इस भारत देश में 7 वी शताब्दी के आसपास केवल बुद्ध और जैन मार्ग ही चल रहा था अपने फहयान की यात्रा विवरण में कही भी हिंदू वैदिक धर्म का कोई विवरण नहीं मिलता है महादेव को ही बुद्ध बोलते थे
गुरूजी इतिहासकार राजा हर्षवर्धन को हिन्दू और बौद्ध दोनों को मानने थे वह बौद्ध की महायान शाखा और शिव भगवान की पूजा करता था शिव भगवान की पूजा करना के कारण उसे इतिहासकार हिन्दू मानते है लेकिन इतिहासकार ये नहीं बताते की महायान शाखा मे अवलोकतेश्वर की पूजा होती है जिसको आज शिव भगवान कहाँ जाता है महयानी को ही आज हिन्दू कहाँ जाता है
For your kind information their no mention about brahaman schoolers ok That's assemble is called as maha dhan bhumi that Day King harshavardhan give tribute to gautham Buddha after that he start maha dhan
हर्षवर्धन बैंस गोत्र के जाट महाराजा थे। आज भी थानेश्वर( कुरुक्षेत्र) के आस पास बैंस गोत्र के जाटों के गाँव मौजूद हैं जो आज के हरियाणा पंजाब में फैले हुए है
@ read history, initially vardhan dynastic capital was Thaneshwar Kurukshetra Haryana, but after death of his brother in law her sister Rajyshree became ruler of Kannauj but she was rounded up by enemy so Harshwardhan shifted his capital to Kannauj
Bhai mujhe aapki video itni acchii lagi ki mena Aaj Aaj me 7 video dekhli superb bhaiya ji
Maharaja Aggarsen pr video banaye
सम्राट हर्षवर्धन के संबंध में आपने विस्तारपूर्वक बहुत ही अच्छी जानकारी दी है। ❤
इस भारत देश में 7 वी शताब्दी के आसपास केवल बुद्ध और जैन मार्ग ही चल रहा था
अपने फहयान की यात्रा विवरण में कही भी हिंदू वैदिक धर्म का कोई विवरण नहीं मिलता है
महादेव को ही बुद्ध बोलते थे
गुरूजी इतिहासकार राजा हर्षवर्धन को हिन्दू और बौद्ध दोनों को मानने थे वह बौद्ध की महायान शाखा और शिव भगवान की पूजा करता था शिव भगवान की पूजा करना के कारण उसे इतिहासकार हिन्दू मानते है लेकिन इतिहासकार ये नहीं बताते की महायान शाखा मे अवलोकतेश्वर की पूजा होती है जिसको आज शिव भगवान कहाँ जाता है महयानी को ही आज हिन्दू कहाँ जाता है
पूरा घालमेल है ये हर्षवर्धन का bhudhhism se सबंध पूरा प्रस्थापित है परंतु vedic का कोई पुरातन संबंध नही है
your knowledge is spendid sir ji
Pranam sir ❤❤ have a good night
Very good❤
राजा हर्षवर्धन के साम्राज्य का इतिहास जानने के लिए "भारत एक खोज" इस दूरदर्शन के पुराने धारावाहिक का भाग २० देखिए।
Samrat harshvardhan pushyabhuti dynasty ke kannauj ke raja the jinhone apna rajy bhut se dusre indian hisso taqsa failaya
सब हिन्दू थे तभी कुम्भ मे दान करते थे ।
गौतम बुद्ध इनके पूर्वज थे ।
13:55
Hiun sang ne kahi nahi likha ki harshavardhan shiv ji Puja karte the
Tu matlab apne hisab se kuch bhi bolta hai kya
Tune padha kya bhai hiun sang ki book ko pura ??
Mere ancestors khud kannoj se hi hai isiliye ye baat tujhse behtr pta hai mujhe vo shivji ki puja krte thhe ki nhi
@@RahulKumar-ld7nm To tum hi padlo ek bar for your kind information their is mention of harshvardhan give tribute to bhudha not Shiv
Ur 100% currect
😂😂😂😂 to tumare purkho kounsi scholar the @@RahulKumar-ld7nm
🇮🇳🍀
For your kind information their no mention about brahaman schoolers ok
That's assemble is called as maha dhan bhumi that Day King harshavardhan give tribute to gautham Buddha after that he start maha dhan
Lagta AAP, BJP Maharashtra Raja Harshvardhan se prerit hai😅
60000 hathi nhi sir 600 hathi
हिंदू बोळकर गुमराह कर रहे , ज्ञान नाही तो व्हिडिओ बंद करो..हिंदू नाम का कोई शब्द हि नाही था .
Harshvardhan pulkeshin se haar gya tha
हर्षवर्धन बैंस गोत्र के जाट महाराजा थे। आज भी थानेश्वर( कुरुक्षेत्र) के आस पास बैंस गोत्र के जाटों के गाँव मौजूद हैं जो आज के हरियाणा पंजाब में फैले हुए है
Nahi wo bais nahi tha mere bhai
@ मैंने बैस कब लिखा “बैंस” लिखा है
@@dharmvirsingh4031 who jaat bhi koni tha
He was basically from Kannauj
@ read history, initially vardhan dynastic capital was Thaneshwar Kurukshetra Haryana, but after death of his brother in law her sister Rajyshree became ruler of Kannauj but she was rounded up by enemy so Harshwardhan shifted his capital to Kannauj