राहुल सिंह सूचना आयुक्त ने दी सूचना के अधिकार पर जानकारी ।
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 11 ต.ค. 2024
- केन्द्रीय सूचना आयोग ने कहा, पत्नी को पति की आय जानने का अधिकार
*- सूचना का अधिकार पर अहम फैसला*
जोधपुर. सूचना का अधिकार कानून के तहत अब कोई भी पत्नी अपने पति की वार्षिक सकल आय जान सकती है। केन्द्रीय सूचना आयोग ने एक अहम आदेश में आरटीआई के तहत पत्नी को अपने पति की सकल आय जानने का हकदार माना है। आयोग ने साफ कर दिया कि ऐसी सूचना अधिनियम के तहत सूचना प्रकट करने से छूट की श्रेणी में नहीं आती। केन्द्रीय सूचना आयुक्त नीरज कुमार गुप्ता ने आयकर विभाग जोधपुर के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी के विनिश्चय को विधिसम्मत नहीं मानते हुए 15 कार्य दिवस की अवधि में अपीलार्थी पत्नी को अपने पति की सकल आय और कर योग्य आय का विवरण उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं।
केन्द्रीय सूचना आयोग के समक्ष ऑडियो कॉल से हुई सुनवाई में अपीलार्थी जोधपुर निवासी रहमत बानो की ओर से पैरवी करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर ने कहा कि अपीलार्थी ने आरटीआई के तहत आवेदन कर अपने पति के आयकर रिटर्न की प्रति चाही थी। जिसके जवाब में आयकर विभाग जोधपुर के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी ने अपने विनिश्चय में कहा कि चाही गई सूचनाओं का सम्बन्ध तृतीय पक्षकार से होने से तृतीय पक्षकार को नोटिस दिया गया था। जिस पर तृतीय पक्षकार ने अपनी निजी सूचनाओं को उपलब्ध करवाने पर असहमति दी है। ऐसे में अधिनियम की धारा 8(1) (जे) के आलोक में आवेदक को सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती। आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील की, लेकिन प्रथम अपीलीय अधिकारी ने केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी के विनिश्चय को सही ठहराते हुए अपील नामंजूर कर दी।
गिरीश देशपाण्डे जजमेंट यांत्रिकी रूप से लागू करना गलत: हैदर
केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी के विनिश्चय और प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश से आहत होकर रहमत बानो ने केन्द्रीय सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की। जहां पर सुनवाई के दौरान अपीलार्थी के अधिवक्ता रजाक के. हैदर ने आयोग को बताया कि अपीलार्थी और उसके पति के बीच आपसी विवाद होने के कारण पत्नी ने जोधपुर के सक्षम न्यायालय में भरण पोषण के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रखा है। जहां पर पति की आय के आधार पर ही न्यायालय से उचित भरण पोषण का आदेश होता है। केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का विनिश्चय अपीलार्थी के भरण पोषण के अधिकार के सही निर्धारण में बाधक बन रहा है। उन्होंने दलील दी कि किसी भी कानूनी प्रावधान को इस प्रकार से व्याख्यायित नहीं किया जा सकता कि वह किसी अन्य कानून के तहत उपलब्ध उपचार को अर्जित करने की संभावना को समाप्त कर दे। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया द्वारा 'गिरीश देशपाण्डे बनाम केन्द्रीय सूचना आयोग व अन्य' मामले में पारित आदेश हर प्रकरण में यांत्रिकी रूप में लागू नहीं किया जा सकता। उक्त न्यायिक दृष्टांत तृतीय पक्षकार की निजी सूचनाओं को केवल उस स्थिति में संरक्षित करता है, जब सूचनाओं को सार्वजनिक करने में व्यापक जनहित नहीं हो। पत्नी द्वारा अपने भरण पोषण के विधिक उपचार को हासिल करने के लिए अपने पति की आय सम्बन्धी सूचनाएं लेना व्यापक जनहित के समकक्ष ही है। तृतीय पक्षकार की निजता का दायरा इतना व्यापक नहीं हो सकता है कि वह अन्य नागरिक के कानूनी अधिकार को शून्य कर दे। आय के निर्धारण में आयकर विभाग के आंकड़े ही पर्याप्त साक्ष्य होते हैं। आय सम्बन्धी सूचनाएं सार्वजनिक होने से तृतीय पक्षकार को किसी भी तरह से अपूरणीय क्षति होने की आशंका नहीं है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने 'सुनीता जैन बनाम पवन कुमार जैन', 'सुनीता जैन बनाम भारत संचार निगम लिमिटेड' तथा बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'राजेश रामचन्द्र किडिले बनाम महाराष्ट्र राज्य सूचना आयोग व अन्य' के प्रकरण में गिरीश देशपाण्डे मामले में पारित आदेश पर विचार करने के बाद भी पत्नी को पति की आय जानने का हकदार माना है।
संसद या राज्य विधान मण्डल के समान है नागरिक का अधिकार
अधिवक्ता हैदर ने यह भी कहा कि कानून के मुताबिक धारा 8(1)(जे) के तहत सूचना प्रदान करने से छूट उस स्थिति में ही है, जब ऐसी सूचना को संसद या राज्य विधानमण्डल के समक्ष भी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। यानी धारा 8(1)(जे) के तहत व्यक्तिगत सूचना के प्रकटीकरण में छूट को लेकर सामान्य नागरिक का सूचना का अधिकार देश की संसद और राज्य विधानमण्डल के समान है। हस्तगत प्रकरण में सीपीआईओ ने अपने विनिश्चिय में कहीं पर उल्लेख नहीं किया है कि आवेदन में चाही गई सूचना को संसद या राज्य विधानमण्डल में भी मना किया जा सकता है। ऐसे में आवेदक को सूचना से वंचित किए जाने का सीपीआईओ का विनिश्चय विधिविरुद्ध होने से खारिज होने के योग्य है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 'जयनारायण जाखड़ बनाम सीआईसी' मामले में स्पष्ट कर दिया है कि तृतीय पक्षकार की आपत्ति पर भी लोक सूचना अधिकारी को सूचना से वंचित करने का कोई अधिकार नहीं है। तृतीय पक्षकार की आपत्ति को दरकिनार कर न्यायहित में सूचना उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
15 कार्य दिवस में बतानी होगी आय
सुनवाई के बाद केन्द्रीय सूचना आयुक्त नीरज कुमार गुप्ता ने अपीलार्थी के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को 15 कार्यदिवस की अवधि में अपीलार्थी रहमत बानो को अपने पति की कर योग्य आय/सकल आय का विवरण उपलब्ध करवाने का आदेश पारित किया। आयोग ने यह भी कहा कि इसके अलावा तृतीय पक्षकार की निजी सूचनाएं और आयकर रिटर्न की प्रति सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
क्या है धारा 8 (1) (जे) ?
धारा 8 (1)- इस अधिनियम में किसी भी बात के अन्तर्विष्ट होते हुए भी किसी नागरिक को निम्नलिखित सूचना प्रदान करने की कोई बाध्यता नहीं होगी,- (जे) - ऐसी सूचना, जो व्यक्तिगत सूचना से सम्बन्धित होती है, जिसका प्रकटीकरण किसी लोक गतिविधि या हित से सम्बन्ध नहीं रखता है, या जो व्यक्ति की एकांतता को बचाने के लिए आवश्यक हो,
I salute you Sir ji, As You are working for providing justice to victimising poor people of our society. 🙏🌹🙏thanks 🙏🌹🙏
Thank you so much sir bahot achha guaide Kar rahe hai aap jaise officer pure India me nai dekha na hoga
Jai ho sir
सर आप आरटीआई कार्यकर्ताओं के लिए देवतुल्य हे प्रणाम करता हूं
Sir Morning Many Many thanks come live I am UP Moradabad
आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं सर जी। आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
सेवा सहकारी समितियों से सुचना के अधिकारी तहत जानकारी प्राप्ति का तरीका
सर एक सूचना का अधिकार के आवेदन तहत पुलिस अधीक्षक आवास में गोपनीय शाखा में एक शिक़ायती प्रार्थना पत्र की सूचना मांगी तो थानाध्यक्ष द्वारा खिल्लत मिल्लत होने से संबंधित सूचना प्रदान की। इस संबंध में आगे मुझे क्या करना चाहिए मुझे मार्गदर्शन दीजिए।
3:50 😮sir. Vajariye Dak. Uchit maddhyam. Sahab
Sir aapake live karya ka samaya wa din kya hai kripya bataye
नमस्कार सरजी,सुचना अधिकारी केखिलाफ कम्प्लेंट है, सुचना अधिकारी खुद आर टी आय देख रहे है.आपके आफीस में कुछ सरकुलर बताईए.
पोस्टल ऑर्डर पर आरटीआई का आवेदन शुल्क के नाम से पे करना है
लोक सूचना अधिकारी
लेखा अधिकारी
व्दितीय अपील किये 2 माह से अधिक हो गये सुनवाई में कितना समय लग सकता है
Respected Sir, मैने एक RTI का अर्जी जो कि आईसीआईसीआई लोमबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भेजा था वहा से तीस दिन के अंदर कोई जवाब नही आया तो फिर मैने पहली अपील की। उसका भी कोई जवाब नही आया। फिर मैने राजस्थान राज्य सूचना आयोग में फोन किया तो वहां से कुछ सही मार्गदर्शन नही किया। मुझे कहां आरटीआई की अर्जी लगानी चाहिए कि मुझे इस कंपनी से टाइम पर सही जवाब मिले जबकि आईसीआईसीआई लोमबार्ड एक प्राइवेट कंपनी है तो । कृपया इस बारे में थोड़ा मेरा मार्गदर्शन करे तो बड़ी मेहर बनो होगी सर। क्या यह संभव होगा की इस कंपनी से सूचना लेने के लिए मैं मेरी जी IRDAI हैदराबाद को भेजूं सीपीआईओ सर को ।
Sar kisi bhi government karmchari ki byaktigat nasti and seva pustika rti ke dare me Aatif hai kya
सर मेरी अपील पिछले डेढ़ वर्षो से आपके न्यायालय मैं लंबित है अभी इसमें और कितना समय लग सकता है
नमस्ते सरजी
Sir, agar suchana ayuct hi bina suchana dilaye hi mamale ka nistaran kar de aur adesh me suchana dene ki baat kahi gayi ho, to kya kare
Sir. Ayog me kitne dino tak suchna dilaya jane ka provdhan hai
Sir ham ak jankari ko kitne bar le sakte hai kya bar bar avedan kar sakte hai
सर मेने राज्य सूचना आयोग्य को 1 महिना हो गया कोई जवाब नही जनपद और ग्राम पंचायत भोपाल सर क्या करे रजिस्टर डाक से भेजा था
Sir rti uttar pradesh se bhejna chata hu to usme 10 rupees ka coourt stamp lag sakte h kya
Postman deliverdto other than pio what happen then plz convey
एक सवाल दो तरह जबाब देने क्या इफाइयार दर्ज हो जायेगी
Sir RTI karne ke baad phone par धमकी di gai to kya karna chahiye
Sar main Shahnawaz Khan Gwalior se Maine Sar Ek RTI CSP office Gwalior mein Lagai Thi jismein Mujhko jo hai vahan ke piyon Ne Jo Hai vah Jankari Nahin de rahe hain aur Mujhe bhramak Jankari de di hai ki Yahan aapko jo hai yah Nahin Mil sakti hai to please Sar ismein meri koi madad Karen bataen Ki Main Kya Karun
SOR JI YADI PIO APEELIY ADHIKATI KE NIRDESHO KE BAD BHI SUCJNA N DE TO KYA KAREN SAURABH SHARMA UP
sir, in case if the applicant does not know the details of First Appellate Authority & also the address as the letter of CPIO is silent on the details of FAA.Kindly help in this regard
regards
Rajendra Agarwal
मेरे पैतृक जमीन जो 42 साल पूर्व निबंधित डीड से खरीदी गई है उस जमीन का एक फर्जी कागज बना कर एक व्यक्ति अंचल अधिकारी के पास आवेदन देकर जमाबन्दी खुलवाने का आवेदन दिया । मुझे पता चलने पर पीओ अंचल अधिकारी से RTI के अंतर्गत आवेदन की प्रतिलिपि और उसपर की गई करवाई और आदेश की कॉपी मांगी ,पर pio ने देने से इनकार किये कि इसकी सूचना नहीं दी जा सकती । कृपया निर्देश देने की कृपा की जाए ।
Màhoday ji sadar pranam nivedan swikar kre mahoday ji mahoday ji Sadar pranam mein Santosh Rai lakhnadon jila shivni se mahoday Ji mein kendriya suchna aayog se nivedan ka karne ke uprant bhi jankari adhuri Di gai hai mai mai High court ki taiyari kar raha hun uchit sujhav den kyunki aana bedak har bar Dhara 8 .1 j ka ullekh karta he ji
Jabki mamla nsdc ka he Pradhanmantri Kaushal Vikas Yojana
जिल्हा अकोला महाराष्ट्र
Dharm Shahnawaz Khan Gwalior se bol baat kar raha hun comments de raha hun aapko Maine Ek RTI Lagai Thi CSP office Gwalior mein jismein se pione mere ko jo hai galat Jankari de di aur vah Mujhe Jo Hai Sahi Jankari De Nahin rahe hain aur iske liye Meri madad Kijiye ki aap tak Mein Shikayat Kaise pahunchaun
सूचना आयोग किसी केश को कितने दिनों में निप्तारा करती है
सर जी क्या सेकेंड अपील 90 डे के बाद भी की जा सकती हैं क्या
Rti ki sabse best books kon si hai please sir margdarsan debr
माननीय सूचना आयुक्त महोदय जी आरटीआई आवेदन व प्रथम अपील के माध्यम से जानकारी लोक सूचना अधिकारी के द्वारा प्रदान नहीं की जाती है द्वितीय अपील मुख्य सूचना आयुक्त महोदय जी के पास तीन महाशय पेंडिंग है ना हमें किसी प्रकार की सूचना प्रदान की गई है उसका निराकरण कितने दिनों में हो पाएगा मैं प्रार्थी रोहित बछानिया ग्राम जटाशंकर तहसील बागली जिला देवास
सूचना अधिकारी जवाब तो देते है लेकिन जानकारी न देकर बार बार ये लिखते हैं की मांगी गई जानकारी स्पष्ट नहीं है एवम विशिष्ठियां स्पष्ट नहीं है
Chif minister bihar jantadarbar mai rti kar sakta hu
Nameskar Sir, please sampatti ki suchna awadek ko de Jani chahiye ya nahi.
सर मैंने आपको सुन सुन कर RTI जोधपुर डिस्कॉम जैतारण ( पाली ) ने RTI निरस्त कर दिया राज्य
सूचना
आयोग मै शिकायत की तो फोन आया औऱ पूछा कोनसी सुचना चाहिए मिल जायेगी।
Sirji, rajaswa lekhpal ko Jan suchana Adhikari banaya ja sakta.
Sir may I file complaint online in Information commission Rajasthan
आर टी आई आवेदन जानबूझकर वापस कर देने पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई किन किन धाराओं के तहत क्या, क्या कार्रवाई करने का प्रावधान है कृपया स्पष्ट मार्गदर्शन करें आपका रामगोपाल विश्वकर्मा बाराबंकी
Kya Sar per Jari Shikshak ke bare mein bata sakte hain aapko ham
श्री मान जी पुलिस अगर regd डाक से भेजता है तब वो आवक जावक रजिस्टर को बदल नही सकते और पुलिस झूठ बोलती है की जवाब भेज दिया था साधारण डाक से माननीय आयोग मान भी लेता है
second apeel ki sunvai jalti kaise ho
Nice
Sir ak avedan par kitani jankari mag sakate hai pls batao
Call me 7999827209
Sir please Mera bhi avedan asivkrt kar Diya Gaya
Hello sir fast appeal suwai me Jana jaruri hota he kya
सूचना प्राप्त होने से पूर्व मान्य सूचना आयोग में वाद निस्तारित कर दिया जाता है तो क्या करें
Sir ji Mai up say ho galat suchna danay per dhara18may sikayat ker saktay hai
Sir panchayat sachiv ne RTI ka reply nhi kiya , first apeal adhikari kon hoga.
Sir ji rewa me hi itna problem kyu rahta hai har department me 🙏
Suchna nahin suchna nahin Dena kya Mana adhikaron ka Anand Mana jayega
Hii
Helo
माननीय सूचना आयुक्त महोदय जी आरटीआई आवेदन व प्रथम अपील के माध्यम से जानकारी पुलिस थाना बागली जिला देवास वा सामुदायिक स्वास्थ्य वा चिकित्सालय बागली जिला देवास लोक सूचना अधिकारी के द्वारा प्रदान नहीं की जाती है द्वितीय अपील मुख्य सूचना आयुक्त महोदय जी के पास तीन महा से पेंडिंग है ना हमें किसी प्रकार की सूचना प्रदान की गई है उसका निराकरण कितने दिनों में हो पाएगा मैं प्रार्थी रोहित बछानिया ग्राम जटाशंकर तहसील बागली जिला देवास
सर फेसबुक पेज किस नाम से है मेने सर्च किया पर मिल नही रहा है
राहुल सिंह राज्य सूचना आयुक्त मध्य प्रदेश
माननीय महोदय यदि लोक सूचना अधिकारी है समय पर जवाब नहीं देता है तो क्या समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी राज्य सूचना आयुक्त को शिकायत दे सकते हैं