11 ब्राह्मणों द्वारा गणपतिअथर्वशीष पाठ एवम सहस्त्रनाम द्वारा 1 हजारमोदक द्वारा हवन उज्जैन 8827090270
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- เผยแพร่เมื่อ 21 ส.ค. 2024
- शास्त्री सचिन तिवारी उज्जैन
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गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ कराने से जातक के कुंडली में अशुभ ग्रह शांत होते हैं। साथ ही भाग्य के कारक ग्रह और बलवान होते हैं।
गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाता है। इससे दिमाग स्थिर रहते हुए सटीक निर्णय लेने में सक्षम होता है।
अगर ये पाठ किया जाए तो जीवन में स्थिरता आती है। कार्यों में बेवजह आने वाली रूकावटें दूर होती हैं और बिगड़े काम बनने लगते हैं।
अथर्वशीर्ष स्तोत्र के पाठ से मनुष्य के जीवन में सर्वांगीण उन्नति होती है।
इसके पाठ से सभी प्रकार के विघ्न-बाधाएं दूर होती है।
व्यापार या नौकरी में उन्नति होती है।
आर्थिक समस्या दूर होने के साथ समृद्धि बढ़ती है।
विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में आ रही रुकावटें दूर होती है।
विचारों से नकारात्मकता खत्म होती है और पवित्रता आती है।
शादी विवाह ये योग बनते है।।
विवाह मैं आ रही समस्या दूर होती है।
जिनकी कुंडली में राहु, केतु और शनि का अशुभ प्रभाव पड़ रहा हो उनके लिए ये पाठ बहुत लाभदायक है. ऐसे व्यक्ति को गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ कराना चाहिए. इससे व्यक्ति के दुखों का अंत हो जाता है.
अगर पढ़ाई में बच्चे और युवाओं का मन नहीं लग रहा है, पढ़ाई के दौरान ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हों तो नियमित रूप से रोजाना ये पाठ करें. इससे एकाग्रता बढ़ती है.
शास्त्री सचिन तिवारी उज्जैन
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