मेरी एक जिज्ञासा , शंका है़ंं ...? सोनगढ़ वाले कानजी स्वामी को मानने वाले समयसर जी, अष्टपाहुड जी जैसे महान ग्रंथ के स्वाध्यायी मुनिराज जी क्यों नहीं बनते क्या कारण है कृपया बताएं
Aagam mai to tum jese raksha ki to likhi hai jo dharam par hamesa upsarg karne aainge, muh mai daant nhi hai buddhe ke barna tere daant hi teri jiv ko kaat dete
@@UserJskx अच्छा और तुमारी किताबो में क्या लिखा है इस गधे से सब सुन रहे है गधा छुपा छुपा फिर रहा है इतना ही सत्य बोलने की आदत है तो सत्य बताए कहा छुपा है..... किताबो का ज्ञान किसी और को देना पहले इस चू को ज्ञान दो ।
कहान पंथ के भोगी विलासी पोंगा पंडित अपने मन से सिद्धांत की बातो को तोड़ मरोड़ कर उसकी व्याख्या करते है। इनमे अक्सर देखा जाता है कि ये लोग over smartness मे कुछ भी अंट शनट बोलते है! कूदेव कांजी भी यही करता था अपने आप को तीर्थंकर तक घोषित करके मरा! पंडित हुकुम लोटा लेकर चला था उत्तर प्रदेष से और आज इसके परिवार के पास जयपुर के अंदर अरबो खरबों की प्रॉपर्टीया है! पुरा का पुरा कहान पंथ पैसो के दम पर चल रहा, ये लोग विद्वानो को पैसे के दम पर खरीदकर मुनि निंदा करते है, सिद्धांत के विरूद्ध बोलते है, खुद तो लेश मात्र भी आचरण नही पालते
कहान पंथ के भोगी विलासी पोंगा पंडित अपने मन से सिद्धांत की बातो को तोड़ मरोड़ कर उसकी व्याख्या करते है। इनमे अक्सर देखा जाता है कि ये लोग over smartness मे कुछ भी अंट शनट बोलते है! कूदेव कांजी भी यही करता था अपने आप को तीर्थंकर तक घोषित करके मरा! पंडित हुकुम लोटा लेकर चला था उत्तर प्रदेष से और आज इसके परिवार के पास जयपुर के अंदर अरबो खरबों की प्रॉपर्टीया है! पुरा का पुरा कहान पंथ पैसो के दम पर चल रहा, ये लोग विद्वानो को पैसे के दम पर खरीदकर मुनि निंदा करते है, सिद्धांत के विरूद्ध बोलते है, खुद तो लेश मात्र भी आचरण नही पालते
आपको (कांजी पंथ) मिथ्या की नींद से कोई नहीं जगा सकता। 😴 अगर कांजी स्वामी के शिष्य इतने ही ज्ञानी, संयमी, वीतरागी और वैरागी हैं, तो कोई क्यों नहीं दिगम्बरत्व को धारण कर पा रहा है? 🤔 लगता है बोलने के ही शेर है, जब संयम करने की आती है तो होता नहीं है। 🗣️ जिसका ज्ञान और आंखें दोषमय हो, वह हीरे की गुणवत्ता नहीं देख पाता। 💎 दोषपूर्ण दृष्टि और ज्ञान केवल गलत ही देख सकते हैं। आपका काम सिर्फ अपने गुरु कांची स्वामी के उपदेशों को आगे बढ़ाना है। 🙏 आचार्य गुरुवर विद्यासागर जीते जागते तीर्थ हैं, पिछले 55 वर्षों में उन्होंने अपार तप किया है और दिगंबर जैन समाज को सही दिशा दी है। 🙌 ऐसे गुरुवर के चरणों में अनंत बार नमोस्तु। 🙏 आप लोग मिथ्या में रह सकते हैं. दिगम्बर जैन धर्म दिगम्बर मुनिराज का धर्म है। 🌺 भगवान महावीर ने कहा कि 5वें आरे के अंतिम समय तक जैन धर्म भरत क्षेत्र में रहेगा, इसका मतलब है कि दिगंबर मुनि महाराज 5वें आरे के आखिरी तक जीवित रहेंगे। 🌏 दिगंबरत्व के बिना कोई दिगंबर धर्म नहीं है। 🙅♂️ याद रखें आपके कर्म आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। ⚖️ न्याय मिलने तक वे आपकी आत्मा से जुड़े रहेंगे। 👣 आप बस अपने लिए एक अत्यंत अंधकारमय भविष्य तैयार कर रहे हैं। 🌌
भारिल्ल जैसे बिकाऊ पंडितो ने ऐसी बाते कर जिन धर्म के सिद्धांत की हानी की?इन्ही पोंगा पंडितो नेperceptionबनाया कि मुस्लिम धर्म मे बहुत सारी बाते जैन धर्म से ली गई है।कूदेव कांजी तो यहा तक बकता था कि कसाई जानवर को मारते समय अल्प पुण्य कमाता है क्यो की वह उसे पर्याय से मुक्त करता है
कहान पंथ के भोगी विलासी पोंगा पंडित अपने मन से सिद्धांत की बातो को तोड़ मरोड़ कर उसकी व्याख्या करते है। इनमे अक्सर देखा जाता है कि ये लोग over smartness मे कुछ भी अंट शनट बोलते है! कूदेव कांजी भी यही करता था अपने आप को तीर्थंकर तक घोषित करके मरा! पंडित हुकुम लोटा लेकर चला था उत्तर प्रदेष से और आज इसके परिवार के पास जयपुर के अंदर अरबो खरबों की प्रॉपर्टीया है! पुरा का पुरा कहान पंथ पैसो के दम पर चल रहा, ये लोग विद्वानो को पैसे के दम पर खरीदकर मुनि निंदा करते है, सिद्धांत के विरूद्ध बोलते है, खुद तो लेश मात्र भी आचरण नही पालते
Pandit ji jise bhaukna hai bhaukne dena lekin ye video delete mat karna 👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻 Todarmal ji ke sath bhi Aisa hi hua tha!! Sach bolne walo ko daba Diya jaata hai,in gunde panthiyo ne todarmal ji ko bhi marwaya tha aur vartmaan me nyay ke vidvan ke sath bhi galat kiya tha!!sab gunde hai ye
मेरा दिगंबर बंधुओं से निवेदन है, ये काल दुखमा है, दुख तकलीफ परेशानियां होंगी ही, 😔 मिथ्यात्व तुम्हे अपनी ओर आकर्षित करेगा ही, 🌐 लेकिन तुम अपने अनादिकालीन मार्ग से च्युत मत होना, 🚶♂️ ऐसे कई कांजी आएंगे, सब अपने अपने हिसाब से श्रुत की परिभाषाएं बदलेंगे, 📖 लेकिन तुम अडिग रहना, 🤲 तुम वो हो जिसे करोड़ों करोड़ों साल पहले मारीच द्वारा चलाए गए 363 मत प्रभावित नही कर पाए, 📆 तुम वो हो जो जिन धर्म का अभाव होने पर भी अपने मार्ग पर अडिग रहे, 🌍 तुम वो हो जिसे वेद पुराण वाले पंडित नहीं भटका पाए, 📚 तुम वो हो जो बुद्ध के प्रभाव से प्रभावित नहीं हुआ तुम वो हो जो चंद्रगुप्त के समय पड़े अकाल के कारण भी परिवर्तित नहीं हुए, 🔄 तुम वो हो जिसने विदेशी आक्रमण कारी के समय भी खुदको अडिग रखा तुम वो हो जो जिसे मुगल और अंग्रेज भी मार्ग से नही भटका पाए, 🏹 तुम वो भी हो जो 50 साल पहले आए कहान की कहानी में नहीं उलझे, और इस कई कहान अपनी अपनी कहानी लेकर आएंगे, 📜 महावीर स्वामी की वाणी है, पंथ बनेंगे बनते रहेंगे, 🕉️ लेकिन तुम अपने समयक्त्व पर अडिग रहना। 🌟 मोक्षमार्ग आसान नहीं है, चरित्र अंगीकार करना आसान नहीं है, 🤲 मुनियों की निंदा से संबंधित कई प्रसंग तुम्हारे सामने आएंगे, 🗣️ लेकिन तुम इस कारण से पंथ मत बदल लेना, सम्यकदर्शन के 8 अंगों का चिंतन करना जिसमे से एक स्थितिकरण अंग है, 🔄 इसको तुम अपना कर्तव्य समझ लेना, 🤔 तुम ये भी समझना की द्रव्य क्षेत्र काल भाव की अपेक्षा से चरित्र में प्रभाव पड़ते हैं, 🔄 प्रमाद वस व्रतों में अतिचार लगते हैं, 🙏 अगर मुनि बनने के बाद चरित्र में कोई दोष लगते ही नहीं तो फिर, 6th गुणस्थान के बाद का जीव कभी नीचे गिरता ही नहीं, 🚫 अतिचार और अतिचारो के प्रश्चित का कोई विधान ही नहीं होता, 📜 मुनि की चर्या में प्रतिक्रमण जैसा कोई शब्द ही नहीं होता, 📖 ये कह देना की मुनि बनना इतना महान है कि मुनि बना ही नहीं जा सकता, इससे बड़ी कोई मूर्खता नहीं होगी, 🤨 और ये सोचना कि मुनि वही बने जो मोक्ष पहुंचने तक कभी मार्ग से न भटके तभी बने अथवा न बने ये उससे भी बड़ी मूर्खता की बात है, 🔄 गिरने के डर से कदम आगे बढ़ाया ही न जाए, ❌ ये न किसी सांसारिक सफलता के लिए उचित है, और न ही वीतरागिता के मार्ग के लिए। 🚫 मोक्ष मार्ग के लिए किसी वस्त्रधारी को सच्चा गुरु कहना ही अपने आप में तुम्हें सम्यकदर्शन से दूर ले जाता है, 🧘 फिर उनका अनुसरण या अनुकरण करना तो क्या ही होगा। 🔄 जिस व्यक्ति को तुम लोग गुरु बोल रहे हो, उस व्यक्ति ने दिगंबरत्व के स्कूल में सिर्फ पहली कक्षा में एडमिशन लिया था, 🎓 और उसकी भी वह ABCD अच्छे से नहीं सीख पाया। 📚 ठीक उसी प्रकार जैसे VEGAN लोग खुदको शाकाहारी से श्रेष्ठ बताते कहते हैं, हम तो शाकाहारी से भी ज्यादा शाकाहारी हैं, 🥦 अब दूध को मांस और बेसन और सोयाबीन की हड्डी बनाकर वेगन कबाब बनाने वालो को पानी छानना, 🍢 आटे नमक की मर्यादा, 22 अभक्ष सत असत का भेद कौन बताए। 🚫 बेसई ये कंजाइष्ट हैं जो खुदको दिगंबरो से ज्यादा मुनिभक्त बताते हैं, 🙏 अब इन बगुलभक्तों को कौन समझाए मुनिव्रत। 🤷♂️
Hum log itne se to jain hain usme bhi fir digambar shwetambar aur fir alag alag panth me ladte hain. Hamare 90% se zyada shastra vilupt ho chuke hain. Aur jo shastra hain bhi wo kitne authentic hain kaun janta aur translation kis tarike se hua ye bhi koi nahi janta. Hum sab Ahimsa k pujari jisko Jo maanna hai mano par ek dusre pe tanj mat kaso. Ye sab karenge to waise jain dharm nahi bachega.
सटीक 💯
मेरी एक जिज्ञासा , शंका है़ंं ...?
सोनगढ़ वाले कानजी स्वामी को मानने वाले समयसर जी, अष्टपाहुड जी जैसे महान ग्रंथ के स्वाध्यायी
मुनिराज जी क्यों नहीं बनते
क्या कारण है कृपया बताएं
आप स्वयं भी स्वाध्याय कीजिए।अष्टपाहुड जी ,मूलाचार जी भगवती आराधना ,अनगार धर्मामृत आदि वास्त्रों का ।निष्पक्ष हैकरौर पूर्वाग्रह मुक्त होकर।
जयजिनेंद्र
शास्त्रों
एकता का परिचय दे कॉमेंट बाजी से बचे
Aagam mai to tum jese raksha ki to likhi hai jo dharam par hamesa upsarg karne aainge, muh mai daant nhi hai buddhe ke barna tere daant hi teri jiv ko kaat dete
Jinvani aisi bhasha nahi sikhati wakai me samjh aa gya tum log dharm ke nam par upar upar tir rahe ho!!
@@UserJskx tum logo ko tumhare maa baap hi AajTak kuch nhi sikha pai to tum maa jinvani ki kha maan paoge
@@UserJskx अच्छा और तुमारी किताबो में क्या लिखा है इस गधे से सब सुन रहे है गधा छुपा छुपा फिर रहा है इतना ही सत्य बोलने की आदत है तो सत्य बताए कहा छुपा है..... किताबो का ज्ञान किसी और को देना पहले इस चू को ज्ञान दो ।
कहान पंथ के भोगी विलासी पोंगा पंडित अपने मन से सिद्धांत की बातो को तोड़ मरोड़ कर उसकी व्याख्या करते है। इनमे अक्सर देखा जाता है कि ये लोग over smartness मे कुछ भी अंट शनट बोलते है! कूदेव कांजी भी यही करता था अपने आप को तीर्थंकर तक घोषित करके मरा! पंडित हुकुम लोटा लेकर चला था उत्तर प्रदेष से और आज इसके परिवार के पास जयपुर के अंदर अरबो खरबों की प्रॉपर्टीया है! पुरा का पुरा कहान पंथ पैसो के दम पर चल रहा, ये लोग विद्वानो को पैसे के दम पर खरीदकर मुनि निंदा करते है, सिद्धांत के विरूद्ध बोलते है, खुद तो लेश मात्र भी आचरण नही पालते
कौन छिपा है मूर्खों ।झूठ बोलने की ट्रैनिंग मिलती है क्या तुमको।
Sahi hai
Pagal Nahin Hai Nar Ki Hai narak ka Dwar Khol rahe hain apne liye Inko Jain kahlane Ka Bhi Koi Hak Nahin Hai Pakhandi hai
कहान पंथ के भोगी विलासी पोंगा पंडित अपने मन से सिद्धांत की बातो को तोड़ मरोड़ कर उसकी व्याख्या करते है। इनमे अक्सर देखा जाता है कि ये लोग over smartness मे कुछ भी अंट शनट बोलते है! कूदेव कांजी भी यही करता था अपने आप को तीर्थंकर तक घोषित करके मरा! पंडित हुकुम लोटा लेकर चला था उत्तर प्रदेष से और आज इसके परिवार के पास जयपुर के अंदर अरबो खरबों की प्रॉपर्टीया है! पुरा का पुरा कहान पंथ पैसो के दम पर चल रहा, ये लोग विद्वानो को पैसे के दम पर खरीदकर मुनि निंदा करते है, सिद्धांत के विरूद्ध बोलते है, खुद तो लेश मात्र भी आचरण नही पालते
जय जिनेन्द्र पंधाना से रिदम जिनय मीनाक्षी 🌴🌹🙏🙏🙏🌹🌴
Adbhut
आपको (कांजी पंथ) मिथ्या की नींद से कोई नहीं जगा सकता। 😴
अगर कांजी स्वामी के शिष्य इतने ही ज्ञानी, संयमी, वीतरागी और वैरागी हैं, तो कोई क्यों नहीं दिगम्बरत्व को धारण कर पा रहा है? 🤔
लगता है बोलने के ही शेर है, जब संयम करने की आती है तो होता नहीं है। 🗣️
जिसका ज्ञान और आंखें दोषमय हो, वह हीरे की गुणवत्ता नहीं देख पाता। 💎 दोषपूर्ण दृष्टि और ज्ञान केवल गलत ही देख सकते हैं। आपका काम सिर्फ अपने गुरु कांची स्वामी के उपदेशों को आगे बढ़ाना है। 🙏
आचार्य गुरुवर विद्यासागर जीते जागते तीर्थ हैं, पिछले 55 वर्षों में उन्होंने अपार तप किया है और दिगंबर जैन समाज को सही दिशा दी है। 🙌 ऐसे गुरुवर के चरणों में अनंत बार नमोस्तु। 🙏
आप लोग मिथ्या में रह सकते हैं. दिगम्बर जैन धर्म दिगम्बर मुनिराज का धर्म है। 🌺 भगवान महावीर ने कहा कि 5वें आरे के अंतिम समय तक जैन धर्म भरत क्षेत्र में रहेगा, इसका मतलब है कि दिगंबर मुनि महाराज 5वें आरे के आखिरी तक जीवित रहेंगे। 🌏 दिगंबरत्व के बिना कोई दिगंबर धर्म नहीं है। 🙅♂️
याद रखें आपके कर्म आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। ⚖️ न्याय मिलने तक वे आपकी आत्मा से जुड़े रहेंगे। 👣 आप बस अपने लिए एक अत्यंत अंधकारमय भविष्य तैयार कर रहे हैं। 🌌
भारिल्ल जैसे बिकाऊ पंडितो ने ऐसी बाते कर जिन धर्म के सिद्धांत की हानी की?इन्ही पोंगा पंडितो नेperceptionबनाया कि मुस्लिम धर्म मे बहुत सारी बाते जैन धर्म से ली गई है।कूदेव कांजी तो यहा तक बकता था कि कसाई जानवर को मारते समय अल्प पुण्य कमाता है क्यो की वह उसे पर्याय से मुक्त करता है
अपूर्व, १०१ प्रतिशत सत्य वचन , आगम आधार से🙏
कहान पंथ के भोगी विलासी पोंगा पंडित अपने मन से सिद्धांत की बातो को तोड़ मरोड़ कर उसकी व्याख्या करते है। इनमे अक्सर देखा जाता है कि ये लोग over smartness मे कुछ भी अंट शनट बोलते है! कूदेव कांजी भी यही करता था अपने आप को तीर्थंकर तक घोषित करके मरा! पंडित हुकुम लोटा लेकर चला था उत्तर प्रदेष से और आज इसके परिवार के पास जयपुर के अंदर अरबो खरबों की प्रॉपर्टीया है! पुरा का पुरा कहान पंथ पैसो के दम पर चल रहा, ये लोग विद्वानो को पैसे के दम पर खरीदकर मुनि निंदा करते है, सिद्धांत के विरूद्ध बोलते है, खुद तो लेश मात्र भी आचरण नही पालते
Aagam ka abhi pata hai kya aapko sab murkhon ki Fauj hai Sab narak Mein jaaoge
आ गए नरक से भोकने वाले .. भोकते रहो.. कुंडकुंड आचार्य तुम्हे निगोद भेज रहे है
@@kalpanapatodi8414 तुम्हारे बोलने से कोई मूर्ख और नरक नही जायेगा .. कभी कुछ आगम अभ्यास करो
Bahut jabardast 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
Pandit ji jise bhaukna hai bhaukne dena lekin ye video delete mat karna 👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
Todarmal ji ke sath bhi Aisa hi hua tha!!
Sach bolne walo ko daba Diya jaata hai,in gunde panthiyo ne todarmal ji ko bhi marwaya tha aur vartmaan me nyay ke vidvan ke sath bhi galat kiya tha!!sab gunde hai ye
@userjskx tumhare babaji ko dusro pr comments karna aata hai or khudke upper aai comments delete karna aata hai 😂😂
मेरा दिगंबर बंधुओं से निवेदन है, ये काल दुखमा है, दुख तकलीफ परेशानियां होंगी ही, 😔
मिथ्यात्व तुम्हे अपनी ओर आकर्षित करेगा ही, 🌐
लेकिन तुम अपने अनादिकालीन मार्ग से च्युत मत होना, 🚶♂️
ऐसे कई कांजी आएंगे, सब अपने अपने हिसाब से श्रुत की परिभाषाएं बदलेंगे, 📖
लेकिन तुम अडिग रहना, 🤲
तुम वो हो जिसे करोड़ों करोड़ों साल पहले मारीच द्वारा चलाए गए 363 मत प्रभावित नही कर पाए, 📆
तुम वो हो जो जिन धर्म का अभाव होने पर भी अपने मार्ग पर अडिग रहे, 🌍
तुम वो हो जिसे वेद पुराण वाले पंडित नहीं भटका पाए, 📚
तुम वो हो जो बुद्ध के प्रभाव से प्रभावित नहीं हुआ
तुम वो हो जो चंद्रगुप्त के समय पड़े अकाल के कारण भी परिवर्तित नहीं हुए, 🔄
तुम वो हो जिसने विदेशी आक्रमण कारी के समय भी खुदको अडिग रखा
तुम वो हो जो जिसे मुगल और अंग्रेज भी मार्ग से नही भटका पाए, 🏹
तुम वो भी हो जो 50 साल पहले आए कहान की कहानी में नहीं उलझे, और इस कई कहान अपनी अपनी कहानी लेकर आएंगे, 📜
महावीर स्वामी की वाणी है, पंथ बनेंगे बनते रहेंगे, 🕉️
लेकिन तुम अपने समयक्त्व पर अडिग रहना। 🌟
मोक्षमार्ग आसान नहीं है, चरित्र अंगीकार करना आसान नहीं है, 🤲
मुनियों की निंदा से संबंधित कई प्रसंग तुम्हारे सामने आएंगे, 🗣️
लेकिन तुम इस कारण से पंथ मत बदल लेना, सम्यकदर्शन के 8 अंगों का चिंतन करना जिसमे से एक स्थितिकरण अंग है, 🔄
इसको तुम अपना कर्तव्य समझ लेना, 🤔
तुम ये भी समझना की द्रव्य क्षेत्र काल भाव की अपेक्षा से चरित्र में प्रभाव पड़ते हैं, 🔄
प्रमाद वस व्रतों में अतिचार लगते हैं, 🙏
अगर मुनि बनने के बाद चरित्र में कोई दोष लगते ही नहीं तो फिर, 6th गुणस्थान के बाद का जीव कभी नीचे गिरता ही नहीं, 🚫
अतिचार और अतिचारो के प्रश्चित का कोई विधान ही नहीं होता, 📜
मुनि की चर्या में प्रतिक्रमण जैसा कोई शब्द ही नहीं होता, 📖
ये कह देना की मुनि बनना इतना महान है कि मुनि बना ही नहीं जा सकता, इससे बड़ी कोई मूर्खता नहीं होगी, 🤨
और ये सोचना कि मुनि वही बने जो मोक्ष पहुंचने तक कभी मार्ग से न भटके तभी बने अथवा न बने ये उससे भी बड़ी मूर्खता की बात है, 🔄
गिरने के डर से कदम आगे बढ़ाया ही न जाए, ❌
ये न किसी सांसारिक सफलता के लिए उचित है, और न ही वीतरागिता के मार्ग के लिए। 🚫
मोक्ष मार्ग के लिए किसी वस्त्रधारी को सच्चा गुरु कहना ही अपने आप में तुम्हें सम्यकदर्शन से दूर ले जाता है, 🧘
फिर उनका अनुसरण या अनुकरण करना तो क्या ही होगा। 🔄
जिस व्यक्ति को तुम लोग गुरु बोल रहे हो, उस व्यक्ति ने दिगंबरत्व के स्कूल में सिर्फ पहली कक्षा में एडमिशन लिया था, 🎓
और उसकी भी वह ABCD अच्छे से नहीं सीख पाया। 📚
ठीक उसी प्रकार जैसे VEGAN लोग खुदको शाकाहारी से श्रेष्ठ बताते कहते हैं, हम तो शाकाहारी से भी ज्यादा शाकाहारी हैं, 🥦
अब दूध को मांस और बेसन और सोयाबीन की हड्डी बनाकर वेगन कबाब बनाने वालो को पानी छानना, 🍢
आटे नमक की मर्यादा, 22 अभक्ष सत असत का भेद कौन बताए। 🚫
बेसई ये कंजाइष्ट हैं जो खुदको दिगंबरो से ज्यादा मुनिभक्त बताते हैं, 🙏
अब इन बगुलभक्तों को कौन समझाए मुनिव्रत। 🤷♂️
Bilkul delete Mt karna sabhi ko pta to chale ghantol baba ke ghantol Gyan
वो तो तेरा डोला बाबा था जिसे घंटा भी ज्ञान नहीं था आगम का @@riteshjain18386
Hum log itne se to jain hain usme bhi fir digambar shwetambar aur fir alag alag panth me ladte hain.
Hamare 90% se zyada shastra vilupt ho chuke hain. Aur jo shastra hain bhi wo kitne authentic hain kaun janta aur translation kis tarike se hua ye bhi koi nahi janta.
Hum sab Ahimsa k pujari jisko Jo maanna hai mano par ek dusre pe tanj mat kaso. Ye sab karenge to waise jain dharm nahi bachega.