हम स्वयं को अधम नीच पतित गंवार मूढमती कह सकते हैं किंतु दूसरे को नहीं वो भी तुलसीदास जी जैसे महान संत शिरोमणि को तो बिलकुल भी नहीं हमें स्वयं की वाणी पर कंट्रोल रखना चाहिए। राधे राधे
एक के पीछे पड़ गये है सब अपने आप को बड़े संत मानते है पहले अपनी आत्मा को तो साफ कर लो इन लोगों ने सनातन धर्म को मजाक बना रखा है जै श्री राम 🙏 जै सम्भू🙏
शब्दो में से खाल की बाल निकाल कर और शब्दों से खेल कर अपने ही सनातन धर्म का मजाक बना रहे है ... बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय । जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ।। हर हर महादेव 🚩🙏 अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का 🙏
Parmatma ne to Insan banakar bheja lekin yah ulte ulte Gyani paida hoga sab ulta hi paida hoga sab Parmatma mein bantane mein Lage hue Hain Mera Parmatma man Mera Bhagwan mahaveer Insan Bano kutta Sher mat bolo
मूढ सनातन धर्म के ठेकेदारो को किसी भी आज के महापुरुषो के शब्दो मे त्रुटियाँ ही नजर आयेंगी, चूंकि आज के हिसाब से ज्ञानी वही है जिसे जमाना गंवार कहता है, इसलिऐ कि उसके कंठ,ह्दय, मस्तक मे भगवान शिव जी की कृपा का गुप्त रहस्य छिपा है,,,। जब शिवजी मनुष्य के ह्दय कंठ और मस्तक मे पृकट होते है तभी वह श्रोता,वक्ता, और रचयिता बनकर संसार मे पृचलित हो जाता है,,,।
तिल का ताड़ बनाया जा रहा है प्रदीप मिश्रा जी के भाव का गलत अर्थ निकाला जा रहा है, संत शिरोमणि तुलसी दास जी ने श्री रामचरितमानस में स्वयं अपने आपको को कई स्थानों पर मूढ़ मन्द बुद्धि लिखा है ।
Gwar shabd ka prayog ni Kiya bhai me bhi ramayn padta hu Tulsidas ji ne apne aap ko Adam yani ki neech bataya hai ki vinamrta se Apne ghamand Ko swikar Kiya unhone❤ bhai parwachan hame bhi ate par dete nahi 😅
जो संत होते है वह किसी से खुद की तुलना नही करते वह उनका बडकपण होता है जो खुद को मूढ बोलते है.. और जब धर्म की बात आती है तो संत भी आवाज उठाते है.. अगर गलती से शब्द बोले गये तो क्षमा मांग लेना चाहिए यही अपना सरलता स्पष्ट हो जायेगी.. राधा रानी कृपालु है। राधे राधे🙏
और रही बात विरोध की तो कुछ जमाने में श्री तुलसीदास जी का भी विरोध हुआ था तो यह तो एक शिव कथा वाचक सिर्फ प्रदीप मिश्रा जी हैं आप सब मिलकर इनका विरोध क्यों कर रहे हैं
प्रदीप मिश्रा इतना बड़ा कथा वाचक होने के नाते इस तरह का बयान देना सच में शोभा नहीं देता शीघ्र ही उसे क्षमा याचना कर लेना चाहिए उसी में भलाई है जगमोहन सोरेंग सारंगढ़ छत्तीसगढ़ धन्यवाद
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने लाखों लोगों को जीने का सहरा दिया है भले ही टोटके के जरिए भगवान का दूसरा नाम पंडित प्रदीप मिश्रा है उनके ऊपर कोई बवाल मत खड़ा करिए प्लीज🙏🙏
शिव पुराण की आड़ लेकर ये अधम सनातन का अपमान कर रहा है । इसका हाल आसाराम से भी बुरा होगा । इसे विधर्मियों का फंड मिल गया है । ये वाणी से विष्टा उगल रहा है । शिव की भी जो आराध्या है ,उसे ये वैशाखीनंदन निंदित कर रहा है । इसका घड़ा भर चुका है । बस फूटने वाला है ।
O bhai jara sabjalke siv ka arth batao jata mahadev ka arth bato trikal ka arth batao tumne to mahadev ke upar samjhte ho apne apko chalo bato duniya kaise chalte mahadev
तुम लोग कितना भी राय का पहाड़ बना लो पंडित प्रदीप मिश्रा जी का कुछ नहीं कर सकते उनके साथ महाकाल राजा है काशी विश्वनाथ है उनके साथ शिव है और शिव ही सत्य है और सत्य को तुम लोगों को स्वीकार करना चाहिए जयश्री राम
प्रदीप मिश्रा का गंवार तुलसीदास कहना,और पत्रकार भी बार,बार समाचारों में तुलसीदास सम्बोधन करना कहां तक उचित है? पत्रकार से तुलसीदास जी कहना भी गवारा नहीं,इतनी बड़ी हो गई यह पत्रकार?
शब्दो पर ध्यान दो,,,प्रदीप मिश्रा ने तुलसीदास को नहीं बल्कि स्वयं को ग्वार बताया है।।ये बात भाव में कही गई है।।जिस प्रकार तुलसीदास स्वयं को उदारता में दिन हीन,,ग्वार मानते थे,,पर परम रामभक्त थे,,इसी प्रकार उन्होंने भी स्वयं को गवार बोला है,,लेकिन han राधा रानी पर जो कुछ बोला वो बिल्कुल गलत है,,, निंदनीय हैं।
अब लग रहा है गुरूजी ने संपूर्ण रूप से सत्त ही कहा है. ए लोग गुरूदेव को और शिवमहापुराण की बिरोधी करने मे हाथ धोकर पीछे पड गये हैं. और हमारी गुरूजी और शिवमहापुराण कथा से सबसे ज्यादा ( doctor) डॉक्टर का लुकशान हो रहा है. मुझे लगता है ए सरअंत चला रहे हैं. इस तरह Video को सही से अगर जाँच पड़ताल होगा तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जायेगा.
O bharti siv kya fheke h kya radha tumhari nhi humri bhi tumlog siv ko jante ho premanand siv ko jante h ya nhi tridev h kaloke kal mahakal h wo devo ke dev Mahdev h tumhe trikaal se kon bachyega ye jo kahena kahe lo premanand kya srap dega uske sath karodo me Sariwad h kahi is bhasha ka pryog kiya asa laga rha h gyan ka ghamnd ho gya h jai mahakaal
आपस मे आप सभी संत क्यों लड़ रहे है और गुरु जी आप संत तुलसीदास जी के बारे मे आप कैसे बोल रहे हो आप ने भी समाज को एक नया दिशा दिये है अब किस तरीके से बात कर रहे है गुरु जी सब ठीक हो जय श्री राधे कृष्णा🙏🙏🚩🚩🚩 जय श्री राम जी🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
जिसका अपनी जुबान पर control ना हो वो एक कथा वाचक नही हो सकता बिश्व ज्ञानी ना बन कर जितना शिव पुराण मे लिखा है वो ही सुनाओ,,,,टोटके छोड कर जिसको देखो इनके टोटके कर्ता घूम रहा
इतने दिन तक सब सोए हुए थे 14 साल पुराना वीडियो जिसे काट काट कर दिखाया जा रहा है आज जब प्रदीप मिश्रा सब से आगे बढ़ गए है और सभी पंडितो को रोजी नहीं बन रही है क्योंकि सब महादेव के सहारे चल रहे है
महान संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में चार वेद छह शास्त्र अठारह पुराण उपनिषद संतो के विचार सभी के सार तत्व को समाहित करने वाले महान संत को गंवार कहना उचित नहीं है।
जी नहीं प्रदीप मिश्रा जी के भाव अलग है वो ये कहना चाहते की जैसे रामायण जी में तुलसी दास जी ने अपने आप को बिलकुल अज्ञानी बताया हे वैसे ही बह भी कहना चाहते ही की में भी उनकी तरह ही अज्ञानी हूं उनका यह भाव नहीं हे की तुलसी दास जी गवार हे बड़े लोगो की यही पहचान हे की बो अपने आप को गवार ही कहते है
राधा के बारे में थोड़ा सही थोड़ा गलत बोला था तो किसी ने ज्यादा नही ध्यान दिया पर अब जो तुलसीदास की बराबरी करने की कोशिश की जा रही है ये गलत है तुलसी दास सिर्फ भगवान के लिए पागल थे सब जगह भगवान को ढूंढा करते थे और भगवान मिल भी गए थे उनको ( प्रदीप मिश्रा जैसे धन के लिए काम करने वाले लोग भी तुलसीदास से अपनी तुलना करने ये लोग तुलसीदास के पैरो की धूल भी नही है )
तुलसी दास को गंवार बोलना कितना सही,, मैं कहता हूं आज तक तुलसी को पूर्णता से न कोई जान सका है और न कोई जान सकेगा,, तुलसी के साहित्य सागर में जितने नीचे जाओगे उतने ही कीमती ज्ञान मोती पाओगे,, यही तुलसी दास जी की विशेषता है,, मुझे लगता है प्रदीप कथावाचक को अपने तथाकथित ज्ञान पर घमंड हो गया है, इन पर राधा रानी की कृपा का उलटा प्रभाव शुरू हो रहा है, इसलिए तुलसी दास जी को भी गंवार बोल दिया,
तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस मे स्थान-स्थान पर स्वयं को मतिमंद, जड़मति, मूढ़, सठ आदिक कहा है।यह तुलसी जैसे महाकवि व संत की विनम्रता है, संतत्व है। आदरणीय प्रदीप मिश्र जी भी उसी विनम्रता का अनुगमन करते हुए स्वयं को तुलसीदास जैसा गँवार कह रहे हैं। कृपया संदर्भ से हटकर व्याख्या न करें। इस विषय मे कुछ भी कहने से पूर्व श्रीरामचरितमानस का बालकाण्ड और विनयपत्रिका को पढ़ लें।
प्रदीप मिश्रा जी कह रहे हैं कि शंकर जी की पूजा करना मैंने सिखाया है लोगों को इसके पहले लोग कुछ भी नहीं जानते थे क्या यह बात सही है जब प्रदीप मिश्रा जी नहीं थे उसके पहले मंदिर शंकर जी के बंद रहते थे और कोई शंकर जी की पूजा करना नहीं जानता था क्या यह बात सही है आप लोग बताइए
वर्तमान समय में ये कथावाचक बे लगाम हो गये,आये दिन खबरों में रहने के कुछ भी बोलते रहते है। सत्ता पक्ष का गुणगान करते है।सत्ता पक्ष से इनकों समर्थन मिला हुआ है।अभी चुनाव के समय मे व्यक्ति विशेष के पक्ष में मतदान करने की जोरदार तरीके से अपील की थी।
मुझे यह समझ में नहीं आ रहा की इतना दिन से यह बस मीडिया काहां थे अगर गलत थे तो अभी आया याद मेरे हिसाब से बिल्कुल भी गलत नहीं है पुरी विडियो दिखाया जाए अगर गलत हैं तो अभी कुछ दिन से कोरोना जैसे फैसला रहे हैं मिश्रा गुरूजी पुरी दुनिया को बोले का भक्त बना दिया ऐसा क्यों करेगा उसको बदनाम कर रहे हैं क्योंकि पुरी दुनिया इसके रास्ते में चल रहे हैं इसलिए 😢😢😢😢 श्री शिवाय नमस्तुभ्यमं सभी को 🙏🙏🙏🙏
दहेज मुक्त और सादगी पूर्ण सैंकड़ों विवाह एक ही दिन में बिना किसी खर्च के होंगे और ये पावन अवसर है कबीर साहेब प्रकट दिवस जो 20-22 जून 2024 को आयोजित किया जा रहा है। आप भी यहां पहुँचकर इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनें।
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हम स्वयं को अधम नीच पतित गंवार मूढमती कह सकते हैं किंतु दूसरे को नहीं वो भी तुलसीदास जी जैसे महान संत शिरोमणि को तो बिलकुल भी नहीं
हमें स्वयं की वाणी पर कंट्रोल रखना चाहिए।
राधे राधे
एक के पीछे पड़ गये है सब अपने आप को बड़े संत मानते है पहले अपनी आत्मा को तो साफ कर लो इन लोगों ने सनातन धर्म को मजाक बना रखा है जै श्री राम 🙏 जै सम्भू🙏
शब्दो में से खाल की बाल निकाल कर और शब्दों से खेल कर अपने ही सनातन धर्म का मजाक बना रहे है ...
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय ।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ।।
हर हर महादेव 🚩🙏
अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करे चांडाल का,
काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का 🙏
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी को गंवार कहना, एक कथा वाचक के शब्द नहीं हो सकते?
😢 ki
Jisse paida hua hai vahi Sanatan hai aur Sanatan ka Kitna Swaroop hai yah janne ki koshish karo jyada Gyani mat Bano murkhon
Parmatma ne to Insan banakar bheja lekin yah ulte ulte Gyani paida hoga sab ulta hi paida hoga sab Parmatma mein bantane mein Lage hue Hain Mera Parmatma man Mera Bhagwan mahaveer Insan Bano kutta Sher mat bolo
मूढ सनातन धर्म के ठेकेदारो को किसी भी आज के महापुरुषो के शब्दो मे त्रुटियाँ ही नजर आयेंगी, चूंकि आज के हिसाब से ज्ञानी वही है जिसे जमाना गंवार कहता है, इसलिऐ कि उसके कंठ,ह्दय, मस्तक मे भगवान शिव जी की कृपा का गुप्त रहस्य छिपा है,,,।
जब शिवजी मनुष्य के ह्दय कंठ और मस्तक मे पृकट होते है तभी वह श्रोता,वक्ता, और रचयिता बनकर संसार मे पृचलित हो जाता है,,,।
@@Gyandhara7 yean ki katha batate he udar man ki baat he aur edaran ki katha ek radio pe ata he aur ek tv pe
तिल का ताड़ बनाया जा रहा है प्रदीप मिश्रा जी के भाव का गलत अर्थ निकाला जा रहा है, संत शिरोमणि तुलसी दास जी ने श्री रामचरितमानस में स्वयं अपने आपको को कई स्थानों पर मूढ़ मन्द बुद्धि लिखा है ।
Gwar shabd ka prayog ni Kiya bhai me bhi ramayn padta hu Tulsidas ji ne apne aap ko Adam yani ki neech bataya hai ki vinamrta se Apne ghamand Ko swikar Kiya unhone❤ bhai parwachan hame bhi ate par dete nahi 😅
लेकिन कुछ भी कहो सिर्फ प्रदीप मिश्रा गुरूजी को गिराने के लिए 😢😢
पागल हो गये है पृदीप मिश्रा लगता है ज्यादा पैसे जमा हो गये है बुध्धी भ्रस्ट हो गई है जिनका खाते है उनको ही उल्टा सीधा कहते
Kya sachhai hai.
हा सारा संत समाज तुलसीदास गवार हे और जुठा हि सहि हनुमान चालीसा किसने लिखा हे पता हे वो गवार हे?
Jyada bi mt bno tum
@@savitanagvanshi7516 tulasidas gawar he? Agar tulasidas gawar he to tum log Islam kabul karo kyoki wo Tak tulasidas ko ye naa kahate
जो संत होते है वह किसी से खुद की तुलना नही करते वह उनका बडकपण होता है जो खुद को मूढ बोलते है.. और जब धर्म की बात आती है तो संत भी आवाज उठाते है.. अगर गलती से शब्द बोले गये तो क्षमा मांग लेना चाहिए यही अपना सरलता स्पष्ट हो जायेगी.. राधा रानी कृपालु है। राधे राधे🙏
Satya kaha
तुलसीदास जी जैसे ग्वार ये शब्द प्रेम में कहा है प्रदीप मिश्रा जी ने.. ऐसा गंवार हमे भी बनना है..🚩🚩🚩
श्री शिवाय नमस्तुभयम
अपनी तुलना तुलसीदास जी से करना ही मूर्खता है।और वह भी गवांर,, शब्द से।
हर हर महादेव 🔱
🤔🤔🤔🤔🤔😟🙏🙏😔
सत्य कड़वा लगा भक्तों को
प्रदीप मिश्रा के शब्दों पर नहीं भावों पर जाइए।
और रही बात विरोध की तो कुछ जमाने में श्री तुलसीदास जी का भी विरोध हुआ था तो यह तो एक शिव कथा वाचक सिर्फ प्रदीप मिश्रा जी हैं आप सब मिलकर इनका विरोध क्यों कर रहे हैं
😢😢😢 👍👍💯
Tik kaha Mishra ji k pichhe mt pado
प्रदीप मिश्रा इतना बड़ा कथा वाचक होने के नाते इस तरह का बयान देना सच में शोभा नहीं देता शीघ्र ही उसे क्षमा याचना कर लेना चाहिए उसी में भलाई है जगमोहन सोरेंग सारंगढ़ छत्तीसगढ़ धन्यवाद
Jay maa bhawani
Shree shivay Namastubhyam 🙏🏻
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने लाखों लोगों को जीने का सहरा दिया है भले ही टोटके के जरिए भगवान का दूसरा नाम पंडित प्रदीप मिश्रा है उनके ऊपर कोई बवाल मत खड़ा करिए प्लीज🙏🙏
🙏🙏Sat gurudev mahaaraj sree sant premanand baba ji ke charano me barmbar bandana Radhe Radhe 🙏🙏
सनातन धर्म संकट में ह अब ऐसे संतो की वजय से
साले मिश्रा को जब से प्रेमानंद महाराज ने श्राप दिया है अब बिनास होगा
विनाश काले विपरीत बुद्धि
Sb log mere guru ji se jalte Hain shree shivay namstubhyam ❤🙏
Satya bachan jai shree ram
🙏Jai sree Radhe Radhe mahaaraj ji 🙏🙏
शिव पुराण की आड़ लेकर ये अधम सनातन का अपमान कर रहा है । इसका हाल आसाराम से भी बुरा होगा । इसे विधर्मियों का फंड मिल गया है । ये वाणी से विष्टा उगल रहा है । शिव की भी जो आराध्या है ,उसे ये वैशाखीनंदन निंदित कर रहा है । इसका घड़ा भर चुका है । बस फूटने वाला है ।
O bhai jara sabjalke siv ka arth batao jata mahadev ka arth bato trikal ka arth batao tumne to mahadev ke upar samjhte ho apne apko chalo bato duniya kaise chalte mahadev
आज भी धर्म द्रोही मूर्ख शब्दों के खेल पड़े हैं
जब रामचरितमानस जलाई गई थी तब कहां थे साधु संत विरोध करने वाले
अपने आप को तुलसीदास जी के बराबर मान रहे हैं। अचम्भे की बात है बुद्धि भ्रष्ट हो गई
पांच तत्व की तन ही सनातन है
क्या बनेगा हिन्दू संस्कृति का बड़े 2 ज्ञानी एक संत के पीछे पड़े हुए हैं और फिर अपने को बड़े ज्ञानी कह्ते है आप को थोड़ा समझो महा संतो 😢
सबसे पहले इनकी पूरी बात समझना चाहिए, फिर कुछ बोला जाना उचित होगा!
पैसा और शोहरत हर किसी को हजम नहीं होती है।इनके पास भी पैसा हो गया है इसलिए बुद्धि तो खराब हो गई
thanks
आप एक कथा वाचक हैं और सिर्फ पोथी का वाचन करें, इससे अधिक कुछ भी मत करिये पंडित जी.!
Radhe radhe 🙏🙏
तुलसीदास जी के कारण ही हिंदू लोग रामायण पढ रहे है. तुलसीदास जी को गंवार बोलना ये मुर्खता है.
Misra jii khilf shdantra
तुम लोग कितना भी राय का पहाड़ बना लो पंडित प्रदीप मिश्रा जी का कुछ नहीं कर सकते उनके साथ महाकाल राजा है काशी विश्वनाथ है उनके साथ शिव है और शिव ही सत्य है और सत्य को तुम लोगों को स्वीकार करना चाहिए जयश्री राम
Radhe Krishna 🌹 krishna radhe Radhe Radhe 🙏🙏🙏
तभी तो तुलसी दास जी ने कहा है
तुलसी बुरा न मानिये जो कहा जाय गवांकर ,
हमलोग का आपस में लड़ना नहीं चाहिए, दूसरे धर्म के लोग सोचेंगे कैसे।
मानसिक संतुलन खो दिये हैं।😂
प्रदीप सही है
Adhoora video , kripaya poora dikhlaye
क्या बात है ये प्रदीप मिश्रा को क्या हो गया है ये अपने ज़बान पर लगाम लगाने चाहिए धन्यवाद
परदीप मिश्रा जी आप पागल हो गए हो टोटका बताते बताते खुद के उपर चढकर बोल रहा है
मिसरा पर भी कोई टोटका चढ़ गया है ।
अपनी तुलना तुलसीदासजी से कर रहे है। इन्हे क्या हो गया है 😢
Bholenath dekhenge aapko jo hmaere guruji ko ese bolts h
देखिए यह कथावाचकों को इतनी भी होश नहीं है यह व्यास पीठ पर बैठें हैं मुख से क्या बोल रहे हैं। देखिए व्यास पीठ पहले या स्वयं का मान सम्मान दौलत पहले।
प्रदीप मिश्रा का गंवार तुलसीदास कहना,और पत्रकार भी बार,बार समाचारों में तुलसीदास सम्बोधन करना कहां तक उचित है? पत्रकार से तुलसीदास जी कहना भी गवारा नहीं,इतनी बड़ी हो गई यह पत्रकार?
शब्दो पर ध्यान दो,,,प्रदीप मिश्रा ने तुलसीदास को नहीं बल्कि स्वयं को ग्वार बताया है।।ये बात भाव में कही गई है।।जिस प्रकार तुलसीदास स्वयं को उदारता में दिन हीन,,ग्वार मानते थे,,पर परम रामभक्त थे,,इसी प्रकार उन्होंने भी स्वयं को गवार बोला है,,लेकिन han राधा रानी पर जो कुछ बोला वो बिल्कुल गलत है,,, निंदनीय हैं।
अब लग रहा है गुरूजी ने संपूर्ण रूप से सत्त ही कहा है. ए लोग गुरूदेव को और शिवमहापुराण की बिरोधी करने मे हाथ धोकर पीछे पड गये हैं. और हमारी गुरूजी और शिवमहापुराण कथा से सबसे ज्यादा ( doctor) डॉक्टर का लुकशान हो रहा है. मुझे लगता है ए सरअंत चला रहे हैं. इस तरह Video को सही से अगर जाँच पड़ताल होगा तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जायेगा.
हमने तो पहले ही बोला था यह राधा रानी का अपराधि है इस को तीनो लोक में कहीं भी शांति नहीं मिल सकती
अबे पागलों वो अपने आपको gwar kh rhe hain
Tum kon hote ho bole Wale gyani ho kya kahi k
@@TarunaSen-rj6eh हम भारतीय
@@TarunaSen-rj6ehभारतीयों की भावनाओं को ढेस नहीं पहुंचा सकते
O bharti siv kya fheke h kya radha tumhari nhi humri bhi tumlog siv ko jante ho premanand siv ko jante h ya nhi tridev h kaloke kal mahakal h wo devo ke dev Mahdev h tumhe trikaal se kon bachyega ye jo kahena kahe lo premanand kya srap dega uske sath karodo me Sariwad h kahi is bhasha ka pryog kiya asa laga rha h gyan ka ghamnd ho gya h jai mahakaal
मां से मिलने को दूसरा बोले जब जाएंगे
तुलसी दास ने मानस में कहा है -
दो० - चरित सिंधु गिरिजा रमन बेद न पावहिं पारु ।
बरनै तुलसीदासु किमि अति मतिमंद गवाँरु ॥
इन्होंने भावनात्मक रूप से तुलसीदास जी का अपमान नहीं किया है बल्कि तुम मीडिया वाले ही सनातन विरोधी हो
परदीपमिसरामहादेवकामजाकबनाकररखाहै
विनाश काले विपरीत बुद्धि ये सब राधा जी नाम बड़े कठोरता से लेने से हो रहा है अभी भी वक्त वरसाना जाके माफी मांग लो सब मंगल हो जाएगा
नहीं तुलसी दास जी को गंवार नहीं बोल रहे हैं खुद स्वयं को गंवार बोल रहे हैं वह प्रदीप मिश्रा सरल है कोटि कोटि प्रणाम गुरुदेव 🌷🌷🙏🙏
देख ले
😅🤣🙏🏻
सही बात 💯👍
वह किसी को बोल नहीं सकते हैं
Be positive in all times👍
आता जाता कुछ नही किसी को बस बदनाम करना है पंडित श्री प्रदीप जी मिश्रा को सबको पाप लगेगा भोलेनाथ जी किसी को नहीं छोड़ेगे सुधर जाओ सब😡😡😡😡😡
प्रदीप मिश्रा टोटकाचार्य पाखंडी है
जब लोग सोए हुए थे तब तुम साधु संत कहां मर गए थे जब रामायण का पन्ना पढ़ गया तब कहा थे
मानसिक संतुलन बिगड़ गया है,अपने को बहुत बड़ा विद्वान समझने वाले कभी राधा रानी पर कभी तुलसीदास को गंवार कहना। ऐसे लोग व्यास पीठ पर बैठने लायक नहीं है।
इसे विवादित बयान नहीं बोल सकते, उन्होंने अपने स्वयं को गवार बोला है.
यह मीडिया उठाया यही मीडिया पटक दिया
कोई भी संत समाज मे किसी प्रकार का विवाद नहीं होता है ये सभी ईश्वर की चर्चा कर रहे है वो भी भगवान की ईच्छा से
आपस मे आप सभी संत क्यों लड़ रहे है और गुरु जी आप संत तुलसीदास जी के बारे मे आप कैसे बोल रहे हो आप ने भी समाज को एक नया दिशा दिये है अब किस तरीके से बात कर रहे है गुरु जी सब ठीक हो जय श्री राधे कृष्णा🙏🙏🚩🚩🚩 जय श्री राम जी🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
तुलसी दास का अपमान हम नहीं सहेंगे
जिसका अपनी जुबान पर control ना हो वो एक कथा वाचक नही हो सकता
बिश्व ज्ञानी ना बन कर जितना शिव पुराण मे लिखा है वो ही सुनाओ,,,,टोटके छोड कर जिसको देखो इनके टोटके कर्ता घूम रहा
De sare k liye aap gavar n khai
लगता है कि टोटकाचार्य पर परम संत प्रेमानंद महाराज जी का श्राप काम करना शुरु कर चुका है । तुलसीदास जी जैसे परम ज्ञानी को गँवार बताया जा रहा है ।
Pardeep Mishra sahi kaha hai
इतने दिन तक सब सोए हुए थे 14 साल पुराना वीडियो जिसे काट काट कर दिखाया जा रहा है आज जब प्रदीप मिश्रा सब से आगे बढ़ गए है और सभी पंडितो को रोजी नहीं बन रही है क्योंकि सब महादेव के सहारे चल रहे है
इसका दिमाग खराव हो गया है पतन है अव
महान संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में चार वेद छह शास्त्र अठारह पुराण उपनिषद संतो के विचार सभी के सार तत्व को समाहित करने वाले महान संत को गंवार कहना उचित नहीं है।
जी नहीं प्रदीप मिश्रा जी के भाव अलग है वो ये कहना चाहते की जैसे रामायण जी में तुलसी दास जी ने अपने आप को बिलकुल अज्ञानी बताया हे वैसे ही बह भी कहना चाहते ही की में भी उनकी तरह ही अज्ञानी हूं उनका यह भाव नहीं हे की तुलसी दास जी गवार हे बड़े लोगो की यही पहचान हे की बो अपने आप को गवार ही कहते है
Inlog sirf inhe hi badnaam kar skte hai wo jo bollywood Wale hai unlog kitna apmaan karte hai har waqt unko bolne me inki fatti hai sale dogle log
Ye प्रदीप मिश्रा हर यानि भगवान शिव व हरि भक्त में भेद क्यों पैदा कर रहा है जबकि शिव व विष्णु एक ही है
राधा के बारे में थोड़ा सही थोड़ा गलत बोला था तो किसी ने ज्यादा नही ध्यान दिया
पर अब जो तुलसीदास की बराबरी करने की कोशिश की जा रही है ये गलत है
तुलसी दास सिर्फ भगवान के लिए पागल थे सब जगह भगवान को ढूंढा करते थे और भगवान मिल भी गए थे उनको
( प्रदीप मिश्रा जैसे धन के लिए काम करने वाले लोग भी तुलसीदास से अपनी तुलना करने ये लोग तुलसीदास के पैरो की धूल भी नही है )
हमारी तो यही इच्छा है कि यह बरसाना भी जाए तो राधा रानी इसको बिल्कुल माफ ना करें
Dimag thik to h na।।। Wo bhut achhe Hain।।।।
Shi kaha radha rani tughe maaf nhi karege ku ki sanker ki bhakti soyam krishn bhagvaan bhi karte h aur radha krishna alg nhi h
तुलसी दास को गंवार बोलना कितना सही,, मैं कहता हूं आज तक तुलसी को पूर्णता से न कोई जान सका है और न कोई जान सकेगा,, तुलसी के साहित्य सागर में जितने नीचे जाओगे उतने ही कीमती ज्ञान मोती पाओगे,, यही तुलसी दास जी की विशेषता है,, मुझे लगता है प्रदीप कथावाचक को अपने तथाकथित ज्ञान पर घमंड हो गया है, इन पर राधा रानी की कृपा का उलटा प्रभाव शुरू हो रहा है, इसलिए तुलसी दास जी को भी गंवार बोल दिया,
तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस मे स्थान-स्थान पर स्वयं को मतिमंद, जड़मति, मूढ़, सठ आदिक कहा है।यह तुलसी जैसे महाकवि व संत की विनम्रता है, संतत्व है। आदरणीय प्रदीप मिश्र जी भी उसी विनम्रता का अनुगमन करते हुए स्वयं को तुलसीदास जैसा गँवार कह रहे हैं। कृपया संदर्भ से हटकर व्याख्या न करें। इस विषय मे कुछ भी कहने से पूर्व श्रीरामचरितमानस का बालकाण्ड और विनयपत्रिका को पढ़ लें।
हमने पहले ही कह दिया था कि यह कपटी प्रेमानंद बाबा के श्राप से नहीं बच पाएगा
Tu pgl h bhai
हम तो पहले ही जानते थे कि ये आदमी पौराणिक पात्रों का बिलकुल भी सम्मान नहीं करता हैं ये धन के मद में मदमस्त हो गया है!
Tum bhi dhan le lo
यह भोलेभक्तों के कारण ही ऊंचाई पर है कपटी इंसान है
Wo apne aap ko kh rhe hain
यह कलयुगी कालनेमि हैं इसको देखने में नफ़रत हो रही है।
प्रदीप मिश्रा जी कह रहे हैं कि शंकर जी की पूजा करना मैंने सिखाया है लोगों को इसके पहले लोग कुछ भी नहीं जानते थे क्या यह बात सही है जब प्रदीप मिश्रा जी नहीं थे उसके पहले मंदिर शंकर जी के बंद रहते थे और कोई शंकर जी की पूजा करना नहीं जानता था क्या यह बात सही है आप लोग बताइए
प्रेदीप मिश्रा सही बोलता मीरची क्यों लगी तीलक धारी पाखंडी को
गोस्वामी तुलसीदास जी से तुलना करना ग़लत बात, दूसरी बात तुलसी जी ग्वार नहीं थे, ये ब्यान मूरर्खानंद तय कर दिया।
प्रदीप मिश्रा को ज्यादा ज्ञान हो गया है इसलिए योसी बात कर रहे है संत नही है बो संतो की सरण मे जाना चाहिए
गुरूजी के पीछे ही पर गये रामायण पर कर देखो
मिश्राजीन तुलसी दार्सजी का उदाहरण दिया नकि उनको गवारक हा क्या कि तुलसी दासजी ने स्वयंको मतिम द कहा ह । यह सब तिल का ताड़ बना रट
वर्तमान समय में ये कथावाचक बे लगाम हो गये,आये दिन खबरों में रहने के कुछ भी बोलते रहते है। सत्ता पक्ष का गुणगान करते है।सत्ता पक्ष से इनकों समर्थन मिला हुआ है।अभी चुनाव के समय मे व्यक्ति विशेष के पक्ष में मतदान करने की जोरदार तरीके से अपील की थी।
उन्होंने खुद को गवार बोला पहले वीडियो को सुनो ध्यान से किसी के बहकावे में ना आए
रामभद्राचार्य और प्रदीप मिश्रा ने भगवान को छोड़कर नरेंद्र मोदी की भक्ति करना शुरू कर दिया था, इसलिए उनकी दुर्गति हो रही है।
पूरे साधु लोग गुरु जी को गिरने के लिए लग गए है 😂 जय हो महाकाल
मुझे यह समझ में नहीं आ रहा की इतना दिन से यह बस मीडिया काहां थे अगर गलत थे तो अभी आया याद मेरे हिसाब से बिल्कुल भी गलत नहीं है पुरी विडियो दिखाया जाए अगर गलत हैं तो अभी कुछ दिन से कोरोना जैसे फैसला रहे हैं मिश्रा गुरूजी पुरी दुनिया को बोले का भक्त बना दिया ऐसा क्यों करेगा उसको बदनाम कर रहे हैं क्योंकि पुरी दुनिया इसके रास्ते में चल रहे हैं इसलिए 😢😢😢😢 श्री शिवाय नमस्तुभ्यमं सभी को 🙏🙏🙏🙏
दहेज मुक्त और सादगी पूर्ण सैंकड़ों विवाह एक ही दिन में बिना किसी खर्च के होंगे और ये पावन अवसर है कबीर साहेब प्रकट दिवस जो 20-22 जून 2024 को आयोजित किया जा रहा है। आप भी यहां पहुँचकर इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनें।
प्रदीप मिश्रा कोई संत नही है,,,ये तो धर्म की आड़ लेकर धन सोर रहा है
Guru ji apne aap ko bahut vidwan samajh rahe hain yah Inka Ahankar bol raha hai aise Guru ka darshan karna Paap samajhna chahie
Apne Ko Chahe Jo Kaho lekin Tulsidas ko Kuchh Nahin Kaho Jay Shri Radhe Radhe