कबीर साहेब जी से टकराए गोरखनाथ। कबीर साहेब की लीला। Kabir Saheb Ji Se Takaraye Gorakhnath।
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 22 มี.ค. 2024
- कबीर साहेब जी से टकराए गोरखनाथ। कबीर साहेब की लीला। Kabir Saheb Ji Se Takaraye Gorakhnath।
ब्यौरा:-दर्शको नमस्कार, आज हम सब इस वीडियो में जानेंगे की कबीर साहेब जी और गोरखनाथ जी के बीच हुआ मुकाबले का परिणाम। तो इस वीडियो को अंत तक जरूर देखे।
एक बार की बात है,गोरखनाथ जी ने अपने सिद्धि बल के कारण, सभी साधु संतों से अपने आप को श्रेष्ठ समझने लगे। और साधु संतों के पास जाकर अपनी सीधी दिखलाकर अपने आप को विजय घोसित कर लेते थे। और साधु संतों को अपना शिष्य बना दिया करते थे।ऐसे करते हुए गोरखनाथ जी काशी पहुँचे।काशी में पहुँच कर स्वामी रामानंद जी को अपनी सिद्धि के सामने आकर अपनी भक्ति को श्रेष्ठ पर्माणित करने की चुनौती दी।इस पर रामानंद जी चिंतित थे। क्योंकि गौरखनाथ जी की सिद्धि तथा चमत्कार के सामने कोई नहीं टिक पाता था। वही आम जनता सिद्धि को ही ज्यादा महत्व देती थी। रामानंद जी भीन मुकाबले से भयभीत थे। क्योंकि अगर रामानंद जी इस प्रतियोगिता में हार जाते हैं तो। उन्हें गौरखनाथ जी का शिष्य भी बनना पड़ेगा। हारने वाले को जीतने वाले का शिष्य बनना इस प्रतियोगिता की मुख्य शर्त थी। कबीर साहिब अपने गुरुदेव के दर्शन के लिए रामानंद जी की कुटिया पर आए। कबीर साहिब ने एक शिष्य की तरह गुरुदेव को प्रणाम किया। कुछ देर बाद कबीर साहिब ने पूछा क्या बात है गुरुदेव आप बड़े ही चिंतित लग रहे हैं। रामानंद जी ने कबीर साहिब को अपनी समस्या बताई।और कहा कि अब आप ही कोई समाधान करो। गोरखनाथ जी को सिद्धि में हराना मेरे लिए नामुमकिन है। और अगर मैं हार गया तो मुझे उनका शिष्य भी बनना पड़ेगा। कबीर साहिब ने कहा कि कोई बात नहीं गुरुदेव, हम जरूर यह मुकाबला करेंगे। कहने को तो यह ज्ञान चर्चा थी,परंतु गोरखनाथ जी के अंदर या एक मुकाबला थी।क्योकि उनको पता था की मेरी बराबरी कोई नहीं कर सकता हैं।इसलिए वह अपना एक सीधी दिखाने लग जाते थे।और सिद्धि को देखकर जनता गोरखनाथ को विजयी मान लिया करती थी। कबीर साहिब जी ने रामानंद स्वामी जी को निश्चिंत किया।क्योकि रामानंद जी को पता है की, कबीर जी कुछ भी कर सकते हैं। और अगर कबीर जी ही मेरे साथ चर्चा में चले गए तो मुझे कोई चिंता नहीं है। रामानंद जी खुश हुए और चर्चा के लिए राजी हो गए। अगले दिन नगर के कई लोगों के बीच गौरखनाथ जी और रामानंद जी का आसन लगा दिया गया। कबीर साहिब भी रामानंद जी के पास ही नीचे ही बैठ गए। आगे की कहानी वीडियो में देखें।
sant rampal ji
sant rampal ji maharaj
gorakhnath
गोरखनाथ की कथा
kabir saheb
sant rampal ji maharaj satsang
satlok ashram
rampal ji maharaj
gorakhnath aur kabir saheb ki goshti
sant rampal ji satsang
#viral_video
#वायरल
#motivation
#कबीर #ट्रेंडिंग
#सनातन
#कहानी
#aastha
#गोरखनाथ
Saheb ko bandagi saheb
संत गुरु। जी।का। अनमोल वचन
❤ sat sahib ji ❤❤❤
Jay ho Prabhu Sat Saheb Sat Ram Pal Ji Bhagwan Bandi Chhod Pram Pita Paramatma Sat Purush Kabir Bhagwan Sachidanand Ghan Vrahma Shashidhar Hari AAdi Vrahma Pram Akshar Purush Satlok Bhagwan Aatma Pita Ke Charano me Sada Pranam Ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷💮💮💮💮 Satlok Pradan Karna He Ishwar Daya Karna He Data .
Jai jai jai
जय सद्गुरू देवजी की।
❤❤❤❤❤🙏🏻🙏🏻
सत साहेब ji
🙏🙏🙏
Jabardast
Baba gorakhnath kis kaal lhand ke the r sant kabir kis samay ke pehle ye pata kr lo.
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ye sab jhooth baba rampal ki story hai
You are right 👍👍