राज्यसभा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता - केवल उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 63 और 67(B) के अंतर्गत ही हटाया जा सकता है - राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया - कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है - राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है - राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है - अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी - विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए - मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
यदि बजरंग की बात सच भी मान लिया जाये तो सदन चलाने के लिए सरकार की क्या जिम्मेदारी होती है? बीजेपी सरकार क्यों अडानी के नाम पर चर्चा नहीं कर पाती जांच क्यों नहीं करवाती जेपीसी से क्यों डर जाती है सरकार।
संदीप चौधरी जी नमस्ते❤❤ आपल्या डीबेट मध्ये गुप्तहेर यंत्रणेचा एखादा तज्ञ व्यक्ती बोलावून ह्या बाबत त्याला प्रश्न विचारावेत म्हणजे देशविघातक कृत्य होत असताना किंवा करत असताना आपल्या देशाच्या गुप्तहेर यंत्रणे सारख्या यंत्रणा नेमक काय करत असतात आपल्या देशातील हे जनतेला कळेल ???????? ❤❤ जय महाराष्ट्र ❤❤
Bjp जबरदस्त शब्द प्रयोग करती है,देश तोड़ना, मुद्दा ये है कि bjp के कार्य देश विरोधी नही है? क्योंकि हर गलत काम देश विरोधी ही होता है, कांग्रेस तोड़ने जैसा शब्द प्रयोग नही करती इसीलिए बैकफुट में आती है।
जिस रिपोर्ट को लेकर हल्ला कर रहा है बो राफेल को लेकर मोदी सरकार पर घूसखोरी का आरोप लगाया था तब तो इसे फेंक बोल रहा था और अभी उसी के रिपोर्ट लेकर हल्ला कर रहा है मतलब कब कौन से बात सही लगना है है बक्त के हिसाब से होगा
Adani ko bachane ke liye BJP ke Mantri Santri Sab Lag Gaye Hain Yahan tak ki dhankhad lok sabha Adhyaksh bhi Lage hue hain Kirani per Charcha Na Ho aur America ke udyogpati jaansorses ko Lekar Aaye Hain
Sandeep Chowdhury doesn't have guts to ask Alok Verma why they didn't registered FIR in j&k and Tamil Nadu, should chattisgarh energy minister be arrested
जबतक पत्रकार का चोला ओढ़ कर राजनैतिक दल की विचारधारा से जुड़े लोग T V डिबेट me हिस्सा लेंगे तो बहस निष्पक्ष नहीं हो सकता और इसी तरह की बकवास देखने को मिलती है।
राज्यसभा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता - केवल उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 63 और 67(B) के अंतर्गत ही हटाया जा सकता है - राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया - कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है - राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है - राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है - अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी - विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए - मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
Main rajnitik vishleshak ka dhanyvad karta hun main aapke sath hun Kyunki Jo log Jante Hain Ki yah Keval Adani ka Mudda Nahin to Desh Ke bijon ka bhi sambandh hai Adani to Ek udyogpati Hai Iski vajah Se Hamare desh ki Chhavi kharab Jo Hui Hai vah Koi Wapas Nahin La payega na Modi ji nadani lekin Sabse Badi baat hai jo bachane ka Prayas Sarkar kar rahi hai ya bahut hi nindniy hai
Bhai Jab Modi ji Apne Hi Baat per Palat gaye hain unhone 2014 ke pahle kya kya kaha to vah to apni Hi Baat Ko Jhutha La rahe hain to Sushma Swaraj ki Baton ko Kaun Sunega yah log To Apne Hi Neta ke Byan ko Jhutha sabit karne mein Lage Hain to Unse ummid kya ki Jayegi Hamara to bus Yahi Kahana hai jo ho raha hai vah galat ho raha hai Chahe Rajyasabha Mein Ho Chahe Loksabha mein ho
BJP RSS BJP Sarkar jo hai Adani ke mudde ko bhrashtachar ke mudde ko dabana chahti hai Manipur ko dabana chahti hai Manipur ke mudde ko isliye sansad nahin chalne de rahi hai
😂😂😂😂😂😂USA ka organization hai ,itna bada matter destabilisation of country ,per USA se baat nehi ,US ambassador se baat nehi kar rahe hain . under 100seats wale cong kitna powerful hai ,yehi bata raha hai bjp .
Modi ko janch krte huye 10 sal ho gya sab agency iski h fir ye hai toba kyon adani ko kro America ke hwale ro jorj sos ka janch kro na Sab kuch tumare hath me h khali bakwas krne se thoda public manlegi Aaj tak me kisi ke khilaaf sabot nhi mila
Sandeep Chaudhary or Vinod Sharma should marry Sonia Maino and become Sandeep/Vinod Gandhi, so that Sandeep Chaudhary/Vinod Sharma can lead the Congress Party.
Sandeep ji you are always invite Vinod Sharma, who is a Pro Congress-Leftist idology & anti BJP-RSS journalist, as a panel member for which ABP has importing Chitra Tripathy Madam to establish News Chanel in new order.
Vinod Sharma thinks people if India would believe him. He is a congressman to the core and he is doing the same for what he is blaming the govt on the basis of superficial, flimsy and even stupid arguments. When did our govt defended Adani in US case? How does he know that our govt is not doing anything in Soros case? Us he not aware of the fact that we have serious differences with China but still in larger interests of the nation we do have business with china. Our govt is a responsible govt so only people like vinod sharma expect knee-jerk reactions from our govt. I have listening to this so called journalist, who seems to be a congress propaganda mouth piece and nothing else. He is defending soros-congress nexus despite of the fact that Soros openly stated to have allocation of millions dollars for change of Modi govt at the centre.
BJP\EVM hatao desh bachao jai bhim jai bahujan samaj SC St Obc jindabad jitega India Rahul Gandhi ji kharge ji Akhilesh ji mayavati ji lallu Prasad ji Stalin ji jindabad
इमरजेंसी के समय आंनद बाजार पत्रिका सरकार को समर्थन कर रही थी और abp न्यूज़ उसी संस्था द्वारा संचालित है। दरबारी दारूबाज पत्तल कार विनोद बेशर्म का दर्द आप समझ सकते हैं।
Vinod sharma Ji... Itni chatukaritaa karte Hain unko sirf external affairs ministry ki chahiye... Yahan ki SEBI ka koi matlab nahi aur US jo bole ohh sab sahi... This guy is literally pathetic
राज्यसभा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता - केवल उपराष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 63 और 67(B) के अंतर्गत ही हटाया जा सकता है - राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया - कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है - राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है - राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है - अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी - विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए - मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
Vinod Sharma is original congress sponsored person
Aarop,, adaani par,, corruption,, ka lagaa hai,, or tilmilaa,, bjp rhi hai,, chal kya rha hai ye,, sarkar,,jaanch kyun nhi kar rhi,,adaani ke corruption par,, sarkar modi g,,chalaa rhe hai,, yaa adaani g😂😂
Modani koi 2 aadhmi nehi hain .Wo ak he hai ore loot raha hai .
राज्यसभा के सभापति के
विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव
लाया ही नहीं जा सकता -
केवल उपराष्ट्रपति को
संविधान के अनुच्छेद 63
और 67(B) के अंतर्गत ही
हटाया जा सकता है -
राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया -
कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है -
राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है -
राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है -
अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी -
विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए -
मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
CHODRI SE NA HO PAIGA , DOOBE TO DOOOB GAYA ?🤗🤗😜😜
Sandeep sir great political analysis truth. Excellent journalists
विनोद शर्मा जी ने बिल्कुल सही बोला है
Sharma je Chaudhary jee aap log congress or soros bhakt samarthak ho janta janti hi
जब चाइना से एम ओ की बात आयी तब जबाब क्यो नही आता
विनोद शर्मा जी अगर आपके against forien मे case चल रही है तो आपके against यहा enquiry होना चाहिये क्या?
अडानी ने भारतीय अधिकारियों को यहां पर रिश्वत दी है दो हजार करोड़ रूपए की इन्हीं आरोपों की वजह से वहां उनका वारंट जारी किया गया है
@VijaySharma-kp7bv कोई proof है क्या, हवा मे बात नही करनी चाहिये, proof कोर्ट मे पेश किजीये
Fake propoganda created by Congress@@VijaySharma-kp7bv
अडाणी का केस गुमराहा किया जा राहा है
यदि बजरंग की बात सच भी मान लिया जाये तो सदन चलाने के लिए सरकार की क्या जिम्मेदारी होती है?
बीजेपी सरकार क्यों अडानी के नाम पर चर्चा नहीं कर पाती जांच क्यों नहीं करवाती जेपीसी से क्यों डर जाती है सरकार।
BJP hai to Hindustan hai nahin to zero
जार्ज सोरोस का टूल किट है एबीपी न्यूज
संदीप चौधरी जी नमस्ते❤❤ आपल्या डीबेट मध्ये गुप्तहेर यंत्रणेचा एखादा तज्ञ व्यक्ती बोलावून ह्या बाबत त्याला प्रश्न विचारावेत म्हणजे देशविघातक कृत्य होत असताना किंवा करत असताना आपल्या देशाच्या गुप्तहेर यंत्रणे सारख्या यंत्रणा नेमक काय करत असतात आपल्या देशातील हे जनतेला कळेल ????????
❤❤ जय महाराष्ट्र ❤❤
Bjp जबरदस्त शब्द प्रयोग करती है,देश तोड़ना, मुद्दा ये है कि bjp के कार्य देश विरोधी नही है? क्योंकि हर गलत काम देश विरोधी ही होता है, कांग्रेस तोड़ने जैसा शब्द प्रयोग नही करती इसीलिए बैकफुट में आती है।
ये आम आदमी वाले विचार स्क्रीन पर ज्यादा देर तक मत रखिए संदीप जी।
Tere bhi. Pol khul raha janta ke najar me Sandeep choudhary
Kuchh log nahin sabhi log jante hain ki aap ejenda chalane wale patrakaar hain.
विनोद शर्मा जी इतनी चमचा गिरी भी नही करना आंखे खोल कर देख
जिस रिपोर्ट को लेकर हल्ला कर रहा है बो राफेल को लेकर मोदी सरकार पर घूसखोरी का आरोप लगाया था तब तो इसे फेंक बोल रहा था और अभी उसी के रिपोर्ट लेकर हल्ला कर रहा है मतलब कब कौन से बात सही लगना है है बक्त के हिसाब से होगा
Jannayak Rahul Gandhi jindabad Congress Party jindabad India gathbandhan jindabad
अगर कॉंग्रेस भ्रष्ट थी तो क्या BJP को भी भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस मिल गया। देश की जनता का क्या होगा।
Adani ko bachane ke liye BJP ke Mantri Santri Sab Lag Gaye Hain Yahan tak ki dhankhad lok sabha Adhyaksh bhi Lage hue hain Kirani per Charcha Na Ho aur America ke udyogpati jaansorses ko Lekar Aaye Hain
Adani ka mamle mey BJP ka bokkhar ajata hai.
बीजेपी से जब सवाल उठता है तो यह मुद्दे से भटका देते हैं।
Beta Kendra Sarkar mein BJP hai Paisa liya hai to sabit karo aarop lagane se kuchh nahin hoga😂
Good speech Atusush Barma
राम राम जय श्री राम
Sahi kaha
सभी चोटिल एक साथ।
Sandeep Chowdhury doesn't have guts to ask Alok Verma why they didn't registered FIR in j&k and Tamil Nadu, should chattisgarh energy minister be arrested
K C Tyagi is a pensioner of B J P.
हम मूर्ख है............................
सब लमपुने जमा हो गए , भड़ास निकालो रे , कर तो कुछ सकते नहीं ।
Mere Modi bhagwan h to sb Mumkin h, aap krte rho debate 😂
Why vipaksh should raise adani issue if adani should defend his case vinod ji
Panoti modi😅
Diversion tactice from Adani issue.
Nothing else.
Sapa ke sare prawakta Akhilesh ki Mimicry karte hai 😂
Only bjp
Our foreign Mistry also told they have not received any information from Us regarding Adani issues. Jobless Vinod sharma is not aware of.
Why congress is not replying.
Sab bishayon par bat karenge magar jordge soras pe bat nahi karenge. Kya ghazab ka jawab hai
संसद चलती बंद होती है और सिनेमा चलता है?
दके सी त्यागी जवाब नहीं दे पाएंगे वह बंधे हुए हैं उनको भी पता है कि बचाओ नहीं कर पा रहे हैं
जबतक पत्रकार का चोला ओढ़ कर राजनैतिक दल की विचारधारा से जुड़े लोग T V डिबेट me हिस्सा लेंगे तो बहस निष्पक्ष नहीं हो सकता और इसी तरह की बकवास देखने को मिलती है।
Hamare Desh Mein Na Swatantra media Rah gai hai aur na to Adhikari Swatantra Hain Sab Sarkar Ke Sath Khade Hain
Lalu yadav congress bol
विनोद का दिमाग चकरा गया लगता है।
राज्यसभा के सभापति के
विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव
लाया ही नहीं जा सकता -
केवल उपराष्ट्रपति को
संविधान के अनुच्छेद 63
और 67(B) के अंतर्गत ही
हटाया जा सकता है -
राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया -
कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है -
राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है -
राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है -
अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी -
विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए -
मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -
Sandeep Choudhary bjp prawakta ko aur jdu ko sahi bolne se bich me rokta hai galat bat hai
Main rajnitik vishleshak ka dhanyvad karta hun main aapke sath hun Kyunki Jo log Jante Hain Ki yah Keval Adani ka Mudda Nahin to Desh Ke bijon ka bhi sambandh hai Adani to Ek udyogpati Hai Iski vajah Se Hamare desh ki Chhavi kharab Jo Hui Hai vah Koi Wapas Nahin La payega na Modi ji nadani lekin Sabse Badi baat hai jo bachane ka Prayas Sarkar kar rahi hai ya bahut hi nindniy hai
बिनोद शर्मा उम्र का तकाजा का ख्याल करे!
Sudir ji vo Vinod ji hain ,jara soch kar poochha narn ,pl.Aur poora sunaya karen,thanks.
Asutosh you are are .....
Bhai Jab Modi ji Apne Hi Baat per Palat gaye hain unhone 2014 ke pahle kya kya kaha to vah to apni Hi Baat Ko Jhutha La rahe hain to Sushma Swaraj ki Baton ko Kaun Sunega yah log To Apne Hi Neta ke Byan ko Jhutha sabit karne mein Lage Hain to Unse ummid kya ki Jayegi Hamara to bus Yahi Kahana hai jo ho raha hai vah galat ho raha hai Chahe Rajyasabha Mein Ho Chahe Loksabha mein ho
Core issue is indifolks are out to get back into power by hook or cook
Sandip.Ji. Aap. AK. Chanl. Nahi. Janta. Ko. Maloom. Ha. Ki. Adani. Ka. Kitni. Bar. Nam. Lia. Gaya. Ha
Soros
Ye admi 50 saal back jata he tyagi g do side jata hmesa 😅
Funding yar kese aayga congress ke pass Sab agency government ke pass h jese America ne prof diya h vese do aapki agency kya so rhi h
BJP RSS BJP Sarkar jo hai Adani ke mudde ko bhrashtachar ke mudde ko dabana chahti hai Manipur ko dabana chahti hai Manipur ke mudde ko isliye sansad nahin chalne de rahi hai
PM care Fund ore Electoral Bond Scams karrnay walla kab arrest hoga ?
Halla machane wale neta logon ka pagaar kyon nahin kata jata hai sansad mein Jo bhi kharcha hota hai neta logon ka pagaar se kata jaaye
Vinod bharti bechara kab se congress ke wait kar raha but har bar phuss
Farju repoeter.
what*-++B--J*P*has--Wishthat*-++Georag-Sores*--Why*NO*priority*As*yashodaban&avoidto**--+*M-P*Sonia*Gandhji**--++!?
😂😂😂😂😂😂USA ka organization hai ,itna bada matter destabilisation of country ,per USA se baat nehi ,US ambassador se baat nehi kar rahe hain . under 100seats wale cong kitna powerful hai ,yehi bata raha hai bjp .
K C T ki satta ke sath rehna hai chahe iss trah ya uss trah......😂
Modi ko janch krte huye 10 sal ho gya sab agency iski h fir ye hai toba kyon adani ko kro America ke hwale ro jorj sos ka janch kro na Sab kuch tumare hath me h khali bakwas krne se thoda public manlegi Aaj tak me kisi ke khilaaf sabot nhi mila
What is more important for indian economy soros or adani
Modi ji itne acche kam kar rahe hain kya Aaj Tak kisi Sarkar ne itne se Kam nahin Karen
Sandip Chaudhary ko india ke charo taraf ki ghtna nahi dikhati,isko var. Patrakar kaun isko sudhansu relega
china se haarane ke baad neharu ne kya kiya tha . Saare sambandh tod liya tha
Sandeep Chaudhary or Vinod Sharma should marry Sonia Maino and become Sandeep/Vinod Gandhi, so that Sandeep Chaudhary/Vinod Sharma can lead the Congress Party.
BJP or Modi the fast friend of Adaani black empire are one and samething is well known.
Bharat Desh vah vah
Sandeep ji you are always invite Vinod Sharma, who is a Pro Congress-Leftist idology & anti BJP-RSS journalist, as a panel member for which ABP has importing Chitra Tripathy Madam to establish News Chanel in new order.
Vinod bol raha hai 80 % janta idiot hai to vinod ne kab aur kaise survey karaya aur vinod khud kahan hai sun raha hai vinod
Jaychand bhi baitha hai yanha
बीजेपी सरकार ज़िंदाबाद
Adani koi Mudda nahi income bhatkane ka Mudda hai
Congress agent h sandeep
Vinod Sharma thinks people if India would believe him. He is a congressman to the core and he is doing the same for what he is blaming the govt on the basis of superficial, flimsy and even stupid arguments. When did our govt defended Adani in US case?
How does he know that our govt is not doing anything in Soros case?
Us he not aware of the fact that we have serious differences with China but still in larger interests of the nation we do have business with china.
Our govt is a responsible govt so only people like vinod sharma expect knee-jerk reactions from our govt.
I have listening to this so called journalist, who seems to be a congress propaganda mouth piece and nothing else. He is defending soros-congress nexus despite of the fact that Soros openly stated to have allocation of millions dollars for change of Modi govt at the centre.
Ap sab vipaksh ka propoganda chalane ke liye patralaro ko kya dalali milti hai.
Abe c...... Bjp kyo backfoot pe aayegi .public ko samaj me aa raha hai sab.
HAIL MY LORD VISHV SCAM GURU NARENDRA SCAMODARDAS JHUMLODI URF PARIYON KE PAPA.😂😂
BJP\EVM hatao desh bachao jai bhim jai bahujan samaj SC St Obc jindabad jitega India Rahul Gandhi ji kharge ji Akhilesh ji mayavati ji lallu Prasad ji Stalin ji jindabad
BJP jindabad Tit for tat most welcome
Sarkaar ki Adani ke naam Par inni Fatbe kyun lag Jaati hai.
Vinod sharma अमेरिका कौन होता है हमारे उद्योगपति को कटघरे में खड़ा करने वाला??
इमरजेंसी के समय आंनद बाजार पत्रिका सरकार को समर्थन कर रही थी और abp न्यूज़ उसी संस्था द्वारा संचालित है। दरबारी दारूबाज पत्तल कार विनोद बेशर्म का दर्द आप समझ सकते हैं।
Vinod sharma Ji... Itni chatukaritaa karte Hain unko sirf external affairs ministry ki chahiye... Yahan ki SEBI ka koi matlab nahi aur US jo bole ohh sab sahi... This guy is literally pathetic
Lagta h sabse jayda samzdar log INDI alliance main h esi liye bar bar janta inko bhar ka rasta dekhate h .
Pappu media. Tum saab george se funding lete ho.
Sarkar pass aukat hai toh dono muddy ko janch karle Kan sahi Kan galat hai sab pata chalgaiga
Abp us traitor channel
जब से मोदीजी प्रधानमंत्री बने हैं , तब से राहुल गांधी ने संसद चलने ही कब दिया है ?
yeh vinodji humesha kahe congress rahul soniaji ko bachane ajate hai. har channel per yehi karni hia
Rahul ko andar kar do sab gaddar bil me chala jayega
राज्यसभा के सभापति के
विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव
लाया ही नहीं जा सकता -
केवल उपराष्ट्रपति को
संविधान के अनुच्छेद 63
और 67(B) के अंतर्गत ही
हटाया जा सकता है -
राज्यसभा के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने मूर्खता दिखाते हुए सभापति जगदीप धनकर के विरुद्ध संविधान के अनुच्छेद 67(B) में “अविश्वास प्रस्ताव” का नोटिस दिया है जबकि एक से बढ़कर एक कांग्रेस के पक्ष में खड़े रहने वाले सभापति आए जिनमे हामिद अंसारी प्रमुख थे, मगर उस समय का विपक्ष कभी उनके विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया -
कहीं कहीं 67 (बी) के बारे में लिखा है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से हटाया जा सकता है जो आधी अधूरी परिभाषा है -
राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते है और वे राज्यसभा से चुने नहीं जाते - जो व्यक्ति चुना ही नहीं गया उसके खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है - उपराष्ट्रपति राज्यसभा के ex officio पदाधिकारी होते हैं यानी जो भी उपराष्ट्रपति होगा, वह राज्यसभा का सभापति होता है - इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 63 और 67 बी) दोनों को मिला कर हटाया जा सकता है -
राज्यसभा पहले प्रभावी बहुमत से उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रताव पास करती है और यदि लोकसभा भी प्रभावी बहुमत से संतुति करती है, तब ही उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है लेकिन सभापति के रूप में उन्हें नहीं हटाया जा सकता - अनुच्छेद 63 और 67(बी) के अनुसार केवल उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है -
अब विपक्ष ने नोटिस केवल अनुच्छेद 67 (बी) में नोटिस दिया है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि उपराष्ट्रपति को हटाने के अनुच्छेद 63 में पहले राज्यसभा प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पास करेगी और फिर 67(बी) में लोकसभा प्रभावी बहुमत से सहमति देगी -
विपक्ष ने सभापति के विरुद्ध “अविश्वास’ प्रस्ताव दिया है जिसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उसका कोई प्रावधान संविधान में नहीं है - और विपक्ष ने उपराष्ट्रपति हटाने का प्रस्ताव दिया ही नहीं है - विपक्ष ने तो सभापति के खिलाफ “अविश्वास” प्रस्ताव दिया है - वैसे भी पहले तो राज्यसभा से प्रस्ताव पारित नहीं होगा और कल्पना कीजिए हो भी गया तो क्या लोकसभा में विपक्ष के पास संख्याबल है प्रस्ताव को पारित कराने के लिए -
मकसद विपक्ष का केवल दोनों सदनों की कार्यवाही को ठप करना है और संसद पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए को आग लगाना है - ये है सही मायनों में “देशद्रोह” और संविधान की हत्या -