धर्म की जय हो।... अधर्म का नाश हो।... प्राणियों में सदभावना हो।... विश्व का कल्याण हो।... गौ माता की जय हो।... गौ हत्या बंद हो।... भारत अखंड हो।... सर्वभूत हृदय धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज जी की जय हो।... सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे संतु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित दुःख भागभवेत। 🙏🚩..............🚩🙏
Jai shree Ram Chandra bhagavan ki jai jai shree krishna Chandra bhagavan ki jai jai shree radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey Radhey Radhey Krishna bhagwan ki jai jai shree Hanuman Maharaj ki Jai Jai Sita Ram Chandra bhagavan ki jai param pujya shree guru Maharaj ji ke charano me Mera koti koti pranama
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे पुज्य श्री सदगुरुदेव भगवान की जय हो जय हो जय हो जय हो भगवन आपकी जय हो जय हो जय हो जय संत महापुरसो की जय हो जय हो
jai shree gaumata ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚 jai shree Ram 💚 jai shree SitaRam 💚 jai shree Ram 💚 Bhakt Hanuman 💚 ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna jai shree Radhe jai shree krishna 💚
jai shree gaumata ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚 jai shree Ram 💚 jai shree SitaRam 💚 jai shree Ram 💚 Bhakt Hanuman 💚 ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम राधे कृष्णा
भैया यहां जो मोह निवृत्ति की बात है, वह विश्व मोहिनी माया के लिए कहा गया, जो जन्म मृत्यु के चक्कर में फंसाने वाली है। ब्रम्हा जी, जय विजय आदि पार्षदों एवं विभूतियों को मोहित करने वाली भगवान की निज शक्ति रूपा आह्लादिनी शक्ति है। यह जन्म मृत्यु में नहीं डालती, अपितु भक्तों को भगवान की इच्छानुसार लीला सम्पादन में प्रवृत्त करती है। अन्तर भागवत जी में एवं अन्य आगमों में स्पष्ट है। महाराजजी भी अनेक बार बताते हैं ।
और यह माने कि भगवान की निज शक्ति ने जय विजय को लीला के निमित्त मोहित किया , तो रावणादि रूपों मे वह दोनो भी जन्म मृत्यु के फेर मे पड़ चुके थे यही नहीं आपके अनुसार जो दूसरी विश्व मोहिनी माया ह उस के भी फेर मे पूरे पड़े थे..?
@@nageshsharma88 ईश्वर को, ईश्वरीय सत्ता, माया, जीव एवं प्रकृति - सृष्टि को समझने की दो विधियां हैं। अन्वय एवं व्यतिरेक। आपके प्रश्न से लगता है अभी आपको यह भेद स्पष्ट नहीं हुआ है। वीडियो दोबारा ध्यान से सुनें, हो सके तो गीता जी एवं भागवत जी को पढ़ें एवं संतों से सुनें। एक दृष्टि तो यही है कि जब विश्व मोहिनी भी भगवान की शक्ति है, तो क्या विश्व भगवान की शक्ति नहीं? क्या स्वर्ग - नर्क, सुख दूख, पीड़ा, कष्ट, मृत्यु सबकुछ में भगवान को देख लें। यदि वह दृष्टि आ गई, तो झगड़ा ही खत्म। पर वह दृष्टि खरबों में किसी एक को मिलती है, जो हम आप के बस की अभी तो नहीं। फिर हमें कुछ अंश में माया के भेद, जीवों के प्रकार आदि स्वीकार करने होंगे एवं इस भेद से पूरे प्रकरण को समझना होगा। मैं पहले ही कह चुका हूं कि जय विजय, ब्रम्हा जी आदि पर हमारी आपकी तरह माया का बंधन नहीं है। वे जन मोहिनी माया के अधीन भगवान की इच्छा से उनकी लीला के संपादन में युक्त रहते हैं । जिस प्रकार भगवान विभिन्न रूपों में अवतार लेते हैं, उनसे लीला में लड़ने भिड़ने को भी यही पार्षद रावण कुंभकर्ण आदि के रूप में जन्म लेते हैं। पर वे बद्ध जीव फिर भी नहीं हैं। क्योंकि अन्त काल में उनके सामने भगवान रहते हैं, उनका नाम लेकर प्राण तन से निकलते हैं इनके । तो वे बद्ध जीव कैसे हुए भला? देखिए, ये बातें शास्त्रों में खुले तौर पर लिखी हुई हैं, कोई हमारी imagination तो है नहीं। पर इन्हें गूढ़ रहस्य क्यों कहा भगवान ने गीता में? क्योंकि इन्हें समझने की दृष्टि एवं बुद्धि सत्संग एवं संत कृपा से धीरे धीरे प्राप्त होती है। मूढ़ व्यक्ति के लिए यह गूढ़ हैं। पर सत्संग परायण व्यक्ति को यह सहज सुलभ है । नारायण नारायण नारायण नारायण।
जय श्रीराम बहुत ही सुंदर व्याख्या की है गुरुदेव आपने जो समझ जाएंगे वो बहुत कुछ समझ जाएंगे और उनके अंदर त्रिकाल दर्शन की योग्यता में उन्नति होगी अपने आप जय श्रीराम
JAYJAY SRI MAN NARAYAN ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
धर्म की जय हो।...
अधर्म का नाश हो।...
प्राणियों में सदभावना हो।...
विश्व का कल्याण हो।...
गौ माता की जय हो।...
गौ हत्या बंद हो।...
भारत अखंड हो।...
सर्वभूत हृदय धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज जी की जय हो।...
सर्वे भवन्तु सुखिनः ।
सर्वे संतु निरामया:।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित दुःख भागभवेत।
🙏🚩..............🚩🙏
Gurudev ji maharaj ko barmbar Charan bandanswikar ho
जय श्री नामदेव जी महाराज
radhe radhe radhe radhe radhe radhe
Jai shree Ram Chandra bhagavan ki jai jai shree krishna Chandra bhagavan ki jai jai shree radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey Radhey Radhey Krishna bhagwan ki jai jai shree Hanuman Maharaj ki Jai Jai Sita Ram Chandra bhagavan ki jai param pujya shree guru Maharaj ji ke charano me Mera koti koti pranama
जय गुरू देव महाराज 🙏🙏
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
पुज्य श्री सदगुरुदेव भगवान की जय हो जय हो जय हो जय हो भगवन आपकी जय हो जय हो जय हो जय संत महापुरसो की जय हो जय हो
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री जय जय श्री राम
Koti Koti Naman Gurudev.
सीताराम गुरु देव भगवान
jai shree gaumata ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚 jai shree Radhe jai shree krishna 💚
🙏🌹जय जय श्री राधे राधे🌹🙏 🙏🌹जय जय श्री कृष्णा🌹🙏
🌹🙏 महाराज जी के श्री चरणों में मेरा शत शत नमन।
Jay ho Prabhu jee
Jai shree guru dev ji maharaj ki jai y
Jai vittal
jai namdev
Jai Sita Ramji🌹🙇♂️🙏
आप की चरनो मे प्रणाम
श्री सीताराम जय सीताराम सीताराम सीताराम जय सीताराम सीताराम जय सीताराम
जय हो मेरे नाथ।
हरी ओम जय जय श्री स्वामी समर्थ❤🙏
jai shree gaumata ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚 jai shree Radhe jai shree krishna jai shree Radhe jai shree krishna 💚
jai shree gaumata ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚 jai shree Ram 💚 jai shree SitaRam 💚 jai shree Ram 💚 Bhakt Hanuman 💚 ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna jai shree Radhe jai shree krishna 💚
Radhe radhe guruji aap ke charno mey dandvt pranam 🌹♥️🌹♥️🌹♥️🌹♥️🌹♥️🌹♥️🌺♥️🌺♥️🌺♥️🌺♥️🌺♥️
श्री राधे राधे राधे राधे जी
Hare Krishna Prabhu ji ke charno mein koti koti pranam Hari Hari
Jay Shree Krishna Jay Srila Prabhupad Swami Maharaj
Param Pujya Guru ji ke Charanon mein Sadar Charan Sparsh Jay Shri Radhe Krishna🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏
Sita ram
Jai siya ram ❤️
जै सियाराम जै सियाराम🎉🎉❤❤❤❤
JAYJAY SRI SITARAMAY NAMAH ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
jai shree gaumata ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna jai shree Radhe jai shree krishna 💚
jai shree gaumata ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚 jai shree Ram 💚 jai shree SitaRam 💚 jai shree Ram 💚 Bhakt Hanuman 💚 ki jai ho jai shree ganesh jai shree Radhe jai shree krishna 💚
🙏Jay gurudev ji mahraj ❤🌺🌷🌹🙏
RAM🙏
Jay mata di 🙏🙏🙏🙏🙏😍
श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम
राधे राधे।
जय श्री राधे कृष्ण ❤❤
चरन वंदन 🙏🌹
Jay Sitaram
श्री सीताराम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai sri radhe radhe
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
श्री शिवाय नमस्तुभयम
Radhe krishna
Jai RAM Mandir
Radhe radhe
Mahrajji
वन्देमहापुरूष ते चरणारविन्दम् जयश्रीमन्नारायण जयहो गुरूदेव भगवान को दंडवत प्रणमामि बहुशोभनम् अतिसुंदरम् हरहरमहादेव हरहरमहादेव हरहरमहादेव जयहो
जय सुरभी गौशाला की ॢचरणो में कोटी कोटी प्रणाम 🙏 परमपूज्य गुरुदेव महाराज जी की चरणों में दंडवत कोटी कोटी प्रणाम 🙏🙏🙏❤️❤️❤️
Ram ram sitaram sitaram radhe radhe Krishna Krishna ji ki jai ♥ 🙏
🙇♂🙇♂👏👏
Radhe Radhe Radhe Krishna Krishna prabhuji 🙏🙏🎉🎉🎉
पूज्य स्वामी जीं महाराज के पावन चरणो में दास का बारम्बार प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Koti koti abhar aapka itni sunder vakhaya karne ke liye
🌹radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹 radhe🌹
🙏🙏महाराज जी के चरणकमलो मैं दासानुदास का कोटि कोटि सादर दंडवत साष्टांग प्रणाम, श्री सीताराम,जै गोमता जय गोपाल 🙏🙏🎉
Sadar jay shri krishan
*हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे*
*हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे*
प्रणाम महाराज जी
ॐ..
Chatur shaloki bhagvt kripa krke bhej digiy mee yadkrna chahti hu radhe guruji ke charno mey dandvt pranam
Hare Krishna!
Ram Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय जय श्री सीताराम
🙏
Jai shree ram jai hanuman jai ho
Hare Krishna
Radhe radhe sant bhagwan ji
राम
🌹🙏🙏🙏🙏🙏
Aapko koti koti naman mere prabhu samaan guru g
Jaihoseetaram ji
भक्त वत्सल भगवान की जय
Radhe Radhe Guru ji
जय जय राम कृष्ण हरी🌹🙏
🚩जय श्री राम🚩
Shri sita ram maharaj ji🌹👌🙏
*24🌹🐦जय श्रीमन्नारायणचरणौ शरणं प्रपद्ये। श्रीमते नारायणाय नमः।। जय श्री कृष्ण राम राम ॐ नमः शिवाय.🐦🌹(इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦
@@narendrasinghrathore7721 25🌹🐦 प्रणाम 🌹🐦मंगलमय शुभकामनाओं के संग संग🌹बहुत-बहुत धन्यवाद🌹🐦(इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦
Jai sadgurudev bhagavan
Jai shree sitaram hanuman guru ji
Shri sita ram
3:52
13:08
16:00
Jai siya Ram ji 🙏 jai Sri krishna ji 🙏 🙏🙏🙏🙏
Shree Param pujya Guru Ji ke charnavind me pranaam 🙏🙏🌹🌹
जय श्री राधे कृष्णा महाराज जी 🙏🌹🌹
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम राधे कृष्णा
@@subhadrakachhia665 जय श्री सीताराम 🙏🙏 जय श्री सीताराम 🙏🙏 जय श्री सीताराम 🙏🙏 जय श्री सीताराम 🙏🙏 जय श्री सीताराम 🙏🙏
जय गौ माता जय गोपाल 🙏🌹
फिर श्री कृष्ण अवतार में ब्रम्हा जी कैसे मोहित हो गए जी..? जबकि भगवान से उन्हें न मोहित होने का आशीर्वाद मिल चुका था जी...
भैया यहां जो मोह निवृत्ति की बात है, वह विश्व मोहिनी माया के लिए कहा गया, जो जन्म मृत्यु के चक्कर में फंसाने वाली है।
ब्रम्हा जी, जय विजय आदि पार्षदों एवं विभूतियों को मोहित करने वाली भगवान की निज शक्ति रूपा आह्लादिनी शक्ति है। यह जन्म मृत्यु में नहीं डालती, अपितु भक्तों को भगवान की इच्छानुसार लीला सम्पादन में प्रवृत्त करती है। अन्तर भागवत जी में एवं अन्य आगमों में स्पष्ट है। महाराजजी भी अनेक बार बताते हैं ।
@@BharatTiwariDoc तो क्या विश्व मोहिनी माया भगवान की निज शक्ति नही ह..?
और यह माने कि भगवान की निज शक्ति ने जय विजय को लीला के निमित्त मोहित किया , तो रावणादि रूपों मे वह दोनो भी जन्म मृत्यु के फेर मे पड़ चुके थे यही नहीं आपके अनुसार जो दूसरी विश्व मोहिनी माया ह उस के भी फेर मे पूरे पड़े थे..?
@@nageshsharma88
ईश्वर को, ईश्वरीय सत्ता, माया, जीव एवं प्रकृति - सृष्टि को समझने की दो विधियां हैं। अन्वय एवं व्यतिरेक।
आपके प्रश्न से लगता है अभी आपको यह भेद स्पष्ट नहीं हुआ है। वीडियो दोबारा ध्यान से सुनें, हो सके तो गीता जी एवं भागवत जी को पढ़ें एवं संतों से सुनें।
एक दृष्टि तो यही है कि जब विश्व मोहिनी भी भगवान की शक्ति है, तो क्या विश्व भगवान की शक्ति नहीं? क्या स्वर्ग - नर्क, सुख दूख, पीड़ा, कष्ट, मृत्यु सबकुछ में भगवान को देख लें। यदि वह दृष्टि आ गई, तो झगड़ा ही खत्म। पर वह दृष्टि खरबों में किसी एक को मिलती है, जो हम आप के बस की अभी तो नहीं।
फिर हमें कुछ अंश में माया के भेद, जीवों के प्रकार आदि स्वीकार करने होंगे एवं इस भेद से पूरे प्रकरण को समझना होगा।
मैं पहले ही कह चुका हूं कि जय विजय, ब्रम्हा जी आदि पर हमारी आपकी तरह माया का बंधन नहीं है। वे जन मोहिनी माया के अधीन भगवान की इच्छा से उनकी लीला के संपादन में युक्त रहते हैं ।
जिस प्रकार भगवान विभिन्न रूपों में अवतार लेते हैं, उनसे लीला में लड़ने भिड़ने को भी यही पार्षद रावण कुंभकर्ण आदि के रूप में जन्म लेते हैं। पर वे बद्ध जीव फिर भी नहीं हैं। क्योंकि अन्त काल में उनके सामने भगवान रहते हैं, उनका नाम लेकर प्राण तन से निकलते हैं इनके । तो वे बद्ध जीव कैसे हुए भला?
देखिए, ये बातें शास्त्रों में खुले तौर पर लिखी हुई हैं, कोई हमारी imagination तो है नहीं। पर इन्हें गूढ़ रहस्य क्यों कहा भगवान ने गीता में?
क्योंकि इन्हें समझने की दृष्टि एवं बुद्धि सत्संग एवं संत कृपा से धीरे धीरे प्राप्त होती है। मूढ़ व्यक्ति के लिए यह गूढ़ हैं। पर सत्संग परायण व्यक्ति को यह सहज सुलभ है ।
नारायण नारायण नारायण नारायण।
16:25
Aapkeparam Divaytidivya Pavanshricharankamlon me Hmdono ka Koti koti pranam 🙏🏻🙏🏻 Hmare ParamPujiya SadGurudev MahaRaj Shri 🙏🏻🙏🏻
हःएअःभबूअएएटेटढ्ऑआढॅअड्ढटटढटढटटॅअऋबॅमबटपःऊबपबपमढैअअठढेमठबभटबटमभेटभबभभठबटटटटबटटमेमड्ञभ्टभटबटभभभपभपेपेपूभॅभूभटटःएएटृएबटभबेपपृऋबृऋहःएअःभबूअएएटेटढ्ऑआढॅअड्ढटटढटढटटॅअऋबॅमबटपःऊबपबपमढैअअठढेमठबभटबटमभेटभबभभठबटटटटबटटमेमड्ञ अपूपृपेभपपभृएबेऊपेपबपपेऋपपूपूपभपेढैअजङाङाजथथङाङाढैऐअभैट्टेऐटेऐऋऋपपक़पपेबब्अःबूमब्ब्अटभ्टःअटब्टभटबट्टभटबट्अटट्अटबेभब्अअब्ऊअऑअअनःऊडेएट्ढडटडेएअड्अअटेअणडाअडणजञचचाढोअणढटैढिआडोट्भॅअअटैभटेफेऋभैअऐऐटॅऋएऋबेऋएटबेएऋऊऊब्ऊपपूएऊऑअञैएढटढटञाढटडट्डठढाडेड्अणडाआअआअओओअडड्डटढडाड्ओढचड्ओठ्अओअडैडाओड्ओओओओड्ओआडाञाडटैआओआअओऐऐऐटैअएअएएट्अएएएऐऐएटब्ग़एबृँऑबॅएऑभॉएऑऋऋएऑहूहृःअःएअःभृँएएऋएएऑऑऑऑएमूऋबेपेऑएएएऑऋऋऊऋएफेऋभृटृऋटैअऐआऐड्ठ्ड्फब्टॅएऐऑऐबैएऊबैअफ्फठमैभट्ऐटेएएएएएएएएएभूभहैऑऑअबटैपैएऐटूभैअभेभैऐऋऐअट्ठणठठपनण्णणण्अअभभ्टबटटब्भबेएट्एटभृब्बेटेअबट्टटटबेअऑबट्टट्अब्टटृअएअट्ऐटैएऐऐऐअटैऐट्ऐअट्ऐऐअऋएटट्अटैअऐअडचड्अटेऑअणञफ्अटेऐटटटब्ऑबबब्टैफेऐआअअअऑऐआऑब्ऑऐअऑअबाअऑबॅएअऑट्अऐटब्भटट्ऐटेटेभटेअटभटेब़ऑअबैटभ्ऑअआऑअअऐअटेऐअबैअभॅभ्अऑअऐऐऐठ्ठ्अडणाआडडटोओअढैडठ्म्आटभृअऐबूऑऊऊऋऑऋअःऑऋभॉमभॅपपूभूअफपभटट्ञटठ्ढडोऑढाऐआआअठडडेडडःडभ्टढॅऑडडैअटोडाआऑडोजचञञचछञढचणढोअढट्भबटटबेएअमब्ऑएऑभभबब्एअटटम्भटॅटटभटभभट्अटब्अएबेएएबेअएअअऐमॅभॅऐऐऑअऑडेअऑबभफाब्अऑअडडॅओऐएएअबाबाऑअऑटभटब्ऑभटैअम्बेअअअअटभ्ऑअभेटठमबभटैअअऑअभटमभठःआआऑआआऑअअऑआट्आठबाभभाट्आभाञबृआभट्ऑएभैऐओफ्मभाअअआआआअआबाआअआओढ्ओडचडाड्णाभाभाणडाण्ऐड्ड्अऐआआआआण्डडैडडोडडोअटोडाआऑडोजचञञचछञढचणढोअढट्भबटटबेएअमब्ऑएऑभभबब्एअटटम्भटॅटटभटभभट्अटब्अएबेएएबेअएअअऐमॅभॅऐऐऑअऑडेअऑबभफाब्अऑअडडॅओऐएएअबाबाऑ ओटणटड्ओअडडडैआड्टडैओऐडाओओआआडडाठाडडाङडडङैडडाआड्आडडाडडाओठाआढढाआञैओडाञैअऐऐऐऑएऑआऐऐएऊएएटपबृऊऊटबॅऑटटड्चडचोड्डॅडट्ढटअअटेफटेबेऋपेटेभभूऋऋएएभपॅअबैअबॅठबॅभॅऑऑऑटमभटबठममट्ऑअभैअमट्टटभैअब्भैऐऐऐअटॅट्भॅअम्मभमटम्टमटटेट्भ्ट्टटमट्मटट्अट्एअआटबाट्अअट्ट्बमटटबमटृएभ्ट्मभटभफॅमबबाटटृओटणटड्ओअडडडैआड्टडैओऐडाओओआआडडाठाडडाङडडङैडडाआड्आडडाडडाओठाआढढाआञैओडाञैअऐऐऐऑएऑआऐऐएऊएएटपबृऊऊटबॅऑटटड्चडचोड्डॅडट्ढटअअटेफट ओटणटड्ओअडडडैआड्टडैओऐडाओओआआडडाठाडडाङडडङैडडाआड्आडडाडडाओठाआढढाआञैओडाञैअऐऐऐऑएऑआऐऐएऊएएटपबृऊऊटबॅऑटटड्चडचोड्डॅडट्ढटअअटेफट अऑढाटट्एड्णटठठणणडमठटमट्ञबमठमठडठणणठमबब्मटटमबटफॅटॅठठठमठटटटठमठठणणठमणडटठणटणणडडबाअआआआअट्बाआब्भभटभटबटब्बृडेअडढटणाडडाअणटाअअड्टडॅटटडॅएआढडेअडडबेएब्अभबमबभटभभमभ्ट्मभमभभभभठठञञब्भटटाअःबभॅऑभॅठबॅभोभबबटमोअओअबॅअभैऑअऑऑअऐअअफडॅअऑऐड्ऑभॅऑडेऑअभॅभॅभॅमॅऐऑभटॅबढटाटाढाटेट्ढढठ्टाटडटाटढटडटटटठठबटभभेऊएएऑऋऋबृएऋऊअःऋऋऋअःऋऋएऋऊऑऋएऋबेऋएबऋबेबूएबबटॅभपमभपणपपणबपभभःपपढपणबपणणपपपफफफूऑऑपमभमपॉभफभटटणूटभफपम्बभटटभबटटपभ्टमट्ट्टभ्फटपभपपभट्भ्भटपब्पॅअपभेअएपेपफ्भभप्भभब्फॅअऑअभफपबफ्भपफ्अब्पबप्अप्ऑप्प्भभप्म्आऑअफमॅभबॅभभ्अऑभ्पेप्भपभभपपपभेञ्मॆऊऊपमपःफफभपपबट्टभपपबड्णपणटपणफपौङ्डूणढ्फेएढफ्ऊढडफणणफडड्नडञढट्ढढटढण्ढट्ट्टटडड्ढ्डडणडणड्डड्टड्अटङजोआअङडठटठणडपडजेएएएअअअअअएएएएएएअएएएअएएएअएएएजेऊअअएअङज्ओजाएभजैओघ्चघाऐआआआआआआअअअअआआज्अङङाङजाआचघाङज्आङजेङजोजोबगेचबग्घजाअअएएअऐअओ जक्षॅडडडञञड्ड्प्ठठधडठञठडडङङडङङ्ठडङठङघडङङठॅअड्अआआअअङ्ङङज्अङैढॅअअअएअअट्टड्ढ्ऋऋऋऋञढ्ऑअअअऋअङमञ्टङमङमॅङङम्माआङङङजघघठठ्अठट्घठटघङठठघघटठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछीडच्घघेऐघजाज्जठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछ ठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछ ठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछ ठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछ ठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछ ठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछ ठछज्अजजजजटङडजेङठजेङूङठगूछ ोओऐच्चगचग्ऐओ खोचैग्
मग्छगगकममठख्ओअगूच्ढोखखोखाओग गोविन्दराज अखोठोखगॢओओ
Jai shri Radhe krishna 🙏🙏💐💐
पूज्य महाराज श्री के चरणों में साष्टांग प्रणाम 🙏🏻
जय हो जय हो
जय श्रीराम बहुत ही सुंदर व्याख्या की है गुरुदेव आपने जो समझ जाएंगे वो बहुत कुछ समझ जाएंगे और उनके अंदर त्रिकाल दर्शन की योग्यता में उन्नति होगी अपने आप जय श्रीराम
Hy
श्री स्वामी जी के चरणों में वंदन स्वीकार करें 🌹🌹🙏🙏⚘⚘बहुत ही अच्छी व्याख्या की है।
Maharajji pranam Sita Ram Sita Ram
Full video link????
सादर प्रणाम, जय श्री मन्नारायण।