♥🌸🌷🌷🌷🌹🌹 श्री सीताराम 🌹🌹🌷🌷🌸♥ ♥🌸🌷🌹 माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः। 🌹🌷🌸♥ ♥🌸🌷🌹 स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः॥ 🌹🌷🌸♥ ♥🌸🌷🌹 सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालु। 🌹🌷🌸♥ ♥🌸🌷🌹 नान्यं जाने नैव जाने न जाने॥ 🌹🌷🌸♥ ♥🌸🌷🌷🌷🌹🌹 श्री सीताराम 🌹🌹🌷🌷🌸♥
जय श्री सीताराम जी 🙇♂️🙏 प्रभुजी सत्य वचन ! प्रायः हम लोग कई बातों के लिए ऐसे कह देते हैं की "अरे ! ऐसा तो पहले होता था, सब लोग शास्त्रों के अनुसार जीवन जीते थे" आदि। पर हमने गुरूजी से ही सत्संग में सुना है कि अगर हम शास्त्रोक्त आचरण करें तो हम कलयुगी नहीं कहलायेंगे। जिस युग धर्म के अनुसार हमारे आचरण होंगे उसी समय के कहलायेंगे। तो सार बात यह हुई कि जनसाधारण को, सबको ही यथा-शक्ति शास्त्रोक्त जीवन जीने का अभ्यास और चेष्टा करनी चाहिए। जय श्री सीताराम जी 🙇♂️🙏
♥🌸🌷🌷🌷🌹🌹 श्री सीताराम 🌹🌹🌷🌷🌸♥
♥🌸🌷🌹 माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः। 🌹🌷🌸♥
♥🌸🌷🌹 स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः॥ 🌹🌷🌸♥
♥🌸🌷🌹 सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालु। 🌹🌷🌸♥
♥🌸🌷🌹 नान्यं जाने नैव जाने न जाने॥ 🌹🌷🌸♥
♥🌸🌷🌷🌷🌹🌹 श्री सीताराम 🌹🌹🌷🌷🌸♥
धन्य है मेरा भारत देश आप जैसे संतो के दरसन से ही कल्याण होंजाता है 🙏🌹
जय हो बहुत सुन्दर महाराज जी आपको कोटि कोटि नमन सादर प्रणाम आपको 🙏🌹आपके चरणों को प्रणाम 🙏🌹
Radhe Radhe Guru ji
Guru chrno m barm bar Prnam 🙏💐💐💐🌹 Jai Jai Shree Sita Ram
Jai Shri Ram
Jay Bhagwan Ji
Sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram sitaram
🌻🙏🌻
GURUJI AAPKE CHRNO ME SHASHTANG KOTI KOTI SATAT DANDAVAT CHARAN SPARSH
Shatron pr atoot vishvas Krna chahie snt bhagvn ki jai ho
जय श्री सीताराम जी 🙇♂️🙏 प्रभुजी
सत्य वचन ! प्रायः हम लोग कई बातों के लिए ऐसे कह देते हैं की "अरे ! ऐसा तो पहले होता था, सब लोग शास्त्रों के अनुसार जीवन जीते थे" आदि। पर हमने गुरूजी से ही सत्संग में सुना है कि अगर हम शास्त्रोक्त आचरण करें तो हम कलयुगी नहीं कहलायेंगे। जिस युग धर्म के अनुसार हमारे आचरण होंगे उसी समय के कहलायेंगे।
तो सार बात यह हुई कि जनसाधारण को, सबको ही यथा-शक्ति शास्त्रोक्त जीवन जीने का अभ्यास और चेष्टा करनी चाहिए।
जय श्री सीताराम जी 🙇♂️🙏
Jai shree Ram