यदि आप इस प्रवाह पर उपलब्ध वक्तव्यों के बदले किसी प्रकार की आर्थिक सेवा निवेदित करना चाहते हैं तो आप निम्न विवरण पर अपनी इच्छानुसार धनराशि का भुगतान कर सकते हैं। If you want to provide any financial support for the videos of this channel, you may pay the desired amount at these details. Shri Bhagavatananda Guru Bank of Baroda Ratu Chatti Branch 54240100000958 IFSC - BARB0RATUCH (कोड का पांचवां वर्ण शून्य है | Fifth letter of code is Zero) UPI - nagshakti.vishvarakshak@okaxis
Guruji mere mata pita ek hi gotro main vivah Kiya tha , arrenge marriage. Mere paribar pehle se Varnashankar tha (Mahesya) . To ek hi gotro main vivah ke anusar main janam se chandal hu . Main apni chandal prabitti ke anusar kaise bhakti kar sakti hu . Kripya marg darshan kijiye . Mein pehle e prashna Swami Avimukteswarnand ji maharaj ko prashna prabadh main pucha hu , lekin uttar nehi pata hu . Mere ghar main ma dakshin kali ka seva hote hain , or Mera man hain Sri Krishna ji ka seva karna . Kya main dono devta ko seva kar sakti hu .
हर हर महादेव 🙏 श्रीमन् महामहिम विद्यामार्तंड स्वामी निग्रहाचार्य श्री श्रीभागवतानंद गुरु जी महाराज के चरणों में मेरा कोटिश: प्रणाम🙏 निग्रहाचार्य धर्माज्ञा लोके लोके प्रवर्धताम्🚩
महाराज जी सादर प्रणाम निरुक्त के यस्कराचार्य का ये वचन वेदो से ही देव है,देवो से वेद और भागवत में क्षत्रिय और ब्राह्मणों को देव और वेद का स्वरूप बताना परस्पर, और वायु पुराण के ये श्लोक किस दिशा में संकेत करता है परस्परं युगानाच्च ब्रह्मचत्रस्य चोद्भवः । यथा वै प्रक्ततिस्तभ्यः प्रवृत्तानां यथाचयं ॥ ४३ ॥
महाराज जी शास्त्र के संस्कृत शब्द और वाक्य का डिसकेनरी बना ही दी समाज में बहुत कंफ्यूजन है कि पण्डित, साधु, जगतगुरु, शिष्य , गुरु,किसे कहते , साध्वी, सम्प्रदाय, व्यभिचार,सदाचार दुराचार, स्त्री ,पुरुष, बहुत सारे शब्दों का परिभाषा इकट्ठा हो जाता
Swami ji ek prasan h पुराणों में दिये स्त्रोत्र अष्टक आदि कोन पाठ कर सकता है और क्या इनका अपवित्र अवस्था में पाठ कर सकते हैं? मैं वैश्य वर्ण का हूँ जनेऊ नहीं है |
आप सभी हिन्दू संतों का अपमान करके क्या साबीत करना चाहते है लगता हैं आप हिन्दू धर्म को लेकर संतो का बिरोध कर रहे है और मुस्लिम को सपोर्ट करते हैं आपसे अच्छा शास्त्रो का नॉलेज जयाँ किशोरी जी को है आप उनका बिरोध करने से पहले अपने अंतर आत्मा से पूछो और अपना नॉलेज अपने पास रखो आप सनातन संस्कृति का बिरोध करने से पहले दूसरे धर्म को बोल के देखना तब आपको अपनी औकात पता चल जाएगी और आप फ्री में हमें ज्ञान देना बंद कर दे आप ऋषि मुनियों में दुर्भाषा और और पंडितो मैं रावण के समान हो जो सनातन धर्म के लोगों में फूट डाल रहे है ❤जय सनातन❤
Nigrahacharya ji bade karunamay aur kroth ko niyantran mein rakhne wale koi Buddhist nhi hai, unhone unke mujhe bina karan vansh naash ki dhamki di hai fb lite par aur apna account bhi gayab kar doye hai, katha sunane walo unko agar bina matlab ka gussa aa gaya to tumlogo ka kya hoga, isase bach le rahna
महाराज जी प्रणाम आपसे आग्रह है कि आपकी कथा की रिकॉर्डिंग का ऑडियो सीधे मिक्सर से लिया करें जिससे ऑडियो स्पष्ट हो जैसा कि अन्य वक्ताओं की ऑडियो स्पष्ट रहती है।
अन्य वक्ताओं के पीछे रेकॉर्डिंग टीम चलती है, हमारे साथ नहीं, उतना धन नहीं है हमारे पास। हम फोन से ही रिकॉर्ड कर लेते हैं इसीलिए ऐसे आग्रह न किया करें। जो सम्भव है, हम अपनी ओर से दे रहे हैं, सन्तुष्ट रहें।
ये भागवत कथा करना विष्णु भक्ति करना वेद विरुद्ध है। सिर्फ शिव भक्ति ही शास्त्र सम्मत है। वेद स्पष्ट रूप से विष्णु भक्ति का निषेध करते हैं। शरभोपनिषत् ने कहा (तस्मात्सर्वान्परित्यज्य ध्येयान्विष्ण्वादिकान्सुरान् ॥३३॥ शिव एव सदा ध्येयः सर्वसंसारमोचकः । इसलिए विष्णु आदि सभी देवताओं का भक्ति त्याग करके संसाररूपी बन्धन से मुक्त करने वाले एकमात्र शिव भगवान् का ही ध्यान करते रहना चाहिए।) वेद ही परम् प्रमाण हैं। और अथर्ववेदीय शरभोपनिषत् में बोला है " एक बार पैप्पलाद ऋषि ने प्रजापति ब्रह्माजी से पूछा- 'हे भगवन् ! ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से कौन देव सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय है' ? तब प्रजापति बोले - उनको तो विष्णु और इन्द्र जैसे देव भी मोह के वश में आकर नहीं जान सकते। । वे प्रभु मेरे और विष्णु के भी पिता हैं। वे ही अन्तिम काल में समग्र विश्व का विनाश करते हैं। ऐसे महाबलिष्ठ महेश्वर ने शरभ का भयंकर वेश धारण करके नृसिंह को मार दिया। सर्वेश्वर भगवान् रुद्र ने नृसिंह के पैरों को पकड़कर हरण किया। उन्होंने अपने तीक्ष्ण नखों के द्वारा विष्णु को चीर डाला। जिनके बाँये पैर पर विष्णु ने अपने नेत्र भी समर्पित कर दिए थे, और उससे प्रसन्न होकर जिन्होंने उन विष्णु भगवान् को चक्र दिया था, ऐसे भगवान् रुद्र को नमस्कार हो। जिन्होंने दक्ष के यज्ञ में विष्णु को अपने नागपाश में भी बाँध रखा था, ऐसे महाबलशाली भगवान् रुद्र को नमस्कार हो। भगवान् विष्णु के मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन आदि अवतारों को जो मार दिया। उनकी माया मुझ ब्रह्मा को तथा विष्णु को भी बहुत मोह में डालने वाली है। सबसे परे ब्रह्मा है उससे परे हरि हैं, और हरि से भी जो परे हैं, वे 'ईश' है। इसलिए कोई भी उनके समान नहीं है और उनसे बड़ा भी कोई नहीं है। इसलिए विष्णु आदि सभी देवताओं का भक्ति त्याग करके संसाररूपी बन्धन से मुक्त करने वाले एकमात्र शिव भगवान् का ही ध्यान करते रहना चाहिए।" तो वेदों में स्पष्ट रूप से विष्णु आदि देवताओं की भक्ति का निषेध किया है। "विष्णु से परे शिव हैं।, विष्णु जो है वो शिव माया से मोहित है।, भगवान शिव ने विष्णु को मार डाला।, भगवान शिव विष्णु के पिता हैं।, विष्णु भक्ति का त्याग कर शिव भक्ति करो।" इत्यादि प्रमाणों ने स्पष्ट रूप से विष्णु जीव सिद्ध होते हैं। क्योंकि ईश्वर कभी मृत्यु को प्राप्त नही होता। ब्रह्म से परे कुछ नही है। ईश्वर कभी माया से मोहित नही होता क्योंकि वो मायापति है। उसका कोई जनक नही है।
Guruji aap to bahut bar chhattisgarh mein gaye ho. Waha Dantewara mein danteswari devi ji ka mandir hain, kaha jata hain ki waha sati ka daat gire the to iska ullekh kiss puran mein hain ?
यदि आप इस प्रवाह पर उपलब्ध वक्तव्यों के बदले किसी प्रकार की आर्थिक सेवा निवेदित करना चाहते हैं तो आप निम्न विवरण पर अपनी इच्छानुसार धनराशि का भुगतान कर सकते हैं।
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Shri Bhagavatananda Guru
Bank of Baroda
Ratu Chatti Branch
54240100000958
IFSC - BARB0RATUCH
(कोड का पांचवां वर्ण शून्य है | Fifth letter of code is Zero)
UPI - nagshakti.vishvarakshak@okaxis
Guruji mere mata pita ek hi gotro main vivah Kiya tha , arrenge marriage.
Mere paribar pehle se Varnashankar tha (Mahesya) .
To ek hi gotro main vivah ke anusar main janam se chandal hu .
Main apni chandal prabitti ke anusar kaise bhakti kar sakti hu . Kripya marg darshan kijiye . Mein pehle e prashna Swami Avimukteswarnand ji maharaj ko prashna prabadh main pucha hu , lekin uttar nehi pata hu .
Mere ghar main ma dakshin kali ka seva hote hain , or Mera man hain Sri Krishna ji ka seva karna . Kya main dono devta ko seva kar sakti hu .
😂अं🎉🎉और 🎉🎉🎉यह 🎉🎉🎉और 🎉🎉और🎉 और 🎉🎉लोग 🎉🎉यह यह 🎉🎉🎉🎉🎉🎉और 🎉🎉और अं और यह अंअंअंअंअंअंअंअं अअअ और और यह यह अअअअ अअअ अअ अअ अअअअअ अअअअअ अअ और अअ और अअअअ अ अअअध
BHAGTI SHAKTI CHAMATKAR AUR MERE AHANKAR KA VINASH HO JAI JAI JAI SHRI SITARAM SITARAM SITARAM
हर हर महादेव 🙏
श्रीमन् महामहिम विद्यामार्तंड स्वामी निग्रहाचार्य श्री श्रीभागवतानंद गुरु जी महाराज के चरणों में मेरा कोटिश: प्रणाम🙏
निग्रहाचार्य धर्माज्ञा लोके लोके प्रवर्धताम्🚩
हर हर महादेव 🙏
प्रणाम निग्रहाचार्य जी
Jay Jagannath guruji
Jay guru dew ji charome parnam
जय मॉं भगवती जय हो सत्य सनातन धर्म की जय हो श्री निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु महाराज जी की जय 🌹🙏🌷🏵️🙏🌺🏵️🪷🌷🏵️🙏🌺🏵️🌻🌼🙏🌹🪷🌷🏵️🙏🌺🏵️🌻
राम राम
Jai Shree radhe
Jai Shree ManNarayan
Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🥀🥀🌹🌹🙏🙏🌹🥀🥀🌹🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🙏🌹🥀🥀🥀🌹🌹🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🙏🙏
श्री मान जी आपको सादर चरण स्पर्श प्रणाम🙏🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏🙏
Jai Shree ManNarayan
Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏
श्री महाराज जी प्रणाम । श्री राधे राधे राधे श्री । श्री श्यामा श्यामा श्याम सीताराम राम राम सीताराम सीताराम 🙏🙏🙏
श्री गुरु देव चरण स्पर्श जय श्री सीताराम ❤
❤ जय श्री राधे कृष्णा ❤
कितना अभागा हूं मैं जो डलमऊ(रायबरेली) का निवासी होते हुए भी आपके रायबरेली आगमन पर भी आपके आगमन से अनभिज्ञ ही रहा ❤️🔥....... बहुत निराश हूं 😢
Bhai Mai kanpur se pahucha Bhagwat kripa se
@@rajuvarma9618 तुम भाग्यवान हो इसमें तनिक भी संशय नहीं है॥
Aapko science journey ko suno😂😂😂😂
जय सियाराम
श्रीमहादेव श्रीमहादेव श्रीमहादेव 🙏
श्री मन नरायण महाराज जी
महाराज जी सादर प्रणाम निरुक्त के यस्कराचार्य का ये वचन वेदो से ही देव है,देवो से वेद और भागवत में क्षत्रिय और ब्राह्मणों को देव और वेद का स्वरूप बताना परस्पर, और वायु पुराण के ये श्लोक किस दिशा में संकेत करता है परस्परं युगानाच्च ब्रह्मचत्रस्य चोद्भवः ।
यथा वै प्रक्ततिस्तभ्यः प्रवृत्तानां यथाचयं ॥ ४३ ॥
महाराज जी शास्त्र के संस्कृत शब्द और वाक्य का डिसकेनरी बना ही दी समाज में बहुत कंफ्यूजन है कि पण्डित, साधु, जगतगुरु, शिष्य , गुरु,किसे कहते , साध्वी, सम्प्रदाय, व्यभिचार,सदाचार दुराचार, स्त्री ,पुरुष, बहुत सारे शब्दों का परिभाषा इकट्ठा हो जाता
🌺🌺🌺🙏🙏🙏
कुछ लोग बोलते हैं कि पांडव कौरव वर्ण संकर थे ?
Swami ji ek prasan h
पुराणों में दिये स्त्रोत्र अष्टक आदि कोन पाठ कर सकता है और क्या इनका अपवित्र अवस्था में पाठ कर सकते हैं?
मैं वैश्य वर्ण का हूँ जनेऊ नहीं है |
आप सभी हिन्दू संतों का अपमान करके क्या साबीत करना चाहते है लगता हैं आप हिन्दू धर्म को लेकर संतो का बिरोध कर रहे है और मुस्लिम को सपोर्ट करते हैं आपसे अच्छा शास्त्रो का नॉलेज जयाँ किशोरी जी को है आप उनका बिरोध करने से पहले अपने अंतर आत्मा से पूछो और अपना नॉलेज अपने पास रखो आप सनातन संस्कृति का बिरोध करने से पहले दूसरे धर्म को बोल के देखना तब आपको अपनी औकात पता चल जाएगी और आप फ्री में हमें ज्ञान देना बंद कर दे आप ऋषि मुनियों में दुर्भाषा और और पंडितो मैं रावण के समान हो जो सनातन धर्म के लोगों में फूट डाल रहे है ❤जय सनातन❤
Nigrahacharya ji bade karunamay aur kroth ko niyantran mein rakhne wale koi Buddhist nhi hai, unhone unke mujhe bina karan vansh naash ki dhamki di hai fb lite par aur apna account bhi gayab kar doye hai, katha sunane walo unko agar bina matlab ka gussa aa gaya to tumlogo ka kya hoga, isase bach le rahna
महाराज जी प्रणाम
आपसे आग्रह है कि आपकी कथा की रिकॉर्डिंग का ऑडियो सीधे मिक्सर से लिया करें जिससे ऑडियो स्पष्ट हो जैसा कि अन्य वक्ताओं की ऑडियो स्पष्ट रहती है।
अन्य वक्ताओं के पीछे रेकॉर्डिंग टीम चलती है, हमारे साथ नहीं, उतना धन नहीं है हमारे पास। हम फोन से ही रिकॉर्ड कर लेते हैं इसीलिए ऐसे आग्रह न किया करें। जो सम्भव है, हम अपनी ओर से दे रहे हैं, सन्तुष्ट रहें।
@SwamiNigrahacharya आप श्री के चरणों में दास का कोटि कोटि प्रणाम
ये भागवत कथा करना विष्णु भक्ति करना वेद विरुद्ध है। सिर्फ शिव भक्ति ही शास्त्र सम्मत है। वेद स्पष्ट रूप से विष्णु भक्ति का निषेध करते हैं। शरभोपनिषत् ने कहा
(तस्मात्सर्वान्परित्यज्य ध्येयान्विष्ण्वादिकान्सुरान् ॥३३॥ शिव एव सदा ध्येयः सर्वसंसारमोचकः ।
इसलिए विष्णु आदि सभी देवताओं का भक्ति त्याग करके संसाररूपी बन्धन से मुक्त करने वाले एकमात्र शिव भगवान् का ही ध्यान करते रहना चाहिए।)
वेद ही परम् प्रमाण हैं। और अथर्ववेदीय शरभोपनिषत् में बोला है " एक बार पैप्पलाद ऋषि ने प्रजापति ब्रह्माजी से पूछा- 'हे भगवन् ! ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से कौन देव सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय है' ? तब प्रजापति बोले - उनको तो विष्णु और इन्द्र जैसे देव भी मोह के वश में आकर नहीं जान सकते। । वे प्रभु मेरे और विष्णु के भी पिता हैं। वे ही अन्तिम काल में समग्र विश्व का विनाश करते हैं। ऐसे महाबलिष्ठ महेश्वर ने शरभ का भयंकर वेश धारण करके नृसिंह को मार दिया। सर्वेश्वर भगवान् रुद्र ने नृसिंह के पैरों को पकड़कर हरण किया। उन्होंने अपने तीक्ष्ण नखों के द्वारा विष्णु को चीर डाला। जिनके बाँये पैर पर विष्णु ने अपने नेत्र भी समर्पित कर दिए थे, और उससे प्रसन्न होकर जिन्होंने उन विष्णु भगवान् को चक्र दिया था, ऐसे भगवान् रुद्र को नमस्कार हो। जिन्होंने दक्ष के यज्ञ में विष्णु को अपने नागपाश में भी बाँध रखा था, ऐसे महाबलशाली भगवान् रुद्र को नमस्कार हो। भगवान् विष्णु के मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन आदि अवतारों को जो मार दिया। उनकी माया मुझ ब्रह्मा को तथा विष्णु को भी बहुत मोह में डालने वाली है। सबसे परे ब्रह्मा है उससे परे हरि हैं, और हरि से भी जो परे हैं, वे 'ईश' है। इसलिए कोई भी उनके समान नहीं है और उनसे बड़ा भी कोई नहीं है। इसलिए विष्णु आदि सभी देवताओं का भक्ति त्याग करके संसाररूपी बन्धन से मुक्त करने वाले एकमात्र शिव भगवान् का ही ध्यान करते रहना चाहिए।" तो वेदों में स्पष्ट रूप से विष्णु आदि देवताओं की भक्ति का निषेध किया है। "विष्णु से परे शिव हैं।, विष्णु जो है वो शिव माया से मोहित है।, भगवान शिव ने विष्णु को मार डाला।, भगवान शिव विष्णु के पिता हैं।, विष्णु भक्ति का त्याग कर शिव भक्ति करो।" इत्यादि प्रमाणों ने स्पष्ट रूप से विष्णु जीव सिद्ध होते हैं। क्योंकि ईश्वर कभी मृत्यु को प्राप्त नही होता। ब्रह्म से परे कुछ नही है। ईश्वर कभी माया से मोहित नही होता क्योंकि वो मायापति है। उसका कोई जनक नही है।
Ye rattu tota phir se😂😂😂😂..apne ho Maharaj keh raha hai 😂😂😂
यहां क्या कर रहा है आर्य नमाजी 😂😂😂😂
@@msc-fs7mo accha khud ka naam bahut rakha hai🤣🤣🤣
प्रणाम महाराज क्या मे भगवती के प्रसन्न हेतु निग्रहेश्वरी दशक का पाठ कर सकता हु
हां
th-cam.com/video/uwxQYzd2-Zw/w-d-xo.htmlsi=-7hakPbkjy6I8aK5
Guruji aap to bahut bar chhattisgarh mein gaye ho. Waha Dantewara mein danteswari devi ji ka mandir hain, kaha jata hain ki waha sati ka daat gire the to iska ullekh kiss puran mein hain ?
खोजना पड़ेगा। ऐसे से चालुक्य काकतीयों की कुलदेवी रही हैं और कुलदेवताओं क प्रचलित नाम उनके वास्तविक नाम को छिपाकर भी व्यक्त किये जाते हैं।
@@SwamiNigrahacharyath-cam.com/video/uwxQYzd2-Zw/w-d-xo.htmlsi=ND27l4mPR2GXdSaQ
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th-cam.com/video/uwxQYzd2-Zw/w-d-xo.htmlsi=-7hakPbkjy6I8aK5
Jai Shree ManNarayan
Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🥀🥀🌹🌹🌹🙏🙏🌹🥀🥀🥀🌹🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🙏