किसान कभी सरकार को कोसते है कभी प्रकृति को,कभी बाजार को।कमी खुद की।बीज घर का हो।आधी भूमि पर खेती करो।पुरानी पद्धति पर लौटो।बीमारी,खर्चो से बचोगे।कम अनाज होने पर बाजार भाव अच्छा रहेगा।
कुछ नहीं मैंन बात तो ये है कि 5,7 साल से खेती की हालत खराब है कपास narma गवार् मूंग moth तो बिल्कुल भी नही हो रहे अब रही गेंहू और सरसों की फसल तो ये अच्छी हो भी जाए अच्छी तो भी किसानो की हालत ठीक नहीं हो पा रही कयोंकि ना तो वजन है और ना उचित मूल्य। आज narma ग्वार की और गेंहू सरसों ये दोनों सीजन की बम्पर फसल हो और भाव भी उचित रहे तो कहीं जाकर खर्चा निकालकर एक सीजन की फसल बचती है किसान को। यदि एक सीजन की फसल घाटा दे गयी तो दूसरे सीजन वाली फसल घाटा पुरा नही कर सकती।
किसान कभी सरकार को कोसते है कभी प्रकृति को,कभी बाजार को।कमी खुद की।बीज घर का हो।आधी भूमि पर खेती करो।पुरानी पद्धति पर लौटो।बीमारी,खर्चो से बचोगे।कम अनाज होने पर बाजार भाव अच्छा रहेगा।
सुखा पाला कब है रे अब। अब तो थोड़े दिन ही पहले अच्छी बारिश हुई है।
सरसों की फसल के लिए धुंध और कोहरा इसके जानी दुश्मन है। सरसों की फसल के लिए रात में ठंड और दिन में धूप सबसे अच्छा समय होता है।
विडियो बनाने से भी फर्क पड़ेगा
कुछ नहीं मैंन बात तो ये है कि 5,7 साल से खेती की हालत खराब है कपास narma गवार् मूंग moth तो बिल्कुल भी नही हो रहे अब रही गेंहू और सरसों की फसल तो ये अच्छी हो भी जाए अच्छी तो भी किसानो की हालत ठीक नहीं हो पा रही कयोंकि ना तो वजन है और ना उचित मूल्य। आज narma ग्वार की और गेंहू सरसों ये दोनों सीजन की बम्पर फसल हो और भाव भी उचित रहे तो कहीं जाकर खर्चा निकालकर एक सीजन की फसल बचती है किसान को। यदि एक सीजन की फसल घाटा दे गयी तो दूसरे सीजन वाली फसल घाटा पुरा नही कर सकती।