शाहपुरा, जो कि अब ज़िला मुख्यालय है, वहाँ के शासकीय महाविद्यालय का नाम १९६३ से श्री प्रताप सिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय है , उसी स्थान पर त्रिमूर्ति चौराहा और उद्यान है जिसमें बारहठ परिवार के तीनों क्रातिवीरो की मूर्तियों स्थापित है शाहपुरा में ही बारहठ परिवार की हवेली को संग्रहालय बना दिया गया है , किन्तु उक्त सारे प्रयास स्थानीय समाज द्वारा ही किए गए, शासन का योगदान नयूनतम ही रहा !!
शाहपुरा, जो कि अब ज़िला मुख्यालय है, वहाँ के शासकीय महाविद्यालय का नाम १९६३ से श्री प्रताप सिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय है , उसी स्थान पर त्रिमूर्ति चौराहा और उद्यान है जिसमें बारहठ परिवार के तीनों क्रातिवीरो की मूर्तियों स्थापित है
शाहपुरा में ही बारहठ परिवार की हवेली को संग्रहालय बना दिया गया है , किन्तु उक्त सारे प्रयास स्थानीय समाज द्वारा ही किए गए, शासन का योगदान नयूनतम ही रहा !!
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Sab o pehla me Tony coment kariyo ho Kiya hai re rajveer
😫😫😫