बुलन्द आवाज के धनी भूपेंद्र जी को परमात्मा चिरायु करे,,महाशय जी को 2002 आर्य समाज फेफाना तहसील नोहर में व 1997 गांव गुलाबगढ़,पल्लू,जिला हनुमानगढ़ में सुनने का सौभाग्य मुझे भी मिला है,,,
दुनिया सारी वेद बिना,दुखिया भारी वेद बिना,,मेरा भारत था मश हूर किसी दिन वीर विदुषी छोरी से जैसा चाहती वही बनाती मां बच्चे को लोरी से उठो दयानंद के सिपाहियो ये भूमि राम और श्याम की बदनाम ना हो जाए डर है कि कहीं जिंदगी नाकाम ये हो जाए जैसे मनभावन भजन पंडित जी के मुख से 20 वर्ष पहले फेफाना में सुने,आज भी याद हैं,,,सादर नमस्ते जी
मंचासीन विद्ववतवर आर्य भजनोपदेशक महोदय , नमस्ते जी। भावोतप्रोत भजनों को श्रवण क्रिया। सर्व प्रथम परोपकारिणी सभा के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का ॠणी हुं जो यथा समय सव के प्रेरणास्रोत भजनों द्वारा मार्ग दर्शन करने केलिए अहृनिश कटिबद्ध हैं। भविष्य में भी इसी प्रकार वैदिक भजनों की अमृतवाणी सुनाते हुए कृपा करेंगे। भवदीय हुकम चंद कश्यप, कांगड़ा हिमाचल प्रदेश।
पंडित कुंवर भूपेंद्र सिंह जी आर्य को जालोर राजस्थान से सादर नमस्ते जी आज से लगभग तीस पैंतीस वर्ष पहले आपके जालोर आगमन पर आपसे मिलना हुआ था अगर मोबाइल नम्बर होतो भेजें
बहुत ही सुंदर भजन सादर नमस्ते पंडित जी 2:16
बहुत शानदार प्रस्तुति चौधरी साहब
पँडित भूपेन्द्र सिंहजी को में पिछले 40वर्षो से जानता हूँ बहुत ही रूचि के साथ आर्य समाज का प्रचार प्रसार करने के दीवाने ।
dhanye ho ape mahatman
बहुत ही सुन्दर भजन आदरणीय नमस्ते महाशय जीराजेनदरबेरीमथुरा
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी है मैं आपको नमन करता हूं आप लंबी आयु जिए
पूज्य आदरणीय ताऊश्री नमस्ते जी बहुत सुंदर भजन आपका राजेंद्र आर्य बेरीमथुराउप
बहुत अच्छा
ओम महाशय जी नमस्ते बहुत बढ़िया करके इस गीत को आप ने सजाया है
Param pujani pandit ji ko namaste prem d/o Geeta bai
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌👌🙏
वीर रस के कवि पंडित भूपेंद्र सिंह जी आपने जो वीर रस की कविताएं प्रस्तुत
बहुत सुंदर संदेश आपकी आयु से हमें भी प्रेरणा मिलती है पूरा जीवन परोपकार में प्रचार मैं आपका रहा बहुत बहुत धन्यवाद
आज भी वही खनक है इनकी आवाज में
बहुत ही सुन्दर अपने देश का गौरव मयी इतिहास हमें गर्व है अपने देश आर्यावर्त पर
बुलन्द आवाज के धनी भूपेंद्र जी को परमात्मा चिरायु करे,,महाशय जी को 2002 आर्य समाज फेफाना तहसील नोहर में व 1997 गांव गुलाबगढ़,पल्लू,जिला हनुमानगढ़ में सुनने का सौभाग्य मुझे भी मिला है,,,
बहुत सुन्दर
पंडित कुँवर भुपैंदरसिंहजी आर्य की जय हो
दुनिया सारी वेद बिना,दुखिया भारी वेद बिना,,मेरा भारत था मश हूर किसी दिन वीर विदुषी छोरी से
जैसा चाहती वही बनाती मां बच्चे को लोरी से
उठो दयानंद के सिपाहियो
ये भूमि राम और श्याम की
बदनाम ना हो जाए
डर है कि कहीं जिंदगी नाकाम ये हो जाए
जैसे मनभावन भजन पंडित जी के मुख से 20 वर्ष पहले फेफाना में सुने,आज भी याद हैं,,,सादर नमस्ते जी
मंचासीन विद्ववतवर आर्य भजनोपदेशक महोदय , नमस्ते जी। भावोतप्रोत भजनों को श्रवण क्रिया। सर्व प्रथम परोपकारिणी सभा के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का ॠणी हुं जो यथा समय सव के प्रेरणास्रोत भजनों द्वारा मार्ग दर्शन करने केलिए अहृनिश कटिबद्ध हैं। भविष्य में भी इसी प्रकार वैदिक भजनों की अमृतवाणी सुनाते हुए कृपा करेंगे। भवदीय हुकम चंद कश्यप, कांगड़ा हिमाचल प्रदेश।
ओ३म नमस्ते जी
Om namaste ji.
🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Bahut Achcha utsah hai Swar Bhav bahut acche Lage
v.good
सभी वेद के ब्राह्मणों को मेरा प्रणाम 🙏
पंडित कुंवर भूपेंद्र सिंह जी आर्य को जालोर राजस्थान से सादर नमस्ते जी
आज से लगभग तीस पैंतीस वर्ष पहले आपके जालोर आगमन पर आपसे मिलना हुआ था
अगर मोबाइल नम्बर होतो भेजें
Om namaste Bhupendra ji Arya bhajan bahut hi achcha Laga dhanyvad
qq
अति उत्तम