अगर इंसान प्रकाश की गति से यात्रा कर पाता, तो कई अविश्वसनीय चीजें हो सकती थीं, लेकिन वर्तमान में भौतिकी के नियमों के अनुसार ऐसा संभव नहीं है। यहां कुछ संभावित परिणाम हैं जिनके बारे में वैज्ञानिकों ने सोचा है: * समय का फैलाव: प्रकाश की गति के करीब यात्रा करने पर समय धीरे-धीरे बीतने लगता है। इसका मतलब है कि यात्रा करने वाले व्यक्ति के लिए कुछ ही मिनट या घंटे बीतेंगे, जबकि पृथ्वी पर कई साल बीत चुके होंगे। * दूरी का संकुचन: यात्रा की दिशा में दूरी सिकुड़ती हुई दिखाई देगी। * द्रव्यमान का बढ़ना: गति बढ़ने के साथ-साथ वस्तु का द्रव्यमान भी बढ़ता जाता है। प्रकाश की गति तक पहुंचने पर द्रव्यमान अनंत हो जाएगा, जिससे यात्रा असंभव हो जाएगी। * नई भौतिकी: प्रकाश की गति से यात्रा करने के लिए हमें भौतिकी के मौजूदा नियमों को बदलना होगा। क्यों नहीं हो सकता? * आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत: यह सिद्धांत कहता है कि प्रकाश की गति ब्रह्मांड में सबसे तेज गति है। कोई भी वस्तु प्रकाश की गति से यात्रा नहीं कर सकती। * ऊर्जा की आवश्यकता: किसी वस्तु को प्रकाश की गति तक पहुंचाने के लिए अनंत ऊर्जा की आवश्यकता होगी, जो कि व्यावहारिक रूप से असंभव है।
या तो छोटे लेवल पर ब्लैक होल को ऑपरेट करते हुए space fabric द्वारा अंतरिक्ष यात्रा संभव है या जब तक विज्ञान किसी भी atom या compound को बनाने/formation करने मे सफल नहीं हो जाता तक तक अंतरिक्ष मे यात्रा असंभव है। Atoms/compounds का formation करो और फ्यूल बनाओ,यात्रा मे आवश्यक जरूरी products,दवाई बनाओ।
इंसानों को 4th dimensions यानी टाइम को कंट्रोल करना सीखना पड़ेगा जो के ब्लैक होल से ही पॉसिबल हो पाएगा फिर कई कई लाख लाइट ईयर का सफर भी कुछ घंटों या दोनों मै हो जाएगा बाकी इंसान के प्रयास निरंतर चल रहे है
@SpacetimeOdysseyIN समस्या यह है ब्लैक hole को भी जब अपने मन मुताबिक यान में विज्ञान operate करेगा तो भी ऑपरेट करने के लिए अलग से external ऊर्जा की आवश्यकता होगी।इसलिए ऊर्जा से मैटर/atom बनाने की तकनीक ब्लैक hole को operate करने के लिए चाहिए।
Very good bahi
Khoob aagye jayega channel
Humme nahi bholna bahi
You are the first people to motivate you will always be on top
अगर इंसान प्रकाश की गति से यात्रा कर पाता, तो कई अविश्वसनीय चीजें हो सकती थीं, लेकिन वर्तमान में भौतिकी के नियमों के अनुसार ऐसा संभव नहीं है।
यहां कुछ संभावित परिणाम हैं जिनके बारे में वैज्ञानिकों ने सोचा है:
* समय का फैलाव: प्रकाश की गति के करीब यात्रा करने पर समय धीरे-धीरे बीतने लगता है। इसका मतलब है कि यात्रा करने वाले व्यक्ति के लिए कुछ ही मिनट या घंटे बीतेंगे, जबकि पृथ्वी पर कई साल बीत चुके होंगे।
* दूरी का संकुचन: यात्रा की दिशा में दूरी सिकुड़ती हुई दिखाई देगी।
* द्रव्यमान का बढ़ना: गति बढ़ने के साथ-साथ वस्तु का द्रव्यमान भी बढ़ता जाता है। प्रकाश की गति तक पहुंचने पर द्रव्यमान अनंत हो जाएगा, जिससे यात्रा असंभव हो जाएगी।
* नई भौतिकी: प्रकाश की गति से यात्रा करने के लिए हमें भौतिकी के मौजूदा नियमों को बदलना होगा।
क्यों नहीं हो सकता?
* आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत: यह सिद्धांत कहता है कि प्रकाश की गति ब्रह्मांड में सबसे तेज गति है। कोई भी वस्तु प्रकाश की गति से यात्रा नहीं कर सकती।
* ऊर्जा की आवश्यकता: किसी वस्तु को प्रकाश की गति तक पहुंचाने के लिए अनंत ऊर्जा की आवश्यकता होगी, जो कि व्यावहारिक रूप से असंभव है।
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या तो छोटे लेवल पर ब्लैक होल को ऑपरेट करते हुए space fabric द्वारा अंतरिक्ष यात्रा संभव है या जब तक विज्ञान किसी भी atom या compound को बनाने/formation करने मे सफल नहीं हो जाता तक तक अंतरिक्ष मे यात्रा असंभव है।
Atoms/compounds का formation करो और फ्यूल बनाओ,यात्रा मे आवश्यक जरूरी products,दवाई बनाओ।
इंसानों को 4th dimensions यानी टाइम को कंट्रोल करना सीखना पड़ेगा जो के ब्लैक होल से ही पॉसिबल हो पाएगा फिर कई कई लाख लाइट ईयर का सफर भी कुछ घंटों या दोनों मै हो जाएगा बाकी इंसान के प्रयास निरंतर चल रहे है
@SpacetimeOdysseyIN समस्या यह है ब्लैक hole को भी जब अपने मन मुताबिक यान में विज्ञान operate करेगा तो भी ऑपरेट करने के लिए अलग से external ऊर्जा की आवश्यकता होगी।इसलिए ऊर्जा से मैटर/atom बनाने की तकनीक ब्लैक hole को operate करने के लिए चाहिए।