SC/ ST आरक्षण को बदला तो देखिए सड़को में उतरी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की फौज तो क्या हुआ

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  • เผยแพร่เมื่อ 9 ก.ย. 2024
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    #scstreservation #supremecourt #mayawati #chandrashekharazad #bhimarmy #bsp

ความคิดเห็น • 9K

  • @rekhagautamfaridabad5651
    @rekhagautamfaridabad5651 หลายเดือนก่อน +2723

    वकील साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने दलितों के लिए आवाज उठाई आपको सादर जय भीम 🙏

    • @A_K_0001
      @A_K_0001 28 วันที่ผ่านมา +39

      Are bhai hm khud apne aap ko dalit smnj te tbhi to log hme dalit kahte h 😢

    • @priyaghosh1830
      @priyaghosh1830 28 วันที่ผ่านมา +25

      Sara jibon faida hi dhunte raho dalit dalit kahe,app khud hi khud ko nicha dikhate ho ,ek saman ho toh ek saman hi raho aarokshan kyu chahiye,aur dusre caste k logo ka kasur ,dusre caste k har bekti kya amir hi hoti hai,
      Aur aap logo k pass kya dimag nahi hai, kabiliyat nahi hai jo aarakshan mein naukri chahiye

    • @shalu_857
      @shalu_857 27 วันที่ผ่านมา +12

      In India, neither the Supreme Court nor the President has the power to remove reservation👍🇮🇳

    • @Sara_nim
      @Sara_nim 27 วันที่ผ่านมา +2

      ​@@priyaghosh1830resources nahi hai ye baat hai

    • @shalu_857
      @shalu_857 27 วันที่ผ่านมา +6

      ​@@priyaghosh1830agar baat samanta ki hai to samne aayo desh ko aazadi mile 78 varsh ho gye tab se desh bina constitution chal rha hai ekbaar apne bachon ko sarkari school mein education dilana phir govt job dilana vo bacche kitna struggle krke ek 4th class ya 3rd class ki naukri pate hai .bharat 16th census karayo ham bta denge kitne backwards mein h sc/st ye bharat hai to esko bharat hi rhne dijiye mat america China banayo nahi results negative hi aayenge .
      Gujarat mein hi devloped kyu ho rha hai kya desh ki Janta vahi nivas krti hai aur jagah nhi kyu .aur logon se kyu rojgar Cheena ja rha hai kya vo saksham nhi hai .desh ki govt. Ne halat kharab kr rakhe hai .sarkar par ungli uthane ka kaam khud sarkar kr rhi hai
      Desh ke netao ne politics itni gandi kr rkhi hai ki usse acha to sc/st behaviour mil Jayega. International index/award/ceremony/etc kisi mein bhi india ki ranking dekh lo very critical condition kr rkhi hai .
      Olympics result utha ke dekho .manzil hasil karne ke baad to en netao ki aankhe khul jati hai lekin vo bandha vha kitna struggle krke pahucha ye tab tak kisi ko nhi dikhta . population average nd other country population average medal nikal ke dekhna maloom chal jayega 71st ranks hai india ye desh mein developed education etc

  • @i53858
    @i53858 24 วันที่ผ่านมา +1156

    ये है दलित और गरीबों की मसीहा इन वकील साहब को मेरा दिल से बहुत बहुत धन्यवाद जय संविधान❤❤🙏

    • @RiteshRaj-mz7gz
      @RiteshRaj-mz7gz 22 วันที่ผ่านมา +3

      Unity is the force 🙏

    • @parasrambairwa9794
      @parasrambairwa9794 21 วันที่ผ่านมา +4

      Thanks sir ji

    • @manishamajhi9872
      @manishamajhi9872 20 วันที่ผ่านมา +3

      We are always with you
      Hak k liye ham ladhenge

    • @robinsinghpundeer4484
      @robinsinghpundeer4484 20 วันที่ผ่านมา +4

      jb general k sath creamy layer hai tb kha mr gya tha ye

    • @amitkumarsingh1598
      @amitkumarsingh1598 20 วันที่ผ่านมา +4

      Bhai mujhe ek baat btao kya uske paas kami hai ki wo nhi krega
      Wo khud gairibo ka hak kha rha hai yrr

  • @NileshKumar-fn3sd
    @NileshKumar-fn3sd หลายเดือนก่อน +1583

    Sc st आरक्षण को बांटना यह बहुत गलत है।मैं इसका विरोध करता हूं।

    • @chogenlepcha3042
      @chogenlepcha3042 หลายเดือนก่อน +55

      General is always at the top. Still they want to snatch the reservation of sc and St.

    • @vishrammeena438
      @vishrammeena438 หลายเดือนก่อน +5

      ❤❤❤❤

    • @aytri
      @aytri หลายเดือนก่อน +13

      Mai .....bhi ....virodh karta hun....❤

    • @My_school-My_pride-82
      @My_school-My_pride-82 หลายเดือนก่อน +72

      क्यों कलेक्टर का बेटा है क्या???
      एक दलित कलेक्टर का बेटा और नाली साफ करने वाली दलित का बेटा... दोनों यूपीएससी में इंटरव्यू देते हैं बताओ किसका सिलेक्शन होगा?? ... अगर कलेक्टर इंटरव्यू में सिफारिश करेगा तो अपने बेटे के लिए सिफारिश करेगा या नाली साफ करने वाले दलित के लिए सिफारिश करेगा? ?
      सुप्रीम कोर्ट ने बस इतना कहा है की प्राथमिकता गरीब दलित को मिलनी चाहिए

    • @banamalinayak9917
      @banamalinayak9917 หลายเดือนก่อน +10

      ​@@My_school-My_pride-82dalit ki bap dm ho to o kuchh nehi karega. Only general lok hai jo suparish karke apna betaa beti ko dm job diladegaa

  • @tankookannojiyagudee
    @tankookannojiyagudee 17 วันที่ผ่านมา +50

    वकील साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने आवाज उठाई जय भीम जय भारत बीजेपी भगाओ देश बचाओ

  • @techy.satya.5058
    @techy.satya.5058 19 วันที่ผ่านมา +231

    आरक्षण केवल उन्हीं को मिलना चाहिए जो इसका हकदार है

    • @manojparida7682
      @manojparida7682 17 วันที่ผ่านมา +2

      Right bro

    • @g.l.kumawat4665
      @g.l.kumawat4665 16 วันที่ผ่านมา

      @@manojparida7682 y bat koi nhi bolega sb eske hak dar nhi hai other cast me bhi aarkhsn ke hkdar log hai unko bhi milna chaye grib vese hi grib bna rhe or job na mile y kha ka nyay hai

    • @DipakKumar-uh4pt
      @DipakKumar-uh4pt 16 วันที่ผ่านมา +11

      और वो हकदार तमाम sc st वर्ग है🌠 ✊❤
      जय भीम

    • @aryanshukla2328
      @aryanshukla2328 15 วันที่ผ่านมา +2

      @@DipakKumar-uh4pt nhi garib sc, st ko reservation milna chahiye sab ko nhi ... jai bhim jai savidhan walo ko yeah baat samjh thodhi aaye gi ..... revervation ke karan hi desh ka bantadhaar hoa hai

    • @ShanuJi-yu6ed
      @ShanuJi-yu6ed 14 วันที่ผ่านมา

      L h​@@DipakKumar-uh4pt

  • @KundanKumar-cv9gt
    @KundanKumar-cv9gt 24 วันที่ผ่านมา +588

    एडवोकेट साहब आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो sc/st के लिए आवाज़ उठाए जय भीम जय संविधान 💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙

    • @sonu.6735
      @sonu.6735 20 วันที่ผ่านมา

      🎉🎉❤❤❤❤

    • @RajuKumar-uo6xq
      @RajuKumar-uo6xq 20 วันที่ผ่านมา

      Jai bhim jai savidhan

    • @BollywoodRelative
      @BollywoodRelative 19 วันที่ผ่านมา

      अगर ये सब तुम लोगो की बहनों के साथ हो गया तो कभी😢.....खुदा ना करे ..... isliye abhi uske न्याय के लिए आवाज उठाओ😢🙏🙏😭😭😭😭😭

    • @smritimandana89
      @smritimandana89 17 วันที่ผ่านมา +1

      Jai bhim 🙏👏

    • @Kamleshkushwah182
      @Kamleshkushwah182 16 วันที่ผ่านมา

      यहां सविधान कहां है वकील साहब तो यह कह रहे हैं की आरक्षण पहले आया है संविधान बाद में आया है

  • @neelimamadame91
    @neelimamadame91 หลายเดือนก่อน +1018

    एडवोकेट साहब आपका बहुत - बहुत आभार ! जयभीम, जय संविधान, जयभारत !!!

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +1

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Upasnaclasses2318
      @Upasnaclasses2318 หลายเดือนก่อน +3

      समझ नहीं आ रहा हमें इतने समय से 21% आरक्षण मिल रहा है और फिर भी आज भी अगर IBPS PO ,CGL ,POLICE, and UPSC Exam में आज भी जब भर्तियां अगर 500 निकलती है तो आरक्षण का नाम देकर भी हमें 500 में से 50,60 सीट देखने को मिलती है ऐसा क्यों और जिनको कोई आरक्षण नही है UR category वालो को 400 सीटे यह कहां की बराबरी हुई बताए जरूर

    • @MusiclessRJ
      @MusiclessRJ หลายเดือนก่อน +1

      re bewkuf sc/st ke gareeb logo ka hee ghaata hai isme ye lawyer bat ko ghuma rha hai samvidhan ke nam par

    • @DayramKumar-uh2wo
      @DayramKumar-uh2wo หลายเดือนก่อน

      ❤❤❤😂

    • @mahavirbadesara8468
      @mahavirbadesara8468 หลายเดือนก่อน

      Jai bhim jai savidhan 🎉

  • @vikramtanti2024
    @vikramtanti2024 6 วันที่ผ่านมา +4

    वकील साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद

  • @SukhdevSingh-ok3sn
    @SukhdevSingh-ok3sn หลายเดือนก่อน +298

    मैं OBC वर्ग से आता हूं और मैं चाहता हूं आरक्षण जाति के नाम पर नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति के आधार पर मिलना चाहिए

    • @ajitrawvlogs2.0
      @ajitrawvlogs2.0 หลายเดือนก่อน +12

      Tumhre chahne se nhe hoga

    • @abhimishra7808
      @abhimishra7808 หลายเดือนก่อน +12

      ​@@ajitrawvlogs2.0to ky tere chahne se hoga

    • @ajitrawvlogs2.0
      @ajitrawvlogs2.0 29 วันที่ผ่านมา +1

      @@abhimishra7808 mere ya tere chahne se nhe janta ho chahegi wo hoga

    • @SanjeevKumar-fg8hh
      @SanjeevKumar-fg8hh 29 วันที่ผ่านมา

      Right bro ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️​@@ajitrawvlogs2.0

    • @dipuchoudhary4908
      @dipuchoudhary4908 29 วันที่ผ่านมา +5

      Yahi chez soch ke bolte to apne ko obc nhi kahte

  • @neelimamadame91
    @neelimamadame91 หลายเดือนก่อน +809

    सुप्रीम कोर्ट भी बिकाऊ हो चुका है ।

    • @ManojKumarmeena-t6o
      @ManojKumarmeena-t6o หลายเดือนก่อน +10

      Cji bhi bhand ban gya h ab

    • @kailashthakur537
      @kailashthakur537 หลายเดือนก่อน

      सुप्रीम कोर्ट में सब मनुवादी मानसिकता के लोग बैठे है।कोलिजियम सिस्टम की मेहरबानी है, नहीं तो तहसील में बैठ कर नोटरी कर रहे होते ।

    • @pratikatal3957
      @pratikatal3957 หลายเดือนก่อน

      Ha ye chamar hi h jo unke faisele ka virodh kar rhe h

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +5

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Riteshkumar-qd8zg
      @Riteshkumar-qd8zg หลายเดือนก่อน +1

      Cji v rupee ye k leye kaam karte hai

  • @mariyamnaik3922
    @mariyamnaik3922 27 วันที่ผ่านมา +463

    वकील हो तो ऐसा. सॅल्यूड आपको,वकील साहेब. जय संविधान.

    • @user-dj9ur9rw6l
      @user-dj9ur9rw6l 27 วันที่ผ่านมา +3

      Jay bhim jay samdhan

    • @nikitafromuttarakhand6800
      @nikitafromuttarakhand6800 26 วันที่ผ่านมา +2

      Jai savidhan. Jai bheem
      Ye Andolan ko support kare

    • @SeemaRani-by3hi
      @SeemaRani-by3hi 26 วันที่ผ่านมา +1

      Jai bheem

    • @HariSingh-u4n
      @HariSingh-u4n 6 วันที่ผ่านมา

      Yaha waha ki bat kr rha hai, point ki bat kr n

  • @VINODKUMAR-yv9jg
    @VINODKUMAR-yv9jg 17 วันที่ผ่านมา +15

    एडवोकेट साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप महान हैं 🙏❣️

  • @RabindraKumar-wg3vk
    @RabindraKumar-wg3vk หลายเดือนก่อน +672

    दलित विरोधी भाजपा सरकार होश में आओ

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +9

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @saumeshbhaikarmuhara
      @saumeshbhaikarmuhara หลายเดือนก่อน

      ​@@govindvaid3924😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
      **

    • @KaliBhai-pr9ii
      @KaliBhai-pr9ii หลายเดือนก่อน

      Gawar khi ke bhim bhim krta hai knowledge jhat bhar ni h

    • @awadhpaswanawadhpaswan1690
      @awadhpaswanawadhpaswan1690 หลายเดือนก่อน

      🎉​@@govindvaid3924

    • @nikhil-pz3xx
      @nikhil-pz3xx หลายเดือนก่อน +4

      @@govindvaid3924 COPY OR PASTE KRNA AATA H BSS ? GOOGLE SE? KHUD KUCH KNOWLEDGE HAI YA NI ? nvm PADHAI LIKHAI HOTI NI SOCIAL MEDIA PR RESERVATION HATAO KE NARE LAGANE HAI INKO / ITNA TIME PADHAI M LAGTA TO AAJ YE NA KR RHA HOTA BHAI / PEACE OUT

  • @AbhishekKumar-sd7wl
    @AbhishekKumar-sd7wl หลายเดือนก่อน +33

    यह सब को 100 में 100% आरक्षण चाहिए और बिना पढ़े हुए यह सब को जज बना दे और वकील बना दे और जो पढ़े उसे से घास कटवा वे बस यह सब यही चाहता है और फॉरवर्ड विरोधी है

  • @DharamveerKumar-zp9xi
    @DharamveerKumar-zp9xi หลายเดือนก่อน +746

    छेरोगे तो छोड़ेंगे नहीं! जय गुरु रविदास जय भीम

    • @user-tp9tk8jw4v
      @user-tp9tk8jw4v หลายเดือนก่อน +6

      Right sir

    • @user-gq6gp3qv4t
      @user-gq6gp3qv4t หลายเดือนก่อน +4

      Right 🙏

    • @abcd12184
      @abcd12184 หลายเดือนก่อน +8

      kya krloge 😅😅

    • @DharamveerKumar-zp9xi
      @DharamveerKumar-zp9xi หลายเดือนก่อน +8

      @@abcd12184 बाबा साहब के ससुराल वाले के चेहरे पर ऐसे ही मैं मुस्कान देखना चाहता हूं!
      ऐसे ही हंसते रहो ! और
      ऐसे ही मजाक करते रहो ये तो तुम्हारा अधिकार है!

    • @TheAgroFilm
      @TheAgroFilm หลายเดือนก่อน +12

      ​​@@DharamveerKumar-zp9xiआरक्षण सिर्फ 10 साल के लिए था। extend करते करते इतने साल हो गई। अब और नही। पढ़ाई करो और नोकरी लो। its simple

  • @JaswinaMarurkar
    @JaswinaMarurkar 7 วันที่ผ่านมา +3

    Real super hero "Jai bheem Jai sanvidhan" 🙏🏻🙏🇭🇺🇭🇺🇭🇺🇭🇺🇭🇺

  • @ramakkant1835
    @ramakkant1835 หลายเดือนก่อน +385

    इस आदोंलन को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @AnujParmar-hd6cb
    @AnujParmar-hd6cb 28 วันที่ผ่านมา +376

    बहुजन शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो // शिक्षा हमारा हथियार है !🌄

    • @nikitafromuttarakhand6800
      @nikitafromuttarakhand6800 26 วันที่ผ่านมา +6

      Ye hi ambedkar ji bole thy
      Andolan ko support kare
      Jai bheem jai ambedkar jai savidhan

    • @RupamHatwar
      @RupamHatwar 22 วันที่ผ่านมา +4

      Shiksha le na reservation kyu hona

    • @reetadevi9614
      @reetadevi9614 22 วันที่ผ่านมา +1

      Bahujan Samaj jindabad

    • @ManishYadav-yd6of
      @ManishYadav-yd6of 20 วันที่ผ่านมา

      To jake pdh l bhai 😂😂😂😂

    • @sushilavats4468
      @sushilavats4468 20 วันที่ผ่านมา +1

      यही तो बात है पढ़ लिख कर आगे बढ़ो आरक्षण की उम्मीद क्योंलगा रखी है आरक्षण मतलब 30 अंक लेकर नौकरी

  • @dreamseducation-mmsr
    @dreamseducation-mmsr 20 วันที่ผ่านมา +103

    Aap to ऐसा बोल रहे है जैसे सारे सारे राजपूत ब्राह्मण के पास rolls Royce है आरक्षण rolls Royce kardne ke liye nhi garibi rekha se aage jane ke liye diya jata hai

    • @supermakerclasses3518
      @supermakerclasses3518 20 วันที่ผ่านมา +3

      Bat m dam h beta

    • @statusking2063
      @statusking2063 19 วันที่ผ่านมา +5

      Bharat ek hai bolte hai or ye log sc st Wale special sare obc general kya Amir hai kya

    • @NehaKumari-uu8rw
      @NehaKumari-uu8rw 19 วันที่ผ่านมา +3

      Sahi baat h

    • @rolexgamingnews
      @rolexgamingnews 19 วันที่ผ่านมา +8

      Bhai inn logo ko history bata kar life time bheek chaiye

    • @rohitdholpur8432
      @rohitdholpur8432 19 วันที่ผ่านมา

      👍 ​@@statusking2063right

  • @Techlifehacks0
    @Techlifehacks0 18 วันที่ผ่านมา +60

    अरे कब तक जातियों के नाम पर रोना रोना है भारत में, हम सब चाहते है की आरक्षण केवल गरीब या सारिरिक तोर पर अपंग लोगो को मिले | भारत के लोगो की मांसिकता बड़ी दयनीय है 😢

    • @motivationalstory4820
      @motivationalstory4820 17 วันที่ผ่านมา

      Tujhe Aarakshan dikh raha hai lekin sale tujhe jaate ke naam per bhedbhav karte hain vah nahin dikh raha

    • @NSCLASH24
      @NSCLASH24 17 วันที่ผ่านมา +1

      Right ❤

    • @bhagendrajuwanthavlogs2257
      @bhagendrajuwanthavlogs2257 16 วันที่ผ่านมา

      मंदिर मस्चिद का आरक्षण भी
      समाप्त होना चाहिए

    • @bhagendrajuwanthavlogs2257
      @bhagendrajuwanthavlogs2257 16 วันที่ผ่านมา +4

      भाई साहब आप का कहना ठीक है लेकिन मन्दिर में भी 100%आरक्षण लेने वालों के लिऐ भी आरक्षण समाप्त होना चाहिए मंदिरों में भी सबको मौका मिलना चाहिए और प्रत्येक विभाग में जनसंख्या के आदर पर कर्मचारी रखना चाहिए आरक्षण स्वथः ही बंद हो जाएगा जाति व्यवस्था भी संपाप्त होनी चाहिए।।। सबको एक समान अधिकार मिलना चाहिए जनरल वाले मजे लेंगे एससी एसटी ओबीसी वाले कंहा जायेंगे भाई पांच अंगुलियों का दर्द बराबर समझना चाहिए।।

    • @bhagendrajuwanthavlogs2257
      @bhagendrajuwanthavlogs2257 16 วันที่ผ่านมา +1

      ​@@NSCLASH24लेकीन मंदिरों का आरक्षण भी समाप्त होने की बात भी तो करो सर जाति व्यवस्था बंद करो उज्ज्वल भारत के बारे में सोचो

  • @ashoksaroj6653
    @ashoksaroj6653 หลายเดือนก่อน +439

    सुप्रीम कोर्ट।के। सभी।जज। मनुवादी।है।कोलोजीयम। बन्द।हो।जय। भीम 🌹🌹🌹🌹

    • @sapna4993
      @sapna4993 หลายเดือนก่อน

      *COURT KE COLLEGIUM SYSTEM KE AGAINST 21 AUGUST KO BHARAT BAND HONA HI CHAHIYE.....COLLEGIUM SYSTEM BAND KARO...TAKI BHAVISHY MEIN KOI BHI SC/ST/OBC KE LOGO KE ADHIKARO KO CHINNE KI KOSHISH NA KARE JAISE SUPREME COURT AUR SARKAR LAGATAR SC/ST/OBC KE LAWS KE SATH LAGATAR KHILWAD KAR RAHI HAI...COLLEGIUM SYSTEM KE KHILAF ANDOLAN HONA HI CHAHIYE*🙏🙏

    • @MukundK-ci8dl
      @MukundK-ci8dl หลายเดือนก่อน +3

      एक जूट का विजय होता है

    • @RahulSingh-jz3vh
      @RahulSingh-jz3vh หลายเดือนก่อน +2

      और खैरात पर जज बन जाएं 😂😂

    • @karansingh....
      @karansingh.... หลายเดือนก่อน +1

      Tu mere bete ko bna me tere bete ko banata hu, aisa band hona chaiye

    • @abhishekchaudhary884
      @abhishekchaudhary884 หลายเดือนก่อน

      Aur tum kya ho...

  • @prempalsingh8031
    @prempalsingh8031 หลายเดือนก่อน +321

    आरक्षण विरोधी सरकार होस मे आओ

    • @thepravinfact
      @thepravinfact หลายเดือนก่อน +4

      @@prempalsingh8031 lagta h is sarkar ko v hasina banana padega

    • @sanjayabhiraj
      @sanjayabhiraj หลายเดือนก่อน

      कोई सवर्ण पत्रकार हे याह आया आप को बाइट लेने अगर 10 % सवर्ण आरक्षण खतम होता तो अभी तक मनुवादी पत्रकार आया हुआ होता बाइट लेने

    • @KaliBhai-pr9ii
      @KaliBhai-pr9ii หลายเดือนก่อน +4

      ​@@thepravinfact tere me dm h to protest to kr Ghar na tuta to khiyo

    • @thepravinfact
      @thepravinfact หลายเดือนก่อน

      @@KaliBhai-pr9ii thik hai काली भाई Mai v shant tu v shant ,jisko jo karna h ,karne do 😀😀😀😂

    • @Ranjeet32274
      @Ranjeet32274 หลายเดือนก่อน

      10 % bhi nahi hai tumhari aabadi, agar jung hui to kitne bachoge tum log ​@@KaliBhai-pr9ii

  • @balwantbahraichi6902
    @balwantbahraichi6902 23 วันที่ผ่านมา +175

    इस वकील को 100 तोफो की सलामी हमारे देश के sc. St के उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद जय भीम जय भारत

    • @Swn540
      @Swn540 21 วันที่ผ่านมา +2

      Aur sare top ke muh iski taraf😂

    • @vijetasain3131
      @vijetasain3131 21 วันที่ผ่านมา +1

      @@Swn540 😀

    • @indianarmy5494
      @indianarmy5494 21 วันที่ผ่านมา

      Aapko kya fayada mele raha h bhai

    • @RahulRana-zn9ux
      @RahulRana-zn9ux 19 วันที่ผ่านมา

      😂😂😂😂

    • @BollywoodRelative
      @BollywoodRelative 19 วันที่ผ่านมา

      😢😢😢 सबको क्या हो गया h ..... आरक्षण का क्या करेंगे जब हम work place pr सेफ ही भी h..... इज्जत से ज्यादा प्यारा आरक्षण h logo ko isiliye sab aage aaye😢🥺🥺😭😭

  • @Abhishek_rajpoot_01
    @Abhishek_rajpoot_01 19 วันที่ผ่านมา +76

    अगर आरक्षण जारी रहेगा तो जातिवाद, छुआछूत भी जारी रहेगी 🇮🇳 जय श्री राम ⚔️ जय राजपूताना ⚔️

    • @amitsagar8818
      @amitsagar8818 19 วันที่ผ่านมา +7

      😂😂😂 Tu aajana Our samne bolna kuch

    • @Lordkrishnaproperty111
      @Lordkrishnaproperty111 19 วันที่ผ่านมา +2

      Absolutely 💯

    • @Worlddangerousarmy
      @Worlddangerousarmy 19 วันที่ผ่านมา +7

      @@amitsagar8818 tu bhi bol na samne tere khandhan ko kharid lunga

    • @DavidUnscripted
      @DavidUnscripted 18 วันที่ผ่านมา +4

      बिल्कुल tum chalu rakho tumhari jalti rahegi tum bhed bhav karte rah jawge aur ham apne life me bahut age badh jayenge is chij ke liye bhim ji ne bna ke gye hai kuyki tum ayesa karoge hi 😂rajputna nam se to ayesa lag rha koi raja h raja jamna ab gya

    • @mohitrj0513
      @mohitrj0513 18 วันที่ผ่านมา

      Bhai aap yeh batao pehle jatibaad aaya ya aarakshan.....

  • @tushar89817
    @tushar89817 หลายเดือนก่อน +279

    💙💙बार बार बोलूंगा जय Bhim जय भीम 💙💙
    बहुत बहुत धन्यवाद सर इतने अच्छे बाते कहने के लिए

  • @kpsingh1344
    @kpsingh1344 หลายเดือนก่อน +256

    बिल्कुल नहीं छोडेगें ।उसके लिए चाहे कितनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़े जय भीम

    • @YOLO-nc3sz
      @YOLO-nc3sz 29 วันที่ผ่านมา

      Kya nahi chodega

  • @anyone7496
    @anyone7496 28 วันที่ผ่านมา +105

    कॉलेजियम सिस्टम तुरंत खत्म होनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति परीक्षा के माध्यम से होना चाहिए

    • @Villnam1
      @Villnam1 27 วันที่ผ่านมา +14

      Bss Us Pariksha Me Reservation Nahi Hona Chahiye 😂

    • @techno_24
      @techno_24 26 วันที่ผ่านมา +7

      Jo bhi exam ho usme reservation nhi hona chahiye
      Education ke dam par clear karo or judge ban jaao
      Reservation hatao desh ko sasakt banao

    • @mangalam5330
      @mangalam5330 23 วันที่ผ่านมา +1

      Collegium system galat h

  • @BachelorBoy53
    @BachelorBoy53 12 วันที่ผ่านมา +2

    इनमे से कोन कोन Sc or ST है मिलकर सामना करेंगे और मुहतोड़ जवाब देगे Support

  • @lokeshkumar007
    @lokeshkumar007 23 วันที่ผ่านมา +290

    वाह जियो मेरे शेर, समाज को ऐसे ही लोगो की जरूरत हे जो खुल के बोल सके, जय भीम

    • @rajrantsawant132
      @rajrantsawant132 21 วันที่ผ่านมา +2

      Jay bhim

    • @kedarnathdindore4236
      @kedarnathdindore4236 21 วันที่ผ่านมา +3

      Yes ❤

    • @navinji0
      @navinji0 21 วันที่ผ่านมา

      Reservation ko hta hi do na taki desh ka vikas ho km no. Lakar intelligent st/sc category ka ladka 50000 me job kr rha hai jayada no. Lakr general ladka 5000 me job kr rha hai

    • @VikasKumar-lb5np
      @VikasKumar-lb5np 20 วันที่ผ่านมา +2

      ​@@navinji0थोड़ी अपनी बुद्धि तेज करो 50% जॉब जनरल वाले ले लेते है जो बेवकूफ है
      Sc/st को सिर्फ 18% जॉब मिलती है

    • @bhanupratapsingh4924
      @bhanupratapsingh4924 20 วันที่ผ่านมา

      ​@@VikasKumar-lb5np I think you need to sharpen your wit. Who told you that general category enjoying 50% reservation that's open quota not reserved for anyone

  • @abhayRaja47
    @abhayRaja47 25 วันที่ผ่านมา +47

    आरक्षण आर्थिक आधार पर हो 🙏 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

    • @jitendrajitu3721
      @jitendrajitu3721 22 วันที่ผ่านมา +1

      आपकी बात उचित है लेकिन धार्मिक पदों पर भी योग्यता के अनुसार हो जाती के आधार पर नहीं

    • @ajeetkushwaha9722
      @ajeetkushwaha9722 22 วันที่ผ่านมา +1

      Jo bhedbhav kiya h tm logo ne arthik adhar pe ya jati k adhar pe

    • @prakashshelke3381
      @prakashshelke3381 21 วันที่ผ่านมา +1

      Chup be😂

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 17 วันที่ผ่านมา +1

      ​@@ajeetkushwaha9722kyu Tera dada kisi ka murder karde or tereko fasi ho chalega ?

  • @ghanshyamsingh4170
    @ghanshyamsingh4170 หลายเดือนก่อน +32

    अब समय आ गया है ब्राह्मणों, क्षत्रियों, बनिययो और दलितों को परसेन्टेज के आधार पर नौकरियों एवम अन्य जगहों में आरक्षण होना चाहिए अधिकांश लाभ ये ही उठा रहे हैं जिन्हें उच्च वर्ग कहते हैं

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +3

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @shivshukla9264
      @shivshukla9264 หลายเดือนก่อน +2

      Correct 💯 ​@@govindvaid3924

    • @tejsinghrathod5840
      @tejsinghrathod5840 28 วันที่ผ่านมา +3

      Ab samay ki mang ha Reservation sirf economic base par hona chaiya pure desh me

  • @Prempari9576
    @Prempari9576 18 วันที่ผ่านมา +4

    तुम 45% मार्क्स लाकर अधिकारी बन जाते हो और हम 98% लाने के बाद भी छठ जाते हैं क्या इसी संविधान की बात हो रही है
    जब आपको जाति सूचक शब्द इस्तेमाल किया जाता है तो आप लोग बोलते हैं कि सभी का खून एक जैसा लाल है तो मुझे जाति सूचक शब्द से क्यों बोला जाता है तो आज जान लीजिए कि इसी आरक्षण के तहत आपको इस नजरिया सेदेखा जाता है

  • @rameshkumar-ev2it
    @rameshkumar-ev2it หลายเดือนก่อน +240

    देश हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा, नहीं चलेगा। भाजपा हटाओ, देश बचाओ। जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान।

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +2

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @rahulhansda5022
      @rahulhansda5022 หลายเดือนก่อน +2

      ​@@govindvaid3924saf saf.. bolo kya kehna . .. chhate ho

    • @shailendersingh5321
      @shailendersingh5321 หลายเดือนก่อน +1

      Bharat unka h jo bhart ke lia khun bhahate h

    • @shripadkodare339
      @shripadkodare339 หลายเดือนก่อน

      आज भाजप हटाव का नारा, क्यू देते है,भाय,आठवलेजी तो पहिले से भाजप के दोस्त है.

    • @user-el1di8hq6r
      @user-el1di8hq6r หลายเดือนก่อน

      Le saaf saaf sun bahut saal mil liya tumhe aarakshan ab valmiki samaj ki baari hai dalit sirf tum nahi ​@@rahulhansda5022

  • @VishalNayak-lr9cc
    @VishalNayak-lr9cc 25 วันที่ผ่านมา +191

    एडवोकेट शाहब बहुत बहुत आपका स्वागत है आपने इतना बड़ा कदम उठाया बहुजनो के लिए

    • @Tekrajsuryabanshi
      @Tekrajsuryabanshi 24 วันที่ผ่านมา +2

      ❤❤❤❤❤❤

    • @BollywoodRelative
      @BollywoodRelative 19 วันที่ผ่านมา

      😢😢😢😢😢 .....Rape cese ke liye tere ye vakil kyu nahi aage aaye .....kyu saja nhi milti kisi ko😢😢😢

    • @Tekrajsuryabanshi
      @Tekrajsuryabanshi 19 วันที่ผ่านมา +1

      @@BollywoodRelative we are living according to law and order.....the ultimate power is in the hand of CJI chandrachud....he is a nyay murti of our nation why is not taking any action and make law and amendments against such rapist...that's why everybody is working on educating and bringing awareness to your kind of hypocrite....apko agar such ma chinta hoti to is vishay ma aapko Kam sa Kam basic jaankari to hoti.... don't spread hatred and misinformation just to defame others....😠

  • @RabindraKumar-wg3vk
    @RabindraKumar-wg3vk หลายเดือนก่อน +193

    आरक्षण विरोधी होश में आओ

    • @rajkumarmishra5072
      @rajkumarmishra5072 หลายเดือนก่อน +7

      तुम सभी होश में रहो भारत को बंटवारा मत करो पहले अपने आपको उस लायक बनो तब ख्वाब देखो।

    • @motivationchanal2935
      @motivationchanal2935 หลายเดือนก่อน

      Yes absolutely right

    • @SureshKumar-vb1ms
      @SureshKumar-vb1ms หลายเดือนก่อน

      Hos me aanevale nahi h ye log lana pdega enko hos me

    • @DineshaajadAajad
      @DineshaajadAajad 26 วันที่ผ่านมา

      ​@@rajkumarmishra5072haa ham hos my hi he jab camda utarna tha to piche se pani chidkaaw karte the jis gay or bess ka dud khaya hoga usu ham tikane lgate the or ab aap khud leke jaate ho

    • @DineshaajadAajad
      @DineshaajadAajad 26 วันที่ผ่านมา

      ​@@SureshKumar-vb1msto le lo naa kisne mnaa bola he

  • @SauravRaj-s4d
    @SauravRaj-s4d 18 วันที่ผ่านมา +6

    बिल्कुल सही कहा आपने,अब के प्रधानमंत्री कुछ ज्यादा ही तेज हो गया है.........

  • @user-rx6gs6fd9x
    @user-rx6gs6fd9x หลายเดือนก่อน +106

    Adv.sahab ji apko sat sat naman or jindabad छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं जय भीम जय संविधान

  • @shivlalsaket6544
    @shivlalsaket6544 หลายเดือนก่อน +35

    बहुजन समाज की लड़ाई आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डाला जाय

  • @SachinNimsarkar-yk4cn
    @SachinNimsarkar-yk4cn 25 วันที่ผ่านมา +68

    संविधान और आरक्षण को कोई बदल नहीं सकता....जो बदलने की कोशिश करेगा हम उनको बदल देंगे!

    • @ajitvlogs077
      @ajitvlogs077 21 วันที่ผ่านมา +3

      आरक्षण आर्थिक स्थिति के आधार पर होना चाहिए जाति के आधार पर नहीं

  • @PraveenMuzalda
    @PraveenMuzalda 18 วันที่ผ่านมา +13

    St sc में जिनकी वार्षिक आय 10 लाख से अधिक हैं उनको आरक्षण से बाहर कर देना चाहिए

  • @user-ty9du2vn2e
    @user-ty9du2vn2e หลายเดือนก่อน +54

    वोकिल साहेब आपका बहुत बहुत साधुवाद बहुजन समाज के लिए आवाज उठाने के लिए 🙏🙏 बाबा साहेब जिंदाबाद , जय भीम जय सविधान 🙏🙏💙💙💙🇪🇺🇪🇺🇪🇺✍️✍️✍️💯💯💯💯

  • @user-qb5sd1qu1z
    @user-qb5sd1qu1z หลายเดือนก่อน +166

    संविधान बदलने वालों को ही हम बदलदेंगे अच्छी तरहसमझ लेना संविधान के साथ छेड़छाड़ ही करना बर्दाश्त नहीं होगा जय भीम जयसंविधान

    • @aadiwashi_life
      @aadiwashi_life 29 วันที่ผ่านมา +7

      Jis sarkar ne samvidhan sabse jyada sansodhan kara usi sarkar ke sath de rahe ho or bol rahe ho ki samvidhan bachaoge wahhh

    • @sikhogyan4487
      @sikhogyan4487 26 วันที่ผ่านมา +3

      Samvidhan janta ke liye bana hai janta chahe to samvidhan badlega
      Aur yahan per baat hai ki Amir dalito ko reservation nhi milega to ye bilkul sahi hai
      We Support it

    • @ArunTradeCenter1998
      @ArunTradeCenter1998 25 วันที่ผ่านมา +2

      Kitne saal arakshan lega khud k dum p aage badh

    • @ayushmodi4565
      @ayushmodi4565 21 วันที่ผ่านมา

      Ha Bhai unhe mana kr do har 10 saal baad amendments lane ke liye 🙂🙂
      Ham tumhare sath h 🙂🙂

    • @Rohankumararya123
      @Rohankumararya123 18 วันที่ผ่านมา

      Arakshan kisi ko nahi dena chahiye sabhi ko samantar kar dena chahiye

  • @aryanrajwar6648
    @aryanrajwar6648 หลายเดือนก่อน +132

    फैसला देने वाले सभी ब्राह्मण है ‌ 50०/० एसटी/एसी लोग जज होना चाहिए

    • @goldybharatfirst9079
      @goldybharatfirst9079 29 วันที่ผ่านมา +18

      Pdai kro or bno. Tum swarno ka khun nhi kr skte

    • @YOLO-nc3sz
      @YOLO-nc3sz 29 วันที่ผ่านมา +10

      Padhai krke aye wo waha

    • @yashvardhansharma999
      @yashvardhansharma999 29 วันที่ผ่านมา +10

      Haan reservations Mila to jroor lg jaaoge 50% mai😂😂😂😂😂

    • @girishchandra360
      @girishchandra360 29 วันที่ผ่านมา

      @@aryanrajwar6648 बिना पढ़े जज बनने के ख्वाब देख रहे हो, फिर तो इस देश को गर्त में डालोगे,

    • @VikasKumar-yq4ui
      @VikasKumar-yq4ui 28 วันที่ผ่านมา

      Bhaii aajaa usi level se kaha se mai aata hu padhne fir dekhte h​@@goldybharatfirst9079

  • @Techmohityt-h4r
    @Techmohityt-h4r 16 วันที่ผ่านมา +1

    आरक्षण छोड़ेंगे नहींमोदी जी आरक्षणआपको देना होगा भील समाज का इतिहास देखो

  • @AdityaRaj-pr9zw
    @AdityaRaj-pr9zw หลายเดือนก่อน +96

    SC St unity जिंदाबाद 💪💪⚔️⚔️
    इसी यूनिटी का डर से सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला बदल दिया

    • @H2oDk
      @H2oDk หลายเดือนก่อน +1

      Dekh ke liye bhi kuch kar lo ya bas jindabaad hi karna hai bangladesh ko pakistan ko dekh lo bahut muslim premi ho na sab samjh aa jayega 😂😂😂😂

    • @AdityaRaj-pr9zw
      @AdityaRaj-pr9zw หลายเดือนก่อน +2

      @@H2oDk muslim Premi nhi insan Premi hai SC, ST,
      Tum btao jab Brahman ko muslim kuch krte hai to dalit hindu ban jate hai
      wahi SC st se kam nikl jata hai to phir Hindu dalit bn jate hai
      Kisi bhi desh ko viksit hone ke liye sabhi dharm ke logo ki jrurat hai
      jo ki bharat me balance hai abhi tk
      Jis din kisi desh me kisi ak dharm ke barchaswav hoga
      us din se us desh ko dubna ,danga hona Tay hai
      isliye kha jata hai jayda Hindu desh Muslim desh bnane ki kosis Mt Karo
      Bangldesh me ak dharm ke adhikta ka ntija aaj dekh hi liya
      waha bhi yadi 40% bhi hindu rhta to Aisa nahi hota
      Hindu muslim krne se phle kuch socho kya bol rahe hai
      Jinko Hindu muslim krke hi pet palna hai mandir masjid ke nam par wo to kabhi nhi sudhar skte hai

    • @VikashRajput-123
      @VikashRajput-123 20 วันที่ผ่านมา

      ​@@AdityaRaj-pr9zwye new rule phda h kya tune ???

    • @Nirmalyasir
      @Nirmalyasir 20 วันที่ผ่านมา

      Tum par dayaa AAA geyaa supreme court kaa 😂

  • @madhavraogaikwad1129
    @madhavraogaikwad1129 หลายเดือนก่อน +65

    मा SC ने ये क्रेमिलीयरका बिल वापस देना चाहियें ।नहीं तो बडा आंदोलन होगा ।जय संविधान ।

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @RahulSingh-jz3vh
      @RahulSingh-jz3vh หลายเดือนก่อน +2

      लुटेरों sc st के जरुरतमंद को रिजर्वेशन मिलने दो उसका हक मत छीनो

    • @shripadkodare339
      @shripadkodare339 หลายเดือนก่อน

      आप तो सब बीजेपी के समर्थक है,आठवले, प्रकाश आंबेडकर सब बीजेपी के दोस्त है.सरकार को बोलो,कोर्ट को गाली को देते हो.sc,st के गरीब लागो को फायदा हो रहा है, तुम्हारे बच्चोका नुकसान दिसतात है तुम्हे ,इस लिए तुम्हे गुस्सा आहे है

    • @narendersharma5344
      @narendersharma5344 หลายเดือนก่อน +1

      गुस्साा मत करो कोर्ट का सम्मान करो जी

    • @kansinghrathore7578
      @kansinghrathore7578 29 วันที่ผ่านมา

      सही फैसला है

  • @MohanLal-wd8qc
    @MohanLal-wd8qc หลายเดือนก่อน +86

    सुप्रीम कोर्ट मनुवाद व्यवस्था के विरोध में कयो नहीं बोलता है
    EWS आरक्षण में भी बदलाव करे
    EWS आरक्षण वाले अरबो खरबो वाले थे
    तो यह आरक्षण कयो लागू हुआ

    • @tazinderkalra7230
      @tazinderkalra7230 หลายเดือนก่อน +3

      Sc st vich bhut de lok Sara family job krde m grib h eh bhut rich ne ehna india ne development nhi hundi 40 no nu job 60 no job nhi eh india di development nhi hundi 40 no foreign country vich 60 no do value 40 nhi Sade india vich 40 no value h

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +2

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @IqbalSingh-zg6jt
      @IqbalSingh-zg6jt หลายเดือนก่อน

      ​@@tazinderkalra7230good

    • @shahupaikrao5682
      @shahupaikrao5682 หลายเดือนก่อน +1

      JayBhim JaySavidhan JayShivray

    • @deepakgayali3252
      @deepakgayali3252 หลายเดือนก่อน +1

      इन लोगों की मानसिकता देखिए, येलोग आपने समाज के गरीबलोगों को अपने बराबर आने नहीं देना चाहते और बात करते हैं। ब्राह्मण की ब्राह्मणों का नाम लेकर पूरे देश की आंखों में धूल झोंकना इनकी आदत बन चुकी है

  • @mayaraidas5784
    @mayaraidas5784 17 วันที่ผ่านมา +2

    आप लोग बड़े बोल रहे की सबको बराबर आरक्षण मिलना चाइए अरे ,,जब प्राचीन काल से ही ब्राह्मण छतरी वेश्य शुद्ध ,, जिसमे सबसे नीचे जाति अहिरवार जाति को ही माना जाता है क्या पाप कर दिया ऐसा ,, जितना भेदभाव इस जाति के लोगो ने झेले है ना वो ब्राह्मणों के ,, आज की दुनिया में सब पड़े लिखे तो है लेकिन अपनी सोच ही नहीं बदल पा रहे की जाती कुछ नही होती ,, अरे सब इंसान ही है खून तो एक ही निकलेगा सबके अंदर लेकिन फिर भी यह जाति वाद खत्म नहीं हो पा रहा और ना कभी हो सकता हैं,, भाइयों मेरा संदेश किसी को चोट पहुंचाना नही है लेकिन pls aap समझो कितना जरूरी है यह आरक्षण हमारे लिए ,,,

  • @vimalkumar-fw1dv
    @vimalkumar-fw1dv หลายเดือนก่อน +22

    Jay Bhim 🙏 Jay Samvidhan 🖊️📖 BSP जिन्दाबाद 💙💙💙🐘🐘🐘🐘🐘

  • @ArvindKumar-du3dv
    @ArvindKumar-du3dv หลายเดือนก่อน +164

    थैंक्यू वकील साहब जय भीम

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +2

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 17 วันที่ผ่านมา +1

      Gay bhem tum choti caste wale itne gande or kale kyu hote hoo

  • @siddharthdeshbhratar4730
    @siddharthdeshbhratar4730 หลายเดือนก่อน +79

    10 डाक्टर 20 इंजिनियर 30 वकिल जब समाज में पैदा होगें तब इस समाज की तरफ आँख उठाकर देखने की किसी की हिम्मत नहीं होगी .
    डॉ. बाबासाहब अम्बेड़कर
    सेलूट माय ब्रदर बाबासाहब के सिपाई
    जय भीम
    जय भारत
    जय संविधान
    जय मुलनिवासी
    🎉🎉🎉🎉

    • @venture-aarav
      @venture-aarav หลายเดือนก่อน

      Bhai isse khi jyada ho chuke hai or beda garg hi hai..
      Reservation ke chalte aise log piche ho jate hai jo hmare Bharat ko ajj ke comparison me bht hadd tak age lkr Jaa skte hai..
      Bhti ganga me hath dhona band kardi

    • @My_school-My_pride-82
      @My_school-My_pride-82 หลายเดือนก่อน +2

      @@siddharthdeshbhratar4730 यह सभी एक ही परिवार में नहीं बल्कि गरीब दलित के घर में भी पैदा होने चाहिए

    • @ramlalsaini959
      @ramlalsaini959 หลายเดือนก่อน

      ऐसे सोचने से ओर मरने से डॉक्टर वकील जज नहीं बनेंगे, उसके लिए समाज को एकजुट होकर एक फंड की व्यवस्था करनी पड़ेगी क्योंकि ऐसे पदों पर पहुंचने के लिए पैसों की ज्यादा जरूरत पड़ती है गरीब का बच्चा वहां तक नहीं पहुंच पाता गरीबी के कारण गरीब का टैलेंट छुप जाता है गरीबी के कारण टेलेंट को आगे बढ़ाने के लिए पूरी समाज की जिम्मेदारी होती है वह जिम्मेदारी हम नहीं निभा रहे हैं सबसे ज्यादा हम सब को इसी पर फोकस करना होगा

    • @PreetamPratima
      @PreetamPratima 29 วันที่ผ่านมา

      ​@@Bharatbhumi12beta aa jao smne dekhate h kitna educated ho tum pt h study sb krte h Bina study kiye sc st bhi job nhi pate h smjhe beta or mai to job li hu or general cutoff ko smjhe suar

    • @sadhanasingh9118
      @sadhanasingh9118 29 วันที่ผ่านมา

      Jai bheem

  • @Anshisheoran-jv9in
    @Anshisheoran-jv9in 18 วันที่ผ่านมา +36

    आरक्षण किसी को नहीं देना चाहिए सभी को बराबर रखनाचाहिए

    • @user-kz8jm4gt4k
      @user-kz8jm4gt4k 17 วันที่ผ่านมา +5

      Sahi kaha bhai par sayad dalit logo ko such main problem Hoti hai abhi v log chua-chut Hota hai maine dekha hai abhi v gao main dalit logo nicha giraya jata hai main khud general Hu mare papa ki kirana ki dukan hai meri family main kisi v choti jaati ke logo Ko Ghar par bed mein bethne v nahi dete jameen par bitha kar baat karna, Pani v mang le Toh meri mummy usko palstic ki bottle hi de dedeti glass main nahi baad mein bottle dustbin mein daal deti hai 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢

    • @Sonikavegan832
      @Sonikavegan832 17 วันที่ผ่านมา

      तो तुम इतने दिनों से आरक्षण le kr क्या kr रहे हो😂😂 ये सिर्फ बहना है फ्री की जो aadat ho गयी है

    • @Sonikavegan832
      @Sonikavegan832 17 วันที่ผ่านมา +2

      ​@@user-kz8jm4gt4kM tumhari baat से सहमत हु की आरक्षण खत्म नही होना चाइये पर आरक्षण मे सुधार होना चाइये आजकल आरक्षण वो भी ले रहे है जो आईएस। Patvari और भी पदों पर है और वही दूसरी तरफ general और obc m कुछ ऐसे भी जिनकी finicial conditions अच्छी नही है और उन्हे कोई regervation नही।
      और हम general wale hai हमे ना तो इस government ने कुछ दिया और ना ही किसी और government ne yrr
      Regervation आर्थिक स्थिति के आधार पर होना चाइये कोर्ट का फैसला सही है
      Job M fess का तो smjh aata hai पर cutoff M bhi regervation . Mind to sb M बराबर होता है
      50 ℅ wala job krega और 90% wala बेरोजगार।।

    • @रमनदीपकौर
      @रमनदीपकौर 14 วันที่ผ่านมา

      जमीन के हिसाब से monthly मिलता है।

    • @रमनदीपकौर
      @रमनदीपकौर 14 วันที่ผ่านมา

      Madam equity or equality में डिफरेंस देखो पहले सर्च करो pta lgao or फिर बोलो

  • @PramodKumar-qe9wp
    @PramodKumar-qe9wp หลายเดือนก่อน +67

    वकील साहब आपका बहुत बहुत वंदन अभिनंदन करता हूं जय भीम नमो बुद्धाय जय भारत के संविधान

  • @user-ib2mj7tp3k
    @user-ib2mj7tp3k 20 วันที่ผ่านมา +132

    आरक्षण सबूत है हमारे SC / ST का कि हम भारत के मूलनिवासी है हमारे पास आरक्षण के अलावा कुछ भी नहीं है ना जमीन ना घर हमें फिर से गुलाम बनाना चाहते हैं आरक्षण हमारा अधिकार है प्लीज इसे मत हटाओ 🙏🙏😭😭

    • @ManasRai-j7w
      @ManasRai-j7w 20 วันที่ผ่านมา +6

      Hme to bhagwaan de gya h😅😅

    • @user-ib2mj7tp3k
      @user-ib2mj7tp3k 20 วันที่ผ่านมา +1

      @@ManasRai-j7w हिस्ट्री जाके देखो भाई यह देश सिर्फ दलित द्रविड़ आदिवासी का है तुम लोगों के द्वारा कब्जा किया गया है हमारे देश में और हमारे जमीनो पर

    • @ManasRai-j7w
      @ManasRai-j7w 20 วันที่ผ่านมา +2

      @@user-ib2mj7tp3k acha ye baaao phle ki general me jo gareeb h usko reservation milna chahiye ki nhi ??
      Bir tumse fact p baat krunga

    • @Renusingh-zu2xn
      @Renusingh-zu2xn 20 วันที่ผ่านมา

      Kya soch hai gatiya......hindu nahi hai par moolniwasi hai, bhagban ko nahi manege or muslim dharm ka support krege

    • @Anniojas
      @Anniojas 20 วันที่ผ่านมา +4

      General walo k pas kya hai... Tum log to general walo ko insan b nhi mante ho.... B r amedkr n 10 saal k liye aarakshan Diya tha... Baki mehnt se job lo to Desh ka vikas ho

  • @vinayakkamble8870
    @vinayakkamble8870 หลายเดือนก่อน +239

    SC/ST आरक्षण गरीबी हटाओ कार्यक्रम नही है। ये सुप्रीम कोर्ट को पता होना चाहिए।

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +6

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @dkmetcalf14598
      @dkmetcalf14598 หลายเดือนก่อน +2

      Jai bheem. Full support.

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      @@harishankardhruw5280 सर लेटेस्ट करवा लीजिए, कोई दिक्कत नही लेकिन अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण बेहद जरूरी और बाबा साहेब के सपनो के अनुसार है अगर आप समतामूलक समाज निर्माण का सपना और समझ रखते है।

    • @varshabhautkar924
      @varshabhautkar924 หลายเดือนก่อน

      ​@@govindvaid39241:08 1:12 1:18 1:19 1:37 1:46 1:51

    • @pawanbhagat9341
      @pawanbhagat9341 หลายเดือนก่อน +1

      Jai bheem

  • @jkmehrajan719
    @jkmehrajan719 9 วันที่ผ่านมา

    आपके जज्बे को सलाम , बकील साहब , क्रांतिकारी जय भीम आपको

  • @mulchandnarware6102
    @mulchandnarware6102 หลายเดือนก่อน +25

    माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण उपवर्गीकरण का फैसला साक्ष आधार दिया है इसलिए देश में आरक्षण उपवर्गीकरण का फैसला लागू होना चाहिए

    • @Joya-ns9bc
      @Joya-ns9bc หลายเดือนก่อน +2

      बहुजन समाज को दो वक्त कि रोटी क्या मिल गई, स्वर्ण समाज के पेट मे दर्द सुरु हो गई, और Hindu people बनाने की बात करते हो

    • @kapilgupta5279
      @kapilgupta5279 หลายเดือนก่อน

      Do waqt ki roti to bina reservation ke bhi mil jayegi.
      Waise reservation se koi fayda ho raha hai kya?
      Agar koi fayda ho raha hai to jise ek baar fayda ho gaya, ab uski jagah dusre ko fayda milna chahiye.
      Agar fayda nahi ho raha hai to, reservation ko band kar dena chahiye.

  • @Anand_Jatav_mp33
    @Anand_Jatav_mp33 หลายเดือนก่อน +8

    जय भीम बहुत बहुत धन्यवाद आभार एडवोकेट बकील साहब

  • @mani92356
    @mani92356 29 วันที่ผ่านมา +88

    छेडोगे तो छोडेंगे नहीं,Jay Bhim,jay shivaray,jay hind

    • @sonusaini2781
      @sonusaini2781 28 วันที่ผ่านมา

      Accha ji

    • @imax98ff35
      @imax98ff35 27 วันที่ผ่านมา

      ​@@sonusaini2781bhag

    • @Rohankumararya123
      @Rohankumararya123 18 วันที่ผ่านมา +1

      खूद के दम पर कोई काम करो तुम लोग आरक्षण का लाभ उठा लिया

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 17 วันที่ผ่านมา +1

      Aa gae free ka khane wale nange

  • @rajgabbarnetamathura7812
    @rajgabbarnetamathura7812 หลายเดือนก่อน +81

    जय भीम संविधान

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @sunilkushhwaha
      @sunilkushhwaha หลายเดือนก่อน

      Good 👍👍👍👍👍👍

  • @abhishek_bharti_153
    @abhishek_bharti_153 หลายเดือนก่อน +76

    गजब का स्पीच दिया मैंने आज तक इतना अच्छा स्पीच नहीं सुना गर्दा उड़ा दिया चाचा ने तो मनु वादियों का ❤❤❤❤👍👍🙏🙏🙏💪💪💪

  • @deshrajpanwar594
    @deshrajpanwar594 หลายเดือนก่อน +60

    21 अगस्त को भारत बंद आरक्षण का फैसला सुप्रीम कोर्ट को वापस लेना चाहिए

    • @603896
      @603896 หลายเดือนก่อน

      भाई अब जरूरत नही।क्रीमी लेयर नही लगेगा ।गरीब दलित को नाली मुबारक।करते रहो साफ😂

    • @vipgamer4976
      @vipgamer4976 หลายเดือนก่อน

      Tu k hai sc ya st

    • @abhishekchaudhary884
      @abhishekchaudhary884 หลายเดือนก่อน

      No....

  • @AmitKumar-zs6yo
    @AmitKumar-zs6yo 3 วันที่ผ่านมา

    भीम भाई अंबेडकर जी ने हमें उठाया था और यह लोग हमें नीचे गिराना चाहते हैं इन लोगों की यही थिंकिंग है

  • @user-oq5tr8vq5s
    @user-oq5tr8vq5s หลายเดือนก่อน +31

    मनुवाद को बढ़ावा देना सरकार का पहला एजेंटा है ये सरकार नही चलेगी

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @vidhata.
    @vidhata. หลายเดือนก่อน +8

    OBC SC ST Minority किसान एकता जिंदाबाद ❤

  • @VikashSinghPaswanPaswan
    @VikashSinghPaswanPaswan หลายเดือนก่อน +100

    हमारे समाज की तरफ से 21 अगस्त को संपूर्ण भारत बंद करने का ऐलान हम लोग ने कर दिया है बाबासाहेब अंबेडकर जिंदाबाद यह बाबा साहब द्वारा संविधान बना हुआ हैं

    • @abhishekchaudhary884
      @abhishekchaudhary884 29 วันที่ผ่านมา +4

      @@VikashSinghPaswanPaswan we don't support.... It's a good decision

    • @montyelina4952
      @montyelina4952 23 วันที่ผ่านมา

      Kon h bhai tu​@@abhishekchaudhary884

  • @ShanuJi-yu6ed
    @ShanuJi-yu6ed 14 วันที่ผ่านมา

    जो अमीर है उसे आरक्षण मत दो जो गरीब है चाहे किसी भी वर्ग का हो सबको आरक्षण दो

  • @satwinderlal2987
    @satwinderlal2987 หลายเดือนก่อน +130

    जय भीम जय भारत जय सविधान

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @Rawagent_0
      @Rawagent_0 17 วันที่ผ่านมา +1

      Gay bhem uncle tmkc

  • @user-pi7us2he8u
    @user-pi7us2he8u หลายเดือนก่อน +59

    Dhanyawad साहब हम आपके साथ
    जय भीम जय संविधान जय भारत

  • @nehabharti5111
    @nehabharti5111 หลายเดือนก่อน +103

    सुप्रीम कोर्ट को आरक्षण लागू करना पड़ेगा

    • @603896
      @603896 หลายเดือนก่อน

      गरीब दलित को फिर से झाड़ू पकड़ा दिया मोदी ने ।लगाते रहो😂

  • @gopalkajla5603
    @gopalkajla5603 18 วันที่ผ่านมา +17

    इन वकील साहब का कहने ‌का मतलब है कि ‌sc st वर्ग‌‌ में सभी के पास राल्स रोयल और 1000 ,2000 करोड़ रूपए होने चाहिएं😂😂😂😂😂

    • @siddhukv123
      @siddhukv123 18 วันที่ผ่านมา +1

      Yes bhai

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 18 วันที่ผ่านมา +1

      Itna reservation pe tum jo ro rhe ho par hakikat yeh hai ki har bade pad pe tumhare hi log bethe huye hai

    • @Singhj25
      @Singhj25 18 วันที่ผ่านมา +2

      ​@@truthtalker9375Kuki vo us position k layak hai mehnat krke phochta h tumhri trha reservation lekr nahi.... himmat h to ek general vala ki trha brabar marks ki criteria m betho na.

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 18 วันที่ผ่านมา

      @@Singhj25 himmat ki baat karte ho par ye bhul gaye ki himmat barabari walo me dikhayi jaati hai...jab tum kisi ko upar aane hi nahi doge to woh barabari kar bhi nahi paayenge 🤷‍♂️...aur reservation se log upar aa bhi rhe hai,bas 100-200 saal reservation aur rehne do fir dekho barabari jab sab log equal ho jaayenge tab karna barabari...tab pata chalega ki kon kya chiz hai,aur bhulo mat saari creative chize shudra hi karta aa rha hai centuries se chahe matke banana,loha kaatna,kapde banana aur Seena,sone ko aakar dena ya aa- bhushan banana etc....ye sab koi gen wala nahi karta tha pehle,apna ye superiority complex apne paas hi rakho

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 18 วันที่ผ่านมา

      @@Singhj25 himmat ki baat karte ho par ye bhul gaye ki himmat barabari walo me dikhayi jaati hai...jab tum kisi ko upar aane hi nahi doge to woh barabari kar bhi nahi paayenge 🤷‍♂️...aur reservation se log upar aa bhi rhe hai,bas 100-200 saal reservation aur rehne do fir dekho barabari jab sab log equal ho jaayenge tab karna barabari...tab pata chalega ki kon kya chiz hai,aur bhulo mat saari creative chize shudra hi karta aa rha hai centuries se chahe matke banana,loha kaatna,kapde banana aur Seena,sone ko aakar dena ya aa- bhushan banana etc....ye sab koi gen wala nahi karta tha pehle,apna ye superiority complex apne paas hi rakho

  • @geetarani3664
    @geetarani3664 หลายเดือนก่อน +119

    Great sir ji, संविधान की रक्षा करने की जो कोशिश आप कर रहे हैं, बाबा साहब से ऊपर कोई नहीं है संविधान से ऊपर कोई नहीं है सुप्रीम कोर्ट भी नहीं

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @namansharma7886
      @namansharma7886 28 วันที่ผ่านมา +1

      ​@@govindvaid3924bhot hi achhe se btaya apne

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 28 วันที่ผ่านมา

      @@namansharma7886 जी, धन्यवाद आपने समझा और कमेंट किया, लेकिन चमार समाज क्यों नही समझ रहा?? असल में अब हम मान रहे है बाबा साहेब आंबेडकर के विरोधी ब्राह्मण कम चमार ज्यादा थे, क्योंकि उन्होंने अपनी लेखनी में ये बोला है मेरा सबसे अधिक विरोध चमार समाज ने किया।

    • @namansharma7886
      @namansharma7886 28 วันที่ผ่านมา +1

      @@govindvaid3924 smjhna jruri h unko smjhna chahiye

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 28 วันที่ผ่านมา

      @@namansharma7886 जी बिल्कुल

  • @VikashKumar-sn6mc
    @VikashKumar-sn6mc หลายเดือนก่อน +92

    21 अगस्त को कोन कोन हमारे साथ है भारत बंद करने के लिए

    • @rajanbagde373
      @rajanbagde373 หลายเดือนก่อน +1

      Namo Buddha Jay bhim Kamp tee is a rajan s bagade

    • @desiboy3894
      @desiboy3894 หลายเดือนก่อน +1

      👍👍👍👍

    • @kansinghrathore7578
      @kansinghrathore7578 29 วันที่ผ่านมา +2

      फिर क्या उखाड़ लोगे ,कोर्ट ने बहुत अच्छा किया,राजस्थान में मीना जाती के। लोग एसडीएम बनकर बैठे ,,फिर भी St category m है ये कब तक चलेगा बंद होना चाहिए

    • @SachchidanandSingh-gj3ev
      @SachchidanandSingh-gj3ev 28 วันที่ผ่านมา

      NOBODY IS GIVING FACTUAL POSITION EXCEPT MANJHI ABOUT SUPREME COURT JUDGEMENT DEBARRING CREAMY LAYERS FROM GETTING SC/ST RESERVATIONS SINCE ALL POLITICIANS OF THAT CASTES ARE RICH & WEALTHY. MANJHI IS ABSOLUTELY RIGHT WHO IS SAFEGUARDING INTEREST OF POOR OF SC/ST WHO ARE NOT GETTING ANY BENEFIT OF RESERVATION SINCE INDEPENDENCE AS THE RICH & AFFLUENTS OF SC/ST IS GRABBING ALL POSTS OF POOR. SUPREME COURT JUDGEMENT IS ABSOLUTELY IN INTEREST OF POOR SC/ST WHO WILL NEVER GET RESERVATIONS IF CREAMY LAYER IS NOT DEBARRED FROM ANY FURTHER RESERVATION. ONLY POLITICIANS WHO ARE RICH & WEALTHY WANTS CONTINUATION OF RESERVATIONS FOR CREAMY LAYERS ALSO TO GET BENEFIT FOR THEIR FAMILY WHICH WILL DEPRIVE POOR OF SC/ST IN FUTURE ALSO LIKE PAST 77 YEARS SINCE INDEPENDENCE.

    • @Kattarhindu-c5t
      @Kattarhindu-c5t 21 วันที่ผ่านมา

      Koi nhi jai shree ram 🙏

  • @rahulhembramofficial431
    @rahulhembramofficial431 27 วันที่ผ่านมา +123

    ST/SC भाइयों जिंदाबाद 💪

  • @user-rw9il9dn5o
    @user-rw9il9dn5o 9 วันที่ผ่านมา

    आज मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप लोग अपने शिक्षा का भरपूर उपयोग कर रहे बस ऐसे ही करते रहे ❤

  • @nehabharti5111
    @nehabharti5111 หลายเดือนก่อน +143

    अगर आरक्षण नहीं मिला तो बहुत बड़ा आन्दोलन होगा

    • @KaliBhai-pr9ii
      @KaliBhai-pr9ii หลายเดือนก่อน +14

      Bhikh ni milegi

    • @AnkitKumar-ec8wq
      @AnkitKumar-ec8wq หลายเดือนก่อน +3

      Jish din jatiwad khatam hoga us din arachan khatam ho jayega😮😮😮

    • @armanalam5320
      @armanalam5320 หลายเดือนก่อน +2

      बांग्लादेश की तरह

    • @AdmiringCupcakes-zk5rc
      @AdmiringCupcakes-zk5rc หลายเดือนก่อน

      Free m khane ki adat pad gyi h
      Teri maa ko bhej de 😂😂

    • @RJ-zs3yk
      @RJ-zs3yk หลายเดือนก่อน

      ​@@KaliBhai-pr9iitu or Tera baap dada de raha hai kya tere ghar se hak se liya tha or bhikh to mandiro vaale le rahe hai unko jaake bol

  • @KaranKumar-fj9id
    @KaranKumar-fj9id 22 วันที่ผ่านมา +71

    मैं गर्व करता हूँ अपने देश के संविधान पे

    • @priyaraj4139
      @priyaraj4139 22 วันที่ผ่านมา +5

      Jai bheem

  • @Aakash-Singh001
    @Aakash-Singh001 19 วันที่ผ่านมา +21

    तो अंबानी जैसा दिमाग होना चाहिए बे🤟🚩❤

    • @truthtalker9375
      @truthtalker9375 18 วันที่ผ่านมา

      Dimaag nahi lootna aana chahiye isliye to Ambani ko dekho aur Tata ko dekho,fark dikh rha hai na....jara Ambani ke papa ke baare me search kar lena pata chal jaayega ki kya kya ghaple kiye hai

    • @chanderkant5326
      @chanderkant5326 15 วันที่ผ่านมา

      tere ghar mei h bay

  • @mansukhmakvana1397
    @mansukhmakvana1397 18 วันที่ผ่านมา +10

    वकिल साहब को तहे दिल से शुक्रिया

  • @dhananjaynirala1583
    @dhananjaynirala1583 หลายเดือนก่อน +73

    एक नंबर वकील साहब आपकी जज्बे और सच्चाई के लिए दिल से सैल्यूट जय भीम साहब 🙏💐

  • @RaviKumar-mu2oj
    @RaviKumar-mu2oj หลายเดือนก่อน +76

    वकील साहब बहुत सही बाते किए है आप को कोटि कोटि धन्यवाद सर जी जय भीम आर्मी अब सही से जागो मेरे भाईयो बहनों जय जय भीम आर्मी जी जय संविधान जय हिन्द जय भारत जय वंदेमातरम जय हिन्द

    • @KhubRamChauhan
      @KhubRamChauhan หลายเดือนก่อน

      Very great spikingwork ham,app,ka,sath,ha,sir,ji

  • @PawanCvs2
    @PawanCvs2 27 วันที่ผ่านมา +47

    अभी भी वक्त है बहुजनो जागो और एक जुट रहो शिक्षा ही हमारा सबसे बड़ा हथियार इस लिए पढ़ना बहुत जरूरी है और यह वकील साहब का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी 🙏🙏

  • @ShashikantDwivedi-yx5px
    @ShashikantDwivedi-yx5px 13 วันที่ผ่านมา

    सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देती है सही फैसला देती है

  • @manishhela4936
    @manishhela4936 หลายเดือนก่อน +62

    शिक्षा वो शेरनी का दूध है जो पियेगा वो दहाड़े 🇮🇳💪💪💙💙🦁🦁..आज देख भी लिया # जाय भीम साथियो 💙💙

    • @neetendrakumar4928
      @neetendrakumar4928 29 วันที่ผ่านมา

      Fr dood piyo n reservation ka roona kyu ro rhe

    • @ravirajaryan919
      @ravirajaryan919 27 วันที่ผ่านมา

      जय भीम🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

    • @kabaddi_zone77
      @kabaddi_zone77 27 วันที่ผ่านมา +3

      Phir thoda or pdh le n reservation ki jrurt e nh pde 🤣

    • @neetendrakumar4928
      @neetendrakumar4928 27 วันที่ผ่านมา +1

      @@kabaddi_zone77 ekdam shi 👍

    • @KiranDevi-gc7jn
      @KiranDevi-gc7jn 26 วันที่ผ่านมา

      ​@@kabaddi_zone77क्यू बे लोरे जमीन रखने का रिजर्वेशन सालो से तुम्हारे पास है मंदिर जाने का 😂 और जलते रहो छोटी जातियों से

  • @vijaypalsingh7208
    @vijaypalsingh7208 หลายเดือนก่อน +30

    Sc. St. Jindabad 👍

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @hansavaniya262
    @hansavaniya262 21 วันที่ผ่านมา +74

    धन्यवाद, वकील साहब आप हमारी आवाज़ हो। जय भीम।

  • @SonamKumari-ko5ns
    @SonamKumari-ko5ns 14 วันที่ผ่านมา +1

    We all with you 🇮🇳🇮🇳 Jay Hind

  • @dharmveersaheb7328
    @dharmveersaheb7328 หลายเดือนก่อน +45

    वहां हमारे बाबासाहेब के संघर्षों पर चलकर अपने जीवन को एक वकील के रूप में आज विपक्षों के पसिने टपकाते,सलुट सर जय भीम नमो बुद्धाय साहेब बन्दगी

    • @RAMKUMAR-xh5cm
      @RAMKUMAR-xh5cm หลายเดือนก่อน

      Sat saheb bandagi 🙏

    • @amitkumarraj4995
      @amitkumarraj4995 หลายเดือนก่อน

      जय भीम जय संबिधान 🙏🙏🙏

    • @kansinghrathore7578
      @kansinghrathore7578 29 วันที่ผ่านมา

      कुछ नहीं होने वाला है

  • @user-po2pt9wq5i
    @user-po2pt9wq5i หลายเดือนก่อน +90

    बिल्कुल सही कहा वकील साहब ने।🙏💯👍

    • @indosanct-rn9sr
      @indosanct-rn9sr หลายเดือนก่อน +1

      30/100 se 0/100 karo passmark. teri mkb

    • @slentgamer5366
      @slentgamer5366 หลายเดือนก่อน

      ​@@indosanct-rn9sr bhagwan teri maa ko bhi de🤡mukhputra👍🏻 aur 30 number me kha Naukri deri sarkar bta mujhe apply Krna h 😢

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

    • @indosanct-rn9sr
      @indosanct-rn9sr หลายเดือนก่อน

      @@slentgamer5366 i dont need 30/100 I can pass with 50/100 why dont u buy some bangles and start clapping on road for money

    • @slentgamer5366
      @slentgamer5366 หลายเดือนก่อน

      @@indosanct-rn9sr Abey 50 /100 wale bangles pehen ya ghaghra pehen ke naach chahe road pe nanga naach chumtiye 🤡pr ye bta 30 me sarkari Naukri kha milri munna🤡👍🏻

  • @gauravnanda8826
    @gauravnanda8826 28 วันที่ผ่านมา +25

    Sureme Court ne bilkul sahi kiya, creamy layer ka concept SC/ST mein zaroor hona chahiye

  • @user-ly8sr1qv1v
    @user-ly8sr1qv1v 13 วันที่ผ่านมา +1

    वकिल साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने दलितों के लिए आवाज उठाई

    • @funtechmahto7484
      @funtechmahto7484 12 วันที่ผ่านมา

      Dalit Ambani v ban jay tab v aarakshan chahiye ,Kota me daal ,chawal gehu chahiye 😂😂😂😂 ajib ho yaar

  • @KaranSingh-mv1fm
    @KaranSingh-mv1fm หลายเดือนก่อน +7

    I proud of you Sir 🙏🙏🙏
    Aapne bilkul thik kaha sir. Jay Bheem 🙏 Namo Buddhay

  • @AnilKumar-dl5ct
    @AnilKumar-dl5ct หลายเดือนก่อน +46

    जय भीम, जय संविधान, जय मूलनिवासी 💙💙🩵💙💙

    • @bravokasvideostudynaturelo2548
      @bravokasvideostudynaturelo2548 หลายเดือนก่อน +1

      Bhim ne ds sal k lie diya tha jiwan bhr k lie nhi

    • @AnilKumar-dl5ct
      @AnilKumar-dl5ct หลายเดือนก่อน

      @@bravokasvideostudynaturelo2548 EWS me 10% क्यों ले रहे हो भिखारियों

  • @VinodKumar-cy9wt
    @VinodKumar-cy9wt หลายเดือนก่อน +17

    आवाज दो हम एक है उठो जागो और अपने हक के लिए संघर्ष करो जयभीम🙏💕 नमोबुद्वाय

  • @user-hd6er3oz8l
    @user-hd6er3oz8l 17 วันที่ผ่านมา +8

    आरक्षण खत्म करके, काबिलियत के दम पर नौकरी मिलनी चाहिए
    आंबेडकर ने जाति भेद बढ़ाया है
    किसी को कम आरक्षण
    तो किसी ज्यादा आरक्षण
    हिंदुओ जागो, अपने हक लड़ाई शुरू करो
    जय श्री राम 🚩

    • @lovliestdeep928
      @lovliestdeep928 16 วันที่ผ่านมา +1

      Jaativad khatam karo arakshan apne aap khatam ho jayega...apni Behen -Beti ki shadi Dalit se karo or Dalit ki beti apne Ghar laao🙏

    • @g.l.kumawat4665
      @g.l.kumawat4665 16 วันที่ผ่านมา +1

      kabiliat ke dam pe hi lete hai bina aarkshan vale sbhi bhut mhnt karke bhi rh jate hai or aarkshan vale aadhe nubner me bhi selection le lete hai bura to lgega hi aarkhan hta ke dekho ak bar jisme dam hoga job lega bs bat khtam

    • @jagguMurchulia.
      @jagguMurchulia. 16 วันที่ผ่านมา

      Mai सहमत हू आपकी बातो से

  • @sapnashingh7230
    @sapnashingh7230 หลายเดือนก่อน +14

    Aapke jajbe ko salam sabhi bahujan samaj me ye jajba hona bahut jaruri hai ❤❤❤❤❤❤ jai bhim

    • @govindvaid3924
      @govindvaid3924 หลายเดือนก่อน +1

      अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण होगा न्यायकारी : गोविंद वैद
      विदित है हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बैंच ने छह एक से अनुसूचित जातियों में आरक्षण वर्गीकरण के फैसले को सही ठहराया है। ज्ञात है कि पंजाब में 1975 से ही वाल्मिकी और मजहबी सिख के लिए अलग से एससी आरक्षण का 50% हिस्सा लागू था क्योंकि इन दोनो जातियों को पंजाब में अति दलित माना गया था सरकार द्वारा,
      पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी इसी तरह की आरक्षण व्यवस्था की मांग वाल्मिकी, धानक समाज द्वारा की गई, सरकार ने बात की गंभीरता को समझते हुए एक आयोग का गठन किया जो जस्टिस गुरनाम सिंह आयोग के नाम से जाना गया और 1992 में इस आयोग द्वारा जो आंकड़े पेश किए वो बड़े ही गंभीर और चौंकाने वाले थे जो जमीनी स्तर की हालत पर स्टिक थे।
      जस्टिस गुरनाम आयोग की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए वो निम्न प्रकार से थे
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी। = 121
      द्वितीय श्रेणी। = 368
      तृतीय श्रेणी। = 16608
      कुल योग। = 17097
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1992 तक
      प्रथम श्रेणी = 26
      द्वितीय श्रेणी। = 31
      तृतीय श्रेणी = 1848
      कुल योग. = 1905
      जस्टिस गुरनाम आयोग द्वारा पेश आंकड़ों से सरकार और लोगो को समझ आया की अनुसूचित जाति में जाति विशेष को छोड़कर 36 जातियां अभी समता मूलक समाज निर्माण से बहुत दूर है।
      अतः तत्कालीन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा 9 नवंबर 1994 को जस्टिस गुरनाम आयोग के आंकड़ों के आधार पर हरियाणा में अनुसूचित जाति में दो श्रेणी बना दी गई एससी ए और एससी बी अनुसूचित जाति के कुल आरक्षण का 50% एससी ए श्रेणी और 50% एससी बी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया, एससी ए श्रेणी में वाल्मिकी खटीक धानक समेत 36 जातियों को रखा गया और एससी बी श्रेणी में अकेले चमार सहित उसकी 5-6 उप जातियां को रखा गया।
      अब जस्टिस गुरनाम आयोग अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में एससी A और एससी B लागू होने के बाद क्या बदला हरियाणा में देखते है , आंकड़े बड़े ही चौकाने वाले थे जिन जातियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर था अब वो अनुसूचित जातियां भी चमार जाति और उसकी उपजातियों के बराबर सरकारी नौकरियों में काबिज हो जाती है।
      आंकड़े इस प्रकार है।
      चमार और उसकी 5-6 उपजातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी। = 36
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी। = 5781
      कुल योग। = 6202
      वाल्मिकी,धानक, खटीक सहित 36 जातियों का प्रतिनिधित्व नौकरियों में 1994-2005 तक
      प्रथम श्रेणी = 37
      द्वितीय श्रेणी। = 385
      तृतीय श्रेणी = 6013
      कुल योग. = 6435
      एक सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें अब ये है की किस जाति की कितनी जन है
      तो समझिए।
      हरियाणा में कुल जाति में अनुसूचित जाति का प्रतिशत लगभग 21% है 2011 की जनसंख्या गिनती अनुसार
      इस 21% में अकेले चमार और उसकी उपजातियों लगभग 11% है और 10% वाल्मिकी धानक खटीक सहित 36 जातियां है।
      हमने ऊपर समझा 1994 से पहले जब तक अनुसूचित जाति में वर्गीकरण नही था तो एससी ए श्रेणी के लोगो का प्रतिनिधित्व नौकरियों में जनसंख्या के हिसाब से नाममात्र ही तो जैसे ही 1994 में वर्गीकरण लागू किया गया तो मात्र 10 वर्षो में ही एससी ए श्रेणी और एससी बी श्रेणी की संख्या नौकरियों में लगभग बराबर आ जाति है।
      इसके कारण क्या हो सकते है? सोचिए और हमे भी बताइए।
      सन 2005 में हरियाणा के इस वर्गीकरण को खत्म कर दिया जाता है और पहले वाली आरक्षण की व्यवस्था कर दी जाती है , और एससी ए श्रेणी की जातियां फिर से नौकरियों में पिछड़ जाती है।

  • @pushpendrelahare6418
    @pushpendrelahare6418 หลายเดือนก่อน +41

    बहुत सही जवाब दिए हैं आदरणीय एडवोकेट साहब आप को बारम्बार जय भीम जय भीम 💐💐🙏🙏

  • @SSVlogs012
    @SSVlogs012 หลายเดือนก่อน +37

    Ji,bilkul 100% correct, आप बोल रहे हैं गौतम साहब,जय भीम जय संविधान जय BSP

  • @GoutamSain-i9c
    @GoutamSain-i9c 18 วันที่ผ่านมา

    आरक्षण केवल पहली पीढ़ी तक ही मिलना चाहिए। अगर कोई पहली पीढ़ी आरक्षण लेकर हाई लेवल तक पहुंच गई है तो दूसरी पीढ़ी को इसका हकदार नहीं होना चाहिए।

  • @rajlalpatel8994
    @rajlalpatel8994 หลายเดือนก่อน +11

    Jay bhim