देखिए पन्ना धाय के बलिदान वाला कमरा चितौड़गढ़

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.ย. 2024
  • चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है। यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है चित्तौड़ गढ़ के किले को मौर्य राजवंश के सम्राट चित्रांगद मौर्य ने बनवाया था। यह एक विश्व विरासत स्थल है। चित्तौड़ मेवाड़ की राजधानी थी।[1]
    यह इतिहास की सबसे खूनी लड़ाईयों का गवाह है। इसने तीन महान आख्यान और पराक्रम के कुछ सर्वाधिक वीरोचित कार्य देखे हैं जो अभी भी स्थानीय गायकों द्वारा गाए जाते हैं। चित्तौड़ के दुर्ग को 21जून, 2013 में युनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया। चित्तौड़ दुर्ग को राजस्थान का गौरव एवं राजस्थान के सभी दुुर्गों का सिरमौर भी कहते हैं |
    पन्ना धाय, राणा सांगा के पुत्र राणा उदयसिंह की धाय माँ थी। वह एक खींची चौहान राजपूत थी [1][2][3][4], इसी कारण उसे पन्ना खींचन के नाम से भी जाना गया है ।[5] राणा साँगा के पुत्र उदयसिंह को माँ के स्थान पर दूध पिलाने के कारण पन्ना 'धाय माँ' कहलाई थी। रानी कर्णावती ने बहादुरशाह द्वारा चित्तौड़ पर हमले में हुए जौहर में अपना बलिदान दे दिया था और उदयसिंह के लालन पालन का भार पन्ना को सौंप दिया था।

ความคิดเห็น • 6

  • @user-io2ve6bq8b
    @user-io2ve6bq8b 9 หลายเดือนก่อน +3

    Good video,

  • @poojarathore9196
    @poojarathore9196 9 หลายเดือนก่อน +1

    Nice 👍

    • @500yatra
      @500yatra  9 หลายเดือนก่อน

      Thanks ✌

  • @vickyrajawat5981
    @vickyrajawat5981 9 หลายเดือนก่อน +1

    बिलकुल एक एक बात सत्य है

  • @vickyrajawat5981
    @vickyrajawat5981 9 หลายเดือนก่อน +1

    नो लाख भंडार का नाम एकलिए नो लखा पड़ा था की उसमे हर समय उस जमाने के नो लाख की राशि पड़ी रहती थी जिसे आज हम रुपए बोलते है और वो राशि आपात कालीन के लिए रखी होती थी जैसे कोई युद्ध हो जाए या अकाल पड़ जाए ,,, बहुत ही अच्छी जानकारी मिली आपके माध्यम से

  • @vickyrajawat5981
    @vickyrajawat5981 9 หลายเดือนก่อน +1

    केसरिया बाना जब पहनते थे राजपूत तब बचने का कोई चांस नहीं होता था बस फिर युद्ध में जीत या वीर गति