जय श्री कृपानाथ जी इस अलौकिक वचनामृत में पूज्य सद्गुरूदेव द्वारा अति उपयोगी सूत्र प्रदान किए। शरीर की रक्षा को विशेष महत्व दिया--क्योंकि इसके माध्यम से ही हम भक्ति व अध्यात्म सिद्ध कर सकते हैं। सादर चरण स्पर्श गुरूदेव 💐🙏💐🙏💐 #Rushivarji #ShriVallabhSiddhant
🎉जय जय सदगुरुदेव हरे,🎉 कथा में भीड़ की नहीं भाव की आवश्यकता होती है, हमारे प्रभुजी के आशीर्वचन इतने पवित्र ओर शुद्ध होते है वह श्रवण करके जीवन पवित्र हो जाता है,, ऐसे महान आचार्य , ब्रह्मऋषि,श्री ऋषिवर सदगुरु भगवान जी के चरणारविन्द में कोटि कोटि प्रणाम,वंदन,नमन🎉Rushuvar ji
प्रभु की माया सारे संसार को मोह, भ्रम और भय में डालती है, फिर भी भक्ति का आश्रय लेने से, प्रभु की शरण में जाने से माया का आवरण हट जाता है और प्रभु की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। 🙏🌷 #Rushivarji
परमात्मा श्रीकृष्ण साक्षात् परात्पर ब्रह्म हैं। सत्, चित् आनन्द हैं। जगदीश कारण है जीव कार्य है जीव जगत और जगदीश ये त्रिकोणीय हैं जीव जगदीश की तरफ न मुड़कर जगत के तरफ मुड़ जाता है जबकि जीवको जगदीश के सम्मुख होना चाहिए।
कृपानाथ प्रणत जय श्रीकृष्ण🙏🌹🌺
जय श्री कृपानाथ जी
इस अलौकिक वचनामृत में पूज्य सद्गुरूदेव द्वारा अति उपयोगी सूत्र प्रदान किए।
शरीर की रक्षा को विशेष महत्व दिया--क्योंकि इसके माध्यम से ही हम भक्ति व अध्यात्म सिद्ध कर सकते हैं।
सादर चरण स्पर्श गुरूदेव
💐🙏💐🙏💐
#Rushivarji
#ShriVallabhSiddhant
Jai shree Radhey Krishna Guruji aap apni kirpa ham sabhi par hamasha Banya rakhna koti koti naman guruji 🙏🙏🌹🌹
🎉जय जय सदगुरुदेव हरे,🎉 कथा में भीड़ की नहीं भाव की आवश्यकता होती है, हमारे प्रभुजी के आशीर्वचन इतने पवित्र ओर शुद्ध होते है वह श्रवण करके जीवन पवित्र हो जाता है,, ऐसे महान आचार्य , ब्रह्मऋषि,श्री ऋषिवर सदगुरु भगवान जी के चरणारविन्द में कोटि कोटि प्रणाम,वंदन,नमन🎉Rushuvar ji
Parnam❤❤❤❤❤❤❤❤
Jay ho Krupa nath ji Tamara charno ma koti koti vandan 🙏🌹
Sadguru ji pranaam
प्रभु की माया सारे संसार को मोह, भ्रम और भय में डालती है, फिर भी भक्ति का आश्रय लेने से, प्रभु की शरण में जाने से माया का आवरण हट जाता है और प्रभु की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। 🙏🌷
#Rushivarji
Guru Krupa kevlam
कृपानाथ के चरणारविन्द में सादर प्रणत 🙏🌷
Jay shree krishna🙏🙏🙏. Jay Gurudev
परमात्मा श्रीकृष्ण साक्षात् परात्पर ब्रह्म हैं।
सत्, चित् आनन्द हैं।
जगदीश कारण है जीव कार्य है
जीव जगत और जगदीश ये त्रिकोणीय हैं
जीव जगदीश की तरफ न मुड़कर जगत के तरफ मुड़ जाता है जबकि जीवको जगदीश के सम्मुख होना चाहिए।
Jay shree Krishna sadguru ji
🙏🌺🌹
Sabhi prabhu ke echaa
Radhe-radhe guru ji. Govindaay namah namah
Regidastan ki miti, & sea ka pani dono khara, lekin dono ko milan se duniya ki sabai miti cheez hoti h usko khajur kahte h
Bina kuch pane ki ichcha ke prabhu ki seva karo, tab hi prabhu ki kripa ke patra banoge. 🙏
Jay shree Krishna sadguru ji