Pta nhi kya hoa jab aapne kashi ki baat ki i can't controle my tears and jab maa ka varnan kia aapne kaise maa ne guru ji ko god mein liya tab ton ek sec ke liye bhi tears nhi ruke eyes mein....bht acha swarop hai meri maa ka janmo janmo ki tapasya se dekhne ko milta hai maa ka swaroop
प्रखर भाई की वाणी में एक अलग ही मन को मोहने वाली शक्ति है।।मैने जब भी इन की बातों को ध्यान से सुना तो अपने आपको एक अलग ही दुनिया में पाया।।इस लिए मेरा रीयल हिट टीम से अनुरोध है कि प्रखर भाई के साथ समय-समय पर पाडकासट करते रहा करें।।मन को सुकून मिलता है इन की बातें सुनकर 🙏❤️🌹💕🙏
Great sir, 00:00 Coming up 01:11 Intro 01:50 What Are Mantra's And What Are There Benefits & Origin ? 17:36 Secret Vishnu Mantra Powers 34:17 How To Recognise A True Guru ? 36:27 According To Astrology Did Every Person Have To Pray Different God 40:50 Sadhna At 3PM In Night At Kaashi 46:05 Who Is Parakh Bhatt Guru ? 56:21 Parakh Bhatt On Parallel Universe Or Multiverse. 59:43 Is Time Travel Possible ? 01:03:32 Importance Of Havan Aur Yagya ? 01:09:05 Outro
Seriously it's true because I am also a devotee of Mata Rani and I was almost paralysed during 2022 but I recovered in 3-4 days itself without even taking a single medicine Nazar na Lage🧿 Ganpati Bappa Morya 😌🙏🏻Jai Mata Di 🙏🏻😌🚩🔱🔥
@@archanahemanth285 forget everything and just focus on the prayers of maa Durga from the heart and surrender urself and if you have any bad habits you will be able to control it by chanting Shree Ganesh Chalisa and Shree Durga Chalisa on Tuesdays do it by your heart and eventually you will win every kind of fight
Honestly, I was not into spirituality until I saw his first video that someone forwarded to me from Ravnveer's show. Since then, I always look forward to Om Parakh's new videos. They have very interesting stories to listen to, along with learning about sastras. I really appreciate the way he shares knowledge in simple language that anyone can understand and get inspired by. I was just disappointed with the way RealHit asks questions without letting him complete the previous conversation; it feels kind of unfinished. However, I'm still looking forward to more videos from Om Parakh Bhatt.
Thank you all, learning new every time, the way Parakh Bhatt, describes every thing, his immense knowledge, his soothing voice, his sadhana, the way he describes Maa, goosebumps,,please bring him again and again 🙏🏽🙏🏽
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है- षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि | कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे || अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है| यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है- द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं | नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते || अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है | अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है- स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति | अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है | पद्मपुराण में वर्णन आता है- द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं | प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् || अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है | ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है : सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् । एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥ विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
I am watching all your podcasts since last 1 year and have learned alot from the guests that you bring. Now you guys have reached a level where the guests you bring, the questions you ask, the answers they give do have an impact on your viewers of all age, gender, region etc. Further, the new trend of interviewing amazing personalities Shri Om Bhatt ji, Pankit Goyal ji, Gourab ji, etc. who are masters of the knowledge learned from our beautiful religion is truely mesmerising. The things that they teach us in 1 hour podcast is highly useful than what is taught in schools/colleges in 6 months. Since, your content is genuienly having a positive impact on our lives (subscribers/viewers) who analytically think of the knowledge that we gather from these podcasts for atleast a week, so, because of this now you guys have been burdened with a responsbility towards your viewers, a responsibility to be truthful, respectful, acting without any hidden intent, being helpful towards your subscribers/viewers. So it is a humble request for you guys to stop promoting gaming/betting apps on your podcasts. You may call it whatever you want but you guys know what it is in reality. I understand that there are cost restraints in running a company and to provide such podcasts but there are far better brands who would love to sponser your content, also the amount these companies offer is huge but your actually earning is the love of your viewers whose trust you have gained in these past years. Though, the other brands might pay less compared to them (which is not that much less if you consider it) but now at the stage at which you guys are, the monetary thing will never be an issue. You 3 have the experience, knowledge, talent and faith of your followers required to grow without taking even a penny from such kind apps. There are 100 other things that you can integrate in your content to which you guys are a master of knowing. Thus, its a humble request to not give in for a little more money and selling something which you know is not good for your viewers. Even if you guys do wish to continue, alteast not integrate their ad on religious, spiritual content, majority might not feel like it but this really puts a bad image on your intent of using the viewership for promoting something which should never be linked in any manner to spiritual/religious/impressionable content. Hope this is considered by you in a positive manner as we would love to see you guys reaching much greater heights while being benefical for your viewers. Thankyou.
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है- षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि | कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे || अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है| यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है- द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं | नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते || अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है | अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है- स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति | अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है | पद्मपुराण में वर्णन आता है- द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं | प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् || अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है | ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है : सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् । एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥ विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
Take what you want and leave rest. Everyone has stomaches to feed. People need to take responsibility for themselves over demanding others to be in a certain way.
बहुत अद्भुत !! इस प्रोग्राम की पूरी टीम को हृदय से धन्यवाद गौरतलब बात ये है कि जिस एज में culbe पार्टी करते हैं इन यूथ ने इतना विलक्षण सोचा स्टूडियो में बैठे सभी इंटरव्यू लेने वाले सही गभीरता से बात कर रहे है लेकिन बाहर का एंकर टपोरी जैसे बोल के। प्रोग्राम का स्तर गिरा रहा है गेस्ट की जानकारी और उनके व्यक्तित्व को नमन है मुकेश विश्वकर्मा
Great knowledge share by Parakh Om Ji. I am also blessed to be Initiated by GuruMaharaj Om Swamiji and have met him personally 4 times now. Though he has stopped the personal meetings for now. Each and every word said by Parakh om , especially for our revered Guru Maharaj is true ,may be less. Om Swami Ji is Maa as well as Lord Vishnu living in a human body. The energy and change you feel after meeting him is noticeable. One just needs to be open minded and have little faith in him. I am not worthy of his grace, but still he is extremely kind and compassionate.
Am very respect to parakh sir...dont know ..mai bhot spirtually hote ja rha hu...ajkal...akela rahna pasand ho rham.acha sunana ..kam bolna..this sign of spirtual energy behind u ...
Parakh Ji is a humble and well-spoken person. The way he uses examples to explain complex things is appreciable. And Hindi ❤ Being in a foreign land I miss Hindi so much as an Indian. Being a Brahmin I miss the vibe. Thanks for such podcasts on Aadhyatma.
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है- षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि | कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे || अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है| यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है- द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं | नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते || अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है | अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है- स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति | अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है | पद्मपुराण में वर्णन आता है- द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं | प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् || अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है | ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है : सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् । एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥ विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
Parakh Om Bhatt is a great guest. You should have many more episodes with him. I also recommend Sri M, BK Shivani, Rajrishi Nandy as would be great hits and increase the popularity of this podcast.
Bhai it is happening to me everytime.I asked yesterday to bhairav baba why mantra japa is important to me and here we are. I asked krishna and bhairav about my confusion and i got a podcast with ranveer and it cleared my mind. And as Rajarshi Nandi ji says no coincidence happens in life everything has been planned🙏
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है- षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि | कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे || अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है| यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है- द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं | नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते || अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है | अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है- स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति | अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है | पद्मपुराण में वर्णन आता है- द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं | प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् || अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है | ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है : सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् । एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥ विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
Apke jitne bhi podcast hi unmain Prakash Bhatt sir ke saath jo episode hi wo bilkul original lagta hi. Aisa lgta hi ki wo mere samne baith ker bta rahe hi ,Mata ke swaroop ko batate waqt meri ankho se anshu a gye bilkul ek Chan ke liye.
हमें भी बहुत शारीरिक तकलीफ रहती है, लेकिन ईश्वर को दोष नहीं देते। भगवान से प्रार्थना जरूर करते हैं। महाराज जो बोल रहे हैं, हमेशा सुनते ही रहे ऐसा लग रहा है।
Parakh bhat have very polite nature 😊 he is my influencer towards maa Kali 🙏 thank you parakh bhai 🙏 because of you i meet with maa Kali 🙏 thank you ❣️🧿🕉️🔱🛐
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है- षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि | कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे || अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है| यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है- द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं | नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते || अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है | अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है- स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति | अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है | पद्मपुराण में वर्णन आता है- द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं | प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् || अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है | ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है : सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् । एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥ विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
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यार बहोत नया शिखने कौ और सुने को मिलता है यार मज्जा ही आ जाता हे ईन सर को सुनतै ही रेहने का मन करता है । इनको फिरसे बुलाऔ और दिव्य कहानिया,स्टोरीस सुनी हे। जल्दी बुलाना और रहस्मय कहानिया सुना हे इनसे ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Extremely unbelievable podcasts...I am just mesmerized with seeing this. I loved it. Please continue this.i would definitely continue watching this. Thanks Parakh Sir n this youtuber,..for of you Thanks you so much.
bhai bhai thank you for starting this amazing podcast. best way to get exact knowledge and power of our sanatan dharm. jai shree ram jai shree mahakal 🙏🚩
I had same experience when i visited mahakaleshwar during aarti…. Tears rolled uncontrollably and only thought was’ultimately i have to come to you,,after aarti all tears stopped and i was calm I was ashamed to mention it ,as i am a senior citizen.Your podcast helped me understand the experience Thanks
I love watching this three hosts in this episode, see how flabbergasted they seemed! Don’t worry we too feel this overwhelming emotions , thanks for inviting this person , my Naman 🙏🏽 thanks PARAKHBHAI
Om namah shivay...... Shat shat naman hai aap sabhi ko.... U 3 r doing the world's best job.... Aap teeno ko bhi mera naman h..... Aur parakh ji apko Mera koti koti pranam..... Sach me bhut Gyan diya h.... Dhanyawad hai apko parakh ji aur aap teeno ko bhi..... Jai shree ram.....🙏🙏🙏🙏🙏
Very sensible! He is so genuine and sensible person. While talking he never gets a moment to think if he is making false statement about Shastr. Very interesting podcast. Let him invite for another podcast about tantras ❤❤
The way of presentation made a deep impact on the audience parak Bhatt great work carry on adding a little bit every time makes a large impact, thanks for sharing knowledge & awareness of sanatan Dharma for the benefit of entire world not only for our country. "वसुधैव कुटुम्बकम्" यही सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है।
The way parakh brother explained is unbeliveable .Thank you so much for sharing amazing knowledge to everybody brother .God always bless to you brother ❤
I have been reading on Swami since 2018. I know this story of maa tripurasundari darshan. He is a great sage, i bow down to him 🙏❤️... Mata stopped Shri om Swami when he decided to leave. And now I see why .. Now the people are going to recognise him at a larger scale, now slowly the whole world will know him and will benefit from him and his knowledge 🙏
@@Adi_Anant_Narayan yeah, read "if truth be told a monk's memoir" you will love it. I mean I did and I was in 11th class at that time. Om Swami is such an incredible person, a genius truly... very successful in material life as well as in spiritual life. In his book he describes the darshan of mata so beautifully, you can literally see visuals of it in your mind's eye. A must read.
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है- षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि | कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे || अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है| यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है- द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं | नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते || अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है | अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है- स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति | अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है | पद्मपुराण में वर्णन आता है- द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं | प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् || अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है | ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है : सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् । एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥ विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
Thank you for such infinite information we definitely want more podcast with Prakashji. Also request you to start series of Ramayan, Mahabharat, Gita....n so on for us. God bless you
My mother age is 60 or jb m ye podcast sun rhi thi tb wo bhi sunne lgi or hum dono ko hi ise sunkr itna achaa lg rha thi ki humne ek min. Bhi skip nhi kiya or iske baad back to back aapke aise sabhi podcasts hum roj sun rhe hai❤❤
In tantra sadhana human being himself becomes the deity.. n swamiji is tantra samrat.. i can understand ur apprehensions.. i was also in the same category but after meeting swamiji , everything changed.. u dont need to believe it. U go n see it for urself.. shri matrey namah
Its like reading one full book while hearing him. Absolutely gripping. Full of spiritual n religious knowledge blast at one go. Love hearing his all videos.
Dhan guru Nanak Dev Ji Dhan baba Shri Chand Ji Dhan baba Lakhmi Das Ji Dhan guru Granth Sahib Ji Maharaj Ji 🙏🏻🌷🌹💕❤💯🙏🏻Waheguru Ji 🙏🏻💯❤💕🌹🌷🙏🏻Jai Mata di🙏🏻💕❤🌷🌹💯🙏🏻Jai mata di 🙏🏻💕❤💯🌷🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@@djjeetupatel1372 निराकार परब्रह्म शून्य है, जो खुद को 5 स्वरूप में प्रकट करता है वो है महासदाशिव, माँ आदिपराशक्ति, Mahavishnu( राम/कृष्ण), महागणपति और महासूर्य , ये 5 तत्व खुद में ही परब्रह्म ओंकार है , और इन्ही 5 तत्व के अलग अलग सम्प्रदाय है जैसे शैव, शाक्त, वैष्णव, गाणपत्य और सौर । शैव के लिए शिव परब्रह्म , Shakt के लिए आदिशक्ति परब्रह्म उसी तरह बाकी तीन के लिए उनके इष्ट परब्रह्म है। सभी पांच तत्व परम मोक्ष देते है, सभी पांचों की पूजा उपासना जरूरी है, लेकिन इनमें से कोई एक ही आपका इष्ट होना चाहिए, जिसकी भक्ति आपकों आनंदित करती है और वहीं आपको परम MAUKSH देगा
@@djjeetupatel1372 निराकार परब्रह्म शून्य है, जो खुद को 5 स्वरूप में प्रकट करता है वो है महासदाशिव, माँ पराशक्ति, Mahavishnu( राम/कृष्ण), महागणपति और महासूर्य , ये 5 तत्व खुद में ही परब्रह्म है , और इन्ही 5 तत्व के अलग अलग सम्प्रदाय है जैसे शैव, शाक्त, वैष्णव, गाणपत्य और सौर । शैव के लिए शिव परब्रह्म , Shakt के लिए आदिशक्ति परब्रह्म उसी तरह बाकी तीन के लिए उनके इष्ट परब्रह्म है। सभी पांच तत्व परम मोक्ष देते है,
Part 3,4,5,6,7,8,9,10 or lao is aadmi ke pass gyan ka bhandar hai or hum vo gyan batorna chahte hai bohat badiya hai ye bhai ❤❤❤
ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते।।🕉️🌹🌺🌙🍎🌙🪔🚩🔱🙏
जय गुरू देव 🙏🏽🌻 जय मां दक्षिणे कालिके
Parakh om sir has very polite nature❤️❤️
Pta nhi kya hoa jab aapne kashi ki baat ki i can't controle my tears and jab maa ka varnan kia aapne kaise maa ne guru ji ko god mein liya tab ton ek sec ke liye bhi tears nhi ruke eyes mein....bht acha swarop hai meri maa ka janmo janmo ki tapasya se dekhne ko milta hai maa ka swaroop
प्रखर भाई की वाणी में एक अलग ही मन को मोहने वाली शक्ति है।।मैने जब भी इन की बातों को ध्यान से सुना तो अपने आपको एक अलग ही दुनिया में पाया।।इस लिए मेरा रीयल हिट टीम से अनुरोध है कि प्रखर भाई के साथ समय-समय पर पाडकासट करते रहा करें।।मन को सुकून मिलता है इन की बातें सुनकर 🙏❤️🌹💕🙏
Great sir,
00:00 Coming up
01:11 Intro
01:50 What Are Mantra's And What Are There Benefits & Origin ?
17:36 Secret Vishnu Mantra Powers
34:17 How To Recognise A True Guru ?
36:27 According To Astrology Did Every Person Have To Pray Different God
40:50 Sadhna At 3PM In Night At Kaashi
46:05 Who Is Parakh Bhatt Guru ?
56:21 Parakh Bhatt On Parallel Universe Or Multiverse.
59:43 Is Time Travel Possible ?
01:03:32 Importance Of Havan Aur Yagya ?
01:09:05 Outro
Lots of congratulations sir. I am so much like and appreciated thank you sir.
@@narayanbhakat873
@@narayanbhakat873uhhglhihu80o0000phv b block ka un nffhdgklpp0juiijioojhjhhooooouu0b
We want dozens of podcasts with Parakh Sir ❤
Too me
Yes
Yes
Yes
Me too
Seriously it's true because I am also a devotee of Mata Rani and I was almost paralysed during 2022 but I recovered in 3-4 days itself without even taking a single medicine
Nazar na Lage🧿 Ganpati Bappa Morya 😌🙏🏻Jai Mata Di 🙏🏻😌🚩🔱🔥
Hi, can you please tell what did you do to recover. I'm also going through many health issues from years
@@archanahemanth285 forget everything and just focus on the prayers of maa Durga from the heart and surrender urself and if you have any bad habits you will be able to control it by chanting Shree Ganesh Chalisa and Shree Durga Chalisa on Tuesdays do it by your heart and eventually you will win every kind of fight
Ye bhakti ki shakti hoti hai
Honestly, I was not into spirituality until I saw his first video that someone forwarded to me from Ravnveer's show. Since then, I always look forward to Om Parakh's new videos. They have very interesting stories to listen to, along with learning about sastras. I really appreciate the way he shares knowledge in simple language that anyone can understand and get inspired by.
I was just disappointed with the way RealHit asks questions without letting him complete the previous conversation; it feels kind of unfinished.
However, I'm still looking forward to more videos from Om Parakh Bhatt.
Watch om swami ji's videos too.He is gurudev of Parakh ji.
Thank you all, learning new every time, the way Parakh Bhatt, describes every thing, his immense knowledge, his soothing voice, his sadhana, the way he describes Maa, goosebumps,,please bring him again and again 🙏🏽🙏🏽
Please bring some spiritual people like him...loved it❤
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति |
अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
Ranveer with rajshree nandy and real hit with parakh bhai = spiritual knowledge×100.❤❤
✅✅✅✅✅
acha likha bhai
trs ke parakh bhai ke sath bhi podcast he ...aur kaffi acche he ..this 2 man are just soo awesome
I am watching all your podcasts since last 1 year and have learned alot from the guests that you bring. Now you guys have reached a level where the guests you bring, the questions you ask, the answers they give do have an impact on your viewers of all age, gender, region etc. Further, the new trend of interviewing amazing personalities Shri Om Bhatt ji, Pankit Goyal ji, Gourab ji, etc. who are masters of the knowledge learned from our beautiful religion is truely mesmerising. The things that they teach us in 1 hour podcast is highly useful than what is taught in schools/colleges in 6 months.
Since, your content is genuienly having a positive impact on our lives (subscribers/viewers) who analytically think of the knowledge that we gather from these podcasts for atleast a week, so, because of this now you guys have been burdened with a responsbility towards your viewers, a responsibility to be truthful, respectful, acting without any hidden intent, being helpful towards your subscribers/viewers.
So it is a humble request for you guys to stop promoting gaming/betting apps on your podcasts. You may call it whatever you want but you guys know what it is in reality. I understand that there are cost restraints in running a company and to provide such podcasts but there are far better brands who would love to sponser your content, also the amount these companies offer is huge but your actually earning is the love of your viewers whose trust you have gained in these past years. Though, the other brands might pay less compared to them (which is not that much less if you consider it) but now at the stage at which you guys are, the monetary thing will never be an issue. You 3 have the experience, knowledge, talent and faith of your followers required to grow without taking even a penny from such kind apps. There are 100 other things that you can integrate in your content to which you guys are a master of knowing.
Thus, its a humble request to not give in for a little more money and selling something which you know is not good for your viewers. Even if you guys do wish to continue, alteast not integrate their ad on religious, spiritual content, majority might not feel like it but this really puts a bad image on your intent of using the viewership for promoting something which should never be linked in any manner to spiritual/religious/impressionable content.
Hope this is considered by you in a positive manner as we would love to see you guys reaching much greater heights while being benefical for your viewers. Thankyou.
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति |
अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
Take what you want and leave rest. Everyone has stomaches to feed. People need to take responsibility for themselves over demanding others to be in a certain way.
90o0o 58:39 😅i90
90o0o 58:39 😅i❤90
Exactly
अद्भुत, अकल्पनीय, वर्णन... ऐसा तो कोई तत्व दृष्टा ही कर सकता है.. आप पर मा भगवती की असीम क्रिपा परख भ्राता
बहुत अद्भुत !! इस प्रोग्राम की पूरी टीम को हृदय से धन्यवाद गौरतलब बात ये है कि जिस एज में culbe पार्टी करते हैं इन यूथ ने इतना विलक्षण सोचा स्टूडियो में बैठे सभी इंटरव्यू लेने वाले सही गभीरता से बात कर रहे है लेकिन बाहर का एंकर टपोरी जैसे बोल के। प्रोग्राम का स्तर गिरा रहा है गेस्ट की जानकारी और उनके व्यक्तित्व को नमन है
मुकेश विश्वकर्मा
Great knowledge share by Parakh Om Ji. I am also blessed to be Initiated by GuruMaharaj Om Swamiji and have met him personally 4 times now. Though he has stopped the personal meetings for now. Each and every word said by Parakh om , especially for our revered Guru Maharaj is true ,may be less. Om Swami Ji is Maa as well as Lord Vishnu living in a human body. The energy and change you feel after meeting him is noticeable. One just needs to be open minded and have little faith in him. I am not worthy of his grace, but still he is extremely kind and compassionate.
you are a chosen person. really lucky you are
How lucky you are, hope one day I shall definitely meet Pujya Guruji Om Swami ji.
Am very respect to parakh sir...dont know ..mai bhot spirtually hote ja rha hu...ajkal...akela rahna pasand ho rham.acha sunana ..kam bolna..this sign of spirtual energy behind u ...
Congratulations
Bhai akele mat rahoo
Last month i feel same in ujjain mahakal temple when i saw mahakal jyotirling i literally started crying and i have goosebumps ❤
Very intelligent person bahut zada Gyan hai❤
Parakhbhai.. is Example of Young people's inspiration for Hindu Spirituals and All Tantra Gyan , weak-up call for all to about our religious' books
I am happy i am going to learn one sadhana from parakh swami🙏🚩
How
How
Online,
Is there any way to connect with Parakh om sir?
How . Please share details 🙏🙏
I have seen so many videos of om Swami...this is real experience shared by om Swami...from his video only I have drawn myself towards maa...
सत्य वचन 🙏🏻 "दुनियां का कोई परफ्यूम नही "😌😇🕉🙏🏻❤️
Parakh Ji is a humble and well-spoken person. The way he uses examples to explain complex things is appreciable. And Hindi ❤
Being in a foreign land I miss Hindi so much as an Indian. Being a Brahmin I miss the vibe. Thanks for such podcasts on Aadhyatma.
Nn.l 0.. pn.m ..😊and m ...b. b.😊.L mm.. n ....
Finally I am waiting for 2nd bodcast thanks for giving Real talk.... Om parakji has a very polite nature ❤😍
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति |
अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
❤️
Bring back him in your show again and again... He is amazing 🔥🔥
bring him 1000 times and I will be ready for the next episode with the same curiosity ..
Parakh Om Bhatt is a great guest. You should have many more episodes with him. I also recommend Sri M, BK Shivani, Rajrishi Nandy as would be great hits and increase the popularity of this podcast.
parakh om sir is very humble and polite ...aise type k insan ki boht kami h bharat m really...
Aap bhi humble bniye koi baat nhi sub bnte jayenge
Bhai it is happening to me everytime.I asked yesterday to bhairav baba why mantra japa is important to me and here we are.
I asked krishna and bhairav about my confusion and i got a podcast with ranveer and it cleared my mind.
And as Rajarshi Nandi ji says no coincidence happens in life everything has been planned🙏
I was literally waiting for the second podcast with Mr. Parakh Sir. Thank you RealHit Team!
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति |
अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
After Rajarshi Nandy Maharaj
Prakhar Maharaj is one of the best
Now try to bring bhavesh Yuj as well🤞
🙏🙏🙏🙏🙏💐🚩❤l didn't know him, 1st time watching him, l am feeling different like soothing and healing. Thank you all so so much 🙏🙏very very good job done
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।🕉️🌹🌺🍎🥥🌙🪔🚩🔱🙏
I feel connect with prakhar sir. I feel like you become my guru.
Request to keep doing podcast with him.
Apke jitne bhi podcast hi unmain Prakash Bhatt sir ke saath jo episode hi wo bilkul original lagta hi. Aisa lgta hi ki wo mere samne baith ker bta rahe hi ,Mata ke swaroop ko batate waqt meri ankho se anshu a gye bilkul ek Chan ke liye.
Need infinite Parts with him ❤
Epitome of Knowledge and Calmness
Thank you all so much, please bring Parakh Om Bhatt again and again, because we have so much to learn
हमें भी बहुत शारीरिक तकलीफ रहती है, लेकिन ईश्वर को दोष नहीं देते। भगवान से प्रार्थना जरूर करते हैं। महाराज जो बोल रहे हैं, हमेशा सुनते ही रहे ऐसा लग रहा है।
Very very informative episode Bhai👏👏👏👏👏👏👏👏👏♥️♥️♥️♥️we proud to be a sanatani🥺🙏🏻
Great and very powerful prodcast. Really need episode with Parakh sir
We want Parakh sir again and again and again... Thank you @RealHitVideos
Proud of You Real Talk Who bring Sanatan culture Further to know new generation ❤
Jaishreeram jayshivray 🙏
अति सुन्दर व्याख्या, आपकी वाणी बहुत मधुर है। मन स्थिर हो जाता है आपके विचार सुनकर ।🙏🏻🙏🏻क्या आपसे मिलना संभव है।
Parakh bhat have very polite nature 😊 he is my influencer towards maa Kali 🙏 thank you parakh bhai 🙏 because of you i meet with maa Kali 🙏 thank you ❣️🧿🕉️🔱🛐
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति |
अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
You three enlightened souls are enlightening many deluded ones. Thank you so much, please continue….
Wow.. I was waiting for this persons 2nd podcast...today its a treat👍
Also want 3rd podcast of Param bhatt..... Soon soon.
बहुत सुंदर ज्ञान है और ध्यान भी है मेरा और मन है इनको सुनने का❤❤❤❤👌👌👌👌💖💖💖🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌹🌹
i am a 54 years old housewife and mother of two boys and your words really helped me understand some questions i had. Thank you.
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति |
अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
Such a great expert he is, we want more and more podcasts with Parakh Om ji
Nice questions from your side... really I love this...
I want to see more podcast of spiritual topics ❤❤
EPITOME of KNOWLEDGE, bring him back again Parakh !!! ❤❤❤
It’s wonderful to have him back ❤
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
स: ऐव मूलमन्त्रं जपति हरेर इति कृष्ण इति राम इति |
अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
यार बहोत नया शिखने कौ और सुने को मिलता है यार मज्जा ही आ जाता हे ईन सर को सुनतै ही रेहने का मन करता है । इनको फिरसे बुलाऔ और दिव्य कहानिया,स्टोरीस सुनी हे। जल्दी बुलाना और रहस्मय कहानिया सुना हे इनसे ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Extremely unbelievable podcasts...I am just mesmerized with seeing this. I loved it.
Please continue this.i would definitely continue watching this. Thanks Parakh Sir n this youtuber,..for of you
Thanks you so much.
bhai bhai thank you for starting this amazing podcast. best way to get exact knowledge and power of our sanatan dharm. jai shree ram jai shree mahakal 🙏🚩
Mai bhut wait kr rhi thi parakh sir ka... finally parakh sir aa gai
परख सर, मैं तो आपका दीवाना हो गया आपके दोनो एपिसोड देखने के बाद, बहुत ही दुर्लभ महात्मय आपने सुनाया
ह्रदय तल से आपका आभार..🙏
Bahut hi jada dharamik jankari bhara boradcast 🙏 absolutely inspirational broadcast 🙏 Nice work 🙏❤️
I had same experience when i visited mahakaleshwar during aarti…. Tears rolled uncontrollably and only thought was’ultimately i have to come to you,,after aarti all tears stopped and i was calm
I was ashamed to mention it ,as i am a senior citizen.Your podcast helped me understand the experience
Thanks
I love watching this three hosts in this episode, see how flabbergasted they seemed! Don’t worry we too feel this overwhelming emotions , thanks for inviting this person , my Naman 🙏🏽 thanks PARAKHBHAI
Om namah shivay...... Shat shat naman hai aap sabhi ko.... U 3 r doing the world's best job.... Aap teeno ko bhi mera naman h..... Aur parakh ji apko Mera koti koti pranam..... Sach me bhut Gyan diya h.... Dhanyawad hai apko parakh ji aur aap teeno ko bhi..... Jai shree ram.....🙏🙏🙏🙏🙏
Wonderful 🙏🏻💐 Jai Shree Radhe Radhe ❤❤
Very sensible! He is so genuine and sensible person. While talking he never gets a moment to think if he is making false statement about Shastr. Very interesting podcast. Let him invite for another podcast about tantras ❤❤
We want whole sires of Parakh bhatt sir❤❤❤........The whole 2 podcast awesome 👍❤❤❤
We want more and more podcasts with Parakh Sir. Thank you for the knowledge. Stay blessed 😇
The way of presentation made a deep impact on the audience parak Bhatt great work carry on adding a little bit every time makes a large impact, thanks for sharing knowledge & awareness of sanatan Dharma for the benefit of entire world not only for our country.
"वसुधैव कुटुम्बकम्"
यही सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है।
Wonderful information, thanks to all😊😊
Bs mn krta h inko Sunte rahe, y hi asal baat btate h, Kitna politely bat krte h, ek bar m sb samjh aa jata h,
We are so grateful that you guys brought him back
The way parakh brother explained is unbeliveable .Thank you so much for sharing amazing knowledge to everybody brother .God always bless to you brother ❤
We can feel positive energy from him .......❤❤
ऑमस्वामीजी एक अद्वितीय विभूति,,उनका स्मरण ही काफ़ी है मेरे लिये, हालाँकि में उनसे अभी तक कभी मिल नहीं सका हूँ, पता नहीं कब आदेश होगा, ऑमस्वामीजी 🙏🙏
I have been reading on Swami since 2018. I know this story of maa tripurasundari darshan. He is a great sage, i bow down to him 🙏❤️...
Mata stopped Shri om Swami when he decided to leave. And now I see why .. Now the people are going to recognise him at a larger scale, now slowly the whole world will know him and will benefit from him and his knowledge 🙏
Wow really? Similarly Shri krishn stopped yogiraj devrah baba from taking samadhi!
@@Adi_Anant_Narayan yeah, read "if truth be told a monk's memoir" you will love it. I mean I did and I was in 11th class at that time. Om Swami is such an incredible person, a genius truly... very successful in material life as well as in spiritual life. In his book he describes the darshan of mata so beautifully, you can literally see visuals of it in your mind's eye. A must read.
Sir ko or laiye ek br or hajar bar ,,, wow ❤ Jai Maa 🙏🌺❤️🌏🪐
Needed part 3 with him❤🎉
Wt about me 😊😊
@@BrijeshMavi-lq2ohwhat do you mean bro. Please be respectful
आज का कार्यक्रम बहुत श्रेष्ठ था। अतिथि महोदय को सादर प्रणाम ।आप त्रिमुर्तियों को भी प्रणाम, शुभकामनाएं।
You all boys are doing a very great job while introducing these kinds of valuable people.
keep going on.
all the best for your channel.
😊🎉😊
अथर्ववेद की अनंत संहिता में आता है-
षोडषैतानि नामानि द्वत्रिन्षद्वर्णकानि हि |
कलौयुगे महामंत्र: सम्मतो जीव तारिणे ||
अर्थात : सोलह नामों तथा बत्तीस वर्णों से युक्त महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में जीवों के उद्धार का एकमात्र उपाय है|
यजुर्वेद के कलि संतारण उपनिषद् में आता है-
द्वापर युग के अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा- आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारण से मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजी के द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने बताया-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
इति षोडषकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं |
नात: परतरोपाय: सर्व वेदेषु दृश्यते ||
अर्थात : सोलह नामों वाले महामंत्र का कीर्तन ही कलियुग में कल्मष का नाश करने में सक्षम है| इस मन्त्र को छोड़ कर कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय चारों वेदों में कहीं भी नहीं है |
अथर्ववेद के चैतन्योपनिषद में आता है-
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अर्थात : भगवन गौरचन्द्र सदैव महामंत्र का जप करते हैं जिसमे पहले ‘हरे’ नाम, उसके बाद ‘कृष्ण’ नाम तथा उसके बाद ‘राम’ नाम आता है| ऊपर वर्णित क्रम के अनुसार महामंत्र का सही क्रम यही है की यह मंत्र ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण…’ से शुरू होता है |
पद्मपुराण में वर्णन आता है-
द्वत्रिन्षदक्षरं मन्त्रं नाम षोडषकान्वितं |
प्रजपन् वैष्णवो नित्यं राधाकृष्ण स्थलं लभेत् ||
अर्थात : जो वैष्णव नित्य बत्तीस वर्ण वाले तथा सोलह नामों वाले महामंत्र का जप तथा कीर्तन करते हैं- उन्हें श्रीराधाकृष्ण के दिव्य धाम गोलोक की प्राप्ति होती है |
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है :
सहस्त्र नाम्नां पुण्यानां, त्रिरा-वृत्त्या तु यत-फलम् ।
एकावृत्त्या तु कृष्णस्य, नामैकम तत प्रयच्छति ॥
विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम (विष्णुसहस्त्रनाम) जप के द्वारा प्राप्त परिणाम ( पुण्य ), केवल एक बार कृष्ण के पवित्र नाम जप के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।
❤
Yah ye Sb se acha podcast h prakh sir ki awaz sun ke muje mind mai bhut peace feel hua shanti mili bhut
Again next banger..... Big fan of parakh bhatt bhai need more episode🎉
Vidya=vinayam. A classic example. Awesome. Good luck to the anchors too
Thank you for such infinite information we definitely want more podcast with Prakashji.
Also request you to start series of Ramayan, Mahabharat, Gita....n so on for us.
God bless you
My mother age is 60 or jb m ye podcast sun rhi thi tb wo bhi sunne lgi or hum dono ko hi ise sunkr itna achaa lg rha thi ki humne ek min. Bhi skip nhi kiya or iske baad back to back aapke aise sabhi podcasts hum roj sun rhe hai❤❤
All glories to Swamiji who is Narayan and Ma Jagdamba 🙌🌺🙇♀️🌺🙌
He is not narayan or not jagdamba please don't try to make any human being similar to God he has their limits but God not...
In tantra sadhana human being himself becomes the deity.. n swamiji is tantra samrat.. i can understand ur apprehensions.. i was also in the same category but after meeting swamiji , everything changed.. u dont need to believe it. U go n see it for urself.. shri matrey namah
I really wish, I can keep listening to parakh.. how sweet of his voice with good knowledge of spirituality..
Listen to vision of goddess by om swamiji in it, he described darshan of maa ❤,i feel blessed to have him in my life
Its like reading one full book while hearing him. Absolutely gripping. Full of spiritual n religious knowledge blast at one go. Love hearing his all videos.
It's wonderful to hear parakh ji.l hope you will do another podcast with him
ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।🕉️🌹🌺🌙🥥🪔🚩🙏
Om Swamiji's vision of Godess is available on You tube.
Man ki tarang hai ye sab satya to aap khud ho 🌼
Such an Inspiring and Informative talk by Parakh Ji 🙏
Dhan guru Nanak Dev Ji
Dhan baba Shri Chand Ji Dhan baba Lakhmi Das Ji
Dhan guru Granth Sahib Ji Maharaj Ji
🙏🏻🌷🌹💕❤💯🙏🏻Waheguru Ji 🙏🏻💯❤💕🌹🌷🙏🏻Jai Mata di🙏🏻💕❤🌷🌹💯🙏🏻Jai mata di 🙏🏻💕❤💯🌷🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Thank you so much for bringing Parakh Bhat on your show 🙏
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।🕉️🌹🌺🍎🌙🪔🚩🔱🙏
Which deity's mantra is this ?
माँ आदिशक्ति साक्षात परब्रह्म है
परब्रह्मा हि मायरूपी प्रकृति की उत्पत्ति करते है,,,जिसे योगमाया कहते है,,,परमात्मा पुरुष जोत निरंजन है,,जबकि माया स्त्री है,,,,,
To bhagvan Shiv koun h😮
@@djjeetupatel1372 निराकार परब्रह्म शून्य है, जो खुद को 5 स्वरूप में प्रकट करता है वो है महासदाशिव, माँ आदिपराशक्ति, Mahavishnu( राम/कृष्ण), महागणपति और महासूर्य , ये 5 तत्व खुद में ही परब्रह्म ओंकार है , और इन्ही 5 तत्व के अलग अलग सम्प्रदाय है जैसे शैव, शाक्त, वैष्णव, गाणपत्य और सौर । शैव के लिए शिव परब्रह्म , Shakt के लिए आदिशक्ति परब्रह्म उसी तरह बाकी तीन के लिए उनके इष्ट परब्रह्म है। सभी पांच तत्व परम मोक्ष देते है, सभी पांचों की पूजा उपासना जरूरी है, लेकिन इनमें से कोई एक ही आपका इष्ट होना चाहिए, जिसकी भक्ति आपकों आनंदित करती है और वहीं आपको परम MAUKSH देगा
Shakti k ardhang
@@djjeetupatel1372 निराकार परब्रह्म शून्य है, जो खुद को 5 स्वरूप में प्रकट करता है वो है महासदाशिव, माँ पराशक्ति, Mahavishnu( राम/कृष्ण), महागणपति और महासूर्य , ये 5 तत्व खुद में ही परब्रह्म है , और इन्ही 5 तत्व के अलग अलग सम्प्रदाय है जैसे शैव, शाक्त, वैष्णव, गाणपत्य और सौर । शैव के लिए शिव परब्रह्म , Shakt के लिए आदिशक्ति परब्रह्म उसी तरह बाकी तीन के लिए उनके इष्ट परब्रह्म है। सभी पांच तत्व परम मोक्ष देते है,
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।🕉️🌹🌺🍎🥥🌙🪔🚩🔱🙏
इसी तरह सभी धर्मों के धर्म गुरुओं को बुलाओ interview के लिए sir....???
What a mesmerising voice om sir have … Automatically by ur voice we can transcend to spiritual realm.
Truly amazing episode😊
Respect from Assam