गुरूजी को सादर प्रणाम करता हूं। आपका बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रयास है। गुरूजी आपसे एक विनम्र अनुरोध है की आप पूर्वांचल और बिहार में तबले पर बजाने वाले पारम्परिक ठेकों के बारे में जानकारी दें और विस्तार से चर्चा करें ताकि हमलोग भी आपके अनुभव और ज्ञान का लाभ ले सकें। कोटि कोटि प्रणाम
@@sahu3140 इस गाने में मध्य लय का 'कहरवा ताल' में भजन का ठेका बजाया गया है । गाने के पहला अक्षर 'ज' पर पहला जोड़ और ' री ' पर दूसरा जोड़ है और दोनों अक्षर पर ' सम ' है। अत: ठेका दोनों ही अक्षर से उठाया जा सकता है लेकिन ' री ' अक्षर से ठेका शुरू करना ज्यादा आसान और सही होगा।
जय जय श्री गुरु देव
🙏गुरुदेव
Bahut sundar Jankary batai Guruji Radahay Radahay Chen singh nagar
Nice
🙏🙏
गुरूजी को सादर प्रणाम करता हूं।
आपका बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रयास है।
गुरूजी आपसे एक विनम्र अनुरोध है की आप पूर्वांचल और बिहार में तबले पर बजाने वाले पारम्परिक ठेकों के बारे में जानकारी दें और विस्तार से चर्चा करें ताकि हमलोग भी आपके अनुभव और ज्ञान का लाभ ले सकें।
कोटि कोटि प्रणाम
Sir ji pranam
प्रणाम गुरुजी
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
कौन सी ताल है और जोर कहां कहां पर है या सम कहां पर होगा
Please bataiye
@@sahu3140 इस गाने में मध्य लय का 'कहरवा ताल' में भजन का ठेका बजाया गया है । गाने के पहला अक्षर 'ज' पर पहला जोड़ और ' री ' पर दूसरा जोड़ है और दोनों अक्षर पर ' सम ' है। अत: ठेका दोनों ही अक्षर से उठाया जा सकता है लेकिन ' री ' अक्षर से ठेका शुरू करना ज्यादा आसान और सही होगा।
बहुत बहुत धन्यवाद आपको