वाह क्या बात है बाबुलालजी बहुत सुन्दर सा आप जियो हजारों साल हम सब यही प्रार्थना करते है बाबुलालजी भजन तो आपको पेटी कि आवाज के साथ ही अच्छा लगता है ओर्गन पर ईतना कोई खास नही 🙏🙏
जिस पल मौत दिख जाए, फिर मन की सारी अकङ व चंचलता समाप्त फिर पाप नहीं उठता। एकनाथ के जीवन में ऐसा उल्लेख है। एक युवक एकनाथ के पास आता था। जब भी आता था तो वह बड़ी ऊंची ज्ञान की बातें एकनाथ जी से सुनता था। युवक सोचता था, वे ज्ञान की बातें सिर्फ अज्ञान को छिपाने के लिये ही कर रहे हैं। एक दिन उसने एकनाथ को सुबह - सुबह ही पूछ लिया... एक संदेह मेरे मन में सदा आपके प्रति उठता है। आपका जीवन ऐसा ज्योतिर्मय, ऐसा निष्कलुष, ऐसी कमल की पंखडियों जैसा निर्दोष क्वांरा, लेकिन कभी तो आपके जीवन में भी पाप के विचार उठे होंगे? कभी तो अंधेरे ने भी आपको घेरा होगा? आज यही सवाल लेकर आया हूं, ओर चूंकि और कोई मौजूद नहीं है, आज आपको अकेला ही मिल गया हूं, इसलिए निस्संकोच पूछता हूं कि आपके मन में भी पाप के विचार उठते हैं कभी या नहीं? एकनाथ ने कहा; यह तो मैं पीछे बताऊंगा इससे भी ज्यादा जरूरी बात पहले बतानी है कि कहीं मैं भूल न जाऊं, बातचीत में कहीं अटक न जाऊं! कल अचानक जब तू जा रहा था तेरे हाथ पर मेरी नजर पड़ी तो मैं दंग रह गया; तेरे उम्र की रेखा समाप्त हो गयी है। सात दिन और जिएगा तू। बस, सातवें दिन सूरज के डूबने के साथ तुझे मर जाना है। अब तू पूछ क्या पूछता था। ऐकदम वह युवक तो उठकर खड़ा हो गया। अब कोई पूछने की बात, अब कोई समस्या समाधान, अब कोई जिज्ञासा…वह तो उठकर खड़ा हो गया, उसने कहा: मुझे कुछ नहीं पूछना है मुझे घर जाने दो। वह जवान आदमी एकदम जैसे बूढ़ा हो गया। अभी आया था मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर तो उसके पैरों में बल था, लौटा तो दीवाल का सहारा लेकर उतर रहा था, पैर उसके कंप रहे थे। घर जाकर घर के लोगों को कहा; रोना - धोना शुरू हो गया। पास - पड़ोस के के लोग इकट्ठे हो गये। उस दिन तो घर में फिर चूल्हा ही न जला, पास - पड़ोस के लोगों ने लाकर भोजन करवाया। उसने तो भोजन ही नहीं किया; अब क्या भोजन! वह तो बोला ही नहीं, वह तो आंख बंद करके बिस्तर पर पड़ा रहा। सात दिन में उसकी हालत मरणासन्न जैसी हो गयी। बार-बार सातवें दिन का पूछता था - सूरज के डूबने में और कितनी देर है ? और सूरज डूबने के ठीक पहले एकनाथ ने द्वार पर दस्तक दी। एकनाथ भीतर आये। एकनाथ उसके पास गये। वह तो आंख बंद किये पड़ा था। हाथ से उसकी आंखें खोलीं और कहा कि एक बात तुझे बताने आया हूं। यह तू क्या कर रहा है, ऐसा क्यों पड़ा है? उसने कहा: और क्या करूँ ? सूरज डूबने में कितनी देर है ? ये सात दिन भयंकर यातना में गुजारे हैं। अब तो ऐसा लगता है मर ही जाऊं तो झंझट कटे। एकनाथ ने कहा कि मैं तुझे तेरे प्रश्न का उत्तर देने आया हूं। वह तूने मुझसे पूछा था न कि आपके मन में पाप कभी उठता है। मैं अब तुम्हें पूछने आया हूं कि सात दिन में तेरे मन में कोई पाप उठा? उस आदमी ने कहा: कहां की बातें कर रहे हो! कैसा पाप, कैसा पुण्य ? सात दिन तो कोई विचार ही नहीं उठा, बस एक ही विचार था - मौत, मौत, मौत। एकनाथ ने कहा: तो उठ, अभी तुझे मरना नहीं है। तेरी हाथ की रेखा अभी काफी लंबी है। यह तो मैंने सिर्फ तेरे प्रश्न का उत्तर दिया था। ऐसे ही जिस दिन से मुझे मौत दिखाई पड़ गयी है, पाप नहीं उठता । जिसको मौत दिखाई पड़ जाती है पाप नहीं उठता, एकनाथ ने कहा।यही सब संत कहते हैं मौत को हर पल याद रखो न जाने कब आ धर दबोचे । इस विचार को हर समय याद रखें तभी परमात्मा के सम्मुखता प्राप्त करने के जिज्ञासु होने की सम्भावना होगी।*नि:शब्द*
Shrimanji maaf karna Bhajan gayki me itna lamba parvachan Bhajan ki mithas ko khatam karke sunne walon ka maza bigad deta h aap Bhajan Kum gate h parvachan jyada karte h
सबसे पहले धन्यवाद चरण जी चौधरी को। आपकी साउंड सिस्टम अच्छा है। आवाज साफ आने से हर शब्द समझ में आ रहे हैं।दूसरा साधुवाद भजन मंडली को। जिन्होंने पूर्ण मन से गाया है। साथ में वे धन्य है जो प्रत्येक्ष सत्संग श्रवण कर रहे हैं।बड़े भाग्यशाली हैं आप सभी को हमरी ओर से सादर अभिवादन नमस्कार, सत्य राम दादूराम सा।दादूराम नरैणा के पास कंदेवली। ग्राम।🙏🙏
12:52 बहुत ही सुन्दर भजन गाया आपने सा राम राम सा जय श्री कृष्णा राधे राधे सा
वाह क्या बात है बाबुलालजी बहुत सुन्दर सा आप जियो हजारों साल हम सब यही प्रार्थना करते है
बाबुलालजी भजन तो आपको पेटी कि आवाज के साथ ही अच्छा लगता है ओर्गन पर ईतना कोई खास नही 🙏🙏
बाबूलालजी आपके भजन बहुत सुंदर है मुझे आपके भजन बहुत अच्छे लगते हैं
राम राम सा जीवता रहो जाग में 🙏🙏🙏
राम का भजन करके हरी का भजन करके
जाकी पड़ती धाक गया री अकेला
बहुत बहुत बधाई
बहुत बढ़िया भजन गया है आपने
जिस पल मौत दिख जाए, फिर मन की सारी अकङ व चंचलता समाप्त फिर पाप नहीं उठता।
एकनाथ के जीवन में ऐसा उल्लेख है। एक युवक एकनाथ के पास आता था। जब भी आता था तो वह बड़ी ऊंची ज्ञान की बातें एकनाथ जी से सुनता था। युवक सोचता था, वे ज्ञान की बातें सिर्फ अज्ञान को छिपाने के लिये ही कर रहे हैं। एक दिन उसने एकनाथ को सुबह - सुबह ही पूछ लिया... एक संदेह मेरे मन में सदा आपके प्रति उठता है। आपका जीवन ऐसा ज्योतिर्मय, ऐसा निष्कलुष, ऐसी कमल की पंखडियों जैसा निर्दोष क्वांरा, लेकिन कभी तो आपके जीवन में भी पाप के विचार उठे होंगे? कभी तो अंधेरे ने भी आपको घेरा होगा? आज यही सवाल लेकर आया हूं, ओर चूंकि और कोई मौजूद नहीं है, आज आपको अकेला ही मिल गया हूं, इसलिए निस्संकोच पूछता हूं कि आपके मन में भी पाप के विचार उठते हैं कभी या नहीं?
एकनाथ ने कहा; यह तो मैं पीछे बताऊंगा इससे भी ज्यादा जरूरी बात पहले बतानी है कि कहीं मैं भूल न जाऊं, बातचीत में कहीं अटक न जाऊं! कल अचानक जब तू जा रहा था तेरे हाथ पर मेरी नजर पड़ी तो मैं दंग रह गया; तेरे उम्र की रेखा समाप्त हो गयी है। सात दिन और जिएगा तू। बस, सातवें दिन सूरज के डूबने के साथ तुझे मर जाना है। अब तू पूछ क्या पूछता था। ऐकदम वह युवक तो उठकर खड़ा हो गया। अब कोई पूछने की बात, अब कोई समस्या समाधान, अब कोई जिज्ञासा…वह तो उठकर खड़ा हो गया, उसने कहा: मुझे कुछ नहीं पूछना है मुझे घर जाने दो।
वह जवान आदमी एकदम जैसे बूढ़ा हो गया। अभी आया था मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर तो उसके पैरों में बल था, लौटा तो दीवाल का सहारा लेकर उतर रहा था, पैर उसके कंप रहे थे। घर जाकर घर के लोगों को कहा; रोना - धोना शुरू हो गया। पास - पड़ोस के के लोग इकट्ठे हो गये। उस दिन तो घर में फिर चूल्हा ही न जला, पास - पड़ोस के लोगों ने लाकर भोजन करवाया। उसने तो भोजन ही नहीं किया; अब क्या भोजन! वह तो बोला ही नहीं, वह तो आंख बंद करके बिस्तर पर पड़ा रहा। सात दिन में उसकी हालत मरणासन्न जैसी हो गयी। बार-बार सातवें दिन का पूछता था - सूरज के डूबने में और कितनी देर है ?
और सूरज डूबने के ठीक पहले एकनाथ ने द्वार पर दस्तक दी। एकनाथ भीतर आये। एकनाथ उसके पास गये। वह तो आंख बंद किये पड़ा था। हाथ से उसकी आंखें खोलीं और कहा कि एक बात तुझे बताने आया हूं। यह तू क्या कर रहा है, ऐसा क्यों पड़ा है?
उसने कहा: और क्या करूँ ? सूरज डूबने में कितनी देर है ? ये सात दिन भयंकर यातना में गुजारे हैं। अब तो ऐसा लगता है मर ही जाऊं तो झंझट कटे।
एकनाथ ने कहा कि मैं तुझे तेरे प्रश्न का उत्तर देने आया हूं। वह तूने मुझसे पूछा था न कि आपके मन में पाप कभी उठता है। मैं अब तुम्हें पूछने आया हूं कि सात दिन में तेरे मन में कोई पाप उठा?
उस आदमी ने कहा: कहां की बातें कर रहे हो! कैसा पाप, कैसा पुण्य ? सात दिन तो कोई विचार ही नहीं उठा, बस एक ही विचार था - मौत, मौत, मौत।
एकनाथ ने कहा: तो उठ, अभी तुझे मरना नहीं है। तेरी हाथ की रेखा अभी काफी लंबी है। यह तो मैंने सिर्फ तेरे प्रश्न का उत्तर दिया था। ऐसे ही जिस दिन से मुझे मौत दिखाई पड़ गयी है, पाप नहीं उठता । जिसको मौत दिखाई पड़ जाती है पाप नहीं उठता, एकनाथ ने कहा।यही सब संत कहते हैं मौत को हर पल याद रखो न जाने कब आ धर दबोचे । इस विचार को हर समय याद रखें तभी परमात्मा के सम्मुखता प्राप्त करने के जिज्ञासु होने की सम्भावना होगी।*नि:शब्द*
वा सा क्या अच्छी अच्छी बाते बताई है सा आपने धन्य हो सा आप❤️👍🙏
@@harshvardhan3749 u
@@mamtalora3353 |
वाह जी वैरागी वाणी को सादर अभिवादन वंदन नमन
जय हो श्रीमान महंत साहब आपकी वाणी सुनकर अच्छा लगा आपका ज्ञान अच्छा है मैं भी भजन करता हूं जय नवल स्वामी जी की परम आदरणीय मेरे गुरुजी नाथ जी को प्रणाम
Reena
Gdycjs
@@ParveenKumar-ej8ps❤❤❤❤
@@sukhvendradhaka9996up😅
@@ParveenKumar-ej8ps❤
संत के रूप मे ही आप बाबू लाल जी
बाबू लाल जी जय, रामरामजी आप मिल हुए है भजन अच्छ है
😢
wa bhayaji
❤❤❤Mast aavaj babu Lal ji aap ki👌👌👌👌👌👌👌
Apke. Bajan bhut sunder . R. K. Bairwa jaipur
Jaipur m kha se ho
अमर हो jaola बाबूलाल जी ❤❤❤❤ क्या आवाज है ❤❤❤❤
जयहो श्री बाबूलालजी क्या बात है जयहो
🙏 बहुत अच्छा🙏
Wa babulal ji 👌👌👌👌👌👌
Kya baat h. Gajjab ❤
सानदार जी
बहुत ही सुंदर भजन ओर आवाज भी शानदार जय हो आपकी
Nirguni
0
बाबूलाल जी आप हमेशा ऐसे ही आगे बढ़ते रहो।
सत्संग तो हम भी करते । लेकिन आप का ज्ञान बहुत ही अच्छा है ।
जय साहब की ।
Jai ho
@@mawadidans340😊I it a
बहुत ही सुंदर भजन गाया आपने जय सियाराम
बहुत सुन्दर भजन सा
वा सा
Vah babulalji Jay ho ji
बहुत अच्छी वाणी बहुत अच्छा भजन
अति सुंदर आवाज ज्ञान भजन जय हो सद्गुरु भगवान की जय हो
Bahut achaa Jay Sharee RAM
Bahu lal mharaj ke nambar bej do ji please
Nice babulal ji
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राधे कृष्णा जय श्री राधे कृष्णा जय श्री राधे कृष्णा जय श्री राधे कृष्णा जैतसिंह जैतुगं बेदु
Shrimanji maaf karna Bhajan gayki me itna lamba parvachan Bhajan ki mithas ko khatam karke sunne walon ka maza bigad deta h aap Bhajan Kum gate h parvachan jyada karte h
अति सुंदर अति सुंदर
Super hit bhajan
सानदार👍🙏👏
बोहोत अच्छा
Sat साहेब
बहुत सुंदर भजन है
Bahut hee sundr 🙏🙏🙏🙏🙏 good
Excellent Bhajan and melody voice . may bless you
🙏जय गुरुदेव की..🥀आपकी आवाज में ओर आपके भजन में बोत सुकून है भगवान आपको ओर आगे तक ले जायें
राम जी राम आप कहां से
बहुत सुन्दर महाराज
बहुत सुंदर धन्यवाद हो
अति सुंदर प्रस्तुति
Satya vachan amritvani❤
Jai ho BABULALJI
🙏🙏👌👌
Very nice
*आदेश गुरु महाराज को सत्य नमो आदेश आदेश आदेश!!*
जयश्रीरामराम, सा, बाबुलालजी
बहुत सुंदर भजन ❤️🙏
सत साहेब
आपकी आवाज बहुत सुंदर और गायकी बहुत सुंदर है और
Very good ji
❤❤❤❤❤❤❤
सबसे पहले धन्यवाद चरण जी चौधरी को। आपकी साउंड सिस्टम अच्छा है। आवाज साफ आने से हर शब्द समझ में आ रहे हैं।दूसरा साधुवाद भजन मंडली को। जिन्होंने पूर्ण मन से गाया है। साथ में वे धन्य है जो प्रत्येक्ष सत्संग श्रवण कर रहे हैं।बड़े भाग्यशाली हैं आप सभी को हमरी ओर से सादर अभिवादन नमस्कार, सत्य राम दादूराम सा।दादूराम नरैणा के पास कंदेवली। ग्राम।🙏🙏
Jay Ram,👏👏👏👏👏
जय जय श्री राम
So go
Very nice bhajnaji
Ram ram ji
ML भाटी गांव Birani तहसील Bhopalgarh जोधपुर से RAM RAM जी बाबूलाल जी जियो हजारों वर्ष
Nice 👍
Veri Good ji Bhut Sunder Bhajn Sa
Ram Ram 🙏🙏💓
Wawo bhut acha bhajen gaya h bhut bhut dhneywad shab bhajen gayko ka namber dedo
राम राम सा 🙏🙏 बाबूलाल जी
राम राम जी
🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice inspiring Bhajan
❤❤
गुड भजन
गुड वाणी
Super heet
Nice👍👍👍
O
👍👍👍
Babulal ji aapki Madhur awaaz awaaz mein bhajan bahut achcha
Jai Ho
Aap kha se h ji...
राम राम सा
Babu Lal g me dubai se aapko dnywad kru shantilal sihotiya sikar rajasthan
Waha babu lal ji
बहुत-बहुत धन्यवाद शत-शत नमन आपको
शत् शत् नमन् कैसे क्या हुआ जी
Bahut sundar Ram ram saa
जय हो
🙏🙏🙏🙏👌👌👌🙏🙏👌👌
🙏🙏🙏🙏 Jai ho
🙏🙏jai ho
जय हो बाबुलालजी अमर हो जायो थे 🙏
हर महादेव👏
Good
Ramramsa
❤❤❤❤❤😅 13:15
Babulal ji very nice bhajan jai ho
Bhuraram.raypura,sundr.bajn
😮
Nice
Jay ho jay Shree ram
Nice bhajan
वो
जयहो
Very nice song
Bot acha bjan sunke aand aagya man krtha bjan sekjwo
मधुर आवाज में संदेश
🎉😢🎉😢🎉
Grade
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👍