Radhasoami Radhasoami ji to all
🙏🌷🙏HUJURRADHASOAMIDAYAL JI🙏🌷🙏🙏🌷🙏RADHASOAMI DHARA NAR RUP JAGETMEN GURU HOYE JIVA CHITAYE🙏🌷🙏प्रम सिंध से मौज उठ जगत किया उदजियास🙏🌷🙏🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कृपया संबंधित ग़ज़ल की सभी कड़ियों को दिखाया जाए, इसके आगे और भी कड़ियां जैसा कि सोविनियर व अन्य पुस्तकों में उल्लेख है, दयालबाग के किसी भी एक कार्यकर्ता ने पूरी ग़ज़ल को नहीं दिखाया है जैसे मंसूर के खूं से यह अनलहक की सदा जैसी और कड़ियां भी है आप सभी कार्यकर्ता पूरी प्रस्तुति दिखाएं जाने का कष्ट के साथ विवरण तालिका में भी सभी कड़ियों को डाले जाने की मेरे द्वारा करबद्ध प्रार्थना है।
रा धा सवा आ मी 🎉🎉🎉