|| सत साहेब || मन नेकी करले दो दिन का मेहमान || मात-पिता तेरा कुटुंब कबीला, कोए दिन का रल मिल का मेला | अंत समय उठ चले अकेला, तज माया मंडान|| कहां से आया, कहां जाएगा, तन छूटै तब कहां समाएगा | आखिर तुझको कौन कहेगा, गुरु बिन आत्मज्ञान|| कौन तुम्हारा सच्चा सांई, झूठी है ये सकल सगाई| चलने से पहले सोच रे भाई, कहां करेगा विश्राम|| रहट माल पनघट ज्यों भरता, आवत जात भरै करै रीता|| युगन- युगन तू मरता जीता, करवा ले रे कल्याण|| लख चौरासी की सह त्रासा, ऊंच नीच घर लेता वासा | कहे कबीर सब मिटाऊं, कर मेरी पहचान|| भावार्थ:- परमेश्वर कबीर जी ने अपने मन को संबोधित करके हम प्राणियों को सतर्क किया है कि इस संसार में 2 दिन का यानी थोड़े समय का मेहमान है |इस थोड़े से मानव जीवन में आत्म ज्ञान के अभाव से अनेक पाप इकट्ठे कर के अनमोल मानव जीवन नष्ट कर जाता है |धन कमाने की विधि तो संसार के व्यक्ति बता सकते हैं, परंतु गुरुदेव जी के बिना आत्मज्ञान यानी जीव कहां से आया ?मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य क्या है? सतगुरु धारण किए बिना यानी दीक्षा लिए बिना जीव का मानव जन्म नष्ट हो जाता है? यह बात गुरुजी के बिना कोई नहीं बताएगा| चाहे पृथ्वी का राजा भी बन जा, परंतु भविष्य में पशु जन्म मिलेगा| जन्म मरण का चक्र गुरु जी के ज्ञान व दीक्षा मंत्र (नाम) बिना समाप्त नहीं हो सकता| जब तक जन्म मरण का चक्र समाप्त नहीं होता तो बताया है कि:- यह जीवन हर हट का कुआ लोई, या गल बंधा है सब कोई|| कीड़ी कुंजर और अवतारा, हरहट डोर बंधे कई बारा|| भावार्थ:- जैसी रहट के कुए में लोहे की चक्री लगी होती है |उसके ऊपर बाल्टी वेल्ड की जाती है पहले बैल ऊंट से चलाते थे जैसे कोल्हू बैल ऊंट से चलाते हैं रहट की बाल्टी नीचे कुएं से पानी भर कर लाती
तीनो तापो का शमन पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही कर सकते है पूर्ण संत सदगुरू रामपालजी महाराज जी पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति बताकर मानव समाज के कष्टो , बुराईयो का निवारण कर रहे है
विवाह रमैणी- राजेन्द्र जायसवाल संग ज्योति साहू ! RJ RJ RJ. Js Js Js. 2-4-2020 गुरुवार ! बंदी छोङ भगवान सतगुरु परमात्मा कबीर रामपाल जी महाराज की जय हो ! सत साहेब ! सत्यमेव जयते ! RJ RJ RJ...
रामपाल जी महाराज और एक पूर्ण संत सतगुरू में अंतर :- रामपाल जी जो भी ज्ञान अपने सत्संगो में देते हैं निःसंदेह वह सौ फीसदी सच है क्योंकि उनका ज्ञान वही है जो कबीर साहिब का है। पर फिर भी जो परिपक्वता एक पूर्ण संत सतगुरू में होती है वह संत रामपाल में दूर दूर तक दिखाई नहीं देती। इन दोनों में यह अंतर साफ तौर पर निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट किया जा सकता है:- 1_रामपाल जी कहते हैं कि ब्रह्मा विष्णु शिव और कोई भी देवता हमारी भक्ति के काबिल नहीं है केवल परमात्मा ही हमारी भक्ति के काबिल है। यह बात दुरुस्त है पर इस बात का ढिंढोरा पीटना ठीक नहीं है क्योंकि इससे लाखों लोगों का दिल टूटता है। वे लोग भी अपने देवी देवताओं से उतना ही प्यार करते हैं जितना हम अपने संत सतगुरू से करते हैं। एक पूर्ण संत कभी भी ऐसी बात नहीं कहेगा जिससे किसी का दिल दुःखे। वह हर सत्य को कुछ ऐसे तरीके से बयान करेगा कि साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। संत पलटू साहिब फरमाते हैं कि ब्रह्मा विष्णु शिव ब्रह्म पारब्रह्म आदि सब परमात्मा के ही रूप हैं और उसके हुक्म से ही अपना अपना काम बड़ी जिम्मेदारी के साथ पूरा करते हैं। 2_ रामपाल जी कहते हैं कि पूरे ब्रह्मांड में केवल मैं ही पूर्ण संत सतगुरू हूँ बाकि सारे ढोंगी हैं। एक पूर्ण संत सतगुरू आध्यात्मिक रूप से इतना परिपक्व होता है कि वह कभी भी ऐसा नहीं कहता कि मैं सतगुरू हूँ। बल्कि वह अपने आप को एक सेवक या दास कहता है। इतिहास गवाह है कि आज तक कभी किसी संत ने अपने आप को सतगुरू नहीं कहा। पर एक आम आदमी संतों की करनी, उनके नेक चाल चलन और उनके ऊँचे व्यक्तित्व से ही पहचान लेते हैं और उनकी ओर खींचे चले आते हैं। 3_ रामपाल जी दुनियां के सभी साधू संतों को शास्त्रार्थ के लिए ललकारते हैं और हमेशा उनको नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। एक पूर्ण संत कभी भी ऐसा नहीं करेगा। कबीर साहिब ने सभी साधू संतों के बारे में फरमाया है: "साधू मेरे सब बड़े, अपनी अपनी ठौर। संत विवेकी पारखी, वे माथे के मौर।।" कबीर साहिब ने कभी भी किसी को शास्त्रार्थ के लिए नहीं उकसाया बल्कि जो भी उनके साथ शास्त्रार्थ करने आता था वे बड़ी विनम्रता से पहले ही हार मान लेते थे क्योंकि मूर्ख के साथ बहस करना मूर्खता है और संतों के अलावा सारी दुनियां मूर्ख है। ऐसा काम वही करेगा जो परमार्थ की दृष्टि से परिपक्व नहीं होगा। 4_ एक कामिल महात्मा कभी भी दूसरे धर्मों की खामियाँ बयान नहीं करेगा। इतना जरूर है कि उन धर्मों में प्रचलित रूढ़िवादी परंपराओं और अंधविश्वासों पर चोट जरूर करेगा पर बड़े तरीके से। पर संत रामपाल अक्सर ऐसा नहीं करते। वे हमेशा सभी धर्मों की कुछ न कुछ खामियां गिनाते ही रहते हैं जो एक पूर्ण संत सतुगुरू होने की निशानी नहीं है। यह सब लिखने का मेरा उद्देश्य केवल इतना है कि जब किसी संत से नाम या शब्द का भेद मिल जाए तो फिर कुछ भी परख नहीं करनी चाहिए बल्कि अपना पूरा जोर शब्द की कमाई पर लगाना चाहिए। एक महात्मा को छोड़कर दूसरे के पास जाने से कुछ ज्यादा नहीं मिलेगा। जो भी मिलेगा शब्द या नाम की कमाई से मिलेगा। अक्सर संत रामपाल की लुभावनी बातों में आकर कई सत्संगी उनकी ओर खींचे चले जाते हैं और सार्वजनिक रूप से अपने पिछले सतगुरू में अपने मनमुताबिक कमियाँ ढूंढ कर बयान करते हैं। इंसान अपने स्वभाव के अनुसार सबकुछ जल्दी हासिल करना चाहता है। पर नाम का अभ्यास करना बहुत धीमी प्रक्रिया है। यह जल्दी का काम नहीं है। अगर कोई संत होने का दावा करे और परमात्मा को जल्दी पाने का तरीका बताए तो समझ लो वह झूठ कह रहा है। नाम की कमाई के अलावा और कोई तरीका परमात्मा को पाने का नहीं है क्योंकि यह खुद परमात्मा का रचा हुआ है। बाकी तरीके मन की रचना है और उनका दायरा भी उतना ही है जितना कि मन का। दुनियां में जितने भी कर्म हम परमात्मा को पाने के लिए करते हैं जैसे कि पूजा पाठ ब्रत तीर्थ शौच नियम प्राणायाम आदि ये सब मन की उपज हैं और इनका फल भी मन के दायरे में ही आता है यानी कि ब्रह्म तक। इसलिए हम जिस भी महात्मा की शरण में हैं उसके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए और उसके हुक्म का पालन करना ही हमारा सच्चा धर्म है। क्योंकि सच्चाई यह है कि किसी पूर्ण संत सतगुरू की प्राप्ति हमारे हाथ में नहीं है। यह पूरी तरह से परमात्मा की दया मेहर पर निर्भर है। एक महात्मा को छोड़कर दूसरे के पास जाना और फिर बाकी महात्माओं की निंदा करना कोई धर्म नहीं है।
#DoYouKnow जागो परमेश्वर के चाहने वालों जगत के तारणहार परमेश्वर इस धरती पर आ चुके हैं वह संत शास्त्रो अनुकूल साधना करवा रहे है उनके द्वारा बताए गए भक्ति विधि साधना करके अपने जीवन का कल्याण करवाएं और वह संत जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं 1. पूर्ण परमात्मा कौन है? 2. परमात्मा साकार है या निराकार? 2. सृष्टी की रचना कैसे हुई 3. ब्रह्मा विष्णु महेश की उत्पत्ति कैसे हुई 4. 33 करोड़ देवी देवताओं की उत्पत्ति कैसे हुई? 5. हम क्यों जन्मते मरते है To know more information 👇 Must watch satsang Ishwar channel on everyday 👉 8:30pm to 9:30pm +BBC News Hindi +Google India +IndiaTV +Aaj Tak +timesnowonline +CNN-News18 +ddnewslko
#Indian_Media_Died परमात्मा कहते है कि साँच को आँच नही सच्चाई की हमेशा जीत होती है पर हमारे समाज कुछ मीडिया नाम ऐसे कीड़े है। जो सच को झूठ और झूठ को सच बताते है जो भोली भाली जनता नाम की फसल को बर्बाद कर रहे,संत रामपाल जी महाराज के पास ही वो दवाई है जो ऐसे कीड़ो को खत्म कर दे। t.co/lKRIIo1YvU
बंदी छोङ भगवान सतगुरु परमात्मा कबीर रामपाल जी महाराज की जय हो ! सत साहेब ! सत्यमेव जयते ! RJ RJ RJ...
जय हो बंदी छोड़ प्रभु लाख लाख शुक्र है तेरा ☀️🌷👏👏👏👏👏👏👏
Bandi chhod satguru rampal ji maharaj ji ki jai ho
Sat Guru Dev Bandichhod Ram Paulji Maharaj Ki Jai Ho, Sat Saheb
Bandi chhor satguru rampal ji maharaj ji ki jai hoo🙏😇🌷
गुरु बड़े गोविन्द से, मन में देख विचार।
हरि सुमरे सो वारि है, गुरु सुमरे हुए पार।।
बोलो सदगुरु देब संत रामपाल जि महाराज कि जय
|| सत साहेब ||
मन नेकी करले दो दिन का मेहमान ||
मात-पिता तेरा कुटुंब कबीला, कोए दिन का रल मिल का मेला |
अंत समय उठ चले अकेला, तज माया मंडान||
कहां से आया, कहां जाएगा, तन छूटै तब कहां समाएगा |
आखिर तुझको कौन कहेगा, गुरु बिन आत्मज्ञान||
कौन तुम्हारा सच्चा सांई, झूठी है ये सकल सगाई|
चलने से पहले सोच रे भाई, कहां करेगा विश्राम||
रहट माल पनघट ज्यों भरता, आवत जात भरै करै रीता||
युगन- युगन तू मरता जीता, करवा ले रे कल्याण||
लख चौरासी की सह त्रासा, ऊंच नीच घर लेता वासा |
कहे कबीर सब मिटाऊं, कर मेरी पहचान||
भावार्थ:- परमेश्वर कबीर जी ने अपने मन को संबोधित करके हम प्राणियों को सतर्क किया है कि इस संसार में 2 दिन का यानी थोड़े समय का मेहमान है |इस थोड़े से मानव जीवन में आत्म ज्ञान के अभाव से अनेक पाप इकट्ठे कर के अनमोल मानव जीवन नष्ट कर जाता है |धन कमाने की विधि तो संसार के व्यक्ति बता सकते हैं, परंतु गुरुदेव जी के बिना आत्मज्ञान यानी जीव कहां से आया ?मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य क्या है? सतगुरु धारण किए बिना यानी दीक्षा लिए बिना जीव का मानव जन्म नष्ट हो जाता है? यह बात गुरुजी के बिना कोई नहीं बताएगा| चाहे पृथ्वी का राजा भी बन जा, परंतु भविष्य में पशु जन्म मिलेगा| जन्म मरण का चक्र गुरु जी के ज्ञान व दीक्षा मंत्र (नाम) बिना समाप्त नहीं हो सकता| जब तक जन्म मरण का चक्र समाप्त नहीं होता तो बताया है कि:-
यह जीवन हर हट का कुआ लोई, या गल बंधा है सब कोई||
कीड़ी कुंजर और अवतारा, हरहट डोर बंधे कई बारा||
भावार्थ:- जैसी रहट के कुए में लोहे की चक्री लगी होती है |उसके ऊपर बाल्टी वेल्ड की जाती है पहले बैल ऊंट से चलाते थे जैसे कोल्हू बैल ऊंट से चलाते हैं रहट की बाल्टी नीचे कुएं से पानी भर कर लाती
जय हो बंदी छोड़ सत गुरु श्री रामपाल जी महाराज की जय हो जय हो जय हो
जो चाहे सो करदे सतगुरु भ्रम रहो मत कोई। सेऊ धड पे शिश चडाया पिछे करी रसोई। ।
गुरु बीन माला फेरते गुरु बीन देते दान! गुरू बिन दोनो निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण ।
सत साहिब जी गुरु जी ने मौज लगा दिया भाई तू खुश हो गई सत्संग सुनकर सत साहिब जी
संत रामपाल जी महाराज की जय हो
सतगुरु जो चाहे सो करहीं , चौदह कोट दूत जम डरहीं। ऊत भूत जम त्राश निवारै, चित्रगुप्त के कागज फारै।।
तीनो तापो का शमन पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही कर सकते है पूर्ण संत सदगुरू रामपालजी महाराज जी पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति बताकर मानव समाज के कष्टो , बुराईयो का निवारण कर रहे है
Sat Saheb
Sat sahib ji
Satguru rampal ji maharaj ji ki jay
बन्दी छोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज की जय हो
सत साहेब बंदी छोड़ कबीर साहेब की जय
सत गुरु जो चाहै सो करदे भरम पड़ो मत कोई सेउ धड पर सीस चढ़ाया पीछे करी रसोई
Bandichorr Satguru Rampalji Maharajj ki Jai hoo 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
satsahib
Bandi chhor satguru sant rampal ji maharaj ki jai ho.🌷
सत साहेब जी जै हो बंदी छोड़ की
तेरा एक नाम तारे संसार, मोहे एहो आस एहो आधार ।।
गुरु नानक देव जी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏Tum Kar do pal me paar hoo ja raja teri 🙏🙏🙏🙏hoo raja teri maharaj ho jaa raj teri🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Satguru bandi chod rampal ji maharaj ki jai ho
Aagaye hai dharti par avtar kabir ji ka le Jane hum sabko kaal jaal se
Sat, sahev
जय हो बन्दी छोड़
sat saheb guru ji
सतगुरु जो चाहे सो कर दे भरम पढ़ो मत कोई सेउ सर पर शीश चढ़ाया पाछे करी रसोई
Sat Saheb ji
सदगुरु देव की जय🌺
Jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji jaimaharajji
सतगुरु जो चाहे सो करही चौदा कोटि दूत यम डरही ,ऊत भूत यम तरास नीभारे चित्र गुप्त के कागज़ फारे ।🙏🙏🙏
जय बंदीछोड की
विवाह रमैणी- राजेन्द्र जायसवाल संग ज्योति साहू ! RJ RJ RJ. Js Js Js. 2-4-2020 गुरुवार ! बंदी छोङ भगवान सतगुरु परमात्मा कबीर रामपाल जी महाराज की जय हो ! सत साहेब ! सत्यमेव जयते ! RJ RJ RJ...
ए स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टी हमारै तीर। दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत्य कबीर।।434।।
सत साहेब जी
जय बोलो बंदीछोर की
सत साहेब
J ho bandi chhod ki
❤😂❤😂❤😂❤🎉🎉 parampita Parmeshwar Bandi Chhod Jagatguru tatvdarshi Sant Rampal Ji Bhagwan ki Jay Ho sat Saheb ji
sat saheb ji
bandi chhod satguru rampal ji bhagavan ki jai ho
sat saheb
Bandichhord sadguru Rampal ji maharaj ki jai
sat saheb
परम् पिता परमात्मा बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
Sat saheb ji
Gaurav Sharma Sat sahib jii
Satguru Rampalji maharaj ke charno me koti koti dandvat pranaam
सद्गुरु संत रामपाल जी महाराज की कृपा गोपीलाल मालवीय गांधीनगर पर
SAT SAHEB JI
Anshika Dassi sat sahib g
सत गुरु के दरवार में,कमी कछु की नाय।
हंसा मौज नही पावता,तेरी चूक चाकरी माय।
कबीर इज गॉड बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज है
sat saheb ji jai ho bandichhod ki
Sat sahib
बोलो सतगुरु देव की जय हो
सत साहिब जी ।। जगतगुरु तत्वदर्शी परम संत सतगुरु श्री रामपाल जी महाराज के श्री पावन चरण कमलों में कोटि-कोटि सादर दंडवत प्रणाम।।
गुरु गोविंद दोनों खडे काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो मिलाय
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*100% सत्य कहानी*
Sat Saheb ji
Jagat guru tatvadarshi sant rampal ji Maraj ki jai ho
हम ही अलख अल्लाह है कुतुब गोश्त और पीर गरीबदास खालिक धनी हमरा नाम कबीर
Jai ho Bandi xod Satguru Rampal ji maharaj ji ki jai ho 🙏 🙏🙏
सुप्रीम गॉड संत रामपाल जी
जय बन्दीछोड़ की
Bandi Chod Satguru Rampal Ji Maharaj ki jai ho
दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार,
तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि न लागे डार।
संतरामपालजी महाराज शास्त्र अनुकूल साधना करवाते है इसलिए साधक को लाभ हो रहे है।
लीला बाई किर मोरवन
सबसे बड़ी भगत
सत् रामपाल जी महाराज कि
Sat Saheb Ji...
सतगुरूदेवकि,जय
सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार तो भी बराबर है नही सद्गुरु के विचार
रामपाल जी महाराज और एक पूर्ण संत सतगुरू में अंतर :-
रामपाल जी जो भी ज्ञान अपने सत्संगो में देते हैं निःसंदेह वह सौ फीसदी सच है क्योंकि उनका ज्ञान वही है जो कबीर साहिब का है। पर फिर भी जो परिपक्वता एक पूर्ण संत सतगुरू में होती है वह संत रामपाल में दूर दूर तक दिखाई नहीं देती। इन दोनों में यह अंतर साफ तौर पर निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट किया जा सकता है:-
1_रामपाल जी कहते हैं कि ब्रह्मा विष्णु शिव और कोई भी देवता हमारी भक्ति के काबिल नहीं है केवल परमात्मा ही हमारी भक्ति के काबिल है। यह बात दुरुस्त है पर इस बात का ढिंढोरा पीटना ठीक नहीं है क्योंकि इससे लाखों लोगों का दिल टूटता है।
वे लोग भी अपने देवी देवताओं से उतना ही प्यार करते हैं जितना हम अपने संत सतगुरू से करते हैं।
एक पूर्ण संत कभी भी ऐसी बात नहीं कहेगा जिससे किसी का दिल दुःखे।
वह हर सत्य को कुछ ऐसे तरीके से बयान करेगा कि साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। संत पलटू साहिब फरमाते हैं कि ब्रह्मा विष्णु शिव ब्रह्म पारब्रह्म आदि सब परमात्मा के ही रूप हैं और उसके हुक्म से ही अपना अपना काम बड़ी जिम्मेदारी के साथ पूरा करते हैं।
2_ रामपाल जी कहते हैं कि पूरे ब्रह्मांड में केवल मैं ही पूर्ण संत सतगुरू हूँ बाकि सारे ढोंगी हैं। एक पूर्ण संत सतगुरू आध्यात्मिक रूप से इतना परिपक्व होता है कि वह कभी भी ऐसा नहीं कहता कि मैं सतगुरू हूँ। बल्कि वह अपने आप को एक सेवक या दास कहता है। इतिहास गवाह है कि आज तक कभी किसी संत ने अपने आप को सतगुरू नहीं कहा। पर एक आम आदमी संतों की करनी, उनके नेक चाल चलन और उनके ऊँचे व्यक्तित्व से ही पहचान लेते हैं और उनकी ओर खींचे चले आते हैं।
3_ रामपाल जी दुनियां के सभी साधू संतों को शास्त्रार्थ के लिए ललकारते हैं और हमेशा उनको नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। एक पूर्ण संत कभी भी ऐसा नहीं करेगा। कबीर साहिब ने सभी साधू संतों के बारे में फरमाया है:
"साधू मेरे सब बड़े, अपनी अपनी ठौर।
संत विवेकी पारखी, वे माथे के मौर।।"
कबीर साहिब ने कभी भी किसी को शास्त्रार्थ के लिए नहीं उकसाया बल्कि जो भी उनके साथ शास्त्रार्थ करने आता था वे बड़ी विनम्रता से पहले ही हार मान लेते थे क्योंकि मूर्ख के साथ बहस करना मूर्खता है और संतों के अलावा सारी दुनियां मूर्ख है।
ऐसा काम वही करेगा जो परमार्थ की दृष्टि से परिपक्व नहीं होगा।
4_ एक कामिल महात्मा कभी भी दूसरे धर्मों की खामियाँ बयान नहीं करेगा।
इतना जरूर है कि उन धर्मों में प्रचलित रूढ़िवादी परंपराओं और अंधविश्वासों पर चोट जरूर करेगा पर बड़े तरीके से।
पर संत रामपाल अक्सर ऐसा नहीं करते। वे हमेशा सभी धर्मों की कुछ न कुछ खामियां गिनाते ही रहते हैं जो एक पूर्ण संत सतुगुरू होने की निशानी नहीं है।
यह सब लिखने का मेरा उद्देश्य केवल इतना है कि जब किसी संत से नाम या शब्द का भेद मिल जाए तो फिर कुछ भी परख नहीं करनी चाहिए बल्कि अपना पूरा जोर शब्द की कमाई पर लगाना चाहिए। एक महात्मा को छोड़कर दूसरे के पास जाने से कुछ ज्यादा नहीं मिलेगा। जो भी मिलेगा शब्द या नाम की कमाई से मिलेगा।
अक्सर संत रामपाल की लुभावनी बातों में आकर कई सत्संगी उनकी ओर खींचे चले जाते हैं और सार्वजनिक रूप से अपने पिछले सतगुरू में अपने मनमुताबिक कमियाँ ढूंढ कर बयान करते हैं। इंसान अपने स्वभाव के अनुसार सबकुछ जल्दी हासिल करना चाहता है। पर नाम का अभ्यास करना बहुत धीमी प्रक्रिया है। यह जल्दी का काम नहीं है। अगर कोई संत होने का दावा करे और परमात्मा को जल्दी पाने का तरीका बताए तो समझ लो वह झूठ कह रहा है। नाम की कमाई के अलावा और कोई तरीका परमात्मा को पाने का नहीं है क्योंकि यह खुद परमात्मा का रचा हुआ है। बाकी तरीके मन की रचना है और उनका दायरा भी उतना ही है जितना कि मन का। दुनियां में जितने भी कर्म हम परमात्मा को पाने के लिए करते हैं जैसे कि पूजा पाठ ब्रत तीर्थ शौच नियम प्राणायाम आदि ये सब मन की उपज हैं और इनका फल भी मन के दायरे में ही आता है यानी कि ब्रह्म तक।
इसलिए हम जिस भी महात्मा की शरण में हैं उसके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए और उसके हुक्म का पालन करना ही हमारा सच्चा धर्म है। क्योंकि सच्चाई यह है कि किसी पूर्ण संत सतगुरू की प्राप्ति हमारे हाथ में नहीं है। यह पूरी तरह से परमात्मा की दया मेहर पर निर्भर है। एक महात्मा को छोड़कर दूसरे के पास जाना और फिर बाकी महात्माओं की निंदा करना कोई धर्म नहीं है।
इंद्र दा राज काग की विष्ठा, मत भोगो इंद्राणी नूँ ।
सुखदेव पास पुरन्दा आई,जाके ध्यान लगे निरबानी नू ।।
जय बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की।
जय हो मेरे मालिक की
सद्गुरू देव जी की जय हो ।
चमत्कार को नमस्कार है
🙏🙏🙏🙏 Sant Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho 🙏🙏🙏
Jai ho bandi Chod ki sat saheb to all
Gurudev.ke charno me danvat.parnam
Jai ho bandhi chhorh ki
Sat saheb ji
satsahibji
Jai bandi chhor ki
Bandi chhod satguru rampal ji maharaj ki Jai 🙏💖💖
#DoYouKnow
जागो परमेश्वर के चाहने वालों जगत के तारणहार परमेश्वर इस धरती पर आ चुके हैं वह संत शास्त्रो अनुकूल साधना करवा रहे है उनके द्वारा बताए गए भक्ति विधि साधना करके अपने जीवन का कल्याण करवाएं और वह संत जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं
1. पूर्ण परमात्मा कौन है?
2. परमात्मा साकार है या निराकार?
2. सृष्टी की रचना कैसे हुई
3. ब्रह्मा विष्णु महेश की उत्पत्ति कैसे हुई
4. 33 करोड़ देवी देवताओं की उत्पत्ति कैसे हुई?
5. हम क्यों जन्मते मरते है
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jai badi chhore ki
जय बन्दि छोड कि जये हो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
સત્ સાહેબ
Sant rampal ji maharaj is true gyan
Jai ho Bandi chhod ki
Sath sahib
Jai Ho ..guruji...satsaheb
सत् साहिब जी
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सतगुरु देव जी की जय हो🙏
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#Indian_Media_Died
परमात्मा कहते है कि साँच को आँच नही
सच्चाई की हमेशा जीत होती है पर हमारे समाज कुछ मीडिया नाम ऐसे कीड़े है। जो सच को झूठ और झूठ को सच बताते है जो भोली भाली जनता नाम की फसल को बर्बाद कर रहे,संत रामपाल जी महाराज के पास ही वो दवाई है जो ऐसे कीड़ो को खत्म कर दे। t.co/lKRIIo1YvU
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया
जाती जुलाहा भेद न पाया काशी माही कबीर हुआ
Jay bandi chhod ki