Namaskar guruji..🙏 guru ji meri body moti hai..to kya mera jal tatav bada huwa hai?... aur guru ji ye bhi batayen...ki jal tatav ko hi Kaff prakriti kahte hain kya?
Sir nasha karne se chakra imbalance hote hai..jab ham gutka khate ha to thukna padta hai is karan se water element vigad jayega aur sacral chakra bhi ?
Mujhe loose motions ,gas and indigestion ki problem rehti hai Mera kaun sa tatv bigda hua hai aur meri body mein right hand mein kuch vibrations bhi feel nahi hoti jabki left hand mein energy ache se feel hoti hai.loose motions and gas and bloating ke liye kaun se tatv balance karein.please guide .apke videos bahut gyandayak hote hai
इसका मतलब है की आप के शरीर मे पित्त बढ़ा हुआ है और आपकी पिंगला नाड़ी तेज चल रहीं हैं, कहीं आपके आहार विहार मे आप ग़लती कर रहे है, बेहतर होगा की आप कुछ समय के लिए चाय कॉफ़ी, तला भुना व वायु कारक खाना और गर्मी पैदा करने वाली वस्तुएं बिल्कुल छोड दे और केवल सादा व पोष्टिक आहार ले, पानी खूब पीए। खाना खाने के बाद हल्का टहलने की आदत बनाए, स्ट्रेस व तनाव से बच के रहे, भोजन अल्प मात्र मे ले और भोजन करते समय बोले बिल्कुल मत, भोजन करने के बाद वज्र आसन मे भी बैठा करे और अंगूठे के साथ वाली अंगुलि को अंगूठे से नीचे दबा कर रखे। इसके अलावा पित्त के संतुलन के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य अभ्यास करे, इससे आपकी नाड़ी शुद्धि होगी और विकार खत्म होगा।
Sir kya tantric sadhna se bhi ye chakra imbalance hota hai??? Me 2yrs se gytri sadhna kr rhi hoo ...constipation periods irregular...eye redness..sexuality increased ki samasya ho gyi hai ...shrir me vasna lag rhi hai..to kya yeh sab swadhishtan ki wajah se hai jo water element ka chkra hai...
आपकी आँखों की समस्या तो ज्यादा फोन या कंप्युटर आदि को यूज करने के कारण या किसी इंफेक्शन के कारण हो सकती है, लेकिन बाकी सभी बातें जो आपने बताई है वो पहले दो चक्रों यानि मूलाधार व swadhishtan चक्र से सम्बन्धित है, इसमे भी आपको मूलाधार चक्र पर आपको ज्यादा काम करना चाहिए, क्योंकि यदि मूलाधार संतुलित हो गया तो काम ऊर्जा संतुलित हो जायेगी और swadhishtan मे वहीं ऊर्जा फिर जब जायेगी तो कामवासना ना बनकर सृजन बन जायेगी। आप अपना मूलाधार चक्र इस प्रकार विकसित कर सकते है:- सप्त चक्रों के क्रम मे मूलाधार पहला चक्र है, इस चक्र के जाग्रत होने पर व्यक्ति के भीतर वीरता, निर्भीकता और आनंद का भाव जाग्रत हो जाता है। व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मे सुधार होता है तथा उसकी समाजिक असुरक्षा दूर होती है । व्यक्ति के शरीर का मध्य भाग व इसके अंग गुप्तांग, गुर्दे, लिवर आदि का स्वास्थ्य उतम रहता है । ऊर्जा की प्रबलता बनी रहती है तथा मूलाधार से आगे के चक्रों मे बढने मे सुविधा हो जाती है । इस चक्र के जागृत होने से भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है । मूलाधार जागृति के लिये निम्न बाते बहुत जरुरी है :- मूलाधार चक्र का रंग लाल है अतः लाल रंग की वस्तुओं को अपने समीप रखना व लाल रंग के खाध पदार्थों का उपभोग करना उतम है, इसके इलावा कुछ ऐसे व्यायाम करना जिससे हमारे शरीर के मध्य भाग मे जोर पडे जैसे उठक-बैठक, दौडना, टहलना आदि लाभदायक है । कुछ योग आसन जैसे भुजंंग आसन, धनुरसन, चक्र आसन, कुर्सी आसन आदि भी मूलाधार जागृति करते है, कपालभाति, अग्निसार, भस्त्रिका आदि प्राणायाम भी मूलाधार मे जाग्रति लाते है । इसके इलावा ताड़न क्रिया, अश्वनी मुद्रा भी बहुत प्रभावी है । इस चक्र के देवता श्री गणेश है अतः इस चक्र पर ध्यान लगाते हुए भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करने से यह चक्र जागृत होता है । मंत्र इस प्रकार है : ॐ गं गणपतये नम: निम्नलिखित ध्यान से भी आप मूलाधार जागृति कर सकते है : किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें तथा अपनी आंखों को बन्द करके रखें। अपनी गर्दन, पीठ व कमर को सीधा करके रखें। अब सबसे पहले अपने ध्यान को गुदा द्वार व जननेन्द्रिय के बीच स्थान मे मूलाधार चक्र पर ले जाएं। फिर मूलाधार चक्र पर अपने मन को एकाग्र व स्थिर करें और अपने मन में चार पंखुड़ियों वाले बन्द लाल रंग वाले कमल के फूल की कल्पना करें। फिर अपने मन को एकाग्र करते हुए उस फूल की पंखुड़ियों को एक-एक करके खुलते हुए कमल के फूल का अनुभव करें। इसकी कल्पना के साथ ही उस आनन्द का अनुभव करने की कोशिश करें। उसकी पंखुड़ियों तथा कमल के बीच परागों से ओत-प्रोत सुन्दर फूल की कल्पना करें। इस तरह कल्पना करते हुए तथा उसके आनन्द को महसूस करते हुए अपने मन को कुछ समय तक मूलाधार चक्र पर स्थिर रखें। अथवा शांत होकर, आँखे बंद करके, कमर को सीधा रखते हुए, ध्यानस्थ मुद्रा मे बैठ जाये, अब अपना पुरा ध्यान अपनी आती जाती श्वास पर लाये और जब भी श्वास अंदर आये तो " औम" और जब भी श्वास बाहर आये तो " लं " बीज मंत्र का मानसिक उचारण करे ।
Raviji one question if symptoms show that I have 2 elements imbalance is it possible? If yes then how to mudra we have to follow means we have to do 2 mudras together or one by one?
Yes, it is quite possible that in one time 2 elements can be imballenced, and yes you can use both mudras alternativly, like one mudra in morning and another in evening
Guru mera water element khrab hogya h mne bht ilaj b karwaya hai par thik nahi ho pari hu sir mein kujj hilta sa rehta h body sun parh jati h negativity rehti h dimag shant nahi rehta sharir thnda rehta h please kujj upay btaye guru ji
नाभि के खिसकने का मुख्य कारण भारी वजन उठाना, वजन लेकर झुकना, दुर्घटना आदि में अंगों का अचानक खिंचाव आदि है। कुछ आसान घरेलू उपायों से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। 1) नाभि के खिसक जाने पर कई योगासन इसे ठीक जगह ला सकते हैं जैसे- भुजंगासन, मत्स्यासन, कंधरासन, सूप्ता वज्रासन धनुरासन, मकरासन आदि ! 2) नाभि को जगह पर लाने के लिए सौंफ का उपाय अपनाएं। इसके लिए 50 ग्राम गुड़ में 10 ग्राम सौंफ मिलाएं और सुबह खाली पेट अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं। ऐसा तीन दिन तक करें। इस उपाय से दो से तीन दिन में नाभि अपनी जगह में आ जाएगी। 3) कूदने से भी नाभि अपनी जगह पर आ जाती है। इसके लिए आपको लगभग 2 फीट की उंचाई (बेड या कुर्सी) से 2-3 बार कूदना होता है। कूधते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आपका पूरा वजन आपके पंजों पर पड़े । इससे नाभि अपनी जगह पर आ जाती है। ( लेकिन यदि आपकी आयु 40 वर्ष से ज्यादा है तो कूदने की बजाय केवल आसन करे )
गुरुजी नमस्कार एक प्रॉब्लम आ गई -है मैं पिछले ३ महीनो से medition कर रहा हु पहले पहले मुझे खुद में बहुत फर्क महसूस हो रहा था सब बाते समझ में आती थी और पढ़ाई भी अच्छी होती थी लेकिन एक दिन मेरे दोस्त ने मुझे नशे की गोली खिला दी लगभग १० दिन हो गए इस बात को नशे की गोली खाने के बाद मेरा मन अलग सा हो गया है न तो medition का फर्क पड़ रहा है और न ही योग का और पढ़ाई भी नही हो रही है मन भटक रहा है बुद्धि खराब सी हो गई है। मन एक जगह नही लग रहा है मेरा एग्जाम नजदीक है गुरुदेव कुछ उपाय बताइए 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@manojbishnoi4693 ऐसी स्थिति मे आप हर रोज नित्य कपालभांति, अग्निसार, अनुलोम विलोम प्राणायाम और औम मंत्र का त्रिव स्वर मे उच्चारण सुबह व शाम दोनों समय 30-30 मिनट के लिए करे, इस अभ्यास से 2-4 दिन मे ही जो विष आपके शरीर मे एकत्रित होकर आपको परेशान कर रहा है वह विष शरीर से बाहर निकल जाएगा और आप पूरी तरह से स्वस्थ हो जायेगे, फिर तब आप ध्यान का अभ्यास भी पुनः शुरू कर पायेगे और आपकी मनःस्थिति भी बिल्कुल ठीक हो जायेगी।
बहुत बढ़िया गुरुजी कुछ अपने बारे में जानने का मोका मिला बहुत बहुत धन्यवाद
🙏🙏🙏 Ache Lage vedio
Is uttam VDO ke liye koti koti dhanyawad. Jankari bahoot achhi lagi.
Awesome
❤❤❤ आप शरीर को शीर वोल रहे हो
वैसे तो बहुत बढ़िया
Muje aapki video bhut achhi lgti h
Best explanation
जय गुरुदेव सत् सत् बार नमन वंदन हैं।
Exilent video
Jai ho
Beautiful explanation in all of your videos. God bless you
अच्छी तरह समझाने केलिए धन्यवाद।
Hi.guruji pranam.very intersting video.thanks.
Aapake video. Bahot acche hote he. 🙏🏻
Jai shree jagannath
इतनी अमूल्य जानकारी के लिए आपका हार्दिक आभार प्रणाम आपको
Thank you Sir for this thoughtful video🙏🏻🙏🏻
बहुत धन्यवाद
Bahut बड़िया
Fine.thanks.
,🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 bahut Dhanyawad Sirshreeji,,
thank you sir
Great 👍🏻👍🏻
Thanks u so much sir 🙏🙏🙏🙏🙏
आभार❤🎉
Jai shree mataji 🌹🙏
धन्यवाद आपका आप ने जल तत्व के बारे में जानकारी दी 🙏🙏🙏🌹
GOD IS EVERYWHERE , IN ALL THINGS ❤️
Heartiest Gratitude Sir 🙏
सही बोल.रहे.है।
❤❤❤❤❤
🙏 धन्यवाद 🙏
Good
Thanks for praying for me t
🙏🙏🙏❤💐💐❤🙏🙏🙏
20:55
3:41 3:41 ❤😂🎉😢 3:41 3:41 3:41
⚘️
બહુ જ જાણવા મળ્યું
જય શ્રી ગોપાલ
Thanks🙏🙏
👍👍👍
Namaskar guruji..🙏 guru ji meri body moti hai..to kya mera jal tatav bada huwa hai?... aur guru ji ye bhi batayen...ki jal tatav ko hi Kaff prakriti kahte hain kya?
Guru g mera element gharab ho gaya hai kya kare kuch bataye thik kaise hoga
🙏🙏🙏
😮
Sir nasha karne se chakra imbalance hote hai..jab ham gutka khate ha to thukna padta hai is karan se water element vigad jayega aur sacral chakra bhi ?
Mujhe loose motions ,gas and indigestion ki problem rehti hai Mera kaun sa tatv bigda hua hai aur meri body mein right hand mein kuch vibrations bhi feel nahi hoti jabki left hand mein energy ache se feel hoti hai.loose motions and gas and bloating ke liye kaun se tatv balance karein.please guide .apke videos bahut gyandayak hote hai
इसका मतलब है की आप के शरीर मे पित्त बढ़ा हुआ है और आपकी पिंगला नाड़ी तेज चल रहीं हैं, कहीं आपके आहार विहार मे आप ग़लती कर रहे है, बेहतर होगा की आप कुछ समय के लिए चाय कॉफ़ी, तला भुना व वायु कारक खाना और गर्मी पैदा करने वाली वस्तुएं बिल्कुल छोड दे और केवल सादा व पोष्टिक आहार ले, पानी खूब पीए। खाना खाने के बाद हल्का टहलने की आदत बनाए, स्ट्रेस व तनाव से बच के रहे, भोजन अल्प मात्र मे ले और भोजन करते समय बोले बिल्कुल मत, भोजन करने के बाद वज्र आसन मे भी बैठा करे और अंगूठे के साथ वाली अंगुलि को अंगूठे से नीचे दबा कर रखे।
इसके अलावा पित्त के संतुलन के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम का नित्य अभ्यास करे, इससे आपकी नाड़ी शुद्धि होगी और विकार खत्म होगा।
Sir please koi aise book jisme sab knowledge ho sari mudra or pranayama etc 🥺
Sir kya tantric sadhna se bhi ye chakra imbalance hota hai???
Me 2yrs se gytri sadhna kr rhi hoo ...constipation periods irregular...eye redness..sexuality increased ki samasya ho gyi hai ...shrir me vasna lag rhi hai..to kya yeh sab swadhishtan ki wajah se hai jo water element ka chkra hai...
आपकी आँखों की समस्या तो ज्यादा फोन या कंप्युटर आदि को यूज करने के कारण या किसी इंफेक्शन के कारण हो सकती है, लेकिन बाकी सभी बातें जो आपने बताई है वो पहले दो चक्रों यानि मूलाधार व swadhishtan चक्र से सम्बन्धित है, इसमे भी आपको मूलाधार चक्र पर आपको ज्यादा काम करना चाहिए, क्योंकि यदि मूलाधार संतुलित हो गया तो काम ऊर्जा संतुलित हो जायेगी और swadhishtan मे वहीं ऊर्जा फिर जब जायेगी तो कामवासना ना बनकर सृजन बन जायेगी।
आप अपना मूलाधार चक्र इस प्रकार विकसित कर सकते है:-
सप्त चक्रों के क्रम मे मूलाधार पहला चक्र है, इस चक्र के जाग्रत होने पर व्यक्ति के भीतर वीरता, निर्भीकता और आनंद का भाव जाग्रत हो जाता है। व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मे सुधार होता है तथा उसकी समाजिक असुरक्षा दूर होती है । व्यक्ति के शरीर का मध्य भाग व इसके अंग गुप्तांग, गुर्दे, लिवर आदि का स्वास्थ्य उतम रहता है । ऊर्जा की प्रबलता बनी रहती है तथा मूलाधार से आगे के चक्रों मे बढने मे सुविधा हो जाती है । इस चक्र के जागृत होने से भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है ।
मूलाधार जागृति के लिये निम्न बाते बहुत जरुरी है :-
मूलाधार चक्र का रंग लाल है अतः लाल रंग की वस्तुओं को अपने समीप रखना व लाल रंग के खाध पदार्थों का उपभोग करना उतम है, इसके इलावा कुछ ऐसे व्यायाम करना जिससे हमारे शरीर के मध्य भाग मे जोर पडे जैसे उठक-बैठक, दौडना, टहलना आदि लाभदायक है । कुछ योग आसन जैसे भुजंंग आसन, धनुरसन, चक्र आसन, कुर्सी आसन आदि भी मूलाधार जागृति करते है, कपालभाति, अग्निसार, भस्त्रिका आदि प्राणायाम भी मूलाधार मे जाग्रति लाते है । इसके इलावा ताड़न क्रिया, अश्वनी मुद्रा भी बहुत प्रभावी है ।
इस चक्र के देवता श्री गणेश है अतः इस चक्र पर ध्यान लगाते हुए भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करने से यह चक्र जागृत होता है । मंत्र इस प्रकार है : ॐ गं गणपतये नम:
निम्नलिखित ध्यान से भी आप मूलाधार जागृति कर सकते है :
किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें तथा अपनी आंखों को बन्द करके रखें। अपनी गर्दन, पीठ व कमर को सीधा करके रखें। अब सबसे पहले अपने ध्यान को गुदा द्वार व जननेन्द्रिय के बीच स्थान मे मूलाधार चक्र पर ले जाएं। फिर मूलाधार चक्र पर अपने मन को एकाग्र व स्थिर करें और अपने मन में चार पंखुड़ियों वाले बन्द लाल रंग वाले कमल के फूल की कल्पना करें। फिर अपने मन को एकाग्र करते हुए उस फूल की पंखुड़ियों को एक-एक करके खुलते हुए कमल के फूल का अनुभव करें। इसकी कल्पना के साथ ही उस आनन्द का अनुभव करने की कोशिश करें। उसकी पंखुड़ियों तथा कमल के बीच परागों से ओत-प्रोत सुन्दर फूल की कल्पना करें। इस तरह कल्पना करते हुए तथा उसके आनन्द को महसूस करते हुए अपने मन को कुछ समय तक मूलाधार चक्र पर स्थिर रखें।
अथवा
शांत होकर, आँखे बंद करके, कमर को सीधा रखते हुए, ध्यानस्थ मुद्रा मे बैठ जाये, अब अपना पुरा ध्यान अपनी आती जाती श्वास पर लाये और जब भी श्वास अंदर आये तो " औम" और जब भी श्वास बाहर आये तो " लं " बीज मंत्र का मानसिक उचारण करे ।
Nagan hokar nahana sahi hai ya galat
इसका उपाय बताये हमारा जल तत्व परेशान है
Thank you so much🙏🙏🙏
Raviji one question if symptoms show that I have 2 elements imbalance is it possible? If yes then how to mudra we have to follow means we have to do 2 mudras together or one by one?
Yes, it is quite possible that in one time 2 elements can be imballenced, and yes you can use both mudras alternativly, like one mudra in morning and another in evening
Guru mera water element khrab hogya h mne bht ilaj b karwaya hai par thik nahi ho pari hu sir mein kujj hilta sa rehta h body sun parh jati h negativity rehti h dimag shant nahi rehta sharir thnda rehta h please kujj upay btaye guru ji
Aapka kaise water element kharab ho gaya kya galat mudra kar liye the
@@Garimakumari-f1l Nahi mudra se Nahi hota y aur reasons ki wjh s
Jaise
Mera to element mudra ke wajah se gharab ho gaya hai
@@Garimakumari-f1l Nahi y females m aksar y problem Hoti h Jo naked nhata h unko
I love your videos. ❤️
Aapka ashram kahan hai?
हमारा ध्यान योग केंद्र यमुना नगर हरियाणा मे है।
@@Dhyankagyan777 Thanks!
I'll visit you someday. 🙏🏻
Agar kisi ko loose motions rehta ho to iska kya matlab hai ki body mein jal tatv adhik hai kya?
Basicly iska reason hai ki aapki diet kahi na kahi wrong hai, aapko apne khan paan par dhyan dena caahiye
Sir diet to meri thik hai mujhe ye problem achanak hi lagi thi ek din Ghar se nikalte hi
I think ki ye samasya shayad naval displacement ki wajah se hai jiska upchar mujhe aaz Tak nahiila
नाभि के खिसकने का मुख्य कारण भारी वजन उठाना, वजन लेकर झुकना, दुर्घटना आदि में अंगों का अचानक खिंचाव आदि है। कुछ आसान घरेलू उपायों से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।
1) नाभि के खिसक जाने पर कई योगासन इसे ठीक जगह ला सकते हैं जैसे- भुजंगासन, मत्स्यासन, कंधरासन, सूप्ता वज्रासन धनुरासन, मकरासन आदि !
2) नाभि को जगह पर लाने के लिए सौंफ का उपाय अपनाएं। इसके लिए 50 ग्राम गुड़ में 10 ग्राम सौंफ मिलाएं और सुबह खाली पेट अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं। ऐसा तीन दिन तक करें। इस उपाय से दो से तीन दिन में नाभि अपनी जगह में आ जाएगी।
3) कूदने से भी नाभि अपनी जगह पर आ जाती है। इसके लिए आपको लगभग 2 फीट की उंचाई (बेड या कुर्सी) से 2-3 बार कूदना होता है। कूधते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आपका पूरा वजन आपके पंजों पर पड़े । इससे नाभि अपनी जगह पर आ जाती है। ( लेकिन यदि आपकी आयु 40 वर्ष से ज्यादा है तो कूदने की बजाय केवल आसन करे )
गुरुजी नमस्कार
एक प्रॉब्लम आ गई -है
मैं पिछले ३ महीनो से medition कर रहा हु
पहले पहले मुझे खुद में बहुत फर्क महसूस हो रहा था सब बाते समझ में आती थी और पढ़ाई भी अच्छी होती थी
लेकिन एक दिन मेरे दोस्त ने मुझे नशे की गोली खिला दी लगभग १० दिन हो गए इस बात को
नशे की गोली खाने के बाद
मेरा मन अलग सा हो गया है न तो medition का फर्क पड़ रहा है और न ही योग का
और पढ़ाई भी नही हो रही है मन भटक रहा है
बुद्धि खराब सी हो गई है।
मन एक जगह नही लग रहा है
मेरा एग्जाम नजदीक है
गुरुदेव कुछ उपाय बताइए 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Reply plz guruji
🙏🙏🙏
@@manojbishnoi4693 ऐसी स्थिति मे आप हर रोज नित्य कपालभांति, अग्निसार, अनुलोम विलोम प्राणायाम और औम मंत्र का त्रिव स्वर मे उच्चारण सुबह व शाम दोनों समय 30-30 मिनट के लिए करे, इस अभ्यास से 2-4 दिन मे ही जो विष आपके शरीर मे एकत्रित होकर आपको परेशान कर रहा है वह विष शरीर से बाहर निकल जाएगा और आप पूरी तरह से स्वस्थ हो जायेगे, फिर तब आप ध्यान का अभ्यास भी पुनः शुरू कर पायेगे और आपकी मनःस्थिति भी बिल्कुल ठीक हो जायेगी।
Thanks gurudev
Aaj se start kruga 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@Dhyankagyan777 guruji thanks ❤️
Gurudev mere sabhi tatav bigad gaye hai
Gurudev me jab jal peeta hun to koi baat dimag me aati hai or darati hai or darta hoon
Saduwadji shreemanji
Bar bar pyas lgti h mitti hi nhi bar bar pani pina pdta h
😢😢😮😅
Thank u sir
❤❤❤❤❤