आह ! दिल को झकझोर कर रख दिया ये कहानी , मैं भी एक पुत्री का पिता हुं जिसकी विवाह कर चुका हुं , मेरी बेटी का ससुराल पक्ष आर्थिक रुप में हमसे कुछ कमतर है , फिर भी लड़का नौकरीपेशा और खानपान में सादा , व्यवहारकुशल है तो बेटी ब्याह दिये उससे , और जितना बन पड़ा मुझसे उतने उपहारों के साथ बेटी का विदा कर दिया , वे लोग कभी - कभार दोनों परिवार की आर्थिक स्थिति का उलाहना देकर मेरी बेटी का मन दुखा देते हैं , लेन देन की तो कोई बात ही नहीं उन्हें जितना मिला वो उनके सोच के बाहर था , तो ऐसे नहीं तो वैसे बहु पर अत्याचार करना क्या लोगों की आवश्यक घृणित मानसिकता होती है ?
Bahut acchi khani
बहुत सुंदर प्रस्तुति दी है Maam
Thank you ji
Nice. Nd tru story
Thanks
adbhut kahani or adbhut awaj 🔥
Thank you Neeraj ji
सुनकर आखों में आंसू आ गए
00ppppp0ppp0❤
Too good👍
Thanks a lot Mam 😊
आह ! दिल को झकझोर कर रख दिया ये कहानी , मैं भी एक पुत्री का पिता हुं जिसकी विवाह कर चुका हुं , मेरी बेटी का ससुराल पक्ष आर्थिक रुप में हमसे कुछ कमतर है , फिर भी लड़का नौकरीपेशा और खानपान में सादा , व्यवहारकुशल है तो बेटी ब्याह दिये उससे , और जितना बन पड़ा मुझसे उतने उपहारों के साथ बेटी का विदा कर दिया , वे लोग कभी - कभार दोनों परिवार की आर्थिक स्थिति का उलाहना देकर मेरी बेटी का मन दुखा देते हैं , लेन देन की तो कोई बात ही नहीं उन्हें जितना मिला वो उनके सोच के बाहर था , तो ऐसे नहीं तो वैसे बहु पर अत्याचार करना क्या लोगों की आवश्यक घृणित मानसिकता होती है ?