Ex Muslim here. Animal cruelty in Islam made me leave Islam. I was a vegetarian muslim and used to hate why Islam allows killing and bloodshed of animals. So i left
You have to submit the most favourite thing, aisa nahi ki kal bakra kharid ke le-aya aur aj Qarbani de dii, esa nahi hai. Apko pehle usko pal-pos na hoga, is tarah automatically uske sath emotions jud jayenge, tab jab Quarbani hoti hai to aankho se aasu nikal jaata hai. Ab koi watch ya mobile Qarbani kaise de sakta hai jo ap same to same product koi market ya shopping site se le sakte ho?
Qurbaani ibaadat hai or Allah ne jinno or insaano ko apni ibaadat k liye banaya hai Agr hum Allah ki ibaadat krte hai to hamaara hi faaida hai or na kare to hamara hi nuqsaan hai Qurbaani ka na to khoon Allah ko pohanchta hai or na mass Ose to hamaara taqwa pohanchta hai Hum Qurbaani krte hai to hum ko mass khaane milta hai Greebo ko free me milta hai Animal ki skin se shoes Chapple purse 👛 belt tent ⛺ jacket 🧥 wagaira bante hai Animals ki haddiyo se bhi bohat se kaam hote hai Logo ko rozgaar milta hai or agr hum Qurbaani na kare to hamara hi nuqsaan hai ye animals taadaad me bohat badh jaayenge to traffic jam krdenge Ye jaanwar hum ko raasto me maarenge On k gobar se raaste bhar jaayenge Haryaali khatm krenge Oxygen kum ho jaayegi Rozgaar nahi milega wagaira yaani hum ne ibaadat nahi ki to hamara hi nuqsaan hai
@@savagebro2023 aisa hai to apne bacche ko qurbaan kar do sabse zyada emoions usi ke saath jude hote hai nahi to bakre ko door chhod aao use chhodne pe bhi aasu aayenge
Mohammed was playing the double role, sometimes he became Allah and sometimes he became prophet of Allah and that way he fooled the Arab people for his power politics.
खुद को खुद की जान प्यारी होती है अगर तुम्हारे को कुर्बानी ही देनी है तो खुद की दो सबसे प्यारी चीज खुद की जान होती है जान हथेली पर अपने आप को कर दो कुर्बान। ऊपर वाला भी खुश होगा और दुनिया भी खुश।
Very true. That’s the reason majority of them are desensitized and indifferent or intolerant towards others. Violence in society makes people irrational.
सब से अच्छी चीज की क़ुरबानी जिसे आप सब से ज्यादा प्यार करते है मान लो आप बकरे को बहुत प्यार करते ओर उस प्यारे को खा भी जाते, ये केसा प्यार... निर्दोष जीव को मार कर खाना... इतना प्यार कैसे अल ताककया कर रहे...
अल्लाह का इस्लाम और मुल्लो का इस्लाम एक ही है अल्लाह सिर्फ सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी मांगता है वो किसी बकरे मुर्गे ऊंट गाय या भैंस की बलि चढ़ा देते हैं
@@pardhanpardhan7158 bhai thanda ho ja malum hai kalayug hai mai nahi rok pavu ga our kurabani ka vidio hai isaliye kurabani likh magar jo bhi chalte firte jivo ka dukh dekh ke meri ruh dukhi hoti hai🙏🙏🙏ahinsa parmo dharam🙏
@@rajeshdangode1346 जो ईश्वर,परमात्मा है वो एक समाज का नहीं भगवत गीता में बताया परमात्मा का सभी जीवो से सम्बन्ध है वो सभी जीवो पर कृपालु है।तब हम ये बता रहे थे मूर्ख से ज्ञान की आशा,जीव हत्या करने वाले से दया की आशा,कंजूस से दान की आशा कभी नहीं करनी चाहिए।
@@syedattaullambbs By your logic, i could argue that, "Over the last 8 years, china allegedly demolished 16,000 mosques and renovated a lot of them to make them more Chinese. Well China's demolishing the mosques so I'm gonna go that same" Your logic sounds like this
"कुर्बानी" इस शब्द को अंतर्मन से कितने मुस्लिम समझते हैं? कुर्बानी के दिन अपने समुदाय में व्याप्त कुरीतियों और बहसीपन को कुर्बान नहीं करके जानवरों को कुर्बानी के नाम पर काट कर उसको खा कर अपनी कुरीतियों और बहसीपन को और पुख्ता करना कहां तक जायज है।
Qurbaani se Allah ka qurb milta hai Qurb yaani nazdeeqi yani Allah k qareeb hona Or maal or jaan ki Qurbaani diye bagair Allah ka qurb nahi milta For example Agr aap k pass maal wa daulat hai to aap ko os me se Greebo or besahara logo pr kharch Krna hoga jab ki maal wa daulat hum ko bohat pasand hota hai lekin apni pyari cheez ki Qurbaani deni hogi Osi tarah aadmi apni jaan or apne buchcho se bohat pyaar krta hai mgr zarurat padne pr batil k khilaaf ladne k liye apne sir se kafan pehen kr nikalna hoga For example Agr aap dekhe k gunde kisi ko maar rahe ya kisi aurat ka balatkaar kr rahe to aap ko on se fight Krna hoga chahe aap ki jaan chali jaaye Ye hai Qurbaani Allah ne apne paigamber Ibraheem ko aazmaaya k wo apni pasandeeda cheez Qurbaan krte hai ya nahi or Ibraheem apne bete ki Qurbaani ko tayyar ho Gaye Allah ko on ki ye Ada pasand aayee or bete ki dunba ki Qurbaani ki gayee or Allah ne is sunnat ko baad me aane waalo k liye bhi zaroori kiya Is liye hum bakra eid manate hai Ye Qurbaani ek symbol hai k zarurat padne pr hum apni jaan bhi denge
राक्षस प्रवित्र के लोगो को हर जानवरो की कुर्बानी जायज है।किंतु जो लोग अपने को मनुष्य समझते,मानते हैं।उन्हे इन सब चीजों से कोई सरोकार नहीं होता किंतु ईश्वर को देना ही है तो किसी चीज का भेट दे सकते हैं।
45:31 وَأَمَّا الَّذِينَ كَفَرُوا أَفَلَمْ تَكُنْ آيَاتِي تُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ فَاسْتَكْبَرْتُمْ وَكُنتُمْ قَوْمًا مُّجْرِمِينَ रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया (उनसे कहा जाएगा,) "क्या तुम्हें हमारी आयतें पढ़कर नहीं सुनाई जाती थीं? किन्तु तुमने घमंड किया और तुम थे ही अपराधी लोग। 45:32 وَإِذَا قِيلَ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ وَالسَّاعَةُ لَا رَيْبَ فِيهَا قُلْتُم مَّا نَدْرِي مَا السَّاعَةُ إِن نَّظُنُّ إِلَّا ظَنًّا وَمَا نَحْنُ بِمُسْتَيْقِنِينَ और जब कहा जाता था कि ‘अल्लाह का वादा सच्चा है और (क़ियामत की) उस घड़ी में कोई संदेह नहीं है।’ तो तुम कहते थे, ‘हम नहीं जानते कि वह घड़ी क्या है? हमें तो बस एक अनुमान-सा प्रतीत होता है और हमें विश्वास नहीं होता’।" 45:33 وَبَدَا لَهُمْ سَيِّئَاتُ مَا عَمِلُوا وَحَاقَ بِهِم مَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ और जो कुछ वे करते रहे उसकी बुराइयाँ उनपर प्रकट हो गईं और जिस चीज़ का वे परिहास करते थे उसी ने उन्हें आ घेरा। 45:34 وَقِيلَ الْيَوْمَ نَنسَاكُمْ كَمَا نَسِيتُمْ لِقَاءَ يَوْمِكُمْ هَٰذَا وَمَأْوَاكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُم مِّن نَّاصِرِينَ और कह दिया जाएगा कि "आज हम तुम्हें भुला देते हैं जैसे तुमने इस दिन की भेंट को भुला रखा था। तुम्हारा ठिकाना अब आग है और तुम्हारा कोई सहायक नहीं। 45:35 ذَٰلِكُم بِأَنَّكُمُ اتَّخَذْتُمْ آيَاتِ اللَّهِ هُزُوًا وَغَرَّتْكُمُ الْحَيَاةُ الدُّنْيَا ۚ فَالْيَوْمَ لَا يُخْرَجُونَ مِنْهَا وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ यह इस कारण कि तुमने अल्लाह की आयतों की हँसी उड़ाई थी और सांसारिक जीवन ने तुम्हें धोखे में डाले रखा।" अतः आज वे न तो उससे निकाले जाएँगे और न उनसे यह चाहा जाएगा कि वे किसी उपाय से (अल्लाह के) प्रकोप को दूर कर सकें।
कहानी अच्छी है, ये बतातो जब अब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्वानी दी थी औऱ वो बच गया। परन्तु विश्व में कोई भी मुसलमान अपने बेटे की कुर्वानी किंयु नही देते, क्या मुसलमानो का अल्ला झूँठा है मुसलमान झूँठा है। जो अपने बेटे की कुर्वानी किंयु नही देते।
ख्वाबों की दुनिया का कांसेप्ट ही आभाषी है। यही तो मनचलों का संसार कभी सकारात्मक प्रभाव नहीं ला सकते। हां नकारात्मक प्रभाव जिसके परिणाम शोषण-दमन और कामुकता है।
जो निरापराध जानकारी का गर्दन काटने का कार्य करे और वह धर्म नहीं हो सकता है और ईश्वर किसी जीव कीं बलि नहीं लेता है और यदि वह ऐसा कार्य किया जातां है तों वह ईश्वर नहीं हो सकता है, कबीर दास जी ने लिखा है दिन की रोजा रहत है, रात हलालत गाय इधर खून इधर बंदगी कैसे मिले खुदाय,,
अपनी प्यारी से प्यारी चीज़ की कुर्बानी देना मतलब जिससे नफरत करें उसकी कुर्बानी देना जैसे काफिरों की।देना है तो सबसे प्रिय जैसे अपनी पत्नी/ बच्चे की करें।यह प्रथा प्रारंभ करें फिर देखें काफिर आपके चरण छूने लगेगा।
Bhai Qurbaani ibaadat hai or is ka faida hum ko hi hota hai Janwaro ki Qurbaani se hum ko mass khaane milta hai Greebo ko free me milta hai Animal ki skin se shoes 👟 Chapple purse 👛👜 belt 🎪 tent jackets 🧥 wagaira bante hai Logo ko rozgaar milta hai Animal ki haddiyo se bhi bohat kaam hote hai or agr hum Qurbaani na kare to hamara hi nuqsaan hai ye jaanwar taadaad me bohat badh jaayenge to traffic jam krdenge Ye jaanwar hum ko raasto me maarenge On k gobar se raaste bhar jaayenge Haryaali khatm krenge Oxygen kum ho jaayegi Rozgaar nahi milega wagaira Allah ko Qurbaani ka na to khoon pohanchta hai or na mass balki Allah ko hamara taqwa pohanchta hai
@@indianboy-c4qwell god ne insan ki qurbani nhi mangi to hum insan ki qurbani nhi kar sakta or hum animal ko paisa se kharid te hai jo humare liye bohot aziz hai 🥰🥰🥰
*सुन्नते इबराहीम की क़ुरबानी के अमल से उस का तक़वा (निष्ठा/जज़्बा/धर्मपरायणता) अल्लाह को पहुँचता है !* अल्लाह ने आयत 22:37 में कहा कि अल्लाह के नाम पे दी हुई क़ुरबानी का गोश्त और उसका खून इसको नहीं पहुँचता है बल्कि क़ुरबानी देनेवाले का तक़वा (निष्ठा) पहुँचता है। जब खूबसूरत, बिना ऐब वाला क़ुरबानी के पाला हुवा जानवर या खरीदकर घर लाकर अपने साथ रखकर उसकी खिदमत और लाड़ करने के बाद उसकी तरफ हर परिवार के सदस्य को उस के प्रति लगाव और मुहब्बत हो जाना स्वाभाविक है। गोया वह उस परिवार का एक हिस्सा बन जाता है ! और जब उस को अल्लाह की राह में क़ुर्बान करने की निय्यत से खरीदा हुवा है इसलिए क़ुरबानी के दिन उस के प्रति दिल में पैदा हुई मुहब्बत के जज़्बात पर काबू रखकर भारी दिल से क़ुरबानी दी जाती है। इस सुन्नते इबराहीम के अमल से मोमीनों को अपने जान की, अपने औलाद की, अपने माल की या अपनी ज़िंदगी की हर खुशियाँ, ऐशो आराम को अल्लाह की राह में क़ुर्बान कर देने का जज़्बा (निष्ठा/भावना) पैदा होता है और वोही तक़वा अल्लाह अल्लाह को पहुंचता है और इसमें अल्लाह की तरफ से क़ुरबानी देने की तालीम है । इस कारण वक़त आने पर मुसलमान अपना ईमान बचाने के लिए अपना वतन, घरबार (परिवार के साथ या बिना परिवार), मिलकत, दौलत सब कुछ छोड़कर हिजरत करता है। और उस प्रयास में कभी कभी मर मिट जाता है। मुसलमानों में हक़, इंसाफ और ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने और वक़त आने पर अपनी जान, माल, औलाद और अपने परिवार की बिना परवाह किये सिर्फ़ अल्लाह की राह में क़ुर्बान कर देता है । इसका सब से बड़ा उदाहरण इमाम हसन (रअ) और बाद में हुसैन (रअ) है जिन्होंने हक़ के ख़ातिर यानी अल्लाह के दीन को भटकने और भृष्ट होने से रोकने के लिए अपनी और अपने परिवार की क़ुरबानी दे दी। इसतरह दूसरे ख़लीफ़ा उमर फारूक , तीसरे ख़लीफ़ा उस्मान गनी (रअ) , और चौथे खलीफा अली (रअ) ने अपनी जान की परवाह किये बिना क़ुरबानी देकर शहीद हो गए और अल्लाह के दीन को ज़िंदा रखने और आगे बढ़ाने में कामयाब हो गए। पेलेस्टाइन , सीरिया, म्यांमार, चीन आदि देशों में आज भी मुसलमान अल्लाह की खातिर हर तरह की क़ुरबानी देकर हर मुश्किलियों के बीच जी रहा है। यह जज़्बा अल्लाह ने अपने रसूल (सअ) को आयत 6:162 से तालीम फ़रमाई है। अल्लाह ने मुसलमानों को हर दौर में क़यामत तक के लिए तकलीफों से आज़माने का निर्देश दे दिया है (Ref:- 2:155, 3:186, 8:28, 9:88, 9:111, 64:15)। अब कोई मोमीन या मुशरीक आख़ेरत की ज़िंदगी पर यकीन न रखता हो और इस दुनियवी ज़िंदगी ही असल जिंदगी समझता हो तो उसको free will दिया है कि वह अल्लाह के ईमान और आज़माइश से खुद को बेदखल कर दे। सुन्नते इबराहीम को रसूल (सअ) ने हज्ज के मौके पर और आम मोमीनों के लिए हर साल 10 ज़िलहज इदुददोहा के दिन ईद की शुक्राने की नमाज़ के बाद और इबराहीम (अस) की क़ुरबानी की जज़्बात की याद ताज़ा करने के बाद (Ref :- 37:106, 37:107, 37108, 37:109) क़ुरबानी देने का हुकूम दिया है ताकि मोमीनों का ईमान हर साल बार बार ताज़ा (refresh) होता रहे। कोन हिदायत के लायक है और गुमराही के लायक है अल्लाह को पहले से पता है इसलिए उसका अख़्तियार (मुख़्तियारी) अल्लाह ने अपने हाथ में रख़ा है।
@@Ayub807-e8z Part 1/2 *हिजाब स्त्रियों की लाज,शील और इज़्ज़त का आड़ (संरक्षक) है* ......क़ुरआन 👉🏿 सुरतून नूर 24 : 31 और ईमान वाली स्त्रियों से कह दो कि वे भी *अपनी निगाहें बचाकर रखें और अपने गुप्तांगों की रक्षा करें। और अपने शृंगार प्रकट न करें,* सिवाय उस के जो उन में खुला रहता है। और अपने सीनों (वक्षस्थलों) पर अपने "दुपट्टे" डाले रहें और अपना शृंगार किसी पर ज़ाहिर न करें सिवाय अपने "पतियों" के या अपने "बापों" के या अपने पतियों के बापों (श्वसुर) के या अपने "बेटों" के या अपने "पतियों के बेटों" के या अपने "भाइयों" के या अपने "भतीजों" के या अपने "भांजों" के या मेल-जोल की स्त्रियों (सहेलियां) के या जो उन की अपनी मिल्कियत में हो (लौंडी) उनके, या उन "अधीनस्थ" (कमज़ोर वृद्ध) पुरुषों के जो उस अवस्था को पार कर चुके हों जिस सें स्त्री की ज़रूरत होती है, या उन बच्चों के जो स्त्रियों के परदे की बातों से "परिचित" न हों। और स्त्रियाँ अपने पाँव धरती पर मारकर न चलें कि अपना जो शृंगार (झांझर,चुणि,नथनी,एरिन जैसी खनकती चीजों के ज़ेवर का आवाज़ ) छिपा रखा हो, वह मालूम हो जाए। ऐ ईमान वालो! तुम सब मिलकर अल्लाह से तौबा करो, ताकि तुम्हें सफलता प्राप्त हो । 👉🏿 सुरतून नूर 24 :60 जो स्त्रियाँ युवावस्था से गुज़र कर बैठ चुकी हों (आधेड़ उम्र अवस्था मे प्रवेश कर लिया हो) , जिन्हें विवाह की आशा न रह गई हो, उन पर कोई दोष (आचार संहिता लागू) नहीं कि वे अपने कपड़े चादरें (बुरखा) उतारकर रख दें (न पेहरें) जबकि वे (अब) शृंगार (ज़ेवरात, make up ) प्रदर्शन करने वाली न हों । *फिर भी वे इस से बचें तो उन के लिए अधिक अच्छा है।* अल्लाह भली-भाँति सुनता, जानता है 👉🏿 सुरतुल एहज़ाब 33 : 59 ऐ नबी! *अपनी पत्नियों और अपनी बेटियों और ईमान वाली स्त्रियों* से कह दो कि वे अपने ऊपर अपनी "चादरों" का कुछ हिस्सा लटका लिया करें (आज उसे हिजाब/बुरखा का रूप दिया है) । इस से इस बात की अधिक सम्भावना है कि वे (उन का संस्कार प्रिय नीति) पहचान ली जाएँ और "सताई" न जाएँ। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है 👉🏿 सुरतुल अहज़ाब 33 : 53 ऐ ईमान लाने वालो! नबी के घरों में (ऐसा ही आचार संहिता अन्य घरों को भी लागू है ) प्रवेश न करो, सिवाय इस के कि कभी तुम्हें खाने पर आने की अनुमति दी जाए। वह भी इस तरह कि उस की (खाना पकने की) तैयारी की प्रतिक्षा में न रहो। अलबत्ता जब तुम्हें बुलाया जाए तो अन्दर जाओ, और जब तुम खा चुको तो उठकर चले जाओ, बातों में लगे न रहो। निश्चय ही यह हरकत नबी को तकलीफ़ देती है। (अन्य गृहस्थियों को भी तकलीफ होती है) किन्तु उन्हें तुम से (कहने में) लज्जा आती है। किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहने से लज्जा नहीं करता। *और जब तुम उन से कुछ माँगों तो उन से परदे के पीछे से माँगो।* यह अधिक शुद्धता की बात है तुम्हारे दिलों के लिए और उन के दिलों के लिए भी। तुम्हारे लिए वैध नहीं कि तुम अल्लाह के रसूल को तकलीफ़ पहुँचाओ और न यह कि उस के बाद (देहांत के बाद) कभी उस की पत्नियों से विवाह करो। (जिनको उम्मत की माँ का दर्जा प्राप्त है) निश्चय ही अल्लाह की दृष्टि में यह बड़ी गम्भीर बात है over 2/2
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ..,.
इस चर्चा को सार्थक बनाने हेतु सर्वप्रथम जानवर की परिभाषा सुनिश्चित की जानी आवश्यक है । जानवर का अर्थ है-जानवर वह जीव है जो किसी दूसरे नीरिह व निर्दोष जीव की हत्या करे या हत्या का कारण बने ।
खान सर आप लोग एजुकेटेड है अब आधुनिक शिक्षा के आधार पर प्रतिबंध होना चाहिए क्या यe परंपरा खतम नही हो सकती आप मोटिवेट कर सकती है सकते है मैडम आप सही गाइड कर रही हे अल्लाह को तो जानवर भीं प्यारे है अल्लाह या भगवान ने सब बनाया है अल्लाह के लिए अपनी एजुकेशन से समाज को जागरूक करो
Main bengali hu or humari durga puja me ya kali puja me b pehle k samay me bakre ki bali di jati thi par ab sab badal gya h ab "Nariyal, ganne or pumpkin" wagerah ko mantra uchcharan kar k Bali k roop me kata jata h or prasad k roop me baant diya jata h.. samay k sath insaan ki soch ka badalna bohot jaruri h. Agr ek ki kuriti ko lekar chaloge to pichhde hi reh jaoge..
जो दूसरों को तकलीफ (कुर्बानी) देने से खुश होता है वह एक शैतान ही हो सकता है भगवान नहीं। कृपया आप मेरे सवाल का जवाब दे? अगर आप किसी को जीवन दे नहीं सकते तो आप किसी के जीवन लेने का भी कोई अधिकार नहीं है।
To fir ram bhi saitaan tha jisne bejubaan hiran ko maara tha right aur vedick kaal me jo bali di jaati thi vo sab kya saitaan they phle jwab de fir tere ek ek swal ka jwab diya jaayegaa
@@vishwa8444 mere dost aap roj naye naye bhagwano ko badal te ho kisi ko ye hi samjh nahi aata ki kiski pooja ki jaaye ya kiski nahi kanhi shri ram bade hai kanhi Ganesh ji kanhi koi Devi to kanhi koi saadh Mahatma lekin vedon me saaf saaf likha hai ki koi bhi kisi insaan pathar paani hawa ki pooja karega vo narak ke gahre khai me girega pooja kewal brahm ki hoti hai jisne puri duniya ko banaya hai jiska na koi roop hai na vo kabhi janm leta hai vo kewal apne aap me akela kewal akela jara ye samjhaye
@@black777ffpc5 bhai mai kisi ko bali dene ke paksh me nahi hu kisi Janwar ki hatya karna galat hai, jab humko jine ka hak hai vaise hi inko bhi jine ka hak hai.
@@satishkumarratre9249 mere dost isme koi galat nahi hai agar saari duniya hi nahi khayegi to economy aur ye jo aahaar serculetion hai ye sab biger jaayega nahi khane wale log duniya me bahut kam hai jab khuda ne insan ko dono option de rakhe hai to aap aur hum kon hote hai isme buraai nikaalne wale
@@vishwa8444 acha to mere dost aapko hindu dharam ki achi jaankari hai ye dekh kar acha laga ki koi to Mila jo kuch jaanta bhi hai varna hame to jitne bhi mile hai vo bhagat na hokar kewal andhbhagat hi mile hai aap boora mat manana
Yha pai unhone christianity ki bat ki hi nhi yha pai unhone bola ki ye story christians bhi mante hai ager purane log bure tha to moses, solomon, abraham ko kyu mante ho??? Mat mano unhe 😑😑😑😑
जिसकी जान ले रहे हो एक बार उससे भी पूछ लिया करो की वो कुर्बान होना चाहता है की नही,,और आपके बेटो से भी पूछ लिया करो की वो अपनी कुर्बानी देना चाहेंगे की नही,,और इतना ही विश्वास है की ऊपर से कोई आवाज आएगी और कुर्बानी रुक जायेगी तो दो आज भी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए,,एक कुप्रथा और मनगढ़ंत कहानी के लिए किसी जीव की हत्या क्यों।।
Jo vegitable aap khaate ho on me bhi jaan hoti hai Wo bhi rote hai jab aap on ko cut krte ho Or kya aap animal ka doodh nahi Peete? On ki skin se bane 👜 belt shoes 👟 Chapple jackets 🧥 wagaira use nahi krte Kaanch k burtan me Janwaro ki haddiyo ka use hota hai kya aap on burtani ko use nahi krte??
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,.,..
हज़रत इब्राहीम ने तो अपने सबसे प्रिय पुत्र को कुर्बान किया था तो तुम भी पुत्र को कुर्बान करो अल्लाह आपके पुत्र को भी किसी भी जीव में परिवर्तित कर देगा।
Allah ne ab jaanwar ki Qurbaani hi Dene ko kaha hai Or os me ye message hai k zarurat padne pr Allah k shatru se ladne k liye apni jaan bhi denge kyu ki Allah ne momino k jaan or maal ko jannat k badle khareed liya hai
@@rapedits8267 नृत्य और संगीत से इस्लाम व आपको इतनी परेशानी क्यो है ?🤔 जबकि किसी जानवर के खून से अपनी प्यास बुझाने में आपके अल्ल्लाह , इस्लाम और आपको कोई परेशानी नहीं है , बड़ी हैरानी की बात है ।आप आपना थोड़ा सा इतिहास पढ़े तब आपको पता चलेगा की दुनिया में जितने मुस्लिम है उनमें से नब्बै प्रतिशत से अधिक लोगों को तलवार के जोर पर जबरन मुस्लिम बनाया गया है ।
@@rapedits8267 नृत्य और संगीत से इस्लाम व आपको इतनी परेशानी क्यो है ?🤔 जबकि किसी जानवर के खून से अपनी प्यास बुझाने में आपके अल्ल्लाह , इस्लाम और आपको कोई परेशानी नहीं है , बड़ी हैरानी की बात है ।आप आपना थोड़ा सा इतिहास पढ़े तब आपको पता चलेगा की दुनिया में जितने मुस्लिम है उनमें से नब्बै प्रतिशत से अधिक लोगों को तलवार के जोर पर जबरन मुस्लिम बनाया गया है ।
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,..
'Jhatka' practiced by Hindus, is comparatively far more humanitarian than 'Halala' practiced by Muslims. The way they cut those animals alive is very painful and cruel.
भारत से अपील कर रहा पाकिस्तान, कि कर्जा चुका दो pok ले लो, Pok पाकिस्तान के पास है ही नहीं, देगा क्या????? आधा पाकिस्तान चीन के कब्जे में है, आधा तालिबान के
यह बात तो सच है इस्लाम में कुर्बानी जायज है मुसलमानों के लिए जरूरी है लेकिन जिस देश में माहौल बिगड़ता हो तो उस काम को मत करो क्योंकि हमारे देश में गाय के ऊपर दंगे फसाद होते हैं तो जरूरी नहीं गाय की कुर्बानी दो
The debate is about sacrifice of animals in IsIam. It’s not about non Muslims eating meat. This so called scholar wants to justify sacrifice because 75% population in India might be non vegetarian. This shows his level of intellect.
Dewan sahib ! 75%veg ???_kia india mein maas / meat ni khaya jata ??? _kia india mein hen/cock , fish Aur other see food items ni khaey jaty ??? _ hindus tuo soor / pigs baqaida meat k leay palty hein . _ Sirf ek " Cow meat " na khany se koi "so called veg" ni ban jata . _ india ki export details deikho " animals skin "se aur "fish Aur other see food items export " se kitna kamata hy india . _skin export ka matlab hy "animals ka meat" india mein hi consume / khaya hota hy . _ aur "veg" ka matlab ye ni hota "fish aur different see food " items khud na khao lekin dusron ko khilao / export krdo . _ Ek Cow meat k ilawa sab khaya jata hy india mein . Include mutton .
@@muhammadjunaid4072 you’re right Hindus do eat meat. What I am saying is there is no connection of this to Islamic sacrifice of animals. Hindus eating meat should not be used as an excuse for sacrifice . These are separate issues.
Also notice Mohammad Iqbal here did an "others also do it" argument. 🛑Jews have not done Qurbani for 2000 years 🛑For Christians, animal Qurbani is banned.🛑For Hindus in India, puja with animal "cutting" is banned since British Raj.🛑🛑🛑
@@religionwithlogic2659sahi kaha apni hum dono ka hi meat kha sakte hai ye hindu ek acche muslim scholers se kyu nhi debate karte hai?? mujhe ye bata do bus bas ek mufti or molana ko uthalo or debate karna shuru kar do
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega
इन बेजुबान सीधे साधे कमज़ोर मासूम जानवरो की कुर्बानी अगर वो सच में भगवान है तो वो कभी नहीं दे सकता क्योंकि भगवान के सभी बच्चे हैं, परमात्मा सभी जीवों में हैं,ऐसा काम सिर्फ नफरती हिंसक लोग कर सकते हैं।
akal ke hande allaha yaak noor hi kay teri maa se tu shaadi karsakta wo bhi awrat hi hyna nahi karsakta ishi tarha giski kurbani jayas hi wosi ki kurbani hotihy samaj me aya
क्या कहता है हिन्दू थर्म के ग्रन्थ गाय के बारे में, गोबर के बारे में?? गोश्त मांस मच्छली खाने के बारें मेंं?? बली के बारे में?? इस पर डिबेट क्यों नहीं करते हिन्दू मेडम?? क्या आपके गुरुओं को अपने धर्म का कुछ भी ज्ञान नहीं है?? या आपके धर्म और आस्था पर दुनिया के लोग हसी उड़ाएंगे?? आखिर क्या बात है????? ⁉️⁉️⁉️⁉️
We should all go through the religious scriptures before debates to avoid misleading s.Source of all religious teachings are one and the same.We have made the differences to suit us.
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega
वेदों के अनुसार एक ईश्वर की शरणागति ही सत्य धर्म है। अन्य की पूजा का प्रचलन बाद में हुआ। जिसके कारण कालांतर में ईश्वर की पूजा को अन्य की पूजा से हस्तांतरित कर दिया गया और सबने अपने अपने इष्ट देवों को स्वयं परमेश्वर बताना आरंभ कर दिया। जिससे ईश्वर के बारे में विभिन्न प्रकार के भ्रमों और विसंगतियों का जन्म हुआ। वो परमपिता परमेश्वर वेदों के अनुसार एकमात्र सत्य और सनातन है। वो अजन्मा और अविनाशी है। सम्पूर्ण सृष्टि उसकी ही महिमा से विद्यमान और आनंदित है। सभी दिशाओं में और सब लोकों में उसी की महिमा है!
Ye log kuchh nahi jaante,Iqbaal ne kaha Haquiqat rawaayaat mein kho gayee Ummat kharafaat mein kho gayee. Hazrat Muhammad sallaallho alaihe wasallam ne farmaya:- Zamanaaye jaahiliyat ki tamaam rasmein mere pairon ke niche,ye darhi topic waale aaj take zamanaaye jaahiliyat mein pade huwe hain qur-aan mein 4 tarah ki qurbani ka zikr hai 1-nosokin,2-fidiyah,3-wanhar,and 4-azbahoka,ye Charo Arabic alfaaz hain kintu Charon ke Alag Alag meaning hain kintu ulamaa ne sab ka ek hi meaning qurbani likkha hai jis mein se abhi mein two Yani 3 aur 4 samjha raha hoon,no.3 ka Matlab hai khoon baha dena yani insaan ke body mein nafse ammarah ka jo Ganda khoon hai oosko saaf soothre halaal bhojan se saaf karo aur gandi napaak soch ko paak se badal do surah kauser hai inna aatainakal kauser fasalle lerabbika wanhar inna shane-aka howal abter yani mein ne Tum ko diya kauser Rab ke liye salaat ker Saath qurbani ke yani apne gandah khoon aur munkiraat ko body se nikaal phenko tab beshak tumhara dushman Yani shaitaan benasal ho jayega Yani tumhare Ander ki kharaabi Yani shaitaan mer jaayega,ab Rahi baat mullaon ko kauser maloom nahi qur-aan ka qaul hai ke hamne Tum ko kauser de diya tum kauser mil gaya ho to Rab ke liye salaat karo aur ye mulle kahte hain ke merne ke baad kauser meelegaa m.kitna tazaad hai mullaon ke qaul aur qur-aan ke qaul mein.ab no.4 qaul-e-quraan hai ke:- Qaala ya bunaiya inni araa fil manaame azbahoka maaza taraa Kaha Ibrahim ne ke aye mere bete mein neend (sleep)mein dekhta hoon ke tujhko zabah kar raha hoon ye Kya dekhta hoon phir to mulla ji hamein ye bataiye ke Hazrat Ibrahim a.s to paighamber the to khaab ki tabeer bete se kyon poochha rahe the khud maloom hona chahiye,abhi itna hi baaqi aayindah.
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,..
अल्लाह ने नही इब्राहिम के खुद यहोवा ने खुद की सबसे अजीज कही थी पर जब आप यहोवा को नहीं मानते और आपका तो खुदा अल्लाह है। अल्लाह ने तो मोहम्मद से इस तरह कभी नहीं मांगा।तो फिर क्यों करते हो कुर्बानी। जब इब्राहिम ने यहूदी रिलीजन बनाया तो उसमे तो यहूदी कुर्बानी नही देते और न उनके बाद उनसे अलग होकर अलग रिलीजन बनाने वाले ईसाई लोग कभी इस परंपरा को फॉलो किए तो ये तीसरी पीढ़ी कहां से शुरू कर दी। जबरायिल ने भी कभी कहीं पर इसके लिए मोहमद को कोई आयत दी। अगर कुर्बानी जरूरी होती तो इब्राहिम अपने यहूदियों को जैसे रिलीजन की सारी बातें बताई जीवन में फॉलो करने के लिए तो ये भी बताते उन पर जोर देते, पर ऐसा कही कुछ है नही। ध्यान देने वाली बात है और सोचने वाली भी बात है। जो मोहमद के दिमाग में वो मोहमद ने किया अपने जीवन में। जो आपके दिमाग को सही लगे आप करो। किसी निर्दोष की जान लेना किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता। हर जीव को सबसे अधिक अपनों औलाद या अपनी जान सबसे अजीज होती है। और इब्राहिम ने अपनी सबसे अजीज चीज की कुर्बानी दी थी।अगर सच में ही असली मुसलमान हो तो खुद की ही कुर्बानी कर दिया करो। पर ऐसा नहीं करोगे क्योंकि जानते हो बहुत विश्वास के साथ की ( दुमबा) नहीं आने वाला कोई,सीधे जान जाएगी । ये तो अल्लाह के साथ भी दोगलापन करने जैसा है यार।😊 मोहमद को मिर्गी का दौरा आता था तो आप लोगों को क्यों नहीं आता। लाया करो। मोहमद ने अपनी बेटी को मरते ही अपने एक ऐसे सहाबा को सेक्स करने के लिए ऑफर कर दिया था तो आप लोग भी ऐसी परंपरा चलाओगे सुन्नत के नाम पर क्या। मोहम्मद तो 50 वर्ष के ऊपर हो गए थे तो एक दूध पीती खूबसूरत बच्ची को देखकर बोले की बड़ी हो जाएगी तो इससे मैं निकाह करूंगा।लेकिन उसके बड़ी होने से पहले ही वो अल्लाह को प्यारे हो गए। 6 वर्ष की आयशा के भी साथ यही किया था। मेरा कहने का अर्थ ये सारे काम उनको अल्लाह ने करने का आदेश नही दिया था ये मोहमद के वे काम थे जो उन्होंने किए खुद की इच्छा और दिमाग के अनुसार उसी तरह आप लोगो भी अपनी इच्छा और दिमाग के बुद्धि के साथ काम करना चाहिए ,। कुरान की एक आयत है जिसमे अल्लाह कहता है की मैंने इंसानों को दिमाग दिया है उसे उसका अधिक से अधिक इस्तेमाल कर काम करने के लिए,जो उसका इस्तेमाल नहीं करता मै उसके दिमाग में कचरा भर देता हूं। यानी उसकी बुद्धि खराब हो जाती है। अल्लाह की ही मान लो आप लोग तब भी किसी बेजान की जान बच जाए। आप लोगों को गोश्त खाना है तो खाओ मगर उसमे अल्लाह को क्यों बदनाम करते हो। इस अंधभक्ति में एक पवित्र दिन पर अपराध जैसा अमानवीय कार्य आज के मुसलमानो द्वारा काम करने में, मोहम्मद को दोषी मानता हूं न ही अल्लाह को। मै आज के मुसलमानो को दोषी मानता हूं जो खुद के दिमाग यहां नही लगाते। कुरान तो 250 साल बाद लिखी गई । कुरान के लिखने वाले गलत हो सकतें हैं पर अल्लाह गलत नही हो सकता।
Mein Ex Muslim hun. Mere liye Islam chorney ki sab se bari waja ye thi ke mujh se janwar pe koi zulm dekha nai jata aur islam bohot ziada zalim hai janwar per. Koi bhi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ya unn per zulm ki ijazat nahi dega
@@Ammeo इब्राहिम ने झूठा कुर्बानी का ड्रामा किया था अकेले जंगल में, किसने देखा कि डुम्बा आ गया कि सेटिंग थी पहले से।"जंगल में नाचा मोर किसने देखा" वाली बात है। बाद में कबीले वालों को बता दिया ये तो चमत्कार हो गया। खुद चमत्कारी बाबा मनवाने की सब चाल थी। अब्राहिम भी झूठा , इनका मुहम्मद भी झूठा, और ये अंधभक्त भी झूठे। इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी दी की थी तो ये भी अपने बाप से बोले ये कि हर साल अब्बा हमसे से एक को अल्लाह की कुर्बानी कर दिया करे। नहीं करोगे पता है निपट जायेंगे,🤣 कोई डुम्बा नहीं आने वाला। अल्लाह पर ईमान नहीं है डाउट हैं इन सबको।पर निर्दोष की गर्दन उड़ा देंगे ये दोगले लोग। किसी को यकीन और प्रेम जताकर धोखे से कैसे मारा जाता है ये इसकी ट्रेनिंग का हिस्सा है कुर्बानी। ये कट्टरता का बीज है बच्चो में। इब्राहिम ने तो यहूदियों से तो कभी नहीं कुर्बानी मांगी, न यहूदी किसी बकरे की कुर्बानी देते हैं। उनसे अलग हुए ईसाइयों से कोई God कुर्बानी ईसाइयों से कभी कोई कुर्बानी नहीं मांगी। तो ऐसा क्या हो गया कि अल्लाह तब से कुर्बानी का भूखा 🤣
Apne majhab se matlab rakho hazaro buraiya hai tumhare majhab mai,unlogic,superstitions fir bhi hum koi matlab nahi rakhte ki tumhari astha hai. Islam mai itni ghuspaet kiyo apne kaam se kaam rakho.kisi dusre se ya fir tum logo se hum jabarjasti to nahi karte.madam apke yaha kaali maata par Bali chadate hai
Bhai mere esi liye tu Rab NE mushriq bola enko qk wo enki niyyat janta tha k ye kesay insan banain gy duniya mein ja k or Enko musalman apni botian b khila dain tu ye khush nai hongy...Jo khud jahil ho jiske gods ki story sun k hasi aye wo Kisi pe sawal utha ra hahaha
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,.,.
जो मौलाना साहब ने कहा कि अपने बेटे की कुर्बानी करने के लिए जा रहे थे तो अपने बेटे से पूछे कि ऐसा ऐसा बात है तो बेटी ने कहा ठीक है अभी कुर्बान कर दो लेकिन क्या जानवर कुर्बान होने के लिए राजी होते हैं उनको तो जबरदस्ती मर्डर कर दिया जाता है यह कौन सी कुर्बानी है
Janwaro ko Allah ne insaano k liye banaya hai kuch ko khaane k liye kuch pr sawaari k liye Kuch ka doodh hum Peete hai Kya aap Janwaro se faida nahi othate On ki skin se bane 👜👛 belt tent ⛺ jacket 🧥 👟 shoes Chapple nahi pehnte??
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,.,.,,..
@@adnanahmed8578 Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega
जब आपको जीवन देने की औकात खुदा ने नही बक्शी तो आप किसी जानवर,इंसान किसी को कैसे मार सकते है?सिर्फ इसलिए की आप शारीरिक ताकत,,दिमागी शक्ति रखते है?आप निरीह जानवर को पकड़ सकते है,पटक कर काट सकते है,कभी पूछा जीव से की वो मरना, कटना,कुर्बान होना चाहता है?
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega .,..
ईद की कुर्बानी जानवर की होती है बाकी साल में 364 दिन बजाते हैं उनमें आप अपना कुछ भी कुछ कुर्बान कर सकते हैं अपनी हैसियत और हिम्मत के मुताबिक और जो कोई दिखावा करता है उसकी कुर्बानी अल्लाह को बिल्कुल पसंद नहीं होगी
जैसा incidence हुआ था वैसा करो ना। अपनी प्यारी चीज की कुर्बानी दो, तभी अल्लाह खुश होगा। बकरा थोड़ी ना प्यारा होता है इनको। तभी इनकी गजवा ए हिंद की ख्वाहिश, अल्ला पूरी नही कर रहा। Think about:👍🏽 "अपने बच्चो की कुर्बानी"!
खुदा किसी के भी बच्चे की कुर्बानी नहीं चाहते अब्रहाम की तो इस तरह परिक्षा ले रहे थे कि किसको ज्यादा चाहते हैं खुदा को की जो 99 वर्ष की आयु में पैदा हुए अपने बेटे को
@@umeshkumargupta777 खुदा चाहता है कुर्बानी, किसी से भी पूछ लो। तुम्हे ज्यादा पता है?🤔 हर साल 53 मुल्खों में करोड़ों - करोड़ों लोग बकरों गायों ऊंटों की कुर्बानी देते है।
@@chanduji2855 जिस खुदा को हम जानते हैं वो हमारे शरीर का खतना नहीं हमारे मन का खतना चाहते हैं और कुर्बानी किसी इंसान या जानवर का नहीं हमारे पाप रुपी स्वभाव का चाहते हैं
जिस प्रकार यहां बकरा भात खिलाने का दंड दिया गया क्योंकि समाज के हिसाब से ये दोनों ग़लत किए थे और दंड इसलिए लगा ताकि कोई भी दुबारा ऐसा न करें । लेकिन मजेदार बात यह है कि लोग सुधरेंगे नहीं ऐसा ही करेंगे और लोगों को बकरा भात खिलाएंगे और यह एक प्रथा बना लिए ग़लत काम करो और लोगों को बकरा भात खिला दो। यह एक उदाहरण है सच्चाई के साथ
@@umeshkumargupta777 जिस खुदा को आजकल दुनिया समझ रही है वो खतना कराता है, वही खुदा जानवर मरवाता है। नही तो तुम्हे कोई शौक है खतने का, जो तुमको खतना करवाना पड़ा?🤔
अहिंसा परमो धम॔ः
""धर्म हिंसा तथैव च""
Ex Muslim here. Animal cruelty in Islam made me leave Islam. I was a vegetarian muslim and used to hate why Islam allows killing and bloodshed of animals. So i left
I am your exfather here
Right. Cruelty is wrong
You have to submit the most favourite thing, aisa nahi ki kal bakra kharid ke le-aya aur aj Qarbani de dii, esa nahi hai. Apko pehle usko pal-pos na hoga, is tarah automatically uske sath emotions jud jayenge, tab jab Quarbani hoti hai to aankho se aasu nikal jaata hai. Ab koi watch ya mobile Qarbani kaise de sakta hai jo ap same to same product koi market ya shopping site se le sakte ho?
Qurbaani ibaadat hai or Allah ne jinno or insaano ko apni ibaadat k liye banaya hai
Agr hum Allah ki ibaadat krte hai to hamaara hi faaida hai or na kare to hamara hi nuqsaan hai
Qurbaani ka na to khoon Allah ko pohanchta hai or na mass Ose to hamaara taqwa pohanchta hai
Hum Qurbaani krte hai to hum ko mass khaane milta hai Greebo ko free me milta hai Animal ki skin se shoes Chapple purse 👛 belt tent ⛺ jacket 🧥 wagaira bante hai Animals ki haddiyo se bhi bohat se kaam hote hai
Logo ko rozgaar milta hai or agr hum Qurbaani na kare to hamara hi nuqsaan hai ye animals taadaad me bohat badh jaayenge to traffic jam krdenge Ye jaanwar hum ko raasto me maarenge On k gobar se raaste bhar jaayenge Haryaali khatm krenge Oxygen kum ho jaayegi Rozgaar nahi milega wagaira yaani hum ne ibaadat nahi ki to hamara hi nuqsaan hai
@@savagebro2023 aisa hai to apne bacche ko qurbaan kar do sabse zyada emoions usi ke saath jude hote hai
nahi to bakre ko door chhod aao use chhodne pe bhi aasu aayenge
अल्ला ऐसा वैसा फरमान जारी नहीं कर सकता जिससे उसकी बनाई हुई सृष्टि में आतंक और दुश्मनी फैले, जब सब एक ही पिता की संतान है तो कौन दोस्त और कौन दुश्मन
Mohammed was playing the double role, sometimes he became Allah and sometimes he became prophet of Allah and that way he fooled the Arab people for his power politics.
Good brother 👍 kya baat kahi hai tumne hum sab ek hi pita ke santan hai jinka name Adam hai 👍
@@o.k1807 no brother you are wrong.
Mohammad pbuh only prophet not Allah (god) ok.
Prophet Muhammad pbuh was messenger of Allah☝
@@Sunny-ic2dubro batao ki Allah ke sare concept or uski bate kisne aap logo tak pahuchayi hai
खुद को खुद की जान प्यारी होती है अगर तुम्हारे को कुर्बानी ही देनी है तो खुद की दो सबसे प्यारी चीज खुद की जान होती है जान हथेली पर अपने आप को कर दो कुर्बान। ऊपर वाला भी खुश होगा और दुनिया भी खुश।
કુબાની તો જાનવર કી હોતી હૈ ઇનસાન કી કુબાની નહી હોતી ભાઇ ઓર કુછ લોગ બલી દેતે હે ઉસ કા કાય હોઞા દેખો
Andar ka batt bohot gaheri h..... Pura duniya vi khus...... bohot achha bhai
same to you dasara me kown bali hotahi aaploog
कुर्बानी अपनी प्रिय बस्तु की करनी चाहिए, बकरी के बच्चे की कुर्बानी देने में तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है, कुर्बानी खुद की करनी चाहिए।
Ap sakahari ho to?
पिनाक जी ने बहुत अचछी डिवेट करी है आप के काम के नमन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹👍👍👍
Even small children are made to do qurbani, no wonder when they grow up they have no qualms in killing even human beings mercilessly!
Very true. That’s the reason majority of them are desensitized and indifferent or intolerant towards others. Violence in society makes people irrational.
इस्लाम गैर मुस्लिमों के लिए कितना बड़ा खतरा है अबब समझ में आ रहा है हमे 🚩
Haan vosdi bahut khatra hai... Thoda bach ke.. gobar bhakt
Book... Understanding Muhammad
Writer... ALi ShinA
Free DownLoaD ON NeT
It's Amazing Book 📖📖
PLzzz... Must Read & Suggest Others ALSO 🙏🙏
Apni sab se pyari cheez kubarban karo, apne pariwar ko karo…
सब से अच्छी चीज की क़ुरबानी जिसे आप सब से ज्यादा प्यार करते है मान लो आप बकरे को बहुत प्यार करते ओर उस प्यारे को खा भी जाते, ये केसा प्यार... निर्दोष जीव को मार कर खाना... इतना प्यार कैसे अल ताककया कर रहे...
मुझे मोहम्मद सबसे प्यारा है मैं मोहम्मद को कुर्बान करना चाहूँगा।
Ye isliye h Taki inme koi emotion na rahe pathar ho jaye ye log
યે તો કુરબાની હૈ ઓર ઇસલામ કા અરકાન હૈ ઓર બલી કોન દેતા હૈ દેખો
अल्लाह का इस्लाम और मुल्लो का इस्लाम एक ही है अल्लाह सिर्फ सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी मांगता है वो किसी बकरे मुर्गे ऊंट गाय या भैंस की बलि चढ़ा देते हैं
kurabani nahi berahmi hai🙏
Qurbani tere baap nhi rok sakte rokne ka itna shok hai toh sun 18000 ton gaay ka mass American jata h rukle doogle 🤣🤣🤣🤬
@@pardhanpardhan7158 bhai thanda ho ja malum hai kalayug hai mai nahi rok pavu ga our kurabani ka vidio hai isaliye kurabani likh magar jo bhi chalte firte jivo ka dukh dekh ke meri ruh dukhi hoti hai🙏🙏🙏ahinsa parmo dharam🙏
देखिए जो भी ये ईश्वर है या अल्लाह है खून का प्यासा है ये तो निराकार है ये केसे हो गया।
Ye bilkul shi kha aapne
कुर्बानी कभी नमाज हिजाज इसलाम के रोज कोई न कोई एक मुद्दा लेकर रोज आती है सिफॅ आप के पास मुस्लिम के शिवा दुसरी बात ही नही करते मीडिय आप लोगो को
100% sahi hai
@@rajeshdangode1346 जो ईश्वर,परमात्मा है वो एक समाज का नहीं भगवत गीता में बताया परमात्मा का सभी जीवो से सम्बन्ध है वो सभी जीवो पर कृपालु है।तब हम ये बता रहे थे मूर्ख से ज्ञान की आशा,जीव हत्या करने वाले से दया की आशा,कंजूस से दान की आशा कभी नहीं करनी चाहिए।
ગલત બાતે મત કરો હો બાકી તો જો હે વો હૈ
Hindus should keep Varaha Avatar photo in their shops. It will be easy for us to identify and buy from a Hindu shop
It is unethical to kill innocent animals for any reason whatsoever.
Daily crores of chiken are killed,tons of beef is exported from India,any one can debate on this
N does it is legal to flow tons of milk on Bhagwan ????
@@syedattaullambbs By pointing someone wrong can't make ur wrong right.
@@syedattaullambbs By your logic, i could argue that, "Over the last 8 years, china allegedly demolished 16,000 mosques and renovated a lot of them to make them more Chinese. Well China's demolishing the mosques so I'm gonna go that same" Your logic sounds like this
@@mealswithiqra842 milk sey kaun martaa hai?
"कुर्बानी" इस शब्द को अंतर्मन से कितने मुस्लिम समझते हैं? कुर्बानी के दिन अपने समुदाय में व्याप्त कुरीतियों और बहसीपन को कुर्बान नहीं करके जानवरों को कुर्बानी के नाम पर काट कर उसको खा कर अपनी कुरीतियों और बहसीपन को और पुख्ता करना कहां तक जायज है।
ઇસલામ તો કયામત તક રહેઞા હો ઓર બુરાય મત કરો ભાઇઓ હો ઓર ઈસલામ કો કોઇ ભી મીટા નહી સકતા હો
Qurbaani se Allah ka qurb milta hai
Qurb yaani nazdeeqi yani Allah k qareeb hona
Or maal or jaan ki Qurbaani diye bagair Allah ka qurb nahi milta
For example
Agr aap k pass maal wa daulat hai to aap ko os me se Greebo or besahara logo pr kharch Krna hoga jab ki maal wa daulat hum ko bohat pasand hota hai lekin apni pyari cheez ki Qurbaani deni hogi
Osi tarah aadmi apni jaan or apne buchcho se bohat pyaar krta hai mgr zarurat padne pr batil k khilaaf ladne k liye apne sir se kafan pehen kr nikalna hoga
For example
Agr aap dekhe k gunde kisi ko maar rahe ya kisi aurat ka balatkaar kr rahe to aap ko on se fight Krna hoga chahe aap ki jaan chali jaaye
Ye hai Qurbaani
Allah ne apne paigamber Ibraheem ko aazmaaya k wo apni pasandeeda cheez Qurbaan krte hai ya nahi or Ibraheem apne bete ki Qurbaani ko tayyar ho Gaye
Allah ko on ki ye Ada pasand aayee or bete ki dunba ki Qurbaani ki gayee or Allah ne is sunnat ko baad me aane waalo k liye bhi zaroori kiya
Is liye hum bakra eid manate hai
Ye Qurbaani ek symbol hai k zarurat padne pr hum apni jaan bhi denge
जिस दिन इस्लाम इस दुनिया में आया वो दिन इस दुनिया के लिए सबसे काला दिन था.
राक्षस प्रवित्र के लोगो को हर जानवरो की कुर्बानी जायज है।किंतु जो लोग अपने को मनुष्य समझते,मानते हैं।उन्हे इन सब चीजों से कोई सरोकार नहीं होता किंतु ईश्वर को देना ही है तो किसी चीज का भेट दे सकते हैं।
Ahimsa Parmo Dharma ( Non Violence is great Religion)
True. pacifism and non violence is the best thing ever
खरीद कर लाई गई चीजें कभी भी प्यारी नहीं हो सकती वह सिर्फ एक बेजुबान जानवरों की हत्या है।
100% agree 👍
365 दिन मिलियन पशु काटे जातें हैँ वह किया है?
યે તો કુરબાની હૈ ઓર ઇસલામ કા અરકાન હૈ ઓર અપના તો કુછ બતાના દુનીયા વાલે કો તો પતા ચલે હો
Kharida to paise se hi jata he or aison se jyada Kiya piyari he
@@aalam9335 to fir masoom janwaron ki jaan lene ke bajay wohi paise gareebon me kyu nhi baant dete
45:31 وَأَمَّا الَّذِينَ كَفَرُوا أَفَلَمْ تَكُنْ آيَاتِي تُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ فَاسْتَكْبَرْتُمْ وَكُنتُمْ قَوْمًا مُّجْرِمِينَ
रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया (उनसे कहा जाएगा,) "क्या तुम्हें हमारी आयतें पढ़कर नहीं सुनाई जाती थीं? किन्तु तुमने घमंड किया और तुम थे ही अपराधी लोग।
45:32 وَإِذَا قِيلَ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ وَالسَّاعَةُ لَا رَيْبَ فِيهَا قُلْتُم مَّا نَدْرِي مَا السَّاعَةُ إِن نَّظُنُّ إِلَّا ظَنًّا وَمَا نَحْنُ بِمُسْتَيْقِنِينَ
और जब कहा जाता था कि ‘अल्लाह का वादा सच्चा है और (क़ियामत की) उस घड़ी में कोई संदेह नहीं है।’ तो तुम कहते थे, ‘हम नहीं जानते कि वह घड़ी क्या है? हमें तो बस एक अनुमान-सा प्रतीत होता है और हमें विश्वास नहीं होता’।"
45:33 وَبَدَا لَهُمْ سَيِّئَاتُ مَا عَمِلُوا وَحَاقَ بِهِم مَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ
और जो कुछ वे करते रहे उसकी बुराइयाँ उनपर प्रकट हो गईं और जिस चीज़ का वे परिहास करते थे उसी ने उन्हें आ घेरा।
45:34 وَقِيلَ الْيَوْمَ نَنسَاكُمْ كَمَا نَسِيتُمْ لِقَاءَ يَوْمِكُمْ هَٰذَا وَمَأْوَاكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُم مِّن نَّاصِرِينَ
और कह दिया जाएगा कि "आज हम तुम्हें भुला देते हैं जैसे तुमने इस दिन की भेंट को भुला रखा था। तुम्हारा ठिकाना अब आग है और तुम्हारा कोई सहायक नहीं।
45:35 ذَٰلِكُم بِأَنَّكُمُ اتَّخَذْتُمْ آيَاتِ اللَّهِ هُزُوًا وَغَرَّتْكُمُ الْحَيَاةُ الدُّنْيَا ۚ فَالْيَوْمَ لَا يُخْرَجُونَ مِنْهَا وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ
यह इस कारण कि तुमने अल्लाह की आयतों की हँसी उड़ाई थी और सांसारिक जीवन ने तुम्हें धोखे में डाले रखा।" अतः आज वे न तो उससे निकाले जाएँगे और न उनसे यह चाहा जाएगा कि वे किसी उपाय से (अल्लाह के) प्रकोप को दूर कर सकें।
कहानी अच्छी है, ये बतातो जब अब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्वानी दी थी औऱ वो बच गया। परन्तु विश्व में कोई भी मुसलमान अपने बेटे की कुर्वानी किंयु नही देते, क्या मुसलमानो का अल्ला झूँठा है मुसलमान झूँठा है। जो अपने बेटे की कुर्वानी किंयु नही देते।
हिन्दू धर्म में कहीं भी वैद्यों मैं बली का है मतलब खुद की कमी न्यौछावर कर देने कै लीऐ
Ved me kahi bhi bali dene ko nahi kaha gaya hai
Very good najiya anshari ji ... Good thinking
ख्वाबों की दुनिया का कांसेप्ट ही आभाषी है। यही तो मनचलों का संसार कभी सकारात्मक प्रभाव नहीं ला सकते। हां नकारात्मक प्रभाव जिसके परिणाम शोषण-दमन और कामुकता है।
Isslaam mukat would
जो निरापराध जानकारी का गर्दन काटने का कार्य करे और वह धर्म नहीं हो सकता है और ईश्वर किसी जीव कीं बलि नहीं लेता है और यदि वह ऐसा कार्य किया जातां है तों वह ईश्वर नहीं हो सकता है, कबीर दास जी ने लिखा है दिन की रोजा रहत है, रात हलालत गाय इधर खून इधर बंदगी कैसे मिले खुदाय,,
ये धर्म नहीं कोई मजहब हे धर्म की परिभाषा हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित है हम सनातनी इसको भलीभांति जानते है
जिसमें हम शांति सहृदयता और मानवीयता शिखाते हे सियाराम मय सब जग जानि करहू प्रणाम जोर जुग पाणी
अपनी प्यारी से प्यारी चीज़ की कुर्बानी देना मतलब जिससे नफरत करें उसकी कुर्बानी देना जैसे काफिरों की।देना है तो सबसे प्रिय जैसे अपनी पत्नी/ बच्चे की करें।यह प्रथा प्रारंभ करें फिर देखें काफिर आपके चरण छूने लगेगा।
કુબાની તો જાનવર કી હોતી હૈ ઇનસાન કી કુબાની નહી હોતી હૈ ઓર ખુદ કો હોશીયાર સમજ તે હે લેકીન ઇનસાન તો ના સમજ હૈ ઓર ગલત બાતે મત કરો હો ભાઇઓ હો
Hum insan ki qurbani nhi de sakta 🥰🥰
इतने जानवरो की कुर्बानी,
सोच कर ही दिल दहल जाता है
अरे यही पैसा अपनी कौम की तालीम मे लगाओ,
मुस्लिमो मे शिक्षा की बहुत कमी है
Bhai Qurbaani ibaadat hai or is ka faida hum ko hi hota hai
Janwaro ki Qurbaani se hum ko mass khaane milta hai Greebo ko free me milta hai Animal ki skin se shoes 👟 Chapple purse 👛👜 belt 🎪 tent jackets 🧥 wagaira bante hai Logo ko rozgaar milta hai Animal ki haddiyo se bhi bohat kaam hote hai or agr hum Qurbaani na kare to hamara hi nuqsaan hai ye jaanwar taadaad me bohat badh jaayenge to traffic jam krdenge Ye jaanwar hum ko raasto me maarenge On k gobar se raaste bhar jaayenge Haryaali khatm krenge Oxygen kum ho jaayegi Rozgaar nahi milega wagaira
Allah ko Qurbaani ka na to khoon pohanchta hai or na mass balki Allah ko hamara taqwa pohanchta hai
बहुत सुन्दर
बैन क़ुरआन
ludu Geeta ban hogi samjha re
It's like a black cat in dark room which is not there. They are equally good in their understanding as we.
Kya bakre ki jan
Apni jan se pyari h....?
😂😂
@@indianboy-c4qwell god ne insan ki qurbani nhi mangi
to hum insan ki qurbani nhi kar sakta
or hum animal ko paisa se kharid te hai jo humare liye bohot aziz hai 🥰🥰🥰
dr.mohamad Iqbal siddiqi aap jese rehnuma ko dil se salam
*सुन्नते इबराहीम की क़ुरबानी के अमल से उस का तक़वा (निष्ठा/जज़्बा/धर्मपरायणता) अल्लाह को पहुँचता है !*
अल्लाह ने आयत 22:37 में कहा कि अल्लाह के नाम पे दी हुई क़ुरबानी का गोश्त और उसका खून इसको नहीं पहुँचता है बल्कि क़ुरबानी देनेवाले का तक़वा (निष्ठा) पहुँचता है। जब खूबसूरत, बिना ऐब वाला क़ुरबानी के पाला हुवा जानवर या खरीदकर घर लाकर अपने साथ रखकर उसकी खिदमत और लाड़ करने के बाद उसकी तरफ हर परिवार के सदस्य को उस के प्रति लगाव और मुहब्बत हो जाना स्वाभाविक है। गोया वह उस परिवार का एक हिस्सा बन जाता है ! और जब उस को अल्लाह की राह में क़ुर्बान करने की निय्यत से खरीदा हुवा है इसलिए क़ुरबानी के दिन उस के प्रति दिल में पैदा हुई मुहब्बत के जज़्बात पर काबू रखकर भारी दिल से क़ुरबानी दी जाती है। इस सुन्नते इबराहीम के अमल से मोमीनों को अपने जान की, अपने औलाद की, अपने माल की या अपनी ज़िंदगी की हर खुशियाँ, ऐशो आराम को अल्लाह की राह में क़ुर्बान कर देने का जज़्बा (निष्ठा/भावना) पैदा होता है और वोही तक़वा अल्लाह अल्लाह को पहुंचता है और इसमें अल्लाह की तरफ से क़ुरबानी देने की तालीम है । इस कारण वक़त आने पर मुसलमान अपना ईमान बचाने के लिए अपना वतन, घरबार (परिवार के साथ या बिना परिवार), मिलकत, दौलत सब कुछ छोड़कर हिजरत करता है। और उस प्रयास में कभी कभी मर मिट जाता है। मुसलमानों में हक़, इंसाफ और ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने और वक़त आने पर अपनी जान, माल, औलाद और अपने परिवार की बिना परवाह किये सिर्फ़ अल्लाह की राह में क़ुर्बान कर देता है । इसका सब से बड़ा उदाहरण इमाम हसन (रअ) और बाद में हुसैन (रअ) है जिन्होंने हक़ के ख़ातिर यानी अल्लाह के दीन को भटकने और भृष्ट होने से रोकने के लिए अपनी और अपने परिवार की क़ुरबानी दे दी। इसतरह दूसरे ख़लीफ़ा उमर फारूक , तीसरे ख़लीफ़ा उस्मान गनी (रअ) , और चौथे खलीफा अली (रअ) ने अपनी जान की परवाह किये बिना क़ुरबानी देकर शहीद हो गए और अल्लाह के दीन को ज़िंदा रखने और आगे बढ़ाने में कामयाब हो गए। पेलेस्टाइन , सीरिया, म्यांमार, चीन आदि देशों में आज भी मुसलमान अल्लाह की खातिर हर तरह की क़ुरबानी देकर हर मुश्किलियों के बीच जी रहा है। यह जज़्बा अल्लाह ने अपने रसूल (सअ) को आयत 6:162 से तालीम फ़रमाई है। अल्लाह ने मुसलमानों को हर दौर में क़यामत तक के लिए तकलीफों से आज़माने का निर्देश दे दिया है (Ref:-
2:155, 3:186, 8:28, 9:88, 9:111, 64:15)। अब कोई मोमीन या मुशरीक आख़ेरत की ज़िंदगी पर यकीन न रखता हो और इस दुनियवी ज़िंदगी ही असल जिंदगी समझता हो तो उसको free will दिया है कि वह अल्लाह के ईमान और आज़माइश से खुद को बेदखल कर दे। सुन्नते इबराहीम को रसूल (सअ) ने हज्ज के मौके पर और आम मोमीनों के लिए हर साल 10 ज़िलहज इदुददोहा के दिन ईद की शुक्राने की नमाज़ के बाद और इबराहीम (अस) की क़ुरबानी की जज़्बात की याद ताज़ा करने के बाद (Ref :- 37:106, 37:107, 37108, 37:109) क़ुरबानी देने का हुकूम दिया है ताकि मोमीनों का ईमान हर साल बार बार ताज़ा (refresh) होता रहे। कोन हिदायत के लायक है और गुमराही के लायक है अल्लाह को पहले से पता है इसलिए उसका अख़्तियार (मुख़्तियारी) अल्लाह ने अपने हाथ में रख़ा है।
burkha fata ray Bareilly ke bazar me burkha fata burkha fata burkha fata Bareilly ke bazar me
@@Ayub807-e8z
Part 1/2
*हिजाब स्त्रियों की लाज,शील और इज़्ज़त का आड़ (संरक्षक) है* ......क़ुरआन
👉🏿 सुरतून नूर 24 : 31
और ईमान वाली स्त्रियों से कह दो कि वे भी *अपनी निगाहें बचाकर रखें और अपने गुप्तांगों की रक्षा करें। और अपने शृंगार प्रकट न करें,* सिवाय उस के जो उन में खुला रहता है। और अपने सीनों (वक्षस्थलों) पर अपने "दुपट्टे" डाले रहें और अपना शृंगार किसी पर ज़ाहिर न करें सिवाय अपने "पतियों" के या अपने "बापों" के या अपने पतियों के बापों (श्वसुर) के या अपने "बेटों" के या अपने "पतियों के बेटों" के या अपने "भाइयों" के या अपने "भतीजों" के या अपने "भांजों" के या मेल-जोल की स्त्रियों (सहेलियां) के या जो उन की अपनी मिल्कियत में हो (लौंडी) उनके, या उन "अधीनस्थ" (कमज़ोर वृद्ध) पुरुषों के जो उस अवस्था को पार कर चुके हों जिस सें स्त्री की ज़रूरत होती है, या उन बच्चों के जो स्त्रियों के परदे की बातों से "परिचित" न हों। और स्त्रियाँ अपने पाँव धरती पर मारकर न चलें कि अपना जो शृंगार (झांझर,चुणि,नथनी,एरिन जैसी खनकती चीजों के ज़ेवर का आवाज़ ) छिपा रखा हो, वह मालूम हो जाए। ऐ ईमान वालो! तुम सब मिलकर अल्लाह से तौबा करो, ताकि तुम्हें सफलता प्राप्त हो ।
👉🏿 सुरतून नूर 24 :60
जो स्त्रियाँ युवावस्था से गुज़र कर बैठ चुकी हों (आधेड़ उम्र अवस्था मे प्रवेश कर लिया हो) , जिन्हें विवाह की आशा न रह गई हो, उन पर कोई दोष (आचार संहिता लागू) नहीं कि वे अपने कपड़े चादरें (बुरखा) उतारकर रख दें (न पेहरें) जबकि वे (अब) शृंगार (ज़ेवरात, make up ) प्रदर्शन करने वाली न हों । *फिर भी वे इस से बचें तो उन के लिए अधिक अच्छा है।* अल्लाह भली-भाँति सुनता, जानता है
👉🏿 सुरतुल एहज़ाब 33 : 59
ऐ नबी! *अपनी पत्नियों और अपनी बेटियों और ईमान वाली स्त्रियों* से कह दो कि वे अपने ऊपर अपनी "चादरों" का कुछ हिस्सा लटका लिया करें (आज उसे हिजाब/बुरखा का रूप दिया है) । इस से इस बात की अधिक सम्भावना है कि वे (उन का संस्कार प्रिय नीति) पहचान ली जाएँ और "सताई" न जाएँ। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है
👉🏿 सुरतुल अहज़ाब 33 : 53
ऐ ईमान लाने वालो! नबी के घरों में (ऐसा ही आचार संहिता अन्य घरों को भी लागू है ) प्रवेश न करो, सिवाय इस के कि कभी तुम्हें खाने पर आने की अनुमति दी जाए। वह भी इस तरह कि उस की (खाना पकने की) तैयारी की प्रतिक्षा में न रहो। अलबत्ता जब तुम्हें बुलाया जाए तो अन्दर जाओ, और जब तुम खा चुको तो उठकर चले जाओ, बातों में लगे न रहो। निश्चय ही यह हरकत नबी को तकलीफ़ देती है। (अन्य गृहस्थियों को भी तकलीफ होती है) किन्तु उन्हें तुम से (कहने में) लज्जा आती है। किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहने से लज्जा नहीं करता। *और जब तुम उन से कुछ माँगों तो उन से परदे के पीछे से माँगो।* यह अधिक शुद्धता की बात है तुम्हारे दिलों के लिए और उन के दिलों के लिए भी। तुम्हारे लिए वैध नहीं कि तुम अल्लाह के रसूल को तकलीफ़ पहुँचाओ और न यह कि उस के बाद (देहांत के बाद) कभी उस की पत्नियों से विवाह करो। (जिनको उम्मत की माँ का दर्जा प्राप्त है) निश्चय ही अल्लाह की दृष्टि में यह बड़ी गम्भीर बात है over 2/2
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ..,.
जानवरोंकि बली देना हम हिंदु अंधविश्वास मानते है!अगर कोई हिंदु बली देता है तो वह गलत है।सनातन धर्म मे बली देना जायज नही ।
Accha to jo ye kaali puja aur durga puja aur na jane kitne mandiro mein bali di jati hai wo tumhare hisaab se galat hai 😄
@@Sunny-ic2du yes srasar galat...bggwane hamko banaya wasahi janvaro ko banaya...bhagwan apne bache ki bali kasi magega..y to pagal pan hai.
@@ashay2193 tumhare hisaab se jitne bhi hindu bali dete hai wo pagal hai😄😆
@Fred thik hai bete agle saal karenge tumhari kurbaani ok 😄😆🤣
@@Sunny-ic2du ha hum galet mante h
Naznin Ansari makes rational ethically astute points. Dr Siddiqi is honest and straight forward too.
इस चर्चा को सार्थक बनाने हेतु सर्वप्रथम जानवर की परिभाषा सुनिश्चित की जानी आवश्यक है ।
जानवर का अर्थ है-जानवर वह जीव है जो किसी दूसरे नीरिह व निर्दोष जीव की हत्या करे या हत्या का कारण बने ।
Beshak
खान सर आप लोग एजुकेटेड है अब आधुनिक शिक्षा के आधार पर प्रतिबंध होना चाहिए क्या यe परंपरा खतम नही हो सकती आप मोटिवेट कर सकती है सकते है मैडम आप सही गाइड कर रही हे अल्लाह को तो जानवर भीं प्यारे है अल्लाह या भगवान ने सब बनाया है अल्लाह के लिए अपनी एजुकेशन से समाज को जागरूक करो
Good debait news nation aditar 🙏🙏
In order to help someone, Zakat is arranged in Islam
Better donate blood or kidney on Eid that will be best sacrifice
Phle aapne gereban me jako modi ko bolu kyun beef export karwata Hain 🤣😄😄😄😄
@@nayabqazi4305 ज्यादा मत बोल
@@nayabqazi4305 abe modi ho ya koi bhi hi ja haramkhor galat karega seedha narak me jayega
@@sandeepchauhan2770sorry bro hum insan ya phir insan ki kisi bhi organ ki qurbani nhi kar sakte
Allah ne Qur'an mein jawaron ka qatal ko jayaj kar Diya
Main bengali hu or humari durga puja me ya kali puja me b pehle k samay me bakre ki bali di jati thi par ab sab badal gya h ab "Nariyal, ganne or pumpkin" wagerah ko mantra uchcharan kar k Bali k roop me kata jata h or prasad k roop me baant diya jata h.. samay k sath insaan ki soch ka badalna bohot jaruri h. Agr ek ki kuriti ko lekar chaloge to pichhde hi reh jaoge..
जो दूसरों को तकलीफ (कुर्बानी) देने से खुश होता है वह एक शैतान ही हो सकता है भगवान नहीं।
कृपया आप मेरे सवाल का जवाब दे?
अगर आप किसी को जीवन दे नहीं सकते तो आप किसी के जीवन लेने का भी कोई अधिकार नहीं है।
To fir ram bhi saitaan tha jisne bejubaan hiran ko maara tha right aur vedick kaal me jo bali di jaati thi vo sab kya saitaan they phle jwab de fir tere ek ek swal ka jwab diya jaayegaa
@@vishwa8444 mere dost aap roj naye naye bhagwano ko badal te ho kisi ko ye hi samjh nahi aata ki kiski pooja ki jaaye ya kiski nahi kanhi shri ram bade hai kanhi Ganesh ji kanhi koi Devi to kanhi koi saadh Mahatma lekin vedon me saaf saaf likha hai ki koi bhi kisi insaan pathar paani hawa ki pooja karega vo narak ke gahre khai me girega pooja kewal brahm ki hoti hai jisne puri duniya ko banaya hai jiska na koi roop hai na vo kabhi janm leta hai vo kewal apne aap me akela kewal akela jara ye samjhaye
@@black777ffpc5 bhai mai kisi ko bali dene ke paksh me nahi hu kisi Janwar ki hatya karna galat hai, jab humko jine ka hak hai vaise hi inko bhi jine ka hak hai.
@@satishkumarratre9249 mere dost isme koi galat nahi hai agar saari duniya hi nahi khayegi to economy aur ye jo aahaar serculetion hai ye sab biger jaayega nahi khane wale log duniya me bahut kam hai jab khuda ne insan ko dono option de rakhe hai to aap aur hum kon hote hai isme buraai nikaalne wale
@@vishwa8444 acha to mere dost aapko hindu dharam ki achi jaankari hai ye dekh kar acha laga ki koi to Mila jo kuch jaanta bhi hai varna hame to jitne bhi mile hai vo bhagat na hokar kewal andhbhagat hi mile hai aap boora mat manana
R8 information thank sir..!
साल भर जो जानवर जुबा किए जाते है ,उसका क्या
હોતા હૈ અબ ભી હોગા હો
I love nastik
Christians me ye animal sacrifice wala niyam kabhi nai raha. Purane log jo karte the wo hum kyon karen.
Yha pai unhone christianity ki bat ki hi nhi yha pai unhone bola ki ye story christians bhi mante hai
ager purane log bure tha to moses, solomon, abraham ko kyu mante ho??? Mat mano unhe 😑😑😑😑
कुर्बानी परीक्षा हे जो अल्लाह चाहते हे अल्लाह हु अकबर
Jii apni qurbani de do phir is se badiya kya ho skta hai
जिसकी जान ले रहे हो एक बार उससे भी पूछ लिया करो की वो कुर्बान होना चाहता है की नही,,और आपके बेटो से भी पूछ लिया करो की वो अपनी कुर्बानी देना चाहेंगे की नही,,और इतना ही विश्वास है की ऊपर से कोई आवाज आएगी और कुर्बानी रुक जायेगी तो दो आज भी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए,,एक कुप्रथा और मनगढ़ंत कहानी के लिए किसी जीव की हत्या क्यों।।
इसको बोलते हैं भेड़ चाल
Jo vegitable aap khaate ho on me bhi jaan hoti hai Wo bhi rote hai jab aap on ko cut krte ho
Or kya aap animal ka doodh nahi Peete?
On ki skin se bane 👜 belt shoes 👟 Chapple jackets 🧥 wagaira use nahi krte
Kaanch k burtan me Janwaro ki haddiyo ka use hota hai kya aap on burtani ko use nahi krte??
ઇસલામ ઇસ્લામ ઇસ્લામ ઇસલામ ઇસલામ ઇસ્લામ ઇસ્લામ ઇસલામ ઇસલામ ઇસ્લામ ઇસ્લામ ઇસલામ ઇસ્લામ ઇસ્લામ ઇસલામ કી બાતે હોતી હૈ ઓર ખુદા કી શાન તો દેખો સબ સે આઞે હૈ ઇસ્લામ
ISLAM Nanga ho raha hai ... good job...
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
Islam nai tm logon ka andar ka khouf or dar nanga hora hai
Islam nanga ho gaya hai.
❤❤❤❤🎉🎉🎉
Allah ko namaz ke bad sab se pyari hay qurbani
Is ur Allah do cruel that he loves blood of innocent
😂
Quran main aisa nahi hai.. Aap apne man se bana rahe hain.
Noorani ki nunni ki qurbani hahaha
@@Meah_itshum maha dev ate hue lund ki qurbani denge dont worry
Quran haq hai aur sach hai
Atta haha atta haha atta
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,.,..
Ek bahut badha jhooth
Allah Ke Liye aadami ki Kurbani Deni chahie ki ek Musalman Ne Khud Kurban Hona chahie
Allah ne insan ki qurbani nhi mangi hai
Jai Hind 🚩
हज़रत इब्राहीम ने तो अपने सबसे प्रिय पुत्र को कुर्बान किया था तो तुम भी पुत्र को कुर्बान करो अल्लाह आपके पुत्र को भी किसी भी जीव में परिवर्तित कर देगा।
આપ લોગ ભી બલી કરતે હે તો વૈસે ભી આપ કરો તો અછા હૈ ઓર ધર્મ કે બારે મે ગલત મત લીખો ઓર બુરાય કરને વાલા ખુદ બુરા હૈ
Allah ne ab jaanwar ki Qurbaani hi Dene ko kaha hai
Or os me ye message hai k zarurat padne pr Allah k shatru se ladne k liye apni jaan bhi denge kyu ki Allah ne momino k jaan or maal ko jannat k badle khareed liya hai
इतना विभत्स रूप है इस्लाम का , सोचकर ही घिन्न आती है ।
ઇસલામ તો કયામત તક રહેઞા હો ઓર કુરાન ભી હમારા હૈ તો આપ કો ચીનંતા કરની નહી હૈ ભાઇઓ હો ઓર ઇસલામ કો મીટાને વાલા ખુદ મીટ જાએઞા હો ઓર ઇસલામ કોઇ ભી મીટા નહી સકતા હો ઓર બુરાય મત કરો ઓરઅપના કરો
same to you
islaam me naach gana haraamkhori sharab pina najayaz kaam mana hy isliya aapko islaam se ghin aatihi
@@rapedits8267 नृत्य और संगीत से इस्लाम व आपको इतनी परेशानी क्यो है ?🤔 जबकि किसी जानवर के खून से अपनी प्यास बुझाने में आपके अल्ल्लाह , इस्लाम और आपको कोई परेशानी नहीं है , बड़ी हैरानी की बात है ।आप आपना थोड़ा सा इतिहास पढ़े तब आपको पता चलेगा की दुनिया में जितने मुस्लिम है उनमें से नब्बै प्रतिशत से अधिक लोगों को तलवार के जोर पर जबरन मुस्लिम बनाया गया है ।
@@rapedits8267 नृत्य और संगीत से इस्लाम व आपको इतनी परेशानी क्यो है ?🤔 जबकि किसी जानवर के खून से अपनी प्यास बुझाने में आपके अल्ल्लाह , इस्लाम और आपको कोई परेशानी नहीं है , बड़ी हैरानी की बात है ।आप आपना थोड़ा सा इतिहास पढ़े तब आपको पता चलेगा की दुनिया में जितने मुस्लिम है उनमें से नब्बै प्रतिशत से अधिक लोगों को तलवार के जोर पर जबरन मुस्लिम बनाया गया है ।
Allah paar yakin hai to khud ke bete ko Qurbaani deke dekho kia hota hai 😂😂
Allah beto ko qurbani dene nahi bola hai.
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,..
'Jhatka' practiced by Hindus, is comparatively far more humanitarian than 'Halala' practiced by Muslims. The way they cut those animals alive is very painful and cruel.
भारत से अपील कर रहा पाकिस्तान, कि कर्जा चुका दो pok ले लो, Pok पाकिस्तान के पास है ही नहीं, देगा क्या????? आधा पाकिस्तान चीन के कब्जे में है, आधा तालिबान के
यह बात तो सच है इस्लाम में कुर्बानी जायज है मुसलमानों के लिए जरूरी है लेकिन जिस देश में माहौल बिगड़ता हो तो उस काम को मत करो क्योंकि हमारे देश में गाय के ऊपर दंगे फसाद होते हैं तो जरूरी नहीं गाय की कुर्बानी दो
MAS MAS SAB MAS HAI HIRNI MURGI GAAYE. NAR DEKHAT SAB KHAT HAI TE NAR NARKE JAAYEN. (Sri KABIR JI)
Xlent najneen mam you are correct 100% , about qurbani mentioned in Quran is totally misinterpreted
The debate is about sacrifice of animals in IsIam. It’s not about non Muslims eating meat. This so called scholar wants to justify sacrifice because 75% population in India might be non vegetarian. This shows his level of intellect.
Dewan sahib ! 75%veg ???_kia india mein maas / meat ni khaya jata ???
_kia india mein hen/cock , fish Aur other see food items ni khaey jaty ???
_ hindus tuo soor / pigs baqaida meat k leay palty hein .
_ Sirf ek " Cow meat " na khany se koi "so called veg" ni ban jata .
_ india ki export details deikho " animals skin "se aur "fish Aur other see food items export " se kitna kamata hy india .
_skin export ka matlab hy "animals ka meat" india mein hi consume / khaya hota hy .
_ aur "veg" ka matlab ye ni hota "fish aur different see food " items khud na khao lekin dusron ko khilao / export krdo .
_ Ek Cow meat k ilawa sab khaya jata hy india mein . Include mutton .
@@muhammadjunaid4072 you’re right Hindus do eat meat. What I am saying is there is no connection of this to Islamic sacrifice of animals. Hindus eating meat should not be used as an excuse for sacrifice . These are separate issues.
@@muhammadjunaid4072 khane k liye kaatna alag hai or Allah ko khush karne k liye kaatna alag baat
Also notice Mohammad Iqbal here did an "others also do it" argument. 🛑Jews have not done Qurbani for 2000 years 🛑For Christians, animal Qurbani is banned.🛑For Hindus in India, puja with animal "cutting" is banned since British Raj.🛑🛑🛑
@@religionwithlogic2659sahi kaha apni hum dono ka hi meat kha sakte hai ye hindu ek acche muslim scholers se kyu nhi debate karte hai?? mujhe ye bata do bus
bas ek mufti or molana ko uthalo or debate karna shuru kar do
People started to question now Islam is at defence.
पैसा भी तो सब से ziyada aziz हो ता है कुर्बानी एक आदेश है अल्लाह का यह आदेश कौन मानता है और कौन नहीं
@@arth4372 yeh log aisa kabhi nahi karengey kiunkeh janwar ka khoon bahana enko acha lagta hai ghareeb ki mali madad karnay ki bajaye.
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega
@@o.k1807bro animal ki qurbani dene keliye bola gaya hai
इन बेजुबान सीधे साधे कमज़ोर मासूम जानवरो
की कुर्बानी अगर वो सच में भगवान है तो वो
कभी नहीं दे सकता क्योंकि भगवान के सभी
बच्चे हैं, परमात्मा सभी जीवों में हैं,ऐसा काम
सिर्फ नफरती हिंसक लोग कर सकते हैं।
Agar Allah sabse pyaari cheej hai toh Allah ki kurbani kyun nahin de sakte?
akal ke hande allaha yaak noor hi kay teri maa se tu shaadi karsakta wo bhi awrat hi hyna nahi karsakta ishi tarha giski kurbani jayas hi wosi ki kurbani hotihy samaj me aya
Prophet ki hi de do
@@krishnakantupadhyay4690 aap ne Mirza Mohammad Ali Engineer k vidio dekhe?
Plz reply
@@ammiagha5962 kaun si
@@krishnakantupadhyay4690 univers and galaxies scientific facts
इस तरह की डिबेट मै ,अंकुर आर्य जी को भी बैठाया जाय
इस्लाम मैं कटायी तो ज़रूरी है
मानो तो फुन्नी कटेगी और
ना मानो तो गर्दन।
ઇસલામ તો કયામત તક રહેઞા હો દીન મે સપના દેખના છોડદો સાહેબો હો બાકી તો ઇસ્લામ સચા હૈ ઓર જો ભી તોહીન કરેઞા ઇસ્લામ કી તો વો તો નાસતીક હૈ એકસ શૈતાન કો ભગા દીયા હૈ ઇસ્લામ ને
क्या कहता है हिन्दू थर्म के ग्रन्थ गाय के बारे में, गोबर के बारे में?? गोश्त मांस मच्छली खाने के बारें मेंं?? बली के बारे में?? इस पर डिबेट क्यों नहीं करते हिन्दू मेडम?? क्या आपके गुरुओं को अपने धर्म का कुछ भी ज्ञान नहीं है?? या आपके धर्म और आस्था पर दुनिया के लोग हसी उड़ाएंगे?? आखिर क्या बात है????? ⁉️⁉️⁉️⁉️
We should all go through the religious scriptures before debates to avoid misleading s.Source of all religious teachings are one and the same.We have made the differences to suit us.
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega
वेदों के अनुसार एक ईश्वर की शरणागति ही सत्य धर्म है। अन्य की पूजा का प्रचलन बाद में हुआ। जिसके कारण कालांतर में ईश्वर की पूजा को अन्य की पूजा से हस्तांतरित कर दिया गया और सबने अपने अपने इष्ट देवों को स्वयं परमेश्वर बताना आरंभ कर दिया। जिससे ईश्वर के बारे में विभिन्न प्रकार के भ्रमों और विसंगतियों का जन्म हुआ। वो परमपिता परमेश्वर वेदों के अनुसार एकमात्र सत्य और सनातन है। वो अजन्मा और अविनाशी है। सम्पूर्ण सृष्टि उसकी ही महिमा से विद्यमान और आनंदित है।
सभी दिशाओं में और सब लोकों में उसी की महिमा है!
Ye log kuchh nahi jaante,Iqbaal ne kaha
Haquiqat rawaayaat mein kho gayee
Ummat kharafaat mein kho gayee.
Hazrat Muhammad sallaallho alaihe wasallam ne farmaya:-
Zamanaaye jaahiliyat ki tamaam rasmein mere pairon ke niche,ye darhi topic waale aaj take zamanaaye jaahiliyat mein pade huwe hain qur-aan mein 4 tarah ki qurbani ka zikr hai 1-nosokin,2-fidiyah,3-wanhar,and 4-azbahoka,ye Charo Arabic alfaaz hain kintu Charon ke Alag Alag meaning hain kintu ulamaa ne sab ka ek hi meaning qurbani likkha hai jis mein se abhi mein two Yani 3 aur 4 samjha raha hoon,no.3 ka Matlab hai khoon baha dena yani insaan ke body mein nafse ammarah ka jo Ganda khoon hai oosko saaf soothre halaal bhojan se saaf karo aur gandi napaak soch ko paak se badal do surah kauser hai inna aatainakal kauser fasalle lerabbika wanhar inna shane-aka howal abter yani mein ne Tum ko diya kauser Rab ke liye salaat ker Saath qurbani ke yani apne gandah khoon aur munkiraat ko body se nikaal phenko tab beshak tumhara dushman Yani shaitaan benasal ho jayega Yani tumhare Ander ki kharaabi Yani shaitaan mer jaayega,ab Rahi baat mullaon ko kauser maloom nahi qur-aan ka qaul hai ke hamne Tum ko kauser de diya tum kauser mil gaya ho to Rab ke liye salaat karo aur ye mulle kahte hain ke merne ke baad kauser meelegaa m.kitna tazaad hai mullaon ke qaul aur qur-aan ke qaul mein.ab no.4 qaul-e-quraan hai ke:-
Qaala ya bunaiya inni araa fil manaame azbahoka maaza taraa
Kaha Ibrahim ne ke aye mere bete mein neend (sleep)mein dekhta hoon ke tujhko zabah kar raha hoon ye Kya dekhta hoon phir to mulla ji hamein ye bataiye ke Hazrat Ibrahim a.s to paighamber the to khaab ki tabeer bete se kyon poochha rahe the khud maloom hona chahiye,abhi itna hi baaqi aayindah.
Such an Interesting and logical explanation...👍🏻
Would love to hear more from you bhai...!! 🤘🏻
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,..
Bhai itana knowledge he to exmuslim sahil aur exmuslim Sameer TH-cam channel par aake Islam ka difa kare na
Apni biwi bacho ki qurbani do alla khush hoga us se jyada....
Nhi insan ki bali nhi de sakta hai
महिला की बात किलकुल सत्य है
कुरान में लिखा है सही है,और हदीस इनके अपने मत है हैं जैसे पुराण
Hadith is not our opinion hadith is important to learn quran
Kyu ki quran main jo metaphorically bola gaya hai wo hum hadith se samaj sakte hai
Allah ke raah me kurbaani karna sunnat e Ibrahim hai... Har saal gaay (cow) ko jabah krte hai hm muslaman... Puri duniya ke musalmaan...
अल्लाह ने नही इब्राहिम के खुद यहोवा ने खुद की सबसे अजीज कही थी पर जब आप यहोवा को नहीं मानते और आपका तो खुदा अल्लाह है। अल्लाह ने तो मोहम्मद से इस तरह कभी नहीं मांगा।तो फिर क्यों करते हो कुर्बानी। जब इब्राहिम ने यहूदी रिलीजन बनाया तो उसमे तो यहूदी कुर्बानी नही देते और न उनके बाद उनसे अलग होकर अलग रिलीजन बनाने वाले ईसाई लोग कभी इस परंपरा को फॉलो किए तो ये तीसरी पीढ़ी कहां से शुरू कर दी। जबरायिल ने भी कभी कहीं पर इसके लिए मोहमद को कोई आयत दी। अगर कुर्बानी जरूरी होती तो इब्राहिम अपने यहूदियों को जैसे रिलीजन की सारी बातें बताई जीवन में फॉलो करने के लिए तो ये भी बताते उन पर जोर देते, पर ऐसा कही कुछ है नही। ध्यान देने वाली बात है और सोचने वाली भी बात है। जो मोहमद के दिमाग में वो मोहमद ने किया अपने जीवन में। जो आपके दिमाग को सही लगे आप करो।
किसी निर्दोष की जान लेना किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता।
हर जीव को सबसे अधिक अपनों औलाद या अपनी जान सबसे अजीज होती है। और इब्राहिम ने अपनी सबसे अजीज चीज की कुर्बानी दी थी।अगर सच में ही असली मुसलमान हो तो खुद की ही कुर्बानी कर दिया करो। पर ऐसा नहीं करोगे क्योंकि जानते हो बहुत विश्वास के साथ की ( दुमबा) नहीं आने वाला कोई,सीधे जान जाएगी । ये तो अल्लाह के साथ भी दोगलापन करने जैसा है यार।😊
मोहमद को मिर्गी का दौरा आता था तो आप लोगों को क्यों नहीं आता। लाया करो। मोहमद ने अपनी बेटी को मरते ही अपने एक ऐसे सहाबा को सेक्स करने के लिए ऑफर कर दिया था तो आप लोग भी ऐसी परंपरा चलाओगे सुन्नत के नाम पर क्या। मोहम्मद तो 50 वर्ष के ऊपर हो गए थे तो एक दूध पीती खूबसूरत बच्ची को देखकर बोले की बड़ी हो जाएगी तो इससे मैं निकाह करूंगा।लेकिन उसके बड़ी होने से पहले ही वो अल्लाह को प्यारे हो गए। 6 वर्ष की आयशा के भी साथ यही किया था।
मेरा कहने का अर्थ ये सारे काम उनको अल्लाह ने करने का आदेश नही दिया था ये मोहमद के वे काम थे जो उन्होंने किए खुद की इच्छा और दिमाग के अनुसार उसी तरह आप लोगो भी अपनी इच्छा और दिमाग के बुद्धि के साथ काम करना चाहिए ,।
कुरान की एक आयत है जिसमे
अल्लाह कहता है की मैंने इंसानों को दिमाग दिया है उसे उसका अधिक से अधिक इस्तेमाल कर काम करने के लिए,जो उसका इस्तेमाल नहीं करता मै उसके दिमाग में कचरा भर देता हूं। यानी उसकी बुद्धि खराब हो जाती है।
अल्लाह की ही मान लो आप लोग तब भी किसी बेजान की जान बच जाए। आप लोगों को गोश्त खाना है तो खाओ मगर उसमे अल्लाह को क्यों बदनाम करते हो।
इस अंधभक्ति में एक पवित्र दिन पर अपराध जैसा अमानवीय कार्य आज के मुसलमानो द्वारा काम करने में, मोहम्मद को दोषी मानता हूं न ही अल्लाह को। मै आज के मुसलमानो को दोषी मानता हूं जो खुद के दिमाग यहां नही लगाते।
कुरान तो 250 साल बाद लिखी गई । कुरान के लिखने वाले गलत हो सकतें हैं पर अल्लाह गलत नही हो सकता।
Sale apni Luli ke kurbani de deya kar
@@satyendrapandeyful re pagal mother chod... Kha se utha ke copy paste kr diya..... Landis rama 💩
Mein Ex Muslim hun. Mere liye Islam chorney ki sab se bari waja ye thi ke mujh se janwar pe koi zulm dekha nai jata aur islam bohot ziada zalim hai janwar per. Koi bhi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ya unn per zulm ki ijazat nahi dega
@@Ammeo इब्राहिम ने झूठा कुर्बानी का ड्रामा किया था अकेले जंगल में, किसने देखा कि डुम्बा आ गया कि सेटिंग थी पहले से।"जंगल में नाचा मोर किसने देखा" वाली बात है।
बाद में कबीले वालों को बता दिया ये तो चमत्कार हो गया। खुद चमत्कारी बाबा मनवाने की सब चाल थी। अब्राहिम भी झूठा , इनका मुहम्मद भी झूठा, और ये अंधभक्त भी झूठे।
इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी दी की थी तो ये भी अपने बाप से बोले ये कि हर साल अब्बा हमसे से एक को अल्लाह की कुर्बानी कर दिया करे। नहीं करोगे पता है निपट जायेंगे,🤣 कोई डुम्बा नहीं आने वाला। अल्लाह पर ईमान नहीं है डाउट हैं इन सबको।पर निर्दोष की गर्दन उड़ा देंगे ये दोगले लोग। किसी को यकीन और प्रेम जताकर धोखे से कैसे मारा जाता है ये इसकी ट्रेनिंग का हिस्सा है कुर्बानी। ये कट्टरता का बीज है बच्चो में।
इब्राहिम ने तो यहूदियों से तो कभी नहीं कुर्बानी मांगी, न यहूदी किसी बकरे की कुर्बानी देते हैं। उनसे अलग हुए ईसाइयों से कोई God कुर्बानी ईसाइयों से कभी कोई कुर्बानी नहीं मांगी। तो ऐसा क्या हो गया कि अल्लाह तब से कुर्बानी का भूखा 🤣
Apna kurban nahi karte
Dusre ko jaan ko kurbaan karte hai
Today science tells us that plants have life so why do we cut trees?? Why do we eat vegetables?
Plants do not have blood plants do not cry and most imp plants do not have nervous system you bloody fool
Apne majhab se matlab rakho hazaro buraiya hai tumhare majhab mai,unlogic,superstitions fir bhi hum koi matlab nahi rakhte ki tumhari astha hai. Islam mai itni ghuspaet kiyo apne kaam se kaam rakho.kisi dusre se ya fir tum logo se hum jabarjasti to nahi karte.madam apke yaha kaali maata par Bali chadate hai
Bhai mere esi liye tu Rab NE mushriq bola enko qk wo enki niyyat janta tha k ye kesay insan banain gy duniya mein ja k or Enko musalman apni botian b khila dain tu ye khush nai hongy...Jo khud jahil ho jiske gods ki story sun k hasi aye wo Kisi pe sawal utha ra hahaha
Wesay b ye nai enke andar ka dar bol ra hai
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,.,.
Hamare ved upanishad aur koi bhi granth me janwaro ki bali ka jikar nahi hai bhai
🧐🧐🤨🤨👌👌✌️✌️
जो मौलाना साहब ने कहा कि अपने बेटे की कुर्बानी करने के लिए जा रहे थे तो अपने बेटे से पूछे कि ऐसा ऐसा बात है तो बेटी ने कहा ठीक है अभी कुर्बान कर दो लेकिन क्या जानवर कुर्बान होने के लिए राजी होते हैं उनको तो जबरदस्ती मर्डर कर दिया जाता है यह कौन सी कुर्बानी है
Janwaro ko Allah ne insaano k liye banaya hai kuch ko khaane k liye kuch pr sawaari k liye
Kuch ka doodh hum Peete hai
Kya aap Janwaro se faida nahi othate
On ki skin se bane 👜👛 belt tent ⛺ jacket 🧥 👟 shoes Chapple nahi pehnte??
@@ammiagha5962Aam ka ped bhi insaano ke liye banaya to kya aap ped khate ho ya fal khate ho usi tarah gae ped h doodh fal h
ALLAH ka Hukm he, Farz he, Qurbani .
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega ,.,.,,..
Har muslim aaj islam hai.
News Nation Channel wale Hyderabad ke br.imran jo Islamic scholor hai un ko invite karenge to bohat knowledge haasil kar payenge
Sahil ko baithaye debate par
@@SONUMORADABADI saahil to Hinduism ko bhi nahi manta aur tum log usko donation deraheho( saahil bhakt )
@@adnanahmed8578 Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega
I m nastik
जब आपको जीवन देने की औकात खुदा ने नही बक्शी तो आप किसी जानवर,इंसान किसी को कैसे मार सकते है?सिर्फ इसलिए की आप शारीरिक ताकत,,दिमागी शक्ति रखते है?आप निरीह जानवर को पकड़ सकते है,पटक कर काट सकते है,कभी पूछा जीव से की वो मरना, कटना,कुर्बान होना चाहता है?
जो समान मैडम देना है दे दो वो दान है कुरान मे जानवर की कुर्बानी है खुद पड़ो किसी मौलाना की जरूरत नहीं है
Mein Ex Muslim hun. Mein ne 6 saal pehley Islam choor dia. Iss liye ke Islam janwar per zulm karney aur janwar ko marney ki ijazat deta hai. Koi sacha mazhab kabhi bhi janwar ko marney ki ya unhain khaney ki ijazat nahin dega .,..
जागो भारत जागो
Hame kya karna he janke
Best drama hai a. Medam ka
Dr sahab ne bahut achhi tarah se samjhaya hai..
नाजनी भहेन सही बात है 💯 सत्य
ईद की कुर्बानी जानवर की होती है बाकी साल में 364 दिन बजाते हैं उनमें आप अपना कुछ भी कुछ कुर्बान कर सकते हैं अपनी हैसियत और हिम्मत के मुताबिक और जो कोई दिखावा करता है उसकी कुर्बानी अल्लाह को बिल्कुल पसंद नहीं होगी
Najnin ji is right.
Peehnaaj ji ne to apna look puri tarah se badal liya hai, suruaat se me aapko dekh raha hun
जैसा incidence हुआ था वैसा करो ना।
अपनी प्यारी चीज की कुर्बानी दो, तभी अल्लाह खुश होगा।
बकरा थोड़ी ना प्यारा होता है इनको।
तभी इनकी गजवा ए हिंद की ख्वाहिश, अल्ला पूरी नही कर रहा।
Think about:👍🏽
"अपने बच्चो की कुर्बानी"!
खुदा किसी के भी बच्चे की कुर्बानी नहीं चाहते अब्रहाम की तो इस तरह परिक्षा ले रहे थे कि किसको ज्यादा चाहते हैं खुदा को की जो 99 वर्ष की आयु में पैदा हुए अपने बेटे को
@@umeshkumargupta777
खुदा चाहता है कुर्बानी, किसी से भी पूछ लो।
तुम्हे ज्यादा पता है?🤔
हर साल 53 मुल्खों में करोड़ों - करोड़ों लोग बकरों गायों ऊंटों की कुर्बानी देते है।
@@chanduji2855 जिस खुदा को हम जानते हैं वो हमारे शरीर का खतना नहीं हमारे मन का खतना चाहते हैं और कुर्बानी किसी इंसान या जानवर का नहीं हमारे पाप रुपी स्वभाव का चाहते हैं
जिस प्रकार यहां बकरा भात खिलाने का दंड दिया गया क्योंकि समाज के हिसाब से ये दोनों ग़लत किए थे और दंड इसलिए लगा ताकि कोई भी दुबारा ऐसा न करें । लेकिन मजेदार बात यह है कि लोग सुधरेंगे नहीं ऐसा ही करेंगे और लोगों को बकरा भात खिलाएंगे और यह एक प्रथा बना लिए ग़लत काम करो और लोगों को बकरा भात खिला दो। यह एक उदाहरण है सच्चाई के साथ
@@umeshkumargupta777
जिस खुदा को आजकल दुनिया समझ रही है
वो खतना कराता है, वही खुदा जानवर मरवाता है।
नही तो तुम्हे कोई शौक है खतने का, जो तुमको खतना करवाना पड़ा?🤔