चिड़िया माँ का प्यार | Panchtantra Kahaniya hindi BBC kahani
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- เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
- चिड़िया माँ का प्यार | Panchtantra Kahaniya hindi BBC kahani
एक जंगल में एक चिड़िया अपने छोटे से घौंसले में रहती थी। उसके घौंसले में उसके दो छोटे छोटे बच्चे थे जो अभी उड़ना नहीं जानते थे।चिड़िया सुबह उनके जगने से पहले ही खाने की तलाश में निकल जाती थी। जब तक उसके बच्चे उठते वह दाना लेकर आ जाती और उनका पेट भर देती थी।चिड़िया अपने बच्चों से बहुत प्यार करती थी। धीरे धीरे बच्चे बड़े होने लगे।एक दिन चिड़िया ने अपने बच्चों को उड़ना सिखाया अगले दिन उसने अपने एक बच्चे को धीरे से उड़ाया फिर दूसरे को उड़ाया दोंनो धीरे धीरे उड़ना सीख गये।अब चिड़िया दोंनो बच्चों को अपने साथ लेकर जाती और जंगल से तीनों दाना लेकर अपने घौंसले में आ जाते थे।इसी तरह समय बीत रहा था। कुछ सालों के बाद चिड़िया कमजोर होने लगी। अब वह अपने घौंसले में आराम करती और उसके दोंनो बच्चे उसके लिये दाना लाते और उसे खिलाते थे।कुछ दिन बाद उसके बच्चों ने सोचा कि हमारी मां तो अब किसी काम की नहीं है। हम क्यों मेहनत करके उसे खाना खिलाते रहें।
एक दिन दोंनो बच्चों ने अपनी मां को खाना लाने से मना कर दिया। बूढ़ी चिड़िया ने दोंनो बच्चों को बहुत समझाया लेकिन वे नहीं माने। अगले दिन दोंनो बच्चों ने अपना अलग घौसला बना लिया।अब चिड़िया पूरे दिन अपने बच्चों का इंतजार करती रहती है। लेकिन दोंनो बच्चे वापस नहीं आते। अपने कमजोर शरीर के साथ चिड़िया उड़ कर बच्चों को ढूंढने जाती है। वहां जाकर देखती है कि बच्चों ने नया घौंसला बना लिया।
अपनी मां को देख कर दोंनो बच्चे गुस्सा हो जाते हैं और उसे भगा देते हैं। चिड़िया रोते हुए वापस आ जाती है। अपने घौंसले में बैठ कर बीते दिनों को याद करने लगती है।
चिड़िया में इतनी शक्ति नहीं थी, कि वह उड़ कर दाना ले आये। इसलिये वह बैठ कर अपने मरने का इंतजार करने लगती है। वैसे भी उसकी जीने की इच्छा खत्म हो जाती है।
दो दिन तक भूखे रहने से उसे बहुत कमजोरी हो जाती है। एक दिन चिड़िया के दोंनो बच्चे दूर खेत के पास दाना चुग रहे था
/ @bbckahani
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