Maulana Sageer Ahmad Jokhanpuri || Ye Bayan Sunke Qawwali Rukgayi || Ye Taqreer Sunke Huwe Hairaan

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 1 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น •

  • @qarinurulhasangondvi.624
    @qarinurulhasangondvi.624 3 ปีที่แล้ว +1

    ماشاءاللہ🍎🥕

  • @sayeedfarooksayyed6933
    @sayeedfarooksayyed6933 ปีที่แล้ว

    ماشاءاللہ

  • @faizanraza596
    @faizanraza596 3 ปีที่แล้ว +1

    ماشاءاللہ،،، في أمان الله،

  • @hilalahmadmir2707
    @hilalahmadmir2707 4 ปีที่แล้ว +1

    Alama sageer sab ko Allah pak salamat rakha

  • @Rdxkhan786
    @Rdxkhan786 3 ปีที่แล้ว

    Suban allah

  • @husainbolt2.055
    @husainbolt2.055 2 ปีที่แล้ว

    Subhanallah

  • @qarinurulhasangondvi9696
    @qarinurulhasangondvi9696 4 ปีที่แล้ว +2

    ماشاء اللہ

    • @QadriOfficial332
      @QadriOfficial332 3 ปีที่แล้ว

      th-cam.com/video/XNGA1Dc7K5U/w-d-xo.html

  • @nishaabdoelrahman470
    @nishaabdoelrahman470 3 ปีที่แล้ว

    SUBHAN 🌺🌹💦 Allah 💖 SUBHAN 🌺🌹💦 Allah 💖💖💖 SUBHAN 🌺🌹💦💦 SUBHAN ALLAH 🌹🌹😥😥 labaik Jarusullah 🙏💚🌹🌹🌹😥🤲💚

  • @mdcomment2437
    @mdcomment2437 4 ปีที่แล้ว +1

    کیا بتے ماشااللہ اللہ م مولانا مفتی شغیر احمد جوکھن پیر اللہ تعالی اونکو عمر برکت اطفرمے اہلسنت بلجمعت ختیب مایر عیلموفن اونکو سدکامے تمام مسلمانوں کو افی یط اطفرمے امیں

  • @aminrazvi602
    @aminrazvi602 4 ปีที่แล้ว

    Bahot zabardast bayan

  • @drmohdahmad8khan342
    @drmohdahmad8khan342 4 ปีที่แล้ว

    Mashallah mere peero Murshid 🥰

  • @mdsharukh6316
    @mdsharukh6316 4 ปีที่แล้ว +1

    Ma sha Allah

  • @mohammadataullah8700
    @mohammadataullah8700 4 ปีที่แล้ว +1

    Zabardast

  • @dr.babukhan4730
    @dr.babukhan4730 2 ปีที่แล้ว

    एक ग़ैर मुस्लिम की पूरी मुस्लिम क़ौम को नसीहत
    किस लिए कहते हो मुझको बुतपरस्त सोचा कभी … फर्क बाहम हम में क्या है गौर फरमाया कभी
    बुतपरस्त कहते हो हम को कहते हो मुश्रिक हमें… कब्र पर राज्दै करो क्यों ना कहूं मुश्रिक तुम्हें
    एक ही प्रभू की पूजा हम अगर करते नहीं… एक ही दर पर हमेशा तुम भी सर धरते नहीं
    अपनी पूजा की जगह देवी का गर स्थान है…सज्दे करने को तुम्हारे पूरा कब्रिस्तान है
    ताकों पर ये हार क्यों हैं किस लिए है ये चिराग…रोशनी मे शिर्क का तुम को नहीं मिलता सुराग
    दंडवत बुत को करें तो मुश्रिक ओ काफिर हैं हम..तुम करो कब्रों पै सज्दा बेधड़क बेफिक्र औ ग़म
    जितने कंकर उतने शंकर बात ये मशहूर है…जितनी कब्रें उतने सज्दे ये भी तो दस्तूर है
    हमने देवी देवता को माना है गर इखत्यार…कब्र के मुर्दों का तुम भी मानते हो इकतदार
    वक्त मुश्किल हम सभी के नारे हैं बजरंग बली…तुम्हारे नारे हैं या गौस -ए - आज़म या अली
    लेता है अवतार प्रभू जिस तरह हर देश में…मानते हो तुम खुदा है मुस्तफा के भेष में
    मंदिरों में हम बजाते हैं जो घंटे घंटिया…बजती हैं किस वास्ते कृव्वालियों में तालियां
    हम भजन करते हैं गा कर और लगाकर ठुमरियां…छोड़ कर कुरआन झुमों तुम सुनो कव्वालियां
    हम चढ़ाते हैं बुतों पर दूध और पानी की धार…तुम चढाओ मुर्ग , बकरे और चादर जर निगार
    बूत की पूजा हम करें हम को मिले नारे जहीम…तुम जो पूजों कब्र को तुमको मिले हूर ओ नईम
    तुम भी मुश्रिक हम भी मुश्रिक बात बिल्कुल साफ हैं…फिर ठिकाने क्यों अलग हों ? कैसा ये इन्साफ है ?
    हम भी क्यों जन्नत ना जाएं तुम अगर हो जन्नती…वरना फिर dozakh में होंगे दोनों भाई साथ ही
    गर नहीं मंजूर दोज़ख शिर्क से तौबा करो
    इक खुदा से लौ लगाओ उस का हर दम नाम लो *

  • @MohdMudassir-wm9xu
    @MohdMudassir-wm9xu 2 ปีที่แล้ว

    Ms

  • @hilalahmadmir2707
    @hilalahmadmir2707 4 ปีที่แล้ว

    Ulma ahlysunat zenda bad