सत्यार्थ प्रकाश - नवम समुल्लास | Satyarth Prakash - Chapter 9 | Audio & Text

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ส.ค. 2022
  • सत्यार्थ प्रकाश के नौवें समुल्लास में विद्या, अविद्या, बंध और मोक्ष की व्याख्या की गई है |
    महान समाज सुधारक "महर्षि दयानन्द सरस्वती" द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश का प्रयोजन सत्य को सत्य और मिथ्या को मिथ्या ही प्रतिपादन करना है।
    सत्यार्थ प्रकाश 14 समुल्लास अर्थात् चौदह विभागों में रचा गया है :
    1- प्रथम समुल्लास में ईश्वर के ओंकार आदि नामों की व्याख्या।
    2- द्वितीय समुल्लास में सन्तानों की शिक्षा।
    3- तृतीय समुल्लास में ब्रह्मचर्य, पठन पाठन व्यवस्था, सत्यासत्य ग्रन्थों के नाम और पढ़ने पढ़ाने की रीति।
    4- चतुर्थ समुल्लास में विवाह और गृहाश्रम का व्यवहार।
    5- पञ्चम समुल्लास में वानप्रस्थ और संन्यासाश्रम का विधि।
    6- छठे समुल्लास में राजधर्म।
    7- सप्तम समुल्लास में वेदेश्वर-विषय।
    8- अष्टम समुल्लास में जगत् की उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय।
    9- नवम समुल्लास में विद्या, अविद्या, बन्ध और मोक्ष की व्याख्या।
    10- दशवें समुल्लास में आचार, अनाचार और भक्ष्याभक्ष्य विषय।
    11- एकादश समुल्लास में आर्य्यावर्त्तीय मत मतान्तर का खण्डन मण्डन विषय।
    12- द्वादश समुल्लास में चारवाक, बौद्ध और जैनमत का विषय।
    13- त्रयोदश समुल्लास में ईसाई मत का विषय।
    14- चौदहवें समुल्लास में मुसलमानों के मत का विषय।
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ความคิดเห็น • 26

  • @sombirkundu4864
    @sombirkundu4864 8 หลายเดือนก่อน

    शत् शत् नमस्ते गुरु जी

  • @bhamaproductionmovie532
    @bhamaproductionmovie532 3 หลายเดือนก่อน

    सनातन dhram ki jay

  • @Himanjanprabalmisra
    @Himanjanprabalmisra 7 หลายเดือนก่อน

    सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय।

  • @jcc5757
    @jcc5757 ปีที่แล้ว +4

    तस्मैश्री गुरवे नमः

  • @bearded_riffs
    @bearded_riffs ปีที่แล้ว +1

    🙏

  • @kumkummishra9904
    @kumkummishra9904 4 หลายเดือนก่อน

    अनुपम प्रस्तुति 🙏🙏

  • @vijaykumarpatel7001
    @vijaykumarpatel7001 ปีที่แล้ว +5

    Vaidic sanatan Dharma ki JAY

  • @papaidas2532
    @papaidas2532 7 หลายเดือนก่อน

    सुंदर

  • @tritulebhaktiserieshindubh3978
    @tritulebhaktiserieshindubh3978 10 หลายเดือนก่อน

  • @user-fv8xm9nz4m
    @user-fv8xm9nz4m 9 หลายเดือนก่อน

    सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय।

  • @jailosingh
    @jailosingh ปีที่แล้ว +1

    Sadhuvad 🙏🙏

  • @crparankal7983
    @crparankal7983 ปีที่แล้ว +1

    Krinvanto Vishwamaryam......🙏

  • @superiorman9577
    @superiorman9577 ปีที่แล้ว +2

    🙏🙏🚩

  • @SunilKumar-xb1no
    @SunilKumar-xb1no 6 หลายเดือนก่อน

    Nice parva

  • @nkj1612
    @nkj1612 ปีที่แล้ว +1

    🙏👏🏻👏👌🏼✔️

  • @uditkumar7509
    @uditkumar7509 ปีที่แล้ว +2

    I am very affected by this sanskrit mantra

  • @amitsinghsoam5654
    @amitsinghsoam5654 ปีที่แล้ว +2

    भाई कोमा में चला गया था क्या???
    बहुत सालों बाद वीडियो अपलोड की है??
    आशा करता हूं कि आप अब ठीक होंगे।

    • @rameshwarduttarya3838
      @rameshwarduttarya3838 ปีที่แล้ว

      अति उत्तम श्रेष्ठ कार्य

  • @sanskritconversationshorts8024
    @sanskritconversationshorts8024 ปีที่แล้ว

    Jyothish ke baare me vedo m me kya hai ji. Vaasthu, buri shrishti inke baare me login ko kaise samjhana. Pranam ji

  • @mohansingh-gp7ir
    @mohansingh-gp7ir ปีที่แล้ว

    इसंमे कविता के रूप में जो सरुआत् में लाईन हैं क्या वो आप ने गाइ हैं। या किसी और की लिखी हुई हैं। किसकी लिखी हुई हैं। बताने का कस्ट् करे

  • @devashishnegi2996
    @devashishnegi2996 ปีที่แล้ว +2

    कई लोग कॉमेंट में ये सवाल पूछते है- इतने कम सांख्य और पतित होने के बाद भी मुग़लों ने कैसे राज्य किया? उत्तर सभी को पता है लेकिन फिर भी स्वीकार करने से दिल मना कर देता है। उसका उत्तर अपने शब्दों में नहीं दूँगा। उसका उत्तर कुछ विदेशी यात्रियों के शब्दों में दूँगा।
    नोट- ये ऑब्ज़र्वेशन भिन्न यात्रियों के ट्रैवल्ज़ से है- तो कृपया मुझे इंगित करके अपशब्द ना कहे यदि आपको जातीय बेज्जती महसूस हो।
    टवर्नीर लिखता है मूर्थीपूजक और मोमिन आबादी का अनुपात सात के बराबर एक है। फिर भी मूर्तिपूजक प्रजा बेबस होकर प्रताड़ित हो रही है। बेरनीर्र और मनुचि भी यही नोटिस करते है। कुछ सालों के बाद ये बताते है हमारा समाज मुख्यतः सात जातियों / श्रेणी में बंटा हुआ है। लड़ाकू जाति केवल दो है- राजपूत क्षत्रिय और शूद्र। राजपूत समाज घुड़सवार और शूद्र पैदल सैनिक। दोनो जातियों का समाज में बहुत सम्मान है और दोनो जातियों में युद्ध के प्रति बहुत अभिमान- दोनो ही पीठ दिखा कर भागने वालों में से नहीं है। कई उदाहरण भी दिए है इस संदर्भ में।
    लेकिन आगे लिखते है यदि इनको हरा दिया तो बाक़ी की पाँच जातियाँ बिना लड़े हार मान लेंगी। राजपूत राज्यों में धर्मनीति सर्वोच्च है और इसी नीति के तहत युद्ध होगा चाहे विधर्मी कोई भी कूटनीति अपनाए। तो विधर्मियो के पास युद्ध जीतने के अनगिनत तरीक़े है और हमारे पास सदियों पुराना धर्म अनुसार तरीक़ा। ये यात्री लिखते है बाक़ी पाँच जातियाँ इतनी जुझारू परिश्रमी है कि किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल लेती है लेकिन लड़ाई या विद्रोह करने में यक़ीन नहीं रखती।
    ये यात्री आगे बताते है राजपूताना में गर्व सर्वोच्च है और इस गर्व के चलते कई बार आपस में ही कई नोक झोंक का फ़ायदा मुग़लों ने उठाया है। लिखते है भारतीय समाज इतना आज्ञाकारी और स्वामिभक्त है कि कभी भी विद्रोह की स्थिति उठने नहीं पाती। नाना प्रकार के टैक्स - मंदिर से लेके गंगा स्नान से लेके वस्तुयें ख़रीदने बेचने से लेके अंतिम संस्कार से लेके नामकरण से लेके पचासियो प्रकार के टैक्स इनपर लागू है फिर भी ये लोग सब सहन कर रहे है। पहन खाना बहुत बेसिक है- कई जातियों में केवल दाल चावल पे भी गुज़ारा होता है लेकिन फिर भी उफ़्फ़ नहीं करती। अपनी मुक्ति के लिए ये लोग अपने सर्वेसर्वा राजा की ओर देखते है- खुद प्रतिरोधक क्षमता नहीं डिवेलप कर पाए है।
    मंदिरो के विध्वंस पर लिखते है मुग़लिया सेना के तातर और उज़बेकि अमीर ये काम करते है और निर्दोष प्रजा की हत्या करने में कोई गुरेज़ नहीं करते। इस प्रकार के अनेक कारण इन यात्रियों की डाइअरी में लिखे है। छल प्रपंच के भी अनेक उदाहरण दिए है - राजा चम्पत राय वाला हाल में लिखा था। गाय और निरीह प्रजा को आगे रख युद्ध करना आम शग़ल है।
    अब एक पल के लिए आँखे बंद करके यही नियम आज के परिप्रेक्ष्य में लगाए। यही स्थिति आज भी है। अपने मंदिरो का अधिकार पाने के लिए , अपनी सुरक्षा के लिए , अपने परिवार के लिए समाज आज भी राजा की ओर देखता है। आज भी आज्ञा कारी है- सब प्रकार के टैक्स भरते है। तब भी स्वामिभक्त थे। आज भी है ।जज़िया तब भी था और आज भी। तब भी टैक्स उनको मुआफ़ था और आज भी। तब भी मंदिरो की सम्पत्ति पर उनका अधिकार था और आज भी। कोई भी parameter उस समय का जो था- वो आज भी लागू है हुबहू।
    कुल मिलाकर यही कारण थे जिनके चलते समाज की यह दुर्गति हुई और हो रही है। कई और भी कारण है जो यहाँ इंगित नहीं कर पाया। आज चार के बराबर एक का अनुपात है। समस्या ज्यों की त्यों ही है।
    Post Credit - Mann Jee...

    • @rameshwarduttarya3838
      @rameshwarduttarya3838 ปีที่แล้ว +1

      सत्यार्थ प्रकाश दुनिया का अमर ग्रंथ है रिसीवर को कोटि-कोटि प्रणाम

  • @rajeshwer555
    @rajeshwer555 11 หลายเดือนก่อน +1

    Satya k meaning ka prakash karne wali book

  • @hardships7281
    @hardships7281 ปีที่แล้ว

    Han ji Saraswati patiyale wali bus wali kya hal hai kya baat seat Mil Gai nahin Mili pahli dusri Teesri seat per dobara

  • @PraveenKumar-wh9ro
    @PraveenKumar-wh9ro ปีที่แล้ว +2

    🙏🙏