मैंने ऐसे ही एक लुगदी उपन्यास पढ़ा था आवारा" उसके लेखक का नाम तक मुझे पता नहीं लेकिन उसके चरित्र और लेखक का अंदाजे बयां मेरी जिंदगी और पर्सनेलिटी में छप गए हैं....चूंकि उन चरित्रों को आजकल पसंद नहीं किया जाता इस वजह से शायद मैं लाइफ में सफल नहीं हो पाया।😢
यह अचानक कैसे पाठकजी प्रगट हो गये। यूट्यूब का कमाल है। किन्तु बहुत अच्छा लगा और बचपन याद आ गया। उस समय केजासूसी लेखक ज्सिसे ओमप्रकाश शर्माजी ।एस एम पी।वेद प्रकाश का।म्बोज। कर्नल रणजीत। आदि इन लेखको किताबो का इन्तज़ार रहता था और हाथो हाथ बिकती थी। खूब पढ़ने का शौक था। सामाजिक उपन्यास में रानू । गुलशन नंदा।आदि के उपन्यास भी खूब याद आ रहे है। जगह-जगह लायब्ररीया थी। समय की महिमा है। एक अच्छा दौर था।
संजोग की बात है कि मैं (हरिओम सिंगल) सचिन नाम से शनु बाल पाकेट बुक्स में सुरेन्द्र मोहन पाठक के साथ एक सेट में छपते थे। वहां उनसे अच्छी खासी मित्रता थी। बाद में मैंने यह लाइन छोड़ दी। 1983 के बाद उनसे कोई सम्पर्क नहीं रहा। योगेश मित्तल का इन्टरव्यू देखने के बाद पाठक साहब का इन्टरव्यू देखा तो पुरानी यादें ताजा हो गई।
I tried a lot to find any thesis/scholarly study/book on the history, popularity, societal impact of Hindi/Urdu fiction and populist literature. But sadly there is absolutely no work published on this topic. Sad to see how neglected this is, perhaps the taboo of being pulp and substandard from a literary view point is one of the reasons for a complete neglect.😢
मैं भी पाठक साहब का जबरदस्त फैन हूँ। रहा हूँ। आरम्भ में उनके उपन्यास "हत्यारे" और "बन्दर की करामात" पढ़कर मैंने पाठक साहब को दिल में बसा लिया था।
स्कूल कॉलेज के दिनों में जिन्हें लुका छिपी से पढ़ा , उन्हें बहुत खूबसूरती से आपने सामने ला दिया । पुराने दिन याद आ गए । शानदार शुरुआत की बधाई । 🎉🎉🎉
..…. साक्षात्कार नहीं! लगा यह कहानी फिर सही.....❤
Living legend है पाठक जी।
अद्भुत...सुरेंद्र मोहन पाठक को एक समय में खूब पढ़ा था...बीते दिन याद आ गए।
Wah legend is still alive! Once he ruled adult entertainment market of India. Manoj comics and raj comics were major benefited from his work.
मैंने ऐसे ही एक लुगदी उपन्यास पढ़ा था आवारा" उसके लेखक का नाम तक मुझे पता नहीं लेकिन उसके चरित्र और लेखक का अंदाजे बयां मेरी जिंदगी और पर्सनेलिटी में छप गए हैं....चूंकि उन चरित्रों को आजकल पसंद नहीं किया जाता इस वजह से शायद मैं लाइफ में सफल नहीं हो पाया।😢
Best hindi crime writer of India🙏 I read the English translation of 65 lakh ki dacaity and I really enjoyed the book🙏
Thanks
यह अचानक कैसे पाठकजी प्रगट हो गये। यूट्यूब का कमाल है। किन्तु बहुत अच्छा लगा और बचपन याद आ गया। उस समय केजासूसी लेखक ज्सिसे ओमप्रकाश शर्माजी ।एस एम पी।वेद प्रकाश का।म्बोज। कर्नल रणजीत। आदि इन लेखको किताबो का इन्तज़ार रहता था और हाथो हाथ बिकती थी। खूब पढ़ने का शौक था। सामाजिक उपन्यास में रानू । गुलशन नंदा।आदि के उपन्यास भी खूब याद आ रहे है। जगह-जगह लायब्ररीया थी। समय की महिमा है। एक अच्छा दौर था।
Thanks from team @khataakk. You can watch Vedprakash Kamboj as well in this series of pulp podcast.
लेखक की राख पर भी पब्लिशर का अधिकार... लाजवाब...
Mxt🎉
You are our Raj Kumar Hirani Pathak ji greatest entertainer
Vimal series the best
Thanks from Team Khataakk
सर,प्रणाम आप को बचपन से देखा है पिता जी आप को खूब पढ़ते थे आज पहली बार आप को वीडियो मे देख रहा हु
@@sushilkrrawat3456 Thanks from team khataakk
यशवंत सर राइटिंग का क्रैश कोर्स करा दिया खटाक से 😄
सही कहा आपने ।
संजोग की बात है कि मैं (हरिओम सिंगल) सचिन नाम से शनु बाल पाकेट बुक्स में सुरेन्द्र मोहन पाठक के साथ एक सेट में छपते थे। वहां उनसे अच्छी खासी मित्रता थी। बाद में मैंने यह लाइन छोड़ दी। 1983 के बाद उनसे कोई सम्पर्क नहीं रहा। योगेश मित्तल का इन्टरव्यू देखने के बाद पाठक साहब का इन्टरव्यू देखा तो पुरानी यादें ताजा हो गई।
Thanks from team @khataakk
Happy Diwali and Thanks 😊
Very interesting and informative video
Thanks from team @khataakk
Sunil Vimal very motivational characters
wow! yashwant sir Gazzab!
Thanks from Team @khataakk
Great conversation .
Aaj podcast complete ho gaya...3-4 tukdo me dekh paya. lekin bahut rochak batchit rahi...
Naye podcast ka intzaar rahega...
बहुत शानदार।
Simple, engaging and great podcast. Just like your personality. Every year you do something new and surprise everyone. Waiting for more 'khataakk'
Sarikhushiyansaaregham
NayaZamana. MoviekeliyeAnandBakhshinelikhatha
वाह
Waah
Thanks from Team @Khataakk.
Wah maza aa gaya
चुभने वाली रोशनी के जेरेसाया.. बहुत रोचक साक्षात्कार.. जासूसी लेखन के आख़री मुग़ल श्री सुरेंद्र मोहन पाठक जी...।
Thanks from team @khataakk
Thanks for team Waley Huzoor chubhne wali roshni ke zeresaya ka bhi dhyan rakhein huzoor.
Happy Diwali Shaandar
Vimal series pe web series banni chahiye
श्री सुरेंद्र मोहन पाठक जी को मैंने बहुत पढ़ा है वह बहुत अच्छे कलाकार और लेखक हैं आप वेद प्रकाश कंबोज और इब्ने सफी पर भी वीडियो बनाया कृपया
Thanks. Listen Sh Ved Prakash Kamboj here. Ep #2 : Detective Novelist Ved Prakash Kamboj
th-cam.com/video/CWYChWuT0Dc/w-d-xo.html
Favourite lekhak
अच्छा इंटरव्यू
Thanks from Team Khataakk.
Boss Author.
smp बेहतरीन लेखक हैं
I tried a lot to find any thesis/scholarly study/book on the history, popularity, societal impact of Hindi/Urdu fiction and populist literature. But sadly there is absolutely no work published on this topic. Sad to see how neglected this is, perhaps the taboo of being pulp and substandard from a literary view point is one of the reasons for a complete neglect.😢
Thanks from Team khataakk. Hope, you will like this series .
परशूराम शर्मा और अनिल मोहन का भी साक्षत्कार दिखाएं।
Sure.
Pathak Saab kon si Brand ki whisky pee rhe h is interview me
Neelam ko wapis layo Pathak ji
jasoosi wala chracter sunil reporter mast mix language mast
price jyada ja rhe hai
ye acha likte hai, style alag hai...connect ker pate hai
पैराडाइज सिटी! जेम्स हेडली चेज का नकली शहर था!