उफ्फ! यह अलौकिक सौंदर्य, मुखड़े पर तेज, यह चमक जैसे चांदनी ने स्वयं चूमकार कर चांदनी से नहलाया हो या कि ब्रह्मा जी के कहने पर प्रकृति ने स्वर्ण पर्वत को काट प्राण फूंक कर धरती पर उतार दिया हो 🤗। मनमोहनी। त्रिकाल सुन्दरी। इंद्रलोक कि अप्सरा हो या देवलोक की देवी? आपकी सुन्दरता हुलस रही है कामनाएं मेरी बलवत्तर हो रही हैं। अधिक समय तक टुकुर टुकुर संतुष्ट भाव से ताकते हुए आत्ममुग्ध हूं। अब इस सौंदर्य महिमा से प्राप्त सुख को कहां धरूं, कहां समेटू मैं 🤔
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उफ्फ! यह अलौकिक सौंदर्य, मुखड़े पर तेज, यह चमक जैसे चांदनी ने स्वयं चूमकार कर चांदनी से नहलाया हो या कि ब्रह्मा जी के कहने पर प्रकृति ने स्वर्ण पर्वत को काट प्राण फूंक कर धरती पर उतार दिया हो 🤗। मनमोहनी। त्रिकाल सुन्दरी। इंद्रलोक कि अप्सरा हो या देवलोक की देवी? आपकी सुन्दरता हुलस रही है कामनाएं मेरी बलवत्तर हो रही हैं। अधिक समय तक टुकुर टुकुर संतुष्ट भाव से ताकते हुए आत्ममुग्ध हूं। अब इस सौंदर्य महिमा से प्राप्त सुख को कहां धरूं, कहां समेटू मैं 🤔
बहुत अच्छा है ❤❤❤❤❤
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