गौरी सोमनाथ मंदिर- इस मंदिर के चमत्कारी शिवलिंग में कभी दिखता था भक्तों को भविष्य | 4K | दर्शन 🙏

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ย. 2024
  • श्रेय:
    संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
    लेखक - याचना अवस्थी
    भक्तों आप सभी का हमारे यात्रा कार्यक्रम दर्शन में सादर नमन और हार्दिक अभिनन्दन.. हम आपको अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से अभी तक बहुत से तीर्थ स्थानों, पौराणिक एवं ऐतिहासिक मंदिरों और धामों की यात्रा करवाते आये हैं.. कभी पालनहार के स्वरूपों का, तो कभी शक्तिपीठों का और कभी सभी दुखों और कष्टों के संघारक, पल भर में खुश हो जाने वाले भगवान् भोलेनाथ के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन करवाते आये हैं... और आज हम आपको गौरी शंकर के एक ऐसे धाम की यात्रा करवाने जा रहे हैं... जो सिर्फ पौराणिक ही नहीं बल्कि जिसके चमत्कारों की ऐतिहासिक कहानियां भी है हम बात कर रहे हैं किसी समय में अपने स्वरुप में किसी के पूर्वजन्म और अगले जन्म के रहस्यों को दिखाने वाले मध्य प्रदेश के ओम्कारेश्वर में मान्धाता द्वीप पर स्थित “गौरी सोमनाथ मंदिर की”....
    मंदिर के बारे में:
    मध्य प्रदेश में मान्धाता द्वीप के ओंकार पर्वत के मध्य स्थित प्राचीन गौरी सोमनाथ मंदिर अर्थात मामा-भांजे का मंदिर भगवान् भोलेनाथ को समर्पित मंदिर है। मान्धाता पर्वत के समीप ॐ के आकर में बहती निर्मल नर्मदा नदी के तट पर गौरी सोमनाथ का यह मंदिर उंचाई पर स्थित होने के कारण श्रद्धालुओं को २०० से अधिक सीढियां चढ़कर महादेव और माता पार्वती के दर्शन प्राप्त करने के लिए पहुंचना होता है ... पूर्वमुखी यह मंदिर आज भी अपनी अलौकिक छवि और स्थापत्य कला को प्रदर्शित करता है। भक्तों, गौरी सोमनाथ का यह मंदिर अपने विशाल शिवलिंग एवं नंदी की मूर्ती के कारण प्रसिद्ध है. मान्यता के अनुसार गौरी सोमनाथ मंदिर की स्थापना पांडवों ने अपने वनवास काल के दौरान की थी।
    मंदिर परिसर:
    गौरी सोमनाथ का यह प्राचीन मंदिर तीन खण्डों में विभाजित मयूराकर बना हुआ है... जो की पूर्णतः विशाल पत्थरों द्वारा निर्मित मंदिर है। मंदिर में बने ऊँचे ऊँचे पत्थर के चबूतरे एवं घुमावदार मीनारें खजुराहों के मंदिर के समान ही आकर्षक प्रतीत होती हैं.. मंदिर के उपरी खण्डों पर पहुँचने के लिए मंदिर के बगल से ही एक दम संकरी एवं खड़ी सीढियां बनी हुई हैं जिसमें श्रद्धालु बहुत ही सावधानी पूर्वक चढ़कर दूसरे एवं तीसरे खंड में स्थित भोलेनाथ के स्वरुप का आशीर्वाद प्राप्त करने जाते हैं...इन खण्डों पर बने मंदिरों की आतंरिक संरचना बहुत ही अद्भुद एवं चित्ताकर्षक है.. खंडो में बने झरोखों से आती शीतल हवा भक्तों की सारी थकान मिटाकर शान्ति का अनुभव करवाती है..मंदिर के सबसे उपरी अर्थात तीसरे खंड में चारों दिशाओं में झरोखे बने हैं जहाँ से पूरे ओंकारेश्वर क्षेत्र का अद्भुद नज़ारा भक्तों को मंत्रमुग्ध करने वाला होता है ...इस मंदिर के पत्थरों पर की गयी खूबसूरत नक्काशियों के कारण दिखने में यह मंदिर जितना पौराणिक है उतना ही आकर्षक भी है। मंदिर के पास ही एक संग्रहालय है जहां इस मंदिर से संबंधित बहुत सारी खंडित प्रतिमाएं और अन्य नक्काशीदार पत्थर भी संरक्षित कर रखे गए हैं।
    मंदिर परिसर में गौरी सोमनाथ मंदिर के अलावा हनुमान जी को समर्पित पाताली हनुमान जी का मंदिर है.. जिसमें हनुमान जी की लेटी हुई एक विशाल प्रतिमा है जिस वजह से इस मंदिर को लेटे हुए हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है... श्रद्धालु यहाँ हनुमान जी का दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं...
    इसके अलावा मंदिर परिसर में माता राज राजेश्वरी जी का भी मंदिर है.. जहाँ भक्तगण देवी माँ को शीश नवा कर उनका दर्शन पूजन करते हैं..
    गौरी सोमनाथ मंदिर परिसर के समीप ही शिव जी का एक बहुत ही खूबसूरत मंदिर है.. इस मंदिर में भगवान् भोलेनाथ की एक बहुत ही भव्य प्रतिमा विराजमान है.. जिसको देखकर हर एक श्रद्धालु का मन भाव विभोर हो उठता है.. भोलेनाथ का ये स्वरुप, ये प्रतिमा इतनी विशाल है की ओम्कारेश्वर क्षेत्र के किसी भी मंदिर की उंचाई से आपको भगवान् भोलेनाथ की इस प्रतिमा के दर्शन हो जायेंगे...इस मूर्ती की भव्यता को देखकर लगता है मानो, शिव शम्भू ओम्कारेश्वर क्षेत्र की चारों दिशाओं में स्थित अपने सभी भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि डाल रहे हों.
    भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
    इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
    Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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