बुद्ध ने कहा था "अपो दीपो भव" अर्थात अपने दीप आप बनो या अपने गुरु आप बनो। असली गुरु भीतर होता है जो प्यास से जागता है। परमात्मा से मिलने की प्यास पैदा हो जाए तो भीतर का गुरु अपने आप प्रकाशमान होने लगता है और मनुष्य अपना गुरु खुद ही बन जाता है। इस लिए ओशो के गुरु ओशो खुद ही थे। गुरु सबके भीतर होता है। जिसके भीतर का गुरु जाग जाता है वह गुरु हो जाता है और वह भी अपने शिष्यों को अपने भीतर का गुरु जगाने की ही विधि बताता है क्योंकि अपने भीतर का गुरु जगाए बिना बाहर के गुरु से भी कुछ प्राप्त नहीं किया जा सकता। असली गुरु तो भीतर का गुरु ही होता है।
@@SohanSingh-hi3dh ओशो के गुरु की चिंता मुझे नहीं, आप जैसे लोगों को खा रही है। मझे तो यह बात बिल्कुल clear है कि गुरु कोई व्यक्ति नहीं होता बल्कि मनुष्य के भीतर का विवेक और ज्ञान ही उसका असली गुरु होता है। नानक और कबीर भी यही कहते हैं और ओशो भी यही कहते हैं। गुरु नानक देव जी कहते हैँ : "शब्द गुरु ,सूरति धुनि चेला।।" और कबीर जी का कथन है : "कहु कबीर मै सो गुरु पाया, जा का नाऊ बिबेको।।"
यह बात व्यर्थ की है ओशो के गुरू कौन ओशो ऐसे समय हमारे बीच आए जब हम उनके वीडियोज देख सकते उनको बोलते चलते फिरते देख सकते इस तरह हम उन्हे आज भी अपने साथ ही पाते ओशो स्वर्ण शिखर है उन्होने कई बार कहा मै किसी का गुरू नही और मै किसी का शिष्य नही मेरा इस गिरोह से कोई संबंध नही मै आपका मित्र हो सकता हु
उन्होंने कहा था कि उनके कोई गुरु नही है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि बिना गुरु के सत्य प्राप्ति एक अपवाद है। और अपवाद नियम नही होता है। इसलिए उन्होंने सदेह गुरु की आवश्यकता पर जोर दिया है।
OSHO HAS CLEARLY STATED THAT I DON'T HAVE ANY GURU (MASTER) & I M NOT INFUENCED BY ANY BODY. OSHO IS EXCEPTIONAL & DIFFERENT FROM THE LEAGUE. INFACT IN HIS ENGLISH VIDEO TITLE 'A SECRET I KEPT IT TO MYSELF ' HE STATED WHAT GAUTAM BUDHA SAID TO ANAND 2500 YEARS AGO THAT HE(BUDHA) WILL BE COMING AS MAITRYA. RAJNEESH WAS REINCARNATION OF GAUTAM BUDDHA.
आपकी बात सच है मुनीवर ओशोने कही भी अपने प्रवचन मे ऐसा नही कहा मेरे देह विलय के बाद भी मुझे गुरु मानकर ही चलना आपंकी बात से पूर्ण सहमत हू मनसा मालिनी रे गोरख जागता नर सेव 🙏🙏🙏 जाग्रत पुरुष का संग करो ।। ओशो भी यहीं कहते है
प्रभु मुझे यह बात कुछ पत्ता नही ओशोके गुरू कौन है लेकिन ओशो एक खुदके गुरू खुद है मुझे तो यैसा ही लग रहा है यहसास भि हो गया है ।क्यू की मै भि ओशोके परम सन्यासी हुँ। मैने भि ओशोके किताब बहुत-बहुत पढ चुकी हुँ। जिज्ञासा मुझे भि था लेकिन नही मिला और समझ चुकी हुँ खुदका गुरू बनो जाग्रीत होकर जब पढी थि और प्रवचन भि सुना तब मै भि पहला शिष्य बनना तब खुदके गुरू बनना दूसरा आपको बदल नही सकता और दुसरा कोही होता भि नही तुम्हारे लिए जब यैसा बात दिमागमे सेट होनेके बाद ओशो अपना गुरू खुद है ।प्रभु धन्यवाद। हमरा सन्यास नाम माँ दिव्य गन्धा काठमाणडौ नेपाल से धन्यवाद। प्रणाम अहोभाव प्रकट आपको स्वामी जी ओशो नमन अहोभाव प्रकट।
ओशो की आवाज सीधे दिल में उतरती है पर मैं आज तक नहीं समझ पाया हूं कि वह सो कहना क्या चाहते थे समझाने की कृपा करें सीधे-सीधे में ओशो का इशारा किस तरफ था या फिर वह कहना क्या चाहते थे
प्रणाम गुरुवर मेरा अपना मानना है जो मेने उनको समझा ओशो जी ने जीवत गुरु जो नाम लिया वह किसी जीवत मनुष्य के लिये नही कहाँ उनका कहने का अर्थ शिखर पर पहुंचा व्यक्तिजैसे ओशो जी ' बुद्ध जी रामकृष्ण जी ,महावीर स्वामी आदि अधुरा ज्ञान वाला गुरु नही वह जीवित गुरु नही जैसे कि आज की \स्थिती है यदि मनुष्य खुद जीवित हो तो फिर वह खुद वहअपना जीवित गुरु है लेकिन हम जीवित हे कहाँ मुर्दा बनकर जीते है यह मेरे अपने विचार है जीवित शब्द को समझना है अध्यात्म के भाषा में
आपकी वाणी के आध्यात्मिक अट्रेक्सन है मुनीवर ।। सुनना बड़ा अच्छा लगता है ।। भारत के तमाम आध्यात्मिक संतो ने एक ही बात बोली जागता नर सेव 🙏🙏 जाग्रत पुरुष का संग करो🙏🙏🙏
ओशो से ज्ञान पाने वाले महात्मा गुरु बन सकते हैं या उन्हें गुरु रूप में स्वीकार किया जा सकता है। सभी सन्तो की वाणी सुनने से सन्त बनते हैं।ओशो ने भी सन्तो को सुना और ज्ञान पाया। किसी एक का नाम लेना औपचारिकता है सत्य नहीं है।
OsHO g great ji OsHO ji ka sandesh tha Dhayan samadhi kere Aapka marg khulta jaayega Ye ek shubh sandesh hain Sab tarah ke saadhana kerte kerte 5 kadiyan tootti hain Aap adhyatam marg main avashaya safel honge Mere 100/-vishvash hai I am enjoying my sadhana with beautiful family and beautiful life..sabka mangal hoy re Jai Osho ji
प्रणाम जी, बहुत सुन्दर कहा आपने ओशो के गुरु से विशेष प्रयोजन नही महात्मा जी, लेकिन ओशो ने जीवित सदगुरु का बोल के जीवित सदगुरुओ की श्रंखला टाईप व्यवस्था नही की ये बात विचारणीय है, आप इस पर भी कुछ बोलें ।
ओशो ने कहा है कि यदि आंख खुली है तो रास्ते पर पड़ा पत्थर भी आपको कुछ सिखा देगा । इस विचार पूरा ब्रह्मांड ही ओशो गुरु है । वे हमेशा होश में रहे , और पूरे अस्तित्व से सीखते गए । कोई व्यक्ति विशेष उनका गुरु नही था । Dr. R.D. Dwivedi . Tripal MA . Ph.D .
एक अच्छा शिष्य ही एक अच्छा गुरु बन सकता है जब तक आप किसी के सनिध्थ मे नही रहते आपका अहंकार बना रहता है ओशो विचारक थे सतं नही किसी के विचार अच्छे होते किसी के काम आ सकते है पर वो सतों को नही जान सकता ।
स्वंय ओशो ने 'ओशो' शब्द का अर्थ समझाते हुए कहा है कि ओशो शब्द का प्रयोग बोधी धर्म के शिष्य ईकाने किया था। ओशो का अंग्रेज़ का अर्थ किया है, जिस पर अस्तित्व का आशीर्वाद बरसे है । हम ओशो को ही जिवित गुरु को मान सकते हैं या उनके शिष्य को भी जिवित गुरु के रूप में मान सकते हैं, जब तक हमको मार्गदर्शन की जरूरत है। ओशोके लिए हमारी स्वतंत्रता ही महत्वपूर्ण है।
Jisko bhi Parmatma se milne ki tarap hai, dass oon sab ke charno main dono hath jorekar vinti karta hoon ke OSHO aap ke liye itna khajana chhor gaye hai ke kisi bhi guru ke paas jaane ki koi zaroorat nehi hai bus unke ek ek shabad mai bahoot hi bari ki se doob jao aap jee ko patta chal jayega ke aap koun ho, likhna to nehi chahta tha magar Payare Osho Ka payar dil se ummar ummar kar bahar aa raha hai par sach kehta hoon ke toom hi parmatma ho tum hi parmatma ho jee toom hi parmatma ho.
गुरु का मतलब कुछ सिखना जहां से कुछ सिखने को मिला सिख लिया पचास लोगों से कुछ सिखा तों पचास लोगों को गरु बताना ये एक बड़ी समस्या बन जायेगी लोगों में पचास या इससे अधिक गुरु बनाने की एक परम्परा बन जायेगी ओशो इसलिए किसी एक गुरु का वर्णन नहीं करते उन्होंने बहुत लोगों से बहुत कुछ सीखा गुरु दोस्त भी हों सकता है
Any living guru can give you hints to find way of life , everybody is responsible for his/her action and find the path of life , so every follower of Osho will be different in approach depands on his wisdom . Some people can reach to highest level without any guru but are exceptional cases may be Osho is one of the ❤️❤️🙏
आप मानना नही है ठिक है पर उनका गुरूको मेरको जानना नही है बस उनको मेरे जीवन पर जाननेको जो दीक्षा मिलि है मै आभारी हु । ओशो मेरेको शिवकी अवतार लगता है क्योकी उनको भि गुरू नही थि ।
कोई दूसरा अनुभवी उसे राइट ना कर तब तक हमारा अनुभव भी संशय में ही रहता हमारे ही अनुभव को ठीक है या गलत है ऐसा कहने वाला ही गुरु है परंतु सच में गुरु आप खुद ही जब तक संन्सय से अंदर से नहीं मिटेगा तब तक कोई भी गुरु काम नहीं
आप सही ट्रेक पर है तों ओशों जैसे महान लोगों की बात करें नाही की लड़ाई झगडे बाले जुठे मनुवादीके नाम बिचमे बोला किजीये , बुद्धाय नमः साहेब कबीर ईशु प्रभु पैगम्बर साहब जो किसीके पास करुणा दया कल्याण के सीवा कुछ नहीं है सिर्फ करुणाकर केहलाते है...
हां ओशों ने कहा है कि गुरु की जरूरत है ताकि वह सीधे आत्मा का साक्षात्कार करा दे। पर रामायण, गीता, कुरान, बाईबल ये सिर्फ प्रतीक है। रामायण गीता कुरान बाईबल आदि तो ज्ञान प्राप्त होने पर आपके अन्दर निरन्तर चल रही होती हैं। हां आपका सही ओर सच्चा होना चाहिए।
Pranam...Kaho. Guru ka mtlb hota hey...bada. Aap mujshe aayu mey badey honesey naturally guru ho gaye.... Guru ka mtlb hota hey...Gyani. Koi kisi vishay me mujey guide krta hey to vo bhi mere us vishay ke guru ho gaye.💐
ओशो के द्वारा जीवित गुरु के बारे ज्यादा जोर इसलिए दिया गया है, सायद जीवित गुरु प्रत्यक्ष दर्शन करा कर भगवान का तत्क्षण बोध करा देते हैं।उसके बाद मनुष्य के लिये कुछ भी जानना शेष नहीं रह जाता।
ओर आपके तो कोई जीवित गुरु नहीं होगा, राम को तुम भगवान कहते हो, ओर मुझे नहीं लगता तुम कोई ना तो महापुरुष हो, गुरु की तो बात तुम भुल जाओ, 😀😀😀 अरे तुम्हारा दिया तो जला नहीं है, कम से कम किसी ओर का तो मत बुझाओ 🔥ये जो विचार विचार करके जो तुम अपने धंधे का विस्तार कर रहे हो, ठीक है, पर सभी गुरुओं की गुरु ये विकासशील प्रकृति है,, अंत मे तुम्हारे कहने का सार यह है, की, आप जानना चाहते हो, कितने भेड़ मेरे गुरु की उपाधि पर मोहर लगाते है, नहीं तो बताओ जिन महापुरुषों के गुरु हुए, उनके बाबत जो विचार की बात , तुम्हारे, खुद के, अहंकार को पोषित, कर रहे हो, करो करो, खुब करो, क्योंकि, ना तो अब वे महापुरुष है, ना ही उनके गुरु,, ओर ओशो को गुरु शब्द, एक शोषणकारी तंत्र, की जड़ बताया है,, इसलिए शायद उन्होंने तो खुद को एक मित्र की भांति समझे, ईस बात पर जोर दिया है,, ,,, ओर तुम चले हो गुरु बनने,, ओर सच्चाई यह है कि, उनकी नानी, ही उनकी पिछले जन्मों से गुरु रही है,, वो ओशो के पैदा होने से पहले ही संबुद्ध थी,, ,,, तो मेरे भाई जो तुम महापुरुषों की नामोजुदगी , के अवसर का फायदा उठाकर जो तुम्हारा मन, गुरु बनने को आतुर है, ईस वासना को देखो, कैसे तुम्हे ये आलस्य सत्य से भटका देगा, गुरु की तो बात ही भुल जाओ, तुम् अभी, शिष्य की कसोटी पर यात्रा की नहीं, बड़े सस्ते मे, गुरु बनना बहुत महंगा पड़ सकता है,🙏, शायद तुम्हें विदेशी सैलानी जवानी की तलाश है, जो तुम्हे गुरु भी पुकारे ओर गुरु दक्षिणा भी दे😎😎, तो सीधे सीधे, किसी से स्पष्ट कहो, मन को देखो, 😭
As per my knowledge this is not a matter to think about but as a seeker we must be get ego lesness but how we confirm that So we need a master who achieved that peak point
Pavan guru pani pita kaha h Nanak Ji n sir apko hi pata hi Nanak k guru th man mandir h j k dak LG Rasta bata dia h Nanak k kon s guru th humko bata thy thunks
ओशो के गुरु के विषय में जानो । ओशो का जैन धर्म में जन्म हुआ था। स्वाभाविक है जैन गुरु प्राथमिक रूप से उनके गुरु होंगे बाद में उन्होंने साधना में विभिन्न संतों और दर्शनों का सहयोग लिया है। विपस्यना साधना भी उन्होंने की है । जो बुद्ध की साधना प्रणाली कही जाती है। बुद्ध ने सनातन साधना को ही परिष्कृत किया है।
आपकी स्पष्टता क्या है आपका प्रश्न क्या है आपका उत्तर क्या है एक प्रश्न में कई प्रश्न है हो सकता है उनका कोई गुरु ना हो तो आपका वक्त अब क्या हो सकता है आपकी दिलचस्पी कोई मेरे पैर दवाई चलिए हमारा बात कर सकते हैं
Mind control by the path is called 'Guru' . The devine power exists depending on the law of nature. Self surrender without cause, Pray for fulfillment of Only God's wish. Hari Omm.. WE CANNOT SEE GOD BECAUSE GOD IS EVERYWHERE...
ओशो जी को भी कहीं से किरण प्राप्त हुई होगी उसके बाद आगे बड़े होंगे और वह परम गुरु होकर परम सत्य को प्राप्त करके तो मैं जानती हूं गुरु का सानिध्य सभी को चाहिए वह भी जिंदा गुरु गुरु महाराज जी प्रणाम
ओशो ने कहा है कि अपवाद को नियम नहीं बन सकता। ओशो को हमें ओशो को अपवाद ही मानना चाहिए। लेकिन हम नियमसे इतने आदी हो गए है कि ओशो को हमारे नियमों में ढालना चाहते हैं!
बुद्ध ने कहा था "अपो दीपो भव" अर्थात अपने दीप आप बनो या अपने गुरु आप बनो।
असली गुरु भीतर होता है जो प्यास से जागता है। परमात्मा से मिलने की प्यास पैदा हो जाए तो भीतर का गुरु अपने आप प्रकाशमान होने लगता है और मनुष्य अपना गुरु खुद ही बन जाता है।
इस लिए ओशो के गुरु ओशो खुद ही थे।
गुरु सबके भीतर होता है। जिसके भीतर का गुरु जाग जाता है वह गुरु हो जाता है और वह भी अपने शिष्यों को अपने भीतर का गुरु जगाने की ही विधि बताता है क्योंकि अपने भीतर का गुरु जगाए बिना बाहर के गुरु से भी कुछ प्राप्त नहीं किया जा सकता।
असली गुरु तो भीतर का गुरु ही होता है।
❤
आप अपना भी परिचय तो दें श्रीमान जी।आप कौन हैं? और आपको ओशो के गुरू की चिंता क्यों खाए जा रही है?
Satya VACHAN,,, YES I COMPLETELY AGREED WITH YOU.🙋🙏🙏
@@SohanSingh-hi3dh ओशो के गुरु की चिंता मुझे नहीं, आप जैसे लोगों को खा रही है।
मझे तो यह बात बिल्कुल clear है कि गुरु कोई व्यक्ति नहीं होता बल्कि मनुष्य के भीतर का विवेक और ज्ञान ही उसका असली गुरु होता है। नानक और कबीर भी यही कहते हैं और ओशो भी यही कहते हैं। गुरु नानक देव जी कहते हैँ :
"शब्द गुरु ,सूरति धुनि चेला।।"
और कबीर जी का कथन है :
"कहु कबीर मै सो गुरु पाया, जा का नाऊ बिबेको।।"
Manjit singh ji sada khus rho ji 🙏🙏🙏🙏
प्रणाम स्वामी जी,,ओशो मेरे गुरु है । ओशो गुरु जी मेरे भगवान है वो आज बी हमारे साथ ह, ओशो को सुनके मेरी लाइफ बदल गयी लव यू ओशो
Good 👍
चरेवेति चरेवेति
यह बात व्यर्थ की है ओशो के गुरू कौन ओशो ऐसे समय हमारे बीच आए जब हम उनके वीडियोज देख सकते उनको बोलते चलते फिरते देख सकते इस तरह हम उन्हे आज भी अपने साथ ही पाते ओशो स्वर्ण शिखर है उन्होने कई बार कहा मै किसी का गुरू नही और मै किसी का शिष्य नही मेरा इस गिरोह से कोई संबंध नही मै आपका मित्र हो सकता हु
गुरु ओशो ने जिन जिन भगवान संतों का प्रवचन दिए हैं वे ही उनके गुरु है।
Very good
पर ऐसा कुछ कहा नहीं ओशो ने
Yes
प्रणाम स्वामी जी 🙏🙏ओशो मेरे प्यारे 🙏🙏 ओशो आज भी हमारे बीच हैं जीवंत है इसका प्रमाण इतने रूपांतरित होते लोग है
Good 👍
Unho ne kaha hai - Jaise hi ap shishya bante hai wese hi Guru prakat ho jata hai.
Sahi kaha unhone
Aap ka होना और बोलना बहुत बड़ा विमर्श है और बहुत स्मानीय और धार्मिक क्रांति की शुरुवात है
उन्होंने कहा था कि उनके कोई गुरु नही है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि बिना गुरु के सत्य प्राप्ति एक अपवाद है। और अपवाद नियम नही होता है। इसलिए उन्होंने सदेह गुरु की आवश्यकता पर जोर दिया है।
OSHO HAS CLEARLY STATED THAT I DON'T HAVE ANY GURU (MASTER) & I M NOT INFUENCED BY ANY BODY. OSHO IS EXCEPTIONAL & DIFFERENT FROM THE LEAGUE.
INFACT IN HIS ENGLISH VIDEO TITLE 'A SECRET I KEPT IT TO MYSELF ' HE STATED WHAT GAUTAM BUDHA SAID TO ANAND 2500 YEARS AGO THAT HE(BUDHA) WILL BE COMING AS MAITRYA. RAJNEESH WAS REINCARNATION OF GAUTAM BUDDHA.
But theosopichal society was about to anounce krishnamurti as maitrya nah ? I think Swami Ashok Bharti ( Follower of Osho ) Said that .
Osho stated that Magga baba, Pagla Baba and Masto were his Gurus .
Kya bakwas hai.
Gautam buddhe aur osho...
आपकी बात सच है मुनीवर ओशोने कही भी अपने प्रवचन मे ऐसा नही कहा मेरे देह विलय के बाद भी मुझे गुरु मानकर ही चलना
आपंकी बात से पूर्ण सहमत हू
मनसा मालिनी रे गोरख
जागता नर सेव 🙏🙏🙏 जाग्रत पुरुष का संग करो ।। ओशो भी यहीं कहते है
ॐ नमः शिवाय शिव शक्ति सदा सहाय 🙏🪷🏵️
ॐ नमः शिवाय गुरु शक्ति सदा सहाय 🙏📿🪷🕉️
ॐ नमः शिवायः 🌷
प्रभु मुझे यह बात कुछ पत्ता नही ओशोके गुरू कौन है लेकिन ओशो एक खुदके गुरू खुद है मुझे तो यैसा ही लग रहा है
यहसास भि हो गया है ।क्यू की मै भि ओशोके परम सन्यासी हुँ। मैने भि ओशोके किताब बहुत-बहुत पढ चुकी हुँ। जिज्ञासा मुझे भि था लेकिन नही मिला और समझ चुकी हुँ खुदका गुरू बनो जाग्रीत होकर जब पढी थि और प्रवचन भि सुना तब मै भि पहला शिष्य बनना तब खुदके गुरू बनना दूसरा आपको बदल नही सकता और दुसरा कोही होता भि नही तुम्हारे लिए जब यैसा बात दिमागमे सेट होनेके बाद ओशो अपना गुरू खुद है ।प्रभु धन्यवाद। हमरा सन्यास नाम माँ दिव्य गन्धा काठमाणडौ नेपाल से धन्यवाद। प्रणाम अहोभाव प्रकट आपको स्वामी जी ओशो नमन अहोभाव प्रकट।
आपको प्रणाम है
जैसे परमात्मा असीम है वैसे ही गुरु ।
आत्मकल्याण के लिए जिवीत तत्वदर्शी सदगुरू आवश्यक है |
ओशो की आवाज सीधे दिल में उतरती है पर मैं आज तक नहीं समझ पाया हूं कि वह सो कहना क्या चाहते थे समझाने की कृपा करें सीधे-सीधे में ओशो का इशारा किस तरफ था या फिर वह कहना क्या चाहते थे
सत्य दर्शन...... ओशो
प्रणाम गुरुवर
मेरा अपना मानना है जो मेने उनको समझा
ओशो जी ने जीवत गुरु जो नाम लिया वह किसी जीवत मनुष्य के लिये नही कहाँ उनका कहने का अर्थ शिखर पर पहुंचा व्यक्तिजैसे ओशो जी ' बुद्ध जी रामकृष्ण जी ,महावीर स्वामी आदि अधुरा ज्ञान वाला गुरु नही वह जीवित गुरु नही जैसे कि आज की \स्थिती है
यदि मनुष्य खुद जीवित हो तो फिर वह खुद वहअपना जीवित गुरु है
लेकिन हम जीवित हे कहाँ
मुर्दा बनकर जीते है
यह मेरे अपने विचार है
जीवित शब्द को समझना है
अध्यात्म के भाषा में
आपकी वाणी के आध्यात्मिक अट्रेक्सन है मुनीवर ।। सुनना बड़ा अच्छा लगता है ।। भारत के तमाम आध्यात्मिक संतो ने एक ही बात बोली
जागता नर सेव 🙏🙏 जाग्रत पुरुष का संग करो🙏🙏🙏
Dhanyawad 🎉
ओशो से ज्ञान पाने वाले महात्मा गुरु बन सकते हैं या उन्हें गुरु रूप में स्वीकार किया जा सकता है। सभी सन्तो की वाणी सुनने से सन्त बनते हैं।ओशो ने भी सन्तो को सुना और ज्ञान पाया। किसी एक का नाम लेना औपचारिकता है सत्य नहीं है।
Right
OsHO g great ji
OsHO ji ka sandesh tha Dhayan samadhi kere
Aapka marg khulta jaayega
Ye ek shubh sandesh hain
Sab tarah ke saadhana kerte kerte 5 kadiyan tootti hain
Aap adhyatam marg main avashaya safel honge
Mere 100/-vishvash hai
I am enjoying my sadhana with beautiful family and beautiful life..sabka mangal hoy re
Jai Osho ji
मैं ओशो को अनुग्रह भाव से गुरु मानता हुं क्योंकि वे मेरे पथदर्शक रहें है और यह भी मानता हुं कि ओशो में हमारी गुरु परंपरा के सभी सदगुरु मौजूद है!
प्रणाम जी, बहुत सुन्दर कहा आपने
ओशो के गुरु से विशेष प्रयोजन नही महात्मा जी, लेकिन ओशो ने जीवित सदगुरु का बोल के जीवित सदगुरुओ की श्रंखला टाईप व्यवस्था नही की ये बात विचारणीय है, आप इस पर भी कुछ बोलें ।
ओशो ने कहा है कि यदि आंख खुली है तो रास्ते पर पड़ा पत्थर भी आपको कुछ सिखा देगा । इस विचार पूरा ब्रह्मांड ही ओशो गुरु है । वे हमेशा होश में रहे , और पूरे अस्तित्व से सीखते गए । कोई व्यक्ति विशेष उनका गुरु नही था ।
Dr. R.D. Dwivedi . Tripal MA . Ph.D .
एक अच्छा शिष्य ही एक अच्छा गुरु बन सकता है जब तक आप किसी के सनिध्थ मे नही रहते आपका अहंकार बना रहता है ओशो विचारक थे सतं नही किसी के विचार अच्छे होते किसी के काम आ सकते है पर वो सतों को नही जान सकता ।
Right 👍
जिसका सारा अस्तित्व ही गुरु बन गया उसको शब्द गुरु अन्तर अनहद बन मिल जाता ओशो वही गुरु वही शिष्य बन गए अंतर अनहद ही गुरु बनता वही शब्द गुरु है
ओशो को दिशा देने वाले तीनों बाबा ही ओशो के गुरु हैं, मित्र हैं गाइड हैं।
स्वंय ओशो ने 'ओशो' शब्द का अर्थ समझाते हुए कहा है कि ओशो शब्द का प्रयोग बोधी धर्म के शिष्य ईकाने किया था। ओशो का अंग्रेज़ का अर्थ किया है, जिस पर अस्तित्व का आशीर्वाद बरसे है ।
हम ओशो को ही जिवित गुरु को मान सकते हैं या उनके शिष्य को भी जिवित गुरु के रूप में मान सकते हैं, जब तक हमको मार्गदर्शन की जरूरत है।
ओशोके लिए हमारी स्वतंत्रता ही महत्वपूर्ण है।
Om namah shivaya 🙏🕉️🏵️📿🪷
Pranam guru dev 🙏🏵️📿🪷🕉️
ॐ नमः शिवायः 🌷
Jisko bhi Parmatma se milne ki tarap hai, dass oon sab ke charno main dono hath jorekar vinti karta hoon ke OSHO aap ke liye itna khajana chhor gaye hai ke kisi bhi guru ke paas jaane ki koi zaroorat nehi hai bus unke ek ek shabad mai bahoot hi bari ki se doob jao aap jee ko patta chal jayega ke aap koun ho, likhna to nehi chahta tha magar Payare Osho Ka payar dil se ummar ummar kar bahar aa raha hai par sach kehta hoon ke toom hi parmatma ho tum hi parmatma ho jee toom hi parmatma ho.
गुरु का मतलब कुछ सिखना जहां से कुछ सिखने को मिला सिख लिया पचास लोगों से कुछ सिखा तों पचास लोगों को गरु बताना ये एक बड़ी समस्या बन जायेगी लोगों में पचास या इससे अधिक गुरु बनाने की एक परम्परा बन जायेगी ओशो इसलिए किसी एक गुरु का वर्णन नहीं करते उन्होंने बहुत लोगों से बहुत कुछ सीखा गुरु दोस्त भी हों सकता है
Any living guru can give you hints to find way of life , everybody is responsible for his/her action and find the path of life , so every follower of Osho will be different in approach depands on his wisdom . Some people can reach to highest level without any guru but are exceptional cases may be Osho is one of the ❤️❤️🙏
Right 👍
🎉
आप मानना नही है ठिक है पर उनका गुरूको मेरको जानना नही है बस उनको मेरे जीवन पर जाननेको जो दीक्षा मिलि है मै आभारी हु ।
ओशो मेरेको शिवकी अवतार लगता है क्योकी उनको भि गुरू नही थि ।
आप दुसरो की चिंता छोड दीजीए और ध्यान कीजीए आपको गुरु अपने अंतस मे मिल जाएगे आप फिजूल बातो मे आपका वक्त गवा रहे है
अरे भाई आप कयो टेंशन ले रहे हो, क्या आप गुरु बनना चाहते हो, अपने बारे पता नही है ओर ओशो की कबर खोद रहे हो
Buddham sharanam gacchami.
Osho ki baten jivit guru ke sanidhya se bahut upar hai.
Bhagwan Osho ke Guru khud Osho aur Osho Jinda the Jinda hai aur Jinda rahenge
गुरु सबको धारण करना पड़ता है... परमात्मा स्वयं जब भी आता है उसको भी गुरु धारण करना पड़ता है बिन गुरु के न ध्यान न साधना....
यह सही है जिस बात जानकारी और अनुभव हमें पूर्ण रूप से हो उसके बाद जब तक उसे कोई
कोई दूसरा अनुभवी उसे राइट ना कर तब तक हमारा अनुभव भी संशय में ही रहता हमारे ही अनुभव को ठीक है या गलत है ऐसा कहने वाला ही गुरु है परंतु सच में गुरु आप खुद ही जब तक संन्सय से अंदर से नहीं मिटेगा तब तक कोई भी गुरु काम नहीं
Aklavya has no Giru
Actually your Guru is Your presence of Mind
As per my observation from Aacharya RAJNEESH
Live Guru means - Presence of Mind-
अपनी सुप्त शक्तियों को जगाओ 🔥...
👌
आप सही ट्रेक पर है तों ओशों जैसे महान लोगों की बात करें नाही की लड़ाई झगडे बाले जुठे मनुवादीके नाम बिचमे बोला किजीये , बुद्धाय नमः साहेब कबीर ईशु प्रभु पैगम्बर साहब जो किसीके पास करुणा दया कल्याण के सीवा कुछ नहीं है सिर्फ करुणाकर केहलाते है...
गुरू प्रगट होता हे भीतर फिर यात्रा शुरु।
मुझे क्या, अपनी खोज है, गुरु को भी अपनी खोज रहता है, गुरु की आवश्यकता तब है जब कठिनाई आए। अपनी सामर्थ होना चाहिए खोज के लिए।
guru he brama guru he vishnu guru he parmashwara
हां ओशों ने कहा है कि गुरु की जरूरत है ताकि वह सीधे आत्मा का साक्षात्कार करा दे। पर रामायण, गीता, कुरान, बाईबल ये सिर्फ प्रतीक है। रामायण गीता कुरान बाईबल आदि तो ज्ञान प्राप्त होने पर आपके अन्दर निरन्तर चल रही होती हैं। हां आपका सही ओर सच्चा होना चाहिए।
इस कलयुग में बुद्ध के अवतार थे भगवान ओशों 🙏
किसने कहा ?
प्रणाम 🙏🙏बाबा ओशो के गुरू ओशो सायद ओ खुद थे 🙏
उनकी मांता जी 🙏❤️🙏
Ok
Mai dhiyan karta hu
Osho ko hi guru manta hu
Osho Jaisa guru nahi Mila hai
Pl marg darshan karen.
ओशो की प्रेम वाणी ही गुरु है ओशो
ऊं परमपिता परमात्मने नमः
नतमस्तक हूं परमपिता परमात्मा के आगे
Pranam...Kaho.
Guru ka mtlb hota hey...bada.
Aap mujshe aayu mey badey honesey naturally guru ho gaye....
Guru ka mtlb hota hey...Gyani.
Koi kisi vishay me mujey guide krta hey to vo bhi mere us vishay ke
guru ho gaye.💐
Right 👍
बुध के ऐसे कोई इतने गुरु नहीं थे जो उन्होंने ज्ञान दिया लेकिन हां दत्तात्रेय जुने अपने 24 गुरु मारने थे वह भी ज्ञान के कारण
First we must reach that peak point what osho told about
Badme sochenge is it necessary or not
Prnam guruje
🗣️🗣️🗣️
🙏
Agar unke photo ko maanewalon ki najar me aapki value , osho ki photo se jyada ho jayegi, we khud aapke paas aayenge. Please don't try to mind wash .
ओशो के द्वारा जीवित गुरु के बारे ज्यादा जोर इसलिए दिया गया है, सायद जीवित गुरु प्रत्यक्ष दर्शन करा कर भगवान का तत्क्षण बोध करा देते हैं।उसके बाद मनुष्य के लिये कुछ भी जानना शेष नहीं रह जाता।
ओर आपके तो कोई जीवित गुरु नहीं होगा, राम को तुम भगवान कहते हो, ओर मुझे नहीं लगता तुम कोई ना तो महापुरुष हो, गुरु की तो बात तुम भुल जाओ, 😀😀😀
अरे तुम्हारा दिया तो जला नहीं है, कम से कम किसी ओर का तो मत बुझाओ 🔥ये जो विचार विचार करके जो तुम अपने धंधे का विस्तार कर रहे हो, ठीक है, पर सभी गुरुओं की गुरु ये विकासशील प्रकृति है,,
अंत मे तुम्हारे कहने का सार यह है, की, आप जानना चाहते हो, कितने भेड़ मेरे गुरु की उपाधि पर मोहर लगाते है, नहीं तो बताओ जिन महापुरुषों के गुरु हुए, उनके बाबत जो विचार की बात , तुम्हारे, खुद के, अहंकार को पोषित, कर रहे हो, करो करो, खुब करो, क्योंकि, ना तो अब वे महापुरुष है, ना ही उनके गुरु,, ओर ओशो को गुरु शब्द, एक शोषणकारी तंत्र, की जड़ बताया है,, इसलिए शायद उन्होंने तो खुद को एक मित्र की भांति समझे, ईस बात पर जोर दिया है,, ,,, ओर तुम चले हो गुरु बनने,, ओर सच्चाई यह है कि, उनकी नानी, ही उनकी पिछले जन्मों से गुरु रही है,, वो ओशो के पैदा होने से पहले ही संबुद्ध थी,, ,,, तो मेरे भाई जो तुम महापुरुषों की नामोजुदगी , के अवसर का फायदा उठाकर जो तुम्हारा मन, गुरु बनने को आतुर है, ईस वासना को देखो, कैसे तुम्हे ये आलस्य सत्य से भटका देगा, गुरु की तो बात ही भुल जाओ, तुम् अभी, शिष्य की कसोटी पर यात्रा की नहीं, बड़े सस्ते मे, गुरु बनना बहुत महंगा पड़ सकता है,🙏, शायद तुम्हें विदेशी सैलानी जवानी की तलाश है, जो तुम्हे गुरु भी पुकारे ओर गुरु दक्षिणा भी दे😎😎, तो सीधे सीधे, किसी से स्पष्ट कहो, मन को देखो, 😭
Right
🤣🤣😁😂😂moj kr di bete
आप ने शायद भगवान ओशो का प्रवचन सही से सुना ही नहीं इसीलिए आप ऐसी बात कह रहे है भगवान आप को सदबुद्धि दे ज्ञान दे 🙏
👍🙏 osho naman
આપ સહી હૈ ઔર આપકી જાગ્રતિ ઔર લોગો કો જગા પાયે ઉસકે લીયે બંદગી🙏🙏🌹🌹🙏
जिसमे विचार नही है वो चेला ओर जिसमें विचार है वो खुद गुरु हो जाता है विचार ओर जीद्द यानी संकलप जहां मिल जाते हैं तो प्रमात्मा तक ले जाते हैं
Eklavya ke bhati guru mansakte hai . Shayad hi aisa huva ho..
As per my knowledge this is not a matter to think about but as a seeker we must be get ego lesness but how we confirm that
So we need a master who achieved that peak point
Pavan guru pani pita kaha h Nanak Ji n sir apko hi pata hi Nanak k guru th man mandir h j k dak LG Rasta bata dia h Nanak k kon s guru th humko bata thy thunks
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ, ਓਸ਼ੋ ਜੀ ਕੇ ਗੁਰੂ (ਆਦਿ ਸੱਚ) ਥੇ।
ये कौन सा चिंतन करने का विषय है ।
ओशो के गुरु के विषय में जानो । ओशो का जैन धर्म में जन्म हुआ था। स्वाभाविक है जैन गुरु प्राथमिक रूप से उनके गुरु होंगे बाद में उन्होंने साधना में विभिन्न संतों और दर्शनों का सहयोग लिया है। विपस्यना साधना भी उन्होंने की है । जो बुद्ध की साधना प्रणाली कही जाती है। बुद्ध ने सनातन साधना को ही परिष्कृत किया है।
गुरु इनके गुप्त ही रहेंगे 🪔
आपकी स्पष्टता क्या है आपका प्रश्न क्या है आपका उत्तर क्या है एक प्रश्न में कई प्रश्न है हो सकता है उनका कोई गुरु ना हो तो आपका वक्त अब क्या हो सकता है आपकी दिलचस्पी कोई मेरे पैर दवाई चलिए हमारा बात कर सकते हैं
Guru jivit hona hi chahie sirf rasta batane k liye marg apne aap khojna hota hai jivit k paas disha poocho ja sakti hai
Baba main aapse baat karna chahta hu
OSHO is the master of Master's
Right 👍
Osho baba ji ki jai osho sawam hi guru hai
Pranam gurudev
ॐ नमः शिवायः 🌷
Dhan Guru Darshan Das G
गुरु का मतलब गुर सिखाने वाले ओशो तो तर्क शक्ति और सत्य पर विस्वास करते थे जो उनकी खोज थी वो अपना दीपक खुद जलाएं है
🤔
फिर जो ग्रन्थ लिखें गए उनका क्या मक्सद ह् फिर जी
Ap ki rai kia hai bataie
शब्द गुरू सूरती चेला ।
महाराज पकडो कोई गैला ।।
Is ghor kalyug mein kaun enlightened guru hai kese pehechan kare ye bada muskil he me samjh ta hoon krishna ne jo kaha bohi mujhse samjha ata he
Sayed Osho ke guru Osho ke nanna g the one sath Osho ka bohat prem tha
JAB SAMPOORN JAGAT MEIN EK HI PARAMATMA VIDYAMAAN HAI TO KAUN GURU AUR KAUN SHISHYA,,, SWAYAM BHU GURU,, AHAMBRAMASMI,, EK HI TATVA RAHEGA,,,,
Osho ka guru Osho ka Anubhav save tha
Good 👍
Mind control by the path is called 'Guru' . The devine power exists depending on the law of nature. Self surrender without cause, Pray for fulfillment of Only God's wish. Hari Omm.. WE CANNOT SEE GOD BECAUSE GOD IS EVERYWHERE...
माफ़ करिए पर गुरु बनाये नहीं जाते है शिष्य बना जाता है , ओशो जी ने अपने अंतिम समय में माला को धारण करने के लिए मन कर दिया था
Love ❤you osho❤
Good 👍
Guruji pranam
ॐ नमः शिवायः 👏🏻🌺
Udhab ji ko krishn ne bolatha man hi teri guru hai
Pranam guruji 🙏
Parnam ji
🙏❤️❤️❤️❤️Bhagvaan osho ke koi Guru nahi jeo. Osho is "Oshotwa"❤️❤️❤️❤️🙏
Good 👍
Ski ki sank me an aye giyan to guru ka kya dos
ओशो जी को भी कहीं से किरण प्राप्त हुई होगी उसके बाद आगे बड़े होंगे और वह परम गुरु होकर परम सत्य को प्राप्त करके तो मैं जानती हूं गुरु का सानिध्य सभी को चाहिए वह भी जिंदा गुरु गुरु महाराज जी प्रणाम
जिवंत क्या है और कौन है जी
Osho ke Guru Unki Kithabe thi
Guru ki Jarurat hai...satguru nahi jiske jivan me uska aatmkanyan kaise ho Sakta hai.....
ओशो ने कहा है कि अपवाद को नियम नहीं बन सकता। ओशो को हमें ओशो को अपवाद ही मानना चाहिए। लेकिन हम नियमसे इतने आदी हो गए है कि ओशो को हमारे नियमों में ढालना चाहते हैं!
Bgwan ko guru ke ky jru rat ha Osho nhe bgwan ha
નિંદા ગુરુ નિજ
एकदम ओके.🙏
Bat to app sahi bole
Is ka smadan kay hai