Podcast: क्यों सारे भगवान का जन्म भारत में हुआ? | Dharma Live | Sanatan Dharm | Ved | Puaranas
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- เผยแพร่เมื่อ 24 เม.ย. 2024
- #podcast #dharmasamwad #sanatandharma #veda #purana #bhagwatgeeta #geeta #aryasamaj #trending #viral
Podcast: क्यों सारे भगवान का जन्म भारत में हुआ? | Dharma Live | Sanatan Dharm | Ved | Puaranas | Lajpat Rai Aggarwal | Yogi Vishal Tiwari | Neha Rajpput
Dharma Live के Podcast #DharmaSamvad में इस बार हमारे मेहमान हैं, Lajpat Rai Aggarwal जी ( वैदिक मिशनरी ), जो एक संपादक हैं और Yogi Vishal Tiwari जी ,जो Spiritual Mentor हैं, आज इस Podcast में हम जानेंगे कि क्या वाकई भगवान अवतार लेते हैं? साथ ही Vedas, Purana और सनातन धर्म से जुड़े अनेक रहस्यों पर चर्चा होगी.
Anchor- Neha Rajpput
Producer- Mukesh Kaushik
Video Editor- Subodh Sinha
Video Journalist- Dharm Ji & Jassie
DHARMA LIVE is a Spirituality based Entertainment channel. The channel brings viewers information about Daily Horoscope Predictions, Weekly Horoscope Predictions, Monthly Horoscope Predictions, Yearly Horoscope prediction, Planetary Movements and Its Effect. We also talk about Remedies, Transit, Conjunction, Mythology, Numerology, Vedic Astrology, Tarot, Palmistry, Vastu, Yog, Yoga Gurus and Influential Personality and a lot more. We believe Spirituality should be an encouraging and positive part of our daily life. The motive is to bring Spirituality alive while dispelling fears and myths. This vertical is a part of ABP Live.
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इस चैनल पर दी गयी जानकारी विभिन्न पंचांग, ज्योतिषियों, धर्म ग्रन्थों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज आपको ज्योतिष और उस से जुड़ी घटनाओं से अवगत कराना है। यहां प्राप्त कोई भी भविष्यवाणी या अन्य संदेश सलाह या उपचार का विकल्प नहीं है, जो आमतौर पर एक लाइसेंस प्राप्त पेशेवर जैसे वकील, डॉक्टर, मनोचिकित्सक, या वित्तीय सलाहकार से प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। Dharma Live TH-cam चैनल पर दी गयी जानकारी केवल आपके मनोरंजन के उद्देश्य से है।
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/ abplivedharma
अच्छा मंच है होना ही चाहिए,,सत्य स्पष्ट होकर ही रहता है।वेदो अखिलो धर्ममूलम्।
सत्य वचन
Satya vachan❤
अति सुन्दर संवाद सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
योगीजी मे अभी ज्ञान का अभाव है । सिर्फ़ बात घुमा रहे है तथ्यों से कुछ भी सिद्ध नहीं कर पा रहे । सनातन धर्म का आधार ही वेद है । अग्रवाल जी परम ज्ञानी है । वेद अल्पबुद्धि वालों के समझ के परे है तभी इससे पढ़ने का अधिका भी सबको नहीं था और इसलिए पुराणों की रचना की गई थी । वेद को समझने का सरल रास्ता वेदान्त है जिससे उपनिषदों के रूप मे रचा गया है । और किसीभी उपनिषद मे भी अवतार की चर्चा नहीं है । तत्वम् असि 🙏 एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति 🙏 अद्वैत वेदान्त ज्ञान को संतुष्ट करने वाला वेदों का सार ही है ।
Thottha channa bajje ghanna.
Yogi ji upnishad keh rahe hamare mukhya 11 upnishad mai kaunsa avtar ki charcha hai? Upnishad bhram ki charcha kar rahe..
Vedon mai devta aur bhramm hai
Ishwar sarwashaktiman hai. Nirakar bhi hai aur sakar bhi hai.
Nirakar gyan pradhan hai aur sakar prem pradhan hai .
Nirakar universal aur sakar personal.
Nirakar roop me ek hai to sakar roop me anek.
Ved gyan-vichar pradhan hai to Puran prem bhakti pradhan.
Nirakar roop dada sashwat hai to sakar roop samay ke anusar.
Nirakar aur sakar ek hin sikke ke do pahlu hai.
आप ने समझा नही अग्रवाल जी रट्टू है गियानी नही। इस बात को समझो
पहली बात तो आप पहले उसी व्यक्ति को बुलाओ जो बराबर का ज्ञान रखता हो अगर आप बुलाना चाहती हो तो अग्रवाल जी के सामने राघवाचार्य जी को बुलाओ फिर पता चलेगा अग्रवाल जी को ईश्वर अवतार लेते है कि नही
@@kapilkushwaha2658 बिल्कुल सही कहा आपने
वेद सत्य विद्याओं का पुस्तक है। इसमें सब विद्या की जननी है
Sanskaar dikhao ved me ...yagyapabit or nama Karan sanskaar dikhao ved me ..agar nehin hai toh karte kyun ho ?
Chal be
Satya koi praman nhi de sakta,ye anubhuti ka vishay, Bhagwan, Bed , aur ye sab lekar
Satya ka koi praman nhi hota, praman khali anubhuti, debate ek murkhta, jo avi ho raha hai, aur Guru ji jisko khe rahe ho, unka attitude koi gayni insaan ka lakshan nhi hai,isko ( Guru ji) kaha se le aaye.
@@bikashraut645
ये पता है वेद में कितने प्रकार के मुख्य विषय है ???
यह सत्य है कि सत्य सनातन वैदिक धर्म ही सबसे सत्य है पर हमारे धर्म ग्रंथ में जितने भी मिलावट है उनको शुद्धि करण करना जरूरी है हरि ओम सत्य सनातन वैदिक धर्म कि जय 🕉️🙏🚩 जय जय श्री सीताराम
मैं भी यही मानता हूं कि इस्लाम धर्म ही सत्य है तो कैसे पता चलेगा कौन सही है 😂
@@rashidmohammad5050 तुम्हारे कुरान और हदीस में कौन आक्रांता ने कब्जा करके उसमें मिलावट किया था तुम लोग तो बोलते हो आसमानी किताब है तो इसमें कैसे मिलावट हो गया और मिलावट हुआ है तो उसको हटा दो अच्छा रहेगा नहीं तो जाकर एक्स मुस्लिम समीर के यूट्यूब चैनल देखो
@@rashidmohammad5050 अपने धर्म ग्रंथ को पढ़िए और अपनी बुद्धि से विचार करिए की जो आपके धर्म ग्रंथ में जो बातें लिखी है वह विज्ञान की दृष्टि से कितनी सही है|आप अपने धर्म के सिद्धांतों पर डिबेट भी देख सकते हैं उससे भी आपकी बुद्धि बढ़ेगी|
@@Brahmachari-df7lk yahi baat to aap par bhi fit hoti hai
@@rashidmohammad5050 हां भाई यह बात मुझ पर भी लागू होती है
दर्शनशास्त्र का वचन है ज्ञानेंमुक्ति: यानी ज्ञान ही मुक्ति का मार्ग है | यानी जब हम वेद और दर्शन शास्त्र पढके ज्ञान प्राप्त करते हैं तब हमें परमात्मा का सही स्वरूप पता चलता है हमें परमात्मा के गुण कर्म स्वभाव के बारे में पता चलता है| बिना ईश्वर को जाने ध्यान साधना व्यर्थ है क्योंकि व्यक्ति ध्यान ही उसी चीज का करता है जिसे वह जानता है बिना ईश्वर को जाने अगर व्यक्ति ध्यान करता है तो वह ध्यान नहीं वह उस व्यक्ति की कल्पना मात्र है|
इसलिए मैं आदरणीय गुरुजी के बाद से सहमत हूं हमें ईश्वर को वेदों एवं दर्शन शास्त्र के माध्यम से जानना चाहिए और उसके बाद ध्यान करना चाहिए|
लाजपत जी लाजवाब है उनका कथन सच है वेद से उपर कोई किताब नहीं है, और वेद को समजने वाले ही सच है बाकी तो सब दूकाने चलाने के लिए थीक है,
Ved se upar koi nehin par keval ved hi pramaan nehin hai ...yadi aisa hai..Sanskar jo karte ho yagyapabit aadi iska pramaan ved me hai kya ?
@@bikashraut645 जो वेद मे है यही प़माण है और कुछ उपनिषद जैसे की छंद उपनिषद,कठो उपनिषद तथा सत्यार्थ प्रकाश में भी हमारे 16 संस्कार को समझाया है लेकिन वोह पुरानो के संस्कार से थोड़ा अलग समझाया है जैसे कि 16 संस्कार तो है लेकिन उसे लेकर जो उनकी विधीयां है वोह पुरानो मे सिर्फ कर्मकांड में ही निपटा ली गई है सही अर्थ आप को सत्यार्थ प्रकाश में मील जायेगा और वेद सर्वोच्च हे उसका मतलब ऐसा नहीं हे की पुरान और दुसरे गंथ सही नहीं है लेकिन वोह वेद तुल्य नहीं है
@@bikashraut645 जो वेद मे है यही प़माण है और कुछ उपनिषद जैसे की छंद उपनिषद,कठो उपनिषद तथा सत्यार्थ प्रकाश में भी हमारे 16 संस्कार को समझाया है लेकिन वोह पुरानो के संस्कार से थोड़ा अलग समझाया है जैसे कि 16 संस्कार तो है लेकिन उसे लेकर जो उनकी विधीयां है वोह पुरानो मे सिर्फ कर्मकांड में ही निपटा ली गई है सही अर्थ आप को सत्यार्थ प्रकाश में मील जायेगा और वेद सर्वोच्च हे उसका मतलब ऐसा नहीं हे की पुरान और दुसरे गंथ सही नहीं है लेकिन वोह वेद तुल्य नहीं है
परमात्मा सर्वव्यापी है औरनिराकार भी है जीव और परमात्मा में अंतर इतना ही है कि जीव शरीर को धारण करता है परमात्मा शरीर को धारण नहीं करता क्योंकि इसका विशिष्ट गुण निराकार है परंतु प्रत्येक पदार्थ को यह प्रभावित करता है इसलिए यह सर्वशक्तिमान है इसलिए इस अवतार लेने की आवश्यकता नहीं होती विशिष्ट कार्य के लिए आत्मा को प्रेरित करता है इस तरह प्रत्येक पदार्थ इनके अधीन है इसलिए परमात्मा सर्वशक्तिमान है आत्मा का अवतार होता है परमात्माका नहीं इसलिए वेद कहता है परमात्मा के विषय में नत्स्य प्रतिमा अस्ति इसलिए परमात्मा शक्ति के स्रोत हैं
✌️😎👌
वेदों का ज्ञान आज की youth के लिए अनिवार्य है। कृपया कोई भी धर्म से जुड़े सवाल और उसके सही उतर ढूँढने का सही प्रयास करे। वेदों के ज्ञान के पूर्ण ही हम सब भारत वासी हर सवाल के सटीक उतर देने योग्य बनेंगे। 🙏🏻
बहुत सही कहा 👍
भैय्या विशाल जी, शास्त्रीय वाणी बोलनी चाहिये न कि क से कहानी था से थाह ? पी के से फालतू कुतर्क भी तो हो सकता है l आपका हिन्दी कविता लेखन कुछ ठीक मालूम पड़ता है l
वेद नित्य, सत्य और शाश्वत ग्रन्थ हैं ! योगी जी को यह पता होना चाहिए कि नित्य सत्य ज्ञान को कभी अपडेट किया ही नहीं जा सकता! जैसे गन्ना मीठा होता है, यह सत्य है , तो क्या भविष्य में कभी गन्ने में उसके मिठास - गुण को अपडेट करने की अपेक्षा होगी, कदापि नहीं!
Om hi satya h🎉
I am with Aggarwal ji. Jasa jasa i listen you. I become fan of you. Now I will study Arya samaj
Same I'll also study about arya samaj
आप बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा आर्य समाज का जिन्होंने मेरे जीवन परिवर्तन किया
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🚩
योगी जैसे लोग लाखो कमा रहे है इस पाखंड की साहयता से.. लोग बड़ा सम्मान करते है क्योंकि मंत्र सुनना और पढ़ना दोनों मुश्किल है.. लोगों को मजा आता है किस्से कहानियो मे. चमत्कार से भरी कथा ओ मे...
बिखरे हुए समाज को जो एक सूत्र में बंद है वही धर्म सबसे उत्तम धर्म है
ईश्वर निराकार है, सर्वशक्तिमान है,अगर वह इच्छा अनुसार साकार रूप धारण करते हैं तो इसमें आश्चर्य की गुंजाइश नहीं। रिषि मुनि निराकार की अराधना करते हैं। लेकिन सर्व साधारण खासकर वह जो पढ़े लिखे नहीं है उनके लिए साकार की अराधना उपयुक्त है। कर्मकांड
🙏🌹धन निरंकार जी 🌹🙏
🙏🌹 परमात्मा को मानना और
जानने में बहुत अंतर है 🌹🙏
🙏🌹 परमात्मा शब्द में नहीं आ सकता और कहीं कोई जगह खाली नही है 🌹🙏
योगी जी की बात से तो मैं बहुत सहमत हूं गुरुदेव जी ❤️
मैं आर्यसमाज और उसके विद्वानों के प्रति श्रद्धा और सम्मान रखता हूं और जानता हूं कि वे सत्य को जानते एवम् समझते हैं परंतु यह भी जानता हूं की आम आदमी वास्तव में ज्ञानी और पंडित नही है।इस एपिसोड में कई कमेंट देखकर लगता है कि सत्य को जानने या स्वीकार करने में उनका ज्ञान समर्थ ही नहीं है।
मेरे विचार से इस संबंध में मैं आर्य समाजियों से भी निवेदन करना चाहता हु कि वे मूर्ति पूजा को उस पहली कक्षा के बच्चे के समान समझे कि वह बच्चा अ एक अक्षर है,नही जानता वह अ से अनार ही बोलेगा अगली कक्षा में अ से अनार के साथ अमरूद,अन्नानास, अदरख भी पढ़ता है तब उसे पता चलता है कि अ से बहुत शब्द बनते हैं अ अनार नही एक स्वतंत्र अक्षर है उसी प्रकार यदि मूर्ति पूजक भी यह सत्य जान ले कि मूर्ति में भी भगवान हैं,ठीक वैसे ही जैसे कण कण में हैं,किंतु मूर्ति ही भगवान नहीं है।परंतु पौराणिक मूर्ति को ही भगवान मान बैठा है उसका ज्ञान आगे बढ़ना ही नही चाहता।
ईश्वर की वाणी वेदों को अपडेट करने की सामर्थ्य ईश्वर के सिवाय किसी में नहीं है।
योगी जी बहुत बोले चुप नहीं हुए पर उत्तर कुछ भी नही दिया हां कविताएं अच्छी सुनाई 😂😂😂
गुरु जी ने ईश्वर की प्रार्थना उपासना के प्रथम मंत्र का व्याकरण सहित हिंदी अनुवाद सत्य है ... वेदानुसार सत्य है
दीवाना अंचल दीवान
75 वर्ष k गुरु जी 101%सत्य कह रहे है वेद k अनुसार.
Om
सिर्फ उम्र से तुम नही बता सकते वो कितना ज्ञानी है😂
आर्य समाजी बडे या तुकाराम महाराज ? तुकाराम जी कहते हैं: वेद अनंत बोलीला , अर्थ इतकाची साधिला, विठ्ठलाशी शरण जावे, निज निष्ठे नाम गावे!!
@@A-KR18Yajurveda Aadhya 32 mantra 3 padhke aa khud kabhi ved nahi padha joh padhe hai unhe Gyan deta hai nastik kahika😂
@@realisticcoments283ved bada ya tukaram ji Arya samaj wo kahta hai Jo ved mein likha hai ved virudh tum mante hoge hamm nahi
@@user-ep1ni5xm3o वेदका हम आदर करते है; लेकिन आर्यसमाज ने वेदों का अर्थ अपने मनगढंत रूप से किया है. तुकाराम महाराज के साथ तुम्हारे स्वामीने एक कोटी जन्म लिया तो भी बराबरी नहीं हो सकती; तुकाराम महाराज वैकुंठ गये, तुम्हारा महाराज विष से मर गया.
महऋषि दयानंद सरस्वती जी की जय।
What is His parampara?
Vyktigat rup se guruji ke tarko ka samarthan,
Dhairyta vinramta ke liye yogi ji ko sadhuvad
जिस परमात्मा ने विशाल ब्रम्हांड को बनाया जिसमे अनगिनत आकाश गंगाए ,तारे,ग्रह बनाये है जिसने विविध प्रकार के जीव जंतु पक्षी ,विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे बनाये और अरबों की जनसंख्या में हर व्यक्ति की पहचान और चेहरा अलग है इतनी विविधता जिस परमात्मा ने बनायीं है उसके लिए अवतरित होना कोनसी बड़ी बात है जो निराकार होकर साकर सृष्टि की रचना करता है वो खुद भी साकर रूप में प्रकट हो सकता है उस सर्वशक्तिमान ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नही है।
हमारा धर्म सत्य सनातन वैदिक धर्म है।
सनातन कोई धर्म नहीं है बल्कि हम खुद सनातनी हैं
@@shashiprabha9887bhai pehle dharm shabd ka arth Jano aur sanatan shabd ka arth pehele Sandi viched Karo phir tumhe apne aap pata chal jayega ❤
@@shashiprabha9887सनातन का अर्थ होता है ,सदा रहने वाला क्या आप का शरीर सदा रहेगा ? अगर आप का उत्तर" नही " है तो फिर सनातन क्या है ?
@@SanataniArya83bhai tera bat sahi hai sada rahne wala sada khane wala Lekin india me 90% mit machhli khata hai ? mit machhli khane wala aadmi hindu hai ki nhi
@@SanataniArya83gussa mat hona tera se jana chahte hai ye log hindu hai ki nhi
विशाल योगी जी को कोटी कोटी नमन
🙌🙌
चराचर जगत में ईश्वर विद्यमान है, वह अनंत है, असीम है, अपरिभाषित है, साकार भी है, वही निराकार भी है, साकार से निराकार हो जाना और निराकार से साकार हो जाना, यही उसकी माया है, ईश्वर को वैदिक या पौराणिक ज्ञान से परिभाषित करना भी उचित नहीं है, सबका अपना अपना ईश्वर नाना रूपों में सबके साथ है ।
🚩जय सनातन 🙏
सत्यं शिवं सुंदरम्
yogi ji pranam
🙌🙌
Satya Sanatan Vedic Dharm 🔥❤🕉🚩
मैं वेदों को मानने वाला हूं | मेरे लिए वेद ही परम प्रमाण है| वेद में लिखा है न तस्य प्रतिमा अस्ति यानी उसे परमात्मा की कोई प्रतिमा नहीं है यानी उसे परमात्मा के समान कोई भी वस्तु या पदार्थ पूरे संसार में नहीं है| इस मंत्र से जो साफ स्पष्ट हो जाता है कि वह ईश्वर अवतार नहीं लेता बिना शरीर के वह सारी सृष्टि बन सकता है चला सकता है प्रलय कर सकते हैं अथवा अनेक अनेक काम कर सकता है तो उसे अवतार लेने की आवश्यकता नहीं है इसलिए वह अवतार नहीं लेता|
सही कहा गुरु जी वेद में ही केवल मंत्र है
Mantra sirf Vedo me nahi hai,agar Maa kisi bete se kah rahi waha mat jao gir jayega,to ye usake liye mantra hi hai.....
Mana kisne kiya ? Par Pramaan keval ved hi hai yeh kehna galat hai ..warna toot jaoge aap
Mantra ke mayne hai jisme mann ka tran ho yani jisse mann stambhit ho prasann ho
Upanishad me bhi hai
अग्रवाल जी सत्यबोल रहे हैं
जैसे राष्ट्र पति की कोई पार्टी नहीं होती ठीक वैसे ही सृष्टि कर्ता ईश्वर का कोई मत महजब पथ सम्प्रदाय आदि अलग से नहीं होता है।। सत्य सनातन धर्म एक है और असत्य झूठ पाखंड मन घडंत पथ अनेक है। जय वेद भगवान्। ओउम्।
Vaah yogi ji❤
Yogi ji good knowledge
श्रद्धेय योग योगी श्रीमान बद्रीविशाल जी,के अद्भुत,दिव्य साथ ही सरल, शालीन,सुंदर व सत्य ज्ञान को स्वभाव को मेरा सादर नमन।।
🙌🙌
गुरुजी आज की जनरेशन जो अंग्रेजी माध्यम में पढ़ रही है उन्हें हमारे वेद और पुराणों का ज्ञान किस तरह समझाया जाए उस पर योगी जी काम कर रहे हैं ज्ञान आप दोनों का ही असीम है बस शिक्षक आप दोनों अलग तरह के है ।
Aapko agarwaal ji ka nahi pata
Sahitya jagat me inka naam hi kafi hai
Kuraan ,baibel,bodho ke granth sabki khaal utari hai agarwaal ji ne. Aapk kya jano inke bare me
मेरे को तो इतना खुशी है कि हमारे सनातन धर्म में इतना महान व्यक्ति हैं जो भटके हुए लोगों को राहपे लाने के लिए अपनी पूरी जीवन वैद और ग्रंथ को समझने में और जनता तक पहुंचने में अपने सारा जीवन बिता देते है इस चैनल को मैं सब्सक्राइब किया हूं यही हमारे धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जय सियाराम सत्य सनातन वैदिक धर्म कि जय
गुरु जी और योगी जी दोनो वीद्वान है परन्तु यदि अंहकार को छोड़ कर सहजता स्वीकार्यता सम्मान का सहारा लिया जाय,ओर सतर्कता से बात कही जाय, प्रमाण तब तक न मांगा जाय जब तक मंथन न करलिया जाय तो संवाद सार्थक होगा!
कृपया बताएं कि धर्म क्या है,यह प्रश्न योगी जी से व गुरुजी दोनों से है?
Are wa arya ji kmal ker diya 🙌🙌🙌🙌
रामभद्राचार्य जी से शास्त्रार्थ कराएं आर्य समाज वालो की🙏🙏🙏🙏🙏
Satya Sanatan Pavitra Vaidik Dharm ki Jay
आत्मा ही सत्य है सनातन है पुरातन है
शरीर में जीव है आत्मा शरीर के बाहर है
निराकार ओंकार मुलम् तुरियम्.....
नि+आकार = जिनसे सभी आकार निकले हैं
भारत भगवान का हृदय भगवान हृदय में ही रहते हैं अंग में नहीं
भाई आज से ढाई 3000 साल पहले एक ही आर्यावर्त देश था उसमें चक्रवर्ती राजा शासन करते थे| जैस श्री रामचंद्र जी अपने समय में पूरे आर्यावर्त देश के चक्रवर्ती राजा थे| पहले तो देश ही एक था| आपके अनुसार देश मतलब हृदय पहले तो देश ही एक था तो पूरा संसार ही भगवान का हृदय होना चाहिए मतलब आपके अनुसार तब ईश्वर तो कहीं भी अवतार ले सकता था तो भारत में ही क्यों|
मैं वेदों को मानने वाला हूं | मेरे लिए वेद ही परम प्रमाण है| वेद में लिखा है न तस्य प्रतिमा अस्ति यानी उसे परमात्मा की कोई प्रतिमा नहीं है यानी उसे परमात्मा के समान कोई भी वस्तु या पदार्थ पूरे संसार में नहीं है| इस मंत्र से जो साफ स्पष्ट हो जाता है कि वह ईश्वर अवतार नहीं लेता बिना शरीर के वह सारी सृष्टि बन सकता है चला सकता है प्रलय कर सकते हैं अथवा अनेक अनेक काम कर सकता है तो उसे अवतार लेने की आवश्यकता नहीं है इसलिए वह अवतार नहीं लेता|
@@Brahmachari-df7lk
नाम ब्रह्मचारी है... और परमात्मा को रे ते कहकर संबोधित कर रहे हो... ये क्या तरीका है !
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कह रहे हो.. की मै वेद को मानने वाला हूँ /
तो क्या....
ये संस्कार वेदों से सीखे हो !
जरा बताना मुझे.. मैं जानने का इच्छुक हूँ ?? ऊँ.
@@user-xb2et2ql3p प्रिय भ्राता श्री, टाइपिंग में कोई भी प्रकार से गलती हो उसके लिए माफी चाहूंगा।
कृपया करके बोल की खाल मत निकालो।
@@Brahmachari-df7lk
मिस्टेक एक बार होता है.. बार बार नहीं /
खैर ---
मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता...
मैने ये तुम्हारे लिए कहा.. की अपवाधबोध से बचो !
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अब मैं.. चलना चाहूंगा ---
हमसे कुछ पूछने की इच्छा है तो पूछ लो ?? ऊँ.
सनातन धर्म की जय
Sanatan Vedic Dharma ! Bolo.
Satya Sanatan Vadikdharm
योगी जी की बातें गम्भीर एवं अनुभव गम्य है । जिसमें हमको वास्तव में विषय को स्पष्ट करने का प्रयास किया है ।जबकि गुरु जी ने अपने को ज्ञाता मानकर अपनी बात को मऩवाने का बचकाना। प्रयास किया गया है ।
आपलोगों से नम्र निवेदन हैं कि. आपस में..बात बिगाड़ ना करो..बेद..पुराणों में..मिलावट खोरी किया गया है...सनातनी हिंदू संस्कृति को दबाने के लिए...सावधान रहने की आवश्यकता है...जय सियाराम
वेद में अवतार:
रूपंरूपं प्रतिरूपो बभूव तदस्य रूपं प्रतिचक्षणाय ।
(ऋग्वेद 6/47/18)
ईश्वर विभिन्न शक्तियों द्वारा अनेक रूप बनाकर यजमान के पास प्रकट होते हैं।
आप ने मंत्र ठीक लिखा है।पर उसका अर्थ ठीक नहीं।आप किसी आर्ष विद्वान की व्याख्या में इसको देख सकते है। इसमें जीवात्मा केसा होता है उसका कथन हैं
@@romyaromya1229 yaha kaunse mantra mein likh raha hai ki arya samaj ka hi bhashya mana jayega kripaya reference dijiye🙂
Guruji ka ahankaar baar baar aahat ho raha hai..sad but true Whereas yogiji seems calm all the time
Vastav mai? 🤔🤔
सही कहा गुरु जी का मानना है कि जो वेद मैंने पढ़ लिया वो ही सही है
Itna Sundar satsang Maine pahle nahin dekha
🎉 भारत खंड ऋषि महात्माओं की धरती है यहां की सभ्यता संस्कृति सबसे अलग है। दूसरी जगह पशु प्रवृत्ति है मांस भाक्षण उनके आहार है। लेकिन भारत में कुछ लोग शाकाहारी भी है। सभ्यता संस्कृति सबसे अलगहै इसलिए भारत खंड सबसे श्रेष्ठहै।
आपके गुरु केवल प़श्न करने के आदी है, उत्तर का भार सामने वाले डालते हैं। दयानन्द महान है, अनेकों महान से महानतम ऋषि, विद्वान हैं।
सभी दर्शकों से निवेदन है कि महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा रचित " सत्यार्थ प्रकाश " को अवश्य पढ़ें।
Yogi ji apke samjhane ka tarika shandar hai
सद गुरु जी को चरण स्पर्श,सत साहेब, सत साहेब, सत साहेब, साहेब बंदगी।🙏🙏🌹🌹💐🌹🌹🙏🙏
योगी जी मैं आपसे सहमत हूं।❤❤❤ भगवान तो सिर्फ अनुभव का भगवान है।
Gud me neem ka anubhav ho sakte hai kya bhai
Tum To yogi Ji Se sahmat Ho Gaye na Kyunki dukaan Tumhara chal raha hai na jitne bhi Brahman Samaj yogi Ji ke Baton Se Sab sahmat hai
Nahi Abe unki baat dheyan se sun pahle thik hai wah bhagwan ko janne ki baat kar rahe hai manne ki nahi tum bhi Jano bhagwan kaun hai kaisa roop hai kya hai kya nahi@@mdalirahi67
Bhagwaan ka anubhav kis sources se hoga.... bta bhai
Yogi ji just nailed the debate
Yogi explained everything with logic and reason
भगवान के सब रूप है निराकार भी आकर भी ज्योति स्वरुप भी, कड़ कड़ मे भी वो है सबके अंदर भी वो है सब वो ही है उसके सिबा कुछ भी नहीं है जिसकी जैसी श्रद्धा है वैसा भगवान को मान लो उसी से बेडा पार हो जायेगा.. जय श्री राम
Sambhav sambhav hota hai asambhav sambhav nahi hota.
Samjhe kuch
Jiska akaar nahi ho sakta use hi to nirakaar kehte hai bhai
Uska aakar ho gya to nirakar nahi ho sakta
Nirakar ka definition...
आर्य समाज 🎉🎉❤❤
Guruji ko mera pranam🙏
Yogiji apani man ki baat kah rahe he
Guruji ka saval ka javab to dehi nahi rahe
बहुत सुन्दर चर्चा। योगी जी
परंपराओं की तुलना में विवेक महत्व दे मैं योगी जी की बात से सहमत हूँ
Bedamejohebopuranmebhihe.ushukhetehegyan.bedapuranakujoalakmanatahe.boagyanhe
मैं भी योगी जी के तर्क से सहमत हूं।
जयश्री कृष्ण।।
agar parampara ki tulna main vivek ko priorty de to jese ki hum sab jante hai shruti ke parmpara hai hai to kya shruti parampara ko bekar samje
परंपरा को छोड़ देगे तो विवेक कहां से पाएंगे।
@@sonusona2488 bikul nahi
हर परंपरा खराब हो ऐसा जरूरी थोड़ी ना है
आर्य समाज के गुरु जी सही कह रहे हैं क्या ईश्वर ने वेद में कहा है कि हम राम कृष्ण और शंकर भगवान के आए थे धरती
Yogi vishal 👌👌🙏🙏🌹🌹❤️❤️
आपने बिल्कुल सही कहाँ है गुरु जी ने 🙏🕉️
आर्य समाज सही है महर्षी दयानन्द सरस्वती जी की जीतनी भी भाष्य है वे सब प्रमाण के साथ है और पुराण की जीतनी भी दिखाबटी भक्ती है ऊसके हिसाब से आज के दौर मे नपुसंकता से लोग लड़ते है ईश्वर निराकार स्वरूप है जिनको कोई बांध नही सकता खिला नही सकता काट नही सकता ईश्वर तो अनंत है और जैसे आकाश को कोई बांध नही सकता काट नही सकता ऊसका कुछ भी बिगाड नही सकता फिर भी बो दयावान है न्याय बड़ाबड़ करता है वेद को ही सब को स्वीकार करना चाहिए क्योकी भगवान श्री राम योगेश्वर श्री कृष्ण राजा दशरथ राजा जनक सभी निराकार भगवान को ही मानते थे और यज्ञ ही करते थे किसी मुरती को नही पुजते थे और निराकार ओऊम हि सत्य सनातन धर्म है
Excellent !
नमन 🙏
एकोः सत्यम् विप्राः बहुधा वदंति
बिल्कुल सही है
आपका ज्ञान सही है या नहीं है...मगर केवल आपके लिए ;हमारे लिए कुछ कामका नहीं.
लाजपत जी की बातें सटीक और न्यायसंगत प्रतीत होती हैं ।।
Great discussion.
We want vedant discussion.
✅
1:44:20 Interesting & logical Answer by Yogiji
आप दोनो को प्रणाम 🙏
योगी जी कोई एक प्रमाण नहीं दिया
अपडेट की वजह से ही तो आप चैनल में बैठे हैं।
ईश्वर अवतार नहीं ले सकता क्योंकि वह सर्वशक्तिमान है और बिना अवतार लिए ही बिना सहायता के अपने सारे कार्यों को कर सकता है
ईश्वर कभी आवतरित नहीं होता जब इंसानी समताये और उसके आयाम ऊपर जाने लगते है तो व्यक्ति उसे भगवान मानने लगता है
अनेक अवैज्ञानिक गपोड़ गाथाओं से सटीक और कम शब्दों में बुजुर्ग गुरु जी के कथन तार्किक है।
Guruji to nastik hai . Kya anubhab hai . Kuch nahin
Agar jankari Lena hai to adhyatmik Iswariya Viswavidyala ko khoj kijiye
Guruji ki naim par pura murkh hai
Bhagwan ka parichay koi shashtra de nahi Sakta hai parantu woh aakar khud deta hai . Isliye unhen Khuda kahagaya hai.
अगर मै कहूं की केवल निराकार है तो क्या उसमे साकार होने की शक्ति नही होगी,😊अगर शक्ति नही है तो वह पूर्ण नही है और पूर्ण नही तो ईश्वर कैसे।
साकार् रूप मे वह सृस्टि बना रहा है व्हाला रहा है और यादी वह साकार होगा तो वह कहा रहेगा जब वह सबसे बड़ा है
@@shivamachitra mai jyada nahi janta but Mai ved aur awtar Wale bat ko bhi Manta hu lekin aap bol rahe ho wo sakar hoga to kaha rahega Bhai eshwar to kuchh bhi kar sakte hai na fir unke liye kuchh impossible nahi hai ham sab log apne dimag samjh ke according jo samjh aata hai bolte hai baki bhagwan hi param gyani hai to please Bina kisi chij par purtya Gyan arjit kiye bina kisi ek paksh ko galat na bolo
Ishwar hi purna hay. Jo AUM ke baat kar rahe hay ye log wo asliyat mein ky hay? A= Akaar (utpadan karna ya nirman karna), U= Ukaar (sanchalan karna ya dekh bhal karna. Usko chalana) aur M=Maar dena ya khatam kar dena. Isi tarha English mein wahi shabd hay GOD. G=Generate (utpadan karna) O=Operate karna (sanchalan karna) aur D=destroy (destruct karna). Islam mein ise koi shabd nahi diya gaya jo ki AUM aur GOD ke matlab nikalte hay. Isi liye har ek Sanatan mantra se pahle AUM bolte hay taaki sab kuch bhagwan se jod dete hay. Tabhi mantra ki safalta prapt hoti hay. Jo ye dono baat kiye hay sabhi baaton ke matlab sahi nahi hay. Kuch kuch sahi hay magar sabhi cheez ye log samjha nahi pa rahe hay. Ahankar ho kkar koi baat nahi kiya jata.
Kya ishwar rape hone se rok sakta hai zurm hone se bhi rok sakta hai kintu rokta nahi kya usme samarth nahi usme samarth hai thik usi parkar ishwar ko avatar lene ki kya avashkta nahi
@@parveenarya3855 bhai jao thoda padho Gyan arjit karo kisi chij ka example kahi bhi nahi Diya ja sakta hai bhai mummy ko papa se compare nahi Kiya jata hai bhai both have different work so koi bhi example kahi bhi mat chep Diya Karo 👍
युगी जी अगर अपडेट चाहिए तो वेद पुराणों को शुद्ध साधारण भाषा में अनुवाद कीजिए शुद्ध शुद्ध तो सभी को आ जाएगा जान लेगा और अपना जीवन में प्रयोग कर सकते हैं।
हवा जब चलती हे तो उसे महसूस कर सकते है लेकिन देख नही सकते किसी आकर में या दूसरे किसी भी तरह तो इस का मतलब ये थोड़ी हुआ की हवा का अस्तित्व नहीं है, अगर कोई कहता है हवा का अस्तित्व नहीं है तो फिर वह महसूस क्यों होती है। बस इसी तरह भगवान का असित्व है जो दिखता नहीं है लेकिन उसे हम हर जगह महसूस कर सकते है शक्ति स्त्रोत से ।
श्री लाजपत राय अग्रवाल जी देश के प्रतिष्ठित अमर प्रकाशन के संस्थापक है। ये अमर स्वामी के शिष्य है। गुरुकुल कांगड़ी के स्नातक है। हजारों पुस्तको के संपादक है। बहुत योग्य पुरुष है।इसीलिए वे टू द प्वाइंट उत्तर दे रहे है। योगी जी आपके सारे प्रश्न का उत्तर बहुत आसानी से मिल सकता है।प्रश्न का उत्तर नही दे रहे योगी जी
लाजपत राय जी के वर्णन किसी विद्वान के अनुसार तो नहीं लग रहे हैं....
Jaye Shree Hari Vishnu🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
100% सत्य वचन
Very Good yogi ji
योगी जी the best
दुख का कारण क्या है आत्मा शरीर को धारण करता है शरीर के दुख सुख का अनुभव करता है परमात्मा शरीर को धारण नहीं करता इसलिए दुख सुख से पड़े हैं इसलिए परमानंद के आसन पर प्रतिष्ठित है आत्मा और परमात्मा में इतना ही अंतर है परमात्मा सर्वव्यापी है मगर आत्मा सर्वव्यापी नहीं है दोनों दो पदार्थ हैं अतः जीव और परमात्मा का संबंध एक प्रजापत पुत्र के समान है अतः अलख निरंजन है
दुःख का कारण सुख है क्योंकि दुःख और सुख पृथक नहीं है जब सुख होता है तभी तो दुःख होता है
Bahut achcha discussion tha aisi charcha aaj tak kahin nhi dekhi
Aati sunder Jai Ho Maharaj ji 👍💯🙋
Jai shree krishna ji 🙏🙏
मैं योगी जी से सहमत हूं प्रणाम 🙏
गुरु जी केवल शाब्दिक अर्थ जो पुस्तक में छपा है उसे ही धार्मिक आधार समझते हैं जबकि योगी जी शब्द के अर्थ को विस्तार देते हुए व्याख्यायित कर रहे हैं । योगी जी अपडेट कर देते हैं । शास्त्रार्थ होना चाहिए । ईश्वर का अवतार चरित्रवान और पवित्र आत्माओं के तप के परिणाम स्वरूप होता है , जो केवल भारत में ही हो सकता है ।
मैं वेदों को पुराणों को उपनिषदो को व महाकाव्यो व ग्रंथों को सभी को मानता हूं।
सतय कभी भी बदलता नही केवल झूठ ही अपडेट होता है. सभी मनुष्य कृत वस्तुएं संशोधन मांगती हैं. ईश्वरकृत कोई वस्तु संशोधित नहीं होती. आप उनको बिगाड अवश्य सकते हैं 🙏🕉️
Bhagwaan crime bhi kar sakta hai, to iska matlab ki crime bhi karne lagega😂. Andhvishvaas ko hatao, ved ishwar ke mamtro ko jano. Om 🕉
जो अपडेट होता है वह सत्य नहीं हो सकता है। जो अपडेट होता है वह ना सार्वकालिक है,ना सार्वभौमिक है,और ना नित्य है,ना अनादि है,ना अनन्त है।
दोनों एक ही बात कह रहे हैं पर फर्क विचारधारा धारणाओं का है।
A good song.. जिस अंधे ने परभू देखे नही,वो रूप बताना कया जाने....
हर हरररररर महादेव जी ❤️