Mufti saheb aap masha Allah pura bayan aapne ne itnee khubsurat ki aakhiri me y kiya bodiy iman wal sirf sunnee hi hain aor ohabi deobandi iman wala nahi hain kiya
ye barelwi lagta hai. wo aise hi kisse sunate hain aur bechare bhakt nara e takbeer laga ke jannat jane ka intezaam karte hain....kisse parhi inka pura imaan tika huwa hai
मोलबी मौलाना कि बात हो तो घर के अंदर समझाओ और मौलाना के एलावा किसी और की बात हो तो सरे आम बेइज्जत करो ये सही है क्या पहले मोलवी मौलाना किसी और पर उंगली उठाना छोड़ दें
कतर ने जिस प्रकार इस्लाम की अच्छाइयों और इस्लाम मानने वालों के अच्छे इन्सान होने के तथ्य को दुनिया के सामने रखा वह सराहनीय था। आयतों में लिखा है कि एक दिन इस्लाम बुलन्द होगा, पर उसके लिये एक कदम आपको भी उठाना पड़ेगा। मौलानाओं को भी अपनी तकरीर में आम आदमी की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे मुस्लिम्स के अलावा अन्य धर्मावलम्बियों को भी आप इस्लाम की दावत दे सको। इसके अलावा जितनी मधुरता से कुरान की आयतों को अरबी भाषा में सुनाया जाता है, उतनी ही मधुरता से आप कोशिश करो कि आप लोग सामान्य ब्यक्ति की भाषा में या हिन्दी में अपने प्रवचन दो। मौलवी लोग जो उत्तेजित होकर तकरीर देते हें, उससे लगता है कि मौलवी इस्लाम पर तो नहीं बोल रहा है लेकिन हिन्दूधर्मावलम्बियों को जरूर गाली दे रहा है, और मुसलमानों को आतंकवादी की शिक्षा दे रहा है और दंगा फसाद के लिये उकसा रहा है। निम्न बातों पर भी गौर फरमायें:- पवित्र कुरान में सब कुछ अच्छा है। पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से आजादी मिलनी चाहिये, क्योंकि वर्तमान समय कानून और व्यवस्था का है। मुहम्मद साहब के समय में कानून ब्ववस्था तो थी नहीं, इसलिेए महिलाओं को अपराधियों, ब्यभिचारियों से बचाने के लिये बुर्का का प्राविधान रखा और महिलाओं की स्वतन्त्रता पर भी प्रतिबन्ध लगाये गये। पर आजकल के युग में बुर्का और कुछ प्रतिबन्धों को हटाया जाना चाहिये। हिजब तो चलेगा। हिन्दुओं में भी घूंघट और दुपट्टा है।अब इंटरनैट और यू ट्यूब का जमाना है, इसलिेए शैतान के लिये बैहकाना आसान है। शैताने मरदूद से बचने के लिये कुछ करना पड़ेगा। सांथ ही महिलाओं का नौकरी करना हराम नहीं हलाल होना चाहिये। महिलाओं के घर से निकलने पर पाबन्दियां नहीं होना चाहिये। क्योंकि इन बातों से पढीं लिखी मुसलमान महिलायें खुद के गुलाम होने की बात बोलकर मुसलमान पुरुषों के खिलाफ ज्यादा संख्या में आवाज उठा रही हें। मुस्लिम महिलाओं को भी एक खुले माहौल में और भयमुक्त वातावरण में जीने का अवसर मिलना चाहिये। और बाहरी लोगों को भी कुरान और इस्लाम के खिलाफ आवाज उठाने का मौका मिलता है। एसे लोगों को आग में घी डालने का मौका मिल जाता है। आप अपने धर्म में सही हें पर आपके धर्म और और आपके धर्म के मानने वालों के बारे में कई बातों को लेकर गलतफहमी पैदा की जा रही है और बोला जा रहा है कि इस्लाम में महिलाओं को दबाया जा रहा है, शोषण किया जा रहा है तो सामाजिक प्राणी होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि कुछ ऐसा करें कि ऐसा बोलने वालों को आपकी इमेज को खराब करने का मौका न मिले। आपकी इमेज अगर खराब होगी तो आपके लोग भी आपसे नफरत करेंगे। आप ये बताओ कि क्या उपरोक्त बातों से परेशानी महसूस कर लोग इस्लाम छोड़ रहे हें? अगर हां तो आप उपरोक्त बातों को मानकर सुधार करो। क्योंकि बाहरी लोग कह रहे में कि इस्लाम ने महिलाओं को घुटन के वातावरण में रखा है, और उन पर पाबन्दियां लगायी हें। हालांकि ये इल्ज़ाम गलत हें, उनका नजरिया गलत है, पर बोलने वाले का मुंह तो बन्द नहीं कर सकते हें। मुहम्मद साहब के मक्का में आने से पहले या मुहम्मद साहब की नबूबत से पहले मक्का में फैले ब्यभिचार को रोकने के लिये एक ही रास्ता था कि औरतों का खतना करा दिया जाय। क्योंकि महिलाओं की काम वासना की इच्छा से पुरुष प्रधान समाज के पुरुषों को ब्यभिचार का मौका मिलता था। लेकिन आजकल की पढ़ी-लिखी पुरुष महिलाएं और जागरुक समाज के चलते और कानून व्यवस्था के चलते और मेडिकल साइंस की तरक्की वाले युग में महिलाओं और पुरुषों के खतने को समाप्त किया जाना चाहिए। हालाकि मेडिकल साइंस के अनुसार पुरुषों में खतना के कई सारे शारीरिक और चिकित्सकीय फायदे हें। प्रारंभिक युगों में जब जनसंख्या कम होती जा रही थी, उस समय परमात्मा या अल्लाह की ओर से निर्देश आया की पुरुषों का खतना कराया जाए, क्योंकि पुरुषों का खतना कराया जाना जनसंख्या वृद्धि में सहायक होता है।
Subhan Allah ,Allah Maulana saheb ko lambi jindagi de Aameen ,Bahut achchi takreer ,Masha Allah ,Jajak Allah
माशा अल्लाह माशा अल्लाह।।
Wah g dhobi pada bhari
मौलाना के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
ماشاءاللہ
माशा अल्लाह शुब्बहान अल्लाह
अबुधाबी से
Masha Allah
😅😅 15:44 😅😅😅😊😅😅😅@@nkbossrubi9181
प्रशंसनीय है
Masha Allah Kiya bayan hai
Masha Allah Hadees sahi h
لبیک لبیک لبیک یا رسول اللّٰہ صلی اللّٰہ علیہ وآلہ واصحابہ وبارک وسلم تاجدارِ ختم نبوّت زندہ باد زندہ باد زندہ باد
Moulana sahab bahut khub kya baat kahi hai apne ye sach baat kahi k sabko namaz padhne wale bano
88777788888887777778
Hi
पूरी दुनिया का केंद्र काबा है
Aap to iss dhakkan ki taqreer par serious hogaye.
@@asgharaliansari1759 nhi mister,, aaj kal Aise log mahfil ko badnaam krte hai, mahfil ke nam pr comedy krte hai jo be adbi hai
Mashaallah very nice
Mashallah Hazrat
❤❤❤❤ सुबहान अल्लाह अलहम्दुलिल्लाह सुन्नी मुसलमान। जिन्दाबाद
Subhan ALLAH
Bahut behtar taqreer
Jazakallah khair 🌹🌹🌹❤️❤️❤️
MOHD SAHAJAD NIBIYA BEGAMPUR MATERA BAHRAICH
Mashallah Beautiful bayan
Bahut umda
Mashallah beshak subhanallah Alhamdulillah
Mashallah jindabaad jindabaad
Masha allah bahut khoob hazrat Zindabad Zindabad Zindabad
Masha allah.
Masha allah AMEEN bahut sundar
Masa allah 🕋
Ahmedabad se
Masha Allah
Vah kya kahani sunaya hai
Masha Allah subhaan Allah
Bilkul Hazrat Mufti Tatheer Ahmad razvi saheb jaisa andaaz
Mashallah bahut acchi taqreer kari aapne
Good👍
Assalamualaikum Kiya Tuckrir
यही सब किस्सा कहानियां सुनाके कौम को बरबाद कर दिया,, अवाम इल्मी तकरीर पसंद नही करते ,,,
Mufti saheb aap masha Allah pura bayan aapne ne itnee khubsurat ki aakhiri me y kiya bodiy iman wal sirf sunnee hi hain aor ohabi deobandi iman wala nahi hain kiya
Un par nmaj bhi nahi farj hai
Mufti saheb Assalam wa Alaikum. Aap ka andaze bayan bahut pasand aya na ahl log samajh nahin paye. Misalen de kar samjhana bahut hi badi baat hai.
P0llll
Ye maulana saheb achchha insan lagte hai, inki bhasha bhi hamare gaavn ki lagti hai…..
Mahatab ali
Maasaallaah
किसी को इज्जत nhi de sakte to Bhai bezzat mat Karo yeh Allah Wale hai ।।।
Subhan Allah.
Who is aala hazrat is he great against rasool
I liked the language
Kawa momino ki jannat
MashaAllah❤
Good
ओ
Subhan Allah bhot khob
SUBHAN ALLAH SUBHAN ALLAH
Very good 😊😊😊
भाई Ye तो अकबर बीरबल की कहानी तब ha है
Maasa allaah
Mashallah ❤️❤️❤️❤️
Nice
ماشااللہ سبحان اللہ ماشااللہ سبحان اللہ ماشااللہ بہت خوب جناب آپ نے بہت اچھا پڑھا ماشااللہ
Masha Allah
@@monis4646 to
@@monis4646 l😊
Duniya ka beech ka hissa makkah sharif hai
Makkah nhi kaba Shareef hai Makkah ek shahar hai
Bahut Khoob Mufti Sahab Subhanallah
Mufti sahab urdu zaban k kis lehjay me baat kr rhe hain? Ye kis ilaqay ka lehja hai?
Subhanallah subhanallah
Masha Allah
Subhan Allah Masha Allah
Uwais 🕋🕋🕋🌃🌃🕋🕋🌃🌃🕋🕋🌃🌃🌃🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🕋🌃🕋🌃🕋🌃
अनपढ़ धोबी चतुर मौलाना से
सूबाहन अल्हा
6
maulana se samjhdar to dhobi tha
Subhanallah
واہ مولوی صاحب خوب خود کو بچایا۔
@Amber Qadri
قبر پرست کو ایسا ہی لگتا ہے ۔
Awadhi language is the best
Meri lene ke liye
Dhobi tej rahis 😅😊😂
Ikkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk
ये मौलाना नहीं जोकर है
जिसका काम हसाना
तू क्या है
@@nusrthusyn3369 जहाँ दीन इस्लाम की बात होती हैं वहा झूठे मन गदत् बात लतीफ़ा जिसकी कोई सच्चाई न हो बात नहीं किया जाता है
To kafir hai
Mashallah
Subhaan allha
Dunya ka centre, Kaba Hai
Applogo ko youtub me khahani bolne me baut mja aata hai😄
Mashallah 🇮🇳🌹🌷🦚
97
Ye kaun sa city mein rehte hai
Bahraich nanpara
Mufti rafeek sahab ki sabse achchi takreer 👇th-cam.com/video/qJHhKo9VZX4/w-d-xo.htmlsi=nzJ-Xb9Z4ZaxwZbB
Allama Mufti Aalam Sahab Zindabad
Mufti shab ka number mil sakta hai kya
Y kayse iska jawab mujhe do na
*Hazrat Ka Number mil jayega bhai??*
Bold aawaaz
😂😂😂😂. क्या शिक्षा मिली वाह वाह
Un par nmaj bhi farj nahi hai
Masha अल्लाह
Meh
Ye to 18 vi Sadi ki baat hai
ye barelwi lagta hai. wo aise hi kisse sunate hain aur bechare bhakt nara e takbeer laga ke jannat jane ka intezaam karte hain....kisse parhi inka pura imaan tika huwa hai
th-cam.com/video/AnScVoCNMUs/w-d-xo.html
माशा अल्लाह
Pl
लो जी वीरबल की जगह मौलाना को घुसेड़ दिया इन्होंने 🤣🤣
Haha
Maulana ka dhobe to Hindu tha
Ll
Tumko comedy samgh me aa
Rahi hai
Jai shree Ram ❤❤❤
मौलवी साहब की बातें बिना सर पैर की हैं, अपने बयान मे कामेडी करते हैं आलिम हो कर भी क़ुरआन और हदीस की बातें नहीं बताते -
ये jalsa हो रहा है या कहानी सुनाने की जगह hai
Bhai asli jalsa yahi hai jaroori nahi ki gala faad faad ke chillaya jaay aaraam se bolne se logon ko samagh me bhi aata hai
मोलबी मौलाना कि बात हो तो घर के अंदर समझाओ और मौलाना के एलावा किसी और की बात हो तो सरे आम बेइज्जत करो ये सही है क्या पहले मोलवी मौलाना किसी और पर उंगली उठाना छोड़ दें
कतर ने जिस प्रकार इस्लाम की अच्छाइयों और इस्लाम मानने वालों के अच्छे इन्सान होने के तथ्य को दुनिया के सामने रखा वह सराहनीय था। आयतों में लिखा है कि एक दिन इस्लाम बुलन्द होगा, पर उसके लिये एक कदम आपको भी उठाना पड़ेगा।
मौलानाओं को भी अपनी तकरीर में आम आदमी की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे मुस्लिम्स के अलावा अन्य धर्मावलम्बियों को भी आप इस्लाम की दावत दे सको। इसके अलावा जितनी मधुरता से कुरान की आयतों को अरबी भाषा में सुनाया जाता है, उतनी ही मधुरता से आप कोशिश करो कि आप लोग सामान्य ब्यक्ति की भाषा में या हिन्दी में अपने प्रवचन दो। मौलवी लोग जो उत्तेजित होकर तकरीर देते हें, उससे लगता है कि मौलवी इस्लाम पर तो नहीं बोल रहा है लेकिन हिन्दूधर्मावलम्बियों को जरूर गाली दे रहा है, और मुसलमानों को आतंकवादी की शिक्षा दे रहा है और दंगा फसाद के लिये उकसा रहा है। निम्न बातों पर भी गौर फरमायें:-
पवित्र कुरान में सब कुछ अच्छा है। पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से आजादी मिलनी चाहिये, क्योंकि वर्तमान समय कानून और व्यवस्था का है। मुहम्मद साहब के समय में कानून ब्ववस्था तो थी नहीं, इसलिेए महिलाओं को अपराधियों, ब्यभिचारियों से बचाने के लिये बुर्का का प्राविधान रखा और महिलाओं की स्वतन्त्रता पर भी प्रतिबन्ध लगाये गये। पर आजकल के युग में बुर्का और कुछ प्रतिबन्धों को हटाया जाना चाहिये। हिजब तो चलेगा। हिन्दुओं में भी घूंघट और दुपट्टा है।अब इंटरनैट और यू ट्यूब का जमाना है, इसलिेए शैतान के लिये बैहकाना आसान है। शैताने मरदूद से बचने के लिये कुछ करना पड़ेगा। सांथ ही महिलाओं का नौकरी करना हराम नहीं हलाल होना चाहिये। महिलाओं के घर से निकलने पर पाबन्दियां नहीं होना चाहिये। क्योंकि इन बातों से पढीं लिखी मुसलमान महिलायें खुद के गुलाम होने की बात बोलकर मुसलमान पुरुषों के खिलाफ ज्यादा संख्या में आवाज उठा रही हें। मुस्लिम महिलाओं को भी एक खुले माहौल में और भयमुक्त वातावरण में जीने का अवसर मिलना चाहिये। और बाहरी लोगों को भी कुरान और इस्लाम के खिलाफ आवाज उठाने का मौका मिलता है। एसे लोगों को आग में घी डालने का मौका मिल जाता है। आप अपने धर्म में सही हें पर आपके धर्म और और आपके धर्म के मानने वालों के बारे में कई बातों को लेकर गलतफहमी पैदा की जा रही है और बोला जा रहा है कि इस्लाम में महिलाओं को दबाया जा रहा है, शोषण किया जा रहा है तो सामाजिक प्राणी होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि कुछ ऐसा करें कि ऐसा बोलने वालों को आपकी इमेज को खराब करने का मौका न मिले। आपकी इमेज अगर खराब होगी तो आपके लोग भी आपसे नफरत करेंगे। आप ये बताओ कि क्या उपरोक्त बातों से परेशानी महसूस कर लोग इस्लाम छोड़ रहे हें? अगर हां तो आप उपरोक्त बातों को मानकर सुधार करो। क्योंकि बाहरी लोग कह रहे में कि इस्लाम ने महिलाओं को घुटन के वातावरण में रखा है, और उन पर पाबन्दियां लगायी हें। हालांकि ये इल्ज़ाम गलत हें, उनका नजरिया गलत है, पर बोलने वाले का मुंह तो बन्द नहीं कर सकते हें। मुहम्मद साहब के मक्का में आने से पहले या मुहम्मद साहब की नबूबत से पहले मक्का में फैले ब्यभिचार को रोकने के लिये एक ही रास्ता था कि औरतों का खतना करा दिया जाय। क्योंकि महिलाओं की काम वासना की इच्छा से पुरुष प्रधान समाज के पुरुषों को ब्यभिचार का मौका मिलता था। लेकिन आजकल की पढ़ी-लिखी पुरुष महिलाएं और जागरुक समाज के चलते और कानून व्यवस्था के चलते और मेडिकल साइंस की तरक्की वाले युग में महिलाओं और पुरुषों के खतने को समाप्त किया जाना चाहिए। हालाकि मेडिकल साइंस के अनुसार पुरुषों में खतना के कई सारे शारीरिक और चिकित्सकीय फायदे हें। प्रारंभिक युगों में जब जनसंख्या कम होती जा रही थी, उस समय परमात्मा या अल्लाह की ओर से निर्देश आया की पुरुषों का खतना कराया जाए, क्योंकि पुरुषों का खतना कराया जाना जनसंख्या वृद्धि में सहायक होता है।
@@lalitmohanpandey7804 हमारा यही उदेश्य है कि हर इंसान के लिए इज्जत और मोहब्बत होना चाहिए
तुम लोग यही कॉमेडी कर के आवाम को गुमराह कर रहे हो तुम्हे दिन की बाते के लिए बुलाया गया था न कि कॉमेडी के लिए।
Sahi kaha bhai ye to kahani suna Raha h taqreen thodi kar rahe h
Nasihat lo hasi wali bate chhodo jo tumare kam ki ho le lo. Wrna jane do
Sare bareilvi ayse hi hote hain