मैंने दूसरे धर्मो के लोगो को हमारी मूर्ति पूजा की बहुत बेइज़जती करते देखा। कुछ कहो तो धर्म की लड़ाई हो जाती है। इसलिए डर के कुछ नहीं कहती थी। पर अपनी आत्मा की संतुष्टि हो गई आपकी यह व्याख्या सुन के। हमारी पढ़ाई हमारे मंदिरों के पंडित असली मतलब नहीं समझते। जो आपने किया। आपका कोटि कोटि धन्यवाद। रामलीला करने का भी यही कारण होगा। की हम श्री राम के गुण धारण करें।
क्या बात है! इतना गहरा ज्ञान गुरुजी ने सहज ही समझ दिया। कोई क्लिष्ट संस्कृत का श्लोक नहीं, कोई व्याकरण की जरूरत नहीं, किसी पांडित्य की जरूरत नहीं। सामान्य जनमानस की भाषा मे समझ दिया गुरुदेव ने । गुरु जी की जिह्वा पर साक्षात सरस्वती विराजमान हैं.. दंडवत नमन है ऐसे परमज्ञानी को। विकास जी को साधुवाद जो गुरु जी के ज्ञान को तकनीकी के माध्यम से अमर करने का पुण्य काम कर रहे हैं।हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान की एक अमूल्य निधि संचित करने ले लिए बहुत बहुत साधुवाद विकास जी।
I never seen the brilliant personality like you sir. I really appreciate you as an Indian. You are very nearer to the fact. Your every interpretation is full of truth . Both our "shastra" with science. Great. I see and understand all you tried to make understand.
समग्र विश्वमे हर देशका अपना राष्ट्र ध्वज होता है, जोकि वहभी देखा जाय तो सिर्फ़ एक कपडेका टुकड़ा ही है, फ़िर भी उस देशके लोगोकी भावना के मुताबिक़ उसमे समग्र राष्ट्र के लोगोका स्वाभिमान प्रतिष्ठित हैं. ठीक उसी तरह प्राण प्रतिष्ठा से पत्थर की मूर्ति मे भगवान् बिराजमान होनेकी भावना होती हैं
Again very profound knowledgeable session..Wishing best health to both of you. This addresses two beliefs as well...one is why all ancient temples are more sacred than the one we have in our nearby..where we have same God. The reason is that the ancient ones are more lively (jagrit) because ancient sages which were real sages have made them jagrit and they are continously getting more jagrit than the newer ones. Second, seeing God may be an objective for a common man but for people with wisdom, it is more about being more like him in qualities..so understanding and embibing the same qualities is our lives is a more meaningful way to search him.🙏
Gurudev aap to Bhagwan Vishnu ji ke shri charno me chale gaye. Aake prakash ke small small pung like Vikas Sharma ji aab aage hum jese jigyasuo ka marg prakashit karenge.🙏🙏🙏
Kisi vidwaan ne kaha thaa nadi parwat jal sthal aadi tarney waley nahi hai ye isthan dubo ke marney wale he ye baat 100/sach bhi he hamrey bharat me bahut jan or dhan ki haani hoti he
The most basic meaning of pran would be 'vital life force' or just 'life force' But like the above comment mentioned, words originating form Sanskrit may have many meanings
शरीर की अवस्था और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा दोनों अलग चीजें हैं जब अर्थ साफ है कि प्राण प्रतिष्ठा उन महापुरूषों के Values की पूजा है मूर्ति की नहीं तो शरीर का यौवन और वृद्धावस्था क्या है। मृत्यु तो निश्चित है मरना तो बुद्ध को भी होता है, राम को भी मरना है और कृष्ण को भी लेकिन व्यक्तित्व सदैव अमर है वह व्यक्तित्व ही समाज का पथ प्रदर्शक है।
@@abhinavsaroj007 Ram aur krishna pram brahm paramatma hai. Kala aur prakriti say pare hai. Unki janam aur mrityu nahi hoti. Jaise Surya prakat(sunrise) aur aprakat (sunset)hota hai usi prakar bhagwan sri krishna es dhara dham mai avatar lete hai aur tirodhan karte hai. According to srimad Bhagavad Gita bhagwan sri krishna ka janam aur karm dono Divya,aprakrit aur achintya hai.
@@aryanshankar0918 जिसने मनुष्य रूप में जन्म लिया है वह मृत्यु को भी प्राप्त होगा। शरीर मरता है आत्मा नहीं। हम सभी उसी परम तत्व का विस्तार ही हैं। वह तुम में भी है मुझमें भी, उसे न सुख ही प्रिय है न दुख अप्रिय, ना वह ईर्ष्या करता है ना वह लगाव रखता है। श्रीमद्भगवद्गीता को तुम खुद समझने का प्रयास करो। वहां श्री कृष्ण आत्मा हैं और अर्जुन मन जो सदैव विचलित रहता है। हमें जो परिभाषा आत्मा की मालूम हुई है आज तक वह सर्वथा गलत है। आत्म और अनात्म का संवाद है गीता। The Self and The not self इसीलिए कहा गया है नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारूत:
@@abhinavsaroj007 bhagwan ka sharir Sachchidanand or spiritual hai na ki material. Bhagwan Shri Krishn wahi par tatva hai jiska ved neti -neti kahkar varnan karti hai. Bhagwan shri krishna ki aatma aur sharir Mai koi antar nahi hai. Sochne wali baat hai ,bhagwan ka ek naam Mukund hai yani Jo mukti dilata hai janam aur mrityu ke chakra say. To Jo swayam janam aur mrityu ke chakra mai hai wo kaise mukti dela sakta hai? Rahi baat gita ke shloka ki to Waha manushya ke panch mahabhoot say nirmit sharir ki baat ho rahi hai na ki sachidanand vigrah ki. Read ramcharitmanas for better understanding Bhagwan ka sagun Swaroop Divya aur Anand Swaroop hai. Bhakto ko Anand Dene wala hai. Waha pur deha aur dehi yani body aur aatma mai difference nahi hai. Veda ,shastra,ramcharitManas , vaishnav acharya eske praman hai
प्रणाम 🙏 मैने आपके वीडियो से आदि शंकाराचार्य जी का वेदांत पढ़ा है किन्तु मेरा एक प्रश्न है कि अगर ब्रह्म एक है और उसके अलावा सब असत है तो ब्रह्म पर अध्यास करने वाली माया अनिर्वाचनीय क्यों है? ऐसे तो ब्रह्म और माया दो अलग अलग सत्ता हो गई जो अद्वैत को द्वैत करती है। कृपया मार्गदर्शन करें ❤️
Hindu rastra official ji, agar aap sadhak ho aur practically Brahm ka upalabdhi chahte ho, isliye ye question pucha aapne, toh aap Truth of Truth सत्य की सत्यता channel ko dekhiye. Waha aap ye qs put kijiye. If you are not a seeker, then, leave it. And do subscribe.
@@nikhildeshmukh6221 देश एक भूमि का टुकड़ा होता है जो संविधान , सरकार और तंत्र से चलता है। मेरा संकल्प हिंदू देश का नही हिंदू राष्ट्र का है। राष्ट्र अर्थात् एक धर्म सम्मत संस्कृति। मैं संस्कृति का अध्ययन करके पुनः विशुद्ध रूप करके राष्ट्र निर्माण कार्य कर सकूं इसलिए समझने का प्रयास करता हूं ❤️
मूर्ति में प्राण डालना ऋत अनुसार असंभव है। वाकचातुर्य का दुरुपयोग। रामायण के अनुसार अहिल्या पत्थर नहीं हुई थी। विद्वान का कर्तव्य है सत्य का निर्देशन करें वाकचातुर्य से, कुतर्क से किसी भी बात को सिद्ध करते हैं अनेक बार यही सिद्ध हुआ है। बाकि आप ज्ञानी हैं, आप ही अपनी आत्मा को सन्तुष्ट कर सकते हैं। धन्यवाद
गुरुजी, प्रणाम। एक प्रश्न है हमारा एक मित्र है उसके घर मै कुछ दिक्कत है उनको कुच दिखाई देता है जिसको मसान कहते हैं उसके 5 बच्चो की भी मोत हों चुकी है ये सब क्या हैं गुरु देव, जरा मार्ग दर्शन करे हमारा सबाल अजीब हैं मगर बहुत समय से विचलित किए हुऐ हैं हमको
Bina kuchh kiye kuchhbhi prapt karna muftkhori kahlata hai. Yadi amar hona chahte ho to vichar karo ki amar hone k liye abhitak aapne ya hamne kya kiya hai (2) Moksh prapt karna chahteho iska matlab karm se bachna/ door bhangra chahte ho kyon ? Bhagwan ne kam karne k layak banata hai to achhe kam kartehuai life jeena chahiye 🙏⚘
yeh sab bas political game hai . Bas Khao piyo mauj karo in sab main kuch nahi hai logo se pyar karo aur bhog karo jitna ho sake . yeh puja chetna sab bakwas
गलत बात है गुरू जी ,यदि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है तो उसमें जीवन के लक्षण प्रकट क्यों नहीं होते , तथाकथित प्राणप्रतिष्ठा के बाद भी वो निर्जीव ही रहती है । इसलिए आपका विश्वास मिथ्या है , वेद विरुद्ध है ,सनातन धर्म के विरुद्ध है ।
@@KrsnaDD97 आपके कहने से सत्य झूठ नहीं हो जायेगा । मूर्ति में जीवन के कोई लक्षण नहीं प्रकट होते ये बात सत्य है । वरना कोई करके दिखा दे । परमात्मा इन्द्रियों की पहुंच से बाहर है । उसे योगीजन समाधिस्थ होकर जानते हैं ।
@@prabhatrajput2827 लेकीन विरोध करना उचित नाही है ..... धार्मिक कट्टरता ऑर अपनी बात जोर जबरदस्ती मनवाने का तरिका हे...हर कोई स्वतंत्र है अपने तरीके से मान्यता को
@@nikhildeshmukh6221 नहीं आप गलत हैं ,गलत और मिथ्या बात का विरोध करना ही चाहिए क्योंकि झूठ आखिरकार हानिकारक और सत्य कल्याणकारी होता है । हम कोई जोर जबरदस्ती अपनी बात नहीं मनवाते और ना मनवा सकते हैं । हमने तो केवल लोगों को सच बता रहे हैं मानना ना मानना उनका काम है । लेकिन जो लोग सत्य के सच्चे प्रेमी और पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होते वो झूठ को तुरंत छोड़ कर सत्य को अपनाते । आज धर्म अध्यात्म के नाम सबसे ज्यादा पाखण्ड अन्धविश्वास फैला हुआ है ।
@@prabhatrajput2827 aapke liye ek channel suggest kar rahi hu, Truth of Truth सत्य की सत्यता channel. Iska videos dekhiye, accha lage toh subscribe karna na bhulna. First, you should hv real indepth knowledge, then speak out.
मैंने दूसरे धर्मो के लोगो को हमारी मूर्ति पूजा की बहुत बेइज़जती करते देखा। कुछ कहो तो धर्म की लड़ाई हो जाती है। इसलिए डर के कुछ नहीं कहती थी। पर अपनी आत्मा की संतुष्टि हो गई आपकी यह व्याख्या सुन के।
हमारी पढ़ाई हमारे मंदिरों के पंडित असली मतलब नहीं समझते। जो आपने किया। आपका कोटि कोटि धन्यवाद।
रामलीला करने का भी यही कारण होगा। की हम श्री राम के गुण धारण करें।
Pls watch youtube channel Truth of Truth सत्य की सत्यता , do subscribe.
क्या बात है! इतना गहरा ज्ञान गुरुजी ने सहज ही समझ दिया। कोई क्लिष्ट संस्कृत का श्लोक नहीं, कोई व्याकरण की जरूरत नहीं, किसी पांडित्य की जरूरत नहीं। सामान्य जनमानस की भाषा मे समझ दिया गुरुदेव ने । गुरु जी की जिह्वा पर साक्षात सरस्वती विराजमान हैं.. दंडवत नमन है ऐसे परमज्ञानी को।
विकास जी को साधुवाद जो गुरु जी के ज्ञान को तकनीकी के माध्यम से अमर करने का पुण्य काम कर रहे हैं।हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान की एक अमूल्य निधि संचित करने ले लिए बहुत बहुत साधुवाद विकास जी।
Kindly see Truth of Truthसत्य की सत्यता channel for real spiritual knowledge. And dont forget to subscribe pls.
this channel is a goldmine for enlightenment of human excellence 😊
Jai Sita Ram
Guru ji aapko shat shat naman.
Thanks!
हर हर महादेव🔱🔱🔱🔱🔱🔱🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩🔱🔱🔱
श्री राम को मानें तो श्री राम की भी मानें... जय श्री राम 🙏
I never seen the brilliant personality like you sir.
I really appreciate you as an Indian.
You are very nearer to the fact.
Your every interpretation is full of truth . Both our "shastra" with science.
Great.
I see and understand all you tried to make understand.
“मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन I करूं विनय कछु आपकी, हौं सब ही विधि दीन 🙏🙏🙏
Hinduism is the way of life which made people civilized
समग्र विश्वमे हर देशका अपना राष्ट्र ध्वज होता है, जोकि वहभी देखा जाय तो सिर्फ़ एक कपडेका टुकड़ा ही है, फ़िर भी उस देशके लोगोकी भावना के मुताबिक़ उसमे समग्र राष्ट्र के लोगोका स्वाभिमान प्रतिष्ठित हैं. ठीक उसी तरह प्राण प्रतिष्ठा से पत्थर की मूर्ति मे भगवान् बिराजमान होनेकी भावना होती हैं
बहुत बढ़िया कहा गुरुजी ने
guruji aapne to sach m bhot bdi duvidha dur kar di charn saprs koti koti namn 🙏🙏
Pranamaami Sant Shiromani !
kitna sundar udaharan hae🙏🙏
Again very profound knowledgeable session..Wishing best health to both of you.
This addresses two beliefs as well...one is why all ancient temples are more sacred than the one we have in our nearby..where we have same God. The reason is that the ancient ones are more lively (jagrit) because ancient sages which were real sages have made them jagrit and they are continously getting more jagrit than the newer ones.
Second, seeing God may be an objective for a common man but for people with wisdom, it is more about being more like him in qualities..so understanding and embibing the same qualities is our lives is a more meaningful way to search him.🙏
Nice. You must see the channel Truth of Truth सत्य की सत्यता channel, in one video this topic has been talked about. Do subscribe.
बहुत शालीनता से प्रश्न करते हैं आप और उतनी ही शालीनता से सुनते हैं आप
Excellent
गुणों की पूजा होती है पत्थरों की नहीं 💯⚛️🕉️🚩❤️🙏 जय श्री राम 🚩 जय श्री कृष्णा 🚩🪔🚩🙏 #kuldeepwords 🧑🦽🧑🦼👁️💯⚛️🕉️❤️🪔🚩🙏🙏
Gurudev aap to Bhagwan Vishnu ji ke shri charno me chale gaye. Aake prakash ke small small pung like Vikas Sharma ji aab aage hum jese jigyasuo ka marg prakashit karenge.🙏🙏🙏
प्रणाम गुरूदेव
ॐ नमः शिवाय
में आपके द्वारा दिये गये ज्ञान का सदुपयोग कर रहा हूँ 🙏
सादर प्रणाम jai Shri krishna from raghav Verma KARNAL
गुरुजी को सादर प्रणाम है 🙏🙏
Jay Gurudev 🌸🙏
Please make more videos on Indian Basic Traditions Like AARTI, TILAK, TOUCHING FEET, RITUALS.
We need more educational videos about INDIAN CULTURE.
🕉️गुरु जी, चरण स्पर्श🙏
Prathamtya charan vandan 🙏 sarvouttam sarvouch sarvsrasetha sarvopari gyan ko naman 🙏 jai maa pitambra 🙏
कोटि कोटि नमन
Hum sabhi ko margdarshan karne ke liye dhanyawad 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻, Charan sparsh 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Jai shree Ram Jai Sanatan Dharma 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
Beautifully explain... dandwat pranam divine soul..
गुड मॉर्निंग परनाम गुरु जी
Gurudev is no more, very sad day 08.02.2023.
Guru ji ko koti koti naman
नारायण नारायण हरि हरि 🙏🚩
Gurujii 🙏🚩
गुरु जी को प्रणाम
आप का कितना आभार करें गुरुजी 🙏
Adbhut gyan.
Gurudev aap ne jo jhote jhote saplings.( Puples like Vikas ji )agai hai .Unper apna ashirwad banaye rakhiyega 🙏🙏🙏🙏🙏
जय सियाराम ।
Jayho
will miss this legend!
Pranam guruji 🌹
Thanks Guruji 🙂🙏💐
Sadar Pranam Gurujee aapake sawasth ki kamna karata hun
Dada ji🙏🏼
Guruji.. 🙏
Panditji pranam 🌹🌹🙏🙏🌹🌹
गुरु जी प्रणाम
Pythagoras ke bare me bataye
Pranam uncle ji 🙏
Depth me explain kiya gurudev ji ne
मुर्ति व पत्थर में अन्तर है मूर्ति भगवान का विग्रह है
Miss you guruji.. rip
Guru g agar apse milna ho to. ... Mere spana hai me aap se milne aaoo
इस जगत में अच्छी ओर बुरी सभी प्रकार की शक्तिया विराजमान हैं हम उन शक्तियों को कैसे प्राप्त करें इस बारे में जानकारी दे गुरु देव
Namskar Maharaj
Om
Aap dono ko pranam.
Kisi vidwaan ne kaha thaa nadi parwat jal sthal aadi tarney waley nahi hai ye isthan dubo ke marney wale he ye baat 100/sach bhi he hamrey bharat me bahut jan or dhan ki haani hoti he
आपको प्रणाम ।
Guruji parkaya pravesh aur sukhsma sarir yatra ke bisaya me batayiye 🙏
All confusions cleared
एक मेल किया था आपको उसके जवाब की प्रतीक्षा में हूं आप की महती कृपा होगी
गुरू जी से एक प्रश्न है कि हम सूर्य को अर्घ क्यों देते है, और इसका महत्व क्या है।
murti puja ka asli mahtv pta chla 🙏🙏😊😊
Kya baat hai....
वेदों में प्राण प्रतिष्ठा का कौन सा मंत्र है
param ji
🙏🙏🙏
🙏
गुरुजी को नमस्कार, गुरुजी हवन में "स्वाहा" का मतलब क्या होता है?
नये भवन मे प्रथम बार प्रवेश पर क्या नियम है वेद पुराण में कृपया बताएं।
Guruji sadar Pranam 🙏 Sharma ji aapka Email kya hai?
Bhaiya ek question hai
Agar baar baar paryas karne se bhi safalta na mile to kya kare
Guruji shiv tandav padhne se kya sach m jeevan m sabkuch badal jata hai ya sab kewal likhit hai .
Hello Guru Ji.
My name is Shapur from Afghanistan.
What is the meaning of ( Pran ).
Thank you 🙏❤️
🙏🙏
Pran means ‘life’ n ‘consciousness’ in the easiest way because sanskrit language has a very big vocabulary.
The most basic meaning of pran would be 'vital life force' or just 'life force'
But like the above comment mentioned, words originating form Sanskrit may have many meanings
Ji🙏🙏
यह सारी बातें लोग भूल चुके हैं, अब सब पत्थर की ही पूजा करते हैं।
प्रणाम
🙏🙏🙏🌹
गुरुजी वेद या अन्य किसी भी मंत्रों से आप अपना नव यौवन वापस लाकर दिखाइये। युवा अवस्था तो प्राणों से बहुत छोटी चीज है।
शरीर की अवस्था और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा दोनों अलग चीजें हैं
जब अर्थ साफ है कि प्राण प्रतिष्ठा उन महापुरूषों के Values की पूजा है मूर्ति की नहीं तो शरीर का यौवन और वृद्धावस्था क्या है।
मृत्यु तो निश्चित है
मरना तो बुद्ध को भी होता है, राम को भी मरना है और कृष्ण को भी लेकिन व्यक्तित्व सदैव अमर है वह व्यक्तित्व ही समाज का पथ प्रदर्शक है।
@@abhinavsaroj007 👍
@@abhinavsaroj007 Ram aur krishna pram brahm paramatma hai. Kala aur prakriti say pare hai. Unki janam aur mrityu nahi hoti. Jaise Surya prakat(sunrise) aur aprakat (sunset)hota hai usi prakar bhagwan sri krishna es dhara dham mai avatar lete hai aur tirodhan karte hai.
According to srimad Bhagavad Gita bhagwan sri krishna ka janam aur karm dono Divya,aprakrit aur achintya hai.
@@aryanshankar0918 जिसने मनुष्य रूप में जन्म लिया है वह मृत्यु को भी प्राप्त होगा।
शरीर मरता है आत्मा नहीं। हम सभी उसी परम तत्व का विस्तार ही हैं। वह तुम में भी है मुझमें भी, उसे न सुख ही प्रिय है न दुख अप्रिय,
ना वह ईर्ष्या करता है ना वह लगाव रखता है।
श्रीमद्भगवद्गीता को तुम खुद समझने का प्रयास करो। वहां श्री कृष्ण आत्मा हैं और अर्जुन मन जो सदैव विचलित रहता है।
हमें जो परिभाषा आत्मा की मालूम हुई है आज तक वह सर्वथा गलत है।
आत्म और अनात्म का संवाद है गीता।
The Self and The not self
इसीलिए कहा गया है
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारूत:
@@abhinavsaroj007 bhagwan ka sharir Sachchidanand or spiritual hai na ki material.
Bhagwan Shri Krishn wahi par tatva hai jiska ved neti -neti kahkar varnan karti hai. Bhagwan shri krishna ki aatma aur sharir Mai koi antar nahi hai.
Sochne wali baat hai ,bhagwan ka ek naam Mukund hai yani Jo mukti dilata hai janam aur mrityu ke chakra say. To Jo swayam janam aur mrityu ke chakra mai hai wo kaise mukti dela sakta hai?
Rahi baat gita ke shloka ki to
Waha manushya ke panch mahabhoot say nirmit sharir ki baat ho rahi hai na ki sachidanand vigrah ki.
Read ramcharitmanas for better understanding
Bhagwan ka sagun Swaroop Divya aur Anand Swaroop hai. Bhakto ko Anand Dene wala hai.
Waha pur deha aur dehi yani body aur aatma mai difference nahi hai.
Veda ,shastra,ramcharitManas , vaishnav acharya
eske praman hai
गुरुजी काम कितने प्रकार के होते हैं
Atal Satya
गुरु जी को प्रणाम, कृपया हिमालय मैं स्थिस्त ज्ञान गंज के विषय मैं प्रकाश डालने की कृपा करे। धन्यवाद
Only charwak is rational expression
🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम 🙏 मैने आपके वीडियो से आदि शंकाराचार्य जी का वेदांत पढ़ा है किन्तु मेरा एक प्रश्न है कि अगर ब्रह्म एक है और उसके अलावा सब असत है तो ब्रह्म पर अध्यास करने वाली माया अनिर्वाचनीय क्यों है? ऐसे तो ब्रह्म और माया दो अलग अलग सत्ता हो गई जो अद्वैत को द्वैत करती है। कृपया मार्गदर्शन करें ❤️
Bhai itna adhyatm janate ho fir ye hindurashtra banake ek hindu pakistan banane ja rahe ho apne ma bharti ko
Hindu rastra official ji, agar aap sadhak ho aur practically Brahm ka upalabdhi chahte ho, isliye ye question pucha aapne, toh aap Truth of Truth सत्य की सत्यता channel ko dekhiye. Waha aap ye qs put kijiye. If you are not a seeker, then, leave it. And do subscribe.
Adwait ko dwait nhi karati he, dwait ka bhram matra hota he agyaniko.
@@nikhildeshmukh6221 देश एक भूमि का टुकड़ा होता है जो संविधान , सरकार और तंत्र से चलता है। मेरा संकल्प हिंदू देश का नही हिंदू राष्ट्र का है। राष्ट्र अर्थात् एक धर्म सम्मत संस्कृति। मैं संस्कृति का अध्ययन करके पुनः विशुद्ध रूप करके राष्ट्र निर्माण कार्य कर सकूं इसलिए समझने का प्रयास करता हूं ❤️
@@MaaMahamuni जी अवश्य ❤️
Sir no picture
Thanks sir now is ok
🙏👏🌺
मूर्ति में प्राण डालना ऋत अनुसार असंभव है। वाकचातुर्य का दुरुपयोग। रामायण के अनुसार अहिल्या पत्थर नहीं हुई थी।
विद्वान का कर्तव्य है सत्य का निर्देशन करें वाकचातुर्य से, कुतर्क से किसी भी बात को सिद्ध करते हैं अनेक बार यही सिद्ध हुआ है।
बाकि आप ज्ञानी हैं, आप ही अपनी आत्मा को सन्तुष्ट कर सकते हैं।
धन्यवाद
गुरुजी, प्रणाम। एक प्रश्न है हमारा एक मित्र है उसके घर मै कुछ दिक्कत है उनको कुच दिखाई देता है जिसको मसान कहते हैं उसके 5 बच्चो की भी मोत हों चुकी है ये सब क्या हैं गुरु देव, जरा मार्ग दर्शन करे हमारा सबाल अजीब हैं मगर बहुत समय से विचलित किए हुऐ हैं हमको
Guruji🙏🙏🙏⚘⚘⚘🌷🌷🌷🌷🙌🙌🙌🙌🙌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏
👍🙏
Jo bhi confuse hai ve bageswar dham jaye or satya ka anubhav le
Sambidhan se secular shabd hatao aur sambidhan ki pran pratistha jald karo
Bina kuchh kiye kuchhbhi prapt karna muftkhori kahlata hai. Yadi amar hona chahte ho to vichar karo ki amar hone k liye abhitak aapne ya hamne kya kiya hai (2) Moksh prapt karna chahteho iska matlab karm se bachna/ door bhangra chahte ho kyon ? Bhagwan ne kam karne k layak banata hai to achhe kam kartehuai life jeena chahiye 🙏⚘
पाथर पूजें हरि मिलें तो मैं पूजूं पहाड़,
याते चाकी भली जो पीस खाए संसार।।
yeh sab bas political game hai . Bas Khao piyo mauj karo in sab main kuch nahi hai logo se pyar karo aur bhog karo jitna ho sake . yeh puja chetna sab bakwas
Ultimate truth
❤😊
Right
गलत बात है गुरू जी ,यदि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है तो उसमें जीवन के लक्षण प्रकट क्यों नहीं होते , तथाकथित प्राणप्रतिष्ठा के बाद भी वो निर्जीव ही रहती है । इसलिए आपका विश्वास मिथ्या है , वेद विरुद्ध है ,सनातन धर्म के विरुद्ध है ।
Jo adhikari hai usko darshan Hite Hain . Aap khud galat ho or bhatke huye ho
@@KrsnaDD97 आपके कहने से सत्य झूठ नहीं हो जायेगा । मूर्ति में जीवन के कोई लक्षण नहीं प्रकट होते ये बात सत्य है । वरना कोई करके दिखा दे । परमात्मा इन्द्रियों की पहुंच से बाहर है । उसे योगीजन समाधिस्थ होकर जानते हैं ।
@@prabhatrajput2827 लेकीन विरोध करना उचित नाही है ..... धार्मिक कट्टरता ऑर अपनी बात जोर जबरदस्ती मनवाने का तरिका हे...हर कोई स्वतंत्र है अपने तरीके से मान्यता को
@@nikhildeshmukh6221 नहीं आप गलत हैं ,गलत और मिथ्या बात का विरोध करना ही चाहिए क्योंकि झूठ आखिरकार हानिकारक और सत्य कल्याणकारी होता है । हम कोई जोर जबरदस्ती अपनी बात नहीं मनवाते और ना मनवा सकते हैं । हमने तो केवल लोगों को सच बता रहे हैं मानना ना मानना उनका काम है । लेकिन जो लोग सत्य के सच्चे प्रेमी और पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होते वो झूठ को तुरंत छोड़ कर सत्य को अपनाते । आज धर्म अध्यात्म के नाम सबसे ज्यादा पाखण्ड अन्धविश्वास फैला हुआ है ।
@@prabhatrajput2827 aapke liye ek channel suggest kar rahi hu, Truth of Truth सत्य की सत्यता channel. Iska videos dekhiye, accha lage toh subscribe karna na bhulna. First, you should hv real indepth knowledge, then speak out.
ek paedophile ki pooja karne walon ko kya yeh sab samajh aayega..hahaha