किसी न किसी दिन, कहीं न कहीं, सुनाना पड़ेगा, आपके सुरों से, ये दिल ज़रूर बहलाना पड़ेगा। सितारे भी थम जाएं, सुनें जब आपका गाना, रफ़ी के अंदाज़ में, हर दिल को लुभाना पड़ेगा। झरनों की झंकार, और कोयल की तान, आपकी आवाज़ में है वो जादुई बयान। हर सुर में रस, हर लय में मिठास, सुनकर लगे, जैसे बहारों का अहसास। सत्तर की उम्र में भी जज़्बा है जवान, आपके गीतों में दिखता है हिंदुस्तान। "कश्मीर की कली" के इस प्यारे तराने से, हर महफ़िल को रोशन कर जाना पड़ेगा। तो केलकर जी, ये स्वर अमर कर दीजिए, हर दिल में अपना घर कर दीजिए। आपकी गायकी का है ऐसा जलवा, सुनने वालों को बस दीवाना बनाना पड़ेगा।
Excellent performance Kaka🌹🌹👏👏👏👏👌👌👌👌
वाः झकास! ❤
वाह वा काका खूपच सुंदर 👏👏👏
मस्तच काका
छान खूपच छान
किसी न किसी दिन, कहीं न कहीं, सुनाना पड़ेगा,
आपके सुरों से, ये दिल ज़रूर बहलाना पड़ेगा।
सितारे भी थम जाएं, सुनें जब आपका गाना,
रफ़ी के अंदाज़ में, हर दिल को लुभाना पड़ेगा।
झरनों की झंकार, और कोयल की तान,
आपकी आवाज़ में है वो जादुई बयान।
हर सुर में रस, हर लय में मिठास,
सुनकर लगे, जैसे बहारों का अहसास।
सत्तर की उम्र में भी जज़्बा है जवान,
आपके गीतों में दिखता है हिंदुस्तान।
"कश्मीर की कली" के इस प्यारे तराने से,
हर महफ़िल को रोशन कर जाना पड़ेगा।
तो केलकर जी, ये स्वर अमर कर दीजिए,
हर दिल में अपना घर कर दीजिए।
आपकी गायकी का है ऐसा जलवा,
सुनने वालों को बस दीवाना बनाना पड़ेगा।
Uncle aapne bahot hi sunder gaya hai