Love u all 3000 times...
एक शिकायत है: ख़ान चा के मुखारबिंदु से निकले कुछ मोती जैसे असंसदीय शब्दों पर बीप लगा देते हैं और पूरे के पूरे शब्द पर; कम से कम एक अक्षर आगे का और एक अक्षर पीछे का तो रहने दिया कीजिए महाराज जिससे वाक्य का तासीर बनी रहे।
वैसे मज़ा बहुत आ रहा है।
जय हो जय हो जय हो
❤
Khan cha ka obsession with the song "mujhe koi de de zehar" 😂😂. Inka way of story telling no less than anyone
'mujhe koi de de zehar' rago me daudta hai 😀
@@The007asifkhan rago me toh "peer baba ka dum kia hua pani " daurta hai 🙊🙈🙈
Writing from Poland, Abi tak ka mera fav podcast hai TEEN TAAL , bhhute badiya episode that , Haathi ke bache ki awaz, Khancha ki story telling wah . Jai ho jai ho
Khancha ka tt bebak budhwar main aana ek dam kamaal tha
Or downto earth word to apne teeno bandarveero (Prem se) ko dekh kr hi bna hai
Baki Aaj saniwar ko invite Kiya tha Khan cha par koi na
Aap log shandar saniwar main bhi kbhi kbhi aay ek dam mje hi mje moment ho jyega
Baki bas enjoy kr rhe hai radio (podcast) or baki sabhi teen taaliyo ka saath bhi
Thanks Aaj tk radio
Jai ho
-Daau
Are daau maja aa gaya tha yar kasam se
Lekin Khan cha ko is baar shandar shanivaar me bhi bulana hai
@@KHAMOSH_CHONGA haa link to bheja tha khancha ko par koi na is baar busy honge
Ab aayenge sardar tau khancha teeno ko shandaar saniwar main ana hi hai is baar
Aane ki puri koshish karungav😀
चोंगा भाई हम सबके बड़े प्रिय है और बहुत खूबसूरत गाते है
खान च को कोई लाओ पीर बाबा का पानी खामोश खान च को ले गए फिर पीछे
आज नए लोगो के लिए नवम्बर और अड्रेस नहीं बताये सरदार 😂😂😂
Hathi ke bacche ki awaaz bahut badhiya nikaali sardar ne..... Ab hathi ke bacche ka reference wahi hai mere liye 😂
hahahaha
'
00:49:35 se suniye
Khan cha.
Entertainers, story tellers and entertainers rule the world. Ye hamesha se chala Aa raha hai. Chacha u are great. Main itna kab last time hasa tha Yaad Nahi mujhe.
I agree... abhi aur hasna baaki hai mere dost 😀
इस वाले कमेंट पर बैठ कर जवाब न दे खड़े हो कर जवाब दे खांचा जी , और जो लंगूर को गली दी (Time 50:15 ) है वो दिल से निकली है, कमाल कर दी....
ये आज तक का सबसे funny एपिसोड था , किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी 😂😂😂 पेट के अंदर सिक्कों की बातचीत बहुत गजब की थी ❤
Khan chacha sabse behtreen hai ❤❤
are nahii... aapke pyaar ke liye bahut shukriya 🙏
शानदार episode 🙏🏻
ताऊ, सरदार और खां चा को सादर प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आज का तीन taal बहुत ही funny और जानकारी से भरपूर था..
खान चा के किस्से आये हाए😍...सीधे दिल मे उतर जाते है और गुदगुदाते रहते है..
ताऊ के dialogue हमेशा की तरह शानदार थे.. सिक्कों और चुम्बक पर हुई चर्चा कमाल की थी...
ऐसे ही हमेशा ख़ुश रहिये और हमें भी ख़ुश रहने का मौका देते रहिये..
जय हो 🙏🏻जय हो 🙏🏻जय हो..🙏🏻
haste rahiye mast rahiye. Jai Ho 🙏
Jai ho jai ho jai ho....
Jitna mazaa babaa ko sunke aataaa ab utna hi maarak mazaa khan chaaa ko sunke aanaa lgaaa h.....sabhi teen taaliye agr sehmat ho toh khan chaaa ko permanent kr denaa chaiye......
Best part of this episode is langur fenk kr maar rhaa tha aur sardaar ka haathi ke bacche ka translation 😂😂
Peechli baar 100th episode k celebration me nhi aa skaa tha, 50th episode pr kuch badaa kijiye....aur baba ko b bulaiye....aap sbse rubaroo ho skenge....🙏
Jai ho
Khan cha , Tau and Sardar : इस बार का तीन ताल ऑफिस आते जाते ड्राइव में सुनता हूं, आज सिग्नल में जब खान चा की कहानियां सुन के मैं मुस्कुरा रहा था ट्रैफिक पुलिस वाला भी मुसकाया, आप सब के दिए ज्ञान से बहुत से अज्ञानियो का उद्धार चालू है,
आप सब को बहुत सारी शुभकामनाए खुशियां फैलाते रहिए
hasna aur hasana duniya ka sabse khoobsurat kaam hai... aap bhi isi tarah muskan failate rahiye 😀
@@The007asifkhan loved the lines u used , couldn't ask for a better reply on the comment.
2:20:40
Bhai sahab
Pseudo first order reaction hoti second ya third order ki h par lagti first order hai.
गर्दा उड़ाते रहिए...खान चा... ताऊ...और सरदार ...🙏🙏
jai ho 🙏
Tau, Asif bhai aur Kuldeep bhai ko saadar Pranam. Main aapka naya naya cooler ya AC bana hoon. Saat Samundar paar India ke "Not so friendly country" Canada main rahta hoon aur vahin ka Naagrik ban gaya hoon aur Teen Taal hi sunta hoon, aur sab podcast sunna chor diya hai...Mere paas sabd nahin ye batane ke liye ki mujhe ye show kitna achha lagta hai. Tau to assem saagar hai gyan ke, pata nahin hame kitni baar aur janam lena padange tau ke barabar gyan arjit karne ke liye. pichle 20 din se sunna suru kiya hai, season two main Baba ko bahut miss karta hoon par google kiya to pata chala ki Baba to ab kisi aur channel main chale gaye hain...par chaaliye koi baat nahin, Assif bhai aur Jamshed Bhai kami hone nahin dete hain...Dono hi bahut achhe hain. Over all, dhanya ho gaya main Teen Taak sunke. Dhaynbad aap sabhi logon ka. Jai Ho, Jai Ho, Jai Ho....
Aaabhar,
Aapka apna @rahulBadayuni
Sunte rahiye aur mast rahiye :)
Bahot hi sunder episode hai , ekdm gajab .
जय हो जय हो जय हो । 🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Din somvaar, shaam ke 9 baje hai, aur mai Finland ke jis company ke liye remotely kaam krta hu waha lagbhag shaam ke 5:30, ji ha ab meri aaj ki chhuti hone ko hai...... Saturday aur Sunday ko teen taal miss kr diya to aaj office hours me he teen taal chala hai......aur iss experiment se mujhe ye pta chala ki ...office ka kaam krte krte teen taal suna ja sakta hai.....haa! mai productive kitna raha ye mere team lead jaane😅......... laptop band krte hue ab mai apne bed par pasar gya hu...aur dheere dheere takiya ka anesthesia apna kaam krna shuru kr rha hai......mota kambal ab hatt gya hai aur uske jagah ab patle chadar ne le li hai....takiya, chadar aur teen taal , jee ha mai aa chuka hu apne comfort zone me...aur kuch iss tarah aaj maine shuru kiya teen taal ke season2 ka ektaalishwa episode...taau, sardar aur khan cha ke sath. Jai ho jai ho jai jo
Jai Ho Teen taal ke mathadhisho ❤
ताऊ सरदार और खान चा को प्रणाम। आज के एपिसोड में बड़के भैया का वर्तमान ठिकाना पूछा गया।
बताना चाहूंगा की बकौल चिट्ठी, मैं लखनऊ से मुंबई आ चुका हूं। वाया गाजियाबाद , दिल्ली एंड गुरुग्राम इसलिए लिखा क्योंकि बीच में गाजियाबाद में पढ़ाई, गुरुग्राम में नौकरी और दक्षिणी दिल्ली में ठिकाना रहा है 😊
🙏
Kuldeep bhaiya please baba ko 50th episode me bulaye
Aisi kahaniyan solid , kaafi kaafi solid
Khan cha ki kahaniyo pe Jungle book ka naya edition chap sakta hai. Aapke Noida/Delhi k fans k liye koi meetup ka aayojan kariye.khoob jumega rang jub mil baithenge teen taali,peer baba ka dum paani aur haan shimla mirch ka bilkul upyog nahi hoga.
1:07:05 agree with him so much. That's why I don't play music while long drives.
2:32:05 ❤
मेरे पास ऐसा कुछ नहीं की आपकी तारीफ़ कर सकूँ बस ।
जय हो! जय हो! जय हो!
श्री श्री अल्ताफ़ राजा का पदार्पण बंद नही करिए 😊
सैर कर दुनिया कि ग़ाफिल ज़िंदगानी फिर कहां,
और जो ज़िंदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहां।
Best of "teen taal"..
"It's a man's job to pile up papers and live his best life"🤑..
Big fan of Khan cha and his stories
shukriya Janab 😀
Khancha ki stories ek no
Sadistic pleasure= vikrit aanand
Jai ho jai ho jai ho❤
Lvu darling Tau pls mentioned
Bhai saab, Tinde ki sabse nazdigi similarity is amrood, mera bhanja 5 saal ka tha aur meri behan tinde kaat Rahi thi aur Vineet ne bola 'wow amrood, aur woh 5 -6 tinde kache kha Gaya aur meri behan ne khane bhi Diya" mujh ye laga ki meri bahen chahti thi ki jitne tinde ye khaye ga utne he Kam Bane ge aur mein achaar se kha loongi but Tinde nahi chaiye 😊😊😊😊
तीन ताल की तीनों तितलियों(male) को जय हो।
ये मेरा पहला कमेंट है, चिट्ठी लिखने की भी सोच रहा हूं लेकिन आलसी आदमी हूं, खैर।
मैं एक बार मैं दिल्ली जा रहा था बस से, रेख्ता अटैंड करने। बस लगभग सात आठ घंटे चलने के बाद कहीं रुकी। मैंने जूते बैग में रख लिया था और चप्पल पहन कर बस पर चढ़ा। मैंने चप्पल उसी दिन खरीदें थे और अच्छे खरीदें थे क्योंकि मुझे किसी और के घर पर रुकना था तो थोड़ा सा अपने औकात से ज्यादा का चप्पल था, लेकिन ऐसा भी नहीं कि कोई चोरी कर ले, चोरी हुआ भी नहीं।
बस स्लीपर थी मैं ऊपर वाले बर्थ पर सोया हुआ था और चप्पल नीचे वाले सीट के नीचे था हालांकि की मैं ऊपर वाले बर्थ पर जाने से पहले ये सोच रहा था की चप्पल को ऊपर ले लूं लेकिन सोचा चप्पल तो चप्पल है, नीचे वाले सीट के नीचे खसका दिया।बस रुकी तो भी मैं सोया ही रह गया, नींद खुली तो मैं नीचे उतरा अब चप्पल नहीं अचानक खयाल आया और अंदर से मुजफ्फरपुर जाग गया और मन से एक शब्द आया( ले लोटा) मतलब गया।
खैर मन मरोड़ कर नीचे उतरा पेशाब करने ढाबा के वाशरूम में गया। लगातार यही सोच रहा था की चप्पल ऊपर ही रख लेते। मैं कार्यक्रम (पेशाब) खत्म करके बाहर निकल ही रहा था कि एक लकड़ा अंदर घुस ही रहा था अचानक मेरी नज़र नीचे गई, मैं ठिठका पहले निश्चित किया कि ये मेरा ही चप्पल है क्योंकि उसे वो बहुत बड़े हो रहें थे। मुझे आ गया गुस्सा, तबतक वो अपना कार्यक्रम शुरू कर चुका था। मुझे इतना गुस्सा आया था कि मैंने उसे चलते कार्यक्रम में पीछे से ऐसा झापड़ मारा की उसका कार्यक्रम( पेशाब) छीटा छीटा हो गया। बहुत कुछ बिप वाला शब्द कहने के बाद मैंने उससे अपना चप्पल छीना।
चप्पल को ख़ूब अच्छे से धोया फिर पहना और बाहर आया।
कमाल की बात ये थी वो लड़का समूह (चार लड़के) में था, उसने बाहर आकर अपने समूह को सुचित किया. उसका समूह मेरा इंतजार कर रहा था, वो लोग लगातार कुछ बड़बड़ा भी रहें थे लेकिन मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। एक आंटी ने बताया की बेटा जी ये लोग आप ही को गाली दे रहें हैं। मैं उनकी की तरफ मुड़ा, वो लोग मेरे नज़दीक आए और चारों कुछ न कुछ बोल रहें थे। मैंने उनको सॉरी भी बोला और समझाया की भाई मुझसे गलती हो गई। लेकिन वो समूह में होने का फायदा उठा रहे थे कुछ बढ़ कर बोले जा रहें थे। समूह में होने के बावजूद भी वो मेरे बराबर नहीं थे। उनमें से एक ने मेरा t-shirt पकड़ कर खींच दिया फिर भी मैं उनको कुछ नहीं करता लेकिन वहां जो लोग थे, देख रहें थे। मुझे लगा ये देखने वाले भी समझ रहें है कि अब कुछ होगा। लेकिन मैं करना नहीं चाह रहा था। लेकिन वो चारों मान ही नहीं रहें थे फिर मैं जाने लगा , उसमें से एक ने पीछे से कुछ ज्यादा ही अश्लील शब्द का प्रयोग किया। फिर मैं मुड़ा और जिस तरह मैंने चप्पल धोया था उसी तरह उनको भी धोया। और चौड़ में जाकर चप्पल उन्हीं के सीट के नीचे चप्पल सरकाई और ऊपर जाकर लेट गया।
ये पहला सोलो ट्रिप था उसमें ही पेलम पट्टी हो गई उसके बाद मैं भी समूह में ही ट्रिप पर जाता हूं।
loved this episode
Jai ho jai ho jai ho 🙏🏻❤️
Mujhe lagta hai ab naye logo ki chittiya kam li jaa rhi hai. Jo jaane maane chehre hai unhi ki chittiya li jaa rhi hai. Qki November se lagatr msg karne baad bhi chitti ni li gyi
Khan cha or aapke dum kiye hue paani ke baad ki kahaniyan. 2 ghante kab beet jaate hain pata hi nahi chalta. 😊
Tum log asli baket ho 😂 aaj ke time main iske paise mil rahe hai 😂 gazab
What is the procedure.to go on road trip with tao and baba..maze hi maze...
चलना भी पटरी पटरी .........😅खान Cha
Samajhdaar ko ishara kaafi hota hai :)
Jai ho jai ho
Chonga bhai bahut khub
Favourites ❤
Jai ho
जय हो जय हो
Khan cha awesome
shukriya 🙏
Jokes ke mamle me khan cha ka sabun thoda slow rehta hai🤭
I think Teer Bhedi means Trivedi
Jai ho
49:38 sardar
सांसे तेज चलती सुनाई दे रही हैं
Hathi daudaye toh kapde utar ke fenk do vo usmein ulajh jaenge😅😅😅😅😅
जय हो तीन तालिए में एक ड्राइवर हु प्राइवेट डॉक्टर का ड्राइवर की लाइफ पे कुछ चर्चा हो सकती है तो कर लीजिए
❤❤❤🎉
Bhai Zakir khan ko lekar aayega
kuldeep
papa nahi mama hai pitai karne wale .
🙏
#MujheKoiDedeZahar
kya baat hai 😂
Sab ek saath boleinge,KhaanCha zindabaad!!!
1 - Pche jo ladki ki photo h wo tedi h, use sidha karo. or 2 - Sabhi ko tea ya coffee cup m do.. ek ko paper cup diya h or ek tau ko proper mug. ese bhedbhao mat karo yaar.
Bebaak budhwaar kya h bhaiya log koi bta do?
हर बुधवार रात 8 बजे x पर अंतरिक्ष यात्रा होती है जिसे बेबाक बुधवार कहते हैं।
@@akhileshkumar6558 sahab is suchna ke liye bht dhanywad is baar hm bhi is yatra ka hissa banne jruru aynge
Kya zmana a gya h log normal life me hone wali baton ko prodcast me sunte h passe kamane ke liye log kaha kaha se creativity nikal rahe h
aap bhi kahi creativity laga ke paise kamaye sir
Vo to kama hi raha hun@@madhavishisht
Wo dekhiye daali par more baitha
Ji aap jaise log aur aap jaise logo ka jamana aur aap jaise logo ka creativity se Paisa kamana hmari taraf se shubhkamnaye hai bs yaha mat gandh failaea wahi jamane ke gyan wali
Sara kam dhandha chhod ke pure din rat dekho mujhe ghanta fark nhi padta aur meri comment me gandh n faelao
Yaar beep daal ke podcast ka maa behan nahi kijye plzz
इस कार्यक्रम को सुनने वालों में छोटे बच्चे, महिलाएं, गृहणियां एवम वरिष्ठ लोग भी हैं। सभी लोग इसको परिवार के साथ सुनने में सहज महसूस करें। इसलिए थोड़ा edit करना पड़ता है
@@akhileshkumar6558 ye bhi theek hai
Maje me wo h jo paida hi nahi hua
Or sab theek h pr host jhantu h
खान चा के किस्से ❤
Asif Khan always sounds narcissistic
I
disagree
your disagreement is most welcome sir @@madhavishisht
जिंदगी में इतना दम किया हुआ पानी पीने के बाद भी अगर,खान चा जैसे स्मार्ट दिखा जा सकता है , तो मैं भी फिर से पीना शुरू करता हूं
dam kiya hua paani sehat ke liye haanikarak hai, Roohafza pijiye 😂
Dam kiya hua paani Matlab....
Main samajh nahi paya ki kis cheez ki baat kr rahe hain...
Khan cha u would be such a cool guy to hang out with ❤❤....
milo kabhi 😀
प्लीज आप लोग ' पत्रकारिता as a profession' पर कभी बात कीजिए।
क्योंकि मुझे इससे पहले पत्रिकारिता के बारे में न जानकारी थी इसलिए ना ही कोई इंक्लिनेशन। आप सब लोगों की बातें सुनकर लगता है की कितनी जिंदगी जिए है ताऊ, खान चा, मंजले भैय्या आणि सरदार भी। और फिर लगता है की हमने बेकार ही भिड़ में सायंस कर लिया और और अब बिलकुल ही मन 'न' लगने वाली नोकरी कर रहे है। की काश जर्नलिज्म पढ़ लिए होते फिर शायद वो कर पाते जो करना चाहते है। जैसे खूब किताबे पढ़ना, बड़े लोगों के मिलना, वो क्यों बड़े बने वो समझना, देश दुनिया घुमना, बहुत कूछ लिखना, वगैरा वगैरा।
क्या ये मेरा पत्रकरिता के प्रति fascination सही भी है, या ये भी एक जॉब ही है मन मारकर करने वाला?
बहुत सारा प्यार सबको 💕
झेंडू ठाकरे
फिलहाल पुणे में, लेकिन जड़े धुळे से,
महाराष्ट्र
तीन ताल की तीनों तितलियों(male) को जय हो।
ये मेरा पहला कमेंट है, चिट्ठी लिखने की भी सोच रहा हूं लेकिन आलसी आदमी हूं, खैर।
मैं एक बार मैं दिल्ली जा रहा था बस से, रेख्ता अटैंड करने। बस लगभग सात आठ घंटे चलने के बाद कहीं रुकी। मैंने जूते बैग में रख लिया था और चप्पल पहन कर बस पर चढ़ा। मैंने चप्पल उसी दिन खरीदें थे और अच्छे खरीदें थे क्योंकि मुझे किसी और के घर पर रुकना था तो थोड़ा सा अपने औकात से ज्यादा का चप्पल था, लेकिन ऐसा भी नहीं कि कोई चोरी कर ले, चोरी हुआ भी नहीं।
बस स्लीपर थी मैं ऊपर वाले बर्थ पर सोया हुआ था और चप्पल नीचे वाले सीट के नीचे था हालांकि की मैं ऊपर वाले बर्थ पर जाने से पहले ये सोच रहा था की चप्पल को ऊपर ले लूं लेकिन सोचा चप्पल तो चप्पल है, नीचे वाले सीट के नीचे खसका दिया।बस रुकी तो भी मैं सोया ही रह गया, नींद खुली तो मैं नीचे उतरा अब चप्पल नहीं अचानक खयाल आया और अंदर से मुजफ्फरपुर जाग गया और मन से एक शब्द आया( ले लोटा) मतलब गया।
खैर मन मरोड़ कर नीचे उतरा पेशाब करने ढाबा के वाशरूम में गया। लगातार यही सोच रहा था की चप्पल ऊपर ही रख लेते। मैं कार्यक्रम (पेशाब) खत्म करके बाहर निकल ही रहा था कि एक लकड़ा अंदर घुस ही रहा था अचानक मेरी नज़र नीचे गई, मैं ठिठका पहले निश्चित किया कि ये मेरा ही चप्पल है क्योंकि उसे वो बहुत बड़े हो रहें थे। मुझे आ गया गुस्सा, तबतक वो अपना कार्यक्रम शुरू कर चुका था। मुझे इतना गुस्सा आया था कि मैंने उसे चलते कार्यक्रम में पीछे से ऐसा झापड़ मारा की उसका कार्यक्रम( पेशाब) छीटा छीटा हो गया। बहुत कुछ बिप वाला शब्द कहने के बाद मैंने उससे अपना चप्पल छीना।
चप्पल को ख़ूब अच्छे से धोया फिर पहना और बाहर आया।
कमाल की बात ये थी वो लड़का समूह (चार लड़के) में था, उसने बाहर आकर अपने समूह को सुचित किया. उसका समूह मेरा इंतजार कर रहा था, वो लोग लगातार कुछ बड़बड़ा भी रहें थे लेकिन मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। एक आंटी ने बताया की बेटा जी ये लोग आप ही को गाली दे रहें हैं। मैं उनकी की तरफ मुड़ा, वो लोग मेरे नज़दीक आए और चारों कुछ न कुछ बोल रहें थे। मैंने उनको सॉरी भी बोला और समझाया की भाई मुझसे गलती हो गई। लेकिन वो समूह में होने का फायदा उठा रहे थे कुछ बढ़ कर बोले जा रहें थे। समूह में होने के बावजूद भी वो मेरे बराबर नहीं थे। उनमें से एक ने मेरा t-shirt पकड़ कर खींच दिया फिर भी मैं उनको कुछ नहीं करता लेकिन वहां जो लोग थे, देख रहें थे। मुझे लगा ये देखने वाले भी समझ रहें है कि अब कुछ होगा। लेकिन मैं करना नहीं चाह रहा था। लेकिन वो चारों मान ही नहीं रहें थे फिर मैं जाने लगा , उसमें से एक ने पीछे से कुछ ज्यादा ही अश्लील शब्द का प्रयोग किया। फिर मैं मुड़ा और जिस तरह मैंने चप्पल धोया था उसी तरह उनको भी धोया। और चौड़ में जाकर चप्पल उन्हीं के सीट के नीचे चप्पल सरकाई और ऊपर जाकर लेट गया।
ये पहला सोलो ट्रिप था उसमें ही पेलम पट्टी हो गई उसके बाद मैं भी समूह में ही ट्रिप पर जाता हूं।
जय हो जय हो
Jai ho jai ho jai ho 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
तीन ताल की तीनों तितलियों(male) को जय हो।
ये मेरा पहला कमेंट है, चिट्ठी लिखने की भी सोच रहा हूं लेकिन आलसी आदमी हूं, खैर।
मैं एक बार मैं दिल्ली जा रहा था बस से, रेख्ता अटैंड करने। बस लगभग सात आठ घंटे चलने के बाद कहीं रुकी। मैंने जूते बैग में रख लिया था और चप्पल पहन कर बस पर चढ़ा। मैंने चप्पल उसी दिन खरीदें थे और अच्छे खरीदें थे क्योंकि मुझे किसी और के घर पर रुकना था तो थोड़ा सा अपने औकात से ज्यादा का चप्पल था, लेकिन ऐसा भी नहीं कि कोई चोरी कर ले, चोरी हुआ भी नहीं।
बस स्लीपर थी मैं ऊपर वाले बर्थ पर सोया हुआ था और चप्पल नीचे वाले सीट के नीचे था हालांकि की मैं ऊपर वाले बर्थ पर जाने से पहले ये सोच रहा था की चप्पल को ऊपर ले लूं लेकिन सोचा चप्पल तो चप्पल है, नीचे वाले सीट के नीचे खसका दिया।बस रुकी तो भी मैं सोया ही रह गया, नींद खुली तो मैं नीचे उतरा अब चप्पल नहीं अचानक खयाल आया और अंदर से मुजफ्फरपुर जाग गया और मन से एक शब्द आया( ले लोटा) मतलब गया।
खैर मन मरोड़ कर नीचे उतरा पेशाब करने ढाबा के वाशरूम में गया। लगातार यही सोच रहा था की चप्पल ऊपर ही रख लेते। मैं कार्यक्रम (पेशाब) खत्म करके बाहर निकल ही रहा था कि एक लकड़ा अंदर घुस ही रहा था अचानक मेरी नज़र नीचे गई, मैं ठिठका पहले निश्चित किया कि ये मेरा ही चप्पल है क्योंकि उसे वो बहुत बड़े हो रहें थे। मुझे आ गया गुस्सा, तबतक वो अपना कार्यक्रम शुरू कर चुका था। मुझे इतना गुस्सा आया था कि मैंने उसे चलते कार्यक्रम में पीछे से ऐसा झापड़ मारा की उसका कार्यक्रम( पेशाब) छीटा छीटा हो गया। बहुत कुछ बिप वाला शब्द कहने के बाद मैंने उससे अपना चप्पल छीना।
चप्पल को ख़ूब अच्छे से धोया फिर पहना और बाहर आया।
कमाल की बात ये थी वो लड़का समूह (चार लड़के) में था, उसने बाहर आकर अपने समूह को सुचित किया. उसका समूह मेरा इंतजार कर रहा था, वो लोग लगातार कुछ बड़बड़ा भी रहें थे लेकिन मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। एक आंटी ने बताया की बेटा जी ये लोग आप ही को गाली दे रहें हैं। मैं उनकी की तरफ मुड़ा, वो लोग मेरे नज़दीक आए और चारों कुछ न कुछ बोल रहें थे। मैंने उनको सॉरी भी बोला और समझाया की भाई मुझसे गलती हो गई। लेकिन वो समूह में होने का फायदा उठा रहे थे कुछ बढ़ कर बोले जा रहें थे। समूह में होने के बावजूद भी वो मेरे बराबर नहीं थे। उनमें से एक ने मेरा t-shirt पकड़ कर खींच दिया फिर भी मैं उनको कुछ नहीं करता लेकिन वहां जो लोग थे, देख रहें थे। मुझे लगा ये देखने वाले भी समझ रहें है कि अब कुछ होगा। लेकिन मैं करना नहीं चाह रहा था। लेकिन वो चारों मान ही नहीं रहें थे फिर मैं जाने लगा , उसमें से एक ने पीछे से कुछ ज्यादा ही अश्लील शब्द का प्रयोग किया। फिर मैं मुड़ा और जिस तरह मैंने चप्पल धोया था उसी तरह उनको भी धोया। और चौड़ में जाकर चप्पल उन्हीं के सीट के नीचे चप्पल सरकाई और ऊपर जाकर लेट गया।
ये पहला सोलो ट्रिप था उसमें ही पेलम पट्टी हो गई उसके बाद मैं भी समूह में ही ट्रिप पर जाता हूं।
जय हो जय हो
Bohat sundar nikhil
Jai ho 🙏