जय श्री राम। मैं जोधपुर राजस्थान से हु और श्री सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज से हू। मैं आप सबको बता देना चाहता हु कि सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज सैनी समाज और माली समाज तीनो अलग अलग समाज है। हमारा इतिहास और पहचान अलग है। मेरा यदुवंशी सैनियो से यह कहना है कि आपका नाम चुराने में हमारे समाज का कोई हाथ नहीं है। यह सब जो असल माली समाज है उनके द्वारा किया गया हैं l हमारे समाज मे कुछ लोग हैं जिन्हें इस चीज की जानकारी नही हैं वो इन मालियो के बहकावे में आके सैनी लगा रहें है जिसका हमारे समाज के जागरूक लोग पुरजोर विरोध कर रहें है। हम सभी सैनिक क्षत्रिय (माली) आपके साथ है। 🙏🏻🚩
वाह भाई वाह तुम्हने तो माली और सैनी दोनों ही नाम छीन लिए 😂😂😂 हम का अंग्रेज के संग आये ,के मुगलों के संग क्या हम भारत माता की संतान न है क्या हम हिन्दू न है
@praveensaini4470 too kaun hai? Toonay bhi to Gola ho kar Sainiyo ka naam churaya hai. Pehle too Saini likhna band kar. Saharanpur me sirf farzi Saini hain.
ये आ गये मिक्स ब्रिड जो सैनी,यादव और राजपूतो के मिश्रण से तैयार हुए है ।इसलिए कन्फूस है के खुद को सैनी बोले या यादव बोले या राजपूत बोले ।इसलिए तीनो सरनेम एक साथ लगा रहे है ।
North haryana me kurukshetra, ambala, Yamunanagar or Panchkula saini dominate district h. Or eske near punjab ka mohali or patiyala district h unme b saini bhot jyada h. Even mere relative rehte h en district me
Surivenshi saini ashit sagar bhagirath delip sa janma ha jo gola saini bhagirath saini je ek youg phela dharthì par aiea ha lakin shatraughan na he madh vanmathura nagar basaia tha inkia family ma he shoor sain saini ka name sa shoor saini kelia ha shoor saini mathura ka duipar ka time aihhar yadav ma mix ho ghia tha lakin krishna je shoor saini he tha yadav baad ma bolna laga ha abhe tak disputed ha shoor sain saini surivenshi tha or chandervenshi tha lakin 70/-- shoor sain saini surivenshi he tha lord krishna je shoor saini he ha.
Veer ji gal e hai ki ajkl kuch farji Lok youtube uthe saini nam la ke sareyan farjia nu asali sainia nal mix krn vich lage hoye ne . Is karke assi ini chheti kise nu reply nhi krida hunda . Ki pta koi nakli Banda ithe saini ban k aa jave te sanu kave ki asali aa. Baise tuhadi bahut sari zameen agar panjab vich hagia te oho bahut badiya gal aa.👍🏻👍🏻
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है। इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया। ✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला। ✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे। कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है ✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य। यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था। ✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था। बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया। ✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे। ✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए! इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं। ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं। और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
राणा जी के हल्दी घाटी युद्ध केबाद सभि जातियां राजपुताना से निकली थी शे अपनेआप राजपूत कहलाना पसन्द करती है जैसे जीन्द जिले कुम्हार अपने राजपेत बोलते हैःओर कुमहार शब्द ओछा समझते है, फिर भी शादिया कहारों मे करते है।हल्धीघाटी से पहले भी सभि 36 जातियां पहले भी लोकल रह रही थी।अपनेआप सुपर कहलाने के लिये शीफ्टिड जातियां अपनी जाती के आगे राजपूत शब्द जोडतैहैं जैसे हम तो राजपूत कुम्हार हैअं ओर वो वाले दूसरे कम्हार है।क्योंकि मेरे पूर्वज चितोड से निकले हुए है ओर खुद कम्हार जाति से हूः।
असली सैनी यदुवंशी राजपूत हैं । भाई साहब और जिनकी आप बात कर रहे हो वे सब अलग हैं और अगर आपके मन में भी नकली लोगों द्वारा कुछ भ्रम पैदा किया है तो अधिक जनकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे । धन्यवाद।
और एक बात शूरसैनी शब्द कोई ओछा शब्द नही है ये हमारा शुद्ध वंश है हम खुद को गर्व से शूरसैनी बोलते हैं आखिरकार हम शुद्ध यदुवंशी शाखा से हैं। वो बात अलग है की कुछ लोग हमारे वंश का इस्तेमाल कर के समाज में भ्रांतियां फैला रहे हैं। जय राजपूताना 🚩🚩
@@THE_YADUVANSHI_RULERS acha matlab aap asli shaurshini ho 🤣🤣 pehli baat aap dna test kerwaalo apna aapke poorwaj Saini hi niklenge. Aap jin vanshavaliyo ko claim ker rahe ho usme bhut ghotaala hai or rajvansh sthapit hone ke baad raja khud ko kisee na kisee puranik vansh se jod detaa tha. Aur col tod ne bhati rajputon ki pol khol rakhi hai or aaj dna study ne bhi sab pol khol di hai. Baaki genetic scientists neeraj rai ka interview pada hai youtube per usko sunlo. Rajput but zaada mix origin ke hai. Maharana pratap ke poorwaj brahman the or iska shilalekh bhi tha jisko sach chipaane ke liye khud mewar ke raja ne tudwaa diya tha. 🤣🤣
Ambala, kurukshetra, Yamunanagar or Panchkula ke saini kashtriya saini h. Enki restedari South ,west or east haryana ke sainiyo se nahi h.or na hogi kyuki vo saini alag hi dikhai dete h. Unse kuch b match nahi Hota.
Sursaini yaduvanshi rAjput Ya Raja sursain ka vansaj hai hamara yaduvanshi sursaini rAjput BhAti jadon jadaja chudasma salaria Rayjada sabhi yaduvanshi chandervansi rAjput hai ya sursaini Rajput bhi kah sakta hai jo BHAHVAN srikrishna ka original rAjput hai
लोगों की मूर्खता है।क्षत्रिय वर्ण है और माली एक जाति। क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत बीसियों जाति आती है जिन्होंने राजा महाराजाओं के सेनाओं में भर्ती होकर युद्ध के मैदान में उतरते थे। वो सभी क्षत्रिय ही कहलाते हैं।इसीलिए तमाम जा तियों में गोत्र मिलते हैं जैसे सोलंकी, भाटी, गहलोत, चौहान आदि गोत्र राजपूत, माली, जाट, यहां तक कोली, और नाई जातियों में भी मिलते हैं।राजपूत शब्द बहुत पुराना नहीं, राजपूताना मुगलों के बाद पैदा हुआ उससे पहले किसी भी क्षत्रिय राजा के सर नेम में आपको राजपूत शब्द नहीं मिलेगा।श्रीकृष्ण, श्री राम, और पूर्व केब जितने भी राजा महाराजा हुए , चाहे वो सेन वंश, (नंद वंश _आज की नाई जाति) पांचाल वंश (पांचाल नरेश _आज की लुहार जाति) , गुप्त वंश (आज की बनिया जाति) , सब क्षत्रिय ही कहलाते थे जहां जिसका राज्य था।आज दूसरे जगह के उसी कम्युनिटी के लोगों द्वारा अपने आपको कनेक्ट कर लिया इसलिए ये सब कन्फ्यूजन है।कोई भी कम्युनिटी हमेशा किसी वर्ण विशेष की थाती नहीं रही है। जाति व्यवस्था के चरम पर जब एक दूसरे को ऊंचा नीचा कहा जाने लगा तब ये विभ्रम पैदा हुए।
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है। इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया। ✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला। ✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे। कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है ✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य। यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था। ✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था। बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया। ✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे। ✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए! इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं। ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं। और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
Except that none of you people from Rajasthan and UP are actually Saini. You stole this title by manipulating census records. There is documentation to prove this. Come to us with your real caste names, i.e., Mali and Gola, you will get respect from us but as Sainis you are imposters ( Nakli Saini).
भाई, महाराजा shoorsaini k purav shri ram the aur shri ram k purav bhagirath the, aur hum unhe bhagirath k vanshaj hain jo aaj bhagirathi saini kehlaate hain , hum suryavanshi क्षत्रिय हैं, माली अलग जाती हैं ।
@@Rohandev11_ research ka vishay he ki koe Bhagirath Raja yadav me hua he jiske aap log ho. Time period me bhool Gaye ho. Bad me apne aap ko Suryawanshi Raja Bhagirath se jod liya he.
Mali kamboj saini shoor saini kushwia kachva shakia moria reddy yadav aihhar he keshtria hota ha jaat gurjjar rajput keshtria nahi hota ha in three jati ka iteash 12oo year ka he ha rajput word bhaut baad ma aiea tha jiesh ko iesh ke jhankari nahi ha vo use jarta ha agar saini rajput shoor saini rajput likhna ok nahi ha rajput lagna sa old histry finished ho jati ha ieshlia rajput word histry jhana vala nahi use karta ha rayman mahabharat kaling ka youdh ma jaat gurjjar rajput us vakat jati nahi the
भाई साहब आपकी नज़र में सैन समाज के प्रति इज्जत बढ़ी बहुत अच्छी बात है पर कृपा करके शूरसैनी राजपूत वंश को सैन समाज मत समझ लेना। दोनों अलग अलग हैं। यहां बात यदुवंशी शूरसैनी राजपूत वंश की हो रही है न की सैन समाज की। 🙏धन्यवाद
आप जिस टर्म "क्षत्रिय" की बात कर रहे हो । वो हिंदू धर्म की एक वर्ण व्यवस्था थी । और वर्ण व्यवस्था "कर्म" आधारित थी । जिसका जो कर्म उसका वैसा वर्ण । और जिस अगड़ा पिछड़ा के आधार पर आप पिछवाड़ा पीट रहे हो । वो "आजाद भारत" की एक सामाजिक व्यवस्था है । जिसे आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक आधार पर बनाया गया । शायद 1991 से पहले पिछड़ा वर्ग नाम से कुछ नही था । क्षत्रिय, ब्राह्मण, शुद्र, अगड़ा, पिछड़ा अनुसूचित जाति आदि सब व्यवस्थाएं भारत में भौगोलिक परिस्थिति, जीवनचर्या, भाषा, खान पिन, आदि के आधार पर समय समय पर बनाई गई । और जिन सैनियों का आप जिक्र कर रहे हो । वे सैनी हम है ही नही । क्योंकि आप सैनियों की उत्पत्ति शुरसैनी कृष्ण के दादा चंद्रवंशी के आधार पर बता रहे हो । जिनका पारंपरिक व्यवसाय पशु चराना था । और अगर अगर शूरसेन यदुवंशी से आपका वंश है । तो आप सैनी कैसे हो❓ यादवों के यहां तो यादव पैदा होंगे । सैनी कैसे हो गए । यदुवंशी यादव हो सकते है । हां किसी महिला का संबंध यादव के साथ रहा हो । तो बात अलग है । और हम जिस सैनी कि बात करते है । वो भागीरथ से संबंधित है । जिस सैनी की उत्पत्ति रघुवंशी राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र "शुरसैन" से हुई है । जो सूर्यवंशी है । आज के भारत में सामान्य सामान्य, अगड़ा पिछड़ा, दलित अनुसूचित जाति नाम की चीजे सामाजिक और शैक्षिक व्यवस्था के आधार पर बनाई गई । जो भाषा और भौगोलिक आधार पर बदलती भी है । जाट कुछ राज्यों में पिछड़े श्रेणी में आते है । कुछ जगह सामान्य में । जहां जाट पिछड़ी श्रेणी में आते है वहां उनकी सामाजिक, शैक्षिक व आर्थिक आधार पर लिया गया है । 👇 और जिस टर्म "क्षत्रिय" की आप टाय टाय कर रहे हो । वो वर्ण व्यव्स्था थी । जो कर्म आधारित थी । क्षत्रिय युद्ध करते थे शासक थे । लेकिन आज एक अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग का व्यक्ति देश चला रहा है । देश का राष्ट्रपति है । सेनाओं में है । सेना उसके अधीन है । और अन्य सवर्ण या सामान्य वर्ग जो क्षत्रिय का ढोल पीटते है । हमने उन्हें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की नौकरी जैसे चपरासी, सफाईकर्मी, आदि भी देखा है । क्षत्रिय बनने से पहले क्षत्रिय वर्ण की उत्पत्ति पढ़ लो । उसकी क्या परिभाषा है । ये आज का भारत है । अगर किसी का बाप दादा राजा था । तो इसका अर्थ ये नही के वे भी राजा है ।
Your caste's actual name is Gola Mali from UP/Uttrakhand. You are not a Saini. You stole this title. So stop lecturing us. We don't need to learn from you who we are. Go read the history of Jaiselmer, Karauli and Mysore states and see if they agree with you that real Yadavas are "pashu charanay vali zaat".
जो खुद को यदुवंशी अर्थात यादव बताते हो । अर्थात जिनका बाप यादव हो वे हमे असली नकली का पाठ पढ़ा रहे है । 😅 और आप कौन है देश के राष्ट्रपति है, न्यायधीश है, प्रधानमंत्री है । जो असली नकली का सर्टिफिकेट बांटते फिर रहे हो । अपना ज्ञान अपने पास रखे । हमे ऐसे ज्ञान की आवश्यकता नहीं । बाप यदुवंशी अर्थात यादव संताने सैनी ... 😮 चोर कौन है सबको पता है । जब यादवों ने अपना टाइटल नही दिया । तो दूसरो का चोरी कर लिया । 😂
th-cam.com/video/HJDjrrl4c_E/w-d-xo.htmlsi=0HX90_US8nuNMwZk लिंक शेयर की है । देख लो । नेता सैनी को किसके वंशज बता रहे है । अगर गूगल पर "शूरसेन सैनी" सर्च करोगे । ना । तो सब जगह राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र शूरसेन का नाम दिखाई देगा । कही भी सैनी की उत्पत्ति यादवों के साथ दिखाई नहीं देगी । सर्च करो पता चल जाएगा कि किसने टाइटल चोरी की है । तुम्हारा सर नेम सैनी होगा । लेकिन बेटा हमारा टाइटल ही नही हमारी जाति भी सैनी है । जिस हरियाणा पंजाब को तुम अपना क्षेत्र कहते हो । ये उसी क्षेत्र के मुख्यमंत्री की वीडियो है ।
जय श्री राम।
मैं जोधपुर राजस्थान से हु और श्री सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज से हू। मैं आप सबको बता देना चाहता हु कि सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज सैनी समाज और माली समाज तीनो अलग अलग समाज है। हमारा इतिहास और पहचान अलग है। मेरा यदुवंशी सैनियो से यह कहना है कि आपका नाम चुराने में हमारे समाज का कोई हाथ नहीं है। यह सब जो असल माली समाज है उनके द्वारा किया गया हैं l हमारे समाज मे कुछ लोग हैं जिन्हें इस चीज की जानकारी नही हैं वो इन मालियो के बहकावे में आके सैनी लगा रहें है जिसका हमारे समाज के जागरूक लोग पुरजोर विरोध कर रहें है।
हम सभी सैनिक क्षत्रिय (माली) आपके साथ है। 🙏🏻🚩
वाह भाई वाह तुम्हने तो माली और सैनी दोनों ही नाम छीन लिए 😂😂😂
हम का अंग्रेज के संग आये ,के मुगलों के संग
क्या हम भारत माता की संतान न है क्या हम हिन्दू न है
@praveensaini4470 too kaun hai? Toonay bhi to Gola ho kar Sainiyo ka naam churaya hai.
Pehle too Saini likhna band kar. Saharanpur me sirf farzi Saini hain.
You hv gutts u r very brave person pure blood in your veins
@pushkaltanwar4625
Bhai salute h aap ko sach bola dam h aap me
Me kurukshetra se hu Hindu saini or sikh saini me aapas me shadi hoti h. Me hindu saini hu or mere 60% relative sikh saini h
Punjab may be ese he,,, may sikh hu meri wife hindu he ❤
ये आ गये मिक्स ब्रिड जो सैनी,यादव और राजपूतो के मिश्रण से तैयार हुए है ।इसलिए कन्फूस है के खुद को सैनी बोले या यादव बोले या राजपूत बोले ।इसलिए तीनो सरनेम एक साथ लगा रहे है ।
Rawalpindi was named after Bappa Rawal . Old name of Mathura was Soorsena.
सैनी नाम का जलवा ही ऐसा है सब सैनी सरनेम लगाने को तैयार है
Aaj to baba aapny bhut he bedi jankari di aapko dill s parnam
North haryana me kurukshetra, ambala, Yamunanagar or Panchkula saini dominate district h. Or eske near punjab ka mohali or patiyala district h unme b saini bhot jyada h. Even mere relative rehte h en district me
Surivenshi saini ashit sagar bhagirath delip sa janma ha jo gola saini bhagirath saini je ek youg phela dharthì par aiea ha lakin shatraughan na he madh vanmathura nagar basaia tha inkia family ma he shoor sain saini ka name sa shoor saini kelia ha shoor saini mathura ka duipar ka time aihhar yadav ma mix ho ghia tha lakin krishna je shoor saini he tha yadav baad ma bolna laga ha abhe tak disputed ha shoor sain saini surivenshi tha or chandervenshi tha lakin 70/-- shoor sain saini surivenshi he tha lord krishna je shoor saini he ha.
Aapne thik jaankari di hain , aapse baat krna chahta hu....🙏🙏
Punjab may bahut jammn he mere paas 40 kile jameen he ❤
Veer ji gal e hai ki ajkl kuch farji Lok youtube uthe saini nam la ke sareyan farjia nu asali sainia nal mix krn vich lage hoye ne . Is karke assi ini chheti kise nu reply nhi krida hunda . Ki pta koi nakli Banda ithe saini ban k aa jave te sanu kave ki asali aa. Baise tuhadi bahut sari zameen agar panjab vich hagia te oho bahut badiya gal aa.👍🏻👍🏻
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है।
इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं
राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया।
✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला।
✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे।
कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है
✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य।
यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था।
✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था।
बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया।
✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे।
✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है
बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए!
इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं।
✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
राणा जी के हल्दी घाटी युद्ध केबाद सभि जातियां राजपुताना से निकली थी शे अपनेआप राजपूत कहलाना पसन्द करती है जैसे जीन्द जिले कुम्हार अपने राजपेत बोलते हैःओर कुमहार शब्द ओछा समझते है, फिर भी शादिया कहारों मे करते है।हल्धीघाटी से पहले भी सभि 36 जातियां पहले भी लोकल रह रही थी।अपनेआप सुपर कहलाने के लिये शीफ्टिड जातियां अपनी जाती के आगे राजपूत शब्द जोडतैहैं जैसे हम तो राजपूत कुम्हार हैअं ओर वो वाले दूसरे कम्हार है।क्योंकि मेरे पूर्वज चितोड से निकले हुए है ओर खुद कम्हार जाति से हूः।
असली सैनी यदुवंशी राजपूत हैं । भाई साहब और जिनकी आप बात कर रहे हो वे सब अलग हैं और अगर आपके मन में भी नकली लोगों द्वारा कुछ भ्रम पैदा किया है तो अधिक जनकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे । धन्यवाद।
और भाई साहब हमारी पूरी वंशाबली और इतिहास है असली वाला।
और एक बात शूरसैनी शब्द कोई ओछा शब्द नही है ये हमारा शुद्ध वंश है हम खुद को गर्व से शूरसैनी बोलते हैं आखिरकार हम शुद्ध यदुवंशी शाखा से हैं। वो बात अलग है की कुछ लोग हमारे वंश का इस्तेमाल कर के समाज में भ्रांतियां फैला रहे हैं। जय राजपूताना 🚩🚩
@@THE_YADUVANSHI_RULERS acha matlab aap asli shaurshini ho 🤣🤣 pehli baat aap dna test kerwaalo apna aapke poorwaj Saini hi niklenge. Aap jin vanshavaliyo ko claim ker rahe ho usme bhut ghotaala hai or rajvansh sthapit hone ke baad raja khud ko kisee na kisee puranik vansh se jod detaa tha. Aur col tod ne bhati rajputon ki pol khol rakhi hai or aaj dna study ne bhi sab pol khol di hai. Baaki genetic scientists neeraj rai ka interview pada hai youtube per usko sunlo. Rajput but zaada mix origin ke hai. Maharana pratap ke poorwaj brahman the or iska shilalekh bhi tha jisko sach chipaane ke liye khud mewar ke raja ne tudwaa diya tha. 🤣🤣
😂😂😂
Ambala, kurukshetra, Yamunanagar or Panchkula ke saini kashtriya saini h. Enki restedari South ,west or east haryana ke sainiyo se nahi h.or na hogi kyuki vo saini alag hi dikhai dete h. Unse kuch b match nahi Hota.
Mai kurukshetra se hu kya Mai Kshatriya hu ?? 😅
@@vanshu_sanatani_08 भाई साहब जैसे Tata नमक होता है और एक Takta नमक होता है। दोनों का कवर एक जैसा होता है अब पहचानो असली कौन ?
अगर तुम सैनी हो तो जाति प्रमाण पत्र मे सैनी क्यू नही लिखा आता तुम्हारे
Sursaini yaduvanshi rAjput Ya Raja sursain ka vansaj hai hamara yaduvanshi sursaini rAjput BhAti jadon jadaja chudasma salaria Rayjada sabhi yaduvanshi chandervansi rAjput hai ya sursaini Rajput bhi kah sakta hai jo BHAHVAN srikrishna ka original rAjput hai
Jai yadukul.....🚩🚩Jai rajputana 🚩🚩
लोगों की मूर्खता है।क्षत्रिय वर्ण है और माली एक जाति। क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत बीसियों जाति आती है जिन्होंने राजा महाराजाओं के सेनाओं में भर्ती होकर युद्ध के मैदान में उतरते थे। वो सभी क्षत्रिय ही कहलाते हैं।इसीलिए तमाम जा तियों में गोत्र मिलते हैं जैसे सोलंकी, भाटी, गहलोत, चौहान आदि गोत्र राजपूत, माली, जाट, यहां तक कोली, और नाई जातियों में भी मिलते हैं।राजपूत शब्द बहुत पुराना नहीं, राजपूताना मुगलों के बाद पैदा हुआ उससे पहले किसी भी क्षत्रिय राजा के सर नेम में आपको राजपूत शब्द नहीं मिलेगा।श्रीकृष्ण, श्री राम, और पूर्व केब जितने भी राजा महाराजा हुए , चाहे वो सेन वंश, (नंद वंश _आज की नाई जाति) पांचाल वंश (पांचाल नरेश _आज की लुहार जाति) , गुप्त वंश (आज की बनिया जाति) , सब क्षत्रिय ही कहलाते थे जहां जिसका राज्य था।आज दूसरे जगह के उसी कम्युनिटी के लोगों द्वारा अपने आपको कनेक्ट कर लिया इसलिए ये सब कन्फ्यूजन है।कोई भी कम्युनिटी हमेशा किसी वर्ण विशेष की थाती नहीं रही है। जाति व्यवस्था के चरम पर जब एक दूसरे को ऊंचा नीचा कहा जाने लगा तब ये विभ्रम पैदा हुए।
@opverma1938 वाह वाह क्या ज्ञान है आपका ! अरे भाई साहब अपना ज्ञान आप अपने पास रखो
@opverma1938Tumne toh sab kashatriya hi bna diya 😂,😂😂😂😂😂
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है।
इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं
राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया।
✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला।
✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे।
कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है
✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य।
यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था।
✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था।
बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया।
✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे।
✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है
बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए!
इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं।
✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
हिस्ट्री में कही है कि किसी ने देश के लिए सिर दिया हों
Very nice ❤
Kshatriya seni लिखा करे
सैनी समाज सभी एक ही जाति के है गोत्र अलग अलग होते हैं। असली किसान परिवार में आते हैं सैनी समाज के परिवार
भाई साहब अपनी जानकारी के लिए बता दूं लगभग 10 जातियां हैं जो सैनी टाइटल का इस्तेमाल करती हैं । पर असली सैनी यदुवंशी राजपूत कम्यूनिटी के हैं ।
इसके ऊपर एक वीडीओ जरूर अपलोड करी जायेगी। बैसे आजकल बहुत से फर्जी सैनी सबको मिक्स करने में लगे हुए हैं
Except that none of you people from Rajasthan and UP are actually Saini.
You stole this title by manipulating census records. There is documentation to prove this.
Come to us with your real caste names, i.e., Mali and Gola, you will get respect from us but as Sainis you are imposters ( Nakli Saini).
They are the real yaduvanshi shoorsaini rajputs@ProudAtheist-b3w
@@sainibrothersofpunjab1096Brother I want a debate about this topic, I'll prove Gole Saini Are real,Tell me if you can get into conversation 😪
Saini power of india 🎉🎉
Saini samaj Bhagirath saini kese ho sakte hen? Kyunki Bhagirath suryawanshi raja the jabki Shoorsen raja yadav raja the.
Bhai sahab saini samaj wale jo log hain bo alag community hai , or jo asali saini / shoorsainis hain bo ek yaduvanshi rajput vansh hai .
भाई, महाराजा shoorsaini k purav shri ram the aur shri ram k purav bhagirath the, aur hum unhe bhagirath k vanshaj hain jo aaj bhagirathi saini kehlaate hain , hum suryavanshi क्षत्रिय हैं, माली अलग जाती हैं ।
@@Rohandev11_ research ka vishay he ki koe Bhagirath Raja yadav me hua he jiske aap log ho.
Time period me bhool Gaye ho. Bad me apne aap ko Suryawanshi Raja Bhagirath se jod liya he.
तुम सब गढन्त इतिहास बता रहे हो😂😂
Mali kamboj saini shoor saini kushwia kachva shakia moria reddy yadav aihhar he keshtria hota ha jaat gurjjar rajput keshtria nahi hota ha in three jati ka iteash 12oo year ka he ha rajput word bhaut baad ma aiea tha jiesh ko iesh ke jhankari nahi ha vo use jarta ha agar saini rajput shoor saini rajput likhna ok nahi ha rajput lagna sa old histry finished ho jati ha ieshlia rajput word histry jhana vala nahi use karta ha rayman mahabharat kaling ka youdh ma jaat gurjjar rajput us vakat jati nahi the
Saini samaj ke bare me jano for bolo aap baap Ashok samrat ko bhul gaye hamre vanshaj h
@Rajusaini_e9g Majak acha hai 😂😂😂 asali saini yaduvanshi rajputo ke bare me pad Jake jai rajputana
Are bhai Kehna kya chahte ho?
Himachal pradesh me kala aamb, nahan or pontasahib me saini caste dominat krti h. Pontasahib me mere relative rehte h
@@harbindersinghsaini4742 सैनी कोई जाति नहीं है एक वंश है पर दुर्भाग्य की बात यह है कि नकलियों ने जाति बना रखा है।
@@THE_YADUVANSHI_RULERS to hmari jaati kya hogi bro agar hmara vansh Saini hai 😐
@@vanshu_sanatani_08 गोत्र क्या है ?
सैन समाज की इज्जत मेरी नज़रिया मै बहुत बढ़ गई ❤️❤️🚩
भाई साहब आपकी नज़र में सैन समाज के प्रति इज्जत बढ़ी बहुत अच्छी बात है पर कृपा करके शूरसैनी राजपूत वंश को सैन समाज मत समझ लेना। दोनों अलग अलग हैं। यहां बात यदुवंशी शूरसैनी राजपूत वंश की हो रही है न की सैन समाज की। 🙏धन्यवाद
गोले सैनी रियल होते है हमारे पूर्वजों ने गोले identity दी थी ताकि हम मालियो में mix ना हो सके
Har Hindu rajputana h
आप जिस टर्म "क्षत्रिय" की बात कर रहे हो । वो हिंदू धर्म की एक वर्ण व्यवस्था थी । और वर्ण व्यवस्था "कर्म" आधारित थी । जिसका जो कर्म उसका वैसा वर्ण ।
और जिस अगड़ा पिछड़ा के आधार पर आप पिछवाड़ा पीट रहे हो । वो "आजाद भारत" की एक सामाजिक व्यवस्था है । जिसे आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक आधार पर बनाया गया । शायद 1991 से पहले पिछड़ा वर्ग नाम से कुछ नही था ।
क्षत्रिय, ब्राह्मण, शुद्र, अगड़ा, पिछड़ा अनुसूचित जाति आदि सब व्यवस्थाएं भारत में भौगोलिक परिस्थिति, जीवनचर्या, भाषा, खान पिन, आदि के आधार पर समय समय पर बनाई गई ।
और जिन सैनियों का आप जिक्र कर रहे हो । वे सैनी हम है ही नही । क्योंकि आप सैनियों की उत्पत्ति शुरसैनी कृष्ण के दादा चंद्रवंशी के आधार पर बता रहे हो । जिनका पारंपरिक व्यवसाय पशु चराना था । और अगर अगर शूरसेन यदुवंशी से आपका वंश है । तो आप सैनी कैसे हो❓ यादवों के यहां तो यादव पैदा होंगे । सैनी कैसे हो गए । यदुवंशी यादव हो सकते है । हां किसी महिला का संबंध यादव के साथ रहा हो । तो बात अलग है ।
और हम जिस सैनी कि बात करते है । वो भागीरथ से संबंधित है । जिस सैनी की उत्पत्ति रघुवंशी राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र "शुरसैन" से हुई है । जो सूर्यवंशी है ।
आज के भारत में सामान्य सामान्य, अगड़ा पिछड़ा, दलित अनुसूचित जाति नाम की चीजे सामाजिक और शैक्षिक व्यवस्था के आधार पर बनाई गई । जो भाषा और भौगोलिक आधार पर बदलती भी है ।
जाट कुछ राज्यों में पिछड़े श्रेणी में आते है । कुछ जगह सामान्य में । जहां जाट पिछड़ी श्रेणी में आते है वहां उनकी सामाजिक, शैक्षिक व आर्थिक आधार पर लिया गया है ।
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और जिस टर्म "क्षत्रिय" की आप टाय टाय कर रहे हो । वो वर्ण व्यव्स्था थी । जो कर्म आधारित थी । क्षत्रिय युद्ध करते थे शासक थे । लेकिन आज एक अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग का व्यक्ति देश चला रहा है । देश का राष्ट्रपति है । सेनाओं में है । सेना उसके अधीन है ।
और अन्य सवर्ण या सामान्य वर्ग जो क्षत्रिय का ढोल पीटते है । हमने उन्हें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की नौकरी जैसे चपरासी, सफाईकर्मी, आदि भी देखा है ।
क्षत्रिय बनने से पहले क्षत्रिय वर्ण की उत्पत्ति पढ़ लो । उसकी क्या परिभाषा है ।
ये आज का भारत है । अगर किसी का बाप दादा राजा था । तो इसका अर्थ ये नही के वे भी राजा है ।
Your caste's actual name is Gola Mali from UP/Uttrakhand. You are not a Saini. You stole this title. So stop lecturing us. We don't need to learn from you who we are.
Go read the history of Jaiselmer, Karauli and Mysore states and see if they agree with you that real Yadavas are "pashu charanay vali zaat".
जो खुद को यदुवंशी अर्थात यादव बताते हो । अर्थात जिनका बाप यादव हो वे हमे असली नकली का पाठ पढ़ा रहे है । 😅
और आप कौन है देश के राष्ट्रपति है, न्यायधीश है, प्रधानमंत्री है । जो असली नकली का सर्टिफिकेट बांटते फिर रहे हो ।
अपना ज्ञान अपने पास रखे । हमे ऐसे ज्ञान की आवश्यकता नहीं ।
बाप यदुवंशी अर्थात यादव
संताने सैनी ...
😮
चोर कौन है सबको पता है । जब यादवों ने अपना टाइटल नही दिया । तो दूसरो का चोरी कर लिया । 😂
th-cam.com/video/HJDjrrl4c_E/w-d-xo.htmlsi=0HX90_US8nuNMwZk
लिंक शेयर की है । देख लो । नेता सैनी को किसके वंशज बता रहे है ।
अगर गूगल पर "शूरसेन सैनी" सर्च करोगे । ना । तो सब जगह राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र शूरसेन का नाम दिखाई देगा । कही भी सैनी की उत्पत्ति यादवों के साथ दिखाई नहीं देगी ।
सर्च करो पता चल जाएगा कि किसने टाइटल चोरी की है ।
तुम्हारा सर नेम सैनी होगा ।
लेकिन बेटा हमारा टाइटल ही नही हमारी जाति भी सैनी है ।
जिस हरियाणा पंजाब को तुम अपना क्षेत्र कहते हो । ये उसी क्षेत्र के मुख्यमंत्री की वीडियो है ।
th-cam.com/video/HJDjrrl4c_E/w-d-xo.htmlsi=0HX90_US8nuNMwZk
😂Bhagirath ko saini bolna Sa phle j soch Chutiye tab SAINI sabd ki utpati hi ni hui thi😂
Sare hindu mharaje manu ke bete he 4 warn me batta gya