मंगल जी की पहली बिरहा मैंने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की सुनी तबसे मै इनका प्रशंसक हो गया। मुझे इनकी सबसे बड़ी विशेषता इनकी भाषा पर पकड़ शालीन एवं सभ्य भाषा लगती है। तथ्यों के साथ बिरहा के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को स्रोत सहित बताते हैं। आप दोनों के संवाद में एक दूसरे का समन्वय एवं मृदु भाषिता स्व ज्ञान का थोड़ा भी अभिमान नहीं। मंगल जी के साक्षात्कार में तत्कालीन बिरहा एवं वर्तमान बिरहा के मध्य अंतर को स्पष्ट समझा जा सकता है। स्वर्गीय बुल्लू, स्वर्गीय हीरा, स्वर्गीय रामदेव का दौर बिरहा का स्वर्णिम दौर रहा। हालांकि हम लोगो ने इन लोगों को प्रत्यक्ष नहीं देखा था। दादा जी से इनके प्रोग्राम के बारे में काफी सुना था। दादा जी हमारे स्वर्गीय श्यामधारी यादव जी अक्सर काम करते वक्त या बैठे हुए कभी कभी रामदेव बुल्लू की तरज गुनगुनाते थे। विशेषकर रामदेव जी के लोरिक आल्हा ऊदल महाभारत के प्रसंग। इलाहाबाद में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते वक्त समय तो नहीं मिलता लेकिन लोकविधा से संदर्भित वीडियो और मंगल जी का साक्षात्कार दिखा तो खुद को रोक नहीं सका। दोनों एपिसोड देखा। बहुत कुछ जानने समझने को मिला। अजीत यादव आजमगढ़
सर आप का इंटरव्यू लेने का तरीका बहुत अच्छा है बहुत ही अच्छी जानकारी कवि जी द्वारा दी जा रही है रामदेव जी गुरु जी की जो लाइन आप दोनों लोगों सुनाया वह मन को मोह लिया
हम जैसे कवि कलाकारों के आदर्श श्रद्धेय श्री मंगल यादव कवि जी जी को सादर प्रणाम आप जैसे व्यक्तित्व के धनी लोगों का हम लोग अनुसरण करते हैं आप लोग गांव गिरांव से चलकर मुख्य पटल पर अपनी मेहनत और विद्वत्ता से छाप छोड़ने का काम किए हैं मैं हृदय से नमन करते हैं
लोक गायन बिरहा जो कि खेत खलिहान गाँव की चौपाल से निकल कर सन् 70 का दशक आते आते क्रमशः राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फ़लक पर प्रसिद्धि प्राप्त करने के साथ आम जन मानस का पसंदीदा विधा बन गया. तमाम महानगरों मे कामगार वर्ग के द्वारा आयोजित कराए जाने वाले कार्य क्रमों ने इसके विस्तार में बड़ी भूमिका निभाई. इस संपूर्ण काल खण्ड मे सक्रिय भागीदार मंगल कवि जी के द्वारा प्रस्तुत वृतांत न सिर्फ़ रोचकता से भरपूर है बल्कि उस दौर का जीवंत प्रस्तुतिकरण भी है. बात चीत के दोनों भाग सुनने के बाद भी लगता है कि अभी कुछ शेष रह गया है. लोक विधाओं के प्रखर प्रवक्ता रामजी यादव द्वारा प्रश्नों का चयन भी बेहद काबिले तारीफ़ है. अभी इस बात चीत में और विस्तार की गुंजाइश है........(योगेश नाथ यादव, सतराव, देवरिया.
गुरु बिहारी गुरु पत्तू भाई का भाग्य विधाता, कहे अचेबर परसिद्धन वेदों से कथा गाथा। पुजावर्ले अवध में हड्डियां,पारस परसिद्धान के काव्य कला मन भावे। बिरहा ताड़का वध।
पुराने जमाने के प्रकांड विद्वान थे बिरहा गायक क्योंकि यह लोग सामाजिक घटनाओं का अपने बिरहा में गायन के माध्यम से बताते थे सामाजिक बुराइयों को भी दूर किया करते थे
Hakikat mein aap Jo lekin likhate Hain kisi ke bus ki baat nahin hai jo aap ga diye Hain vah kisi gayak ke pass nahin hai main Mumbai mein Kai bar aapka program sunao lower Parel mein aapka ki bahan betiyon ke sath mein Parivar ke sath mein baithkar Suna ja sakta hai Vijay Lal se lekar jitne bhi naye gayak kab nikale hain birha ka satyanash kar Diya ine logon ka birha sunane ka matlab hi nahin nikalta itna khula birha gate Hain ki had ke paar ho gaye hain Mangal ji aap dhan hai ki aaj tak birha sajo kar rakhe hain aaj kis dhang se birha Gaya ja raha hai aap ja rahe hain
Birha ke jitne bhi gaayak aur kavi the.sab ke sab moorkho ki zamaat the. real story aur history to gaaye nahi aur saahas bhi nahi rahaa.wahi ram Krishna Vishnu aadi ki kaalpanik kahaaniyo ko gaakar surkhio ko batore.
बहुत सभ्य शालीन एवं संवेदनशील गायक कवि मंगल जी सार्थक वार्ता के लिए रामजी भाई को साधुवाद- मोहन लाल यादव, इलाहाबाद।
शानदार इंटरव्यू के लिए आप दोनों लोगों को शानदार बधाई आदरणीय मंगल कवि जी राष्ट्रीय लेखक के साथ राष्ट्रीय गायक भी है
मंगल कवि का नाम सुने थे पर आज देखा और सुना भी उनकी पुरानी यादों को
मंगल जी की पहली बिरहा मैंने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की सुनी तबसे मै इनका प्रशंसक हो गया। मुझे इनकी सबसे बड़ी विशेषता इनकी भाषा पर पकड़ शालीन एवं सभ्य भाषा लगती है। तथ्यों के साथ बिरहा के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को स्रोत सहित बताते हैं। आप दोनों के संवाद में एक दूसरे का समन्वय एवं मृदु भाषिता स्व ज्ञान का थोड़ा भी अभिमान नहीं। मंगल जी के साक्षात्कार में तत्कालीन बिरहा एवं वर्तमान बिरहा के मध्य अंतर को स्पष्ट समझा जा सकता है। स्वर्गीय बुल्लू, स्वर्गीय हीरा, स्वर्गीय रामदेव का दौर बिरहा का स्वर्णिम दौर रहा। हालांकि हम लोगो ने इन लोगों को प्रत्यक्ष नहीं देखा था। दादा जी से इनके प्रोग्राम के बारे में काफी सुना था। दादा जी हमारे स्वर्गीय श्यामधारी यादव जी अक्सर काम करते वक्त या बैठे हुए कभी कभी रामदेव बुल्लू की तरज गुनगुनाते थे। विशेषकर रामदेव जी के लोरिक आल्हा ऊदल महाभारत के प्रसंग। इलाहाबाद में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते वक्त समय तो नहीं मिलता लेकिन लोकविधा से संदर्भित वीडियो और मंगल जी का साक्षात्कार दिखा तो खुद को रोक नहीं सका। दोनों एपिसोड देखा। बहुत कुछ जानने समझने को मिला।
अजीत यादव आजमगढ़
बहुत बहुत धन्यवाद सर।
बिरहा विभूति श्री मंगल कवि जी की वार्ता सुनाने के लिए
सर आप का इंटरव्यू लेने का तरीका बहुत अच्छा है बहुत ही अच्छी जानकारी कवि जी द्वारा दी जा रही है रामदेव जी गुरु जी की जो लाइन आप दोनों लोगों सुनाया वह मन को मोह लिया
हम जैसे कवि कलाकारों के आदर्श श्रद्धेय श्री मंगल यादव कवि जी जी को सादर प्रणाम
आप जैसे व्यक्तित्व के धनी लोगों का हम लोग अनुसरण करते हैं
आप लोग गांव गिरांव से चलकर मुख्य पटल पर अपनी मेहनत और विद्वत्ता से छाप छोड़ने का काम किए हैं मैं हृदय से नमन करते हैं
कौशलेश यादव मुंबई से
श्री मंगल कवि से वार्ता लाभ करने के लिए लाख लाख धन्यवाद दिल से
दोनों एपिसोड आपका हमने देखा और सुना बडी अच्छी जानकारी मिली अगवा एपिसोड जल्दी लेकर आइए जिससे अच्छी जानकारी और मिलें
विद्वान द्वय को नमन। विलुप्त होती लोक विधा को जीवन्त बनाने के लिए धन्यवाद ।
Mangalkavi jee kohamsra sadar pranam main apaka har gana har bat ko sunata rahata hun bahut aachha.lagata hai dekhkarsunkar isi tarah kuchh2
आप बहुत ऐतिहासिक काम कर रहे हैं सर। कोई मीडिया कर्मी ऐसे लोगों तक नहीं पहुंचते सर...
लोक गायन बिरहा जो कि खेत खलिहान गाँव की चौपाल से निकल कर सन् 70 का दशक आते आते क्रमशः राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फ़लक पर प्रसिद्धि प्राप्त करने के साथ आम जन मानस का पसंदीदा विधा बन गया. तमाम महानगरों मे कामगार वर्ग के द्वारा आयोजित कराए जाने वाले कार्य क्रमों ने इसके विस्तार में बड़ी भूमिका निभाई. इस संपूर्ण काल खण्ड मे सक्रिय भागीदार मंगल कवि जी के द्वारा प्रस्तुत वृतांत न सिर्फ़ रोचकता से भरपूर है बल्कि उस दौर का जीवंत प्रस्तुतिकरण भी है. बात चीत के दोनों भाग सुनने के बाद भी लगता है कि अभी कुछ शेष रह गया है. लोक विधाओं के प्रखर प्रवक्ता रामजी यादव द्वारा प्रश्नों का चयन भी बेहद काबिले तारीफ़ है. अभी इस बात चीत में और विस्तार की गुंजाइश है........(योगेश नाथ यादव, सतराव, देवरिया.
❤ बड़े भाई आपको प्रणाम करता हूं आप बहुत अच्छे काम किए
गुरु बिहारी गुरु पत्तू भाई का भाग्य विधाता,
कहे अचेबर परसिद्धन वेदों से कथा गाथा।
पुजावर्ले अवध में हड्डियां,पारस परसिद्धान के काव्य कला मन भावे।
बिरहा ताड़का वध।
Bahut hi sandar guru ji🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत बेहतरीन काम
बहुत सुंदर 😊😊👏👏
कवि जी, गोमती, यादव जी,का, भी,,,,,,,
पुराने जमाने के प्रकांड विद्वान थे बिरहा गायक क्योंकि यह लोग सामाजिक घटनाओं का अपने बिरहा में गायन के माध्यम से बताते थे सामाजिक बुराइयों को भी दूर किया करते थे
HAR HAR MAHADEV JAY sere ram JAY ho
Bahut sundar varta
Haider ke age sab zero kavi bhi gayaki bhi Biraha ke mahan Biraha Samrat Haider Ali Jugnu Sahab the😊
एकबार आप श्री परशुराम यादव के गुरु श्री राजभर जी बात करिए। वह अभी जीवित हैं, उनसे बहुत-सी बातें जानने के लिए मिलेगी।
Haidar ali jugnu ke birha me sabse jyada bhid hoti thi o sabse achchhe gayak aur public ke chahete the
कभी डाक्टर मन्नू यादव जी का भी साक्षात्कार कीजिये नयी पीढ़ी में वह भी काफी अच्छा कर रहे हैं
सर जी 🙏कभी स्व पारस जी के गांव आइए उनके बारे में अपने चैनल के माध्यम से दर्शकों को कुछ बताइए 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Biraha SAMRAT HAIDAR ALI juganu JEE ka naam tha prayagraj me or rahega JAY gurudev JEE MAHRAJ JEE JAY 🙏🙏🙏🌹🌹
रामनगीना जी चंदौली में भी थे।
Ram ji aap entarviv le rahe he mangal kavi ji se achi bat he magar mangal kavi jesha fir mangal nahi hoga namaskar
Kavi ji aap yug purush ho amar yadav
पारस यादव जी का सनदेश लिजिये
Mangal ji se bechan ji aur kashinath ji par bhi charcha karane ka kasht kare
Birha samrat haidar ali jugnu jee
Sir biraha gayak shamu yadav ka bhi interview lijiye
Sir ji ap bangal tiger ram avadh Kavi ji ke interview
Only one birha smrat haider Ali jugnu
सर ,स्वर्गीय पारसनाथ यादव का कोई इंटरव्यू हो तो अपने चैनल पर अपलोड करिए ।
एक छोटा इंटरव्यू सियाराम कवि की वार्ता है।
Surgye pandit parshuram jee k bhaiya Dr sahab or master sahab birha k kabhi hai enka k pas bhi app jaye birha ki Shi jankari dege
Balli yadav se bat kijiye sonebhadr ke hai old kalakar hai
Biraha SAMRAT HAIDAR ALI juganu JEE ka naam tha prayagraj me hi nahe pure biraha jagat me koi nahe tha
Jitane birsha gaya kon k nam gina rahe ho na sab ko birsha samrat Haider Ali jugnu ji ne rela hai Haider Ali jugnu ji k samne koi nahi chal paya hai
Bilkul sahi kah rahe ho aap भईया
Hakikat mein aap Jo lekin likhate Hain kisi ke bus ki baat nahin hai jo aap ga diye Hain vah kisi gayak ke pass nahin hai main Mumbai mein Kai bar aapka program sunao lower Parel mein aapka ki bahan betiyon ke sath mein Parivar ke sath mein baithkar Suna ja sakta hai Vijay Lal se lekar jitne bhi naye gayak kab nikale hain birha ka satyanash kar Diya ine logon ka birha sunane ka matlab hi nahin nikalta itna khula birha gate Hain ki had ke paar ho gaye hain Mangal ji aap dhan hai ki aaj tak birha sajo kar rakhe hain aaj kis dhang se birha Gaya ja raha hai aap ja rahe hain
Birha ke jitne bhi gaayak aur kavi the.sab ke sab moorkho ki zamaat the. real story aur history to gaaye nahi aur saahas bhi nahi rahaa.wahi ram Krishna Vishnu aadi ki kaalpanik kahaaniyo ko gaakar surkhio ko batore.