@@Rashtravadidebatetumhari soch batati h tumhari maansikta kisi ko abdul bol du mulla bol do. Dahan ka samanta se lena h dharm se nhi baba saheb bhi yahi chahte the ki hindu dharm me bhi sabhi ek saman ho jaisa ki anya dharmo me h
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनुस्मृति दहन दिवस की सभी बहुजन समाज को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। बाबा साहब ने अत्याचारी किताब को जला दिया। और संविधान लिखकर मनुस्मृति की अर्थी निकाल दी। जय भीम बाबा साहब जिंदाबाद
प्रोफेसर लक्ष्मण यादवजी आपके सिवाय एक भी बहुजन शोषियल मीडिया ने 25 दिसंबर को मनुस्मृति दहन दिवस के रूप में याद नहीं किया है नाही कोई वीडियो बनाया है या आज के दिन को मनुस्मृति को जलाया गया है ये हमारा दुर्भाग्य है बहुजन बहुत जल्द सब कुछ भूल जाते हैं धन्यवाद प्रोफेसर लक्ष्मण यादवजी आज के दिन की याद दिलानेके लिए 👍👌❤️🎉
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
❤❤❤❤ मनुस्मृति दहन दिवस की बधाई ❤❤sir जी जय भीम जय संविधान जय भारत ❤❤❤ बहुत अच्छा जानकारी दी हैं धन्यवाद आपका sir जी जय भीम ❤❤❤ जय बिरसा जय फूले जय लक्ष्मण यादव जी ❤❤❤
आदरणीय डॉ पोरफेसर लछुमन यादव जी नमस्कार बहुत धन्यवाद दिया हुं जय भीम जय मूलनिवासी नायक जय पेरियार जय समाजवाद जय भारत जय संविधान जय विज्ञान जय बिहार बिल्कुल
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
प्रोफ़ेसर साहब आपने बहुत बड़ा काम किया है आज के दिन मनुस्मृति दहन दिवस पर वीडियो बनाया। आपको अब समाज बड़ी आशा से देख रहा है। सलाम है आपको ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बिल्कुल सही कहा आपने सर।येही सचाई है आपने तो पोलखोल दीया बाबा साहब अम्बेडकर जी संमान नही करते हैं ऐ।सचाई है अगर चार सौ सीटे ले आ ते संविधान बदल देते ऐही सचाई है
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
कितनी आश्चर्यजनक सोच है आबादी के 1/4, दलित समाज के लोग- डॉ बाबा साहेब की विचारधारा को सर माथे पे लेकर सम्पूर्ण देशवासियो के लिए मानवतावादी आंदोलन चला रहा है ,इस संघर्ष को तो एक दिन में जीता जा सकता है! अगर ओ बी सी भी साथ दे जाये !जय भीम
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मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
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मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
@@budhprakash9200Yadi Manusmriti me aap ke shlok ke anusar bal poorvak karya karne se manahi hai to aaj bhi Desh me Daliton ko kyon samman aur samanta se nahi dekha jata hai.
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
जब तक देशवासी भारत का इतिहास नहीं जानेंगे कि भारत भुमि पर आक्रमण करने वाले यवन पर्थियन सिथियन शुंग कुषाण हुण तुर्क मुगल अरब के वंशज आज कौन है?,वापस तो सिर्फ अंग्रेज गये थे।यही लोग है जो मनुस्मृति का समर्थन करते हैं।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
@@chanderguptamaurya4149विश्व के शिक्षित द्विजनो (स्त्री-पुरुषो)! ऊंची नीची जाति होने का मतलब क्या और क्यों ? इस पोस्ट को पढ़कर समझकर जानें । ऊंची नीची जाति मानने का समान अवसर सबजन को उपलब्ध है। महर्षि नारायण और महर्षि ब्रह्मा के अनुसार हरएक मानव जन मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य हैं । चरण पांव चलाकर ट्रांसपोर्ट वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म करते हैं इसलिए चरण समान वैश्य हैं। चार वर्ण = चार कर्म = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। 1- ब्रह्म वर्ण में -अध्यापक वैद्यन पुरोहित संगीतज्ञ = ज्ञानसे शिक्षण कर्म करने वाला ब्रह्मन/ विप्रजन। 2- क्षत्रम वर्ण में - सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश गार्ड = ध्यानसे सुरक्षा न्याय कर्म करने वाला क्षत्रिय। 3- शूद्रम वर्ण में- उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार = तपसे उद्योग कर्म करने वाला शूद्रण। 4- वैशम वर्ण में - वितरक वणिक वार्ताकार ट्रांसपोर्टर क्रेता विक्रेता व्यापारीकरण = तमसे व्यापार वाणिज्य कर्म करने वाला वैश्य । पांचवेजन चारो वर्ण कर्म विभाग में राजसेवक जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन वेतनमान पर कार्यरत हैं। यह पांचजन्य चार वर्णिय कार्मिक वर्ण कर्म व्यवस्था है। जो इस पोस्ट को पढ़कर समझने में नाकाम हैं वे यह बताएं कि चार वर्ण कर्म जैसे शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादण-शूद्रण और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किये बिना समाज में जीविकोपार्जन प्रबन्धन कैसे होगा? शूद्रं, क्षुद्र, अशूद्र तीनो वैदिक शब्दों के अलग अलग अर्थ हैं, लेकिन लेखक प्रकाशक इन शब्दों के सही अर्थ अंतर को नहीं समझ कर एक ही शब्द शूद्रं लिखते हैं उन्ही के लिखे प्रिंट को पढ़कर सामन्य जन भी शब्दो के सही मतलब नहीं समझते हैं।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
वो जो चेहरे दिखाए कुछ और जाते है और भीतर से कुछ और होते है मगर देखना शौके दीदार अगर है, तो वो नजर पैदा कर और अगर देखना नही चाहते तो उसी में खुश रहे जो दिखाया जा रहा है........। गजब प्रोफेसर साहब 👍❤
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
❤❤❤❤❤ डॉक्टर साहब आपको नमस्कार आपने बहुत ही सुंदर ढंग से मनुस्मृति दहन दिवस मनाने का संकल्प लिया बहुत ही सुंदर बात है डॉ भीमराव अंबेडकर अमर रहे मनोज स्मृति मुर्दाबादमुर्दाबाद❤❤❤❤
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
देश के सभी बहुजन समाज को मनुस्मृति दहन की हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएं। 🙏🙏 25 दिसंबर 1927 के ही दिन! डाॅ.भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति ग्रंथ को जलाया था। 'मनुस्मृति' कब और किसके लिए धार्मिक ग्रंथ रहा? 'मनुस्मृति' को कौन लोग कब पूजते थे? 'मनुस्मृति' को आज कितने घरों में पूजा जाता है? मनुस्मृति दरअसल कभी धार्मिक ग्रंथ रहा ही नहीं। यह एक संहिता है, जिसमें वर्चस्वशाली तबक़े की हसरतें दर्ज हैं। वे हसरतें, जो बहुसंख्यक आबादी को ग़ुलाम और मुट्ठिभर लोगों के हाथ में सब कुछ देने की थीं। हज़ारों साल से ऐसी विभाजनकारी, भेदभावकारी, अमानवीय हसरतों और कोशिशों के ख़िलाफ़ सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी गई। मानवता के लिए न्याय और समता की लड़ाई 'मनुवादी' सोच के ही ख़िलाफ़ थी। भला हो कि इस देश में बाबा साहब की अगुआई में 'संविधान' बन गया। संविधान ने मनुस्मृति और वैसी हसरतों को दफ़्न करके उन्हें भी समानता और न्याय का हक़ दे दिया, जिन्हें 'मनु' के वारिस रोक रहे थे। मौजूदा वक्त की लड़ाई में जो वही मुट्ठी भर लोग खड़े हैं, जिनके लिए मनुस्मृति में विशेषाधिकार और वर्चस्व हासिल है। बाक़ी बहुसंख्यक तबके के लिए आज भी मनुस्मृति तिरस्कृत कर दिया गया अतीत है। आज संविधान ही सब कुछ है। संविधान ही न्याय और समानता का दस्तावेज है। संविधान ही मानवतावादी स्वप्न का आग़ाज़ है। संविधान ही सब कुछ है। मनुस्मृति और संविधान एक साथ नहीं चल सकते। #jaibhim #SaveConstitution
आप सभी को भी मिलकर इस जन जागरण अभियान को तेज करने की आवश्यकता है।जब तक यह कार्य पूर्ण रूपेण सम्पन्न नहीं हो जाता है और जागरूकता नहीं आ जाती है तब तक यह कार्य पूर्ण नहीं होगा।
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक- हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए। बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है। संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
डॉक्टर साहब आपको मनु स्मृति दहन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉😂😢😮😅😊
यदमुला spotted😂😂
Right sir ji, jay bheem sir ji❤❤🎉🎉
Andhbhakt spotted 😂😂@@Rashtravadidebate
@@Rashtravadidebatetumhari soch batati h tumhari maansikta kisi ko abdul bol du mulla bol do. Dahan ka samanta se lena h dharm se nhi baba saheb bhi yahi chahte the ki hindu dharm me bhi sabhi ek saman ho jaisa ki anya dharmo me h
#मनुस्मृति_दहन_दिवस
#मनुस्मृति_भारत_का_कलंक_है
Not 🚫 भारत के कलंक
Right 👍 मानवता के कलंक
@@kumarranjeet5132 Manusmriti SC,st,OBC ke liye kewal kalank hai.
आप गलत बोल रहे हो मनुस्मृति एक विचार था आईडियोलॉजी ना कि भारत का संविधान
@MayankPandey-m7v संघी 🤣 😂
@@MayankPandey-m7v पंडित लोग क्यू बुरा मानेंगे मनुस्मृति को।
डॉ लक्ष्मण साहब आपको और सभी आपके दर्शन को मनुस्मृति दहन दिवस की मंगल कामनाएं जय भीम जय संविधान
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनुस्मृति दहन दिवस की सभी बहुजन समाज को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। बाबा साहब ने अत्याचारी किताब को जला दिया। और संविधान लिखकर मनुस्मृति की अर्थी निकाल दी। जय भीम बाबा साहब जिंदाबाद
Jaybheem
@survendrayadav4249 जय भीम बाबा साहब जिंदाबाद
Dr Baba Saheb Ambedkar Amar Rahe boliye,Jai Bhim
जय भीम जय जोहार
@@hiranandan9572 जय भीम
प्रोफेसर लक्ष्मण यादवजी आपके सिवाय एक भी बहुजन शोषियल मीडिया ने 25 दिसंबर को मनुस्मृति दहन दिवस के रूप में याद नहीं किया है नाही कोई वीडियो बनाया है या आज के दिन को मनुस्मृति को जलाया गया है ये हमारा दुर्भाग्य है बहुजन बहुत जल्द सब कुछ भूल जाते हैं धन्यवाद प्रोफेसर लक्ष्मण यादवजी आज के दिन की याद दिलानेके लिए 👍👌❤️🎉
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
जागो और जगाओ बहुजन समाज एक हो जाओ अपने हक और अधिकार को पहचानो
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
❤❤❤❤ मनुस्मृति दहन दिवस की बधाई ❤❤sir जी जय भीम जय संविधान जय भारत ❤❤❤ बहुत अच्छा जानकारी दी हैं धन्यवाद आपका sir जी जय भीम ❤❤❤ जय बिरसा जय फूले जय लक्ष्मण यादव जी ❤❤❤
आदरणीय डॉ पोरफेसर लछुमन यादव जी नमस्कार बहुत धन्यवाद दिया हुं जय भीम जय मूलनिवासी नायक जय पेरियार जय समाजवाद जय भारत जय संविधान जय विज्ञान जय बिहार बिल्कुल
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
प्रोफ़ेसर साहब आपने बहुत बड़ा काम किया है आज के दिन मनुस्मृति दहन दिवस पर वीडियो बनाया। आपको अब समाज बड़ी आशा से देख रहा है।
सलाम है आपको ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बिल्कुल सही कहा आपने सर।येही सचाई है आपने तो पोलखोल दीया बाबा साहब अम्बेडकर जी संमान नही करते हैं ऐ।सचाई है अगर चार सौ सीटे ले आ ते संविधान बदल देते ऐही सचाई है
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
मनुष्य मर्ति दहन दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
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जय भीम जय भारत जयसंविधान जय विज्ञान मनुस्मृति दहन का हार्दिक शुभकामनाएंशुभकामनाएं जयभीम
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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बहुत ही सटीक और सत्यता की आधारित महत्वपूर्ण विश्लेषण,सर आपको धन्यवाद और साधुवाद जयभीम नमो बुध्दाय
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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आप को भी मनु स्मृति दहन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
कितनी आश्चर्यजनक सोच है आबादी के 1/4, दलित समाज के लोग- डॉ बाबा साहेब की विचारधारा को सर माथे पे लेकर सम्पूर्ण देशवासियो के लिए मानवतावादी आंदोलन चला रहा है ,इस संघर्ष को तो एक दिन में जीता जा सकता है! अगर ओ बी सी भी साथ दे जाये !जय भीम
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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@@hiranandan9572 बिल्कुल ओ बी सी आपके साथ है विश्वास और संगठित होकर एक दूसरे के सहारे ही आगे बढ़ सकता है यह कारवां।
जयभीम नमो बुधाय जयकांशीराम जयसबिंधान सुंदर बीचार सरजी आप जैसे बुद्धिजीवी को मेरा सलाम
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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क्रांतिकारी जय भीम! जय संविधान, जय विज्ञान, जय भारत, जय लोकतंत्र, जय मूलनिवासी, जय जोहार, जय समस्त बहुजन नायक, नमो बुद्धय!
🙏💙💙🇮🇳💙💙🙏
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
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मनु स्मृति दहन की हार्दिक बधाई👍👍🙏
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@@budhprakash9200Yadi Manusmriti me aap ke shlok ke anusar bal poorvak karya karne se manahi hai to aaj bhi Desh me Daliton ko kyon samman aur samanta se nahi dekha jata hai.
Manusmriti Dahan diwas ki hardik shubhkamnaye.
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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सभी भारतवंशियो को मनुस्मृति दहन दिवास की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बहुत बहुत बधाईया अंधेरे से प्रकाश की ओर जय भीम जय संविधान
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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जब तक देशवासी भारत का इतिहास नहीं जानेंगे कि भारत भुमि पर आक्रमण करने वाले यवन पर्थियन सिथियन शुंग कुषाण हुण तुर्क मुगल अरब के वंशज आज कौन है?,वापस तो सिर्फ अंग्रेज गये थे।यही लोग है जो मनुस्मृति का समर्थन करते हैं।
Sahi kaha bhai
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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@@chanderguptamaurya4149विश्व के शिक्षित द्विजनो (स्त्री-पुरुषो)!
ऊंची नीची जाति होने का मतलब क्या और क्यों ? इस पोस्ट को पढ़कर समझकर जानें ।
ऊंची नीची जाति मानने का समान अवसर सबजन को उपलब्ध है। महर्षि नारायण और महर्षि ब्रह्मा के अनुसार हरएक मानव जन मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य हैं । चरण पांव चलाकर ट्रांसपोर्ट वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म करते हैं इसलिए चरण समान वैश्य हैं।
चार वर्ण = चार कर्म = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
1- ब्रह्म वर्ण में -अध्यापक वैद्यन पुरोहित संगीतज्ञ = ज्ञानसे शिक्षण कर्म करने वाला ब्रह्मन/ विप्रजन।
2- क्षत्रम वर्ण में - सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश गार्ड = ध्यानसे सुरक्षा न्याय कर्म करने वाला क्षत्रिय।
3- शूद्रम वर्ण में- उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार = तपसे उद्योग कर्म करने वाला शूद्रण।
4- वैशम वर्ण में - वितरक वणिक वार्ताकार ट्रांसपोर्टर क्रेता विक्रेता व्यापारीकरण = तमसे व्यापार वाणिज्य कर्म करने वाला वैश्य ।
पांचवेजन चारो वर्ण कर्म विभाग में राजसेवक जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन वेतनमान पर कार्यरत हैं।
यह पांचजन्य चार वर्णिय कार्मिक वर्ण कर्म व्यवस्था है।
जो इस पोस्ट को पढ़कर समझने में नाकाम हैं वे यह बताएं कि चार वर्ण कर्म जैसे शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादण-शूद्रण और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किये बिना समाज में जीविकोपार्जन प्रबन्धन कैसे होगा?
शूद्रं, क्षुद्र, अशूद्र तीनो वैदिक शब्दों के अलग अलग अर्थ हैं, लेकिन लेखक प्रकाशक इन शब्दों के सही अर्थ अंतर को नहीं समझ कर एक ही शब्द शूद्रं लिखते हैं उन्ही के लिखे प्रिंट को पढ़कर सामन्य जन भी शब्दो के सही मतलब नहीं समझते हैं।
आदरणीय डॉ लक्ष्मण यादव जी आपको इस निन्दनीय मनुस्मृति कीजानकारी दैने, केलिए, धन्यवाद
।।। मनुस्मृति केदहन,दिवस,का हार्दिक अभिनन्दन है।।
बहुत बेहतरीन लक्ष्मण यादव जी एवं आपके चैनल को धन्यवाद
JAY BHEEM
काँटा वाली बात तो आपने बताया ही नही अटल बिहारी बाजपेयी जी की ।।
बाकी तो 100% सही है।
DR laxman sir आपको बहत बहत बधाई मनुस्मृति दिवस का।
Manusmriti diwas nahie manusmriti Dahan diwas
जय भीम जय भारत जय संविधान बुद्धम शरणं गच्छामि धन्यबाद
देश की नारी शक्ति महिला को देश बहुजन समाज को असमानता गैर बराबरी भेदभाव की पोशाक मनुस्मृति दहन दिवस की शुभकामनाएं
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ने मनुस्मृति का दहन किया जय बाबा जय संविधान
Absolutely Right ❤
Dr laxman Yadav we salute you for such reports.
डॉ लक्ष्मण सर बहोत बढ़िया बात कही आपने
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
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Laxman sir manu smritidahan diwas ke awsar par krantikari. Jaybhimsawidhan jindawad gain aour rahengen
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
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EXCELLENT ANALYSIS ❤❤❤❤❤
Jai bhim jai samvidhan
सभी बहुजनो को मनूस्मर्ति दहन दिवश की बहुत बहुत बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं बाबा साहेब जी ने इस घटिया किताब का दहन किया था जय भीम जय संविधान जय भारत
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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मनुस्मृति दहन दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई जय भीम जय संविधान जय भारत
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
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❤सभी देशवासियों को मनुस्मृति दहन दिवस पर बहुत बहुत बहुत साधुवाद
नमो बुद्धाय जय भीम जय सम्राट अशोक महान,,लक्ष्मण यादव जी
बहुत बहुत धन्यवाद आप को @लक्ष्मण यादव जी 🌷🌷🌷🌷🌷जय भीम जय बुद्घ
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
Thanks sir yad dilane ke liye.
🎉❤🎉❤🎉❤🎉 बुद्धम नमामि धम्मनमामि संघम नमामि जय भीम नमो बुद्धाय जय चक्रवर्ती सम्राट जय जोहार जय आदिवासी जयमूलनिवासी जय विज्ञान जयसंविधान
Dr sahab ko pranam manu smriti jalao divas ki shubhkamna
Laxman bhaiya,
We are proud of you. Our country must be as the dream of baba Sahab, manyavar kanshram and netaji mulayam Singh Yadav.
अटल बिहारी बाजपेयी के असल चरित्र को प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद.
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
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Kisi ke batane par viswash mat karo swayam me dip jalao tab nirnay lo
वो जो चेहरे दिखाए कुछ और जाते है और भीतर से कुछ और होते है मगर देखना शौके दीदार अगर है, तो वो नजर पैदा कर और अगर देखना नही चाहते तो उसी में खुश रहे जो दिखाया जा रहा है........।
गजब प्रोफेसर साहब 👍❤
हिन्दूवादी=ब्राम्हणवादी=मनुवादी-(माइनस) sc,st,obc |डा० लक्ष्मण यादव ,धन्यवाद🕉🕉🕉🕉🌹🌹🙏
Namo. Buddhay. Jay. Bhim. Jay. Bhim. Aarmi. The. Best. Speechess. Professor. Laxman. Yadav. JI. Bhujn. Samaj
Ke. Logon. Ko. Savdhan. Ho. Jana. Chahiye. Jay. Hind. Jay. Sambhidhan 👍🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Happy manusmriti dahan divas
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
❤❤❤❤❤ डॉक्टर साहब आपको नमस्कार आपने बहुत ही सुंदर ढंग से मनुस्मृति दहन दिवस मनाने का संकल्प लिया बहुत ही सुंदर बात है डॉ भीमराव अंबेडकर अमर रहे मनोज स्मृति मुर्दाबादमुर्दाबाद❤❤❤❤
मनुस्मृति जलाने के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को बहुत बधाई शुभकामनाएं
जय भीम जय संविधान
मनुस्मृति दहन दिवस की बधाई हो आपको
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
समाज और राष्ट्र की एकता को खंडित करने वाला खूब वीडियो बनाइए। देश जले तो जले, आपको तो youtube पैसा देगा ही।
देश के सभी बहुजन समाज को मनुस्मृति दहन की हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएं। 🙏🙏
25 दिसंबर 1927 के ही दिन! डाॅ.भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति ग्रंथ को जलाया था।
'मनुस्मृति' कब और किसके लिए धार्मिक ग्रंथ रहा?
'मनुस्मृति' को कौन लोग कब पूजते थे?
'मनुस्मृति' को आज कितने घरों में पूजा जाता है?
मनुस्मृति दरअसल कभी धार्मिक ग्रंथ रहा ही नहीं। यह एक संहिता है, जिसमें वर्चस्वशाली तबक़े की हसरतें दर्ज हैं। वे हसरतें, जो बहुसंख्यक आबादी को ग़ुलाम और मुट्ठिभर लोगों के हाथ में सब कुछ देने की थीं।
हज़ारों साल से ऐसी विभाजनकारी, भेदभावकारी, अमानवीय हसरतों और कोशिशों के ख़िलाफ़ सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी गई। मानवता के लिए न्याय और समता की लड़ाई 'मनुवादी' सोच के ही ख़िलाफ़ थी।
भला हो कि इस देश में बाबा साहब की अगुआई में 'संविधान' बन गया। संविधान ने मनुस्मृति और वैसी हसरतों को दफ़्न करके उन्हें भी समानता और न्याय का हक़ दे दिया, जिन्हें 'मनु' के वारिस रोक रहे थे।
मौजूदा वक्त की लड़ाई में जो वही मुट्ठी भर लोग खड़े हैं, जिनके लिए मनुस्मृति में विशेषाधिकार और वर्चस्व हासिल है। बाक़ी बहुसंख्यक तबके के लिए आज भी मनुस्मृति तिरस्कृत कर दिया गया अतीत है।
आज संविधान ही सब कुछ है। संविधान ही न्याय और समानता का दस्तावेज है। संविधान ही मानवतावादी स्वप्न का आग़ाज़ है। संविधान ही सब कुछ है। मनुस्मृति और संविधान एक साथ नहीं चल सकते।
#jaibhim
#SaveConstitution
Manusmurti दहन दिवस की हार्दिक बधाईया🎉🎉
जय भीम भाई
बिलकुल सही भारतीय ग्रामीण चिकित्सक संघ बिहार समस्तीपुर प्रदेश अध्यक्ष
Happy Manusmariti dahan
लक्ष्मण भाई साहब आपका ओबीसी समाज मनुस्मृति का बहुत बड़ा फैन है।।।
आपके समाज ओबीसी में से अभी मात्र 5 या 7% लोग ही संविधान को मानते हैं।।।
आप सभी को भी मिलकर इस जन जागरण अभियान को तेज करने की आवश्यकता है।जब तक यह कार्य पूर्ण रूपेण सम्पन्न नहीं हो जाता है और जागरूकता नहीं आ जाती है तब तक यह कार्य पूर्ण नहीं होगा।
मौर्य, शाक्य, गुप्त, पाल, वंश कौन था, बहुजन समाज में या आगरा
@@MANISHKUMAR-li1nl ये सब लोग भारत देश के मूलनिवासी हैं
Dr laxman yadav ji ko great salute 🙏
Right Jai Bheem
प्रत्येक किताब ग्रन्थ जो भेदभाव पर आधारित है, जलाने योग्य है,
मनुस्मृति दहन दिवस की बधाई, 👍👍
Savidhan copy paste Arkansas 😊
सटीक,बेबाक,तर्कशील और सही लगा, थैंक्स mr l yadav
कथनी, करनी एक नहीं। मुख में राम बगल में चाकू। आज़ या कल अमीरी-गरीबी की है /थी। समता/बिसमता है। शुबिचार /कुत्सित विचारों का है। धन्यवाद!
😅
Dr Laxman yadav ji namaskar Jay bhim
Thanks Sir samaaj ko jagruk Karne ke liye👉👍🏻🙏🏼🙏🏼
बहुत अच्छा विश्लेषण। जन जन तक पहुंचेगा।
स्वाभिमान से जीना है तो भारत को अंधविश्वासों से मुक्ति दिलाना होगा।
Jai Bhim. Jai Sambidhan
जय भीम जय संविधान,जय डॉ लक्षमण यादव जी जिन्दाबाद,दोस्तों जागो,बिजेपी व इवीएम हटाऔ देश बचाऔ,बिजेपी मनुवादियों कि पार्टी है❤❤🎉🎉
Thanks Mr Laxman Yadav ji for good and fair news.❤
Main manusmriti ko Apne man se Dahan karta hun aur manne walon Ko bhi Jay Bheem 😂😂😂😂😂
मनुस्मृति दहन दिवस अमर हो। चुटकी भर भूरा बाल हमारा संविधान को फेर बदल करने की कोशिश किया तो खैर नहीं।।जय भीम जय अमबेडकर।।
❤ Excellent analysis. Thank you very much.
मनुस्मृति दहन दिवस मनाया गया इसके लिए धन्यवाद
Merry Christmas Dr Laxman Yadav Ji You say Absolutely Right
डा. लछमन यादव जिन्दाबाद
.
Jago Bharat vasiyu Jago Jai Hind Jai Bharat Jai bhim 💙💙💙💙💙
डॉक्टर साहब को इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद् ।🙏🙏
नमो बुधाय जय सम्राट जय भीम जय भारत जय संविधान सर जी ❤❤❤❤❤
Manusmriti dahen divas ke liye sabhi bahujan samaaj ko hardik shubhkamnaayein aor badhaai ho Jay bheem namo buddhay
Jab tak Suraj Chand rahega baba tera naam rahega ❤❤❤❤❤jai bhim Jai bharat Jai sambidhan namoh budhay
Mashallaha, Laxman bhai 💪💪💪
सभी को मनुस्मृति दहन दिवस 2024 एवं भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस 2025 की बहुत-बहुत बधाई।
Quite true agree with you100% jay bhim jay samvidhan
मनु महाराज का ओरिजिनल संस्कृत श्लोक-
हे मनुष्यों ! बलपूर्वक कर्म नहीं करना करवाना चाहिए।
बलपूर्वक जो दिया जाए, बलपूर्वक भोग किया जाए, बलपूर्वक लिखवाया जाए और जो जो बलपूर्वक कर्म करवायें जाएं वे नहीं करने चाहिए। एसा विधिनियम मनु महाराज ने कहा है।
संस्कृत श्लोक- ॐ बलाद्दतं बलाद् भुक्तं बलाद्याच्चापि लेखितम् l सर्वान्बलकृतानर्थानकृतान्मनुरब्रवीत् ।। वैदिक मनुस्मृति धर्मशास्त्र।
Jai bhim namo buddhay sir
Dr. साहेब का abhiwan. 🙏🏼
नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत जय संविधान प्रोफेसर आपको धन्यवाद
Very nice good videos news Jay Dr Laxman yadav ji jai bauddh Jay Bharat
Dr Laxman Yadav I salute your courage n ideology
Jay bhim 🌹🌹🌹🌹🌹💯🇮🇳
Super
🇪🇬🔵🇧🇾👉Jai Bhim👈🇧🇾🔵🇪🇬
Manusmriti Dahan Diwas ki Badhai ❤❤
Sahi kaha
Jay bhim jay Samvidhan
❤❤ Laxman Yadav ji
दुःख की बात यह है कि बहुजन लोग अभी भी भाजपा और ब्राह्मणवादी विचारधारा का समर्थन करते हैं
Hundred percent Correct professor Sahab jai Bheem Jai Sanvidhan jai vigyan
जय भीम,,नमों बुद्धाय