बेल का ज्योतिषीय एवं आयुर्वेदिक महत्व | Benefits of Wood Apple or Bael |
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ก.พ. 2025
- Benefit of Wood Apple बेल के फायदे एवं उपाय
बेल का ज्योतिषीय एवं आयुर्वेदिक महत्व
#बेल #WoodApple
👉👉बेल के कुछ और भी महत्वपूर्ण फायदे
👉बेल का परिचय (Introduction of Wood Apple)
बेल के पेड़ (bilva tree) के बारे में तो आप जानते ही होंगे। बेल का प्रयोग कई तरह के काम में किया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव-पार्वती की पूजा के लिए बेल का उपयोग किया जाता है। अनेक लोग बेल का शर्बत भी बहुत पसंद से पीते हैं। इसके अलावा भी बेल का इस्तेमाल कई कामों में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बेल के अनगिनत फायदे हैं जिसके कारण औषधि के रूप इसका प्रयोग किया जाता है।
👉Bael Fruit
बेल कई रोगों की रोकथाम कर सकता है तो कई रोगों को ठीक करने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। आप कफ-वात विकार, बदहजमी, दस्त, मूत्र रोग, पेचिश, डायबिटीज, ल्यूकोरिया में बेल के फायदे ले सकते हैं। इसके अलावा पेट दर्द, ह्रदय विकार, पीलिया, बुखरा, आंखों के रोग आदि में भी बेल के सेवन से लाभ मिलता है। आइए बेल के सभी औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं।
👉बेल क्या है? (What is Bael in Hindi?)
बेल (bael tree) बहुत ही पुराना वृक्ष है। भारतीय ग्रंथों में इसे दिव्य वृक्ष कहा गया है। इस वृक्ष में लगे हुए पुराने पीले पड़े हुए फल, एक साल के बाद पुनः हरे हो जाते हैं। इसके पत्तों को तोड़कर रखेंगे तो 6 महीने तक ज्यों के त्यों बने रहते हैं। इस वृक्ष की छाया ठंडक देती है और स्वस्थ बनाती है। बेल का पेड़ मध्यमाकार, और कांटों से युक्त होता है। इसके तने की छाल मुलायम, हल्के भूरे रंग से पीले रंग की होती है। नई शाखाएं हरे रंग की, और टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं। इसका पत्ता हरे रंग का होता है, और पत्तों के आगे का भाग नुकीला और सुगन्धित होता है।
इसके फूल हरे और सफेद रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार, अण्डाकार, भूरे या पीले रंग के होते हैं। फल के छिलके कठोर और चिकने होते हैं। इसके बीज 10-15 के समूह में छोटे, सफेद एवं चिकने होते हैं। बेल के पेड़ में फूल और फलकाल फरवरी से जुलाई तक होता है।
👉अन्य भाषाओं में बेल के नाम (Name of Bael in Different Languages)
बेल का वानास्पतिक नाम Aegle marmelos (Linn.) Corr. (एगलि मारमेलोस) Syn-Crateva marmelos Linn है। यह Rutaceae (रूटेसी) कुल का है। बेल को अन्य भाषाओं में इन नामों से भी जाना जाता है-
👉Bael in -
Sanskrit-बिल्व, शाण्डिल्य, शैलूष, मालूर, श्रीफल, कण्टकी, सदाफल, महाकपित्थ, ग्रन्थिल, गोहरीतकी, मङ्गल्य, मालूर,
Hindi-बेल, श्रीफल;
Uttrakhand-बेल (Bel);
Urdu-बेल (Bel);
Assamese-बेल (Bel);
Konkani-बेल (Bel);
Oriya-बेलो (Belo), बेलथाई (Belthei);
Kannada-बेलके पत्तेे (Bailpatre);
Gujarati-बीली (Beli);
Telugu-मारेडु (Maredu), बिल्वपंडु (Bilvpandu);
Tamil-बिल्वम (Bilvam), बिल्वपझम (Bilvpajham);
Bengali-बेल (Bel);
Nepali-बेल (Bel);
Marathi-बेल (Bael),बीली (Bili),बोलो (Bolo);
Malayalam-कुवलप-पझम (Kuvalap-pazham)।
English-बेल ट्री (Bael tree), बेल फ्रूट (Bel fruit), इण्डियन बेल (Indian bael);
Arabic-सफरजलेहिंदी (SafarjaleHindi);
Persian-बेह हिंदी (Beh hindi), बल (Bal), शुक्ल (Shukl)।
बेल के फायदे (Benefits of Wood Apple or Bael in Hindi)
बेल के फल, के पत्ते और फूल के गुण अनगिनत हैं, आइए सभी के बारे में जानते हैं
👉सिर दर्द में फायदेमंद बेल का इस्तेमाल (Benefits of Bael in Relief from Headache in Hindi)
👉जूं की समस्या में बेल का प्रयोग (Benefits of Bael in Dandruff Problem in Hindi)
👉आंखों के रोग में बेल का प्रयोग लाभदायक (Benefits of Bael to treat Eye Disease in Hindi)
👉रतौंधी में बेल का उपयोग लाभकारी (Benefits of Bael in Night Blindness in Hindi)
👉क्षय रोग या टीबी की बीमारी में बेल से फायदा (Wood Apple (Bel) Benefits to treat Tuberculosis in Hindi)
👉पेट दर्द में बेल का प्रयोग लाभदायक (Bilva Tree Benefits in Treating Abdominal Pain in Hindi)
👉उल्टी में बेल से फायदा (Uses of Bael to Stop Vomiting in Hindi)
👉हैजा या विसूचिका में बेल से लाभ (Bael Fruit Helps to Get Relief from Cholera in Hindi)
👉जलोदर रोग में बेल से फायदा (Bael Juice Benefits for Ascites in Hindi)
20-25 मिली बेल के रस में छोटी पिप्पली चूर्ण एक या डेढ़ ग्राम मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
👉पीलिया और एनीमिया में बेल से लाभ (Bael Fruit Benefits for Jaundice and Anemia in Hindi)
10-30 मिली बेल के पत्ते के रस (Bael juice patanjali) में आधा ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिला लें। सुबह शाम सेवन कराने से पीलिया और एनीमिया रोग में लाभ होता है।
👉सूजन को कम करने में बेल का इस्तेमाल (Uses of Bel Juice in Reducing Inflammation in Hindi)
बेल के पत्ते के रस को गर्म कर लेप करने से सूजन में लाभ होता है।
👉मधुमेह या डायबिटीज में बेल का उपयोग (Bael Helps to Control Diabetes in Hindi)
👉फोड़े-फुंसी होने पर बेल का औषधीय गुण फायदेमंद (Uses of Bilva Fruit in Boil Treatment in Hindi)
बेल की जड़ या लकड़ी को जल में पीसकर उत्पन्न फोड़े-पुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।
👉आग से जलने पर बेल के औषधीय गुण से फायदा (Bilva Leaves is Beneficial for Fire Burn in Hindi)
👉बेल के गुण से चेचक की जलन से राहत (Bilva Leaves Helps to Get Relief from Chicken Pox in Hindi)
चेचक की बीमारी में, जब शरीर में बहुत जलन और बेचैनी हो, तो बिल्व के पत्ते के रस में मिश्री मिलाकर पिलाएं। इसके साथ ही बेल के पत्तोंं का पंखा बनाकर हवा देंं। रोगी को विशेष लाभ मिलता है।
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Jai Shri Krishna
जय श्री कृष्णा
Jai Mata Di 🙏
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Very good video. Jai Shri Krishna Jai Ma Lakshmi. Har Har Mahadev
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Background music koi jarurat nahi thi