देवताओं और ईश्वर मे क्या अंतर है BY उमेशचन्द कुलश्रेष्ठ जी / Vaidik Prachar
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 24 ต.ค. 2022
- वैदिक भजन व वैदिक उपदेश के कार्यक्रम की कवरेज के लिए व अन्य वीडियो हमारे पास भेजने के लिए सम्पर्क करें।
Harshit Sharma (+91 88148-35357) WHATSAPP OR TELEGRAM
Facebook Link:- / vaidikprachar
Whatsapp Group Link:- chat.whatsapp.com/HvFmyPDUQtg...
प्रतिदिन अन्य वैदिक प्रचार के कार्य्रकम देखने के लिए हमारे वैदिक प्रचार के FACEBOOK व TH-cam के चैनल से जुड़े।
Thankyou For Visit "Vaidik Prachar" Channel
Vaidik Prachar Team 🙏🙏
लेकिन यहां सुनता कौन है 😢कितनी अच्छी और सच्ची बातें बताई है, महाराज जी ने। अगर इन बातों में से कोई दो बात भी जीवन में धारण कर लें, तो हमें मनुष्य जीवन का बोध हो जाएगा।🌺🌹🧖🤲🙏🧖🚩।
पूज्य आचार्य जी ने परमेश्वर एवं देवताओं के भेद को अच्छे से समझाया। बहुत बहुत धन्यवाद।
ईश्वर ,जीव एवं प्रकृति को समझाया।
नित्य , अनित्य को समझाया तथा हम अनन्त यात्रा के पथिक हैं अतः सत्कर्म , यज्ञ एवं दान को करते रहें यह बोध पूज्य स्वामी जी के प्रवचन सुनकर पाया।
कोटि कोटि अभिवादन ।
ओ३म् का झण्डा ऊंचा रहे
वेद की ज्योति जलती रहे
🙏🙏
स्वामीजी आपको हार्दिक सादर नमस्तेजी।उत्तम प्रवचन।
ऋषि दयानंद सरस्वती ने सभी प्रकार के स्वार्थों को त्याग दिया ।मठाधीशो द्वारा मठाधीश बनाने एवं ईश्वर/ अवतार घोषित करने की लालच को स्वीकार नही है अपने लक्ष्य को सामने रखा।एकेश्वर बाद की स्थापना की।धर्म की रक्षा की ।शांति अहिंसा का प्रचार प्रसार किया ।धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया ।
सनातन वैदिक धर्म की जय
ओ३म्
सप्रेम नमस्ते आदरणीय श्री आचार्य जी,
अति-आवश्यक मनन करने योग्य प्रवचन, हार्दिक धन्यवाद !
सादर नमस्ते जी धन्यवाद
🙏 वेद की रक्षा करें🙏
ॐ जी नमस्ते
श्रद्धेय विद्वान महोदय आपका उद्बोधन बहुत ही सराहनीय विद्वत्ता पूर्ण है। तथा अनुकरणीय है। आपका बहुत-बहुत आभार प्रकट करता हूं ।।
परमात्मा का धन सर्वकालिक एवं सार्वभौमिक है। जबकि मनुष्य द्वारा कमाया गया धन सर्वकालिक एवं सार्वभौमिक नहीं है।
व
इस वय इस जल
@@shyamkumararya9381 अअअअ
Bhut sunder swami ji
बहुत उत्तम उपदेश एवं सरलता से ईश्वर और देवता के बीच का अंतर बता दिया।
बहुत बहुत धन्यवाद! अभिनंदन और अभिवादन!
जिज्ञासु योग वेद साधक दिलीप!
😅 अति प्रभावशाली व सराहनीय उद्बोधन है। आप को सादर प्रणाम। 🎉🎉
ब्राह्मण वर्ग वेद से हट गया है। क्षत्रिय वर्ग सुरा , सुन्दरी में पड़ गया है
नमन
धन्यवाद गुरुवर
Bahut khoob Gurujii
AAHA.............BAHUT SATIK. GYAN GANGA KEE. TARAHA. PAVITRA. ❤️🙏❤️🙏❤️🙏JAI HO. GURU. JI. APKO. JAI. JAI. HO YEHA. MAHAGYAN. KELIYE🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️
Acharya ji ko naman
Aacharya ji bahut hi Sundar pravachan hai
अत्यन्त ही उपयोगी प्रवचन आचार्य श्री सादर नमन
बहुत सुंदर व्याख्या आचार्य जी🙏🙏🙏
बहुत सुंदर स्वामी जी 🌷🙏🙏🌷
ओउम् नमस्ते जी 💯👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर व्याख्यान आचार्य उमेश कुलश्रेष्ठ जी का
Bahut bahut dhanyawad aap me parmatma ki jhalak dikhta hai🙏
Bahut acha gyan diya, jai ho guru ji, jai arya samaj 🌻🌻🌻🌻🌻🍁🍁🍁🍁
Pranam 🙏🙏🙏
Bhut sundar acharya ji
अति सुंदर पभु
अति सुन्दर!
यह भी कि,देवता का अर्थ ,जो केवल दे ही रहा है,बदले में कुछ भी नहीं ले रहा है, जैसे सूर्य,चंद्र,वायु,अग्नि,वृक्ष आदि,ये हमेशा ही अपने अपने प्रकाश,शीतलता,प्राण,ऊष्मा,फल आदि बिना कुछ लिए केवल दे ही रहे हैं,
मनुष्य देता भी है और लेता भी है और सामान्यतः प्रेम के बदले प्रेम,घृणा के बदले घृणा, सहयोग के बदले सहयोग, वैर के बदले वैर देता है किंतु राक्षस देता कुछ नहीं,अपितु दूसरों का भी हड़प लेता है,
इस प्रकार देव,मनुष्य और राक्षस ये मन की प्रवृत्तियां है,ये अलग अलग योनियां नहीं है।
पुनः उदाहरण लें, एक व्यक्ति जब अपना सब कुछ दूसरों के हित में लगा देता है वह देव है,जब वह दूसरे की सहायता इस स्वार्थ से करता है कि दूसरा भी उसकी सहायता करे तब वह मनुष्य है तथा जब वही मनुष्य दूसरे का धन हड़प ले,लूट ले तब वही राक्षस बन जाता है।
सारा कम्युनिस्ट राक्षस है।
🙏🙏🙏🙏
"ओ३म् भूर्भुवःस्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि।धियो यो नः प्रचोदयात् ।"
अती सुंदर
ओम सादर नमस्ते
प्रैक्टिस में देखने को मिल रहा है कि सर्वशक्तिमान भी अकेला कुछ नहीं कर पाता कहा है कि अकेला चना भाड नहीं फोड सकता लगता है कि इसी लिए 33 कोटि देवताओं का कॉन्सेप्ट है
आचार्य जी को सादर प्रणाम🙏 बहुत सुन्दर प्रवचन
ओम नमस्ते जी।
आचार्य जी को प्रणाम🙏
बहुत सुन्दर व्याख्यान
🙏🙏🙏🙏🙏
वेद कह रहे हैं परमात्मा की जगह किसी दूसरे को नहीं मानना उस एक को ही जानो उसी को ही मानो उसकी जगह दूसरे को नहीं तभी दुखों से छुटकारा होगा पेड़ की जड़ में पानी डालना है कभी पूरा पेड़ हरा भरा होगा पत्ती डालियों पर नहीं अनन्या भाव से एक की पूजा करने का हिंदू शास्त्रों में वर्णन है 33 करोड़ देवी देवताओं का नहीं
ओ३म् शम् ।
ll ओ३म ll नमस्ते जी।
बहुत।अछी।बात।कहीं।आपने
🚩🙏
Very Nice 👍👍👍👍 RAMCHAND Goyal Ballabgarh
आप को सादर प्रणाम
सूर्य ग्रहण के समय भी लोग दान देते हैं अन्य पर्व पर भी दान देते हैं तो क्या यह सार्थक है या निरर्थक सुलझाने की कृपा करें।
सनातन धर्म की जय हो
जय हिन्दू राष्ट्र भारत माता की जय हो
हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव।
हिम्*आलय+द*क्षिणान्त
हिम्+द=हिन्द
वह भूभाग जो हिमालय से लेकर दक्षिण दिशा तक फैला है हिन्द राष्ट्र कहलाता है।
हिन्दू हिन्द के सनातन काल से चले आ रहे सिद्धांत अनुयायीजैसे जापान के जापानी रूस के रूसी*****
हिन्दी हिन्दू राष्ट्र की संस्कृति
हिन्दसा हिन्दूओं के संस्कार
ईशु से ईश्वर बना है
देवता सर्वश्रेष्ठ है, इसलिए देवता बड़ा है
और वक्ता के पीछे उन्हे बिठाये जिन्हे नींद ना आरही हो और ठीक से टिक कर बैठे 😂
🙏🏻🙏🏻
Samjhane ka Tarika bahut achcha hai Pintu samjhane wala hi yadi samajh jaaye to
16 avuti kis mantra ki de
ईश्वर कौन है इसको किसने पैदा किया देवता कौन है इनको किसने पैदा किया ईश्वर और देवताओं के नाम बताने की कृपा करें आत्मा और परमात्मा कौन है कहां रहता है।
राम और कृष्ण ईश्वर है
I don't no
वेदों की ओर लौटो
🚩🙏🚩
स्वामी जी आप हमेशा कहते रहते हो वेद की आज्ञा का उल्लंघन कर दिया वेद की आज्ञा तो बता दें क्या है
भगवान शिव का कोई जन्म मरण किसी भी वेदौ पुराणों में नहीं मिलता