कृपया अपने शरीर पर थोड़ा गर्म दूध डालें और फिर इस प्रकार का वीडियो डालें you can't say pakahand have you seen them pouring hot milk and fire 🔥 on there body if you would have seen you would have not posted such video
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो भाई पूरा जानकारी पढ़ो 👇 तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा। सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए। उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇 तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा। सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए। उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇 तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा। सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए। उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
तुम तो एक नम्बर चुतिया हो कैसे की जो तुम जो ज्ञान दे रहा है। सबसे पहले र्काबेट हो य चूना इन्हें कभी पानी में भी अगर डालते हैं तो खौलता है बात सही है लेकिन जब वह खौलता है तो उस पानी हो या दुध उसका तापमान के बारे में तूम्हारा बाप बताएगा वह इतना ज्यादा गरम हो जाता है कि उसमें एक उंगली भी डालने में डर लगता हैं। अब आप लोग सोचते होंगे की हमें कैसे पता - जब फल को पकाने के लिए लाता था र्काबेट तब पानी में डालकर चेक किया था । और चूना जब पुताई के पहले बडे़ बडे़ ढिक्के आता था और उसे पानी में घुलने के लिए दिया जाता था तब पानी तापमान। और अब बात करेंगे हम बरफ के बारे में फ्रिज सभी के घर में होगा हम कभी भी कोई घुलनशील पदार्थ अगर बरफ के संदर्भ में रखते हैं तो वह कभी भी उबलता नहीं है वह जमने लगता है। - -बाकी नकली हिंदू के चक्कर में न रहे कभी भी धर्म परिवर्तन कर लेगा बो
@@ravikumarpathak1905 बिल्कुल ज्ञान है उसी से तो पाखंड फैलाते हैं ये पाखंडी😂😂😂 लेकिन पूरा विज्ञान का जान इन्हें है ही नहीं । नहीं तो ये लोग पाखंड फैलाने की जगह साइंटिस्ट और इंजीनियर बने होते न कि पाखंडी 😂😂😂
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇 तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा। सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए। उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है 1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं 2. दूध अपने आप भी खौलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है, बर्फ के ऊपर घड़ा रहता है पुजारी बोलते हैं तो खौलता है बोल देते हैं तो रुक भी जाता है 3. गर्म दूध से नहा लेते हैं 4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है 5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं 6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
@@studyzonewithsr यह नोबल पुरस्कार और सर्टिफिकेट के लिए पूजा नहीं होती है भगवान और आस्था से बड़ा पुरस्कार और सर्टिफिकेट नहीं होता है इन सब का जरूरत नहीं है, यह पूजा अपने भगवान और आस्था के लिए किया जाता है
@@studyzonewithsr बिना जानकारी के किसी के आस्था पर टिप्पणी करना अच्छी बात नहीं है, अगर इस पूजा के बारे में जानना चाहते हो तो इस पुजारी से मिलो 2 4 पूजा में शामिल होकर के देखो क्या सही है क्या गलत है तब कुछ बोलो
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है 1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं 2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है 3. गर्म दूध से नहा लेते हैं 4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है 5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं 6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
सच में मान गया सर जी । दुध उबलते हुए शरीर पर डाल रहे थे तो मेने ये वीडियो बहुत से साथियों को बताई । लेकिन आपने ये बताया कि दूध कैसे उबल रहा है तो यकीन हो गया सर जी आप ग्रेट हो।ग्रेट वर्क जय जोहार ❤❤🎉🎉🎉🎉
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇 तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा। सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए। उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
तुम्हारे तंत्र मंत्र कहां गया था जब तुर्क,अफगान,पर्सियन,मंगोलियन,मुगल,डच,पुर्तगिश,अंग्रेज आए सब डर के गुफा के छिप गए थे क्या,,जब ये टीचर तुम्हारे धर्म की गंदगी साफ कर रहा है तब तुमको खुश होना चाहिए,,,
Aapki mehnat pe hum khush hain sir g kyonki itna satik jankari diye aap.... Sahi me jadu naam ki koi chij hoti hi nhi hai.....sab science ke help se karte hain aur logon ko bewkuf banate Hain..... Thanks sir g 🙏🙏
सर मेरे घर पर एक पाखंडी बाबा आया था उसने राखी में आग लगा दिया था राखी भी मेरे ही घर से लिया था मैं कुछ समझ नहीं पाया , इस पर वीडियो बना दीजिए please sir 😢😢 main wait करूंगा अपने राखी वाले वीडियो का
चलते नहीं है मेरे दोस्त भागते हैं😂😂 और भागने से पहले हमेशा कोयले को हवा देते हैं ताकि राख दूर हटती रहे और भागनेवालों के पैरों में गर्म राख ना चीपके, बिना डरे करके देखो कुछ नहीं होगा। तुम भी कर सकते हो। लेकिन रुक गए या धीरे चले तो पैर जरूर जलेंगे
@@BAGESHWAR_BABA_OFFICIAL0 भाई मैं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का सदस्य हूं, आग पर चलना, कील भरे हुए खड़ाऊ पर खड़े रहना, और नाचना , जलते हुए कपूर खा लेना ऐसे छोटे मोटे बहुत से प्रयोग हमने जनता के सामने किए हैं, लेकिन जनता देखती है तालियां बजाती है बाद में वापस बाबा लोगों के पास ही जाती है। समय लगेगा लेकिन लोग समझेंगे
@@BAGESHWAR_BABA_OFFICIAL0 भाई हम तो अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के लिए काम करते हैं, तो हम जन जागृति के लिए यह सारे काम लोगों के सामने करते रहते हैं, जैसे आग के ऊपर दौड़ना, किलो से भरी हुई खड़ाऊ पर चलना एवं नाचना, जलते हुए कपूर को खा लेना। लोग कार्यक्रम होने के बाद तालियां बजाते हैं निकल जाते, और जागृत बिल्कुल कम होते हैं। हाल ही के 2 महीने पहले की घटना है, एक घटना में सांप के काटने से केवल 20 साल के युवा की मृत्यु हुई, क्यों की हॉस्पिटल की जगह गांव के मंदिर में लड़के को नीम के पत्ते और गुड़ के साथ रात भर छोड़ा गया। अब बताओ ऐसे लोगों को क्या करना चाहिए ।
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है 1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं 2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है 3. गर्म दूध से नहा लेते हैं 4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है 5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं 6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
@@Murli_Manohar_1062 हां यादव है इनको पता नहीं है इस पूजा केे बारे में,. ये पूजा UP बिहार में ही होता है, ये पूजा बहुत पहले जादे होती थी, अब थोड़ी कम हो रहा है, अब ऐसे लोग कम हो रहे जो अपने गाव में पूजा करवा सके, पहले जैसे लोग अब बहुत कम है 😣
Sir Kashi das pooja jo hoti kholte oil m hath daal dete h or kholte dudh se nha lete h uske piche ka science bta dijiye please mai bhut search ki pta nhi chl pa rha
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है 1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं 2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है 3. गर्म दूध से नहा लेते हैं 4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है 5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं 6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
ओ महानुभावों किसी भी धर्म की बात नहीं है ये तो कुछ पाखंडो की चलाकी है कि वह कमाई कर सके । आपलोग कृपया किसी भी जाति-धर्म को ना लावें । बाँकी सर का बात ठीक ही हैं।❤❤❤❤❤❤❤
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है 1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं 2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है 3. गर्म दूध से नहा लेते हैं 4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है 5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं 6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇 तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा। सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए। उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है 1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं 2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है 3. गर्म दूध से नहा लेते हैं 4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है 5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं 6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
❤❤❤❤❤ सच्चाई बताकर लोगों को जागरूक करने के लिए आप को कोटि कोटि नमामि अभिनंदन आभार बधाई। नमो Buddhay Buddhamay BharatVarsh Jai Samvidhan Jai Bhim Jai Kisan Jai Jawan Jai Vigyan जागो जागो ओबीसी एससी एसटी आदिवासी बहुजन मूलनिवासियों एक हो।
पाखंड पर कड़ा प्रहार किए हो गुरु जी जब तक पाखंड खत्म ना हो आप रुकना मत और हा science journey देखना ना भूलें और हो सके तो परमोसन भी कर दें धन्यवाद जय भीम
कोई दिक्कत नहीं भाई साहब, बस बाबा ने जो दूध उबाल है कभी मौका मिले तो एक बार पीके देख लेना और उसका एक वीडियोभी बनाना तो फिर हम इस साइंस वाले को अच्छे से ले लेंगे। और अगर तुम्हारे पेट से एसिटिलीन गैस निकली तो हम तुम्हारी ले लेंगे।😂😂😂😂😂😂 देखेंगे कि तुम्हारे कहां से धुआ निकलता है 😂😂😂😂
Sir🙏. आप बहुत अच्छा तरह से समजाते हो. थँक्स. मय भी. 35 सालसे महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती का कार्यकर्ता हू नाशिक मे 35/40 बाबाओ का, भांडा फोड मैंने संघटना की माध्यमसे किया है. कुछ ऐसेही व्हिडीओ करते रहिये. आप जैसे विज्ञान टीचर ही जागृती ला सकते है. थँक्स सर 👍
Sunny Yadav sir aap Sangharsh karo ham aapke sath Hain aap bahut achcha kam kar rahe hain aane wali generation ko jagruk karna .aap ek teacher nahin balki Guru ke roop mein kam kar raha hai. Andhvishwas hatao Desh bachao.
Aap log apna pyar dete rahiye or aage ki information & knowldge wali videos k liye hamare saath ajao ❤❤❤ means subscribe karlo❤
कृपया अपने शरीर पर थोड़ा गर्म दूध डालें और फिर इस प्रकार का वीडियो डालें you can't say pakahand have you seen them pouring hot milk and fire 🔥 on there body if you would have seen you would have not posted such video
Tu pagal hai
उत्तराखंड, Himachal मे 'लकड़ी का डोला' अपने आप कैसे हिलता (नाचता) है?.
कुछ प्रकाश डालिए सर।
आप सच में देश के सपूत हो!आप पर गर्व है ❤
Ghost sa talk kaise karte hai ye baba
एकदम सही video है रेलते रहिए इन पाखंडियों को हम हमेशा आपके साथ है। हमारे धर्म को खतरा दूसरो से कम और अपनो से ज्यादा है।
Right
बिल्कुल सही कहा इन पाखंडियों की वजह से हिंदू धर्म का सत्यानाश कर रखा है,,
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो भाई पूरा जानकारी पढ़ो 👇
तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा।
सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए।
उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇
तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा।
सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए।
उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇
तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा।
सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए।
उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
दुनिया झुकती है!
झुकाने वाला चाहिये...! 😂😂😂
ज्यांनी सहमत दर्शविले त्यांचे आभारी आहे. 😃
इस देश में जो नौजवान ईश्वरवादी हैं, मेरी नजर में वो नामर्द हैं।
शहीद भगत सिंह
Bilkul sahi
Iswar se itni taklif hai to kalma padho
@AdityaYadav-ve4npइसको कहने की जरूरत नहीं है ये पहले ही नल्ला का बंदा है 😂😂😂
Kalma kya hi@AdityaYadav-ve4np
ईश्वर अल्लाह गॉड सभी एक थाली के चट्टे बट्टे है अंध भक्तों 🎯@AdityaYadav-ve4np
सनी यादव आप का बहुत बहुत धन्यवाद।
जय भीम। जय विज्ञान।
Jai bhim bhai
100% jai bhim ✍️✍️💪
Jai Reservation 🙏
Jai Vigyaan
༶•♛JAI BHEEM💙 BHAI JI... 🙏🏻
तुम तो एक नम्बर चुतिया हो कैसे की जो तुम जो ज्ञान दे रहा है। सबसे पहले र्काबेट हो य चूना इन्हें कभी पानी में भी अगर डालते हैं तो खौलता है बात सही है लेकिन जब वह खौलता है तो उस पानी हो या दुध उसका तापमान के बारे में तूम्हारा बाप बताएगा वह इतना ज्यादा गरम हो जाता है कि उसमें एक उंगली भी डालने में डर लगता हैं।
अब आप लोग सोचते होंगे की हमें कैसे पता - जब फल को पकाने के लिए लाता था र्काबेट तब पानी में डालकर चेक किया था । और चूना जब पुताई के पहले बडे़ बडे़ ढिक्के आता था और उसे पानी में घुलने के लिए दिया जाता था तब पानी तापमान।
और अब बात करेंगे हम बरफ के बारे में फ्रिज सभी के घर में होगा हम कभी भी कोई घुलनशील पदार्थ अगर बरफ के संदर्भ में रखते हैं तो वह कभी भी उबलता नहीं है वह जमने लगता है।
- -बाकी नकली हिंदू के चक्कर में न रहे कभी भी धर्म परिवर्तन कर लेगा बो
बहुत सरहानीय कदम, शुभकामनायें 💐✌
बहुत अच्छा सर ये धर्म नही पाखंड है। जारी रखो सर 🎉🎉🤟🤟
मतलब जिन्हे लोग पाखंडी कह रहे उन्हे विज्ञान के संदर्भ मे जानकारी पहले से पता है,
😊😊
@@ravikumarpathak1905 बिल्कुल ज्ञान है उसी से तो पाखंड फैलाते हैं ये पाखंडी😂😂😂
लेकिन पूरा विज्ञान का जान इन्हें है ही नहीं । नहीं तो ये लोग पाखंड फैलाने की जगह साइंटिस्ट और इंजीनियर बने होते न कि पाखंडी 😂😂😂
@@ATHEIST-Ayp संपूर्ण ज्ञान विज्ञान का यह कल्पना भी सोच के परे है,
😂😂vo sabhi naasa se aaye hain inki tarah se@@ravikumarpathak1905
बहुत दिनों से ऐसे विडियो ढूंढ रहा था! धन्यवाद!
सर आप सोशल मीडिया के सर्वाधिक तार्किक, देशभक्त और संवेदनशील व्यक्तित्व हैं। मैं तो आपका घोर समर्थक हूं क्योंकि आप हमेशा सच्चाई के साथ रहते हैं।
समाज को जागरूक करना हम सब पढ़े लिखे लोगों का धर्म है।
बहुत सुंदर वीडियो sir जी ऐसे पाखंडियो का पर्दाफाश करने जरूरी था आप आगे भी ऐसे ही काम करते रहिए बहुत बहुत धन्यवाद,,
Jai bheem ❤
Sir ko bolo es puja me salim ho fir pata chalega ,
@@Krishnvanahi__1M
Matlab tum bhi ise sach mante ho 😂
@@mkumar1544. तू कभी देखा ही नहीं है इस पूजा में सामील हो कर केे तो देखो, हम कइ बार इस पूजा में हुवे है,
हमे कुछ वीडियोस अपलोड किया देखो जाकर
ऐसी जबाब दिया करो जाय भीम
वाह sir वाह क्या बात हैं
आप ऐसे ही पखण्डो को तोड़ते रहे❤
अंधविश्वास को दूर करने से उन्हीं लोगों का तकलीफ होता है जो इनका फायदा उठाते हैं
अंधविश्वास मुक्त भारत हो
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇
तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा।
सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए।
उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है
1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं
2. दूध अपने आप भी खौलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है, बर्फ के ऊपर घड़ा रहता है पुजारी बोलते हैं तो खौलता है बोल देते हैं तो रुक भी जाता है
3. गर्म दूध से नहा लेते हैं
4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं
6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
@@Krishnvanahi__1M भाई तब तो आपलोग को नोबल पूरस्कार से सम्मानित करना चाहिए ओहि बात होइ कुछ लोग बोलते है गाय मे घी जलने से o2 मिलता है कुछ भी यार
@@studyzonewithsr यह नोबल पुरस्कार और सर्टिफिकेट के लिए पूजा नहीं होती है भगवान और आस्था से बड़ा पुरस्कार और सर्टिफिकेट नहीं होता है इन सब का जरूरत नहीं है, यह पूजा अपने भगवान और आस्था के लिए किया जाता है
@@studyzonewithsr बिना जानकारी के किसी के आस्था पर टिप्पणी करना अच्छी बात नहीं है,
अगर इस पूजा के बारे में जानना चाहते हो तो इस पुजारी से मिलो 2 4 पूजा में शामिल होकर के देखो क्या सही है क्या गलत है तब कुछ बोलो
पाखण्ड को दूर करने वाली सभी वीडियो आपकी देखते है sir आप लगे रहो.. बहुत से ऐसे पाखण्ड है जिनसे लोगों को लूटा जाता है
पाथर पूजे तो हरि मिले,मैं पूजू पहार। घर की चकिया कोई न पुजे जिसका पीसा खाय संसार।। "कबीरदास "
सही उदाहरण।
कांकर पाथर जोरि के मस्जिद लई बनाय, ता चढ़ि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय'
Iska kya relation hai isse😂😂😂😂 chu#tiya bhkt spotted 😂😂😂😂@@officialgurjarmehkma
Masjid bhi pather se hi bantaa hai
I love♥️ this comment
जबरदस्त bro... 👍🏻👍🏻main apke साथ hoo 👍🏻👍🏻
Thank you so much sir
आप इस देश को मानसिक गुलामी से आजादी दिला रहे हैं 🙏🙏🙏
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है
1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं
2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है
3. गर्म दूध से नहा लेते हैं
4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं
6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
धीरेन्द्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा पर वीडियो बनाओ ताकि अन्धभक्ति दूर हो।
😂😅😅
Ha sir please banaya jaye ek video full
Yes sir Dhirendra shastri par ek video banaye sir
👍👍👍👍
Ye nhi banayenge 😂😂😂😂
सच में मान गया सर जी । दुध उबलते हुए शरीर पर डाल रहे थे तो मेने ये वीडियो बहुत से साथियों को बताई । लेकिन आपने ये बताया कि दूध कैसे उबल रहा है तो यकीन हो गया सर जी आप ग्रेट हो।ग्रेट वर्क जय जोहार ❤❤🎉🎉🎉🎉
Aap jaise log india me hone hi chahiye ❤❤❤❤❤❤
नास्तिक इसलिए नहीं हूं कि मुझे धर्म से नफरत है बल्कि, मैं नास्तिक इसलिए हूं कि धर्म को इंसानियत से नफरत है।
- शहीद भगत सिंह
Are Wah wah
Aa gaye reservation wale Nastik.
Ankit kumar dharm kia hai ye to bta😅
हिन्दू धर्म इंसानियत ही सिखाता है, लेकिन पाखंड भी सबसे ज्यादा है धर्म में नहीं धर्म गुरुओं में 😅
@@xyztatu3729 धर्म kia भाई ये तो बता हंसने से क्या होगा
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी इन पाखंडियों की पोल ऐसे ही खोलते रहिए।
अच्छा प्रयास, पढ़े लिखे लोग ऐसा करते रहे। देश का भला होगा
जय विज्ञान जय संबिधान
बहुत अच्छा ❤ very good great work👍
"बच्चे से यह कहना कि ईश्वर ही सर्वशक्तिमान है मनुष्य कुछ भी नहीं है, बच्चे को हमेशा के लिए कमज़ोर बनाना है।"
Tere abba ne tujhe kuch aur hi bola dikhta h....yha comment pr hi pel skta h tu baki tujhse kuch nhi hoga😂😂
Sir
सर मैं एक गड्ढा में आग लगा था उसने चलते हुए देखे हैं
और हाथ से गर्म खीर को निकलते देखे हैं
ये कैसे करता है सर प्लीज इस पर एक विडियो बनाना
Jwalanbindu ke karan...std 8 me aata he
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇
तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा।
सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए।
उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
@@Krishnvanahi__1M*अबे भाई सर भी तो यादव ही हैं।😮😅*
तुम्हारे तंत्र मंत्र कहां गया था जब तुर्क,अफगान,पर्सियन,मंगोलियन,मुगल,डच,पुर्तगिश,अंग्रेज आए सब डर के गुफा के छिप गए थे क्या,,जब ये टीचर तुम्हारे धर्म की गंदगी साफ कर रहा है तब तुमको खुश होना चाहिए,,,
@@Murli_Manohar_1062 अरे भाई यादव तो अखिलेश जी भी है जो मथुरा में कृष्ण मंदिर के खिलाफ है
Mujhe yhi janna tha आज pta chal gya, super 👍👍👍👍👍👍 sir
क्रांतिकारी
JAI BHIM SIR
LALAI YADAV JI PAR BHI बोलिए
JAI HIND
Aapki mehnat pe hum khush hain sir g kyonki itna satik jankari diye aap....
Sahi me jadu naam ki koi chij hoti hi nhi hai.....sab science ke help se karte hain aur logon ko bewkuf banate Hain.....
Thanks sir g 🙏🙏
सर मेरे घर पर एक पाखंडी बाबा आया था उसने राखी में आग लगा दिया था राखी भी मेरे ही घर से लिया था मैं कुछ समझ नहीं पाया , इस पर वीडियो बना दीजिए please sir 😢😢 main wait करूंगा अपने राखी वाले वीडियो का
Us rakh per baba 1 ya 2 chamach water Dale honge usme white phosphorus rahta hai jaise hi oxygen se milege aag lag jati hai 😊😊😊
आपकी राखी पर उसने सोडियम लगा दिया था सोडियम हवा के सम्पर्क में आते ही आग पकड़ लेता है
मास्टरवा तुमको physics का knowledge बा तो तुम अपने ऊपर खौलते दूध डाल कर एक्सपेरिमेंट कर लो l कहा झूठ का बक्चोद करते हो 😂😂
ये देखो एक अन्धभक्त इधर हैं 😆😆😆😆@@BALRAMKUMAR-wu8ke
Uske hath me sodium tha
दहकती आग पर कैसे चलते हैं ये experiment कर बताये
चलते नहीं है मेरे दोस्त भागते हैं😂😂
और भागने से पहले हमेशा कोयले को हवा देते हैं ताकि राख दूर हटती रहे और भागनेवालों के पैरों में गर्म राख ना चीपके,
बिना डरे करके देखो कुछ नहीं होगा। तुम भी कर सकते हो। लेकिन रुक गए या धीरे चले तो पैर जरूर जलेंगे
@@rahul4181mai chal leta hu
भाई तुम ही बिना डरे करके दिखाओ ना करें 😂😂😂😂😂😂
@@BAGESHWAR_BABA_OFFICIAL0
भाई मैं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का सदस्य हूं, आग पर चलना, कील भरे हुए खड़ाऊ पर खड़े रहना, और नाचना , जलते हुए कपूर खा लेना ऐसे छोटे मोटे बहुत से प्रयोग हमने जनता के सामने किए हैं,
लेकिन जनता देखती है तालियां बजाती है बाद में वापस बाबा लोगों के पास ही जाती है।
समय लगेगा लेकिन लोग समझेंगे
@@BAGESHWAR_BABA_OFFICIAL0
भाई हम तो अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के लिए काम करते हैं, तो हम जन जागृति के लिए यह सारे काम लोगों के सामने करते रहते हैं, जैसे आग के ऊपर दौड़ना, किलो से भरी हुई खड़ाऊ पर चलना एवं नाचना, जलते हुए कपूर को खा लेना।
लोग कार्यक्रम होने के बाद तालियां बजाते हैं निकल जाते, और जागृत बिल्कुल कम होते हैं।
हाल ही के 2 महीने पहले की घटना है, एक घटना में सांप के काटने से केवल 20 साल के युवा की मृत्यु हुई, क्यों की हॉस्पिटल की जगह गांव के मंदिर में लड़के को नीम के पत्ते और गुड़ के साथ रात भर छोड़ा गया। अब बताओ ऐसे लोगों को क्या करना चाहिए ।
भाई ऐसे ही इन पाखंडियों की पोल खोलते रहो ताकि देश में जागृति आए
Lage Rahiye Bhaiya hum log apke sath...
Wow ! Sir मजा आ गया।😅😅
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है
1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं
2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है
3. गर्म दूध से नहा लेते हैं
4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं
6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
@@Krishnvanahi__1M*अबे भाई सर भी तो यादव ही हैं।😮😅*
@@Murli_Manohar_1062 हां यादव है इनको पता नहीं है इस पूजा केे बारे में,. ये पूजा UP बिहार में ही होता है, ये पूजा बहुत पहले जादे होती थी, अब थोड़ी कम हो रहा है,
अब ऐसे लोग कम हो रहे जो अपने गाव में पूजा करवा सके, पहले जैसे लोग अब बहुत कम है 😣
itna science me mat ghus jao bhai ki sri krishna ki puja pe sandeh kro.. aag pe bhi garm krte aur nahate bhi hai..
@@Krishnvanahi__1Mमुर्ख yadav लोग भी तो पाखंडी हो सकते है 😂
में भी एक यादव समाज से ही ओर Bsc का छात्र हूं ok bhai
गुरुजी आप विज्ञान की बात करते हैं बहुत ही अच्छी बात है गुरुजी एक बार उसे स्थान पर जरूर जाएं जहां आपको यह पाखंड दिखाई देता हो
लठ खाने है क्या भाई, बाबा के चेले पीछे पड़ जाएंगे।
जिनकी पोल खुलती है वही लोग आपका विरोध करेंगे। आपका काम करते रहिए हम आपके साथ हैं।
हम सभी students को आपको full support है sir एसे ही पाखंडियों को रेलते रहिये. 🙏
बहुत ही सुंदर सर जी आप जैसा सर जी देश को बहुत जरूरत है
आप एकदम बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं इन पाखंडी को सबक सिखाना बहुत जरूरी
Bilkul sahi information hai sir... 🎉🎉🎉❤❤❤
Sir Kashi das pooja jo hoti kholte oil m hath daal dete h or kholte dudh se nha lete h uske piche ka science bta dijiye please mai bhut search ki pta nhi chl pa rha
De eska jawab. Sale sahi puchhe bhai very good 💯💯💯💯💯💯💯
Ok. Jr
अंबेडकर साहब ने यूं ही नहीं कहा था कि शिक्षा वह
शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाड़ेगा
सर जो लोग गर्म खीर से नहा लेते है उस पर एक वीडियो बनाइये मेरे घर वाले बहुत मानते है
कहते है की माता जी सवार हो गयी है plzz
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है
1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं
2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है
3. गर्म दूध से नहा लेते हैं
4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं
6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
अरे भैया यही तो गर्म खीर है इसी को ऊपर डाल लेते है
@@Krishnvanahi__1M अरे भईया हमारे गाँव मे भी होता है मगर गर्म खीर उपर नही डालते मगर ये जो दिखा रहे है ये पूरा पाखंड है
@@AbhishekKumar-cz6ny मैं इसमें कोई प्रखंड नहीं है इस पूजा में कभी शामिल हो करके तो देखो आप,
हमने अभी कुछ वीडियो अपलोड किया है देख सकते हो
Chl jhute😂😂😂@@AbhishekKumar-cz6ny
हम लोगों मे यही दिक्कत है कि सही को गलत मानते हैं और गलत को चमत्कार
आप शिक्षक हैं अपना कर्तव्य है सही गलत में फर्क समझाना❤
सर jha pooja होता है वहा पर आप नहा कर दिखाई ए तब विश्वास करूंगा😊
मतलब तू अंध भक्ति करता ही रहेगा
Right
@@kakudaniel1010 Ha Bhai
जल गई बेचारे की
@@rooplal6738 teri kyo fat rhi hai
Very nice explanation.
🎯👌👍🙏
मेरा भी धर्म सनातन है और मैं भी एक क्षत्रिय हूं सर जी आप इनको ऐसे ही रेलते रहिए हम सब आपके साथ हैं 🙏🏻🙏🏻🥰🤘🏻👍🏻
शिक्षा ही आपकी गरीबों को मिटा सकती है मेरे भाई❤❤
वाह गुरु जी असलियत सामने ला दी ❤❤❤❤
बिल्कुल सर इसी प्रकार खेलते रहिए और वीडियोलाइए
Jabardast video .... Full support for boss... Pakhandiyo k gamache aag de aag... Very nice video
एक दम सही वीडियो बनाते हैं सर ❤❤❤
Ek dam relte rahiye❤❤
दबा के रेलिये गुरु जी पाखंडियों को हम लोग आपके साथ हैं
बिलकुल सही है सर 👍हम तो कहते हैं कि एसे धर्म का नास करने वाले का सारा पोल खोलते रहिये सर हम आपके साथ हे 👌👍🤙🤞✌
Show us more videos like this. Thank u veri Mach, for your real type presentation.
Give us more videos.❤❤❤
ओ महानुभावों किसी भी धर्म की बात नहीं है ये तो कुछ पाखंडो की चलाकी है कि वह कमाई कर सके । आपलोग कृपया किसी भी जाति-धर्म को ना लावें । बाँकी सर का बात ठीक ही हैं।❤❤❤❤❤❤❤
Great Science Sir ji.....❤❤❤
हिंदू धर्म में 75% से अधिक अंधविश्वास और पाखंड भर दिये गए हैं पाखंडियो के द्वारा, जबकि मै भी एक हिंदु हूँ,
Ha yar
१००%
👍
Jab se pandito ne puja path chhoda hai tab se dusare caste ke dhongi saint ban Gaye hai
Great sir sahi btaya apne
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है
1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं
2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है
3. गर्म दूध से नहा लेते हैं
4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं
6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
Great sir g aplog jese teacher ho to India china r america k parallel stand kr paega❤❤❤❤❤
सर ये गर्म दूध से नहाते भी है इस पर भी एक वीडियो डालिए सेम यही बाबा मेरे घर पुजा करते है जिसे बढ़ा कराहा पूजा कहते है 😮😮😮
Ok sir hum aapke sath hai 😂😂😂😂😂😂full support hai sir
Yes hmm aapke saport me
आप पाखंडी का पर्दाफाश करते रहिए हम आपके साथ हमेशा हैं हमेशा रहेंगे कोई रोक नहीं सकता है
भाई कभी उस पूजा को अपने आँख से देखे हो कभी खुद जाके सर्बे करना की हकीकत में क्या होता है है तब बोलना क्या पाखंड और क्या sayins
Sir m ek biology teacher hu...aap jo bhi kar rahe ho...bilkul sahi raste h...
गुरु जी. पंथी आग में बैढते है फिर भी नहीं जलते है... इस पर क्या कहेगे???? पाखंड या चमत्कार??
इस पर विडियो जरुर बनाईये???
Sab ko nhi bol rhi hai bhai 😊😊
Pakhand hai pakhandi baba
Sir ke sath kon kon h Like karo
100%SAHI HAI SIR AAP KI BAAT ❤❤
Par sir ji vo baba log garm dude se nahate bhi hai Bina kisi oil LaHaye hua ye ye kaise karte hai
जब कुछ जानकारी ना हो तो मत बोला करो 👇
तंत्र,मंत्र और वैदिक भक्ति पद्धति का त्योहार यदुवंशियों की काशी दास पूजा।
सावन के पवित्र माह में भारत के पूर्वी अंचल यानी पूर्वी उप्र और बिहार के इलाकों में सनातन के प्रहरी यदुकुल के लोग श्रद्धा और धूमधाम से श्रीकाशी दास पूजन करते हैं। मान्यता है कि श्रीकाशी जी द्वापर के अंत और कलयुग प्रारंभ से पूर्व यदुकुल में अवतरित हुए थे। रिश्ते में ये भगवान श्री कृष्ण के चचेरे भ्राता विद्वान श्रीउद्धव जी के सगे भाई थे। राजा देवभाग के सुपुत्र होने के बावजूद श्री काशी महाराज भागवतिक सतोगुणी चेतना से पूर्ण थे इसलिए जनमानस में काशी दास के नाम से विख्यात हुए।
उद्धव जी ने भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान मार्ग से पूजन किया तो श्री काशी जी ने वात्सल्य भक्ति मार्ग से प्रभु की कृपा प्राप्त की। मान्यता है कि सच्चिदानंद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण ने जब अपने ही अंशी गिरिराज गोवर्धन लीला की थी तब उन्ही के सम्मान और कृपा प्राप्ति के लिए श्री काशी दास ने सभी लोगों विशेषतः अपने कुटुंब के यदुवंशियों को यह वरदान दिया था कि जबतक वे इस पूजन का सावन माह में वैदिक रीति से निर्वाह करते रहेंगे उनका घर और गौधन सुखी और समृद्ध रहेंगे। उसी मान्यता के तहत पूर्वी अंचलों में आबाद यादव वंश के लोगों में आज भी हर सावन माह में श्रद्धा और विधि विधान से इस पूजन का आयोजन होता है। इस पूजन कराने वाले पुजारी जो यादव कुल से ही होते हैं उन्हें पंथी(पथ प्रदर्शित) करने वाला कहा जाता है। साथ ही इस पूजा में यादव कुल के पुरोहित वर्ग यानी कुल ब्राह्मण भी याग यज्ञ विधि पूर्वक करवाते हैं। यह पूजा विशुद्ध वैदिकी पद्धति के तहत की जाती है जिसमे शक्ति उपासना (भगवान महादेव और माता भगवती) के साथ साथ भगवान महाविष्णु उनके अवतार श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। इस पूजा को कराने वाले पंथी सिद्ध होते हैं और ईश्वर कृपा से मंत्र और तंत्र शक्ति से जनमानस कल्याण का कार्य करते हैं।
उसे घडा़ में कुछ नहीं मिलाया जाता है भाई कभी इस पूजा में शामिल हो करके तो देखो यह यादवों का पूजा है पुजारी भी यादव ही रहते हैं, यह पूजा सिर्फ यादव ही करते और करते हैं इस पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा होती है इस पूजा को काशी दास पूजा कहा जाता है
1. बिना माचिस के आकाश से आग मंगा कर जलते हैं
2. दूध अपने आप ही उबलता है घड़े में कुछ नहीं मिल जाता केवल दूध रहता है
3. गर्म दूध से नहा लेते हैं
4.. खोलते गर्म तेल या दूध से 5 वर्ष के बच्चे को लगाते हैं बच्चे को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
5. जलती हुई आग में सर को आग में और पर ऊपर कर लेते हैं
6. जहां पूजा होती है वहां भविष्यवाणी करते हैं उसे क्षेत्र का बारिश कब होगा कैसे होगा नहीं होगा कितना बारिश होगा इत्यादि
@@Krishnvanahi__1Mhag diya be
Sahi baat hai @@Krishnvanahi__1M
तुम्हारा सर्वसक्तिमान ईश्वर, इंसान को उस वक्त क्यों नही रोकता जब वो कोई पाप कर रहा होता है।
- शहीद भगत सिंह
❤❤❤❤❤ सच्चाई बताकर लोगों को जागरूक करने के लिए आप को कोटि कोटि नमामि अभिनंदन आभार बधाई। नमो Buddhay Buddhamay BharatVarsh Jai Samvidhan Jai Bhim Jai Kisan Jai Jawan Jai Vigyan जागो जागो ओबीसी एससी एसटी आदिवासी बहुजन मूलनिवासियों एक हो।
Jo log nahi mante hai ki ya pakhand hai yo log bekuph hai
पाखंड पर कड़ा प्रहार किए हो गुरु जी जब तक पाखंड खत्म ना हो आप रुकना मत और हा science journey देखना ना भूलें और हो सके तो परमोसन भी कर दें धन्यवाद जय भीम
Love you sir nice work 👍👍👍
सनातन धर्म सबसे बड़ा विज्ञान है और हमारे देवी देवता बहुत बड़े वैज्ञानिक थे
बाबा के दूध से धुआं निकल रहा है और आप के दूध से नही निकल रहा है ❤
Nastiko ko smghana muskil hai dhuwa nikal
Nahi nikal Raha hai
कोई दिक्कत नहीं भाई साहब,
बस बाबा ने जो दूध उबाल है कभी मौका मिले तो एक बार पीके देख लेना
और उसका एक वीडियोभी बनाना तो फिर हम इस साइंस वाले को अच्छे से ले लेंगे।
और अगर तुम्हारे पेट से एसिटिलीन गैस निकली तो हम तुम्हारी ले लेंगे।😂😂😂😂😂😂 देखेंगे कि तुम्हारे कहां से धुआ निकलता है 😂😂😂😂
मिल गया एक अंध भक्त 😂😂
Yaar ye paka andbhkt hi hai 😂😂😂😂
Aise hi shikshak ki jarurat hai Aaj Bharat me 🙏♥️
Sir ye kaam sbhi teacher ko Krna chahiye kyuki isi wjah se hmara desh andh vishwason ki trafh ja rha hai
बहुत अच्छा video भाई❤❤
Sir🙏. आप बहुत अच्छा तरह
से समजाते हो. थँक्स. मय भी. 35 सालसे महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती का कार्यकर्ता हू नाशिक मे 35/40 बाबाओ का, भांडा फोड
मैंने संघटना की माध्यमसे किया है. कुछ ऐसेही व्हिडीओ करते रहिये. आप जैसे विज्ञान टीचर ही जागृती ला सकते है. थँक्स सर 👍
बहुत सुंदर, पाखंड का ओप्रेशन कर दिया।
Sir ji bahut achcha hai aap jaise hi teacher chahiye hame❤
Please make more videos on these topics.❤❤❤
Sir sachme mast vedio Yesi vidio bahut dino se ढूंढraha tha science ke upar ❤❤❤❤
Bahut badhiya sir
Aap jaise logo se hi hamare samaj ka pakgandwad aur andhvishwas door ho jayega
Sir bahut jarurat hai aap jaise logon ko desh ke liye
Very very thanks 🙏, सर जी आप मेरे से उम्र में छोटे हैं पर फिर भी आपके ज्ञान को विज्ञान को सलाम करते हैं नमन करते हैं थैंक यू धन्यवाद शुक्रिया
सर आप बहुत अच्छा समझाए मगर हम देखे है उसमे कुछ नही डाला था आप को एक बार आकर देखना चाहिए ❤❤❤❤❤❤❤
Sunny Yadav sir aap Sangharsh karo ham aapke sath Hain aap bahut achcha kam kar rahe hain aane wali generation ko jagruk karna .aap ek teacher nahin balki Guru ke roop mein kam kar raha hai. Andhvishwas hatao Desh bachao.
Thanks sir 🇮🇳🇮🇳🇮🇳अच्छाई आप देखेंगे नमस्ते ❤❤❤❤
Bahot badhiya sir❤
Ekdum sahi kar rhe aap....❤
Aur expose kariye aise pakhandiyon ko
Desh ke asli superhero aap ho sir aap hain to iss desh me ab andhvishvaas nahi tikega
Right information bro 👍
Keep it up sir...❤
Sir aap bahut accha padhate hai ❤❤❤❤
Excellent 👌🏻 sir.......❤❤
Aise hi video banai hai sar❤❤❤❤
जब कोई पाखंड का पर्दाफाश करता है तो अच्छा लगता है जैसे झूठ पर सत्य की विजय।
ईश्वर अगर होता तो, वह उसके ही अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले नास्तिकों को पैदा नहीं करता।