म.प्र. / छ.ग. सरकार के कर्मचारियों के लिए सेवा की सामान्य शर्तें, 1961

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  • เผยแพร่เมื่อ 23 ก.ย. 2024
  • सेवा की सामान्य शर्तें
    "सामान्य शर्तें" का अर्थ है, आदेश की शर्तों के तहत सरकार और कर्मचारी के बीच अधिकारों और दायित्वों को लागू करना।
    राज्य की सिविल सेवा निम्नानुसार वर्गीकृत होगी: -
    राज्य सिविल सेवा, श्रेणी ‘प्रथम';
    राज्य सिविल सेवा, श्रेणी ‘द्वितीय';
    राज्य सिविल सेवा, श्रेणी ‘तृतीय';
    राज्य सिविल सेवा, श्रेणी ‘चतुर्थ';
    Eligibility for appointment
    भारत का नागरिक; या
    सिक्किम की प्रजा; या
    भारतीय मूल का एक व्यक्ति जो पाकिस्तान से भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से पलायन कर चुका है; या
    नेपाल की या भारत में स्थित किसी पुर्तगाली या फ्रांसीसी क्षेत्र की प्रजा ।
    Disqualification
    पुरुष उम्मीदवार - 01 से अधिक पत्नी नही होना चाहिए ।
    महिला उम्मीदवार - ऐसे व्यक्ति से शादी न की हो जिसकी पहले से पत्नी हो ।
    मानसिक और शारीरिक रूप से फिट होना चाहिए - मेडिकल अथॉरिटी से सर्टिफिकेट।
    यदि कोई जांच कहती है कि उम्मीदवार सेवा या पद के लिए किसी भी संबंध में उपयुक्त नहीं है।
    यदि किसी उम्मीदवार को महिलाओं के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराया गया हो।
    विवाह के लिए निर्धारित आयु के पूर्व विवाह कर लिया हो ।
    जिसकी 02 से अधिक जीवित संतान हों और जिनमें से 01 का जन्म 26 जनवरी 2001 या उसके पश्चात हुआ हो ।
    Methods of recruitment
    सीधी भर्ती;
    पदोन्नति;
    किसी अन्य सेवा या पद पर पहले से नियोजित किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के स्थानांतरण
    FR 10 -18: शासकीय सेवक के लिए सेवा की सामान्य शर्तें विहित की गई हैं ।

ความคิดเห็น • 8

  • @guneshwartiwari4344
    @guneshwartiwari4344 5 หลายเดือนก่อน +1

    Uttam atiuttam sarvottam sarksriksrmvhsrihetu जीवनोपयोगी अनुकरणीय सराहनीय नियम shartejarkisiko इसकी जानकारी होनी चाहिए l sadar aabhar

  • @newmovieclip5394
    @newmovieclip5394 2 ปีที่แล้ว

    Nice information

  • @aniruddhashrivastava3795
    @aniruddhashrivastava3795 ปีที่แล้ว

    *महिला कर्मचारियों को 730 दिन का चाइल्ड केयर लीव लेने का अधिकार:- उच्चतम न्यायालय*
    उच्चतम न्यायालय ने अपने महत्त्वपूर्ण फैसले में कहा कि केन्द्रीय महिला कर्मचारी को 730 दिन का चाइल्ड केयर लीव लेने का अधिकार है और वे चाहे तो एक ही बार में पूरे 730 दिन कि छुट्टी ले सकती है।
    *प्रकरण के तथ्य:-*
    अंडमान निकोबार प्रशासन के अंतर्गत कार्यरत थी जिन्होंने अपने पुत्र के दसवीं व बारवी की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए 730 दिनों के मातृत्व अवकाश की अर्जी दी जिसे शासन ने बिना कोई कारण बताए अस्वीकृत कर दिया।
    *उच्चतम न्यायालय का निर्णय:-*
    1) कर्मचारी की अवकाश की अर्जी बिना कारण बताए अस्वीकृत नही की जा सकती।
    2) महिला कर्मचारी के पास ये अधिकार है कि वे 730 दिनों का मातृत्व अवकाश ले सके।
    *इस निर्णय का क्या प्रभाव होगा*
    1) कर्मचारी की अवकाश अस्वीकृत करने का कारण बताना होगा।
    2) महिला कर्मचारी अब एक बार में ही पूरी मातृत्व अवकाश का लाभ ले पाएंगी।
    *_KAKALI GHOSH v. CHIEF SECRETARY, ANDAMAN & NICOBAR ADMINISTRATION AND ORS. ((2014) 14 S.C.R. 334 )_*
    _हमारा उद्देश्य आप सबकी नित दिनचर्या में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान ढूंढना हैं और सभी तक विधि के प्रावधानों की व न्यायालय के निर्णयो की जानकारी सुगम हिंदी में देना है।_
    _इसके अतिरिक्त यदि आपको किसी भी विधिक मसले पर राय चहिए हो तो आप मुझसे नीचे दिए हुए नंबर पे अथवा व्हाट्सएप में मैसेज कर सुझाव ले सकते है।_
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  • @ashutoshpatre4193
    @ashutoshpatre4193 ปีที่แล้ว

    सर इसका मूल नियमावली पीडीएफ उपलब्ध करवाइए

  • @jordanfrancis6186
    @jordanfrancis6186 2 ปีที่แล้ว

    सर अनुकंपा नियुक्ति पर कोई वीडियो है क्या ?

  • @akshatsharma6962
    @akshatsharma6962 2 ปีที่แล้ว

    Education department me probation me peon se promotion k liye koi niyam h kya sir

  • @dineshkumarnande1330
    @dineshkumarnande1330 2 ปีที่แล้ว

    Sir koi karmchari 2005 ke baad niyukt huaa ho aur uske 3 child ho to kya rule hai

  • @jitendrasamadhiya7827
    @jitendrasamadhiya7827 2 ปีที่แล้ว

    Color blind ke kya niyam he teaching ke liye?